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- चंद्रपुर. महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले की राजुरा तहसील में बृहस्पतिवार को एक ट्रक और ऑटोरिक्शा की टक्कर हो जाने से तीन महिलाओं सहित छह लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि राजुरा-गडचंदूर रोड पर कपाणगांव के पास शाम करीब चार बजे हुए इस हादसे में दो लोग घायल भी हुए। दुर्घटना के समय ऑटोरिक्शा में सात यात्री सवार थे।राजुरा थाने के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऑटोरिक्शा को विपरीत दिशा से आ रहे ट्रक ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि पूरा ऑटोरिक्शा चकनाचूर हो गया। उन्होंने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और सभी पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाया गया, जिसमें से तीन लोगों की पहले ही मौत हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि घायलों में से तीन को चंद्रपुर जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें भी मृत घोषित कर दिया। अधिकारी ने बताया कि मृतकों की पहचान वर्षा मांडले (41), तनु पिंपलकर (18), ताराबाई पापुलवार (60), रवींद्र बोबडे (48), शंकर पिपेरे (50) और ऑटोरिक्शा चालक प्रकाश मेश्राम (50) के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि ट्रक को जब्त कर लिया गया है, लेकिन उसका चालक फरार है और चालक के खिलाफ मामला दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है।
- नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि बिहार पुरुष हॉकी एशिया कप 2025 की मेजबानी कर रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह टूर्नामेंट रोमांचक मैचों, असाधारण प्रतिभा के प्रदर्शन और यादगार क्षणों से भरपूर होगा जो भावी पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। मोदी ने कहा कि शुक्रवार को राष्ट्रीय खेल दिवस और मेजर ध्यानचंद की जयंती भी है और इसी दिन बिहार के ऐतिहासिक शहर राजगीर में पुरुष हॉकी एशिया कप 2025 शुरू हो रहा है। उन्होंने एक्स पर कहा, ‘‘मैं एशिया कप में भाग लेने वाली सभी टीमों, खिलाड़ियों, अधिकारियों और समर्थकों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि हॉकी के लिए हमेशा भारत और एशिया के लाखों लोगों के दिलों में एक खास जगह रही है। मोदी ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि यह टूर्नामेंट रोमांचक मैचों, असाधारण प्रतिभा के प्रदर्शन और यादगार क्षणों से भरपूर होगा, जो खेल प्रेमियों की भावी पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।'' उन्होंने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि बिहार पुरुष हॉकी एशिया कप 2025 की मेजबानी कर रहा है।मोदी ने कहा कि हाल के दिनों में बिहार ने एक प्रमुख खेल केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाई है। उसने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025, एशिया रग्बी अंडर20 सेवंस चैम्पियनशिप 2025, आईएसटीएएफ सेपकटकरा विश्व कप 2024 और महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2024 जैसे प्रमुख टूर्नामेंटों की मेजबानी की है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह बिहार के बढ़ते बुनियादी ढांचे, जमीनी स्तर पर उत्साह और विविध खेल विधाओं में प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।'' भारत एशिया कप के अपने पहले मैच में शुक्रवार को चीन का सामना करेगा।
- नयी दिल्ली. भारत और भूटान ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। बृहस्पतिवार को जारी एक सरकारी बयान के अनुसार, कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी और भूटान सरकार के कृषि एवं पशुधन मंत्रालय (एमओएएल) के सचिव थिनले नामग्याल ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने के लिए थिम्पू में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर खाद्य सुरक्षा, सतत कृषि और ग्रामीण समृद्धि के प्रति दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।बयान में कहा गया है, ‘‘यह समझौता ज्ञापन में उल्लेखित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक रूपरेखा के रूप में काम करेगा, जिसमें कृषि अनुसंधान और नवाचार, पशुधन स्वास्थ्य और उत्पादन, कटाई-पश्चात प्रबंधन, मूल्य श्रृंखला विकास और ज्ञान, कौशल एवं विशेषज्ञता का आदान-प्रदान शामिल है।'' इस समझौता ज्ञापन को लागू करने के लिए, संयुक्त तकनीकी कार्य समूह (जेटीडब्ल्यूजी) का पहला सत्र आयोजित किया गया। दोनों देशों ने संयुक्त कार्य समूह (जेटीडब्ल्यूजी) के लिए विचारणीय विषयों और तत्काल कार्रवाई हेतु सहयोग के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर सहमति व्यक्त की। चतुर्वेदी ने प्राथमिकताओं और चुनौतियों के बारे में बात की, साथ ही कृषि क्षेत्र के विकास के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई पहल का उल्लेख किया। संयुक्त कार्य समूह (जेटीडब्ल्यूजी) सत्र के दौरान, भारत और भूटान ने कृषि, पशुधन, कृषि विपणन एवं सहकारिता, खाद्य प्रसंस्करण, बीज क्षेत्र, अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग, और क्षमता निर्माण सहित सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों पर विस्तृत चर्चा की। दोनों पक्षों ने अगली संयुक्त कार्य समूह बैठक भारत में पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि पर आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की।
