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- फगवाड़ा .पंजाब के फगवाड़ा में आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने छात्रों को प्रेरित किया और उन्हें निडरता से अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। व्योमिका सिंह ने ‘लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी' (एलपीयू) में शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि उनका जीवन आसान नहीं रहा है, फिर भी लक्ष्य और साहस ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। एलपीयू की ओर से जारी बयान के अनुसार सिंह ने कहा, ‘‘चाहे आप कुछ भी बनना चाहते हों, चाहे वह चित्रकार हो, अभिनेता हो या पायलट, अपनी जिंदगी के फैसले खुद लो किसी और को अपनी राह तय मत करने दो।'' पिछले महीने विदेश सचिव विक्रम मिसरी और कर्नल सोफिया कुरैशी की मौजूदगी में विंग कमांडर सिंह ने भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में देश को जानकारी दी थी। उन्होंने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह ‘‘वह धन है जो आपको मजबूत बने रहने और नेतृत्व करने की शक्ति देता है।'
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अहमदाबाद. एअर इंडिया के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के 11 दिन बाद, अधिकारियों ने 259 पीड़ितों की पहचान की पुष्टि की है, जिनमें 199 भारतीय और ब्रिटेन, पुर्तगाल और कनाडा के 60 नागरिक शामिल हैं, जबकि 256 शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं। अहमदाबाद सिविल अस्पताल की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि तीन ब्रिटिश नागरिकों के शवों को विमान से भेजने की प्रक्रिया जारी है। विज्ञप्ति में कहा गया कि 259 पीड़ितों में 199 भारतीय (180 यात्री और 19 जमीन पर चपेट में आए लोग), सात पुर्तगाली नागरिक, 52 ब्रिटिश नागरिक और एक कनाडाई शामिल हैं। 259 पीड़ितों में से 253 की पहचान डीएनए मिलान के आधार पर की गई, जबकि शेष छह की पहचान चेहरे के आधार पर की गई। डीएनए परीक्षण के माध्यम से अब तक पहचाने गए 253 व्यक्तियों में से 240 बोइंग ड्रीमलाइनर विमान में सवार यात्री और 13 गैर-यात्री थे, जो विमान दुर्घटना के बाद जमीन पर मारे गए थे। अस्पताल ने बताया कि 19 गैर-यात्री व्यक्तियों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं। इनमें से 13 पीड़ितों की पहचान डीएनए रिपोर्ट से तथा छह की पहचान चेहरे से की गई। अब तक जिन भारतीय पीड़ितों की पहचान हो गई है वे गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, मणिपुर, राजस्थान, महाराष्ट्र, दीव और नगालैंड सहित देश के विभिन्न भागों के रहने वाले थे।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के दो महानतम आध्यात्मिक और नैतिक नेताओं श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी के बीच ऐतिहासिक वार्तालाप के शताब्दी समारोह का मंगलवार को आरंभ करेंगे। यह जानकारी एक आधिकारिक बयान से मिली। यह ऐतिहासिक वार्तालाप 12 मार्च, 1925 को महात्मा गांधी की यात्रा के दौरान शिवगिरी मठ में हुआ था, जो वैकोम सत्याग्रह, धर्मांतरण, अहिंसा, अस्पृश्यता उन्मूलन, मोक्ष प्राप्ति, दलितों के उत्थान आदि विषयों पर केंद्रित था। वैकोम सत्याग्रह केरल में अस्पृश्यता के विरुद्ध एक अहिंसक आंदोलन था जो 1924 में शुरू हुआ था और एक वर्ष से अधिक समय तक चला था। बयान में कहा गया है कि श्री नारायण धर्म संघम ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस समारोह में आध्यात्मिक गुरु और अन्य सदस्य एक साथ आएंगे और भारत के सामाजिक एवं नैतिक ताने-बाने को आकार देने वाले दूरदर्शी संवाद पर विचार करेंगे और उसका स्मरण करेंगे। इसमें कहा गया है कि यह श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी, दोनों द्वारा समर्थित सामाजिक न्याय, एकता और आध्यात्मिक सद्भाव के साझा दृष्टिकोण के लिए एक महत्वपूर्ण श्रद्धांजलि है।
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वाराणसी . केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार शाम दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे। यहां लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शाह का स्वागत किया। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। आधिकारिक बयान के अनुसार शाह वाराणसी में अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन मंगलवार को मध्य क्षेत्रीय परिषद की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शामिल होंगे। ‘एक्स' पर एक पोस्ट में आदित्यनाथ ने कहा,‘‘देवाधिदेव महादेव की पावन नगरी काशी में माननीय केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह जी का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन है।'' अमित शाह हवाई अड्डे से सीधे सड़क मार्ग से मैदागिन स्थित बाबा काल भैरव के मंदिर पहुंचे और उन्होंने बाबा काल भैरव की पूजा-अर्चना की। भाजपा की नगर इकाई के अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री बाबतपुर हवाई अड्डे से सीधे सड़क मार्ग से मैदागिन स्थित बाबा काल भैरव के मंदिर पहुंचे और बाबा काल भैरव की पूजा-अर्चना की। अमित शाह के साथ योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।
अग्रहरि ने बताया कि बाबतपुर से लेकर काल भैरव मंदिर तक 11 स्थानों पर पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों और आम जनता ने ढोल, शंख, डमरू और पुष्प वर्षा के साथ अमित शाह का स्वागत किया। वाराणसी के मंडलायुक्त एस राजलिंगम ने बताया कि योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार बैठक की सभी तैयारियां की जा रही हैं। सोमवार को सभी अतिथि काशी कोतवाल काल भैरव और बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के बाद योगी आदित्यनाथ द्वारा आयोजित रात्रिभोज में शामिल होंगे। मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक 24 जून को पूर्वाह्न करीब 11 बजे से दो बजे तक ताज होटल में प्रस्तावित है। अधिकारियों ने बताया कि बैठक को लेकर प्रशासन की तैयारियां हो चुकी हैं। सुरक्षा की भी चाक- चौबंद व्यवस्था की गई है। अधिकारियों ने बताया कि मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक काशी में पहली बार हो रही है। चौबीस जून को प्रस्तावित 25वीं मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी रहेंगे। होटल ताज में लगभग 11 बजे से दोपहर दो बजे तक चलने वाली बैठक में सुरक्षा और विकास समेत कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा होगी। इस बैठक में चारों राज्यों के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव समेत कई विशिष्टजन तथा नीति आयोग के साथ अंतरराज्यीय परिषद के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। -
नयी दिल्ली. भारतीय नौसेना के रूस में निर्मित गाइडेड मिसाइल युद्धपोत ‘आईएनएस तमाल' को एक जुलाई को रूस के तटीय शहर कलिनिनग्राद में नौसेना में शामिल किया जाएगा। गाइडेड मिसाइल युद्धपोत ‘आईएनएस तमाल' अनेक मिसाइलों और निगरानी प्रणालियों को ले जाने में सक्षम है।
