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नई दिल्ली। उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते बड़े पैमाने पर मलबा और पत्थर गिरने से केदारनाथ यात्रा एक बार फिर बाधित हो गई है। सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम यात्रा को फिलहाल अस्थाई रूप से रोक दिया है।
रुद्रप्रयाग के मुनकटिया स्लाइडिंग जोन में भूस्खलन के बाद पहाड़ से मलबा और पत्थर पूरी सड़क पर आ गयारुद्रप्रयाग के मुनकटिया स्लाइडिंग जोन में भूस्खलन के बाद पहाड़ से मलबा और पत्थर पूरी सड़क पर आ गया। एहतियातन प्रशासन ने यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया। तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया, जो रास्ता खुलने का इंतजार कर रहे हैं।केदारनाथ धाम से लौट रहे लगभग 40 श्रद्धालुओं को एसडीआरएफ ने सोनप्रयाग भूस्खलन क्षेत्र के पास से सुरक्षित रेस्क्यू कियाइसी बीच केदारनाथ धाम से लौट रहे लगभग 40 श्रद्धालुओं को एसडीआरएफ ने सोनप्रयाग भूस्खलन क्षेत्र के पास से सुरक्षित रेस्क्यू किया। ये श्रद्धालु रात में अचानक हुए भूस्खलन के कारण रास्ते में फंस गए थे। भूस्खलन सोनप्रयाग के पास हुआ, जो केदारनाथ यात्रा मार्ग का एक अहम पड़ाव है।एसडीआरएफ की टीमों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अंधेरे में ही जोखिम भरा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कियाएसडीआरएफ की टीमों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अंधेरे में ही जोखिम भरा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। वीडियो फुटेज में एसडीआरएफ टीम को खतरनाक परिस्थितियों में मलबे के बीच से रास्ता बनाकर श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकालते हुए देखा गया। बाद में इन यात्रियों को सुरक्षित रूप से सोनप्रयाग ले जाया गया।उत्तराखंड के दूसरे इलाकों में भी बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावितउत्तराखंड के दूसरे इलाकों में भी बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। चमोली पुलिस के अनुसार, बदरीनाथ हाईकोर्ट उमट्टा में बद्रीश होटल के पास भूस्खलन के चलते बंद हो गया। इसी तरह यमुनोत्री हाईवे भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है, जहां सड़क का हिस्सा भारी बारिश के कारण बह गया।खराब हालातों में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और वन विभाग की टीमें मिलकर राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैंइस मौसम में बिजली और जल आपूर्ति जैसी जरूरी सुविधाएं भी प्रभावित हुई हैं। खराब हालातों में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और वन विभाग की टीमें मिलकर राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं। परिवहन सुविधाओं को जारी रखने के लिए अस्थायी रास्ते बनाए जा रहे हैं। सुरक्षित और वैकल्पिक रास्तों से लोगों को निकाला जा रहा है। - मुरैना . मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में एक परिवार के सदस्यों को हथियार का भय दिखा कर अपराधियों ने बंधक बना लिया और 50 लाख रुपये नकदी सहित करीब एक करोड़ रुपये के गहने तथा 12 बोर की एक लाइसेंसी बंदूक लूट ली। पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह घटना जौरा तहसील के आलापुर गांव में मंगलवार रात डेढ़ बजे के करीब हुई और इस दौरान राजकुमार यादव उनकी पत्नी मंजू यादव और दो बच्चे घर पर ही थे। मंजू गांव की सरपंच हैं जबकि उनके पति राजकुमार एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं।जौरा थाना प्रभारी उदयभान सिंह ने बताया कि पीड़ित परिवार की शिकायत पर लूट-पाट और डकैती सहित भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपियों में से एक को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि दो अब भी फरार हैं। उन्होंने कहा, "उनके रिश्तेदारों के यहां दबिश दी जा रही है।" राजकुमार ने बताया कि रात डेढ़ बजे के करीब चार लोग हथियार लेकर घर में घुस आए जबकि कुछ बाहर खड़े थे। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने पुलिस को कॉल करने की कोशिश की तो लुटेरों ने उनपर कट्टा तान दिया तथा परिवार के सभी सदस्यों के हाथ-पैर बांधकर तिजोरी की चाबी ले ली और जेवरात तथा एक बंदूक लूटकर फरार हो गए। उन्होंने दावा किया कि जमीन की रजिस्ट्री के लिए घर में रखे 50 लाख रुपये भी वे लूट कर ले गए।मुरैना के पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने बुधवार को घटना स्थल का निरीक्षण किया और कहा कि यह गंभीर मामला है। उन्होंने कहा, "बहुत जल्द हम इस मामले का खुलासा करेंगे।"
- नयी दिल्ली. संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा और 21 अगस्त को समाप्त होगा। सत्र पहले निर्धारित कार्यक्रम की तुलना में एक सप्ताह अधिक समय तक चलेगा, जिसका मतलब है कि इस दौरान काफी कामकाज होगा। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 21 जुलाई से 21 अगस्त तक सत्र आहूत करने के सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उन्होंने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “स्वतंत्रता दिवस समारोहों के मद्देनजर 13 और 14 अगस्त को कोई बैठक नहीं होगी।" पहले यह सत्र 12 अगस्त को समाप्त होना था, लेकिन अब इसे एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है। सत्र की अवधि लंबी होने का निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब सरकार परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी क्षेत्र के प्रवेश को सुगम बनाने समेत कई महत्वपूर्ण विधेयक लाने की योजना बना रही है। सरकार, परमाणु क्षेत्र को निजी कम्पनियों के लिए खोलने की केन्द्रीय बजट में की गई घोषणा को क्रियान्वित करने के लिए परमाणुवीय नुकसान के लिए सिविल दायित्व अधिनियम, 2010 और परमाणु ऊर्जा अधिनियम में संशोधन करने की योजना बना रही है। विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर पर बहस की मांग कर रहा है, जिसके तहत 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में आतंकवादियों के ठिकानों पर हमला किया था। विपक्षी दल भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान परमाणु युद्ध को टालने के लिए मध्यस्थता के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दावों पर भी सरकार से जवाब मांग रहे हैं। सरकार ने ट्रंप के दावों को खारिज कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले महीने फोन पर ट्रंप से कहा था कि भारत ने कभी भी मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है और भविष्य में भी कभी स्वीकार नहीं करेगा। मोदी ने ट्रंप से यह भी कहा कि सैन्य कार्रवाई रोकने का निर्णय पाकिस्तान के अनुरोध के बाद लिया गया था।
- नोएडा. उत्त्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले में साइबर अपराधियों ने अलग-अलग मामलों में एक महिला वकील समेत दो बुजुर्गों को ‘डिजिटल अरेस्ट' कर उनसे करीब चार करोड़ रुपये की कथित तौर पर ठगी कर ली। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने दोनों मामलों में प्राथमिकी दर्ज कर ली है।पहले मामले में, अधिकारियों ने बताया कि 72 वर्षीय महिला वकील ने थाना साइबर अपराध में यह रिपोर्ट दर्ज कराई है कि अज्ञात साइबर अपराधियों ने उन्हें कई दिनों तक ‘डिजिटल अरेस्ट' कर उनसे तीन करोड़ 29 लाख 70 हजार रुपये की ठगी की। थाना साइबर अपराध के एक अधिकारी के मुताबिक, पीड़िता हेमंतिका वाही ने मंगलवार को थाने में दी अपनी शिकायत में कहा कि 10 जून को उन्हें एक फोन आया और कॉल करने वाले व्यक्ति ने कहा कि उनके आधार कार्ड का उपयोग कर चार बैंक खाते खोले गए हैं और इस संबंध एक मुकदमा दर्ज हुआ है। पीड़िता की शिकायत के अनुसार, इन खातों में मिले पैसों का इस्तेमाल जुआ, ब्लैकमेलिंग, हथियारों की अवैध खरीद आदि में किया गया है, इसलिए वह एक फोन नंबर पर संपर्क करें। अधिकारी ने बताया कि उपलब्ध कराये गए नंबर पर जब पीड़िता ने संपर्क किया तो उनसे कहा गया कि वह गंभीर अपराध में शामिल हैं। महिला के अनुसार, इसके बाद उन्हें फर्जी थाने से कॉल आने लगे और उनसे बैंकों में जमा राशि का विवरण पूछा गया तथा तीन करोड़ 29 लाख 70 हजार रुपये की ठगी कर ली गई। वहीं, दूसरे मामले में निजी कंपनी से सेवानिवृत्त हुए 75 वर्षीय बुजुर्ग को 12 दिनों तक ‘डिजिटल अरेस्ट' रख कर साइबर अपराधियों ने 49.5 लाख रुपये ठग लिए। पुलिस उपायुक्त (साइबर अपराध) प्रीति यादव ने बताया कि नोएडा के सेक्टर 29 में रहने वाले राजीव कुमार ने मंगलवार रात थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि 18 जून को उनके लैंडलाइन पर एक कॉल आया और फोन करने वाले व्यक्ति ने कहा कि उनके फोन नंबर और आधार कार्ड का उपयोग कर चार बैंक खाते खोले गए हैं, जिनका इस्तेमाल मादक पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी, आतंकी गतिविधियों के लिए धन शोधन के वास्ते किया जा रहा है और उनका फोन नंबर दो घंटे में बंद कर दिया जाएगा। उनके मुताबिक, बुजुर्ग व्यक्ति ने ठगों से इस मामले से बाहर निकालने का अनुरोध किया, तो आरोपियों ने गोपनीय समझौते की बात कही तथा यह कहा कि वह कोई भी जानकारी किसी से साझा नहीं करें, अपनी पत्नी को साथ रखें और अपने बच्चों को भी इस बारे में कुछ नहीं बताएं। पीड़ित ने बताया कि उन्हें 18 जून से 30 जून तक ‘डिजिटल अरेस्ट' करके रखा गया और इस बीच आरोपियों ने मदद करने के बहाने उनसे अपने विभिन्न खातों में तीन बार में 49 लाख 50 हजार रुपये डलवा लिए। यादव ने बताया कि पीड़ित ने मंगलवार साइबर अपराध थाने में मामले की शिकायत की।
