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- नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत-आसियान व्यापक रणनीतिक साझेदारी वैश्विक स्थिरता और वृद्धि के लिए एक शक्तिशाली आधार के रूप में उभर रही है। मोदी ने भारत-आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए कहा कि यह समूह नयी दिल्ली की 'एक्ट ईस्ट' नीति का एक प्रमुख स्तंभ है। उन्होंने कहा, ''भारत ने हमेशा 'आसियान केंद्रीयता' और हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर आसियान के नजरिये का पूरा समर्थन किया है।'' मलेशिया इस समय समूह के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में कुआलालंपुर में वार्षिक आसियान शिखर सम्मेलन और संबंधित बैठकों की मेजबानी कर रहा है। मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने अपने संबोधन में कहा कि आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौते (एआईटीआईजीए) में कुछ वास्तविक प्रगति हुई है और समूह इसे इस साल तक पूरा करना चाहता है। मोदी ने कहा, ''अनिश्चितता के इस दौर में भी, भारत-आसियान व्यापक रणनीतिक साझेदारी ने लगातार प्रगति की है। हमारी मजबूत साझेदारी वैश्विक स्थिरता और वृद्धि के लिए एक शक्तिशाली आधार के रूप में उभर रही है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत हर संकट में ''अपने आसियान मित्रों के साथ मजबूती से खड़ा रहा है'' और समुद्री सुरक्षा तथा नीली अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इसके मद्देजनर ''हम 2026 को आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष घोषित कर रहे हैं।''मोदी ने आगे कहा, ''हम शिक्षा, पर्यटन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, हरित ऊर्जा और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग को भी तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। हम अपनी साझा सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।'' मोदी ने कहा, ''भारत और आसियान मिलकर दुनिया की लगभग एक-चौथाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम न केवल भौगोलिक रूप से समान हैं, बल्कि गहरे ऐतिहासिक संबंधों और साझा मूल्यों से भी बंधे हैं।'' उन्होंने कहा, ''हम वैश्विक दक्षिण में साथी हैं। हम न केवल वाणिज्यिक साझेदार हैं, बल्कि सांस्कृतिक साझेदार भी हैं। आसियान भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति का आधार है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों पक्ष शिक्षा, पर्यटन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, हरित ऊर्जा और साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा, ''21वीं सदी हमारी सदी है। भारत और आसियान की सदी है। मुझे विश्वास है कि आसियान समुदाय का 'विजन 2045' और 'विकसित भारत 2047' का लक्ष्य पूरी मानवता के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेगा।'' उन्होंने कहा कि भारत इस दिशा में कंधे से कंधा मिलाकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।मोदी ने कहा कि आसियान शिखर सम्मेलन का विषय ''समावेशन और स्थिरता'' संयुक्त प्रयासों में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है, चाहे वह डिजिटल समावेशन हो या वर्तमान वैश्विक चुनौतियों के बीच खाद्य सुरक्षा और लचीली आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करना। उन्होंने कहा, ''भारत इन प्राथमिकताओं का पूर्ण समर्थन करता है और इन्हें मिलकर आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।'' उन्होंने कहा, ''भारत हर आपदा में अपने आसियान मित्रों के साथ मजबूती से खड़ा रहा है। एचएडीआर (मानवीय सहायता और आपदा राहत), समुद्री सुरक्षा और नीली अर्थव्यवस्था में हमारा सहयोग तेजी से बढ़ रहा है।'' उन्होंने कहा, ''इसके मद्देनजर हम 2026 को 'आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष' घोषित कर रहे हैं।''आसियान को इस क्षेत्र के सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक माना जाता है, और भारत, अमेरिका, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देश इसके संवाद साझेदार हैं। आसियान-भारत संवाद संबंध 1992 में एक क्षेत्रीय साझेदारी की स्थापना के साथ शुरू हुए। यह दिसंबर 1995 में पूर्ण संवाद साझेदारी और 2002 में शिखर सम्मेलन स्तर की साझेदारी में परिवर्तित हो गया। ये संबंध 2012 में रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक पहुंच गए। पिछले कुछ वर्षों में भारत और आसियान के बीच द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसका मुख्य उद्देश्य व्यापार और निवेश के साथ ही सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना है।--
- बेंगलुरु. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को कहा कि श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दो नवंबर को एलवीएम3 प्रक्षेपण यान के जरिये सीएमएस-03 संचार उपग्रह को प्रक्षेपित किया जाएगा। इसरो ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत का एलवीएम3 प्रक्षेपण यान दो नवंबर 2025 को अपनी पांचवीं उड़ान (एलवीएम3-एम5) में सीएमएस-03 संचार उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने जा रहा है।'' अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, सीएमएस-03 एक बहु-बैंड संचार उपग्रह है जिसे भारतीय भूभाग सहित एक विस्तृत समुद्री क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है।लगभग 4,400 किलोग्राम वजन वाला यह उपग्रह भारत की धरती से भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में प्रक्षेपित होने वाला सबसे भारी संचार उपग्रह होगा। इसरो ने बताया, ‘‘एलवीएम3 की पिछली उड़ान से चंद्रयान-3 को प्रक्षेपित किया गया था, जिसमें भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक अपना रोवर उतारने वाला पहला देश बना था।'' अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि प्रक्षेपण यान को पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है और उससे उपग्रह को भी जोड़ दिया गया है। इसे अंतिम प्रक्षेपण-पूर्व जांच के लिए 26 अक्टूबर को प्रक्षेपण पैड पर ले जाया गया।
- नयी दिल्ली. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अपने परिचालन को मजबूत करने और देश भर में सेवा वितरण को बेहतर बनाने के लिए लगभग 3,500 अधिकारियों की नियुक्ति करने की योजना बना रहा है। देश के सबसे बड़े बैंक के उप प्रबंध निदेशक (मानव संसाधन) और मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) किशोर कुमार पोलुदासु ने बताया कि बैंक ने जून में 505 परिवीक्षाधीन अधिकारियों (पीओ) की भर्ती की है। उन्होंने बताया, ‘‘इतनी ही संख्या में रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया जारी है... आवेदन प्राप्त हो गए हैं।'' उन्होंने विशेषज्ञ अधिकारियों के संबंध में कहा कि आईटी और साइबर सुरक्षा क्षेत्र की देखभाल के लिए लगभग 1,300 अधिकारियों का चयन पहले ही किया जा चुका है।