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- नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रूसी और चीनी समकक्षों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें कीं और द्विपक्षीय सहयोग और हितों के मुद्दों पर चर्चा की। ये बैठकें रियो डी जेनेरियो में ‘ब्रिक्स' देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की बैठक के दौरान आयोजित की गईं। वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट में कहा कि रूस के वित्त मंत्री एंटोन सिलुआनोव के साथ बैठक के दौरान सीतारमण ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा दिए गए समर्थन के लिए आभार जताया। दोनों नेताओं ने भारत-रूस दीर्घकालिक साझेदारी पर चर्चा की।वित्त मंत्री ने कहा कि भारत और रूस के बीच आपसी विश्वास और समझ का स्तर अनुकरणीय है तथा हमारी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी मजबूत और स्थिर बनी हुई है। दोनों पक्षों ने वित्तीय क्षेत्र में सहयोग के साथ-साथ नव विकास बैंक (एनडीबी) से संबंधित मामलों सहित द्विपक्षीय सहयोग के मुद्दों पर भी चर्चा की। सीतारमण ने चीनी समकक्ष लैन फोआन के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की। दोनों नेताओं ने साझा समृद्ध मानव पूंजी, गहरे संबंधों और बढ़ते आर्थिक प्रभाव के कारण विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की। वित्त मंत्रालय ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि दोनों नेताओं ने सितंबर, 2024 में समरकंद में एआईआईबी की वार्षिक बैठकों के दौरान हुई अपनी पिछली बैठक को याद किया। सीतारमण ने रेखांकित किया कि भारत और चीन समावेशी वैश्विक विकास और नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए विशिष्ट स्थिति में हैं क्योंकि दोनों देश दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं हैं। वित्त मंत्री ने सुझाव दिया कि दोनों देशों के बीच गहन सहयोग से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की आवाज को बढ़ाने में मदद मिलेगी, तथा वैश्विक आख्यानों को आकार देने में मदद मिलेगी, जो वैश्विक दक्षिण की प्राथमिकताओं और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेंगे। इंडोनेशिया के उप वित्त मंत्री थॉमस दजिवांदोनो के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान सीतारमण ने कहा कि भारत शीघ्र ही इंडोनेशिया आर्थिक एवं वित्तीय वार्ता की मेजबानी करने की आशा करता है। वित्त मंत्रालय ने ‘एक्स' पर कहा कि उन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद इंडोनेशिया को उसके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। दोनों नेताओं ने ब्रिक्स, यूपीआई और रुपे, जी-20, एमडीबी सुधार, द्विपक्षीय व्यापार, पर्यटन, वित्तीय प्रौद्योगिकी और वित्तीय बाजारों पर भी चर्चा की। ब्राजील के वित्त मंत्री फर्नांडो हद्दाद के साथ द्विपक्षीय बैठक में उन्होंने द्विपक्षीय हितों के मुद्दों पर चर्चा की।
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नयी दिल्ली। भारत में छोटे किसानों को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने में सक्षम बनाने के लिए लगभग 75 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की जरूरत है। अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (आईएफएडी) के अध्यक्ष अल्वारो लारियो ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में वित्त पहुंचाना दुनियाभर में और भारत में ग्रामीण समुदायों के लिए एक गंभीर चुनौती है। लारियो ने साक्षात्कार में कहा कि भारत में आईएफएडी के लिए तीन बड़े सवाल हैं, ''हम किसानों के लिए कृषि को अधिक लाभदायक कैसे बना सकते हैं, हम उत्पादकता को कैसे बढ़ा सकते हैं जबकि हम जलवायु झटकों से निपट रहे हैं और हम खाद्य सुरक्षा से पोषण सुरक्षा की ओर कैसे बढ़ सकते हैं।'' वैश्विक खाद्य संकट के जवाब में 1977 में स्थापित आईएफएडी एक विशेष संयुक्त राष्ट्र एजेंसी और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान है। यह ग्रामीण समुदायों में भुखमरी और गरीबी से निपटता है। ग्रामीण क्षेत्रों, खासकर छोटे और सीमांत किसानों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में पूछने पर लारियो ने कहा कि यह एक प्रमुख चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, ''छोटे किसानों को कई तरह के जलवायु झटकों से निपटने के लिए कम से कम 75 अरब अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता है।'' वित्त वर्ष 2015-16 की 10वीं कृषि जनगणना के अनुसार, दो हेक्टेयर से कम भूमि वाले छोटे और सीमांत किसान भारत के सभी किसानों का 86.2 प्रतिशत हैं, लेकिन उनके पास खेती की केवल 47.3 प्रतिशत भूमि है। उन्होंने कहा, ''भारत के मामले में हम मौसमी जल की कमी, बढ़ते तापमान, अधिक बार सूखे को देख रहे हैं। इसलिए ऐसे कई निवेश हैं जो वास्तव में वैश्विक स्तर पर इन छोटे किसानों की मदद कर सकते हैं।''
- नागपुर,। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को रूस-यूक्रेन और इजराइल-ईरान युद्धों का हवाला देते हुए कहा कि महाशक्तियों की तानाशाही और निरंकुशता के कारण समन्वय, आपसी सद्भाव और प्रेम खत्म हो रहा है और दुनिया भर में संघर्ष का माहौल है। भारत को दुनिया को सत्य, अहिंसा और शांति का संदेश देने वाली बुद्ध की भूमि बताते हुए गडकरी ने अंतरराष्ट्रीय घटनाओं की समीक्षा और विचार-विमर्श के बाद भविष्य की नीति निर्धारित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। यहां ‘बियॉन्ड बॉर्डर्स' पुस्तक के विमोचन के अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि ये संघर्ष ऐसी स्थिति पैदा कर रहे हैं जहां विश्व युद्ध ‘कभी भी' छिड़ सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि युद्ध से संबंधित तकनीकी प्रगति भी मानवता की रक्षा करना कठिन बना रही है।उन्होंने कहा कि युद्ध से संबंधित तकनीकी प्रगति मानवता की रक्षा करना भी कठिन बना रही है। गडकरी ने कहा, ‘‘इजराइल और ईरान के साथ-साथ रूस और यूक्रेन में युद्ध के बीच दुनिया भर में संघर्ष का माहौल है। स्थिति ऐसी है कि इन दो युद्धों की पृष्ठभूमि में कभी भी विश्व युद्ध होने की आशंका है।'' गडकरी ने कहा कि उन्नत तकनीक के कारण युद्ध के आयाम बदल गए हैं, मिसाइलों और ड्रोन का उपयोग बढ़ रहा है, जिससे टैंक और अन्य प्रकार के विमानों की प्रासंगिकता कम हो रही है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘इन सबके बीच मानवता की रक्षा करना मुश्किल हो गया है। अक्सर नागरिक बस्तियों पर मिसाइलें दागी जाती हैं। इससे गंभीर समस्या पैदा हो गई है और इन सभी मुद्दों पर वैश्विक स्तर पर चर्चा करने की जरूरत है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कहना सही नहीं होगा, लेकिन (असल में) यह सब धीरे-धीरे विनाश की ओर ले जा रहा है। महाशक्तियों की तानाशाही और निरंकुशता समन्वय, सद्भाव और प्रेम को खत्म कर रही है।''