- पहले ही दिन चलने लगानयी दिल्ली. पिछले आठ वर्षों से घुटने के गंभीर दर्द से जूझ रहे झारखंड के 54 वर्षीय एक व्यक्ति ने यहां रोबोट की सहायता से सीमेंटरहित ‘मीडियल पिवट टोटल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी (घटना प्रतिरोपण संबंधी ऑपरेशन) करवाई है और उसी दिन उसने चलना भी शुरू किया। झारखंड के धनबाद के 54 वर्षीय बृज किशोर आठ साल से अधिक समय से घुटने के दर्द और अन्य संबंधित परेशानियां से जूझ रहे थे। किशोर ने बताया कि इस दौरान, उन्होंने स्थानीय डॉक्टरों से इलाज करवाया, होम्योपैथिक दवाइयां भी लीं और यहां तक कि चिकित्सा परामर्श के लिए कोलकाता भी गए तथा आखिरकार, वह दिल्ली आ गए। यहां उनकी 23 जून को साकेत के मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में सर्जरी हुई।अस्पताल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उनके दोनों घुटनों में गंभीर ‘ऑस्टियोआर्थराइटिस' के साथ-साथ ‘वारस (धनुष-पैर)' और ‘फ्लेक्सन (घुटने मुड़े हुए)' संकुचन जैसी जटिल विकृतियां सामने आयीं। वह बिना सहारे के चलने में असमर्थ थे। इस सर्जरी का नेतृत्व ‘मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट' के अध्यक्षन डॉ. सुजॉय भट्टाचार्जी ने किया, जिन्होंने मरीज की गतिशीलता बहाल करने के लिए सीमेंटरहित ‘मीडियल पिवट क्रूसिएट-रिटेनिंग (सीआर) इम्प्लांट' के साथ-साथ उन्नत रोबोटिक तकनीक (सीयूवीआईएस रोबोटिक सिस्टम) का इस्तेमाल किया। भट्टाचार्जी ने कहा कि यह ‘इम्प्लांट (प्रतिरोपित कृत्रिम अंग)' का डिजाइन इसके चारों ओर प्राकृतिक हड्डी के विकास की अनुमति देता है, जिससे पारंपरिक सीमेंट की आवश्यकता समाप्त हो जाती है और बेहतर दीर्घकालिक परिणाम मिलते हैं। उन्होंने दावा किया, ‘‘दुनिया में रोबोटिक संयुक्त प्रतिस्थापन में यह पहली बार हुआ है। रोबोट द्वारा सक्षम सटीकता और सीमेंटरहित ‘इम्प्लांट' के उपयोग से मरीज तेजी से स्वस्थ हुआ ..।'' डॉ. भट्टाचार्जी ने कहा,‘‘सर्जरी से पहले वह मुश्किल से चल पा रहा था। लेकिन ऑपरेशन के दिन ही, वह सहायता के साथ चलने में कामयाब हो गया। कुछ ही दिनों में, वह नए आत्मविश्वास के साथ स्वतंत्र रूप से चलने लगा।'
- नयी दिल्ली. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने बुधवार को वेब आधारित बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली सी-फ्लड की शुरुआत की, जिसके जरिये ग्राम स्तर पर दो दिन पहले ही बाढ़ की चेतावनी जारी की जा सकेगी। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी), सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डीएसी) और राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) ने यह प्रणाली तैयार की है। प्रणाली को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा संयुक्त रूप से संचालित राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के तहत चालू किया गया है। पाटिल ने कहा, "यह बाढ़ से निपटने में एक परिवर्तनकारी कदम है।"मंत्री ने सीडब्ल्यूसी और संबद्ध संस्थाओं को बाढ़ संबंधी अध्ययन के लिए एक राष्ट्रीय योजना तैयार करने और सभी प्रमुख नदी घाटियों को इसमें शामिल करने का निर्देश दिया। फिलहाल यह प्रणाली 2-डी हाइड्रोडायनामिक मॉडल का उपयोग करके महानदी, गोदावरी और तापी नदी घाटियों के लिए बाढ़ संबंधी मानचित्र और जल स्तर के संबंध में पूर्वानुमान व्यक्त करती है। वहीं, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने बुधवार को कहा कि उन्होंने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ जल क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) जैसी आधुनिक तकनीकों के उपयोग पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बात पर विचार किया कि किस प्रकार उभरती प्रौद्योगिकियों को जल प्रशासन में एकीकृत किया जा सकता है ताकि प्रबंधन प्रणालियों को अधिक सटीक, पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सके। पाटिल ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, हम सुशासन के एक अनिवार्य भाग के रूप में प्रौद्योगिकी को एकीकृत करके जल प्रबंधन को अधिक सटीक, पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
- पटना. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार आतंकवादियों का सफाया करने में संकोच नहीं करेगी, चाहे वे कहीं भी हों, तथा सरगना और उन्हें प्रायोजित करने वाली सरकारों के बीच कोई अंतर नहीं किया जाएगा। सिंह ने बिहार में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की राज्य कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए, पड़ोसी देश का नाम लिए बिना पाकिस्तान को यह कड़ा संदेश दिया। राज्य में आगामी महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं।रक्षा मंत्री ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में, ‘सर्जिकल स्ट्राइक' और बालाकोट हवाई हमले जैसे कदमों के साथ देश की सुरक्षा नीति में नया बदलाव आया है। रक्षा मंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद चलाए गए सैन्य अभियान का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर के तहत पहली बार हमने अपनी सीमा से 100 किलोमीटर दूर स्थित आतंकी ठिकानों पर हमला किया। बेशक, हमने केवल उन लोगों पर हमला किया, जिन्होंने हम पर हमला किया था। यही कारण है कि किसी भी नागरिक या सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया।'' उन्होंने कहा, ‘‘मोदी के नेतृत्व में, हमारी नीति आतंकवादियों को खत्म करने में संकोच न करने की रही है, चाहे वे कहीं भी हों। और हम यह आतंकवादी हमलों के सरगना और उन्हें प्रायोजित करने वाली सरकारों के बीच कोई भेद किए बिना करेंगे।'' सिंह ने कहा कि मोदी के ‘‘स्वदेशीकरण'' और ‘‘आत्मनिर्भर भारत'' पर जोर देने के कारण देश के रक्षा निर्यात में तेज वृद्धि देखी गई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘मोदी सरकार दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ काम करती है, जो पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकारों से बिल्कुल अलग है, जिनमें दिशाहीनता थी और जो वोट बैंक की चिंता से प्रेरित थीं।'' सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले की टिप्पणी पर उठे विवाद का भी परोक्ष संदर्भ दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि संविधान की प्रस्तावना से ‘पंथनिरपेक्ष' और ‘समाजवादी' शब्दों को हटा दिया जाना चाहिए, क्योंकि इन्हें आपातकाल के दौरान जोड़ा गया था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं फर्जी धर्मनिरपेक्षतावादियों से पूछना चाहता हूं कि देश के संविधान में पंथनिरपेक्ष शब्द जुड़ने के बाद जम्मू कश्मीर के अलग संविधान में इसे क्यों नहीं जोड़ा गया? क्या उस राज्य को पंथनिरपेक्ष नहीं होना चाहिए था, जहां अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे थे? जम्मू कश्मीर तभी पंथनिरपेक्ष बना, जब अनुच्छेद 370 हटाया गया।'' भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि पार्टी (भाजपा) पूरी दुनिया में एकमात्र राजनीतिक संगठन है जिसने पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई और सत्ता में आने पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के रूप में एक ठोस कदम उठाया। उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने हमेशा सभी धर्मों से सम्मान के साथ व्यवहार करने में विश्वास किया है। पारसियों को खुले दिल से स्वीकार किया गया। केरल में, दुनिया के सबसे पुराने गिरजाघरों में शामिल गिरजाघर भी है। हमारा एकमात्र ऐसा देश है जहां इस्लाम के सभी 72 फिरकों (पंथों) को मान्यता दी गई है।'' सिंह ने कहा कि इसके विपरीत, पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमानों को भी उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘बांग्लादेश में भी स्थिति भयावह है। वहां हिंदुओं के साथ जो व्यवहार किया जा रहा है, वह मानवता पर कलंक है।