पीओ के 541 रिक्त पदों के लिए विज्ञापन जारी हो चुका है। आवेदन पहले ही मिल चुके हैं। पीओ की भर्ती तीन चरणों वाली प्रक्रिया से होती है- प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार। उन्होंने आगे बताया, ‘‘लगभग 3,000 सर्किल आधारित अधिकारियों की नियुक्ति पर विचार किया जा रहा है। यह काम चालू वित्त वर्ष में पूरा हो जाना चाहिए।'' इस साल की शुरुआत में, एसबीआई के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने कहा था कि बैंक की विभिन्न श्रेणियों में कुल भर्तियां लगभग 18,000 होंगी। इनमें से लगभग 13,500 लिपिकीय भर्तियां होंगी, और बाकी परिवीक्षाधीन अधिकारी और स्थानीय स्तर पर कार्यरत अधिकारी होंगे। एसबीआई ने पहली तिमाही में कहा था कि वह अपनी शाखाओं में ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए 13,455 जूनियर एसोसिएट्स और 505 पीओ की भर्ती करेगी।पोलुदासु ने यह भी कहा कि देश के सबसे बड़े ऋणदाता ने लैंगिक विविधता को बढ़ावा देने के लिए एक रणनीति तैयार की है, जिसका लक्ष्य पांच वर्षों के भीतर अपने महिला कार्यबल को 30 प्रतिशत तक बढ़ाना है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों की बात करें, तो महिलाएं लगभग 33 प्रतिशत हैं, लेकिन कुल मिलाकर वे कुल कार्यबल का 27 प्रतिशत हैं। इसलिए, हम इस प्रतिशत को बेहतर बनाने की दिशा में काम करेंगे।'' उन्होंने कहा कि बैंक इस अंतर को पाटने और मध्यम अवधि में अपने कार्यबल में 30 प्रतिशत महिलाओं के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कदम उठा रहा है। एसबीआई के कुल कर्मचारी 2.4 लाख से अधिक हैं, जो देश के बैंकिंग उद्योग में सबसे अधिक है।उन्होंने आगे कहा कि बैंक एक ऐसा कार्यस्थल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां महिलाएं सभी स्तर पर उन्नति कर सकें। बैंक के कुछ महिला-केंद्रित उपायों के बारे में पोलुदासु ने कहा कि बैंक शिशु की देखभाल के लिए भत्ता देता है, एक परिवार संपर्क कार्यक्रम चलाता है, और मातृत्व अवकाश या लंबी बीमारी की छुट्टी से लौटने वाली महिला कर्मचारियों की मदद के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करता है।
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नयी दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रविवार को देशवासियों को छठ पूजा की शुभकामनाएं दीं। मुर्मू ने अपने संदेश में कहा, “छठ पूजा के पावन अवसर पर मैं सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं।उन्होंने कहा, ‘‘इस पर्व पर सूर्य उपासना के साथ ही नदियों, तालाबों एवं जलस्रोतों की आराधना की जाती है। हम प्रकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और परिवार के कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं। उन्होंने कहा, यह पर्व स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देता है। समाज में एकता, सहयोग और सामूहिक सहभागिता की भावना को छठ पूजा और भी मजबूत करती है। उन्होंने कहा, इस पावन अवसर पर मैं सभी देशवासियों के सुख और समृद्धि की मंगलकामना करती हूं। सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित इस चार दिवसीय पर्व का समापन 28 अक्टूबर को होगा।
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नयी दिल्ली. भारतीय नौसेना ने रविवार को बताया कि आईएनएस सतलुज ने ‘मॉरीशस हाइड्रोग्राफिक सेवा' के साथ मिलकर लगभग 35,000 वर्ग समुद्री मील क्षेत्र में संयुक्त जल सर्वेक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह पहल समुद्री मानचित्रण, तटीय विनियमन, संसाधन प्रबंधन और दीर्घकालिक पर्यावरणीय नियोजन में महत्वपूर्ण योगदान देगी, जिससे मॉरीशस के ‘ब्ल्यू इकोनॉमी' लक्ष्यों को बल मिलेगा। यह सर्वेक्षण भारत और मॉरीशस के बीच मौजूदा समझौता ज्ञापन के तहत राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ घनिष्ठ समन्वय में किया गया। नौसेना ने बताया कि मिशन के क्षमता निर्माण प्रयासों के तहत मॉरीशस के विभिन्न मंत्रालयों के छह कर्मचारी आधुनिक हाइड्रोग्राफिक तकनीकों में व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए आईएनएस सतलुज पर सवार थे। प्रवक्ता ने बताया कि आईएनएस सतलुज ने इसके अलावा मॉरीशस राष्ट्रीय तटरक्षक बल के साथ संयुक्त रूप से विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) निगरानी और समुद्री डकैती-रोधी गश्त की, जिससे क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को मजबूती मिली। इस मिशन का सफल समापन दोनों देशों के बीच दोस्ती के गहरे बंधन की पुष्टि करता है, जो ‘महासागर' या क्षेत्र भर में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक व समग्र उन्नति के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
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नयी दिल्ली. निर्वाचन आयोग देशव्यापी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा करने के लिए सोमवार शाम को संवाददाता सम्मेलन करेगा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। निमंत्रण में हालांकि केवल शाम सवा चार बजे संवाददाता सम्मेलन का उल्लेख है, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि यह मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के बारे में है। निर्वाचन आयोग द्वारा एसआईआर के पहले चरण की घोषणा किए जाने की संभावना है, जिसमें 10 से 15 राज्य शामिल होंगे। इनमें वे राज्य भी शामिल होंगे जहां 2026 में विधानसभा चुनाव होना है। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी में अगले साल चुनाव होना है।
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नई दिल्ली। मौसम विभाग ने कहा है कि दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरा दबाव का क्षेत्र कल तक दक्षिण-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती तूफान में परिवर्तित हो सकता है। विभाग ने मंगलवार सुबह तक इसके और विशाल चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका जताई है। विभाग ने मछुआरों से बुधवार तक दक्षिण-पश्चिम से सटे मध्य बंगाल की खाड़ी, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, यनम और ओडिशा के तटों पर न जाने का आग्रह किया है। मौसम विभाग ने समुद्र में मौजूद लोगों से तुरंत तट पर लौटने के लिए कहा है।
विभाग ने कल तटीय आंध्र प्रदेश में मूसलाधार वर्षा का भी अनुमान व्यक्त किया है। विभाग के अनुसार कल तटीय कर्नाटक, पूर्वी राजस्थान, गुजरात, केरल, माहे, ओडिशा, रायलसीमा, तमिलनाडु, पुद्दुचेरी और कराईकल में अलग-अलग स्थानों पर तेज वर्षा हो सकती है। मौसम विभाग ने अगले 2 से 3 दिन के दौरान गुजरात, सौराष्ट्र, कच्छ, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, छत्तीसगढ़, ओडिशा, रायलसीमा और तेलंगाना में हल्की से मध्यम वर्षा और गरज के साथ छींटे पड़ने का भी अनुमान जताया है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार को कुआलालंपुर में आयोजित 22वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन को वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी भारत और आसियान देशों की सदी है। उन्होंने कहा कि दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संगठन आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति का प्रमुख स्तंभ है और दोनों क्षेत्रों के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंध बहुत गहरे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने मलेशिया और उसके प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम को 47वें आसियान शिखर सम्मेलन की सफल मेजबानी के लिए बधाई दी और फिलिपींस को भारत के लिए समन्वयक देश के रूप में उत्कृष्ट भूमिका निभाने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने लेस्ते तिमोर को आसियान का 11वां सदस्य बनने पर स्वागत किया इसके अलावा थाईलैंड की रानी माता सिरिकिट के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और आसियान मिलकर दुनिया की लगभग एक-चौथाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि हम केवल भौगोलिक रूप से नहीं, बल्कि साझा इतिहास, संस्कृति और मूल्यों से भी गहराई से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि भारत और आसियान वैश्विक दक्षिण के समान विचार वाले साझेदार हैं, जो स्थिरता, विकास और समृद्धि के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के अनिश्चित समय में भी भारत-आसियान समग्र रणनीतिक साझेदारी निरंतर प्रगति कर रही है। यह साझेदारी वैश्विक स्थिरता और विकास की मजबूत नींव बनती जा रही है। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत आसियान की केंद्रीय भूमिका और हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण का समर्थन करता है।पीएम मोदी ने कहा कि आसियान केवल हमारी विदेश नीति का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह भारत की एक्ट ईस्ट विजन की आधारशिला है। उन्होंने कहा कि भारत एक शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के निर्माण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर 27 अक्टूबर को कुआलालंपुर में होने वाले 20वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे, जहां हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि से जुड़ी चुनौतियों पर विचार-विमर्श होगा।प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 से अब तक सभी आसियान-भारत शिखर सम्मेलनों में भाग लिया है, 2022 को छोड़कर। जनवरी 2018 में नई दिल्ली में आयोजित 25वीं वर्षगांठ पर सभी 10 आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारत के 69वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि रहे थे। प्रधानमंत्री ने हाल ही में मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से बातचीत की थी।गौरतलब है कि आसियान की स्थापना 8 अगस्त 1967 को बैंकॉक में हुई थी। इसके संस्थापक सदस्य इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड थे। वर्तमान में इसके सदस्य देश ब्रूनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम और तिमोर-लेस्ते हैं। आसियान चार्टर, जो संगठन को कानूनी और संस्थागत ढांचा प्रदान करता है, 2008 में लागू हुआ था, और इसका सचिवालय जकार्ता में स्थित है।वर्ष 2025 में मलेशिया आसियान की अध्यक्षता कर रहा है, जबकि 2026 में फिलीपींस यह जिम्मेदारी संभालेगा। भारत ने आसियान के साथ अपना औपचारिक जुड़ाव 1992 में सेक्टोरल डायलॉग पार्टनर के रूप में शुरू किया था, जिसे 2002 में शिखर सम्मेलन स्तर तक उन्नत किया गया। 2012 में नई दिल्ली में हुई 20वीं वर्षगांठ बैठक में इसे रणनीतिक साझेदारी में बदला गया और 2018 में 25वीं वर्षगांठ पर यह साझेदारी समुद्री सहयोग पर केंद्रित की गई। 2022 में संबंधों की 30वीं वर्षगांठ पर भारत-आसियान रिश्तों को समग्र रणनीतिक साझेदारी का दर्जा दिया गया और इसके लिए एक संयुक्त घोषणा पत्र भी अपनाया गया।- -
नई दिल्ली। देश में हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने की दिशा में जल जीवन मिशन ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। 22 अक्टूबर तक इस मिशन के तहत 15.72 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल से जल की सुविधा मिल चुकी है, जो ग्रामीण भारत के 81 प्रतिशत से अधिक घरों को कवर करता है। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2019 को इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की थी। उस समय केवल 3.23 करोड़ ग्रामीण घरों को नल से जल मिल रहा था, जबकि अब 12.48 करोड़ अतिरिक्त घर इस सुविधा से जुड़े हैं। 2.08 लाख करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता से चल रहे इस मिशन ने ग्रामीण बुनियादी ढांचे में सबसे तेज विस्तार का रिकॉर्ड बनाया है।
इस योजना ने न केवल पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की है बल्कि ग्रामीण महिलाओं का सदियों पुराना बोझ भी कम किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, इस मिशन से रोज लगभग 5.5 करोड़ घंटे की बचत होती है, जिसमें से 75 प्रतिशत समय महिलाओं का है। WHO का अनुमान है कि यदि हर व्यक्ति को सुरक्षित पेयजल मिले, तो हर साल करीब 4 लाख दस्त से होने वाली मौतें रोकी जा सकती हैं और 14 मिलियन “डिसेबिलिटी एडजस्टेड लाइफ इयर्स (DALYs)” बचाए जा सकते हैं। इससे स्वास्थ्य व्यय में लगभग 8.2 लाख करोड़ रुपए की बचत संभव है। नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. माइकल क्रेमर के शोध के मुताबिक, सुरक्षित जल उपलब्धता से पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में लगभग 30 प्रतिशत तक कमी आ सकती है। एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, पानी लाने वाले घरों में 8.3 प्रतिशत की कमी आई है, जिससे 9 करोड़ महिलाएं इस कार्य से मुक्त हुईं और कृषि व अन्य क्षेत्रों में उनकी भागीदारी 7.4 प्रतिशत बढ़ी है।मिशन के तहत अब तक 192 जिलों, 1,912 ब्लॉकों, 1,25,185 ग्राम पंचायतों और 2,66,273 गांवों में हर घर नल से जल पहुंचाया जा चुका है। इनमें से 116 जिलों, 1,019 ब्लॉकों, 88,875 पंचायतों और 1,74,348 गांवों को ग्राम सभाओं द्वारा प्रमाणित किया गया है। गोवा, हरियाणा, गुजरात और अरुणाचल प्रदेश सहित 11 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश 100 प्रतिशत नल जल कवरेज प्राप्त कर चुके हैं। इसके अलावा देशभर के 9,23,297 स्कूलों और 9,66,876 आंगनवाड़ी केंद्रों में भी अब नल से जल उपलब्ध है।गुणवत्ता की निगरानी के लिए देशभर के 2,843 प्रयोगशालाओं में 2025-26 में 38.78 लाख जल नमूनों की जांच की जा रही है। 4,49,961 गांवों में 24.80 लाख महिलाओं को फील्ड टेस्टिंग किट (FTK) के उपयोग के लिए प्रशिक्षित किया गया है ताकि वे पानी की गुणवत्ता की स्थानीय स्तर पर जांच कर सकें। मिशन के तहत स्थायित्व और पर्यावरण संरक्षण पर भी ध्यान दिया जा रहा है, जिसमें ग्रे वाटर मैनेजमेंट, जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन जैसी पहलें शामिल हैं। समुदाय की भागीदारी बढ़ाने के लिए सूचना, शिक्षा और संचार गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया गया है।डिजिटल नवाचार के तहत, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग एक डिजिटल रजिस्ट्री तैयार कर रहा है, जिसमें प्रत्येक जलापूर्ति योजना को एक यूनिक RPWSS आईडी दी जाएगी। यह प्लेटफॉर्म जीआईएस मैपिंग और पीएम गति शक्ति से जुड़ा है, जिससे पंचायतों और जल एवं स्वच्छता समितियों को रियल-टाइम जानकारी और विश्लेषण उपलब्ध होगा। सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को नवंबर 2025 तक RPWSS आईडी निर्माण पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है।