- आणंद (गुजरात)। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने रविवार को सहकारिता क्षेत्र के नेताओं से अपील की कि वे सफलता प्राप्त करने के लिए पारदर्शिता, प्रौद्योगिकी का उपयोग और सहकारी संगठनों के सदस्यों के हितों को अपनी "कार्य संस्कृति" में सर्वोच्च स्थान दें। सहकारिता मंत्रालय के चौथे स्थापना दिवस के अवसर पर शाह ने यहां अमूल डेयरी के परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "पारदर्शिता, प्रौद्योगिकी और सदस्यों (सहकारी क्षेत्र के किसानों और समितियों) को साथ रखना महत्वपूर्ण है।" शाह ने कहा कि प्रौद्योगिकी के बिना सहकारी समितियां समृद्ध नहीं हो सकतीं।उन्होंने कहा, "हमारे कार्यक्षेत्र में लोगों के हितों को केंद्र में रखना भी महत्वपूर्ण है।"शाह ने सहकारी समितियों से इन तीन सिद्धांतों को अपनी कार्य संस्कृति में शामिल करते हुए जम्मू-कश्मीर से लेकर 'कामाख्या' (असम में एक मंदिर) और देश के हर गांव में इनका प्रचार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गुजरात में नमक सहकारी समिति की शुरुआत सहित कार्यक्रम के दौरान शुरू की गई दस पहलों से अमूल की तरह एक मजबूत ब्रांड का निर्माण होगा। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता क्षेत्र में दो लाख प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसी) का पंजीकरण, त्रिभुवन, पहले राष्ट्रीय सहकारिता विश्वविद्यालय की नींव रखी गई है और डेयरी क्षेत्र में तीन नयी राष्ट्रीय सहकारी समितियों का निर्माण किया गया है। शाह ने इस क्षेत्र से पांच 'पी' - 'पीपुल्स' (जनता), 'पीएसी', 'प्लेटफॉर्म' (मंच), 'पॉलिसी' (नीति) और 'प्रोस्पेरिटी' (समृद्धि) पर ध्यान देने का आग्रह किया। मंत्री ने कहा कि चार साल पहले मोदी ने 'सहकारिता से समृद्धि' के मंत्र के साथ सहकारिता मंत्रालय की नींव रखी थी, जिससे सहकारी व्यवस्था में नयी जान आई। उन्होंने कहा कि दुग्ध सहकारी संस्था अमूल का वार्षिक कारोबार अगले साल 80,000 करोड़ रुपये से बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। शाह ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की।उन्होंने कहा कि मुखर्जी के बिना कश्मीर कभी भी भारत का अभिन्न अंग नहीं बन पाता। उन्होंने कहा, "मुखर्जी ने कश्मीर के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया और 'एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे' का नारा बुलंद किया।" केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल के भारत का हिस्सा बनने का पूरा श्रेय मुखर्जी और स्वामी प्रणवानंद को जाता है। उन्होंने कहा, "मुखर्जी (जो उस समय उद्योग मंत्री थे) ने तुष्टिकरण की नीति के विरोध में जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। जिस पार्टी जनसंघ की शुरुआत उन्होंने 10 सदस्यों के साथ की थी, वह आज 12 करोड़ सदस्यों वाली भाजपा के रूप में दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है।" शाह ने अमूल की कुछ नयी बुनियादी ढांचा विस्तार परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया, जिनमें अत्याधुनिक मोजेरेला चीज विनिर्माण सुविधा, एक पूरी तरह से स्वचालित अल्ट्रा-हाई प्रोसेसिंग (यूएचटी) संयंत्र, खटराज में एक अत्याधुनिक चीज गोदाम और मोगर में अमूल चॉकलेट संयंत्र का विस्तार शामिल है। अमूल या गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड 36 लाख किसान सदस्यों और 18 सदस्य संघों से प्रतिदिन 320 लाख लीटर से अधिक दूध खरीदता है।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि हजरत इमाम हुसैन (एएस) द्वारा दिया गया बलिदान धर्म के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि वह लोगों को विपरीत परिस्थितियों में भी सत्य का मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट में कहा, “हजरत इमाम हुसैन (ए.एस.) का बलिदान धर्म के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की याद दिलाता है। वह लोगों को विपरीत परिस्थितियों में भी सत्य का मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं।”आशूरा-ए-मुहर्रम का पवित्र उत्सव इस्लामी इतिहास में एक मार्मिक दिन है, जो पैगंबर मुहम्मद के सम्मानित पोते हज़रत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत का सम्मान करता है। यह दिन अत्याचार के सामने साहस, बलिदान और दृढ़ता का पर्याय है। यह दिन अत्याचार के सामने साहस, बलिदान और दृढ़ता का पर्याय है।लाखों लोग कर्बला की लड़ाई में सत्य, धार्मिकता और न्याय के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र होते हैं।आज रविवार को पूरे देश में 10वां मुहर्रम मनाया जा रहा है, जिसे आशूरा कहा जाता है। मुहर्रम इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना है। दुनिया भर के शिया मुसलमान सार्वजनिक शोक मनाते हैं। मुस्लिम कैलेंडर के पहले महीने मुहर्रम का 10वां दिन इमाम हुसैन की शहादत का दिन है, जिन्हें 680 ई. में इराक के कर्बला क्षेत्र में फ़रात नदी के तट पर राजा यज़ीद की सेना ने शहीद कर दिया था। इमाम हुसैन के घिरे हुए उनके परिवार और साथियों को पीने का पानी भी नहीं दिया गया, जबकि वे फरात नदी के तट पर डेरा डाले हुए थे। यहां तक कि 6 महीने के अली असगर को भी यजीद की सेना ने पीने का पानी नहीं दिया था। इमाम हुसैन ने सच्चाई पर बुराई की सर्वोच्चता को स्वीकार करने के बजाय खुद और अपने परिवार और साथियों की कुर्बानी देने का फैसला किया। शिया मुसलमान जुलूस निकालकर और छाती पीटकर इस घटना को याद करते हैं, लेकिन मुहर्रम का शोक शिया और सुन्नी दोनों मुसलमानों के लिए समान रूप से पवित्र है। -
नई दिल्ली। पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को कड़ी सुरक्षा के बीच नाभा जेल ले जाया गया है। रविवार को मजीठिया की रिमांड खत्म हुई, जिसके बाद कोर्ट में पेशी हुई। मोहाली कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है।
शिरोमणि अकाली दल के नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की ड्रग मनी लॉन्ड्रिंग केस में 25 जून को गिरफ्तारी हुई थी। पंजाब की विजिलेंस ब्यूरो ने मजीठिया को उनके अमृतसर स्थित घर से गिरफ्तार किया था। अगले दिन कोर्ट ने 7 दिन की रिमांड पर भेजा था, जिसे बाद में 4 दिन के लिए बढ़ाया गया। फिलहाल रिमांड खत्म होने के बाद रविवार को ही छुट्टी के दिन मोहाली कोर्ट में मजीठिया की पेशी हुई।सरकारी वकील फेरी सोफत ने न्यूज एजेंसी को बताया, “कुल 15 दिन की रिमांड थी। 12 दिन हो चुके हैं, लेकिन विजिलेंस विभाग ने 3 दिन रिजर्व रखे हैं ताकि जरूरत पड़ने पर बाद में पूछताछ की जा सके।” वकील ने कहा कि विजिलेंस टीमें कई अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही हैं। बरामद दस्तावेजों के बाद मजीठिया को फिर से रिमांड पर लिया जा सकता है।बिक्रम सिंह मजीठिया को कड़ी सुरक्षा के बीच मोहाली कोर्ट लाया गया। गाड़ियों के काफिले के अलावा सड़क पर जगह-जगह पुलिस की तैनाती रही। इस दौरान मजीठिया समर्थक और अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने कोर्ट तक पहुंचने की कोशिश की, जिन्हें रास्ते में ही रोक लिया गया। मजीठिया को 19 जुलाई तक नाभा जेल भेजा गया है।इधर, शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब पुलिस पर पार्टी नेताओं को घर में नजरबंद रखने के आरोप लगाए हैं। अकाली दल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कुछ तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “बिक्रम सिंह मजीठिया की अदालत में पेशी से पहले भगवंत मान सरकार फिर घबरा गई। सुबह-सुबह पुलिस भेजकर अकाली नेताओं को नजरबंद कर दिया, कोर कमेटी के सदस्य जत्थेदार तीरथ सिंह महला को नजरबंद कर दिया।”