- पुलिस के सामने किया आत्मसमर्पणब्रह्मपुर (ओडिशा). ओडिशा के ब्रह्मपुर शहर में एक प्रेमी ने लॉज में बुलाने के बाद प्रेमिका की कथित तौर पर हत्या कर दी और बाद में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान प्रिया कुमारी मोहराना के रूप में हुई है, जबकि आरोपी की पहचान अभय कुमार मोहराना (24) के रूप में हुई है। वह ब्रह्मपुर के लांजीपल्ली इलाके का निवासी है। पुलिस के अनुसार, आरोपी अभय ने न्यू बस स्टैंड के पास एक लॉज में मंगलवार को पूर्वाह्न 11.30 बजे प्रवेश किया था। प्रिया थोड़ी देर बाद पहुंची थी। दोनों ने कुछ समय साथ बिताया था। उसके बाद आरोपी अभय ने अपराह्न तीन बजे के आसपास कई बार चाकू से उस पर वार किया जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि घटना के बाद आरोपी अपने हाथ पर लगी चोट का इलाज कराने सिटी अस्पताल गया। वहां से वह गोसानिनुआगांव पुलिस थाने पहुंचा और आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने दावा किया कि प्रिया के किसी अन्य व्यक्ति से विवाह करने के निर्णय से नाराज होकर आरोपी ने लॉज में उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि प्रिया यहां एक निजी अस्पताल में प्रयोगशाला सहायिका के रूप में काम करती थी। वहीं, आरोपी एक निजी कंपनी में काम करता था और पिछले तीन महीनों से बेरोजगार था। ब्रह्मपुर के पुलिस अधीक्षक सरवण विवेक एम. ने कहा, ‘‘उन्होंने एक दिन के लिए कमरा बुक किया था। आरोपी उसे मारने के लिए चाकू लेकर आया था। कमरे में कुछ देर रुकने के बाद आरोपी ने उस पर चाकू से हमला कर दिया।'' पुलिस ने बताया कि पीड़िता ने बचने का प्रयास किया, लेकिन आरोपी ने उसे दबोच लिया और उसकी गर्दन, पीठ, छाती और पेट पर कई बार चाकू से वार किया। पुलिस के अनुसार, आरोपी अभय ने अपने दोनों मोबाइल फोन शहर के बिजीपुर इलाके के पास एक तालाब में फेंक दिए थे।
- नयी दिल्ली. ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल संपर्क परियोजना के तहत तैयार की जा रही एक सुरंग का काम 29 जून को पूरा करने के साथ ही निर्माण कंपनी ‘लार्सन एंड टूब्रो' ने सुरंग निर्माण में ‘सिंगल-शील्ड हार्ड रॉक टनल बोरिंग मशीन' के उपयोग का नया विश्व रिकॉर्ड बना दिया है। ‘एलएंडटी लिमिटेड' के निदेशक एस.वी. देसाई ने मंगलवार को कहा, ‘‘टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) टीम ने ‘शिव' नाम की ‘सिंगल-शील्ड हार्ड रॉक टीबीएम' का इस्तेमाल करते हुए एक महीने (31 दिन) में 790 मीटर सुरंग बनाकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है।'' कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि यह पहली बार है जब दुनिया में कहीं भी ‘सिंगल-शील्ड हार्ड रॉक टनल बोरिंग मशीन' का इतने कुशल तरीके से उपयोग किया गया। परियोजना निदेशक राकेश अरोड़ा ने कहा, ‘‘देश की सबसे लंबी रेलवे सुरंग तैयार करने के लिए अंतिम चरण के तहत टीबीएम ने मई-जून में 31 दिन के भीतर 790 मीटर खुदाई की और सफलता प्राप्त की।'' यह 13.09 किलोमीटर लंबी सुरंग डाउनलाइन है जो 14.57 किलोमीटर लंबी अपलाइन सुरंग से समानांतर और 25 मीटर की दूरी पर है। अपलाइन सुरंग की खुदाई का काम इसी साल 16 अप्रैल 2025 को पूरा कर लिया गया था। देवप्रयाग और जनासू के बीच ये दोहरी सुरंगें देश की सबसे लंबी परिवहन सुरंग हैं और उत्तराखंड में महत्वाकांक्षी 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल संपर्क परियोजना का हिस्सा हैं। इस मार्ग को दिसंबर 2026 में चालू किया जाना है। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि दोनों सुरंगों की कुल लंबाई 30 किलोमीटर है।सुरंग बनाने में 70 प्रतिशत कार्य (21 किमी) टीबीएम के माध्यम से किया गया, शेष 30 प्रतिशत (नौ किमी) खुदाई और ब्लास्ट के माध्यम से पूरा किया गया। अरोड़ा ने कहा, ‘‘शक्ति नाम की पहली टीबीएम ने 16 अप्रैल को निर्धारित समय से 12 दिन पहले अपलाइन सुरंग का 10.47 किलोमीटर का काम पूरा कर लिया था, जबकि दूसरी टीबीएम शिव ने निर्धारित समय से एक दिन पहले 29 जून को डाउनलाइन सुरंग का 10.29 किलोमीटर निर्माण पूरा कर लिया।''
- चामराजनगर. कर्नाटक के गुंडलूपेट में बुधवार सुबह सड़क के किनारे 20 से अधिक बंदर मृत पाए गए, जिसके बाद वन अधिकारियों ने गड़बड़ी का संदेह जताकर जांच शुरू कर दी। अधिकारियों ने बताया कि यह घटना सुबह करीब 6:30 बजे सामने आई, जब गुंडलूपेट बफर जोन के वन अधिकारियों को कंडेगला और कोडासोगे के बीच सड़क के किनारे कई बंदरों के मृत होने की सूचना मिली। उन्होंने बताया कि पास में ही एक बोरा भी मिला, जिससे संदेह पैदा हुआ कि बंदरों को लाकर इस स्थान पर फेंका गया था। वन मंत्री ईश्वर खांदरे ने एक बयान में कहा कि दो बंदर जीवित मिले लेकिन वह बेहद कमजोर हालत में थे।बयान में कहा गया कि दोनों बंदरों को उपचार के लिए गुंडलूपेट में पशुपालन विभाग ले जाया गया और पशु चिकित्सक उनकी स्थिति पर नजर रख रहे हैं। वन विभाग ने गुंडलूपेट उप-विभाग के सहायक वन संरक्षक को जांच में शामिल किया है और जांच में सहायता के लिए श्वान दस्ते को भी तैनात किया गया है। बयान में कहा गया है कि कंडेगला-कोडासोगे के आस-पास के क्षेत्र से सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई, लेकिन अपराधियों के बारे में अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। वरिष्ठ वन अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया, और मौत के कारण का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम जांच के आदेश दिए गए हैं।-file photo
- नयी दिल्ली. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) भले ही किसी कंपनी के निर्णय लेने और रणनीति में अधिक महत्वपूर्ण होती जा रही है, लेकिन नियोक्ता अब भी बिजनेस स्कूल के स्नातकों की बहुमुखी प्रतिभा और रणनीतिक सोच की ओर ही रुख कर रहे हैं। ग्रेजुएट मैनेजमेंट एडमिशन काउंसिल (जीएमएसी) के एक नये सर्वेक्षण से यह जानकारी मिली। सर्वेक्षण में पाया गया है कि नियोक्ता अपने नियुक्ति निर्णयों पर महंगाई और मंदी की आशंकाओं के प्रभाव को देख रहे हैं, लेकिन हाल में बिजनेस स्कूल से स्नातक हुए छात्र अपने करियर की संभावनाओं के बारे में आशावादी बने रह सकते हैं, क्योंकि उन्हें पूरे परिदृश्य में एआई के तेजी से एकीकरण से प्रोत्साहन मिला है। जीएमएसी द्वारा वैश्विक कॉर्पोरेट भर्तीकर्ताओं के वार्षिक सर्वेक्षण में पाया गया है कि समस्या-समाधान और रणनीतिक सोच आज भी नियोक्ताओं की शीर्ष प्राथमिकता वाले कौशल हैं। जीएमएसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जॉय जोन्स ने कहा कि एआई किसी कंपनी के निर्णय लेने और रणनीति विकास में अभिन्न हिस्सा होता जा रहा है, इसके बावजूद नियोक्ता बहुमुखी प्रतिभा और रणनीतिक सोच के लिए बिजनेस स्कूल के स्नातकों की ओर रुख कर रहे हैं। जोन्स ने कहा, "मैं बिजनेस स्कूलों द्वारा अपने विद्यार्थियों में इन प्रासंगिक कौशलों को जानबूझकर विकसित करने की सराहना करता हूं, जो निरंतर विकसित हो रही कारोबारी दुनिया में मूल्यवान योगदानकर्ता और भविष्य के नेता के रूप में उभर कर सामने आते हैं।" इस वर्ष का सर्वेक्षण कुल 1,108 कॉर्पोरेट भर्तीकर्ताओं और नियुक्ति प्रबंधकों के साथ किया गया।