देशभर में जल जीवन मिशन की सफलता की कई मिसालें सामने आई हैं। महाराष्ट्र के मपान गांव में महिलाओं के स्वयं सहायता समूह ने नल जल योजना का संचालन संभालकर 100 प्रतिशत बिल वसूली सुनिश्चित की और 1.70 लाख रुपए की आय अर्जित की है। नगालैंड के वोक्हा में स्थानीय समुदायों ने जल स्रोतों की सुरक्षा के लिए रिचार्ज पिट और पौधारोपण किया। असम के बोरबोरी गांव में नल जल और स्वच्छता अभियान के चलते 2022-23 में 27 जलजनित बीमारियों के मामलों से घटकर अब शून्य मामले रह गए हैं। राजस्थान के बोथरा गांव में चेक डैम और ट्रेंच निर्माण से जल स्तर में 70 फीट की वृद्धि हुई। पश्चिम बंगाल में ‘जल मित्र’ ऐप ने निगरानी व्यवस्था को डिजिटल बना दिया है, जिससे अब तक 13.70 करोड़ सामुदायिक गतिविधियों की ट्रैकिंग हो चुकी है और 4,522 “जल बचाओ समितियों” को सहायता मिली है। यह मिशन न केवल स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करा रहा है बल्कि ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और आर्थिक प्रगति का नया अध्याय भी लिख रहा है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार को ‘मन की बात’ के 127वें एपिसोड में देशवासियों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने त्योहारी सीजन, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, भारतीय संस्कृति और देश के युवा नेतृत्व पर अपने विचार साझा किए। पीएम मोदी ने कहा कि इस समय देश में दीपावली और छठ पूजा के उत्साह का माहौल है। उन्होंने अपने पत्रों के जवाब में आए संदेशों का जिक्र करते हुए बताया कि देशवासियों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और जीएसटी बचत उत्सव को लेकर उत्साह दिखाया। उन्होंने घरेलू उत्पादों की खरीद और खाद्य तेल की खपत में कमी के लिए लोगों की सकारात्मक प्रतिक्रिया की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रेरक उदाहरण साझा किए। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में प्लास्टिक कचरे के बदले भोजन देने वाले ‘गार्बेज कैफे’ शुरू किए गए हैं। वहीं, बेंगलुरु में इंजीनियर कपिल शर्मा और उनकी टीम ने 40 कुओं और 6 झीलों का जीर्णोद्धार किया और वृक्षारोपण अभियान में स्थानीय लोगों और कॉर्पोरेट्स को भी शामिल किया। गुजरात में धोलेरा और कच्छ में मैंग्रोव वृक्षारोपण अभियान की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि इन वृक्षों के कारण समुद्री पारिस्थितिकी में सुधार हुआ है, डॉल्फिन, क्रैब और प्रवासी पक्षियों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को बढ़ावा देने का आह्वान किया।प्रधानमंत्री ने भारतीय कुत्तों की नस्लों, उनके प्रशिक्षण और सुरक्षा बलों में उनकी भूमिका पर भी चर्चा की। उन्होंने बीएसएफ और सीआरपीएफ द्वारा देशी कुत्तों को प्रशिक्षित करने और उनके नामों में भारतीयता बनाए रखने की प्रशंसा की। इसके अलावा, उन्होंने 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर आयोजित ‘रन फॉर यूनिटी’ में भाग लेने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने भारतीय कॉफी, विशेषकर ओडिशा की कोरापुट कॉफी और देश के अन्य हिस्सों में कॉफी की विविधता और उसके लाभ पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत की कॉफी अब विश्व स्तर पर पहचान बना रही है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने भारत के राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150वें वर्ष और इसके महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ‘वंदे मातरम’ मातृभूमि के प्रति हमारे कर्तव्यों और देशभक्ति की भावना जगाता है। उन्होंने देशवासियों से इस अवसर को यादगार बनाने के लिए सुझाव भेजने का अनुरोध किया। साथ ही, उन्होंने संस्कृत भाषा और युवा पीढ़ी द्वारा संस्कृत में किए जा रहे रोचक कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भाषा किसी सभ्यता के मूल्यों और परंपराओं का वाहक होती है और युवा इसे पुनर्जीवित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आदिवासी नायकों, कोमराम भीम और भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को याद करते हुए युवा पीढ़ी से उनसे सीख लेने और उनके जीवन और कार्यों को जानने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मन की बात’ के माध्यम से देशवासियों को अपने आस-पास के प्रेरक व्यक्तियों और समूहों के बारे में बताने का मौका मिलता है। उन्होंने सभी से ऐसे संदेश भेजने का अनुरोध किया और अगले महीने फिर नए विषयों के साथ ‘मन की बात’ में मिलने का वादा किया। -
नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र के कारण तमिलनाडु के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। चेन्नई स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने आज रविवार को राज्य के छह जिलों- चेन्नई, चेंगलपट्टू, तिरुवल्लुर, कांचीपुरम, रानीपेट और विलुपुरम में भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। साथ ही पुडुचेरी में भी तेज बारिश की चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग ने मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में न जाने की सख्त चेतावनी दी है।
मौसम विभाग के अनुसार, मध्य और पूर्वी बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव सक्रिय है, जिससे तमिलनाडु के तटीय इलाकों में लगातार बारिश और तेज हवाएं चल रही हैं। विभाग ने बताया कि आज सोमवार को बारिश और तेज हो सकती है, खासकर तिरुवल्लुर, चेन्नई और रानीपेट जिलों में अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना है। वहीं, चेंगलपट्टू, कांचीपुरम, वेल्लोर, विलुपुरम और पुडुचेरी में भी आंधी के साथ तेज बारिश हो सकती है।मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि यह निम्न दबाव प्रणाली बंगाल की खाड़ी के केंद्रीय और उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में बनी बड़ी परिसंचरण प्रणाली का हिस्सा है, जो अगले 24 घंटों में और मजबूत हो सकती है। इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने से तमिलनाडु के उत्तरी तटीय जिलों और पुडुचेरी में मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है। विभाग ने तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों और मछुआरों को सतर्क रहने की सलाह दी है। बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व और मध्य हिस्सों में हवाएं 80 किलोमीटर प्रति घंटा तक चल सकती हैं, जबकि उत्तर-पश्चिम हिस्सों में यह गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है। समुद्र में ऊंची लहरें उठने की संभावना है।राज्य प्रशासन ने सभी तटीय जिलों में आपदा प्रबंधन टीमों को हाई अलर्ट पर रखा है और निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। उत्तर-पूर्व मानसून 16 अक्टूबर से सक्रिय है और पिछले सप्ताह तमिलनाडु के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने कहा है कि आने वाले दिनों में स्थिति पर लगातार नजर रखी जाएगी और आवश्यक अपडेट जारी किए जाएंगे। लोगों से अपील की गई है कि वे मौसम चेतावनियों को गंभीरता से लें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। - नयी दिल्ली.‘बिग बैंग' सिद्धांत को चुनौती देने वाले प्रसिद्ध खगोल भौतिक विज्ञानी जयंत नारलीकर को शनिवार को ‘विज्ञान रत्न पुरस्कार' के लिए चुना गया। ‘बिग बैंग' सिद्धांत के अनुसार ब्रह्मांड एक ही क्षण में बना था, जबकि नारलीकर ने ब्रिटिश खगोलशास्त्री फ्रेड हॉयल के साथ मिलकर यह प्रतिपादित किया कि ब्रह्मांड हमेशा से अस्तित्व में रहा है और अनंत काल तक नये पदार्थों का निरंतर निर्माण होता रहा है। नारलीकर का 86 वर्ष की आयु में 20 मई को निधन हो गया था।