इसी तरह अकाली दल ने आरोप लगाए कि “पूर्व मंत्री एवं कोर कमेटी सदस्य सिकंदर सिंह मलूका को मजीठिया की कोर्ट में होने वाली सुनवाई में जाने से रोकने के लिए पुलिस ने गांव मलूका में उनके घर पर ही नजरबंद कर दिया। उनके घर के अंदर और बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया।” - नई दिल्ली। विदेश सचिव (पूर्व) पी. कुमारन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अर्जेंटीना की अपनी ऐतिहासिक यात्रा के दौरान दक्षिण अमेरिकी राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ ड्रोन प्रौद्योगिकी जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग के अवसरों पर चर्चा की।दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बैठक के बाद एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कुमारन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और माइली के बीच बातचीत में “ड्रोन के उपयोग और विभिन्न उद्देश्यों के लिए उनके उपयोग पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई।”पी. कुमारन ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया, “पीएम मोदी और राष्ट्रपति माइली के बीच अवैध, अनियमित और अप्रतिबंधित मछली पकड़ना, विशेष रूप से अर्जेंटीना के विशेष आर्थिक क्षेत्रों में मछुआरों का अतिक्रमण और आईयूयू मछली पकड़ने से निपटने के लिए इसका उपयोग करने के बारे में चर्चा हुई।” इसके अलावा, मवेशियों के प्रबंधन के लिए ड्रोन का उपयोग करने, सीमा निगरानी के लिए कृषि उत्पादकता बढ़ाने के बारे में भी चर्चा हुई और अर्जेंटीना पक्ष ने इस बारे में भी बात की कि कैसे ड्रोन पारंपरिक रूप से हेलीकॉप्टरों पर निर्भरता के बजाय ड्रोन का उपयोग करके उच्च तनाव वाली बिजली ट्रांसमिशन लाइनों की निगरानी में मदद कर सकते हैं, जो बहुत अधिक महंगा है।सहयोग के एक अन्य नए क्षेत्र के बारे में, कुमारन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अर्जेंटीना को अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। वहीं, दोनों नेताओं ने भारत द्वारा संचालित एक पहल के तहत सहयोग पर चर्चा की, जिसे अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस कहा जाता है। यह छह चिन्हित बड़ी बिल्लियों – शेर, बाघ, जगुआर आदि के संरक्षण में आईबीसीए के सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है।कुमारन ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अर्जेंटीना का अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस में शामिल होने और बड़ी बिल्लियों के संरक्षण के संदर्भ में अनुभव साझा करने और क्षमता निर्माण पर हमारे साथ काम करने के लिए स्वागत किया।विदेश मंत्रालय के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट अलायंस (आईबीसीए) को 2023 में पीएम मोदी द्वारा लॉन्च किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर और प्यूमा नामक सात बड़ी बिल्लियों का संरक्षण करना है, जिसमें संबंधित हितधारकों के बीच सहयोग और तालमेल की सुविधा, दुनिया भर में बड़ी बिल्लियों के संरक्षण को प्राप्त करने के लिए सफल संरक्षण प्रथाओं और विशेषज्ञता का समेकन जैसे उद्देश्य शामिल हैं और यह वैश्विक वन्यजीव संरक्षण के लिए भारत के नेतृत्व और प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।वहीं, 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2025 में भाग लेने के लिए पीएम मोदी 5 से 8 जुलाई तक ब्राजील की यात्रा पर रहेंगे। ब्रिक्स नेताओं का शिखर सम्मेलन रियो डी जेनेरियो में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें शामिल होने के लिए पीएम मोदी शनिवार को ब्राजील पहुंच गए हैं।शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधान मंत्री शांति और सुरक्षा, बहुपक्षवाद को मजबूत करने, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के जिम्मेदार उपयोग, जलवायु कार्रवाई, वैश्विक स्वास्थ्य, आर्थिक और वित्तीय मामलों सहित प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।
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जैसलमेर.जैसलमेर जिले में शुक्रवार रात एक कार की टक्कर से दो किसानों की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार यह हादसा सांगड़ थाना इलाके में हुआ। पुलिस ने बताया कि पचपदरा निवासी किसान भूराराम (42) व सुरता राम (51) खेती के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर मोहनगढ़ जा रहे थे। पुलिस ने बताया कि भेलानी टोल नाके के पास ट्रैक्टर का एक टायर पंचर हो गया, उसे ठीक करने के दौरान एक कार ने ट्रैक्टर को तेज गति से टक्कर मार दी। पुलिस ने बताया कि किसानों को अस्पताल ले जाया गया जहां जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
- भुवनेश्वर। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ओडिशा के छठी शताब्दी में निर्मित स्वप्नेश्वर महादेव मंदिर को संरक्षित स्मारक स्थल घोषित किया है। यह शिव मंदिर खुर्दा जिले के बानपुर प्रखंड के पुंजियामा गांव में स्थित है। एएसआई द्वारा दो जुलाई को जारी राजपत्र अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार यह घोषणा करती है कि निर्दिष्ट प्राचीन स्मारक...राष्ट्रीय महत्व का है।'' ओडिशा के कानून मंत्री और हिंदू धर्मार्थ आयोग का कार्यभार देख रहे पृथ्वीराज हरिचंदन ने ओडिशा के प्राचीन मंदिर के संरक्षण में विशेष योगदान के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान, गजेंद्र सिंह शेखावत और जी किशन रेड्डी के प्रति आभार व्यक्त किया।हरिचंदन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट में कहा कि उनके पिता विश्वभूषण हरिचंदन ने 1977-78 में, जब वे ओडिशा के तत्कालीन संस्कृति मंत्री थे, मंदिर के रखरखाव और संरक्षण की जिम्मेदारी राज्य हिंदू धर्मार्थ आयोग को दे दी थी। हरिचंदन ने कहा कि बाद में मंदिर उपेक्षा की स्थिति में चला गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के केंद्र में कार्यभार संभालने के बाद एएसआई ने मंदिर की जिम्मेदारी संभालने की प्रक्रिया शुरू की। स्वप्नेश्वर मंदिर, ओडिशा की प्राचीन वास्तुकला और आध्यात्मिक विरासत का एक दुर्लभ अवशेष है, ऐसा माना जाता है कि इसकी स्थापना छठी शताब्दी में शैलोद्भव राजवंश के दौरान हुई थी।
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गुरुग्राम (हरियाणा), पांच जुलाई (भाषा) गुरुग्राम पुलिस ने मोबाइल फोन के गुम होने को लेकर हुए विवाद में अपने दोस्त को इमारत की पांचवीं मंजिल से कथित रूप से धक्का देकर मारने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शनिवार का यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान कन्हैया उर्फ प्रशांत (20) के रूप में हुई है जो उत्तर प्रदेश के आगरा जिले का निवासी है। पुलिस का कहना है कि मृत व्यक्ति के चचेरे भाई ने घटना के बारे में शिकायत की थी।
चचेरे भाई ने पुलिस को बताया कि उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का रहने वाला आकाश पाठक करीब 15 दिन पहले काम के लिए दिल्ली आया था और वह बस कुशला गांव में किराये के एक कमरे में अपने दोस्तों के साथ रह रहा था। पुलिस का कहना है कि शिकायतकर्ता को पाठक की मौत की सूचना मिली तथा वह उसके परिवार के साथ मौके पर पहुंचा। घटना स्थल पर पहुंचने पर शिकायकर्ता को बताया गया कि पाठक की छत से गिरकर मौत हो गई है। पुलिस के मुताबिक हालांकि, बाद में शिकायतकर्ता को पता चला कि पाठक और आरोपी कन्हैया के बीच मोबाइल फोन गुम होने को लेकर बहस हुई थी। इस झगड़े के दौरान आरोपी कन्हैया ने कथित तौर पर आकाश को पांचवीं मंजिल से धक्का दे दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। शिकायत के बाद आईएमटी मानेसर थाने में हत्या की प्राथमिकी दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘आरोपी ने बाद में कबूल किया कि उसने मोबाइल फोन खोने को लेकर हुए विवाद के बाद आकाश को घर की पांचवीं मंजिल से धक्का दिया था। मामले की जांच जारी है।'' -