- नयी दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को कहा कि संघ आरक्षण का समर्थन करता रहा है और तब तक करता रहेगा जब तक इसके लाभार्थियों को यह महसूस नहीं हो जाता कि इसकी अब आवश्यकता नहीं है और वे अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं। अपनी तीन दिवसीय व्याख्यान शृंखला के अंतिम दिन इस मुद्दे पर पूछे गए सवालों के जवाब में भागवत ने समाज में जाति आधारित भेदभाव को समाप्त करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि आरएसएस इसके लिए काम कर रहा है। आरएसएस प्रमुख ने कहा, "संघ पहले से ही संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण का समर्थन करता है।यह हमेशा रहेगा। और जब तक आरक्षण के लाभार्थियों को यह महसूस नहीं होता कि अब इसकी आवश्यकता नहीं है, भेदभाव समाप्त हो गया है और वे अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं, तब तक हम इसका समर्थन करेंगे।" उन्होंने कहा कि जब बालासाहेब देवरस आरएसएस प्रमुख थे, तब संघ ने आरक्षण के पक्ष में एक प्रस्ताव पारित किया था। भागवत ने कहा, "जब प्रस्ताव लाया गया था, तो इस पर बिल्कुल अलग-अलग विरोधी विचार थे। हमारे तत्कालीन सरसंघचालक (आरएसएस प्रमुख) बालासाहेब जी ने पूरे सत्र के दौरान विचारों को सुना और कहा, 'कल्पना कीजिए कि आप उन लोगों के परिवार में पैदा हुए हैं जिन्होंने एक हज़ार साल तक जातिगत भेदभाव का दंश झेला है और फिर अगले सत्र में बोलें।'" उन्होंने कहा कि अगले सत्र में आरक्षण के समर्थन में प्रस्ताव "सर्वसम्मति से" पारित कर दिया गया।भागवत ने कहा कि संघ यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करता रहता है कि समाज के ऐसे कमज़ोर वर्गों को आरक्षण का लाभ मिले। उन्होंने कहा, "लेकिन जब हम ऐसा करते हैं, तो लोग कहते हैं कि आरएसएस भाजपा का वोट बैंक बढ़ाने के लिए ऐसा कर रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए।" भागवत ने कहा कि आरएसएस के स्वयंसेवक वंचित वर्ग के लोगों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं। संघ ऐसे अत्याचारों के खिलाफ मजबूती से क्यों नहीं खड़ा दिखता, इस सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘जहां भी ऐसी घटनाएं होती हैं, स्वयंसेवकों को वहां जाना चाहिए। उन्हें सत्य और न्याय के लिए खड़ा होना चाहिए और पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित करना चाहिए। यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटनाओं से समाज में झगड़े न हों। स्वयंसेवकों से यही सब अपेक्षित है।" उन्होंने कहा, "अगर किसी कारणवश ऐसा नहीं होता है, तो यह हमारी गलती है। संघ के स्थानीय स्वयंसेवकों के ध्यान में यह बात लाएं। इसका ध्यान रखा जाएगा।"मनुस्मृति में वर्ण व्यवस्था के संदर्भ में पूछे गए एक सवाल के जवाब में भागवत ने कहा कि 1972 में कर्नाटक के उडुपी शहर में एकत्रित "सभी धार्मिक नेताओं" ने कहा था कि हिंदू धर्मग्रंथों में छुआछूत के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा, "यदि ऐसा कोई संदर्भ है, तो हम उसे स्वीकार नहीं करते। यहां (भारत में) लोग जो चाहते हैं, वही होता है। हम पुस्तकों और धर्मग्रंथों में लिखी बातों का पालन नहीं करते। यही कारण है कि हमारे पास एक भी धर्मग्रंथ नहीं है। और लोगों ने अपनी सुविधानुसार (धर्मग्रंथों के) पाठ की अलग-अलग व्याख्या की है।" आरएसएस प्रमुख ने कहा कि देश के धार्मिक नेताओं को एक नयी स्मृति बनाने के बारे में सोचना चाहिए जिसमें भारतीय समाज के सभी वर्गों, संप्रदायों, जातियों और उपजातियों को शामिल किया जाए और उनके लिए "व्यावहारिक आचरण" की शिक्षा दी जाए। भागवत ने कहा कि आरएसएस देश में सामाजिक समरसता लाने के लिए प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा, "हर कोई समाज का हिस्सा है। कोई ऊंच-नीच नहीं है। सबका समान सम्मान है। सब अपने हैं। यह भावना जागृत करनी होगी। यह करना ही होगा। संघ यह कर रहा है।"
- बहराइच. बहराइच की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को दहेज की मांग को लेकर अपनी पत्नी का गला घोंटने के जुर्म में एक व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक रामनयन सिंह ने बताया कि 27 जनवरी 2024 को तुलसीराम निषाद नामक व्यक्ति ने पुलिस के समक्ष रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनके दामाद लवलेश ने फोन पर सूचना दी कि उनकी पुत्री अंजली ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। तुलसीराम ने आरोप लगाया था कि दामाद लवलेश उनकी पुत्री को दहेज के लिए प्रताड़ित करता था।एसपी ने बताया कि मृतका अंजलि की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला घोंटकर हत्या की बात सामने आई थी। मृतका के पिता की तहरीर पर 27 जनवरी 2024 को थाना रामगांव में आरोपी लवलेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना के उपरान्त अदालत में आरोप पत्र दाखिल हुआ। एसपी ने बताया कि बृहस्पतिवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आनन्द शुक्ला ने अभियुक्त लवलेश निषाद को दोषी करार देते हुए उसे सश्रम आजीवन कारावास तथा 12 हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। आदेश के अनुसार अर्थदण्ड ना अदा करने की स्थिति में अभियुक्त को चार माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