पद्म पुरस्कारों की तर्ज पर, राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार देश का सर्वोच्च विज्ञान पुरस्कार है। राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार के दूसरे संस्करण, 2025 के विजेताओं की घोषणा शनिवार को राष्ट्रीय पुरस्कारों की वेबसाइट पर की गई। सरकार ने आठ विज्ञान श्री, 14 विज्ञान युवा और एक विज्ञान टीम पुरस्कार की भी घोषणा की।प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, जिन्हें गेहूं प्रजनक के रूप में जाना जाता है, को कृषि विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए विज्ञान श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के भौतिकी समूह के निदेशक यूसुफ मोहम्मद शेख को परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए विज्ञान श्री पुरस्कार दिया गया है। कोशिकीय एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र के के. थंगराज को जैविक विज्ञान के क्षेत्र में यह पुरस्कार मिला और आईआईटी-मद्रास के प्रदीप थलप्पिल को रसायन विज्ञान के क्षेत्र में विज्ञान श्री पुरस्कार प्रदान किया गया। रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान के कुलपति अनिरुद्ध भालचंद्र पंडित को इंजीनियरिंग विज्ञान के क्षेत्र में विज्ञान श्री पुरस्कार दिया गया और राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान के निदेशक एस. वेंकट मोहन को पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में पुरस्कार मिला। टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान में गणित के प्रोफेसर, एम. महाराज को गणित और कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में विज्ञान श्री पुरस्कार प्रदान किया गया। इसरो के द्रव नोदन प्रणाली केंद्र के जयन एन को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनके योगदान के लिए यह पुरस्कार दिया गया है। इसके अलावा, 14 विज्ञान युवा पुरस्कार विजेताओं की भी घोषणा की गई।सीएसआईआर (वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद) अरोमा मिशन टीम, जिसने जम्मू और कश्मीर में लैवेंडर मिशन की शुरुआत की, को विज्ञान टीम पुरस्कार के लिए नामित किया गया।
- नई दिल्ली। मशहूर अभिनेता और कॉमेडी की दुनिया में अपनी खास पहचान बनाने वाले सतीश शाह का निधन हो गया है। 72 वर्षीय सतीश शाह का निधन किडनी फेल होने के कारण हुआ। उन्हें मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की पुष्टि भारतीय फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने की है। इस दुखद खबर से पूरे बॉलीवुड और उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सतीश शाह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “सतीश शाह के निधन से अत्यंत दुःखी हूं। उन्हें भारतीय मनोरंजन जगत के एक सच्चे दिग्गज के रूप में याद किया जाएगा। उनके सहज हास्य और उत्कृष्ट अभिनय ने अनगिनत लोगों के जीवन में हंसी का संचार किया। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ॐ शांति।”महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी उनके निधन पर शोक जताया। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “भारतीय सिनेमा जगत के प्रख्यात अभिनेता सतीश शाह के निधन की खबर से स्तब्ध हूं। उन्होंने अपनी अभिनय कला और हास्य शैली से लोगों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी है।” निर्माता अशोक पंडित ने सतीश शाह की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “यह बताते हुए दुख हो रहा है कि हमारे प्रिय मित्र और बेहतरीन अभिनेता सतीश शाह का किडनी फेल होने से निधन हो गया। यह हमारे उद्योग के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है।”सतीश शाह ने अपने लंबे करियर में कई यादगार भूमिकाएं निभाईं। वे ‘जाने भी दो यारों’, ‘कहो ना प्यार है’, ‘मैं हूं ना’, ‘हम साथ साथ हैं’ और ‘जुड़वा’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में नजर आए थे। टीवी पर उनका मशहूर शो ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ आज भी दर्शकों के दिलों में बसता है। उनके हास्य अभिनय ने भारतीय दर्शकों को हंसी और खुशी के कई पल दिए। सतीश शाह के निधन से भारतीय कला जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है। देशभर के कलाकार, नेता और प्रशंसक उनके निधन पर शोक प्रकट कर रहे हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को इस कठिन समय में शक्ति दें।
- नई दिल्ली। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू ने शनिवार को दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (डीआईएएल) पर नवनिर्मित और उन्नत टर्मिनल-2 (टी-2) का उद्घाटन किया। समारोह में केंद्रीय मंत्री नायडू ने सीआईएसएफ कर्मियों की सराहना की और कहा कि उनकी निष्ठा और व्यावसायिकता हवाई अड्डे पर सुरक्षा और सेवा के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करती है। इस मौके पर एडीजी विनीता ठाकुर (आईपीएस), आईजी सेंथिल अवूदई कृष्ण राज एस (आईपीएस), और जीएमआर के वरिष्ठ अधिकारी सुदीप लखटकिया सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।टर्मिनल-2 की संचालन और सुरक्षा तैयारियों का नेतृत्व डीआईजी और सीएएसओ जी. शिव कुमार, कमांडेंट टी-2 आरके सिंह, डीसी टी-2 परमिंदर कौर और सीआईएसएफ के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने किया।नया टर्मिनल यात्रियों की बढ़ती संख्या और उनकी सुविधा को ध्यान में रखकर बनाया गया है, ताकि उन्हें बेहतर और सहज अनुभव मिल सके।उद्घाटन के दौरान नायडू ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के हवाई अड्डे विश्वस्तरीय पारगमन केंद्रों में बदल रहे हैं। दिल्ली हवाई अड्डा उत्तरी भारत के कुल यात्री यातायात का लगभग 50 प्रतिशत संभालता है और प्रतिदिन करीब 50,000 स्थानांतरण करता है। यह डायल (DIAL) और जीएमआर द्वारा बुनियादी ढांचे में लगातार सुधार और यात्री प्रवाह बढ़ाने के प्रयासों की वजह से संभव हुआ है।”उन्होंने आगे कहा कि “दिल्ली के 40 साल पुराने टर्मिनल-2 को अब पूरी तरह से आधुनिक जरूरतों के अनुसार पुनर्निर्मित किया गया है।यह स्मार्ट, कुशल और यात्री-केंद्रित है। मैं डीआईएएल और जीएमआर को इसके सफल आधुनिकीकरण के लिए बधाई देता हूं। यहां से गुजरने वाला हर यात्री एक जुड़े हुए, प्रतिस्पर्धी और देखभाल करने वाले भारत का अनुभव करेगा।” भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए तैयार किया गया नया टर्मिनल-2 आधुनिक तकनीक और स्वचालित प्रणालियों से सुसज्जित है। इसमें ‘सेल्फ-बैगेज ड्रॉप’ (SBD) सुविधा दी गई है, जिससे यात्री स्वयं अपने बैग चेक-इन कर सकते हैं। इससे कतारों में कमी आएगी और समय की बचत होगी।इसके अलावा, टर्मिनल में छह नए ‘पैसेंजर बोर्डिंग ब्रिज’ (PBB) लगाए गए हैं, जो यात्रियों की आवाजाही को और आसान बनाते हैं। डिजाइन के तहत इन बोर्डिंग ब्रिज पर ‘स्विंग डोर्स’ लगाए गए हैं, जो पारंपरिक दरवाजों से अधिक सुविधाजनक हैं। साथ ही किनारों पर लगे साइड-कुशन सुरक्षा और सुंदरता दोनों को बढ़ाते हैं।