मंगलुरु. कर्नाटक के मंगलुरु से करीब 30 किमी दूर उल्लाल के निकट मदूर में एक घरेलू विवाद के दौरान कांच की आलमारी पर प्रहार कर दिया, जिससे इस घटना में नस कटने के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गयी । पुलिस ने इसकी जानकारी दी। पुलिस ने शनिवार को बताया कि घटना बृहस्पतिवार की रात को हुयी, विवाद के दौरान पीड़ित व्यक्ति नशे में था। उन्होंने बताया कि मरने वाले की पहचान नितेश नायक (38) के रूप में की गयी है । सूत्रों ने बताया कि नितेश का अक्सर अपने पिता और भाई के साथ घरेलू विवाद होता रहता था। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार की रात कथित तौर पर एक बार फिर उनके बीच विवाद हो गया। उन्होंने बताया कि इसी दौरान नितेश ने कांच की आलमारी पर जोर से हाथ मारा, जिससे कांच का टुकड़ा चुभने से उसकी नस कट गयी और रक्तस्राव के कारण उसकी मौत हो गयी। नितेश की मां की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर उल्लाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और घटना की जांच कर रही है।
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दलाई लामा को उनके 90वें जन्मदिन पर बधाई दी और उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु की प्रार्थना की। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “मैं 1.4 अरब भारतीयों के साथ परम पावन दलाई लामा को उनके 90वें जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं। वह प्रेम, करुणा, धैर्य और नैतिक अनुशासन के स्थायी प्रतीक रहे हैं। उनका संदेश सभी धर्मों में सम्मान और प्रशंसा की प्रेरणा रहा है। हम उनकी अच्छी सेहत और लंबी उम्र की प्रार्थना करते हैं।”प्रधानमंत्री मोदी इस वक्त ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में हैं, जहां वे 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने और राजकीय यात्रा पर हैं। यह शुभकामनाएं उस समय आई हैं जब दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर विवाद चल रहा है। चीन ने भारत से कहा है कि वह इस मामले में ‘सावधानी’ बरते। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि भारत को अपने शब्दों और कार्यों में सावधानी रखनी चाहिए और चीन के अंदरूनी मामलों, खासकर तिब्बत से जुड़े मुद्दों में दखल नहीं देना चाहिए।हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रहने वाले दलाई लामा को बीजिंग एक अलगाववादी मानता है। चीन को दलाई लामा का अंतरराष्ट्रीय नेताओं से मिलना या किसी सरकारी कार्यक्रम में जाना पसंद नहीं है।साल 2021 में, प्रधानमंत्री मोदी ने दलाई लामा को उनके 86वें जन्मदिन पर सार्वजनिक रूप से शुभकामनाएं देकर एक बड़ा बदलाव किया। इससे पहले की सरकारें आम तौर पर दलाई लामा से दूरी बनाए रखती थीं ताकि चीन नाराज न हो। लेकिन 2021 में प्रधानमंत्री मोदी ने खुले तौर पर उन्हें शुभकामनाएं देकर इस पुराने रवैये से साफ तौर पर अलग रास्ता अपनाया, जो भारत की रणनीति में एक अहम बदलाव था।14वें दलाई लामा को अमेरिकी विदेश मंत्री ने ‘बेजुबानों की आवाज’ कहते हुए बधाई दी। अपने 90वें जन्मदिन से पहले, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता ने कहा था, ‘दलाई लामा की प्रथा भविष्य में जारी रहेगी। मेरे मरने के बाद उत्तराधिकारी का चयन तिब्बती बौद्ध परंपराओं के अनुसार होगा।’
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शनिवार (स्थानीय समय) को ब्राजील की चार दिवसीय यात्रा पर रियो डी जेनेरियो पहुंचने पर भारतीय समुदाय द्वारा भव्य स्वागत किया गया। इस यात्रा के दौरान, वह 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और राजकीय यात्रा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रियो डी जेनेरियो में उनके गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए ब्राजील में भारतीय समुदाय की सराहना की। पीएम मोदी ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि वे किस तरह भारतीय संस्कृति से जुड़े हुए हैं और भारत के विकास के लिए कितने भावुक हैं। उन्होंने स्वागत की कुछ झलकियां एक्स पर भी साझा कीं।पीएम मोदी ने एक एक्स पोस्ट में कहा, “ब्राजील के भारतीय समुदाय के सदस्यों ने रियो डी जेनेरियो में बहुत ही शानदार स्वागत किया। यह आश्चर्यजनक है कि वे भारतीय संस्कृति से कैसे जुड़े हुए हैं और भारत के विकास के बारे में भी बहुत भावुक हैं! स्वागत की कुछ झलकियाँ यहां दी गई है।” सांस्कृतिक सद्भाव के प्रतीक के रूप में, ब्राजील के एक संगीत समूह ने भी भक्ति गीत प्रस्तुत किए, जिनमें भारत की समृद्ध आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया गया।
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शनिवार को (स्थानीय समयानुसार) अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में एक विशेष सम्मान से नवाजा गया। उन्हें शहर की ‘Key to the City’ (शहर की चाबी) भेंट की गई, जो भारत और अर्जेंटीना के बीच गहरी मित्रता और विश्वास का प्रतीक है। यह सम्मान उन्हें ब्यूनस आयर्स के सिटी गवर्नमेंट के प्रमुख जॉर्ज मैकरी ने सौंपा। यह सम्मान विश्व के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को ही दिया जाता है जो किसी शहर के साथ विशेष संबंध बनाते हैं या उस शहर में सांस्कृतिक, राजनीतिक या आर्थिक जुड़ाव बढ़ाते हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान के प्रति आभार जताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “ब्यूनस आयर्स के सिटी गवर्नमेंट प्रमुख जॉर्ज मैकरी से ‘Key to the City of Buenos Aires’ प्राप्त करना मेरे लिए गौरव की बात है।” इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री मोदी ने अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ व्यापक वार्ता की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार को विविधता देने और रक्षा, खनिज, ऊर्जा, फार्मास्युटिकल और खनन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर सहमति जताई।गौरतलब है कि अर्जेंटीना, प्रधानमंत्री मोदी की पांच देशों की यात्रा का तीसरा चरण है। इससे पहले वे घाना और त्रिनिदाद एवं टोबैगो की यात्रा कर चुके हैं। इसके बाद वे ब्राजील में होने वाले 17वें BRICS शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और फिर नामीबिया जाएंगे। पीएम मोदी की यह यात्रा भारत की वैश्विक कूटनीति को नई दिशा देने और दक्षिण अमेरिकी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। डॉ. मुखर्जी के महान योगदान को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने देश के सम्मान, गरिमा और गौरव की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। पीएम मोदी ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें “राष्ट्र का अमर सपूत” बताया तथा भारत की एकता, गौरव और विकास के लिए उनके आजीवन समर्पण की सराहना की।