अधिकारियों ने बताया कि जहाज में 26 प्रतिशत घटक स्वदेशी हैं, जिसमें समुद्र और जमीन दोनों पर निशाना साधने के लिए ब्रह्मोस लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल भी शामिल है। भारतीय नौसेना के अनुसार, युद्धपोत ‘आईएनएस तमाल' 125 मीटर लंबा है और इसका वजन 3900 टन है। इस युद्धपोत में भारतीय और रूसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों तथा युद्धपोत निर्माण की सर्वोत्तम पद्धतियों का उपयोग किया गया है। नौसेना में शामिल होने के बाद तमाल भारतीय नौसेना की ‘स्वॉर्ड आर्म' में शामिल हो जाएगा। ‘स्वॉर्ड आर्म' भारतीय नौसेना में पश्चिमी बेड़े के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक पद है। भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने बताया कि युद्धपोत ‘आईएनएस तमाल' न केवल भारतीय नौसेना की बढ़ती क्षमताओं का प्रतीक होगा बल्कि यह भारत-रूस साझेदारी की सहयोगी ताकत का भी उदाहरण पेश करेगा। आईएनएस तमाल पिछले दो दशकों में रूस से भारतीय नौसेना में शामिल होने वाला क्रिवाक श्रेणी का आठवां युद्धपोत होगा। अधिकारियों ने बताया कि इस युद्धपोत का निर्माण कलिनिनग्राद स्थित यंतर शिपयार्ड में किया गया है और यह विदेशी स्रोत से शामिल किया जाने वाला अंतिम ऐसा पोत है। इस युद्धपोत को नौसेना में शामिल किए जाने के लिए आयोजित होने वाले समारोह की अध्यक्षता पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल संजय जे सिंह करेंगे। इस कार्यक्रम में कई उच्च पदस्थ भारतीय और रूसी रक्षा अधिकारी शामिल होंगे। आईएनएस तमाल तुषिल श्रेणी का दूसरा युद्धपोत है, जो अपने पूर्ववर्ती तलवार और तेग श्रेणी का उन्नत संस्करण है। अधिकारियों ने बताया कि युद्धपोतों की यह श्रंख्ला पूरी होने से भारतीय नौसेना चार विभिन्न श्रेणियों में समान क्षमताओं और उपकरण, हथियार और सेंसर में समानता वाले 10 युद्धपोतों का संचालन करेगी। युद्धपोत ‘आईएनएस तमाल' में ऊर्ध्वाधर रूप से प्रक्षेपित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, उन्नत 100 एमएम तोप, भारी वजन वाले टारपीडो, तत्काल हमला करने वाले पनडुब्बी रोधी रॉकेट तथा अनेक निगरानी और अग्नि नियंत्रण रडार और प्रणालियां हैं। मधवाल ने कहा, ‘‘तमाल अपने वजन से कहीं अधिक शक्तिशाली है, इसका टन भार और मारक क्षमता का अनुपात बहुत ऊंचा है, इसकी सहनशक्ति बहुत अधिक है, तथा इसकी अधिकतम गति 30 नॉट से अधिक है।'' -
नयी दिल्ली. श्रम मंत्रालय द्वारा रविवार को जारी पेरोल आंकड़ों के अनुसार, सेवानिवृत्ति निधि निकाय ईपीएफओ ने अप्रैल, 2025 में शुद्ध आधार पर 19.14 लाख सदस्य जोड़े। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह आंकड़ा मार्च, 2025 की तुलना में 31.31 प्रतिशत और अप्रैल, 2024 की तुलना में 1.17 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अप्रैल, 2025 में लगभग 8.49 लाख नए सदस्यों को नामांकित किया, जो मार्च, 2025 की तुलना में 12.49 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। नए सदस्यों में यह वृद्धि रोजगार के बढ़ते अवसरों, कर्मचारी लाभों के बारे में बढ़ती जागरूकता और ईपीएफओ के सफल पहुंच कार्यक्रमों के कारण हो सकती है। आंकड़ों के अनुसार, एक उल्लेखनीय पहलू 18-25 आयु वर्ग का प्रभुत्व है। ईपीएफओ ने अप्रैल, 2025 में 18-25 आयु वर्ग में 4.89 लाख नए ग्राहक जोड़े, जो इस दौरान जोड़े गए कुल नए ग्राहकों का 57.67 प्रतिशत है। इस महीने में जोड़े गए 18-25 आयु वर्ग के नए ग्राहकों की संख्या पिछले महीने मार्च, 2025 की तुलना में 10.05 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। अप्रैल, 2025 के लिए 18-25 आयु वर्ग के लिए शुद्ध पेरोल वृद्धि लगभग 7.58 लाख है, जो मार्च 2025 में पिछले महीने से 13.60 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाती है। आंकड़ों में कहा गया कि यह पहले की प्रवृत्ति के अनुरूप है जो इंगित करता है कि संगठित कार्यबल में शामिल होने वाले अधिकांश व्यक्ति युवा हैं, मुख्य रूप से पहली बार नौकरी चाहने वाले हैं। लगभग 15.77 लाख सदस्य, जो पहले बाहर निकल गए थे, अप्रैल 2025 में फिर से ईपीएफओ में शामिल हो गए। यह आंकड़ा मार्च 2025 की तुलना में 19.19 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इन सदस्यों ने अपनी नौकरी बदल ली और ईपीएफओ के दायरे में आने वाले प्रतिष्ठानों में फिर से शामिल हो गए और अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने के बजाय अपने संचय को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना, इस प्रकार दीर्घकालिक वित्तीय कल्याण की रक्षा की और अपनी सामाजिक सुरक्षा सुरक्षा का विस्तार किया। अप्रैल 2025 में करीब 2.45 लाख नई महिला सदस्य ईपीएफओ से जुड़ीं। यह मार्च 2025 के पिछले महीने की तुलना में 17.63 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। इसके अलावा, महीने के दौरान शुद्ध महिला पेरोल जोड़ लगभग 3.95 लाख रहा, जो मार्च 2025 की तुलना में महीने-दर-महीने 35.24 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि है। महिला सदस्यों में वृद्धि अधिक समावेशी और विविध कार्यबल की ओर व्यापक बदलाव का संकेत है।
पेरोल डेटा के राज्यवार विश्लेषण से पता चलता है कि शीर्ष पांच राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने शुद्ध पेरोल में लगभग 60.10 प्रतिशत की वृद्धि की है, जिससे महीने के दौरान कुल लगभग 11.50 लाख शुद्ध पेरोल जुड़े हैं। सभी राज्यों में से, महाराष्ट्र महीने के दौरान शुद्ध पेरोल में 21.12 प्रतिशत की वृद्धि करके अग्रणी है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने माह के दौरान व्यक्तिगत रूप से कुल शुद्ध वेतन में 5 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की। -
ठाणे. नवी मुंबई के सीवुड्स स्थित एक मंदिर से अज्ञात व्यक्तियों ने 40,000 रुपये की चोरी कर ली। पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। एनआरआई सागरी पुलिस थाना के अधिकारी ने बताया कि मंदिर परिसर की देखरेख करने वाले व्यक्ति की शिकायत पर शनिवार को भारतीय न्याय संहिता(बीएनएस) की धारा 305 (घर या उपासना स्थल में चोरी) और 331(4) (मकान में अनाधिकार प्रवेश/सेंधमारी) के तहत मामला दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि यह घटना 20 जून की सुबह श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर में हुई। अधिकारी ने बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
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नयी दिल्ली. ‘डार्क मैटर' ब्रह्मांड को खींचता है और ‘डार्क एनर्जी' धकेलती है, ये दोनों ही रहस्य हैं जो आज भी बने हुए हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता ब्रायन श्मिद कहते हैं कि यह खोज निर्णायक साबित हुई कि ब्रह्मांड का अधिकांश हिस्सा ऐसे ‘पदार्थों' से बना है जो गुरुत्वाकर्षण को खींचने के बजाय धकेलने में सक्षम बनाता है। अमेरिका में जन्मे ऑस्ट्रेलियाई खगोलशास्त्री ने अमेरिका के एडम रीस और सॉल पर्लमटर के साथ मिलकर 1998 में उस ‘पदार्थ' की खोज की थी, जिसे बाद में ‘डार्क एनर्जी' कहा गया। तीनों को 2011 में भौतिकी के लिए नोबेल पुरस्कार मिला। श्मिद ने अपनी खोज के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘डार्क एनर्जी वास्तव में यह कह रही है कि अंतरिक्ष से भी ऊर्जा जुड़ी हुई है।'' उन्होंने कहा कि इस खोज ने ब्रह्मांड की कार्यप्रणाली के बारे में हमारी समझ को बदल दिया।