- नयी दिल्ली. नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों का व्यापक विकास नीतियों के साथ समायोजन करने से वर्ष 2060 तक करीब 19.3 करोड़ लोगों को अत्यधिक गरीबी की स्थिति से बाहर निकाला जा सकता है। इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को कुल 20.4 लाख करोड़ डॉलर की बचत भी होगी। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की एक अध्ययन रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। इस अध्ययन का उद्देश्य यह पता लगाना था कि सुसंगत नीतियों और वित्तपोषण के साथ नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य उत्सर्जन में कटौती, अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने और सामाजिक लाभ प्रदान करने में किस तरह मदद कर सकते हैं। इस अध्ययन रिपोर्ट में तीन परिदृश्यों का आकलन किया गया है। पहले परिदृश्य में वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य जीवाश्म ईंधन पर निर्भर है जिससे वैश्विक तापमान में 2.6 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी के साथ गरीबी, कुपोषण में बढ़ोतरी और बिजली, साफ पानी एवं स्वच्छता सेवाओं तक पहुंच बाधित होगी। दूसरा परिदृश्य नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल में तेजी से जुड़ा है, जिससे वर्ष 2060 तक जीवाश्म ईंधन की हिस्सेदारी घटकर सिर्फ 12 प्रतिशत रह जाएगी। इससे वैश्विक तापमान में वृद्धि दो डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने में सफलता मिलेगी। तीसरा परिदृश्य सबसे महत्वाकांक्षी है जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा को स्वास्थ्य, शिक्षा, पानी और खाद्य प्रणालियों में निवेश के साथ बढ़ावा दिया जाता है और इसके नतीजे भी सबसे परिवर्तनकारी निकलेंगे। इस परिदृश्य में बिजली और स्वच्छ खाना पकाने तक सबकी पहुंच होगी, 14.2 करोड़ लोग कुपोषण से बाहर लाए जाएंगे और 55 करोड़ से अधिक लोगों को स्वच्छ पानी और स्वच्छता तक पहुंच मिलेगी। यूएनडीपी में जलवायु परिवर्तन की वैश्विक निदेशक कैसी फ्लिन ने कहा, ‘‘यह अध्ययन दिखाता है कि स्वच्छ ऊर्जा का भविष्य संभव है, लेकिन इसके लिए समावेशी विकास नीतियों से जुड़ी जलवायु योजनाओं में नवीकरणीय महत्वाकांक्षा को शामिल करना होगा।'' इस परिदृश्य के तहत ऊर्जा दक्षता बचत में 8.9 लाख करोड़ डॉलर और नवीकरणीय ऊर्जा की घटती लागत से 11.5 लाख करोड़ डॉलर की बचत होगी जबकि वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को 21 प्रतिशत तक बढ़ावा मिलेगा और वर्ष 2060 तक प्रति व्यक्ति आय में 6,000 डॉलर की बढ़ोतरी होगी। अध्ययन में सहयोगी संस्थान ऑक्टोपस एनर्जी के संस्थापक ग्रेग जैक्सन ने स्वच्छ ऊर्जा से पैदा हो सकने वाली वृद्धि क्षमता पर जोर दिया। हालांकि, जीवाश्म ईंधन अब भी वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति का 70 प्रतिशत से अधिक है और पिछले साल की ऊर्जा मांग वृद्धि में इसका बड़ा योगदान रहा है। पारडी इंस्टिट्यूट के निदेशक जोनाथन मोयर ने वैश्विक नेताओं से इन विकास रणनीतियों को अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि वैश्विक विकास को पर्यावरण संरक्षण के साथ संतुलित करना संभव है।
- श्रीनगर. कश्मीर के कई स्थानों पर अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे का स्थानीय अधिकारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया, क्योंकि सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु बुधवार को घाटी में पहुंचे। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 5,892 यात्रियों के पहले जत्थे को जम्मू के भगवती नगर स्थित यात्रा आधार शिविर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर घाटी में पहुंचने पर तीर्थयात्रियों के काफिले का कुलगाम, अनंतनाग और श्रीनगर जिलों में प्रशासन और स्थानीय लोगों ने जोरदार स्वागत किया। तीर्थयात्री दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के काजीगुंड इलाके में नवयुग सुरंग के माध्यम से घाटी पहुंचे, जहां उनका स्वागत दक्षिण कश्मीर रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक और कुलगाम के उपायुक्त ने किया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता रवींद्र रैना भी उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने यात्रियों का माला, फूलों के गुलदस्ते, मिठाइयों और फूल बरसाकर स्वागत किया। काफिले अलग-अलग बालटाल और पहलगाम आधार शिविरों के लिए रवाना हुए, जहां से वे बृहस्पतिवार तड़के 3,880 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर के लिए रवाना होंगे। अधिकारियों ने बताया कि आधार शिविरों की ओर जाते समय पहलगाम के नुनवान आधार शिविर और शहर के नौगाम इलाके में भी तीर्थयात्रियों का स्वागत किया गया। अमरनाथ मंदिर की 38 दिवसीय तीर्थयात्रा बृहस्पतिवार को घाटी से अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबे छोटे लेकिन अधिक खड़ी चढ़ाई वाले बालटाल मार्ग से शुरू होगी। यात्रा नौ अगस्त को समाप्त होगी। इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए अब तक 3.31 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है।
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नयी दिल्ली. केंद्र सरकार ने यात्री सेवाओं के लिए निजी (गैर-परिवहन) मोटरसाइकिल के इस्तेमाल को मंगलवार को मंजूरी दे दी और कहा कि यह राज्य सरकार की स्वीकृति पर निर्भर करेगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अपने 'मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश 2025' में कहा कि इन नए दिशानिर्देशों में उपयोगकर्ता की सुरक्षा और चालक के कल्याण के मुद्दों पर ध्यान देते हुए एक हल्की-फुल्की नियामक प्रणाली निर्धारित करने का प्रयास किया गया है। दिशानिर्देश में कहा गया है, "राज्य सरकार एग्रीगेटर्स के माध्यम से यात्री सेवाओं के लिए गैर-परिवहन मोटरसाइकिल के इस्तेमाल को मंजूरी दे सकती है, जिसके परिणामस्वरूप यातायात की भीड़ और वाहन प्रदूषण में कमी आएगी, साथ ही सस्ती यात्रा और आजीविका के अवसर बढ़ेंगे।" इस कदम से रैपिडो और उबर जैसे बाइक टैक्सी ऑपरेटरों को राहत मिली है, जो लंबे समय से कानूनी अनिश्चितता के बीच काम कर रहे थे, खासकर कर्नाटक जैसे राज्यों में, जहां हाल ही में बाइक टैक्सियों पर प्रतिबंध के कारण व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ था। उबर और रैपिडो समेत प्रमुख कंपनियों ने इस कदम का स्वागत किया है।
उबर के प्रवक्ता ने कहा, “यह विनियामक स्पष्टता को बढ़ावा देने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है। हम मंत्रालय के संतुलित दृष्टिकोण की सराहना करते हैं, और दिशा-निर्देशों के प्रभावी व समावेशी कार्यान्वयन का समर्थन करने के लिए सभी स्तरों पर सरकारों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” रैपिडो ने एक बयान में कहा, " इस फैसले से सरकार ने लाखों लोगों के लिए अधिक किफायती परिवहन विकल्प खोल दिए हैं। इस कदम से यातायात की भीड़ और प्रदूषण जैसी चुनौतियों का समाधान करने में भी मदद मिलेगी।” -
नयी दिल्ली. केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को पेंशन प्रशासन में तत्काल व्यवस्थागत सुधारों की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों की संख्या अब सेवारत कर्मचारियों से अधिक हो गई है। सिंह ने यहां विज्ञान भवन में पेंशन मुकदमों पर आयोजित एक कार्यशाला में कहा कि पेंशन से जुड़े कानूनी विवादों को कम करना और सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को त्वरित न्याय सुनिश्चित करना जरूरी हो गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 60 लाख से अधिक पेंशनभोगी हैं जो सेवारत केंद्रीय कर्मचारियों की संख्या से अधिक है। ऐसे में पेंशन प्रशासन से जुड़ी चुनौती नए दौर में पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा, ‘‘पेंशन से संबंधित मुकदमों की उत्पत्ति अक्सर नियमों की गलत व्याख्या से होती है और अगर शिकायतों को निपटारा न हो तो वरिष्ठ नागरिकों को गैरजरूरी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।'' उन्होंने कहा कि लगभग 300 पेंशन संबंधी मामले लंबित हैं, जिनमें से 70 प्रतिशत केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के समक्ष विचाराधीन हैं। इन सभी मामलों में सरकार एक पक्ष है। कार्यशाला में भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने वर्ष 2028 तक ‘शून्य पेंशन मुकदमेबाजी' का महत्वाकांक्षी लक्ष्य पेश किया। उन्होंने मध्यस्थता और सुलह की व्यवस्था अपनाने, डिजिटल माध्यमों का उपयोग करने और मुकदमेबाजी प्रबंधन के लिए एक संरचित राष्ट्रीय दृष्टिकोण की भी वकालत की। कार्मिक राज्यमंत्री ने पेंशन मामलों से संबंधित जागरूकता और शिकायत निवारण को बढ़ाने के लिए कई प्रकाशन और पहल भी शुरू कीं। इनमें विशेष अभियान 2.0 भी शामिल है जो पारिवारिक और अति-वरिष्ठ पेंशनभोगियों की शिकायतों को हल करने पर केंद्रित है।
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नयी दिल्ली/ रेलवे अगले दिन सुबह पांच बजे से दोपहर दो बजे के बीच रवाना होने वाली ट्रेनों के लिए रात नौ बजे तक आरक्षण चार्ट तैयार करेगा, जबकि बाकी ट्रेनों के लिए यह आठ घंटे पहले तैयार किया जाएगा। वर्ष 2015 से, पहला आरक्षण चार्ट ट्रेन के प्रस्थान के निर्धारित समय से कम से कम चार घंटे पहले तैयार किया जाता रहा है। रेल मंत्रालय द्वारा इस मामले में पहली बार नियम बनाए जाने के बाद ऐसा किया जा रहा था। मंत्रालय के अनुसार, यात्रियों की सुविधा के लिए चार्ट से जुड़े नियम में नवीनतम बदलाव किया गया है।