मोदी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर कहा,”राष्ट्र के अमर सपूत डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जन्म-जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि। देश की आन-बान और शान की रक्षा के लिए उन्होंने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उनके आदर्श और सिद्धांत विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में बहुमूल्य हैं।” प्रधानमंत्री ने डॉ. मुखर्जी के जीवन, मूल्यों और भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर प्रकाश डालने वाली एक वीडियो क्लिप भी साझा की। पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल के सपूत डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी कहते थे कि कोई भी राष्ट्र अपनी ऊर्जा से ही सुरक्षित रह सकता है।उन्हें देश के संसाधनों और देश के सामर्थ्यवान लोगों पर अटूट विश्वास था।पीएम मोदी ने भी डॉ. मुखर्जी के दूरदर्शी दृष्टिकोण की प्रशंसा की, उन्होंने कहा, “महिला सशक्तीकरण, शिक्षा और भारत की परमाणु नीति को आकार देने में उनका योगदान अपने समय से बहुत आगे था। मैं डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को अपनी गहरी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनकी स्मृति को नमन करता हूं।”भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी आज की भारतीय जनता पार्टी के वैचारिक पूर्ववर्ती हैं। उनको को एक कट्टर राष्ट्रवादी, दूरदर्शी राजनीतिक नेता और भारत की संप्रभुता और प्रगति के लिए प्रतिबद्ध शिक्षाविद् के रूप में याद किया जाता है।
- मुंबई,। महाराष्ट्र में प्याज उत्पादकों ने राज्य सरकार से किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के बजाय सीधे कृषि उपज बाजार समितियों (एपीएमसी) के माध्यम से प्याज खरीदने का आग्रह किया। किसानों ने मौजूदा तंत्र में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने इस संबंध में और ‘गड़बड़ी' को रोकने के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप तथा एपीएमसी-आधारित खरीद को प्राथमिकता देने के लिए प्याज खरीद दिशानिर्देशों को संशोधित करने की भी मांग की। भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) जैसी केंद्रीय एजेंसियां पंजीकृत संगठनों के माध्यम से प्याज खरीदती हैं। किसान संगठनों ने महाराष्ट्र सरकार को संबोधित करते हुए एक बयान में कहा, “किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से प्याज खरीदने से स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। कई वास्तविक किसान उचित मूल्य से वंचित हैं। इस प्रणाली से किसानों के बजाय बिचौलियों को लाभ होता है।”संगठनों ने यह भी दावा किया कि किसान उत्पादक संगठन-आधारित मॉडल अपने इच्छित उद्देश्य को पूरा करने में विफल रहा है, जिससे वास्तविक किसानों को उचित मूल्य से वंचित होना पड़ रहा है। संगठन ने कहा कि कृषि उपज बाजार समितियों के माध्यम से सीधी खरीद से खुले बाजार में मूल्य निर्धारण सुनिश्चित होगा, प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और अधिक पारदर्शिता आएगी, जिससे अंततः किसानों को उनकी उपज के लिए बेहतर भुगतान प्राप्त करने में मदद मिलेगी। किसान संगठनों ने कहा, “किसान उत्पादक संगठन आधारित मॉडल अपने इच्छित उद्देश्य को पूरा करने में विफल रहा है। केंद्र सरकार को गड़बड़ी रोकने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और कृषि उपज बाजार समिति आधारित खरीद को प्राथमिकता देने के लिए प्याज खरीद दिशानिर्देशों को संशोधित करना चाहिए।”
- मुंबई। शिवसेना (उबाठा) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि वह और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे ‘‘एकसाथ रहने के लिए साथ आए हैं।'' उद्धव ने लगभग 20 वर्ष बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख के साथ राजनीतिक मंच साझा किया। उन्होंने यह भी कहा कि वह और राज मिलकर मुंबई नगर निगम और महाराष्ट्र की सत्ता पर कब्जा करेंगे।उद्धव ने कहा, ‘‘हम साथ रहने के लिए साथ आए हैं।''दो दशकों के बाद उद्धव और राज ने सार्वजनिक मंच साझा किया और ‘आवाज मराठीचा' नामक एक विजय सभा आयोजित की जो राज्य के स्कूलों में कक्षा एक से तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को शामिल करने के लिए सरकार द्वारा पहले जारी किए गए दो सरकारी आदेशों को वापस लेने का जश्न मनाने के लिए की गई।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार दिवसीय यात्रा पर ब्राजील पहुंचे। इस दौरान वे 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और एक राजकीय यात्रा भी करेंगे। ब्राजील के रियो डी जेनेरियो पहुंचने पर भारतीय प्रवासी ने पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया।
ब्राजील में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शनिवार को यहां पहुंचे पीएम मोदी का पारंपरिक नृत्य, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और देशभक्ति से भरे चित्रों से स्वागत किया गया। लोगों ने हाथों में तिरंगा लिए प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इस स्वागत में सबसे खास बात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की प्रस्तुति रही। यह भारत की ओर से पाकिस्तान स्थित आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे एक निर्णायक अभियान पर आधारित प्रस्तुति थी, जिसे नृत्य और चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया।प्रवासी भारतीयों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत पेंटिंग और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर आधारित नृत्य के साथ किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने स्वागत समारोह में प्रस्तुति देने वाली भारतीय महिला नर्तकियों से मुलाकात की।नर्तकियों में से एक ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी हमारे लिए बड़े भाई जैसे हैं। हमारे लिए यह बहुत गर्व की बात है कि वे यहां आए। हमारी प्रस्तुति को उन्होंने बहुत धैर्यपूर्वक देखा, हमसे बातचीत की और इसकी बहुत सराहना की। हमने अपने बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि देने और भारत माता का सम्मान करने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अपनी थीम के रूप में चुना था।”आपको बता दें, प्रधानमंत्री मोदी चार दिवसीय यात्रा पर ब्राजील पहुंचे हैं। अपनी यात्रा के दौरान, 6 और 7 जुलाई को वह रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, उसके बाद एक राजकीय यात्रा करेंगे। यह लगभग छह दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा देश की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। राजकीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ब्रासीलिया जाएंगे, जहां वे राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकी, कृषि, स्वास्थ्य और लोगों के बीच संपर्क सहित आपसी हित के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को व्यापक बनाने पर द्विपक्षीय चर्चा करेंगे। -