- 0- हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में मोबाइल सेवाओं को मज़बूत करने के लिए तत्काल उपाय करने के निर्देश दिएनई दिल्ली। केंद्रीय संचार और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल संपर्क सेवा बहाल करने के संबंध में एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में सचिव (दूरसंचार) डॉ. नीरज मित्तल, संचार मंत्रालय, भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और अन्य दूरसंचार संचालकों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।केंद्रीय मंत्री महोदय श्री सिंधिया ने सभी प्रभावित क्षेत्रों, विशेष रूप से जम्मू के डोडा और उधमपुर जिलों में, जहाँ बाढ़ का सबसे अधिक प्रभाव पड़ा हैसेवाएँ बहाल करने के लिए तत्काल युद्धस्तर पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। अंतर-जिला और घाटी संपर्क में क्रमिक प्रतिबंधों पर भी कड़ी नज़र रखी जा रही है ताकि सेवाएँ शीघ्र अति शीघ्र सामान्य हो सकें।केंद्रीय मंत्री महोदय को बताया गया कि अधिकांश फाइबर कट पहले ही बहाल कर दिए गए हैं, और ज़मीनी स्तर पर टीमें क्षतिग्रस्त फाइबर को जल्दी से ठीक कर रही हैं, लूप बना रही हैं और सेवाओं को फिर से चालू कर रही हैं। दूरसंचार विभाग द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में इंट्रा-सर्किल रोमिंग (आईसीआर) लागू की गई, जिससे उपभोक्ता उन जगहों पर अन्य नेटवर्क से जुड़ सकते हैं जहाँ उनका प्राथमिक नेटवर्क बाधित था। श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बात पर बल दिया कि नागरिकों को अपने परिवारों और आवश्यक सेवाओं से जुड़े रहने में सक्षम बनाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि दूरसंचार टीमों की त्वरित कार्रवाई और राज्य अधिकारियों के समन्वित सहयोग से, सेवाओं की पूर्ण बहाली शीघ्र ही हो जाएगी।
- नई दिल्ली। सैन्य चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में, आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रेफरल (एएचआरआर) 28 अगस्त, को अत्याधुनिक एएलएलवाई अडैप्टिव मोतियाबिंद उपचार प्रणाली का उपयोग करके रोबोटिक कस्टम लेज़र मोतियाबिंद सर्जरी करने वाला भारत का पहला और दक्षिण एशिया का दूसरा सरकारी संस्थान बन गया। यह उपलब्धि नेत्र रोग विभाग की पहली फेम्टो-सेकंड लेज़र असिस्टेड मोतियाबिंद सर्जरी (एफएलएसीएस) के साथ रोबोटिक, ब्लेडलेस और कंप्यूटर-निर्देशित नेत्र शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में सफल प्रवेश का प्रतीक है।यह सर्जरी ब्रिगेडियर एस.के. मिश्रा ने एक 61 वर्षीय रोगी पर की। यद्यपी पारंपरिक सर्जरी अब भी प्रभावी है, एफएलएसीएस एक प्रमुख प्रौद्योगिकिय प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है, क्योंकि फेमटोसेकंड लेज़र सर्जरी के महत्वपूर्ण चरणों, जैसे कॉर्निया चीरा, कैप्सूलोटॉमी और मोतियाबिंद विखंडन को माइक्रोन-स्तर की सटीकता के साथ स्वचालित करता है।एएचआरआर में इस अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का समेकन सशस्त्र बलों की अपने कर्मियों और उनके परिवारों को सबसे उन्नत, सुरक्षित और प्रभावी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। एफएलएसीएस सटीकता और सर्वोत्तम परिणाम सुनिश्चित करता है, जो सैन्य चिकित्सा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी और सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा महानिदेशक सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन के मार्गदर्शन में, एएचआरआर में नेत्र विज्ञान विभाग आंखों की देखभाल में नैदानिक उत्कृष्टता और नवोन्मेषण की अपनी विरासत को निरंतर सुदृढ़ कर रहा है।
- नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने भारतीय वस्त्र क्षेत्र के लिए कपास की उपलब्धता बढ़ाने के लिए 19 अगस्त 2025 से 30 सितंबर, 2025 तक कपास पर आयात शुल्क में अस्थायी छूट दी थी। निर्यातकों को और अधिक समर्थन देने के लिए केंद्र सरकार ने कपास (एचएस 5201) पर आयात शुल्क छूट की सीमा को 30 सितंबर 2025 से 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस संदर्भ में अधिसूचना जारी की जाएगी।
- कुलशेखरपट्टिनम (तमिलनाडु). भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख वी. नारायणन ने कहा है कि तूतीकोरिन जिले में देश के दूसरे प्रक्षेपण परिसर का निर्माण दिसंबर 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है और इस अंतरिक्ष केंद्र से प्रति वर्ष लगभग 25 प्रक्षेपण होने की संभावना है। बुधवार को यहां प्रक्षेपण स्थल के लिए भूमि पूजन में भाग लेने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यहां से 500 किलोग्राम का पेलोड 400 किलोमीटर की ऊंचाई तक ले जाने में सक्षम लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) का उपयोग करके उपग्रहों का प्रक्षेपण किया जाएगा।यह परिसर 2300 एकड़ भूमि पर बनाया जा रहा है और आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित परिसर के बाद यह इस तरह का दूसरा परिसर होगा। उन्होंने कहा, ‘‘दिसंबर 2026 तक काम पूरा हो जाएगा - यही हमारा लक्ष्य है। हम अगले साल के अंत तक रॉकेट प्रक्षेपण की योजना बना रहे हैं। प्रधानमंत्री उचित समय पर सही प्रक्षेपण तिथि की घोषणा करेंगे।'' उन्होंने आगे कहा, ‘‘सालाना 20-25 उपग्रह प्रक्षेपण होंगे।''