रेलवे बोर्ड ने दो जुलाई को सभी जोन को जारी एक परिपत्र में निर्देश दिया कि ‘‘सुबह पांच बजे से दोपहर दो बजे के बीच प्रस्थान करने वाली ट्रेनों के लिए, पहला आरक्षण चार्ट, एक दिन पहले रात नौ बजे तक तैयार किया जाएगा।'' दोपहर दो बजे से रात 11:59 बजे तथा रात 12 बजे से सुबह 5:00 बजे के बीच प्रस्थान करने वाली ट्रेनों के लिए, पहला आरक्षण चार्ट आठ घंटे पहले तैयार किया जाएगा। परिपत्र में सभी जोन को आवश्यक निर्देश जारी करने को कहा गया, लेकिन इसके कार्यान्वयन की कोई निश्चित तारीख नहीं बताई गई है, न ही दूसरे आरक्षण चार्ट को तैयार करने में किसी बदलाव का उल्लेख किया गया है। रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ट्रेन के प्रस्थान से आठ घंटे पहले चार्ट तैयार होने के बाद, यदि सीट खाली रह जाती है, तो यात्री इन्हें ट्रेन के रवाना होने से ठीक पहले बुकिंग सुविधा के तहत आरक्षित करा सकते हैं। दूसरा चार्ट ट्रेन के प्रस्थान से 30 मिनट से पांच मिनट पहले तैयार किया जाता है और यह मुख्य रूप से ट्रेन के रवाना होने से ठीक पहले बुकिंग के तहत टिकट लेने वाले यात्रियों के लिए होता है।'' चार्ट तैयार होने और ट्रेन के रवाना होने के बीच समय अंतराल बढ़ाने का कारण पूछे जाने पर अधिकारियों ने कहा कि हालांकि, यात्रियों की ओर से यह अंतराल बढ़ाने के बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है, लेकिन मंत्रालय का मानना है कि यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना बनाने के लिए अधिक समय देना चाहिए। रेलवे बोर्ड ने बीकानेर रेल डिवीजन में 24 घंटे पहले आरक्षण चार्ट तैयार करने के लिए एक प्रायोगिक परियोजना भी चलाई थी और उस अनुभव के आधार पर आठ घंटे का अंतराल तय किया गया। अधिकारियों ने कहा, ‘‘यदि आपको आठ घंटे पहले पता चल जाए कि आपकी टिकट ‘कन्फर्म' हुई है या नहीं, तो इससे अनिश्चितता दूर होगी और आपको अपनी यात्रा की योजना सही ढंग से बनाने में मदद मिलेगी।'' उन्होंने कहा कि टिकट ‘कन्फर्म' हो जाने पर, इसे रद्द किये जाने की स्थिति में यात्रियों को जुर्माने के रूप में टिकट की राशि का एक बड़ा हिस्सा गंवाना पड़ेगा। टिकट रद्द करने संबंधी नियमों के अनुसार, यदि प्रस्थान से 48 से 12 घंटे पहले ‘कन्फर्म' टिकट रद्द किया जाता है, तो यात्रियों को टिकट की राशि का 25 प्रतिशत वापस मिलेगा। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘टिकट रद्द होने के कारण खाली होने वाली सीट ट्रेन के प्रस्थान करने से ठीक पहले बुकिंग प्रणाली के माध्यम से भरी जाएंगी।''
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज बुधवार को अब से कुछ देर पहले पांच देशों की यात्रा पर नई दिल्ली से रवाना हुए। पीएम मोदी ने घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया के लिए प्रस्थान करने से पहले जारी वक्तव्य में कहा, ”मेरी इन देशों की यात्रा से ग्लोबल साउथ में भारत के मैत्रीपूर्ण रिश्ते मजबूत होंगे।” प्रधानमंत्री के इस वक्तव्य को भारत सरकार के पत्र एवं सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने जारी किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर भी साझा किया है।
घाना ग्लोबल साउथ में मूल्यवान भागीदारउन्होंने लिखा है, ” आज, मैं 02 से 09 जुलाई 2025 तक घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की पांच देशों की यात्रा पर जा रहा हूं। राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के निमंत्रण पर मैं 02-03 जुलाई को घाना जाऊंगा। घाना वैश्विक दक्षिण में एक मूल्यवान भागीदार है और अफ्रीकी संघ और पश्चिमी अफ्रीकी राज्यों के आर्थिक समुदाय में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मैं अपने आदान-प्रदान की प्रतीक्षा कर रहा हूं जिसका उद्देश्य हमारे ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा करना और निवेश, ऊर्जा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, क्षमता निर्माण और विकास साझेदारी के क्षेत्रों सहित सहयोग के नए द्वार खोलना है। साथी लोकतंत्रों के रूप में, घाना की संसद में बोलना मेरे लिए सम्मान की बात होगी।”अर्जेंटीना के राष्ट्रपति से मिलने का इंतजारप्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ” पोर्ट ऑफ स्पेन से मैं ब्यूनस आयर्स की यात्रा करूंगा। यह 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की अर्जेंटीना की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। अर्जेंटीना लैटिन अमेरिका में एक प्रमुख आर्थिक साझेदार है और जी-20 में एक करीबी सहयोगी है। मैं राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ अपनी चर्चा का इंतजार कर रहा हूं, जिनसे मुझे पिछले साल मिलने का सौभाग्य भी मिला था। हम कृषि, महत्वपूर्ण खनिजों, ऊर्जा, व्यापार, पर्यटन, प्रौद्योगिकी और निवेश के क्षेत्रों सहित अपने पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।”भारत ब्रिक्स के लिए प्रतिबद्धउन्होंने कहा, ” मैं 06-07 जुलाई को रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा। एक संस्थापक सदस्य के रूप में, भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में ब्रिक्स के लिए प्रतिबद्ध है। साथ मिलकर, हम एक अधिक शांतिपूर्ण, न्यायसंगत, लोकतांत्रिक और संतुलित बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के लिए प्रयास करते हैं। शिखर सम्मेलन के दौरान, मैं कई विश्व नेताओं से भी मिलूंगा। मैं एक द्विपक्षीय राजकीय यात्रा के लिए ब्रासीलिया की यात्रा करूंगा, जो लगभग छह दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी। यह यात्रा ब्राजील के साथ हमारी घनिष्ठ साझेदारी को मजबूत करने और मेरे मित्र, राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ मिलकर ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी।”नामीबियाई संसद के संयुक्त सत्र करेंगे संबोधितप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ” मेरा अंतिम गंतव्य नामीबिया होगा। एक विश्वसनीय भागीदार जिसके साथ हम उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष का एक साझा इतिहास साझा करते हैं। मैं राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवा से मिलने और हमारे लोगों, हमारे क्षेत्रों और व्यापक वैश्विक दक्षिण के लाभ के लिए सहयोग के लिए एक नया रोडमैप तैयार करने के लिए उत्सुक हूं। नामीबियाई संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करना भी एक विशेष अवसर होगा क्योंकि हम स्वतंत्रता और विकास के लिए अपनी स्थायी एकजुटता और साझा प्रतिबद्धता का जश्न मनाते हैं।”बहुपक्षीय मंचों पर भागीदारी होगी गहरीप्रधानमंत्री ने कहा, ”मुझे विश्वास है कि इन पांच देशों की मेरी यात्रा से ग्लोबल साउथ में हमारी मैत्रीपूर्ण रिश्ते मजबूत होंगे। अटलांटिक के दोनों ओर हमारी साझेदारी मजबूत होगी। ब्रिक्स, अफ्रीकी संघ, इकोवास और कैरीकॉम जैसे बहुपक्षीय मंचों पर हमारी भागीदारी और गहरी होगी।” -
नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि भारत हाल ही में जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है और इस क्रम में 2030 तक जर्मनी को पीछे छोड़कर अर्थव्यवस्था को लेकर तीसरे पायदान पर आने की ओर अग्रसर है।
पिछले 11 वर्षों में भारत ग्यारहवीं से दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है
उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत ग्यारहवीं से दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। केंद्रीय मंत्री पुरी ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के 77वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए कहा, “हमारी जीडीपी दोगुनी से भी अधिक हो गई है, जो कि 2014 में 2.1 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2025 में 4.3 ट्रिलियन डॉलर हो गई है।”
केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि प्रमुख सामाजिक पहलों के तहत 27 करोड़ से अधिक नागरिकों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला गया है
केंद्रीय मंत्री ने वैश्विक चुनौतियों के दौरान देश की मजबूती और साहसिक नीति सुधारों, व्यापक सामाजिक कल्याण योजनाओं और सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि प्रमुख सामाजिक पहलों के तहत 27 करोड़ से अधिक नागरिकों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला गया है, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लगभग चार करोड़ घरों को मंजूरी दी गई है और जल जीवन मिशन के माध्यम से 15.4 करोड़ ग्रामीण परिवार पानी की सुविधा पा रहे हैं।
आयुष्मान भारत ने 5 लाख रुपए के बीमा लाभ के साथ 70 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को स्वास्थ्य कवरेज का विस्तार किया है