आणंद. केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि गुजरात में सहकारी क्षेत्र के लिए बनने वाला देश का पहला राष्ट्रीय विश्वविद्यालय भाई-भतीजावाद को समाप्त करने का काम करेगा क्योंकि भविष्य में इस क्षेत्र में केवल प्रशिक्षित व्यक्तियों को ही नौकरी मिलेगी। शाह आणंद कृषि विश्वविद्यालय के परिसर में जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान के परिसर में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय (टीएसयू) की आधारशिला रखने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे। विश्वविद्यालय का नाम दिवंगत त्रिभुवनदास किशीभाई पटेल के नाम पर रखा गया है, जो भारत में सहकारी आंदोलन के अग्रणी नेताओं में से एक थे और जिन्होंने अमूल की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। टीएसयू का निर्माण 500 करोड़ रुपये की लागत से 125 एकड़ पर किया जाएगा। 22 अक्टूबर 1903 को आणंद के खेड़ा में जन्मे पटेल का निधन तीन जून 1994 को हुआ था। उन्होंने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय इस क्षेत्र में लगने वाले भाई-भतीजावाद के आरोपों को दूर करने का काम करेगा। अतीत के विपरीत भविष्य में केवल प्रशिक्षित लोगों को ही इस क्षेत्र में नौकरी मिलेगी। पहले लोगों को काम पर रखा जाता था और फिर प्रशिक्षित किया जाता था।'' शाह ने कहा कि विश्वविद्यालय इस क्षेत्र में प्रशिक्षण की कमी को पूरा करेगा जिससे देश का हर चौथा व्यक्ति या कहें कि लगभग 30 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत में सहकारी क्षेत्र में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है और देश को अब प्रशिक्षित जनशक्ति की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि टीएसयू इस "विशाल शून्यता" को भरेगा जिसने इस क्षेत्र की प्रगति को रोक दिया है। शाह ने विश्वविद्यालय का नाम श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन के नाम पर न रखे जाने संबंधी कुछ लोगों की टिप्पणियों पर कहा कि सहकारी क्षेत्र में उनकी भूमिका को कभी नकारा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘पटेल साहब (त्रिभुवन पटेल) ने सहकारी आंदोलन की अलख जगाई... यह उनका ही दृष्टिकोण था कि यह क्षेत्र आज मजबूती से खड़ा है।'' शाह ने कहा कि पटेल ने ही कुरियन को नीदरलैंड में पढ़ने के लिए भेजा था। उन्होंने कहा कि जो लोग कहते हैं कि इस क्षेत्र में कुरियन के योगदान को मान्यता नहीं दी जा रही है, वे वही लोग हैं जिन्होंने उनकी जन्म शताब्दी मनाने के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि अमूल ही उनकी विरासत का जश्न मना रहा है। शाह ने कहा कि कांग्रेस के नेता जो इस तरह के सवाल उठा रहे हैं, उन्हें नहीं पता कि पटेल उनकी पार्टी से ही थे और उस समय भाजपा का अस्तित्व ही नहीं था। शाह ने कहा कि टीएसयू न केवल प्रतिभाशाली कार्यबल तैयार करेगा, बल्कि सहकारी क्षेत्र के लिए पटेल जैसे नेता भी तैयार करेगा।
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नयी दिल्ली. मध्य दिल्ली के करोल बाग स्थित विशाल मेगा मार्ट में शुक्रवार शाम लगी आग में दो लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, कुमार धीरेंद्र प्रताप (25) के रूप में पहचाने गए व्यक्ति का शव लिफ्ट के अंदर मिला। पुलिस ने आशंका जतायी है कि आग के दौरान फंस जाने के कारण उसकी मौत दम घुटने से हुई। दूसरे पुरुष का झुलसा हुआ शव इमारत में आग बुझाने के दौरान मिला। पुलिस ने कहा कि दूसरे शव की पहचान अभी नहीं की जा सकी है। अग्निशमन विभाग और पुलिस के अनुसार, शुक्रवार शाम 6:44 बजे पदम सिंह रोड पर स्थित चार मंजिला व्यावसायिक इमारत की दूसरी मंजिल से आग लगने की सूचना मिली। पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग लगने के समय कम से कम 50 लोग परिसर के अंदर मौजूद थे। एक सुरक्षा गार्ड ने धुआं देखा और अलार्म बजाकर सभी को तुरंत बाहर निकलने के लिए कहा। घटना के दौरान मौजूद 32 वर्षीय अभिषेक ने कहा, ‘‘वहां अफरा-तफरी मच गई। गार्ड शोर मचाता रहा कि ‘भागो भागो, आग लग गई है'। लोग सीढ़ियों का उपयोग करके बाहर भागे और कुछ आपातकालीन द्वार से बाहर निकलने में कामयाब रहे।'' हालांकि, धीरेंद्र ने लिफ्ट के जरिये गया और अंदर फंस गया। उसके अंतिम क्षण उसके बड़े भाई को भेजे गए हताश भरे लिखित संदेश में दर्ज हैं। शाम 6:51 बजे उसने सबसे पहले लिखा, ‘‘भैया... हम लिफ्ट में हैं। गैस के बीच फंस गये हैं। करोल बाग मेगा मार्ट।'' उसका अंतिम संदेश था, ‘‘अब सांस फूल रही है। कुछ करो।'' इसके बाद कोई संदेश नहीं भेजा गया। अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि आग ने मुख्य रूप से दूसरी मंजिल को प्रभावित किया, जहां काफी मात्रा में ज्वलनशील पदार्थ का भंडार था। एक अग्निशमन अधिकारी ने कहा, ‘‘बड़ी मात्रा में कपड़े और पैकेजिंग सामग्री की उपस्थिति के कारण आग तेजी से फैल गई। परिसर में धुआं भर गया, जिससे बचाव कार्य और भी मुश्किल हो गया।'' आग पर काबू पाने के लिए 13 दमकल गाड़ियां और करीब 90 अग्निशमन कर्मियों को तैनात किया गया। आग बुझाने का काम कई घंटों तक चला जो शनिवार की सुबह तक जारी रहा। अधिकारियों ने कहा कि इमारत के अंदर अपर्याप्त वेंटिलेशन ने आग बुझाने के प्रयास को और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया और अंदर धुआं लंबे समय तक बना रहा। हालांकि आग लगने का सही कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को संभावित कारण बताया जा रहा है। दिल्ली अग्निशमन सेवा और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की एक टीम ने साक्ष्य एकत्र करने के लिए घटनास्थल का दौरा किया। जांच में शामिल एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रारंभिक जांच में एक इलेक्ट्रिक पैनल के पास जलने के निशान दिखाई दिए हैं। हालांकि, हम स्रोत की पुष्टि करने के लिए विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि लापरवाही से संबंधित धाराओं सहित भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि घटना के समय सुरक्षा प्रोटोकॉल- जैसे कि कार्यात्मक अग्नि निकास, बुझाने वाले यंत्र और अलार्म- मौजूद थे या नहीं। सूत्रों के अनुसार, अधिकारी मॉल प्रबंधन और इमारत के मालिक से अग्नि सुरक्षा अनुपालन के बारे में पूछताछ कर सकते हैं। फिलहाल धीरेंद्र प्रताप का परिवार गमगीन है। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले धीरेंद्र खुदरा स्टोर में काम करते थे और दिल्ली में रिश्तेदारों के साथ रह रहे थे। उनके भाई को जब उनका संदेश मिला तो वे तुरंत मौके पर पहुंचे, लेकिन उन्हें समय पर कोई मदद नहीं मिल पाई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मॉल के अंदर, आस-पास की दुकानों और यातायात चौराहों के सीसीटीवी फुटेज को जांचा जा रहा है। ऐसा न केवल अंदर मौजूद लोगों की गतिविधियों का पता लगाने के लिए, बल्कि यह भी जानने के लिए किया जा रहा है कि कहीं इसका संबंध किसी आपराधिक लापरवाही या दुर्भावना पूर्ण कृत्य से तो नहीं है।
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मुंबई/ केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को ‘गरीबों की बढ़ती संख्या' पर चिंता जताते हुए कहा कि धन कुछ अमीर लोगों के हाथों में केंद्रित हो रहा है। नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने कहा कि धन के विकेंद्रीकरण की आवश्यकता है, जहां उन्होंने कृषि, विनिर्माण, कराधान और बुनियादी ढांचे के विकास में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) सहित कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा, “धीरे-धीरे गरीब लोगों की संख्या बढ़ रही है और धन कुछ अमीर लोगों के हाथों में केंद्रित होता जा रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए।” अर्थव्यवस्था को इस तरह से विकसित होना चाहिए कि रोजगार पैदा हो और ग्रामीण क्षेत्रों का उत्थान हो।