प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फरवरी 2024 में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से तटीय गांव कुलशेखरपट्टिनम में लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान परिसर (एसएलसी) की आधारशिला रखी थी। पीएसएलवी और जीएसएलवी की तुलना में एसएसएलवी भिन्न होते हैं। पीएसएलवी और जीएसएलवी भारी वजन ले जा सकते हैं और आमतौर पर गहन अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रमों में उपयोग किए जाते हैं। पीएसएलवी और जीएसएलवी भारत के पहले अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किए जाते हैं।
- नयी दिल्ली. भारत और कनाडा ने बृहस्पतिवार को एक-दूसरे की राजधानियों में अपने-अपने राजनयिकों की नियुक्ति की घोषणा की। भारत ने जहां वरिष्ठ राजनयिक दिनेश के पटनायक को बृहस्पतिवार को ओटावा में अपना अगला उच्चायुक्त नियुक्त किया। वहीं, कनाडा ने क्रिस्टोफर कूटर को नयी दिल्ली में अपना नया उच्चायुक्त बनाने की घोषणा की। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब भारत और कनाडा 2023 में एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या के बाद द्विपक्षीय संबंधों में आई तल्खी को दूर करने की कोशिशों में जुटे हैं।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी ने 17 जून को कनाडा के कनानसकीस में जी-7 शिखर सम्मेलन के इतर हुई मुलाकात में द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने पर ध्यान केंद्रित किया था। पटनायक भारतीय विदेश सेवा के 1990 बैच के अधिकारी हैं। वह वर्तमान में स्पेन में भारत के राजदूत के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि पटनायक को कनाडा में भारत का अगला उच्चायुक्त नियुक्त किया गया है। बयान में कहा गया है, “उनके (पटनायक के) जल्द अपना नया कार्यभाल संभालने की उम्मीद है।”वहीं, ओटावा में कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने घोषणा की कि कूटर भारत में देश के अगले उच्चायुक्त होंगे। यह पद पहले कैमरून मैके के पास था। आनंद ने कहा, “नये उच्चायुक्त की नियुक्ति भारत के साथ राजनयिक संबंधों को गहरा करने और द्विपक्षीय सहयोग को गति देने के लिए कदम-दर-कदम आगे बढ़ने के कनाडा के दृष्टिकोण को दर्शाती है।” उन्होंने कहा, “यह नियुक्ति कनाडा में रहने वाले लोगों के लिए सेवाएं बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही यह कनाडा की अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगी।” कनाडा सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि ये नियुक्तियां दोनों देशों के नागरिकों और व्यवसायों के लिए आवश्यक राजनयिक सेवाएं बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।कूटर के पास 35 वर्षों का कूटनीतिक अनुभव है। हाल ही में उन्होंने इजराइल में कनाडा के प्रभारी राजदूत के रूप में काम किया। वह दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, लेसोथो, मॉरीशस और मेडागास्कर में कनाडा के उच्चायुक्त के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। कूटर ने 1998 से 2000 तक नयी दिल्ली स्थित कनाडाई उच्चायोग में प्रथम सचिव के रूप में भी कार्य किया था। जून में प्रधानमंत्री मोदी और उनके कनाडाई समकक्ष कार्नी ने भारत-कनाडा संबंधों में स्थिरता बहाल करने के लिए “रचनात्मक” कदम उठाने पर सहमति जताई थी, जिसमें एक-दूसरे की राजधानियों में दूतों की शीघ्र वापसी भी शामिल है। साल 2023 में कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट का हाथ होने के आरोप लगाए थे, जिसके बाद दोनों देशों के बीच संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे। पिछले साल अक्टूबर में भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त और पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया था, जब ओटावा ने उन्हें निज्जर मामले से जोड़ने की कोशिश की थी। भारत ने इतनी ही संख्या में कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित भी कर दिया था। हालांकि, अप्रैल में संसदीय चुनाव में लिबरल पार्टी के नेता कार्नी की जीत ने द्विपक्षीय संबंधों को पुनः स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू करने में मदद की।
- गढ़चिरौली. महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए चार नक्सलियों के सिर पर कुल 14 लाख रुपये का इनाम था। पुलिस ने बृहस्पतिवार यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने बताया कि मालु पाडा (41), क्रांति उर्फ जमुना हलामी (32), ज्योति कुंजाम (27) और मंगी मदकम (22) को 27 अगस्त को ढेर किया गया था। सुरक्षा बलों को यह विश्वसनीय सूचना मिली थी कि प्रतिबंधित संगठन की गढ़चिरौली डिवीजन गट्टा एलओएस, कंपनी नंबर 10 और कुछ अन्य फॉर्मेशन महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा के भामरगढ़ उप-मंडल के कोपरशी जंगल में डेरा डाले हुए हैं। गढ़चिरौली के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया, "अतिरिक्त एसपी (अभियान) एम रामेश के नेतृत्व में एक अभियान शुरू किया गया और सी-60 के 20 दल और सीआरपीएफ की क्यूएटी के दो दलों को 25 अगस्त को कोपरशी जंगल क्षेत्र के लिए वाना किया गया। घने जंगल की कठिन भौगोलिक स्थिति और प्रतिकूल मौसम के बावजूद, पुलिस दल दो दिन लगातार बारिश के बाद इलाके में पहुंचा।"