- देहरादून. उत्तराखंड में बाहरी प्रदेशों से आने वाले वाहनों से दिसंबर से ‘ग्रीन टैक्स' वसूला जाएगा। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में प्रदूषण नियंत्रण, पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। अधिकारी ने बताया कि इस शुल्क की वसूली दिसंबर माह से शुरू की जाएगी।प्रदेश के अपर परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि राज्य के सीमा क्षेत्रों में लगाए गए ‘ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन' (एएनपीआर) कैमरे बाहरी राज्यों से प्रदेश में आने वाले वाहनों के पंजीकरण नंबर को स्वतः ही पहचान लेंगे। उन्होंने बताया कि सीमा क्षेत्रों में पहले से 16 कैमरे लगे हुए हैं और अब इनकी संख्या बढ़ाकर कुल 37 कर दी गयी है। सिंह ने बताया कि परिवहन विभाग ने ‘ग्रीन टैक्स' वसूली के लिए एक वेंडर कंपनी को नियुक्त किया है।उन्होंने बताया कि कैमरों से प्राप्त डेटा सॉफ्टवेयर के माध्यम से वेंडर के पास जाएगा, जहां से उत्तराखंड की पंजीकृत गाड़ियों, दोपहिया वाहनों और सरकारी वाहनों को अलग कर बाकी वाहनों की जानकारी भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के डेटाबेस में भेजी जाएगी। अधिकारी ने बताया कि वहां से वाहन मालिकों के ‘वॉलेट नंबर' खोजे जाएंगे और संबंधित राशि स्वचालित रूप से उनके वॉलेट से कटकर परिवहन विभाग के खाते में जमा हो जाएगी। सिंह ने बताया कि विभिन्न श्रेणी के वाहनों के लिए अलग-अलग टैक्स दरें तय की गयी हैं, जिनमें छोटी गाड़ियों से 80 रुपये, छोटी मालवाहक गाड़ियों से 250 रुपये, बसों से 140 रुपये औक ट्रकों से उनके भार के अनुसार 120 से 700 रुपये ‘ग्रीन टैक्स' वसूला जाएगा
- कोयंबटूर. कोयंबटूर में चालक कार से नियंत्रण खो बैठा और वाहन सड़क से फिसलकर एक पेड़ से टकरा गया। इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार यह दुर्घटना शुक्रवार रात पेरूर चेट्टीपलायम में हुई।पेरूर पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, "सभी मृतकों की उम्र 19 से 25 साल के बीच थी। घायल को कोयंबटूर मेडिकल कॉलेज अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया है।" उन्होंने बताया कि पीड़ितों की पहचान अभी नहीं हो पाई है और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। उन्होंने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है।
- खगड़िया/ नालंदा. केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय की वह गौरवगाथा पुनर्स्थापित की है, जिसे आज “100 बख्तियार खिलजी” भी मिटा नहीं सकते। बिहारशरीफ में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए शाह ने यह भी दावा किया कि वर्तमान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की बदौलत ही चुनाव दो चरणों में हो पा रहे हैं, और अगर जनता इसे एक और मौका दे तो अगली बार बिहार में चुनाव एक ही चरण में संपन्न होंगे। शाह ने विपक्षी नेताओं जैसे लालू प्रसाद, राहुल गांधी, ममता बनर्जी व मायावती को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वे जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के फैसले के खिलाफ थे। उन्होंने कहा कि मोदी-सरकार ने बिहार को नक्सलवाद से मुक्त कराया है। उन्होंने कहा कि अब “जंगल राज” की वापसी नहीं होने देंगे और विकास-प्रदर्शन के आधार पर सरकार का चुनाव किया जाना चाहिए।इससे पहले खगड़िया जिले में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव यह तय करेगा कि राज्य में ‘जंगलराज' वापस आएगा या यह विकास के रास्ते पर आगे बढ़ता रहेगा। शाह ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया का विरोध करने को लेकर ‘इंडिया' गठबंधन पर निशाना साधा और कहा कि ‘‘हर एक घुसपैठिये का पता लगाया जाएगा, मतदाता सूची से उनका नाम हटाया जाएगा और ऐसे लोगों को उनके देशों में वापस भेजा जाएगा।'' लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष पर हमला बोलते हुए शाह ने कहा, ‘‘राहुल बाबा कहते हैं कि घुसपैठियों को बिहार में रहने दिया जाए। आप बताइए, क्या हमें घुसपैठियों को रहने देना चाहिए? चाहे वह जितनी भी रैलियां कर लें… ‘घुसपैठिया बचाओ यात्रा' निकाल लें, वह घुसपैठियों को बचा नहीं सकते।'' गृह मंत्री ने दावा किया कि बिहार में फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनेगी और कहा, ‘‘हमारी सरकार एक-एक घुसपैठिये को चुनकर देश से बाहर करेगी…, उनका पता लगाया जाएगा और उन्हें वापस भेजा जाएगा।''उन्होंने कहा, ‘‘यह चुनाव किसी को विधायक, मंत्री या मुख्यमंत्री बनाने का चुनाव नहीं है। यह चुनाव तय करेगा कि बिहार में लालू-राबड़ी का ‘जंगलराज' लौटेगा या फिर राजग के आने पर विकसित बिहार पूरे देश में अपनी पहचान बनाएगा।'' शाह ने आरोप लगाया कि विपक्षी महागठबंधन की पहचान ‘‘भ्रष्टाचार और परिवारवाद'' है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद ने केवल अपने परिवार की समृद्धि पर ध्यान दिया। गृह मंत्री ने दावा किया, ‘‘नीतीश बाबू राज्य का समग्र विकास चाहते हैं, जबकि लालू जी अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी अपने बेटे को प्रधानमंत्री। इसलिए बिहार के बेटों-बेटियों की चिंता केवल नरेन्द्र मोदी जी और नीतीश कुमार जी ही कर सकते हैं। उनके खिलाफ एक भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है, जबकि लालू जी ने चारा घोटाला से लेकर बीपीएससी (बिहार लोकसेवा आयोग) घोटाले तक अनगिनत घोटाले किए हैं।''उन्होंने आरोप लगाया कि ‘‘लालू शासन में हत्या, लूट, फिरौती और अपहरण जैसी घटनाएं आम बात थीं। उद्योग राज्य से चले गए और बिहार को पिछड़ा बना दिया गया।'' शाह ने दावा किया कि ‘‘नीतीश बाबू के नेतृत्व में राजग ने बिहार को ‘जंगलराज' से मुक्त किया, वंशवाद को समाप्त किया और सबसे बड़ी बात यह कि नक्सलवाद को भी खत्म करने का काम किया।'' छठ महापर्व के अवसर पर बिहारवासियों को शुभकामनाएं देते हुए शाह ने कहा, ‘‘मैं कामना करता हूं कि बिहार सदैव ‘जंगलराज' से मुक्त रहे, कानून-व्यवस्था मजबूत रहे, बहन-बेटियां सुरक्षित रहें और राज्य विकास के मार्ग पर लगातार आगे बढ़ता रहे।'' उन्होंने कहा कि हाल में राजग सरकार ने ‘जीविका' से जुड़ी एक करोड़ बहनों के खातों में 10 हजार रुपए दिए हैं। शाह ने कहा, ‘‘विधवा और वृद्धावस्था पेंशन 400 रुपए से बढ़ाकर 1,100 रुपए कर दी गई है। आशा बहनों का मानदेय 3,000 रुपए प्रति माह तय किया गया है। पटना में मेट्रो का सपना अब साकार हो रहा है।
- नयी दिल्ली. सरकार ने पारंपरिक मीडिया को इस क्षेत्र में तेजी से हो रहे डिजिटलीकरण के कारण होने वाले व्यवधानों से बचाने के लिए कई पहलों की योजना बनाई है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि सरकार रेडियो उद्योग में नियामकीय अड़चनों को दूर करने और टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) में सुधार लाने की योजना बना रही है। मंत्री ने यहां संवाददाताओं के साथ अनौपचारिक बातचीत में कहा, “सरकार जहां भी नियामक बाधाएं हैं, उन्हें दूर करने के लिए काम कर रही है।” वैष्णव ने कहा कि मंत्रालय टेलीविजन रेटिंग प्रणाली में सुधार के तरीकों पर विचार कर रहा है, ताकि सरकारी विज्ञापनों से टेलीविजन चैनलों को उचित राजस्व प्राप्त हो सके। मंत्री ने कहा, “टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) दिशा-निर्देश तैयार किए जा रहे हैं। परामर्श का पहला दौर पूरा हो चुका है, फीडबैक प्राप्त हो चुका है और दूसरा परामर्श पत्र जल्द ही प्रकाशित किया जाएगा।” सरकार प्रिंट और टेलीविजन मीडिया के लिए विज्ञापन दरें बढ़ाने पर भी विचार कर रही है।वैष्णव ने कहा कि सरकार मीडिया संपर्क और नियामक कार्यों में समन्वय को बेहतर बनाने के लिए भारत के प्रेस महापंजीयक (आरएनआई), केंद्रीय संचार ब्यूरो (सीबीसी) और पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) के एकीकरण पर भी काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पीआईबी ने अपने संपर्क प्रयासों को तेज कर दिया है, तथा प्रमुख विषयों पर नियमित रूप से पृष्ठभूमि और शोध-आधारित दस्तावेज जारी कर रहा है।