उन्होंने कहा, “हम एक ऐसे आर्थिक विकल्प पर विचार कर रहे हैं जो रोजगार पैदा करेगा और अर्थव्यवस्था की वृद्धि को बढ़ावा देगा। धन के विकेंद्रीकरण की आवश्यकता है और इस दिशा में कई बदलाव हुए हैं।” वरिष्ठ भाजपा नेता ने उदार आर्थिक नीतियों को अपनाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्रियों पी वी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह को भी श्रेय दिया, लेकिन अनियंत्रित केंद्रीकरण के खिलाफ चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “हमें इसके बारे में चिंतित होना चाहिए।”
भारत की आर्थिक संरचना का उल्लेख करते हुए उन्होंने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में क्षेत्रीय योगदान में असंतुलन की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा, "विनिर्माण क्षेत्र 22-24 प्रतिशत, सेवा क्षेत्र 52-54 प्रतिशत योगदान देता है, जबकि कृषि, ग्रामीण आबादी के 65-70 प्रतिशत हिस्से को शामिल करने के बावजूद, केवल 12 प्रतिशत योगदान देती है।” उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) की उभरती भूमिका पर प्रकाश डाला। गडकरी ने कहा, “सीए अर्थव्यवस्था के वृद्धि इंजन हो सकते हैं। हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से बदल रही है। यह केवल आयकर रिटर्न दाखिल करने और जीएसटी जमा करने तक ही सीमित नहीं है।” बुनियादी ढांचे के विकास के बारे में बात करते हुए, गडकरी ने परिवहन क्षेत्र में अपनी पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने दावा किया, “मैंने ही सड़क निर्माण के लिए ‘निर्माण-परिचालन-हस्तांतरण' तंत्र की शुरुआत की थी।” गडकरी ने कहा कि सड़क विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा, “कभी-कभी मैं कहता हूं कि मेरे पास धन की कमी नहीं है, बल्कि मेरे पास काम की कमी है।” उन्होंने कहा, “अभी हम टोल बूथों से करीब 55,000 करोड़ रुपये कमाते हैं और अगले दो साल में हमारी आय 1.40 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी। अगर हम इसे अगले 15 साल तक मौद्रिकृत करते हैं तो हमारे पास 12 लाख करोड़ रुपये होंगे। नए टोल से हमारे खजाने में और पैसा आएगा।” -
पालघर. राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के कर्मचारी ने लोकल ट्रेन में 3.2 लाख रुपये से भरा बैग भूल गए एक व्यक्ति की पहचान कर इसे वापस किया। एक अधिकारी ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। जीआरपी द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया कि, अभिषेक शुक्ला (30) शुक्रवार को सुबह करीब आठ बजे चर्चगेट जाने वाली ट्रेन से उतरते समय बोईसर स्टेशन पर अपना बैग भूल गए। अभिषेक ने तत्काल पुलिस नियंत्रण कक्ष में कॉल कर इसकी जानकारी दी। सफाले रेलवे स्टेशन पर जीआरपी कर्मियों को इसकी सूचना दी गई और जब ट्रेन वहां पहुंची तो उन्होंने बैग बरामद कर लिया। विज्ञप्ति में कहा गया कि उचित प्रक्रिया पूरी करने के बाद बैग शुक्ला को लौटा दिया गया, उन्होंने त्वरित कार्रवाई के लिए पुलिसकर्मियों को धन्यवाद दिया।
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पटना. बिहार के जाने-माने व्यवसायी गोपाल खेमका की यहां उनके आवास के निकट मोटरसाइकिल सवार हमलावर ने गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। सात साल पहले हाजीपुर में बदमाशों ने उनके बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पुलिस ने बताया कि शुक्रवार रात करीब 11 बजकर 40 मिनट पर गांधी मैदान इलाके में गोपाल खेमका की हत्या कर दी गयी। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक की और उस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को गोपाल खेमका हत्याकांड की जांच शीघ्र पूरी करने का निर्देश दिया। पुलिस अधीक्षक (पटना मध्य) दीक्षा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्थानीय थाने के अधिकारी एवं गश्ती वाहनों में सवार पुलिसकर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे। फॉरेंसिक विशेषज्ञ साक्ष्य एकत्र कर रहे हैं। जांच जारी है।'' उन्होंने कहा, ‘‘सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही हैं। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि गोपाल खेमका को मोटरसाइकिल सवार एक अज्ञात हमलावर ने गोली मारी।'' मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि कानून व्यवस्था राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और लापरवाही बरतने पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई।'' बयान में कहा गया, ‘‘नीतीश ने संबंधित अधिकारियों को खेमका की हत्या के मामले की जांच जल्द से जल्द पूरी करने का निर्देश दिया।'' उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने व्यवसायी के शोकाकुल परिजनों से मुलाकात की।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ हत्या नहीं है, बल्कि कानून व्यवस्था को चुनौती देने का प्रयास है। दुख की इस घड़ी में हम सभी पीड़ित परिवार के साथ हैं। इस जघन्य कृत्य में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा। कानून को अपने हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। जरूरत पड़ी तो मुठभेड़ का सहारा लिया जाएगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में फरार अपराधियों की संपत्ति भी ध्वस्त की जा रही है। पुलिस और प्रशासन को अपराधियों से निपटने के लिए खुली छूट दी गई है।'' गोपाल खेमका के कुछ रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी घटना के करीब दो घंटे बाद मौके पर पहुंचे। हालांकि, बिहार के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने इस आरोप से इनकार किया। कुमार ने कहा, ‘‘पुलिस कार्रवाई में देरी का कोई सवाल ही नहीं है। दरअसल, घटना की जानकारी शुक्रवार देर रात करीब 12.30 बजे पुलिस तक पहुंची। शुक्रवार रात 11 बजकर 40 मिनट पर गोलीबारी होने के बाद परिवार के सदस्य उन्हें (खेमका) कंकड़बाग इलाके में एक निजी अस्पताल ले गए, जिसमें करीब 30 से 35 मिनट लगे। अस्पताल के अधिकारियों ने ही पुलिस को सूचना दी। वरिष्ठ अधिकारी रात करीब 12 बजकर 40 मिनट पर घटनास्थल पर पहुंचे।'' उन्होंने बताया कि वरिष्ठ अधिकारी रात करीब 12.40 बजे अपराध स्थल पर पहुंचे।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि व्यवसायी की हत्या मामले की जांच की निगरानी के लिए एसआईटी का गठन किया गया है, जिसमें विशेष कार्य बल और मध्य पुलिस जिले के अधिकारी शामिल हैं। कुमार ने कहा कि हत्या के पीछे पुरानी रंजिश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा, ‘‘तकनीकी और वैज्ञानिक साक्ष्यों के विश्लेषण और जांच के आधार पर पुलिस को हत्यारे और उससे जुड़े लोगों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। जांच चल रही है।'' उन्होंने कहा, ‘‘गोपाल खेमका के बेटे की भी 2018 में हाजीपुर में जमीन से जुड़े एक विवाद के कारण हत्या कर दी गई थी। इसके मद्देनजर गोपाल खेमका को भुगतान के आधार पर सुरक्षा प्रदान की गई थी। अप्रैल 2024 में इसे वापस ले लिया गया और उसके बाद उन्होंने कभी सुरक्षा की मांग नहीं की। कल की घटना के बाद पुलिस ने उनके दूसरे बेटे को सुरक्षा प्रदान की है, जो पेशे से डॉक्टर है।'' बिहार वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के उपाध्यक्ष आशीष शंकर ने कहा, ‘‘यह घटना गंभीर चिंता का विषय है। यह राज्य की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाती है। गोलीबारी गांधी मैदान थाने से कुछ मीटर की दूरी पर हुई, लेकिन पुलिस को मौके पर पहुंचने में कई घंटे लग गए।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह घटना हमें उन सालों की याद दिलाती है, जब ऐसी घटनाओं को आम बात माना जाता था।''