विज्ञप्ति में कहा गया, "27 अगस्त की सुबह तलाशी अभियान के दौरान, पुलिस दल पर माओवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसपर पुलिस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। अंततः माओवादी पुलिस का दबाव बढ़ने पर घने जंगल की ओर भाग निकले। लगभग आठ घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद, एक पुरुष और तीन महिलाओं के शव बरामद किए गए।" विज्ञप्ति के अनुसार, छत्तीसगढ़ निवासी मालु पाडा (41) कंपनी नंबर 10 का सदस्य था और प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के 'प्लेटफॉर्म पार्टी कमेटी सदस्य' (पीपीसीएम) के रूप में काम कर रहा था। इसमें कहा गया है कि उसके सिर पर छह लाख रुपये का इनाम था। गढ़चिरौली के निवासी और कंपनी नंबर 10 की सदस्य क्रांति उर्फ जमुना हलामी (32) के सिर पर चार लाख रुपये का इनाम था। छत्तीसगढ़ निवासी और आहरी दलाम की सदस्य ज्योति कुंजाम (27) के सिर पर दो लाख रुपये का इनाम था। विज्ञप्ति के मुताबिक, मंगी मदकम (22) के सिर पर भी दो लाख रुपये का इनाम था।विज्ञप्ति में बताया गया कि प्रतिकूल परिस्थितियों में 48 घंटे चले इस अभियान के दौरान मौके से एक एसएलआर राइफल, दो इंसास राइफल, एक .303 राइफल, 92 कारतूस और तीन वॉकी-टॉकी सेट बरामद किए गए। साल 2021 से गढ़चिरौली पुलिस के निरंतर प्रयासों से कुल 91 कट्टर माओवादी मारे गए हैं, 128 गिरफ्तार किए गए हैं जबकि 75 ने आत्मसमर्पण किया है।
- नयी दिल्ली. सीट बेल्ट नहीं बांधने के कारण सड़क दुर्घटनाओं में वर्ष 2023 में 16,025 लोगों की मौत हो गई। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। 'भारत में सड़क दुर्घटनाएं 2023' शीर्षक वाली रिपोर्ट के अनुसार, मृतकों में 8,441 चालक थे, जबकि शेष 7,584 यात्री थे। रिपोर्ट के अनुसार, देश में हर घंटे 55 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। ‘‘देश में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस विभागों ने वर्ष 2023 के दौरान कुल 4,80,583 सड़क दुर्घटनाओं की सूचना दी है, जिनमें 1,72,890 लोगों की जान गई और 4,62,825 लोग घायल हुए।''रिपोर्ट में कहा गया है कि सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति में घातक और गंभीर चोटों से बचने के लिए हेलमेट और सीट बेल्ट जैसे सुरक्षा उपकरणों का उपयोग जरूरी है। इनका उपयोग नहीं करना घातक हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ वर्ष 2023 में हेलमेट नहीं पहनने के कारण कुल 54,568 लोगों की जान गई। इनमें 39,160 (71.8 प्रतिशत) लोग वाहन चालक थे जबकि 15,408 (28.2 प्रतिशत) यात्री थे।'' कुछ अपवादों को छोड़कर, दोपहिया वाहन चलाने वाले सभी लोगों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है।रिपोर्ट के अनुसार, जानलेवा सड़क दुर्घटनाओं की संख्या 2023 में 3.04 प्रतिशत बढ़कर 1,60,509 हो गई, जो 2022 में 1,55,781 थी। 2023 में हुई कुल दुर्घटनाओं में से 33.4 प्रतिशत जानलेवा थीं। रिपोर्ट के अनुसार 68.4 प्रतिशत सड़क हादसे तेज रफ्तार के कारण हुए। इससे 68.1 प्रतिशत मौत और 69.2 प्रतिशत घायल होने के मामले दर्ज किए गए। शराब/नशीले पदार्थों का सेवन, लाल बत्ती तोड़ना और मोबाइल फोन का उपयोग, ये सभी मिलकर कुल दुर्घटनाओं का 3.9 प्रतिशत और कुल मौत का 4.3 प्रतिशत रहे। 'गलत दिशा में गाड़ी चलाना' 2023 में सड़क दुर्घटनाओं का तीसरा सबसे बड़ा कारण था। इसके कारण 5.3 प्रतिशत दुर्घटनाएं, 5.5 प्रतिशत मौत और 5.3 प्रतिशत घायल हुए।
- नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को निर्यातकों को अमेरिकी शुल्क के प्रभाव से बचाने के लिए संभावित सहायता उपायों पर चर्चा करने हेतु एक अंतर-मंत्रालयी बैठक की अध्यक्षता की। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में वित्त, वाणिज्य, कपड़ा, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई), रसायन और मत्स्य पालन मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। यह चर्चा ट्रंप प्रशासन द्वारा 27 अगस्त से अमेरिकी बाजार में भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत का भारी शुल्क लगाए जाने के मद्देनजर हुई है।निर्यातकों के अनुसार, श्रम-प्रधान क्षेत्रों जैसे झींगा, रसायन, वस्त्र, चमड़ा और जूते तथा रत्न और आभूषण पर इस शुल्क का प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इन क्षेत्रों की वस्तुएं अमेरिकी बाजार में कम प्रतिस्पर्धी हो जाएंगी। इसका कारण यह है कि बांग्लादेश, वियतनाम और थाईलैंड जैसे प्रतिस्पर्धी देशों पर अपेक्षाकृत कम शुल्क लगाया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि मंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों से प्रतिक्रिया मांगी और निर्यातकों के लिए विचार किए जा सकने वाले समर्थन उपायों पर चर्चा की।