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “आयुष्मान भारत ने 5 लाख रुपए के बीमा लाभ के साथ 70 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को स्वास्थ्य कवरेज का विस्तार किया है, जो समावेशी विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।” उन्होंने वैश्विक निवेश को आकर्षित करने में भारत की सफलता पर जोर दिया, जिसमें 2014 और 2025 के बीच 748 बिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ, जो पिछले दशक की तुलना में 143 प्रतिशत की वृद्धि है।
प्रशासन में परिवर्तन भारत की विकसित होती वित्तीय संस्कृति को रेखांकित करता है
केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा, “दिवालियापन और दिवालियापन संहिता, उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजनाएं, माल और सेवा कर, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण और 25,000 से अधिक अनुपालन और 1,400 अप्रचलित कानूनों को समाप्त करने सहित नीति सुधार में मील के पत्थर ने देश के व्यापार परिदृश्य को मजबूत किया है।” उन्होंने कहा कि कर प्रशासन में परिवर्तन भारत की विकसित होती वित्तीय संस्कृति को रेखांकित करता है। दाखिल किए गए वार्षिक आयकर रिटर्न वित्त वर्ष 2013-14 में 3.6 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 8.5 करोड़ हो गए, जिनमें से 95 प्रतिशत 30 दिनों के भीतर प्रोसेस किए गए। केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा, “प्रत्येक रिटर्न, एकत्र किए गए कर का प्रत्येक रुपया, ठोस लाभ में तब्दील होता है, जिसमें माताओं के लिए एलपीजी कनेक्शन, गरीबों के लिए दवाइयां, ग्रामीण घरों के लिए बिजली, बुजुर्गों के लिए पेंशन और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर शामिल हैं।”
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नई दिल्ली। जम्मू ‘बम-बम भोले’ के नारों से गूंज रहा है। भगवान शिव शंकर के जयकारों के बीच भगवती नगर बेस कैंप से बुधवार सुबह अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू से पहला जत्था रवाना हुआ। पहले विधिवत पूजा-अर्चना की गई। इसमें जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा शामिल हुए। पूजा के बाद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
पहले चरण में लगभग 4500 श्रद्धालुओं का जत्था अमरनाथ यात्रा के लिए रवानापहले चरण में लगभग 4500 श्रद्धालुओं का जत्था अमरनाथ यात्रा पर रवाना हुआ। उपराज्यपाल ने कहा, “एक बार फिर जम्मू में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन देखने को मिल रहा है। यह आतंकवाद पर एक बहुत बड़ा तमाचा है कि देशभर से श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू पहुंच रहे हैं।”एलजी मनोज सिन्हा ने सभी श्रद्धालुओं को भगवान शिव के पवित्र निवास तक सुरक्षित और आरामदायक यात्रा की शुभकामनाएं दींएलजी मनोज सिन्हा ने सभी श्रद्धालुओं को भगवान शिव के पवित्र निवास तक सुरक्षित और आरामदायक यात्रा की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सभी के लिए शांति और आशीर्वाद के लिए बाबा अमरनाथ से प्रार्थना की। पहले जत्थे में शामिल एक महिला ने कहा कि बहुत ही अच्छा लगा है। हमें इस बात की भी खुशी है कि हम पहले जत्थे के साथ रवाना हो रहे हैं।सुरक्षा के मसले पर श्रद्धालुओं ने कहा कि जब तक हमारी सेना और प्रधानमंत्री मोदी हैं, तब तक कोई हमारा ‘बाल भी बांका’ नहीं कर सकतासुरक्षा के मसले पर श्रद्धालुओं ने कहा कि जब तक हमारी सेना और प्रधानमंत्री मोदी हैं, तब तक कोई हमारा ‘बाल भी बांका’ नहीं कर सकता है। हमें अपनी सेना पर पूरा भरोसा है। एक व्यक्ति ने कहा, “हम लोगों को यही संदेश देंगे कि बिना डर के यहां आएं। बिंदास होकर इस यात्रा के लिए पहुंच सकते हैं।”निडरता के साथ भक्त यात्रा के लिए निकल कर आ रहे हैंपुरानी मंडी मंदिर के महंत रामेश्वर दास ने कहा कि यात्रा में लोगों के मन में उत्साह है। लोगों में निडरता है, भोले के जयकारे गूंज रहे हैं। बाबा के दर्शन के लिए सरकार ने बहुत अच्छी सुविधाएं दी हैं। पहले के मुकाबले इस बार यात्रा अच्छी होगी। निडरता के साथ भक्त यात्रा के लिए निकल कर आ रहे हैं। लोगों में किसी तरह का कोई डर नहीं है। उन्होंने कहा कि आज का दिन उन लोगों के लिए मुंहतोड़ जवाब है, जो इसे कमजोर करने के प्रयास करते हैं। लेकिन मेरा मानना है कि यात्रा इस बार और भी अच्छी होने वाली है। -
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को तमिलनाडु में 4-लेन परमकुडी-रामनाथपुरम सेक्शन (46.7 किमी) के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना को हाइब्रिड एन्युटी मोड (एचएएम) पर विकसित किया जाएगा, जिसकी कुल पूंजी लागत 1,853 करोड़ रुपये होगी।
वर्तमान में, मदुरै, परमकुडी, रामनाथपुरम, मंडपम, रामेश्वरम और धनुषकोडी के बीच संपर्क मौजूदा 2-लेन राष्ट्रीय राजमार्ग 87 (एनएच-87) और संबंधित राज्य राजमार्गों पर निर्भर है, जो खासकर घनी आबादी वाले इलाकों और गलियारे के साथ प्रमुख शहरों में यातायात की अधिकता के कारण काफी भीड़भाड़ का सामना करते हैं। इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, परियोजना परमकुडी से रामनाथपुरम तक एनएच -87 के लगभग 46.7 किमी हिस्से को 4-लेन कॉन्फिगरेशन में अपग्रेड करेगी। इससे मौजूदा गलियारे में भीड़भाड़ कम होगी, सुरक्षा में सुधार होगा और परमकुडी, सथिराकुडी, अचुंदनवयाल और रामनाथपुरम जैसे तेजी से बढ़ते शहरों की आवागमन संबंधी जरूरतें पूरी होंगी।परियोजना का एलाइनमेंट 5 प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच -38, एनएच -85, एनएच -36, एनएच -536, और एनएच -32) और 3 राज्य राजमार्गों (एसएच -47, एसएच -29, एसएच -34) के साथ जुड़ा है, जो दक्षिणी तमिलनाडु में प्रमुख आर्थिक, सामाजिक और लॉजिस्टिक्स नोड्स को निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, उन्नत गलियारा 2 प्रमुख रेलवे स्टेशनों (मदुरै और रामेश्वरम), 1 हवाई अड्डे (मदुरै) और 2 छोटे बंदरगाहों (पम्बन और रामेश्वरम) से जुड़कर बहु-मॉडल एकीकरण को बढ़ाएगा, जिससे पूरे क्षेत्र में माल और यात्रियों की तेज आवाजाही की सुविधा होगी।परियोजना के पूरा होने पर, परमकुडी-रामनाथपुरम खंड क्षेत्रीय आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, प्रमुख धार्मिक और आर्थिक केंद्रों के बीच संपर्क को मजबूत करेगा, रामेश्वरम और धनुषकोडी में पर्यटन को बढ़ावा देगा और व्यापार और औद्योगिक विकास के लिए नए रास्ते खोलेगा। यह परियोजना लगभग 8.4 लाख व्यक्ति-दिन प्रत्यक्ष और 10.45 लाख व्यक्ति-दिन अप्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा करेगी और आसपास के क्षेत्रों में विकास, प्रगति और समृद्धि के नए रास्ते खोलेगी। - -सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन, रोजगार क्षमता और सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने की योजना-विनिर्माण क्षेत्र पर जोर और पहली बार काम करने वालों के लिए प्रोत्साहन-पहली बार काम करने वालों को दो किस्तों में एक महीने का वेतन अधिकतम 15,000 रुपये मिलेगा-एक लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार के सृजन को समर्थन देने की योजनानई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष जोर देते हुए मंगलवार को सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन, रोजगार क्षमता और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत, जहां पहली बार रोजगार करने वाले कर्मचारियों को एक महीने का वेतन (15,000 रुपये तक) मिलेगा, वहीं नियोक्ताओं को अतिरिक्त रोजगार पैदा करने के लिए दो साल की अवधि के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा, साथ ही विनिर्माण क्षेत्र के लिए दो साल के लिए विस्तारित लाभ दिया जाएगा। ईएलआई योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में प्रधानमंत्री की पांच योजनाओं के पैकेज के हिस्से के रूप में की गई थी, जिसका कुल बजट परिव्यय 2 लाख करोड़ रुपये है।ईएलआई योजना का लक्ष्य 99,446 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ, 2 वर्षों की अवधि में देश में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार के सृजन को प्रोत्साहित करना है। इनमें से 1.92 करोड़ लाभार्थी पहली बार कार्यबल में प्रवेश करने वाले होंगे। इस योजना का लाभ 01 अगस्त 2025 से 31 जुलाई, 2027 के बीच सृजित रोजगार पर लागू होगा।