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नयी दिल्ली. इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे पर म्यांमा की एक महिला को 1.17 करोड़ रुपये मूल्य के सोने की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। सीमा शुल्क विभाग ने शनिवार को यह जानकारी दी। आरोपी महिला को शुक्रवार को म्यांमा के यंगून से आने के बाद रोका गया।
तलाशी के दौरान उसके पास से छह सोने की छड़ें बरामद हुईं, जिनका वजन 996.5 ग्राम था। सीमा शुल्क विभाग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि सोने की छड़ें भूरे रंग के टेप में लपेटकर यात्री के अंत:वस्त्र के अंदर छिपाई गई थीं। सीमा शुल्क विभाग ने बताया कि बरामद सोने का कुल मूल्य 1.17 करोड़ रुपये है . - 0- यात्रियों ने सकारात्मक अनुभव साझा किए और त्योहारों के दौरान आरामदायक और सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रेलवे के प्रयासों की सराहना कीनई दिल्ली। भारतीय रेल ने त्योहारों के दौरान अब तक 1.5 करोड़ से ज़्यादा यात्रियों को ट्रेनों के ज़रिए पहुँचाया है। त्योहारों के मौसम के अंत तक यह संख्या 2.5 करोड़ से अधिक होने की संभावना है। भीड़ प्रबंधन को सुचारू बनाने के लिए, बिहार और उत्तर प्रदेश के आस-पास के इलाकों के 30 प्रमुख स्टेशनों पर बड़े होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं।हाल के वर्षों में, रेलवे के बुनियादी ढाँचे में महत्वपूर्ण निवेश से उल्लेखनीय प्रगति हुई है। विशेष ट्रेनों की संख्या पहले केवल कुछ सौ थी, जो अब रिकॉर्ड तोड़ संख्या तक पहुँच गई है। ट्रैक निर्माण में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो एक दशक पहले मात्र 400-600 किमी प्रति वर्ष से बढ़कर आज 4,000 किमी प्रति वर्ष हो गई है।रेलवे कर्मचारी यात्रियों की सहायता और व्यवस्था बनाए रखने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं ताकि त्योहारों के दौरान सभी सुरक्षित घर पहुँच सकें।बिहार के रेलवे स्टेशन त्योहारों की भीड़ को देखते हुए यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए होल्डिंग एरिया, अतिरिक्त टिकट काउंटर, सीसीटीवी निगरानी और अन्य सुविधाओं की तैयारी कर रहे हैं।पटना रेलवे स्टेशन पर, त्योहारों के मौसम में यात्रियों की सुविधा के लिए समर्पित होल्डिंग एरिया स्थापित किया गया है। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, सीसीटीवी निगरानी के माध्यम से चौबीसों घंटे निगरानी की जा रही है।भारतीय रेल ने यात्रियों की सुविधा के लिए दानापुर रेलवे स्टेशन पर समर्पित होल्डिंग एरिया भी स्थापित किया है, जिसमें सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं।भारतीय रेल छठ पूजा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है। दानापुर रेलवे स्टेशन पर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एम्बुलेंस और मेडिकल टीमें 24×7 तैयार रखी गई हैं।पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल रेलवे स्टेशन पर, समर्पित रेल कर्मचारियों ने जरूरतमंद यात्रियों की सहायता की और छठ पर्व के दौरान उनकी सुरक्षित, आरामदायक और सुखद यात्रा सुनिश्चित की।यात्रियों ने इस त्योहारी सीज़न में सुगम यात्रा अनुभव की सराहना की है, जिसमें आसान बुकिंग, साफ़-सुथरे कोच और सुव्यवस्थित स्टेशन शामिल हैं।छठ पर्व के दौरान, नई दिल्ली और पटना के बीच विशेष वंदे भारत एक्सप्रेस चल रही है। अपनी तरह की इस अनूठी पहल में, भारतीय रेल ने आज छठ के लिए घर जाने वाले यात्रियों के उत्साह को बढ़ाते हुए कई पारंपरिक छठ गीत बजाए। पूरे भारत में, वर्तमान में 156 वंदे भारत एक्सप्रेस सेवाएँ चल रही हैं, जिनमें पटना और नई दिल्ली के बीच यह विशेष ट्रेन नियमित सेवाओं के अलावा चल रही है।बिहार के जमालपुर रेलवे स्टेशन पर एक यात्री ने बताया कि विशेष ट्रेनों की संख्या बढ़ने के कारण ट्रेन में भीड़ नहीं थी। उसी स्टेशन पर एक अन्य यात्री ने बताया कि साफ़-सफ़ाई सहित सभी सुविधाएँ अच्छी तरह से रखी गई थीं और उन्हें यात्रा के दौरान किसी भी असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा।एक यात्री ने स्वच्छता बनाए रखने के लिए भारतीय रेलवे को धन्यवाद दिया। उस यात्री ने स्टेशन पर छठ से संबंधित गीत बजाने की पहल की सराहना की, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि इससे आध्यात्मिक और उत्सव का वातावरण बन रहा है।यात्रियों ने त्योहारों के दौरान बेहतर यात्रा व्यवस्था के लिए भारतीय रेलवे की सराहना की। एक महिला यात्री ने बताया कि उसके परिवार को कन्फर्म टिकट मिले और उन्हें कोई समस्या नहीं हुई, और उन्होंने दिल्ली स्टेशनों पर बेहतर प्रबंधन की सराहना की। अन्य यात्रियों ने समय पर ट्रेनों के आने, साफ़-सुथरे डिब्बों और शौचालयों, अच्छे भोजन और बिस्तर, और कुल मिलाकर सुगम और आरामदायक यात्रा का ज़िक्र किया।अपने विशाल नेटवर्क, समर्पित कर्मचारियों और यात्री सुविधा पर विशेष ध्यान देने के साथ, भारतीय रेल हर यात्री को कुशलतापूर्वक सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। अतिरिक्त ट्रेनें चलाने से लेकर स्वच्छता, सुरक्षा और समय की पाबंदी बनाए रखने तक, त्योहारों के दौरान सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाता है। रेल कर्मचारियों के सक्रिय कदम और कड़ी मेहनत देश भर के यात्रियों को सुरक्षित, विश्वसनीय और सुव्यवस्थित यात्रा प्रदान करने के लिए संगठन के समर्पण को दर्शाती है।
- नयी दिल्ली. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पर्यावरण संरक्षण के लिए नए संकल्प की आवश्यकता पर बल देते हुए शनिवार को कहा कि एक स्वच्छ, हरित और स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए सामूहिक चेतना और ज़िम्मेदारी से जीवन जीना आवश्यक है। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, बिरला ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि भारतीय परंपराओं, धर्मग्रंथों और लोक कथाओं में मानव और प्रकृति के बीच सामंजस्य पर ज़ोर दिया गया है। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि भारत में बच्चों को बचपन से ही प्रकृति के साथ तालमेल रखना सिखाया जाता है, जो पर्यावरण चेतना और भारतीय जीवनशैली के बीच स्थायी सांस्कृतिक और नैतिक संबंध को दर्शाता है। बिरला ने कहा कि मानवीय गतिविधियां पारिस्थितिकी असंतुलन का प्रमुख कारण रही हैं।कोविड-19 महामारी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जब मानवीय गतिविधियां रुकीं, तो प्रकृति ने स्वयं को स्वस्थ करना शुरू कर दिया - नदियां स्वच्छ हो गईं, वायु की गुणवत्ता में सुधार हुआ और वनों में जीवन फलने-फूलने लगा। उन्होंने कहा कि यह इस बात का स्मरण कराता है कि सतत जीवन कितना आवश्यक है।उन्होंने कहा, ‘‘एक राष्ट्र के रूप में भारत को भावी पीढ़ियों के लिए पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए नवसंकल्प के साथ एकजुट होना चाहिए।'' लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रत्येक नागरिक की यह ज़िम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करे कि प्रगति और स्थिरता साथ-साथ चलें। उन्होंने कहा कि एक स्वच्छ, हरित और स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए सामूहिक चेतना और ज़िम्मेदारी से जीवन जीना आवश्यक है।