‘लोढ़ा जीनियस प्रोग्राम' के लिए अशोका यूनिवर्सिटी का दौरा करने वाले खगोलशास्त्री श्मिद ने कहा, ‘‘अगर हमारे पास डार्क एनर्जी नहीं होती, तो ब्रह्मांड वक्राकार होता और इसका विस्तार तेजी से नहीं होता — और यह चीज ब्रह्मांडीय वस्तुओं, जैसे आकाशगंगाओं, के दिखने के तरीके को बदल देती है। यह वास्तव में एक बड़ा अंतर पैदा करता है।'' ‘डार्क मैटर' का मतलब ब्रह्मांड में मौजूद उन कणों से है जो आकाशगंगाओं और अन्य संरचनाओं को एक साथ बांधे रखते हैं। कहा जाता है कि इसमें कुछ विशेष गुण होते हैं, जैसे कि यह अदृश्य होता है, क्योंकि यह प्रकाश के साथ कोई प्रतिक्रिया नहीं करता। श्मिद ने कहा, हालांकि, ‘‘जहां डार्क मैटर और परमाणु (जो सामान्य पदार्थ बनाते हैं) ब्रह्मांड को खींच रहे हैं, वहीं ‘डार्क एनर्जी' ब्रह्मांड को बाहर की ओर धकेल रही है। किसी भी समय इस बात का संतुलन होता है कि इस 'संघर्ष' में कौन भारी है — ऐसा लगता है कि अब ‘डार्क एनर्जी' इसमें यह संघर्ष जीत चुकी है और ब्रह्मांड को अलग-अलग दिशाओं में फैला रही है।'' ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष एवं वर्तमान में खगोल विज्ञान के प्रोफेसर श्मिद (58) ने कहा कि यह इसलिए है क्योंकि डार्क एनर्जी का घनत्व ‘बिग बैंग' के समय निर्धारित हो गया था। बिग बैंग को ब्रह्मांड की उत्पत्ति का कारण माना जाता है। यह घटना लगभग 13.8 अरब साल पहले हुई थी। डार्क मैटर उन कणों में शामिल है जो इस घटना के तुरंत बाद बने थे। श्मिद ने कहा, ‘‘और (डार्क एनर्जी) उसी घनत्व पर बनी रही। लेकिन जैसे-जैसे ब्रह्मांड का विस्तार होता गया, परमाणु और डार्क मैटर का घनत्व समय के साथ घटता गया। लगभग 6.5 अरब साल पहले दोनों का घनत्व एक-दूसरे के बराबर हो गया — और उसी बिंदु पर डार्क एनर्जी ने प्रभुत्व हासिल कर लिया और ब्रह्मांड के विस्तार को तेज़ कर दिया। -
नई दिल्ली। बिहार के पुनौराधाम के विकास के लिए नीतीश कुमार सरकार तेज गति से कार्य कर रही है। पिछले साल नवंबर में बिहार कैबिनेट की बैठक में सीतामढ़ी के पुनौराधाम मंदिर के आसपास पर्यटकीय विकास के लिए आधारभूत संरचनाओं के निर्माण के लिए 50.50 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए 120 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी।
इसी बीच आज रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया के जरिए मां जानकी की जन्मस्थली पुनौराधाम को समग्र रूप से विकसित किए जाने से जुड़े भव्य मंदिर सहित अन्य संरचनाओं के डिजाइन के तैयार होने की जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि पुनौराधाम में मां जानकी के भव्य मंदिर का निर्माण हम सभी बिहारवासियों के लिए गौरव और सौभाग्य की बात है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि माता सीता के मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट का भी गठन किया गया है।सीएम नीतीश कुमार ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर फोटो शेयर करते हुए लिखा, ”मुझे बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि जगत जननी मां जानकी की जन्मस्थली पुनौराधाम, सीतामढ़ी को समग्र रूप से विकसित किए जाने हेतु भव्य मंदिर सहित अन्य संरचनाओं का डिजाइन अब तैयार हो गया है, जिसे आपके साथ साझा किया जा रहा है।”उन्होंने आगे ट्रस्ट के गठन की जानकारी देते हुए लिखा, ”इसके लिए एक ट्रस्ट का भी गठन कर दिया गया है ताकि निर्माण कार्य में तेजी आ सके। हमलोग पुनौराधाम, सीतामढ़ी में भव्य मंदिर निर्माण शीघ्र पूरा कराने हेतु कृतसंकल्पित हैं। पुनौराधाम में मां जानकी के भव्य मंदिर का निर्माण हम सभी बिहारवासियों के लिए गौरव और सौभाग्य की बात है।”वहीं, भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने लिखा, ”सनातन संस्कृति की धरा पर, भव्य जानकी धाम का नवसृजन! मां जानकी की पुण्य जन्मस्थली पुनौराधाम (सीतामढ़ी) को एक विशिष्ट धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने का मार्ग प्रशस्त हो चुका है। हर्ष और श्रद्धा के साथ सूचित कर रहा हूं कि यहां भव्य जानकी मंदिर सहित कई संरचनाओं का डिजाइन अब तैयार हो चुका है। इसके लिए एक ट्रस्ट का गठन भी कर दिया गया है ताकि कार्य सुचारु व तीव्र गति से आगे बढ़े। यह प्रयास न केवल स्थानीय विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सनातन धर्म की गौरवमयी परंपरा को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। पुनौराधाम में भव्य जानकी मंदिर का निर्माण हर सनातनी के लिए गर्व और आस्था का विषय है। यह धाम आने वाली पीढ़ियों को हमारी संस्कृति, मर्यादा और धर्म की अमूल्य धरोहर से जोड़ने का कार्य करेगा।”बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने एक्स पोस्ट में फोटो शेयर करते हुए लिखा, ”बिहारवासियों के लिए बेहद गर्व और प्रसन्नता की बात है कि जगत जननी मां जानकी की जन्मस्थली पुनौराधाम, सीतामढ़ी को समग्र रूप से विकसित किए जाने हेतु भव्य मंदिर सहित अन्य संरचनाओं का डिजाइन अब तैयार हो गया है। इसके लिए एक ट्रस्ट का भी गठन कर दिया गया है ताकि निर्माण कार्य में तेजी आ सके। पुनौराधाम, सीतामढ़ी में भव्य मंदिर निर्माण शीघ्र पूरा कराने हेतु कृतसंकल्पित हैं। पुनौराधाम में मां जानकी के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य जल्द ही साकार होगा।” -
नई दिल्ली। ‘योगांध्र 2025’ कार्यक्रम के गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। पीएम मोदी ने आंध्र प्रदेश के लोगों की सराहना करते हुए कहा कि जिस तरह से उन्होंने योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाने के लिए आंदोलन को मजबूत किया है। योगांध्र कार्यक्रम हमेशा लोगों को अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए प्रेरित करेगा।
पीएम मोदी ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की पोस्ट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रिपोस्ट करते हुए लिखा, ”योग एक बार फिर लोगों को साथ लाता है। आंध्र प्रदेश के लोगों को बधाई, जिस तरह से उन्होंने योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाने के लिए आंदोलन को मजबूत किया है। योगांध्र पहल और विशाखापत्तनम में कार्यक्रम, जिसमें मैंने भी भाग लिया, हमेशा कई लोगों को अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए प्रेरित करेगा।”इससे पहले ‘योगांध्र 2025’ कार्यक्रम के गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने पर मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इसे आंध्र प्रदेश के नागरिकों की उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा, “मैं आप सभी का धन्यवाद अदा करता हूं, जिन्होंने इसे संभव बनाया। आपका उत्साह और समर्पण प्रेरणादायक रहा। यह रिकॉर्ड दिखाता है कि जब हम एकजुट होकर काम करते हैं, तो क्या हासिल कर सकते हैं। सभी को बधाई।”भारत सरकार की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में कुल 3,00,105 लोगों ने हिस्सा लिया। इसने अब तक के सबसे बड़े योग सत्र का रिकॉर्ड बनाया। प्रधानमंत्री मोदी ने आरके बीच पर आयोजित कॉमन योग प्रोटोकॉल का प्रदर्शन कर प्रतिभागियों का नेतृत्व किया। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री नायडू, डिप्टी सीएम पवन कल्याण, राज्यपाल एस. अब्दुल नजीर और केंद्रीय व राज्य मंत्री शामिल हुए।यह आयोजन आरके बीच से भोगापुरम तक 28 किमी के क्षेत्र में हुआ। इसने 2023 में सूरत में 1.47 लाख प्रतिभागियों के साथ बने रिकॉर्ड को तोड़ा। मुख्य आयोजन से एक दिन पहले विशाखापत्तनम ने 22,122 आदिवासी छात्रों के एक साथ प्रदर्शन के साथ सबसे बड़े सिंक्रोनाइज्ड सूर्य नमस्कार का एक अन्य गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।इसके अलावा राज्य ने विश्व रिकॉर्ड बुक में 21 मान्यताएं हासिल कीं, जो इसकी संगठनात्मक उत्कृष्टता और जन उत्साह को दर्शाती हैं। -