इस योजना में दो भाग हैं, जिसमें भाग-ए पहली बार आवेदन करने वालों पर केंद्रित है, तथा भाग-बी नियोक्ताओं पर केंद्रित है:भाग ए: पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन:ईपीएफओ के साथ पंजीकृत पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को ध्यान में रखते हुए, इस भाग में एक महीने का ईपीएफ वेतन 15,000 रुपये तक दो किस्तों में दिया जाएगा। इसके लिए 1 लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारी पात्र होंगे। पहली किस्त 6 महीने की सेवा के बाद और दूसरी किस्त 12 महीने की सेवा और कर्मचारी द्वारा वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद देय होगी। बचत की आदत को प्रोत्साहित करने के लिए, प्रोत्साहन राशि का एक हिस्सा एक निश्चित अवधि के लिए जमा खाते के बचत साधन में रखा जाएगा और कर्मचारी द्वारा बाद की तारीख में निकाला जा सकता है।भाग ए से पहली बार रोजगार पर आने वाले लगभग 1.92 करोड़ कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।भाग बी: नियोक्ताओं को सहायता:इस भाग में सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार सृजन को शामिल किया जाएगा, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। नियोक्ताओं को 1 लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारियों के संबंध में प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार नियोक्ताओं को कम से कम छह महीने तक निरंतर रोजगार वाले प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो साल तक 3000 रुपये प्रति माह तक का प्रोत्साहन देगी। विनिर्माण क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन तीसरे और चौथे वर्ष तक भी बढ़ाया जाएगा।ईपीएफओ के साथ पंजीकृत प्रतिष्ठानों को कम से कम छह महीने के लिए निरंतर आधार पर कम से कम दो अतिरिक्त कर्मचारी (50 से कम कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) या पांच अतिरिक्त कर्मचारी (50 या अधिक कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) नियुक्त करने की आवश्यकता होगी।प्रोत्साहन राशि संबंधी संरचना निम्नानुसार होगी:अतिरिक्त कर्मचारी का ईपीएफ वेतन स्लैबनियोक्ता को लाभ (प्रति माह प्रति अतिरिक्त रोजगार)10,000 रुपये तक*1,000 रुपये तक10,000 रुपये से अधिक और 20,000 रुपये तक2,000 रुपये20,000 रुपये से अधिक (1 लाख रुपये प्रति माह वेतन तक)3,000 रु.* जिन कर्मचारियों का ईपीएफ वेतन 10,000 रुपये तक है, उन्हें आनुपातिक प्रोत्साहन राशि मिलेगी।इस भाग से लगभग 2.60 करोड़ व्यक्तियों के लिए अतिरिक्त रोजगार सृजन हेतु नियोक्ताओं को प्रोत्साहन राशि मिलने की उम्मीद है।प्रोत्साहन राशि के भुगतान हेतु प्रणाली:योजना के भाग ए के अंतर्गत पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को सभी भुगतान आधार ब्रिज भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) का उपयोग करके डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) मोड के माध्यम से किए जाएंगे। भाग बी के अंतर्गत नियोक्ताओं को भुगतान सीधे उनके पैन-लिंक्ड खातों में किया जाएगा।ईएलआई योजना के साथ, सरकार का इरादा सभी क्षेत्रों, विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के अलावा पहली बार कार्यबल में शामिल होने वाले युवाओं को प्रोत्साहित करना है। इस योजना का एक महत्वपूर्ण परिणाम करोड़ों युवा पुरुषों और महिलाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा कवरेज का विस्तार करके देश के कार्यबल का औपचारिकीकरण भी होगा।
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नई दिल्ली। भारत के अनुसंधान और नवोन्मेषण इको-सिस्टम को सुदृढ़ करने के लिए एक रूपांतरणकारी कदम के रूप में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को एक लाख करोड़ रुपये की राशि के साथ अनुसंधान विकास और नवोन्मेषण (आरडीआई) योजना को मंजूरी दी है।
नवोन्मेषण को बढ़ावा देने और अनुसंधान के व्यावसायीकरण में निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए, आरडीआई योजना का उद्देश्य आरडीआई में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने के लिए कम या शून्य ब्याज दरों पर लंबी अवधि के साथ दीर्घकालिक वित्तपोषण या पुनर्वित्त प्रदान करना है। इस योजना को निजी क्षेत्र के वित्तपोषण में बाधाओं और चुनौतियों को दूर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और नवोन्मेषण को सुविधाजनक बनाने, प्रौद्योगिकी के अंगीकरण को बढ़ावा देने और प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि के लिए उभरते (सनराइज) और रणनीतिक सेक्टरों को विकास तथा जोखिम पूंजी प्रदान करना है। योजना के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:निजी क्षेत्र को उभरते कार्यक्षेत्रों और आर्थिक सुरक्षा, रणनीतिक उद्देश्य और आत्मनिर्भरता के लिए सुसंगत अन्य क्षेत्रों में अनुसंधान, विकास और नवोन्मेषण (आरडीआई) को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना;टेक्नोलॉजी रेडिनेस लेवल (टीआरएल) के उच्च स्तरों पर रूपांतरकारी परियोजनाओं को वित्तपोषित करनाउन प्रौद्योगिकियों के अधिग्रहण में सहायता करना जो महत्वपूर्ण या उच्च कार्यनीतिक महत्व की हैं;डीप-टेक फंड ऑफ फंड्स की स्थापना की सुविधा प्रदान करना।प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) का शासी बोर्ड आरडीआई योजना को व्यापक रणनीतिक दिशा प्रदान करेगा। एएनआरएफ की कार्यकारी परिषद (ईसी) योजना के दिशानिर्देशों को मंजूरी देगी और सनराइज सेक्टरों में द्वितीय स्तर के फंड मैनेजरों और परियोजनाओं के दायरे और प्रकार की अनुशंसा करेगी। कैबिनेट सचिव के नेतृत्व में सचिवों का एक अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएस) योजना के निष्पादन की समीक्षा करने के अतिरिक्त योजना में बदलाव, सेक्टरों और परियोजनाओं के प्रकार के साथ-साथ द्वितीय स्तर के फंड मैनेजरों को मंजूरी देने के लिए उत्तरदायी होगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) आरडीआई योजना के कार्यान्वयन के लिए नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा।आरडीआई योजना में द्वि-स्तरीय वित्तपोषण तंत्र होगा। पहले स्तर पर, एएनआरएफ के भीतर एक विशेष प्रयोजन निधि (एसपीएफ) स्थापित की जाएगी, जो निधियों के संरक्षक के रूप में कार्य करेगी। एसपीएफ निधियों से विभिन्न द्वितीय स्तर के निधि प्रबंधकों को निधि आवंटित की जाएगी। यह मुख्य रूप से दीर्घकालिक रियायती ऋणों के रूप में होगा। द्वितीय स्तर के निधि प्रबंधकों द्वारा अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को वित्तपोषण सामान्यतः कम या शून्य ब्याज दरों पर दीर्घकालिक ऋण के रूप में होगा। विशेष रूप से स्टार्टअप के मामले में इक्विटी के रूप में भी वित्तपोषण किया जा सकता है। डीप-टेक फंड ऑफ फंड्स (एफओएफ) या आरडीआई के लिए किसी अन्य एफओएफ में योगदान पर भी विचार किया जा सकता है।दीर्घकालिक, किफायती वित्तपोषण के लिए निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण आवश्यकताओं पर ध्यान देते हुए आरडीआई योजना आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देती है। इसके माध्यम से देश को अनुकूल नवोन्मेषण इको-सिस्टम की सुविधा प्राप्त होती है जो 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य के अनुरूप है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को राष्ट्रीय खेल नीति (एनएसपी) 2025 को स्वीकृति दे दी है। देश के खेल परिदृश्य को नया आकार देने और खेलों के माध्यम से लोगों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक यह ऐतिहासिक पहल है।नई नीति मौजूदा राष्ट्रीय खेल नीति, 2001 का स्थान लेगी और देश को वैश्विक खेल महाशक्ति के रूप में स्थापित करने और वर्ष 2036 ओलंपिक खेलों सहित अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए एक मजबूत दावेदार के रूप में स्थापित करने के लिए एक दूरदर्शी और कार्यनीतिक रोडमैप तैयार करेगी।