- नयी दिल्ली. कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन ने शनिवार को बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवात से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होना चाहिए कि जान-माल की कोई हानि न हो और संपत्ति तथा बुनियादी ढांचे को न्यूनतम नुकसान हो। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है और 900 से अधिक जहाजों को किनारे पर ले जाया गया है।राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमों को अलर्ट पर रखा गया है और उन्हें अल्प सूचना पर तैनात किया जाएगा। वहीं, सेना, नौसेना, वायुसेना और भारतीय तटरक्षक बल की बचाव एवं राहत टीमों को उनके जहाजों और विमानों के साथ तैयार रखा गया है। मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे 26 से 29 अक्टूबर तक तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी और ओडिशा तट के साथ-साथ दक्षिण-पश्चिम और निकटवर्ती मध्य बंगाल की खाड़ी में न जाएं। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, समुद्र में मौजूद लोगों को तुरंत तट पर लौटने की सलाह दी गई है।विज्ञप्ति में कहा गया है कि सोमनाथन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक में भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर दबाव के क्षेत्र की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी।
- जबलपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत 30 अक्टूबर से शुरू होने वाली अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में शामिल होने के लिए शनिवार को मध्यप्रदेश के जबलपुर पहुंचे। संघ के एक पदाधिकारी ने यह जानकारी दी। पदाधिकारी ने बताया कि संघ की यह बैठक शहर के विजय नगर इलाके में आयोजित की जाएगी, जिसमें संघ की संगठनात्मक गतिविधियों, योजनाओं और क्रियान्वित पहलों की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने बताया कि संघ के 101वें वर्ष में प्रवेश करने के साथ ही आगामी शताब्दी समारोह की समीक्षा, ‘पंच परिवर्तन' पहल और अक्टूबर 2026 तक राष्ट्रीय कार्यक्रमों की तैयारी पर चर्चा होगी। आरएसएस पदाधिकारी ने कहा कि प्रतिभागी भागवत के विजयादशमी संबोधन पर भी चर्चा करेंगे।उन्होंने कहा कि भागवत के अलावा सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सह सरकार्यवाह और समान विचारधारा वाले संगठनों के प्रमुखों के कार्यक्रम में भाग लेने की उम्मीद है। बैठक के दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय आरएसएस स्वयंसेवकों के भी भाग लेने की उम्मीद है।
- नई दिल्ली। सरकार 1 नवंबर से सरलीकृत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पंजीकरण प्रणाली शुरू करने जा रही है। इसके तहत नए आवेदकों को तीन कार्य दिवसों के भीतर मंजूरी मिल जाएगी। एक कार्यक्रम के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी दी। जीएसटी परिषद द्वारा अनुमोदित जीएसटी 2.0 के तहत यह नियम व्यवस्था को आसान बनाने और पंजीकरण प्रक्रिया में मानव हस्तक्षेप कम करने के उद्देश्य से लाया गया है।नई व्यवस्था में स्वचालित रूप से पंजीकरण दो मामलों में उपलब्ध होगा। इनमें एक वे आवेदक हैं जो जोखिम और डेटा विश्लेषण के आधार पर सिस्टम द्वारा चिह्नित किए गए हैं। दूसरे वे जो स्वयं आकलन करते हैं कि उनकी आउटपुट कर देयता 2.5 लाख रुपये प्रति माह से अधिक नहीं होगी।सीतारमण के अनुसार, लगभग 96 प्रतिशत नए आवेदकों को इस सरलीकृत अनुमोदन प्रक्रिया से सीधा लाभ होगा।गाजियाबाद में नए सीजीएसटी भवन का उद्घाटन करने के बाद वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सरकार का ध्यान अब नीति बनाने से क्षेत्रीय स्तर पर क्रियान्वयन की ओर स्थानांतरित हो रहा है। उन्होंने केंद्रीय और राज्य जीएसटी इकाइयों से आग्रह किया कि वे बिना किसी उलझन में पड़े इन सुधारों को लागू करें और यह सुनिश्चित करें कि सिस्टम विवेक से नहीं, बल्कि व्यवस्थित रूप से काम करे।सीतारमण ने कहा कि कर प्रशासन को करदाताओं के साथ सम्मान से पेश आना चाहिए, जबकि कर चोरी के खिलाफ सख्ती बनाए रखनी चाहिए।उन्होंने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अधिकारियों से कहा, ‘करदाताओं को यह महसूस होना चाहिए कि उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जा रहा है, क्योंकि वे राष्ट्र के करदाता हैं। यदि करदाताओं में बुरे लोग शामिल हैं, तो उन्हें पकड़ने के लिए प्रोटोकॉल का पालन करें। लेकिन हर किसी को संदेह की दृष्टि से न देखें।’ जीएसटी की नई व्यवस्था में सरकार ने दर स्लैब को भी युक्तिसंगत बनाया है।रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया सरल की गई है और स्वचालित रिफंड और जोखिम-आधारित ऑडिट सिस्टम शुरू किए गए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि ये उपाय सामूहिक रूप से व्यवस्था को अधिक कुशल, न्यायसंगत और विकासोन्मुखी बनाएंगे।उन्होंने निर्देश दिया कि देश भर में जीएसटी सेवा केंद्रों में पर्याप्त संख्या में कर्मचारी हों और वे सुलभ भी हों। प्रत्येक केंद्र में पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान करदाताओं का मार्गदर्शन करने के लिए हेल्पडेस्क होनी चाहिए। साथ ही फील्ड इकाइयां इन केंद्रों का आंतरिक ऑडिट करें और करदाताओं के समक्ष आने वाली दिक्कतों को तत्काल दूर करें। कर प्रशासन के भीतर ईमानदार व्यवस्था पर भी जोर देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही समय पर पूरी होनी चाहिए।
- नई दिल्ली। आज छठ महापर्व का दूसरा दिन है। इसे खरना के नाम से जाना जाता है। आज के दिन श्रद्धालु सूर्योदय से सूर्यास्त तक निर्जला उपवास रखते हैं। सूर्यास्त के समय सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोला जाता है। छठ पूजा के दूसरे दिन खरना की परंपरा है, जिसे लोहंडा भी कहा जाता है। इस दिन गुड़ की खीर, आटे की रोटी और मौसमी फलों का महाप्रसाद बनाया जाता है और छठी मइया को भोग लगाया जाता है। भक्त पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर इस प्रसाद को बनाते हैं और शाम के समय सूर्य देव की आराधना के बाद यह प्रसाद छठी मइया को अर्पित किया जाता हैं। पूजा संपन्न होने के बाद यही प्रसाद परिवारजनों और भक्तों के बीच बांटा जाता है, जिसे ‘प्रसाद ग्रहण’ की परंपरा कहा जाता है। खरना का छठ पर्व में विशेष स्थान है, क्योंकि यह अगले दो दिनों के कठोर उपवास की तैयारी का प्रतीक माना जाता है और इसी से 36 घंटे के व्रत का आरंभ होता है। इस अवसर पर व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा और संयम के साथ सूर्य देव का आह्वान करती हैं और उनके प्रति आभार व्यक्त करती हैं।चार दिवसीय छठ पूजा कल नहाय-खाय के साथ शुरू हुई। सूर्य देव और उनकी बहन छठी मैया की पूजा को समर्पित यह पर्व पवित्रता, कृतज्ञता और कल्याण की भावना का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छठ पर्व के अवसर पर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएँ दी हैं। एक सोशल मीडिया पोस्ट में, श्री मोदी ने सभी व्रतियों की अटूट भक्ति को नमन किया। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री ने छठी मैया को समर्पित एक भक्ति गीत भी साझा किया। प्रधानमंत्री ने कामना की कि छठी मैया सभी पर अपनी असीम कृपा बनाए रखें।



























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