नई दिल्ली। अमेरिका-ईरान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के कारण मिडिल ईस्ट के एयर स्पेस को अचानक बंद कर दिया गया है, जिसके बाद लंदन जाने वाली ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट को रविवार सुबह चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आपातकालीन वापसी करनी पड़ी। फ्लाइट बीए276 चेन्नई से सुबह 6.24 बजे रवाना हुई थी। यह फ्लाइट अपने निर्धारित समय सुबह 5.35 बजे से लगभग एक घंटा पीछे थी। इस फ्लाइट में 247 पैसेंजर्स और 15 क्रू मेंबर्स सवार थे।
विमान बेंगलुरु को पार कर अरब सागर के ऊपर से गुजर रहा था। तभी पायलट को तत्काल सूचना मिली कि मिडिल ईस्ट एयरस्पेस के प्रमुख हिस्सों को बंद कर दिया गया है। इसके चलते लंदन के लिए नियोजित उड़ान मार्ग दुर्गम हो गया है।एयरस्पेस बंद करने की खबर कथित तौर पर ईरानी ठिकानों पर रात भर अमेरिकी सैन्य हमलों के बाद आई, जिसके बाद क्षेत्रीय अधिकारियों ने एहतियातन नागरिक उड़ानों को रोक दिया। अलर्ट की सूचना मिलने पर, फ्लाइट क्रू ने तुरंत चेन्नई और लंदन दोनों एयर ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर से संपर्क किया। अधिकारियों ने एयरक्राफ्ट को चेन्नई लौटने का निर्देश दिया।विमान सुबह करीब 10 बजे चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षित रूप से उतरा। विमान में सवार सभी 262 लोग सुरक्षित हैं। एयरपोर्ट के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यात्रियों को लाउंज और आस-पास के होटलों में ठहराने के लिए व्यवस्था की गई थी।ब्रिटिश एयरवेज ने एक बयान में विमान की वापसी की पुष्टि करते हुए कहा कि वह आगे की यात्रा के लिए मौजूद विकल्पों को तलाशा जा रहा है। एयरलाइन ने यात्री सुरक्षा को सबसे बड़ी प्राथमिकता बताते हुए कहा कि वैकल्पिक मार्गों की पुष्टि होने या प्रभावित हवाई क्षेत्र के फिर से खुलने के बाद आगे की जानकारी साझा की जाएगी।रीजनल एयरस्पेस बंद होने के चलते चेन्नई से खाड़ी देशों के लिए कई फ्लाइट्स भी देरी से रवाना हुईं। कुवैत, दोहा, दुबई, शारजाह और अबू धाबी जाने वाली उड़ानों में काफी देरी हुई। कुवैत एयरवेज की एक उड़ान, जो सुबह 3.30 बजे रवाना होने वाली थी, वह सुबह 05.40 बजे रवाना हुई।इसी तरह, दोहा जाने वाली कतर एयरवेज की एक फ्लाइट और दुबई जाने वाली एमिरेट्स की एक फ्लाइट में लगभग एक घंटे की देरी हुई। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से रविवार को बात की। पीएम मोदी ने इसकी जानकारी अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर दी है। उन्होंने कहा कि ईरान के राष्ट्रपति से मौजूदा स्थिति पर विस्तार से बात की और क्षेत्रीय शांति को जल्द से जल्द बहाल करने की बात कही।
पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से बात की। हमने मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तार से चर्चा की। हाल ही में बढ़ें तनाव पर गहरी चिंता व्यक्त की। आगे बढ़ने के लिए तत्काल तनाव कम करने, बातचीत और कूटनीति के लिए अपना आह्वान दोहराया और क्षेत्रीय शांति को जल्द से जल्द बहाल करने की बात कही।”ज्ञात हो, अमेरिका ने ईरान की ‘न्यूक्लियर साइट्स’ पर हमला किया है। अमेरिका का ईरान पर यह हमला भारतीय समय के अनुसार रविवार सुबह 4.30 बजे हुआ।इस हमले के कुछ घंटों बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और इजरायली सेना को अमेरिका के साथ काम करने के लिए धन्यवाद दिया।शनिवार (अमेरिकी समय) को हमलों के कुछ ही घंटों बाद ट्रंप ने मीडिया को संबोधित किया। ट्रंप ने नेतन्याहू (उन्हें उनके उपनाम ‘बीबी’ से पुकारते हुए) के प्रति आभार जताया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री बीबी नेतन्याहू को धन्यवाद और बधाई देना चाहता हूं। हमने एक टीम के रूप में काम किया, जैसा शायद पहले कभी किसी टीम ने नहीं किया। हम इजरायल के लिए इस भयानक खतरे को मिटाने के लिए बहुत आगे बढ़ चुके हैं। मैं इजरायली सेना को उनके शानदार काम के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।”ट्रंप ने घोषणा की कि अमेरिका ने ईरान में तीन न्यूक्लियर साइट्स पर बमबारी की है। इसके साथ ही उन्होंने तेहरान को चेतावनी दी है कि जब तक वह इजरायल के साथ अपना संघर्ष खत्म नहीं करता, तब तक वह और सटीक हमले करेगा। इन टारगेटेड लोकेशन में अत्यधिक सुरक्षित फोर्डो, नतांज और एस्फाहान न्यूक्लियर फैसिलिटी शामिल हैं।वहीं, अमेरिका की एयर स्ट्राइक के बाद इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने पुष्टि की है कि ईरान ने रविवार सुबह इजरायल पर 30 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइल दागीं। इजरायली मीडिया ने सेंट्रल इजरायल में धमाकों की जानकारी दी है। यहां कई शहरों में सिविल डिफेंस टीम और आपातकालीन सेवाएं तैनात की गई हैं। कई क्षेत्रों में इमारतों पर हमला किया गया है, लेकिन हताहतों या बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान की पूरी जानकारी अभी तक नहीं मिली।अमेरिका ने ईरान की तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स फोर्डो, नतांज और एस्फाहान पर हमला किया, जिसके बाद ईरान की यह जवाबी कार्रवाई देखी गई है। आपको बता दें, ईरान के हमलों में इजराइल के तेल अवीव, हाइफा और यरुशलम सहित कई प्रमुख शहरों को निशाना बनाया गया है। -
जम्मू/-कश्मीर में दवाओं के दुरुपयोग पर लगाम लगाने के उद्देश्य से चलाए गए विशेष अभियान में शनिवार को नौ दवा विक्रेताओं के बिक्री लाइसेंस निलंबित कर दिए गए। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर औषधि एवं खाद्य नियंत्रण संगठन ने यह कार्रवाई की है, जिसका मकसद ‘‘ऐसी दवाओं की तस्करी करने वाले तत्वों की पहचान करना और उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करना है। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान यह बात सामने आई कि कुछ थोक विक्रेता ऐसी दवाएं खरीद रहे थे जिनमें ‘प्रेगाबेलिन' शामिल था, जिसकी लत लगने का खतरा रहता है। प्रवक्ता ने बताया कि यह सामग्री जम्मू-कश्मीर के बाहर स्थित आपूर्तिकर्ताओं से अवैध रूप से सीधे प्राप्त की जा रही थी। उन्होंने कहा कि गहन जांच से पता चला कि इन कंपनियों ने औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत अनिवार्य बिक्री रिकॉर्ड तैयार किए बिना ही इन दवाओं की खरीद और बिक्री की। उन्होंने बताया कि 13.58 लाख रुपये से अधिक मूल्य की ऐसी दवाएं जब्त की गई हैं जिनसे लत लगने का खतरा है।
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नयी दिल्ली. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के तहत मुंबई स्थित राष्ट्रीय प्रतिरक्षा रुधिर विज्ञान संस्थान (एनआईआईएच) ने पहली बार दुर्लभ और असामान्य रक्त प्रकार वाले रोगियों के लिए एक राष्ट्रीय 'दुर्लभ रक्तदाता रजिस्ट्री' बनाई है, जिन्हें विशेष रूप से थैलेसीमिया और सिकल सेल रोग जैसी स्थितियों में बार-बार रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है। नागपुर स्थित आईसीएमआर-एनआईआईएच (आईसीएमआर-एनआईआईएच) हीमोग्लोबिनोपथी अनुसंधान, प्रबंधन और नियंत्रण केंद्र (सीआरएचसीएम) की निदेशक डॉ मनीषा मडकाइकर ने बताया कि आईसीएमआर-एनआईआईएच अब स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) के साथ बातचीत कर रहा है, ताकि दुर्लभ दाता रजिस्ट्री पोर्टल को ई-रक्तकोष के साथ एकीकृत किया जा सके। ई-रक्तकोष एक ऐसा मंच है, जो वर्तमान में रक्त की उपलब्धता के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इस एकीकरण से दुर्लभ रक्त समूहों वाले लोगों को आसानी से रक्त बैंकों का पता लगाने और रक्त प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इससे रक्त बैंकों को एक केंद्रीकृत प्रणाली के माध्यम से अपने स्टॉक और दाताओं का प्रबंधन करने में भी मदद मिलेगी। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के अनुसार, 142 करोड़ से अधिक की आबादी वाले भारत में 4,000 से अधिक लाइसेंस प्राप्त रक्त बैंक हैं। डॉ. मडकाइकर ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान रक्त संबंधी बीमारियों और जटिलताओं के अधिक प्रचलन के कारण भारत में रक्त आधान पर बहुत अधिक निर्भरता है। उन्होंने कहा, ‘‘थैलेसीमिया के कारण अकेले एक लाख से 1.5 लाख रोगियों को बार-बार रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है।'' उन्होंने कहा कि भारत में प्रतिदिन 1,200 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, तथा प्रतिवर्ष 6 करोड़ सर्जरी, 24 करोड़ बड़े ऑपरेशन, 33.1 करोड़ कैंसर संबंधी प्रक्रियाएं, तथा एक करोड़ गर्भावस्था संबंधी जटिलताएं होती हैं, जिसके कारण रक्त चढ़ाने की आवश्यकता गंभीर हो जाती है। भारत में अधिकांश रक्त बैंकों में, लाल रक्त कोशिका घटकों को जारी करने के लिए क्रॉस-मैचिंग से पहले केवल एबीओ और आरएचडी एंटीजन का मिलान किया जाता है। हालांकि, इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ़ ब्लड ट्रांसफ़्यूज़न (आईएसबीटी) ने 47 रक्त समूह प्रणालियों में 360 से अधिक एंटीजन की पहचान की है। डॉ. मडकाइकर ने बताया कि रक्त बैंक इन छोटे रक्त समूह एंटीजन का नियमित रूप से परीक्षण नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘परिणामस्वरूप, दाता और रोगी के रक्त समूह (बीजी) प्रोफाइल के बीच मामूली एंटीजन का बेमेल होना लाल रक्त कोशिका एलोइम्यूनाइजेशन (सामान्य आबादी में 1-3 प्रतिशत, थैलेसीमिया रोगियों में 8-18 प्रतिशत) को जन्म दे सकता है। सभी प्रतिरक्षित रोगियों में से लगभग 25 प्रतिशत को कई एंटीबॉडी या उच्च आवृत्ति एंटीजन (एचएफए) के प्रति एंटीबॉडी की उपस्थिति के कारण असंतोषजनक रक्ताधान सहायता प्राप्त होने की सूचना मिली है।'' दुर्लभ रक्त समूह वे हैं जिनमें एचएफए (1:1000 या इससे कम) की कमी होती है, या जो सामान्य एंटीजन के संयोजन के लिए नकारात्मक होते हैं, या जिनका फेनोटाइप शून्य होता है। डॉ. मडकाइकर ने कहा कि ऐसे रोगियों के लिए दुर्लभ रक्त की आपूर्ति की मांग को पूरा करना चुनौतीपूर्ण और समय लेने वाला होता है। उन्होंने कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए व्यापक रूप से रक्त प्रकार वाले रक्तदाताओं और दुर्लभ रक्त प्रकार वाले रक्तदाताओं की सूची की आवश्यकता है।
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आगरा. उत्तर प्रदेश के आगरा की एक स्थानीय अदालत ने पति की हत्या के लिए पत्नी व उसके प्रेमी को उम्रकैद की सजा सुनाई और दोनों पर दस-दस हजार का जुर्माना लगाया। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। जिला शासकीय अधिवक्ता बसंत गुप्ता ने बताया कि सत्र न्यायाधीश संजय कुमार मालिक ने 19 जून को ये फैसला सुनाया। गुप्ता ने ये भी बताया, “24 जनवरी 2021 को आरोपी पूनम ने प्रेमी सोनी के साथ मिलकर अपने पति राकेश (28) की हत्या कर दी। शादी से पहले भी पूनम और सोनी के संबंध थे।” उन्होंने बताया कि सोनी अक्सर पूनम के घर जाया करता था।
अधिकारी ने बताया, “24 जनवरी 2021 को सोनी, पूनम से मिलने आया था, जिसका राकेश ने विरोध किया। इसी बात पर सोनी और पूनम ने राकेश की कपड़े से गला घोंटकर हत्या कर दी और फरार हो गए। पुलिस कई दिनों बाद दोनों को गिरफ्तार करने में कामयाब रही।” -
बरेली (उप्र) .बरेली जिले के आंवला थानाक्षेत्र में पुलिस ने नौ महिलाओं को सड़क पर राहगीरों को रोककर पैसे मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह जानकारी पुलिस ने दी। पुलिस ने बताया कि ये महिलाएं राहगीरों से पैसे यह कहकर मांग रही थीं कि वे अहमदाबाद से हैं, लेकिन किसी कठिनाई के कारण शहर में फंस गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि इन महिलाओं ने अच्छे कपड़े पहने थे और उन्हें शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि इन महिलाओं को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया। आंवला के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) नितिन कुमार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ महिलाएं आंवला-बदायूं रोड पर राहगीरों को रोककर पैसे मांग रही हैं। अधिकारी के अनुसार महिलाओं के बयान संदिग्ध लगे जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस के अनुसार महिलाओं ने दावा किया था कि वे अहमदाबाद, गुजरात की रहने वाली हैं और कथित कठिनाइयों के कारण लोगों से मदद की अपील कर रही हैं। पुलिस के अनुसार उन्हें उप जिलाधिकारी की अदालत में पेश किया गया और उन्हें निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। -
उधमपुर (जम्मू-कश्मीर) .रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को पाकिस्तान को चेतावनी दी कि अगर भविष्य में भारत की धरती पर कोई भी आतंकवादी हमला होता है तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे क्योंकि ‘ऑपरेशन सिंदूर' अभी खत्म नहीं हुआ है और भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई करने के लिए तैयार है। रक्षा मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उधमपुर स्थित उत्तरी कमान के जवानों के साथ योग किया। बाद में अपने संबोधन में राजनाथ ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर' ने पाकिस्तान को यह संदेश दिया कि भारत को ‘‘हजार घाव'' देने की उसकी नीति कभी सफल नहीं होगी। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी इस योग सत्र में भाग लिया।
सिंह शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर उधमपुर पहुंचे। ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह जम्मू-कश्मीर की उनकी दूसरी यात्रा थी। उन्होंने 15 मई को कश्मीर का दौरा किया था, जिसके कुछ दिन पहले भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे के खिलाफ सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए सहमति जताई थी। रक्षा मंत्री ने कहा ‘‘ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है... इस ऑपरेशन के जरिए हमने पाकिस्तान को बता दिया कि भारत में आतंकवाद जारी रखने को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसका जवाब बद से बदतर होगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की ‘एयर स्ट्राइक' (सीमा पार) का ही विस्तारित रूप है। हमने पाकिस्तान को बता दिया है कि भारत को ‘‘हजार घाव देने'' की उसकी नीति कभी सफल नहीं होगी। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘भारत की धरती पर कोई भी आतंकी हमला पाकिस्तान के लिए विनाशकारी साबित होगा। भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई करने के लिए तैयार है।'' उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने सीमा पार आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट कर दिया। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ हम आसानी से अन्य ठिकानों को नष्ट कर सकते थे लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। हमने संयम दिखाया।" उन्होंने इसका श्रेय योग को दिया जो क्रोध पर काबू पाने में मदद करता है, शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाता है और शक्ति को नियंत्रित करता है। सिंह ने कहा कि पहलगाम हमले की योजना सीमा पार बनाई गई थी और यह महज एक आतंकवादी घटना नहीं थी बल्कि इसका उद्देश्य भारत की सामाजिक और सांप्रदायिक एकता को बिगाड़ना था। उन्होंने कहा, ‘‘हमने न केवल उनकी योजनाओं को विफल किया बल्कि जवाबी कार्रवाई भी की जिससे पाकिस्तान को घुटने टेकने पड़े और उसके बाद ही हमने ऑपरेशन सिंदूर रोका।'' ‘ऑपरेशन सिंदूर' के तहत सशस्त्र बलों ने छह और सात मई की मध्य रात्रि में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचों पर हमला किया था। यह हमला 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए किया गया था जिसमें 26 लोग मारे गए थे। -