एनएसपी 2025 को केंद्रीय मंत्रालयों, नीति आयोग, राज्य सरकारों, राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ), खिलाड़ियों, खेल विशेषज्ञों और सार्वजनिक हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद तैयार किया गया है। यह खेल नीति पांच प्रमुख स्तंभों पर आधारित है।1. वैश्विक मंच पर उत्कृष्टताइसका उद्देश्य है:-खेल प्रतिभा की शीघ्र पहचान और उसे तैयार करने के तंत्र सहित जमीनी स्तर से लेकर शीर्ष स्तर तक खेल कार्यक्रमों को सुदृढ़ करना।-प्रतिस्पर्धी लीग और प्रतियोगिताओं की स्थापना को बढ़ावा देना, और ग्रामीण तथा शहरी दोनों क्षेत्रों में खेल बुनियादी ढांचे का विकास करना।-प्रशिक्षण, कोचिंग और खिलाड़ियों को सहयोग के लिए विश्व स्तरीय प्रणाली बनाना।-राष्ट्रीय खेल महासंघों की क्षमता और प्रबंधन को बढ़ाना।-खेल प्रदर्शन को बढ़ावा देने के लिए खेल विज्ञान, चिकित्सा और प्रौद्योगिकी को अपनाने को प्रोत्साहित करना।-कोच, तकनीकी अधिकारियों और सहायक कर्मचारियों सहित खेल कर्मियों को प्रशिक्षित और विकसित करना।2. आर्थिक विकास के लिए खेल-एनएसपी 2025 में खेलों की आर्थिक क्षमता पर जोर दिया गया है और इसका उद्देश्य है:-खेल पर्यटन को बढ़ावा देना और भारत में प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन कराने का प्रयास करना।-खेल विनिर्माण परितंत्र को मजबूत करना, और इस क्षेत्र में स्टार्टअप तथा उद्यमिता को बढ़ावा देना।-सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी), कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) और अभिनव वित्तपोषण पहलों के माध्यम से निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करना।3. सामाजिक विकास के लिए खेल-नई खेल नीति में सामाजिक समावेशन को आगे बढ़ाने में खेलों की भूमिका पर जोर है:-केंद्रित कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, आदिवासी समुदायों और दिव्यांगजनों के बीच भागीदारी को बढ़ावा देना।-स्वदेशी और पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करना और बढ़ावा देना।-शिक्षा से खेलों को जोड़कर, स्वयंसेवा को प्रोत्साहित करके और दोहरे करियर के रास्ते को सुविधाजनक बनाकर खेलों को एक व्यवहार्य करियर विकल्प के रूप में स्थापित करना।-खेलों के माध्यम से भारतीय प्रवासियों को शामिल करना।4. जन आंदोलन के रूप में खेल-खेलों को राष्ट्रीय आंदोलन बनाने के लिए खेल नीति का उद्देश्य है:-राष्ट्रव्यापी अभियानों और समुदाय-आधारित कार्यक्रमों के माध्यम से खेल में जन भागीदारी और फिटनेस की संस्कृति को बढ़ावा देना।-स्कूलों, कॉलेजों और कार्यस्थलों आदि के लिए फिटनेस सूचकांक शुरू करना।-खेल सुविधाओं तक सबकी पहुंच को बढ़ाना।5. शिक्षा के साथ एकीकरण (एनईपी 2020)-राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप, एनएसपी 2025 में निम्नलिखित प्रस्ताव हैं:-स्कूली पाठ्यक्रम में खेलों को शामिल करना।-खेल शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों और शारीरिक शिक्षा शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण से तैयार करना।6. कार्यनीतिक रूपरेखा-अपने उद्देश्यों को साकार करने के लिए, एनएसपी 2025 में एक व्यापक कार्यान्वयन कार्यनीति है, जिसमें शामिल हैं:-शासन: कानूनी ढांचे सहित खेल प्रशासन के लिए एक मजबूत नियामक ढांचा स्थापित करना।-निजी क्षेत्र का वित्तपोषण और सहयोग: नवीन वित्तपोषण तंत्र विकसित करना और पीपीपी और सीएसआर के माध्यम से निजी क्षेत्र की भागीदारी को शामिल करना।-प्रौद्योगिकी और नवाचार: प्रदर्शन ट्रैकिंग, अनुसंधान और कार्यक्रम कार्यान्वयन के लिए एआई और डेटा एनालिटिक्स सहित उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाना।-राष्ट्रीय निगरानी रूपरेखा: अच्छी तरह से परिभाषित मानदंड, प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (केपीआई) और समयबद्ध लक्ष्यों के साथ एक राष्ट्रीय रूपरेखा बनाना।-राज्यों के लिए आदर्श नीति: एनएसपी 2025 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एक मॉडल के रूप में काम करेगा, जो उन्हें इन राष्ट्रीय उद्देश्यों के अनुरूप अपनी नीतियों को संशोधित करने या तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।-समग्र सरकारी दृष्टिकोण: इस नीति में समग्र प्रभाव प्राप्त करने के लिए सभी मंत्रालयों और विभागों की गतिविधियों, योजनाओं और कार्यक्रमों में खेल प्रोत्साहन को जोड़ने का आह्वान।-अपनी संरचित दृष्टि और दूरदर्शी कार्यनीति के साथ, राष्ट्रीय खेल नीति 2025 देश को वैश्विक स्तर पर अग्रणी खेल राष्ट्र बनने की दिशा में एक परिवर्तनकारी पथ पर स्थापित करेगी। इसके साथ ही यह नीति स्वस्थ, अधिक संलग्न और सशक्त नागरिक बनाएगी। - कुशीनगर. उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा के लिए सोमवार को ‘मॉक ड्रिल' की गयी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा सुरक्षा, संचालन और पर्यावरण प्रबंधन की समीक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण बैठकें आयोजित की गईं। जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर और पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा की देखरेख में टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर ‘मॉक ड्रिल' की गई। अधिकारियों ने बताया कि विमान अपहरण रोधी और आपातकालीन प्रतिक्रिया अभ्यास में सुरक्षा बलों, हवाई अड्डे के कर्मचारियों और अन्य संबंधित विभागों के कर्मियों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि इस अभ्यास का उद्देश्य अपहरण या अन्य आपात स्थितियों से निपटने की तैयारी और समन्वय का आकलन करना था। अधिकारियों के मुताबिक, इसके साथ ही एयरफील्ड पर्यावरण प्रबंधन बैठक में स्वच्छता और हवाई अड्डे के आसपास पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं को कम करने की रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने बताया कि एरोड्रम समिति की बैठक में अधिकारियों ने यात्री सुविधाओं, हवाई अड्डे के संचालन और सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा की। जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने बताया, “कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा न केवल क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा दे रहा है बल्कि बौद्ध पर्यटन के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में भी उभर रहा है। इन बैठकों और अभ्यासों के माध्यम से, हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हवाई अड्डा सुरक्षित, पर्यावरण की दृष्टि से सतत और यात्रियों के अनुकूल बना रहे।” पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने बताया, “सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। विमान अपहरण रोधी एवं आपातकालीन ‘मॉक ड्रिल' ने किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में तेजी और प्रभावी ढंग से जवाब देने की हमारी तैयारी को और मजबूत किया है।
- पुरी/भुवनेश्वर, पुरी में भगदड़ में तीन लोगों की मौत और 50 अन्य के घायल हो जाने के एक दिन बाद ओडिशा की विकास आयुक्त (डीसी) अनु गर्ग ने सोमवार को इस घटना की प्रशासनिक जांच शुरू कर दी। इस बीच, ओडिशा मानवाधिकार आयोग (ओएचआरसी) ने सोमवार को जिला प्रशासन और पुलिस से भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उचित कदम उठाने को कहा। गर्ग को पुरी में रथ यात्रा के दौरान श्री गुंडिचा मंदिर के पास हुई भगदड़ की घटना की जांच सौंपी गई है। उन्होंने पुरी का दौरा किया और उस जगह का निरीक्षण किया जहां भगदड़ हुई थी। गर्ग अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) भी हैं। गर्ग ने पुरी में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ आज मैंने उस जगह को देखा जहां रविवार सुबह भगदड़ मची थी।मैंने घटना से जुड़े लोगों से भी बात की है। मुझे मामले की जांच के लिए 30 दिन का समय दिया गया है।'' विकास आयुक्त ने यह भी कहा, ‘‘मैं उन परिस्थितियों की भी जांच करूंगी जिनके तहत ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। मैं यह भी देखूंगी कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए और क्या उपाय किए जा सकते हैं।'' घटनास्थल की पुष्टि करने के अलावा, गर्ग ने श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक, आईएएस अधिकारी अरबिंद पाधी से भी प्रारंभिक चर्चा की। पाधी अनुष्ठानों सहित रथ यात्रा के विभिन्न पहलुओं की देखरेख करते हैं। इसके अलावा, गर्ग ने पुरी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से भी बात की।उन्होंने पुलिस अधिकारियों, जगन्नाथ मंदिर पुलिस (जेटीपी) के कर्मियों, वरिष्ठ सेवादारों और कुछ मीडियाकर्मियों से भी प्रारंभिक चर्चा की। गर्ग ने सोमवार को पुरी का अपना पहला दौरा पूरा कर लिया। सूत्रों ने बताया कि वह आठ जुलाई को रथ यात्रा उत्सव के समापन के बाद जांच का अगला चरण शुरू करेंगी। वह एक महीने में भगदड़ की घटना पर मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी को रिपोर्ट सौंपेंगी।राज्य भर में आक्रोश पैदा करने वाली इस दुखद घटना से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए मानवाधिकार आयोग ने पुरी के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक (एसपी) को नोटिस जारी कर कहा कि वे ओएचआरसी को बताएं कि आखिर किस वजह से अचूक सुरक्षा व्यवस्था होने के बावजूद भगदड़ मची। ओएचआरसी ने अधिकारियों को घायल व्यक्तियों को उचित स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का भी निर्देश दिया .