- नयी दिल्ली. अमेरिका के 50 प्रतिशत शुल्क के प्रभावी होने के बाद अगले छह महीने में भारत के कपड़ा निर्यात का करीब एक-चौथाई हिस्सा बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। विशेषज्ञों ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिका देश के परिधान उद्योग के लिए सबसे बड़ा निर्यात बाजार है और अब निर्यातक ऑर्डर रद्द होने की समस्या से जूझ रहे हैं। कपास के शुल्क मुक्त आयात को तीन महीने के लिए बढ़ाकर 31 दिसंबर तक करने से हालांकि घरेलू कपड़ा उद्योग को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। इस कदम से सरकार का प्रयास अपनी निर्यात रणनीति को पुनः तैयार करके और भारत के मौजूदा मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) का लाभ उठाकर अमेरिका के अलावा अन्य वैकल्पिक गंतव्यों की तलाश करके उच्च शुल्क के प्रभाव को कम करना है। भारतीय वस्त्र उद्योग परिसंघ (सीआईटीआई) की महासचिव चंद्रिमा चटर्जी ने कहा, ‘‘ अगर मैं कुछ हद तक व्यापार प्रणाली में बदलाव होने की बात को ध्यान में रखूं तो अगले छह महीने में कम से कम 20-25 प्रतिशत की गिरावट की आशंका हैं। ऐसा किए जाने पर निर्यात में 28 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है जिसमें सबसे अधिक प्रभावित होने वालों में परिधान एवं सिले हुए उत्पाद शामिल हैं।''सरकार ने कपास के शुल्क मुक्त आयात की अवधि बृहस्पतिवार को तीन महीने के लिए बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दी। इस कदम का मकसद अमेरिका के 50 प्रतिशत उच्च शुल्क का सामना कर रहे कपड़ा निर्यातकों को समर्थन प्रदान करना है। इससे पहले 18 अगस्त को वित्त मंत्रालय ने 19 अगस्त से 30 सितंबर तक कपास आयात पर शुल्क छूट की अनुमति दी थी। चटर्जी ने कहा, ‘‘ हम बहुत राहत महसूस कर रहे हैं क्योंकि पहले दी गई छूट से कपास के लिए दिए जाने वाले नए ऑर्डर पर कोई लाभ नहीं मिल रहा था क्योंकि इसे भेजने में कम से कम 45-50 दिन लगते हैं। इसलिए अब अपेक्षाकृत लंबी छूट से नए ऑर्डर पर लाभ होगा।'' दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र में परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के चेयरमैन सुधीर सेखरी ने कहा कि भारतीय आयात पर अमेरिका के 50 प्रतिशत शुल्क की घोषणा देश के कपड़ा एवं परिधान उद्योग के लिए चिंता का गंभीर विषय है।सेखरी ने कहा, ‘‘ अमेरिका सबसे बड़े निर्यात गंतव्यों में से एक है। इस तरह के उच्च शुल्क से अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा जिससे निर्यातकों एवं उपभोक्ताओं दोनों को नुकसान होगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा उद्योग पहले से ही शुल्क वृद्धि के प्रभावों का सामना कर रहा है जिसमें संभावित नुकसान और ऑर्डर रद्द होने की आशंका है। हम अमेरिकी शुल्क के प्रभाव को कम करने के लिए वैकल्पिक बाजारों और रणनीतियों की तलाश कर रहे हैं। हम कपड़ा मंत्रालय और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के साथ भी सक्रिय रूप से चर्चा कर रहे हैं। दोनों मंत्रालयों के मंत्रियों के साथ बैठकों में हमें हर संभव समर्थन का आश्वासन दिया गया है।'' वित्त वर्ष 2024-25 में कपड़ा एवं और परिधान क्षेत्र का कुल आकार 179 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था। इसमें 142 अरब डॉलर का घरेलू बाजार और 37 अरब डॉलर का निर्यात शामिल है।
- नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निर्यातकों के एक प्रतिनिधिमंडल को बृहस्पतिवार को आश्वासन दिया कि अमेरिकी शुल्क के कारण उत्पन्न इस चुनौतीपूर्ण समय में सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है और उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है। फियो ने एक बयान में यह जानकारी दी। भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के अध्यक्ष एस. सी. रल्हन के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल को यह आश्वासन दिया गया। मंत्री ने साथ ही कहा कि सरकार उच्च अमेरिकी शुल्क के कारण उत्पन्न समस्याओं से निपटने में हर संभव प्रयास कर रही है। प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी शुल्क में वृद्धि से भारतीय निर्यातकों के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों से उन्हें अवगत कराया। रल्हन ने बातचीत के दौरान निर्यातक समुदाय की तात्कालिक चिंताओं, विशेष रूप से बाजार पहुंच, प्रतिस्पर्धी क्षमता और रोजगार सृजन पर उच्च शुल्क के प्रतिकूल प्रभावों का उल्लेख किया।उन्होंने देश की वृद्धि और रोजगार सृजन के प्रमुख चालक रहे निर्यातकों पर दबाव कम करने के लिए त्वरित एवं सुनियोजित नीतिगत उपायों की आवश्यकता बतायी। फियो ने कहा, ‘‘ वित्त मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि सरकार इस समय भारतीय निर्यातकों के साथ मजबूती से खड़ी है। साथ ही सरकार निर्यातक समुदाय की सभी चिंताओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है और उनके हितों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी।'' बयान के अनुसार, मंत्री ने श्रमिकों की आजीविका की सुरक्षा के महत्व का भी उल्लेख किया और उद्योग जगत से वैश्विक चुनौतियों के बावजूद कर्मचारियों को नौकरी की निरंतरता का आश्वासन देने का आह्वान किया। इसमें कहा गया, ‘‘ उन्होंने कहा कि सरकार वृद्धि की गति और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भारत की स्थिरता बनाए रखने के लिए निर्यातकों को व्यापक समर्थन प्रदान करेगी।'' भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका का 50 प्रतिशत शुल्क बुधवार से प्रभावी हो गया। इससे झींगा, परिधान, हीरे, चमड़ा एवं जूते चप्पल तथा रत्न व आभूषण जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों में निर्यात पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है।
- नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री जन-धन योजना के 11 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस योजना ने लोगों को अपना भाग्य खुद लिखने की शक्ति दी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब अंतिम पर खड़ा व्यक्ति वित्तीय रूप से जुड़ जाता है तो पूरा देश एक साथ आगे बढ़ता है। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री जन-धन योजना आज ही के दिन शुरू की गई थी। यह एक राष्ट्रीय मिशन है जिसमें देश के सभी परिवारों के व्यापक वित्तीय समावेशन के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण शामिल है। इस योजना में प्रत्येक परिवार के लिए कम से कम एक बुनियादी बैंकिंग खाता, वित्तीय साक्षरता, ऋण, बीमा और पेंशन सुविधा तक पहुंच के साथ बैंकिंग सुविधाओं तक सार्वभौमिक पहुंच की परिकल्पना की गई है। मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जब अंतिम व्यक्ति वित्तीय रूप से जुड़ा होता है, तो पूरा देश एक साथ आगे बढ़ता है। प्रधानमंत्री जन-धन योजना से यही हासिल हुआ।इसने सम्मान बढ़ाया और लोगों को अपना भाग्य खुद लिखने की शक्ति दी।'' प्रधानमंत्री ने एक अन्य पोस्ट में ‘माइगोव' द्वारा किया गया एक पोस्ट साझा किया जिसमें बताया गया कि कैसे प्रधानमंत्री जन-धन योजना ने पूरे भारत में जीवन बदल दिया। इस पोस्ट में कहा गया, ‘‘गणित के सूत्र नहीं, बल्कि भारत के विकास के सूत्र। भारत की वित्तीय क्रांति एक विचार से प्रेरित है: नवाचार के माध्यम से समावेशन। अंतिम छोर तक बैंकिंग से लेकर महिला-नेतृत्व वाले सशक्तीकरण तक, पारदर्शी डीबीटी हस्तांतरण से लेकर शासन में विश्वास तक, प्रधानमंत्री जन-धन योजना ने भारत में बैंकिंग, बचत और विकास के तरीके को बदल दिया है।'' ‘माइगोव' के एक अन्य पोस्ट में कहा गया, ‘‘11 साल पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत से वादा किया था कि कोई भी गरीब परिवार बैंकिंग की दुनिया से बाहर नहीं रहेगा। जन-धन कभी भी केवल खातों के बारे में नहीं था, यह एक माँ के लिए सम्मान के साथ बचत करने, एक किसान को बिचौलियों के बिना सहायता प्राप्त करने और एक ग्रामीण को राष्ट्र के विकास का हिस्सा महसूस करने के लिए दरवाजे खोलने के बारे में था।'' इसमें कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण ने वित्तीय समावेशन को वास्तविकता में बदल दिया, जिससे हर घर में आशा और हर जीवन में आत्मविश्वास आया।'
- नई दिल्ली। हरियाणा सरकार ने महिलाओं के लिए एक बड़ा एलान किया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज गुरुवार को कैबिनेट बैठक के बाद घोषणा की कि राज्य की पात्र महिलाओं को हर महीने 2100 रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस योजना का नाम ‘दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना’ रखा गया है और इसकी शुरुआत 25 सितंबर 2025 को दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर होगी। यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।मुख्यमंत्री सैनी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि योजना के पहले चरण में उन परिवारों की महिलाएं शामिल होंगी जिनकी सालाना आय 1 लाख रुपए से कम है। बाद में धीरे-धीरे अन्य परिवारों की महिलाओं को भी इसमें जोड़ा जाएगा। योजना का लाभ उन महिलाओं को मिलेगा जिनकी उम्र 23 साल या उससे अधिक है। इसमें विवाहित और अविवाहित दोनों शामिल होंगी, लेकिन शर्त यह है कि महिला पिछले 15 साल से हरियाणा की स्थायी निवासी हो।सरकार ने स्पष्ट किया है कि परिवार में पात्र महिलाओं की संख्या पर कोई सीमा नहीं होगी। अगर एक परिवार में तीन महिलाएं पात्र हैं, तो तीनों को यह लाभ मिलेगा। लेकिन यदि किसी महिला को पहले से किसी अन्य सरकारी योजना के तहत 2100 रुपए से ज्यादा की राशि मिल रही है, तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा, स्टेज-3 और स्टेज-4 कैंसर पीड़ित महिलाओं और 54 दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित महिलाओं को अगर पहले से पेंशन मिल रही है, तो उन्हें इस योजना का अतिरिक्त लाभ भी मिलेगा। राज्य सरकार का अनुमान है कि पहले चरण में लगभग 19 से 20 लाख महिलाएं इस योजना से लाभान्वित होंगी। अगले सात दिनों में योजना का गजट नोटिफिकेशन जारी होगा और इसके लिए एक मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया जाएगा।-
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नैनीताल. उत्तराखंड के नैनीताल में डेढ़ सौ साल से ज्यादा पुराने 'ओल्ड लंदन हाउस' में भीषण आग लगने के कारण झुलसकर एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गयी। पुलिस ने यह जानकारी दी। घटना में जान गंवाने वाली महिला प्रसिद्ध इतिहासकार और पर्यावरणविद डॉ. अजय रावत की बहन थीं।