नयी दिल्ली. एक नए अध्ययन में पाया गया है कि 74 प्रतिशत ‘मिलेनियल्स' यानी 1981 से 1996 के बीच जन्मे लोग रोजाना योग करते हैं, जिससे वे नियमित अभ्यास करने वाले अग्रणी आयु वर्ग के लोग बन गए हैं। इसके बाद ‘एक्स जनरेशन' यानी 1960 से 1980 के बीच जन्मे 70 प्रतिशत लोग योग करते हैं। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस द्वारा महानगरों और गैर-महानगरों दोनों क्षेत्रों में लगभग 1,000 लोगों पर किए गए अध्ययन के आंकड़े अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर जारी किए गए, जिसमें यह बात सामने आई है। अध्ययन में कहा गया है, "जैसे-जैसे तनाव और उत्तेजना नयी महामारी का रूप ले रहे हैं, योग लोगों के जीवन में लौट रहा है और एक दैनिक आवश्यकता बनता जा रहा है।” आईसीआईसीआई लोम्बार्ड में मार्केटिंग, कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस और सीएसआर प्रमुख शीना कपूर ने कहा, "हमारी नवीनतम रिपोर्ट से पता चलता है कि 74 प्रतिशत ‘मिलेनियल्स' अब नियमित रूप से योगाभ्यास करते हैं।” निष्कर्षों से यह भी पता चलता है कि योग भारत में एक विशिष्ट अभ्यास से आगे बढ़कर मुख्यधारा का हिस्सा बन गया है, तथा 72 प्रतिशत उत्तरदाता नियमित रूप से जबकि 18 प्रतिशत कभी-कभार इसका अभ्यास करते हैं।
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पिथौरागढ़ (उत्तराखंड). पांच साल के अंतराल के बाद 30 जून को पिथौरागढ़ जिले में लिपुलेख दर्रे के रास्ते फिर से शुरू होने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा की तैयारियों की शनिवार को यहां एक बैठक में समीक्षा की गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने बताया कि इस वर्ष पांच जत्थों में कुल 250 तीर्थयात्री लिपुलेख दर्रा मार्ग से कैलाश मानसरोवर की यात्रा करेंगे। प्रत्येक जत्थे में 50 तीर्थयात्री होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘यात्रा के इतिहास में पहली बार तीर्थयात्री वाहनों से लिपुलेख दर्रे तक पहुंचेंगे। यात्रा के लिए नोडल एजेंसी कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा 13 से अधिक वाहनों की व्यवस्था की गई है और दो को आरक्षित रखा गया है।'' जिलाधिकारी ने कहा कि तीर्थयात्रियों का पहला जत्था पांच जुलाई को धारचूला आधार शिविर पहुंचेगा और अगले दिन गुंजी कैंप के लिए रवाना होगा। गोस्वामी ने कहा कि तीर्थयात्रियों की पहले गुंजी में चिकित्सा जांच की जाएगी, जहां उन्हें दो दिनों तक रहने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों की दूसरी चिकित्सा जांच तिब्बत में प्रवेश करने से पहले नाभीढांग में की जाएगी। अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने गुंजी में तीर्थयात्रियों के लिए बेस अस्पताल स्तर की चिकित्सा सुविधाओं के अलावा एक चिकित्सक की भी व्यवस्था की है। हमने यात्रा के सभी शिविरों में आवास सुविधाओं को उन्नत बनाया है।'' उन्होंने बताया कि समीक्षा बैठक में कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन), भारतीय सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के प्रतिनिधि शामिल हुए। मानसून के दौरान भूस्खलन के खतरे के मद्देनजर जिलाधिकारी ने कहा कि बीआरओ को यात्रा मार्ग पर सड़कों की स्थिति के बारे में प्रतिदिन दो बार अद्यतन जानकारी जारी करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्री तिब्बत से लौटते समय बूंदी शिविर में विश्राम करेंगे और बेरीनाग होते हुए चौकोरी, पाताल भुवनेश्वर, हाट कालिका, जागेश्वर, अल्मोड़ा और कैंची धाम का भ्रमण करते हुए नयी दिल्ली लौटेंगे। -
बागपत/ उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में चलती ट्रेन में एक व्यक्ति की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या किए जाने का मामला सामने आया है। यह जानकारी पुलिस ने दी। रेलवे पुलिस उपाधीक्षक श्वेता आशुतोष ने शनिवार को बताया कि रेलवे पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। रेलवे पुलिस उपाधीक्षक श्वेता आशुतोष ने बताया कि यह घटना 20 जून को दिल्ली-शामली पैसेंजर ट्रेन (संख्या 74023) में रेलवे हाल्ट फखरपुर और खेकड़ा रेलवे स्टेशन के बीच हुई, जब दीपक नाम के व्यक्ति के साथ कुछ युवकों ने कथित रूप से मारपीट की। उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से घायल दीपक को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खेकड़ा ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उन्होंने बताया कि मृतक की पहचान दीपक, पुत्र ऋषि (उम्र लगभग 38 वर्ष), निवासी पट्टी अहीरान, थाना खेकड़ा, जिला बागपत के रूप में की गई है। उन्होंने बताया कि परिजनों की तहरीर पर थाना जीआरपी बड़ौत में एक मामला दर्ज कर लिया गया है। रेलवे पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि इस मामले में 18 घंटे के भीतर पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान कर ली गई है और ये सभी खेकड़ा थानाक्षेत्र के निवासी हैं। उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और अन्य आवश्यक विधिक कार्रवाई की जा रही है।
वहीं, मृतक के परिचितों ने बताया कि दीपक अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। दीपक के परिवार में उसकी पत्नी, 12 वर्षीय एक बेटी और ढाई वर्षीय बेटा है। उन्होंने बताया कि दीपक दिल्ली के भगीरथ पैलेस स्थित एक इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान में काम करता था और हर सप्ताहांत अपने घर आता था। घटना से जुड़े तीन वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं, जिनमें ट्रेन के डिब्बे में मारपीट और हमलावरों के ट्रेन से कूदकर भागने के दृश्य स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं। -
नयी दिल्ली.भाग-दौड़ भरी जिंदगी के बीच हमारा ड्राइंग रूम एक ऐसी जगह होती है जहां हम सुकून के पल तलाशते हैं और ऐसे में जब संगीत की मधुर लहरें कानों तक पहुंचती हैं तो मन को भी एक नयी ताजगी मिलती है। ऐसा लगता है कि मानों हम किसी पुराने पोस्टकार्ड को पढ़ते हुए पुरानी यादों में खो गये हो। भारतीय शास्त्रीय संगीत कभी युवाओं के बीच अधिक मशहूर नहीं रहा। आमतौर पर इसे बहुत धीमा और जटिल माना जाता है। इस तरह के संगीत कार्यक्रम आमतौर पर संगीत सभागारों और आयोजनों तक ही सीमित थे। लेकिन आज इसके इसके श्रोता बढ़े हैं और तेज धुन के शौकीन युवा भी इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं। भारतीय शास्त्रीय संगीत प्रेमियों और संगीत में रुचि रखने वालों की अंतरंग महफिलें अब एक बार फिर जीवंत हो रही हैं। पहले यह परंपरा कुछ सीमित संगीतज्ञों और उनके संरक्षकों तक ही सीमित थी, लेकिन अब यह नये आयाम ले रही है। ड्राइंग रूम और छोटे सांस्कृतिक स्थलों में सजने वाली इन संगीतमयी बैठकों के जरिए संगीत न केवल नये श्रोताओं तक पहुंच रहा है, बल्कि उभरते कलाकारों को सम्मान और रोजगार भी दे रहा है। जिस संगीत की कल्पना पंडित विष्णु दिगंबर पलुस्कर और पंडित विष्णु नारायण भातखंडे