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस घटना को लेकर ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘पटना में थाने से चंद कदम की दूरी पर बिहार के एक बड़े व्यवसायी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बिहार में हर महीने सैकड़ों व्यवसायी/कारोबारी मारे जा रहे हैं, लेकिन लोग इसे जंगलराज नहीं कह रहे हैं। इसे सरकार की ‘मीडिया मैनेजमेंट' और छवि निर्माण की कवायद कहा जाता है।'' कांग्रेस की बिहार इकाई के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि इस घटना ने एक बार फिर राज्य में कानून-व्यवस्था की दयनीय स्थिति को उजागर कर दिया है। राठौड़ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार बिगड़ती कानून-व्यवस्था को रोकने में विफल रही है।'' पूर्णिया से निर्दलीय लोकसभा सदस्य राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने ‘एक्स' पर लिखा, “कोई भी सुरक्षित नहीं है। राज्य में मौजूदा राजग सरकार द्वारा अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है। नीतीश जी, कृपया बिहार को बख्श दीजिए।”
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नयी दिल्ली. अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और एक्सिओम-4 मिशन के अन्य यात्रियों ने एक दिन के अवकाश के बाद शनिवार को अध्ययन किया कि हड्डियां सूक्ष्मगुरुत्व स्थितियों पर किस प्रकार प्रतिक्रिया करती हैं। यह एक ऐसा प्रयोग है, जिससे पृथ्वी पर ऑस्टियोपोरोसिस के बेहतर इलाज की संभावना बढ़ सकती है। शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के तहत 26 जून को आईएसएस पर पहुंचे थे। उन्होंने अंतरिक्ष स्टेशन पर एक सप्ताह पूरा कर लिया है और एक दिन का अवकाश लिया था, जिसे उन्होंने धरती पर अपने परिवार और दोस्तों के साथ बातचीत कर बिताया। उड़ान के दसवें दिन, शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर विकिरण जोखिम की निगरानी के लिए एक प्रयोग में भी हिस्सा लिया, जो पृथ्वी से दूर लंबी अवधि के अंतरिक्ष मिशनों पर अंतरिक्ष यात्रियों की बेहतर सुरक्षा में मदद कर सकता है। एक्सिओम-4 (एक्स-4) चालक दल में शुक्ला (39) और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। इस मिशन में अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पेग्गी व्हिटसन कमांडर हैं, शुक्ला पायलट हैं तथा पोलैंड के अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री टिबोर कापू मिशन विशेषज्ञ हैं। एक्सिओम स्पेस ने एक बयान में कहा, ‘‘शुक्ला ने अंतरिक्ष सूक्ष्म शैवाल जांच के लिए नमूने तैनात किये। ये छोटे जीव एक दिन अंतरिक्ष में जीवन को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं, भोजन, ईंधन और यहां तक कि सांस लेने योग्य हवा भी प्रदान कर सकते हैं। लेकिन पहले हमें यह समझना होगा कि ये सूक्ष्मगुरुत्व में कैसे विकसित होते हैं और कैसे अनुकूलित होते हैं।'' इन अंतरिक्ष यात्रियों ने आईएसएस पर हड्डियों के प्रयोग में हिस्सा लिया, जिससे यह जानकारी मिली कि अंतरिक्ष में हड्डियां किस प्रकार खराब होती हैं और पृथ्वी पर वापस आने पर वे किस प्रकार ठीक हो जाती हैं। एक्सिओम स्पेस ने कहा कि हड्डियों के निर्माण, सूजन और वृद्धि से संबंधित जैविक मार्कर का विश्लेषण करके, शोधकर्ता एक ‘डिजिटल ट्विन' का निर्माण कर रहे हैं। ‘डिजिटल ट्विन' एक भौतिक वस्तु, प्रक्रिया, या प्रणाली का एक आभासी, डिजिटल रूप है। यह वास्तविक दुनिया की वस्तु के साथ वास्तविक समय में डेटा का आदान-प्रदान करके, उसके व्यवहार को समझने, समस्याओं का पता लगाने और भविष्य की योजना बनाने में मदद करता है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक अलग बयान में कहा कि शुक्ला ने आईएसएस पर ‘टार्डिग्रेड्स' से जुड़े सूक्ष्मगुरुत्व प्रयोग को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसरो ने कहा कि अध्ययन अंतरिक्ष में उनके अस्तित्व, पुनरुत्थान और प्रजनन व्यवहार पर केंद्रित था।
शुक्ला इसरो-नासा की संयुक्त परियोजना के तहत आईएसएस पर 14 दिवसीय मिशन पर हैं।
- पुरी। अपनी मौसी के घर श्री गुंडिचा मंदिर गए भगवान जगन्नाथ शनिवार को औपचारिक रूप से बड़े भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के साथ वापसी के लिए ‘बहुड़ा यात्रा' पर रवाना हुए। वापसी यात्रा में हजारों भक्तों ने ‘पोहंडी' के बाद भगवान बलभद्र के ‘तलध्वज' के रथ को खींचा और गजपति महाराजा दिव्यसिंह देब ने ‘छेरा पोहरा' (बुहारना) अनुष्ठान किया। कार्यक्रम के अनुसार रथ खींचने की शुरुआत शाम चार बजे होनी थी लेकिन यह तय समय से काफी पहले अपराह्न 2.45 बजे ‘जय जगन्नाथ', ‘हरिबोल' के जयघोष और झांझ-मंजीरों की ध्वनि के बीच शुरू हो गयी। देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथ भगवान बलभद्र के तालध्वज के पीछे चलें । इससे पहले, भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के विग्रहों को क्रमशः ‘तालध्वज', ‘दर्पदलन' और ‘नंदीघोष' रथों पर ले जाया गया, जिसे ‘पोहंडी' कहा जाता है। ‘पोहंडी' शब्द संस्कृत शब्द ‘पदमुंडनम' से आया है, जिसका अर्थ है पैर फैलाकर धीमी गति से चलना। तीनों देवताओं की ‘पोहंडी' की शुरुआत चक्रराज सुदर्शन से हुई, उसके बाद भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और अंत में भगवान जगन्नाथ की ‘पोहंडी' की रस्म हुई। हालांकि ‘पोहंडी' की रस्म पहले दोपहर 12 बजे शुरू होनी थी, लेकिन यह बहुत पहले यानी पूर्वाह्न 10 बजे शुरू हो गई। इस रस्म में करीब दो घंटे लगे, जिसके बाद देव विग्रहों को रथों पर बैठाया गया। भव्य रथ - तलध्वज (बलभद्र), दर्पदलन (सुभद्रा) और नंदीघोष (जगन्नाथ) को श्रद्धालु श्री गुंडिचा मंदिर से खींचकर 12वीं शताब्दी के मंदिर, भगवान जगन्नाथ के मुख्य स्थान, तक ले जाया गया, जो लगभग 2.6 किलोमीटर की दूरी है।ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने बहुड़ा यात्रा के शुभ अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं। माझी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘बहुड़ा यात्रा के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं। भगवान की कृपा से सभी का जीवन सुख, शांति और समृद्धि से भरा हो।'' घंटियों, शंखों और झांझों की ध्वनि के बीच पोहंडी अनुष्ठान संपन्न हुआ। भगवान बलभद्र के विग्रह को ‘धाड़ी पोहंडी' नामक पंक्ति में रथ पर ले जाया गया, जबकि भगवान जगन्नाथ की बहन देवी सुभद्रा के विग्रह को सेवादारों द्वारा ‘सूर्य पोहंडी'(रथ पर ले जाते समय देवी आकाश की ओर देखती हैं) नामक विशेष अनुष्ठान के साथ उनके ‘दर्पदलन' रथ पर लाया गया। जब भगवान जगन्नाथ का विग्रह अंततः श्री गुंडिचा मंदिर से बाहर लाया गया तो विशाल सड़क पर लोगों की भावनाएं उमड़ पड़ीं और भक्तों ने ‘जय जगन्नाथ' और ‘हरिबोल' नारों का जयघोष किया। ‘पोहंडी' से पूर्व, मंदिर के गर्भगृह से मुख्य देव विग्रहों के बाहर लाने से पहले, ‘मंगला आरती' और ‘मैलम' जैसे कई पारंपरिक अनुष्ठान किए गए। पुरी के राजा गजपति महाराजा दिव्यसिंह देब ने सभी रथों पर सुनहरे झाड़ू से रथों के फर्श को साफ करने की रस्म ‘छेरा पोहरा' निभाई। यह रस्म अपराह्न 1.35 बजे शुरू हुई। गजपति ने ‘छेरा पोहरा' रस्म की शुरुआत भगवान बलभद्र के तलध्वज रथ से शुरू की और उसके बाद भगवान जगन्नाथ के रथ पर और अंत में देवी सुभद्रा के रथ पर यह रस्म निभाई।