ने की थी, वह अब नये रास्ते पर चल पड़ा है। अब शास्त्रीय संगीत को सुनने के लिए किसी विशाल सभागार की जरूरत नहीं है। कई स्थानों पर स्वतंत्र समूहों और संगीत प्रेमियों ने अपने घरों को ही संगीत सभा में बदल दिया है। रणनीतिक सलाहकार सुकन्या बनर्जी और फिटनेस कोच तेजस जयशंकर उन लोगों में से थे जिन्होंने 2018 में इस दिशा में कदम बढ़ाया था, जब उन्होंने दक्षिण दिल्ली में अपने घर को संगीत प्रेमियों के लिए खोला। इस कार्यक्रम में महज 25 लोग शामिल हो पाते थे और वे अपने महत्वाकांक्षी कलाकार को सुनने के लि भुगतान करने को भी तैयार थे। महज 200 रुपये की टिकट से इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी, जिसका नाम था ‘इवनिंग राग', जो अब पांच साल बाद ‘अपस्टेयर्स विद अस' के नाम से मशूहर है और अब इस कार्यक्रम की टिकट 2,000 रुपये है। जयशंकर ने कहा, “भारतीय शास्त्रीय संगीत को लेकर कई बाधाएं थीं। पहला, लोग सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के आदी हो गए हैं जो निःशुल्क होते हैं और इससे कलाकारों को उचित पारिश्रमिक भी नहीं मिल पाता था।” अब संगीत कार्यक्रम ‘अपस्टेयर्स विद अस' में 30 लोग शामिल होते हैं, जो दो हजार रुपये की टिकट खरीदते हैं और इससे बनर्जी और जयशंकर कलाकारों को 15,000 से 20,000 रुपये तक का मेहनताना देते हैं और साथ ही घर का बना स्वादिष्ट खाना भी दिया जाता है। इससे एक ओर जहां दर्शक संगीत को समझने और सराहने लगते हैं, वहीं कलाकारों को न केवल सम्मान बल्कि स्थिर आय भी मिलती है। संगीत कार्यक्रम ‘अपस्टेयर्स विद अस' में नियमित रूप से प्रस्तुति देने वाले तबला वादक जुहेब अहमद खान ने कहा कि ऐसे स्थानों पर वे लोग भी शास्त्रीय संगीत समझने लगते हैं, जिन्होंने कभी इसके बारे में सीखा न हो। खान ने कहा, ‘‘आप जो सुनते रहते हैं, वह आपको पसंद आने लगता है। आपको उस शैली या संगीत के प्रकार के बारे में सभी छोटी-छोटी जानकारियां जानने की जरुरत नहीं है। मैं लोगों से कहता हूं कि भले ही आप तानसेन न बनें, कांसें बन जाएं तो भी काफी है।''
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नयी दिल्ली. महान एयर का एक विमान 256 भारतीय छात्रों को लेकर शनिवार को दिल्ली हवाई अड्डा पर सुरक्षित उतरा, जिससे उनके चिंतित परिजनों को काफी राहत मिली है। इन छात्रों में ज्यादातर कश्मीर घाटी से हैं। पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच, ईरान में फंसे छात्रों में से कई छात्र वहां डर और अनिश्चितता का सामना करने के बाद थके हुए नजर आ रहे थे। जम्मू कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, ‘‘ईरानी अधिकारियों के साथ समय पर समन्वय और प्रयासों के लिए भारत सरकार को धन्यवाद। हम शेष छात्रों, विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों के छात्रों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'' एसोसिएशन ने यह भी पुष्टि की कि भारतीय छात्रों को लेकर एक और उड़ान के रात 11:30 बजे के आसपास राष्ट्रीय राजधानी में पहुंचने की उम्मीद है। ‘ऑपरेशन सिंधु' के तहत 24 घंटे के भीतर ईरान से भारतीयों को वापस लाने वाली यह दूसरी उड़ान थी।
ईरान के मशहद से एक और उड़ान शुक्रवार देर रात दिल्ली पहुंची थी। इसमें 290 भारतीय छात्र सवार थे, जिनमें से ज्यादातर जम्मू कश्मीर से हैं। भारतीय अधिकारियों ने अपने ईरानी समकक्षों के साथ समन्वय करके तेहरान में फंसे छात्रों को मशहद तक पहुंचाने में सहायता प्रदान की, ताकि वे वहां से अपनी उड़ान पकड़ सकें। ईरान ने भी निकासी में सहायता के लिए विशेष कदम उठाते हुए अपना हवाई क्षेत्र खोला। कुल मिलाकर, लगभग 1,000 भारतीय नागरिकों को विशेष उड़ानों के जरिये स्वदेश लाया जा रहा है। दो अतिरिक्त उड़ानें भी पहुंचने वाली हैं। इनमें से एक के तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात से रविवार तड़के 3 बजे के आसपास पहुंचने की उम्मीद है। एसोसिएशन ने कहा, ‘‘भारत सरकार, विदेश मंत्रालय और सभी संबंधित अधिकारियों को उनके समय पर हस्तक्षेप और समर्थन के लिए हार्दिक धन्यवाद।'' यह निकासी ‘ऑपरेशन सिंधु' का हिस्सा है, जिसे विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष तेज होने पर शुरू किया था। बृहस्पतिवार को 110 छात्रों को आर्मेनिया और दोहा के रास्ते निकाला गया था। -
नई दिल्ली। 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 को भारतीय सेना ने देश के हर हिस्से में उत्साहपूर्वक मनाया। ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ की थीम पर आधारित इस दिन का सबसे खास आयोजन दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में हुआ, जहां जवानों, पूर्व सैनिकों, उनके परिवारों और बच्चों ने एक साथ योगाभ्यास किया। भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “सियाचिन से लेकर देश के हर मौसम और क्षेत्र में हमने योग को अपनाया। यह दिवस सिर्फ अभ्यास का नहीं, बल्कि जीवनशैली में योग को शामिल करने का प्रतीक है।”
इसी कड़ी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में सेना की उत्तरी कमान के 2,500 जवानों के साथ योग सत्र में भाग लिया। उन्होंने कहा कि योग केवल स्वास्थ्य का साधन नहीं, बल्कि मानसिक स्पष्टता और अनुशासन बढ़ाने का एक रणनीतिक अभ्यास भी है, जो अभियानों जैसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भी उपयोगी साबित हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योग को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की सराहना भी की।लेह के पास पेंगोंग झील के किनारे भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने 14,100 से 14,200 फीट की ऊंचाई पर योगाभ्यास किया। 54वीं बटालियन ने योग दिवस से पहले भी योग सत्र आयोजित किया। अरुणाचल प्रदेश के दिरांग में 12,000 फीट से ऊपर आईटीबीपी के 4वीं कोर द्वारा योग और सफाई अभियान चलाया गया। वहीं पूर्वी समुद्री क्षेत्र में भी भारतीय तट रक्षक बल ने विशाखापत्तनम में योग सत्र आयोजित किया, जबकि तटीय तमिलनाडु में तटरक्षक पोत ‘रानी अब्बक्का’ के कर्मियों ने योग किया। इसी तरह, विशाखापत्तनम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुए विशाल योग आयोजन में भारतीय नौसेना के जहाज भी किनारे पर तैनात रहे, जिससे कार्यक्रम की भव्यता और बढ़ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और स्वास्थ्य राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू भी शामिल हुए। पीएम मोदी ने कहा, “मैं दुनिया के सभी देशों से अपील करता हूं कि योग को केवल एक व्यक्तिगत या सांस्कृतिक अभ्यास न मानें, बल्कि इसे मानवता के लिए एकजुटता का माध्यम बनाएं। यह आंतरिक शांति को वैश्विक नीति का हिस्सा बना सकता है।”जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में कृष्णा घाटी ब्रिगेड की बालनोई बटालियन ने भी सीमावर्ती गांवों के लोगों के साथ योग दिवस मनाया। बालनोई, दाद सगरा और मानकोट गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। एक स्थानीय निवासी मोहम्मद अशरफ चौधरी ने कहा कि यह आयोजन ऑपरेशन सिंदूर के बाद का सबसे बड़ा कार्यक्रम था। सामाजिक कार्यकर्ता मोइन आफताब खान ने कहा कि सेना का यह प्रयास गांवों को जोड़ने और योग को जन-जन तक पहुंचाने में बहुत प्रभावी है। रक्षा मंत्री ने सेना की बहादुरी की प्रशंसा करते हुए कहा, “आपका साहस पूरे देश में सराहा जाता है। योग तनाव और बेचैनी से लड़ने में आज के दौर में एक शक्तिशाली समाधान है।” -
नई दिल्ली। 1 जुलाई से दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल पंप से फ्यूल नहीं मिलेगा। यह नियम अब पूरे देश में रजिस्टर्ड पुराने वाहनों पर लागू होगा, भले ही वे किसी भी राज्य से पंजीकृत हों। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने 21 जून को इसकी पुष्टि की।
यह कदम उन लोगों के लिए बड़ा झटका है जो दिल्ली में नियमों से बचने के लिए अपने पुराने वाहनों को दूसरे राज्यों में रजिस्टर करवा रहे थे। आयोग ने अप्रैल में ही यह निर्देश जारी किया था कि 1 जुलाई से ऐसे ओवरएज वाहनों को ईंधन न दिया जाए।सीएक्यूएम (CAQM) के तकनीकी सदस्य वीरेंद्र शर्मा ने कहा, “हमारे दिशा-निर्देशों में ऐसा नहीं है कि सिर्फ दिल्ली में रजिस्टर्ड एंड ऑफ लाइफ (EOL) वाहनों को ही ईंधन नहीं मिलेगा। दिल्ली की सड़कों पर बाहर के राज्यों से पंजीकृत वाहन भी चलते हैं और ये भी प्रदूषण फैलाते हैं। अगर दिल्ली के लोग जानबूझकर अपने वाहन बाहर रजिस्टर्ड करवा रहे हैं, तो इस प्रवृत्ति को रोका जाना चाहिए। हमें पता है कि ऐसा हो रहा है।”दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण और लोगों की परेशानीदिल्ली और इसके आस-पास के शहरों में हर साल सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। अक्सर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) ‘गंभीर’ या ‘गंभीर से भी ज्यादा’ श्रेणी में पहुंच जाता है, जो खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक होता है।पिछले साल हुए एक सर्वे में सामने आया था कि दिल्ली-एनसीआर के 75% परिवारों में कम से कम एक सदस्य को लगातार खांसी या गले में खराश की शिकायत रहती है। वहीं, आधे परिवारों ने बताया कि उनके किसी न किसी सदस्य को दम घुटने या अस्थमा जैसी दिक्कतें हो रही हैं, जिसकी बड़ी वजह जहरीली हवा है।VAHAN सिस्टम से जुड़कर पुराने और बिना पीयूसी वाहनों की होगी पहचानदिल्ली में अब पेट्रोल पंपों पर लगे कैमरे पुराने और नियम तोड़ने वाले वाहनों की पहचान करेंगे। राजधानी के 520 में से 500 फ्यूल स्टेशनों पर ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए जा चुके हैं। बाकी बचे हुए पंपों पर यह व्यवस्था 30 जून तक पूरी कर दी जाएगी।ये कैमरे वाहन की नंबर प्लेट स्कैन करके VAHAN डेटाबेस से उसकी जानकारी निकालते हैं, जैसे गाड़ी कितनी पुरानी है और उसका पंजीकरण वैध है या नहीं। साथ ही ये ये भी पता करते हैं कि वाहन के पास वैध पॉल्यूशन सर्टिफिकेट है या नहीं।अगर कोई गाड़ी नियमों का उल्लंघन करती पाई जाती है तो कैमरे तुरंत इसका अलर्ट कंट्रोल रूम को भेजेंगे। इसके बाद ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर ऐसे वाहनों को जब्त करेगी।दिल्ली से सटे पांच जिलों—गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाज़ियाबाद, गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) और सोनीपत—में 1 नवंबर से ईंधन बिक्री पर रोक लागू कर दी जाएगी। इन जिलों में 31 अक्टूबर तक एएनपीआर (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन) कैमरे लगाए जाने की तैयारी है।राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के बाकी जिलों में यह नियम 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा। तब तक वहां भी एएनपीआर कैमरे लगाना जरूरी होगा।EOL बसों पर भी रहेगी नजर, सरकारी और निजी दोनों शामिलदिल्ली-एनसीआर में अब पुरानी वाणिज्यिक बसों (EOL बसों) पर भी सख्ती की जाएगी, चाहे वे निजी हों या सरकारी, और देश के किसी भी हिस्से में रजिस्टर्ड हों। इन्हें ANPR कैमरों से पहचाना जाएगा। हालांकि, इनकी आवाजाही पर रोक के लिए अलग से दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।शर्मा ने बताया कि ट्रैफिक और परिवहन विभाग के 100 प्रवर्तन दल तैनात किए गए हैं।उन्होंने कहा कि अगर कोई पेट्रोल पंप नियमों का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।दिल्ली में अब तक 62 लाख पुराने और तय समय सीमा के बाद चलने वाले (EOL) वाहनों की पहचान की गई है, जिनमें से 41 लाख दोपहिया वाहन हैं। पूरे एनसीआर में ऐसे वाहनों की संख्या करीब 44 लाख है, जो ज़्यादातर पांच बड़े शहरों में केंद्रित हैं।शर्मा ने कहा कि तय तारीखों के बाद पेट्रोल पंपों को ऐसे वाहनों में ईंधन भरने से इनकार करना होगा। इसके अलावा, संबंधित एजेंसियों को इन वाहनों को जब्त करने और स्क्रैपिंग के लिए भेजने जैसे कानूनी कदम उठाने होंगे। यह कार्रवाई Registered Vehicle Scrapping Facility (RVSF) नियमों के तहत की जाएगी। वाहन मालिक अगर चाहें, तो अपने पुराने वाहन को दिल्ली से बाहर ले जाने के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) भी ले सकते हैं।सड़क पर ऐसे वाहनों की पहचान के लिए ट्रैफिक सर्विलांस सिस्टम और इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर्स का इस्तेमाल किया जाएगा।यह निर्देश इसलिए जारी किए गए हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल के आदेशों के बावजूद एनसीआर से प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को हटाने में अब तक खास प्रगति नहीं हुई है। -
नई दिल्ली। कैलाश मानसरोवर यात्रा पांच साल के लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर शुरू हो गई है। शुक्रवार को सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर ने नाथूला दर्रे से यात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यात्रा के शुभारंभ से पहले राज्यपाल ने यात्रियों से मुलाकात की और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। उन्होंने इस ऐतिहासिक मार्ग की बहाली को अंतरराष्ट्रीय मित्रता और भारतीय आध्यात्मिक परंपरा की पुनर्स्थापना का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा हिंदू, बौद्ध और जैन समुदायों की आस्था को दर्शाती है।
राज्यपाल माथुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद देते हुए कहा, “यह सिक्किम के लिए गर्व का क्षण है कि यह ऐतिहासिक और आध्यात्मिक यात्रा राज्य की पवित्र भूमि से होकर आगे बढ़ रही है।” पहले जत्थे में 33 यात्री, दो एस्कॉर्ट अधिकारी और एक डॉक्टर शामिल हैं। सभी यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और उन्हें उच्च हिमालयी क्षेत्र के लिए दो चरणों में पहले ‘18वां मील’ पर और फिर शेराथांग में अनुकूलन प्रक्रिया से गुजरना पड़ा।यात्रियों को चीन की सीमा के पार भी पूरी व्यवस्था के साथ स्वागत किया जाएगा, जहां से वे कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की ओर आगे बढ़ेंगे। यात्रा के पूरे प्रबंधन की जिम्मेदारी भारत सरकार के विदेश मंत्रालय, सिक्किम पर्यटन विकास निगम और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने संभाली है। समाचार एजेंसी एएनआई से एक यात्री शैलेन्द्र शर्मा ने खुशी जताते हुए कहा, “कई वर्षों के बाद यात्रा हो रही है और सरकार ने शानदार इंतजाम किए हैं। ऊंचाई पर होने की वजह से स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है, लेकिन ITBP और बाकी स्टाफ हमें पूरी मदद कर रहे हैं। यह शानदार अनुभव है और मैं चाहता हूं कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस यात्रा का हिस्सा बनें।” एक अन्य महिला यात्री ने कहा, “हम यहां दो से चार दिन रहे और ITBP तथा पर्यटन विभाग ने हमें बहुत अच्छे से संभाला। खाने-पीने और रहने की व्यवस्था बहुत अच्छी रही और मेडिकल सहायता भी तुरंत मिली। सभी कर्मचारियों का व्यवहार भी बहुत अच्छा था।” इस अवसर पर सिक्किम सरकार के मंत्री, विधायक, भारतीय सेना और ITBP के वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।