पुलिस ने यहां बताया कि मल्लीताल क्षेत्र में मोहनको चौराहे पर स्थित इस इमारत में बुधवार रात आग लग गयी जिस पर अग्निशमन सेवा, पुलिस, वायुसेना फायर टेंडर एवं अन्य बचाव दलों की मदद से कई घंटे बाद रात करीब दो बजे काबू पाया जा सका। घनी आबादी वाले क्षेत्र में लगी आग पर नियंत्रण करने के लिए बचाव एवं राहत अभियान में विभिन्न एजेंसियों के 40 से अधिक कर्मी जुटे रहे। घटना की सूचना मिलते ही कुमांउ की पुलिस महानिरीक्षक रिद्धिम अग्रवाल और नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा भी मौके पर पहुंचे और बचाव अभियान की निगरानी की। डॉ. रावत ने बताया कि उनकी बहन शांता बिष्ट की आग में झुलसकर मृत्यु हो गयी है। वह 82 वर्ष की थीं।
इमारत के पास ही अपनी मोबाइल फोन की दुकान के मालिक विनोद कुमार वर्मा ने बताया कि उन्होंने रात करीब 10 बजे धुआं निकलते देखा जिसके तुरंत बाद आग की लपटें दिखाई देने लगीं। उन्होंने तत्काल अग्निशमन विभाग को सूचना दी, जिसके बाद दमकल का एक वाहन मौके पर पहुंचा और आग बुझाने का प्रयास किया। हालांकि, उसके टैंक का पानी जल्द ही खत्म हो गया जिसके बाद उसे दोबारा पानी भरने के लिए वापस भेजना पड़ा। घटना के बाद अफरातफरी मच गयी और लोग इधर-उधर भागते दिखाई दिए। बाद में, भवाली, भीमताल, रामनगर, हल्द्वानी समेत कई जगहों से दमकल वाहन मंगाए गए जिन्होंने आग बुझाने में मदद की। एक स्थानीय निवासी सिद्धार्थ शाह ने कहा कि आग की लपटें इतनी उंची थीं कि उसमें अंदर जाना असंभव था। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों ने आग को बुझाने का भरसक प्रयास किया लेकिन वह काबू में नहीं आ रही थी। उपजिलाधिकारी नवाजिश खालिक ने कहा कि अग्निशमन विभाग और जल संस्थान की टीमों के साथ शहर के सभी ‘हाइड्रेंटस' यानी आग बुझाने के लिए पानी की आपूर्ति करने वाले स्रोतों का निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए विभाग की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। आग के कारणों का फिलहाल पता नहीं चला है।
आग में जलकर इमारत पूरी तरह से नष्ट हो गयी। 'ओल्ड लंदन हाउस' को 1863 में बनाया गया था, जब नैनीताल को यूनाइटेड प्रोविंस की ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में विकसित किया गया था। यह उस दौर में बनीं कई शानदार इमारतों में से एक थी। नैनीताल के एसएसपी मीणा ने कहा कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है और आसपास के घरों में भी तलाश करके देखा जा रहा है कि कहीं कोई वहां फंसा तो नहीं है। यह इमारत प्रोफेसर अजय रावत की बहनों कर्णलता रावत और शांता बिष्ट का आवास था। कर्णलता रावत यहां मोहन लाल शाह बालिका विद्यालय की प्रधानाचार्य के तौर पर सेवानिवृत्त हुई थीं लेकिन यह विडंबना है कि 2020 में उनकी मौत भी आग में झुलसकर ही हुई थी। घटना के दौरान महिला के पुत्र निखिल बिष्ट अपनी मां को बचाने के लिए असहाय होकर चिल्लाते रहे और फिर बेहोश हो गए। निखिल बिष्ट ने 'बर्फी' समेत कई हिंदी फिल्मों में आर्ट निर्देशक के रूप में काम किया है और वह नैनीताल आकर अपनी बुजुर्ग मां की देखभाल कर रहे थे। - नयी दिल्ली.रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सतीश कुमार का कार्यकाल एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है। उनका कार्यकाल 31 अगस्त, 2025 को समाप्त होने वाला था।सरकार ने 27 अगस्त 2025 को एक आदेश में कहा, ‘‘मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (सेवानिवृत्त) सतीश कुमार के कार्यकाल को एक सितंबर 2025 से एक वर्ष की अवधि के लिए अनुबंध के आधार पर पुनर्नियुक्ति पर, मौजूदा नियम और शर्तों पर या अगले आदेश तक (जो भी पहले हो) विस्तार देने को मंजूरी दे दी है।'' एक सितंबर 2024 को कुमार की प्रारंभिक नियुक्ति के साथ ही वह बोर्ड के इतिहास में अनुसूचित जाति वर्ग से पहले अध्यक्ष और सीईओ बने। अधिकारियों ने बताया कि भारतीय रेलवे मैकेनिकल इंजीनियर्स सेवा (आईआरएसएमई) के 1986 बैच के प्रतिष्ठित अधिकारी कुमार ने 34 वर्षों से अधिक के अपने शानदार करियर के दौरान भारतीय रेलवे में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने बताया, ‘‘कुमार ने मार्च 1988 में भारतीय रेलवे में अपना करियर शुरू किया था। तब से, उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों और मंडलों में विभिन्न महत्वपूर्ण भूमिकाओं में काम किया है और रेलवे प्रणाली में नवाचार, दक्षता और सुरक्षा में सुधार लाए हैं।'' अधिकारियों ने कहा, ‘‘कुमार का एक महत्वपूर्ण योगदान ‘फॉग सेफ डिवाइस' पर उनका कार्य है। यह एक ऐसा नवाचार है जो कोहरे की स्थिति के दौरान सुरक्षित रेल परिचालन सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध हुआ है।
- नयी दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर संघचालक मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि वह 75 साल की उम्र में पद छोड़ देंगे या किसी को इस आयु में संन्यास ले लेना चाहिए। संघ प्रमुख भागवत की इस टिप्पणी ने नेताओं के संन्यास लेने संबंधी उनकी हालिया टिप्पणी पर चल रही अटकलों पर विराम लगा दिया है, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संदर्भ में देखा जा रहा था। मोदी और भागवत, दोनों अगले महीने 75 वर्ष के हो जाएंगे। आरएसएस के शताब्दी वर्ष समारोह के दौरान प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम जीवन में किसी भी समय पद छोड़ने को तैयार हैं और जब तक संघ चाहे, तब तक कार्य करने को तैयार हैं।'' 75 साल की उम्र में सेवानिवृत्ति या संन्यास के मुद्दे पर भागवत ने कहा कि उन्होंने हाल में नागपुर में दिवंगत आरएसएस नेता मोरोपंत पिंगले की विनोदप्रियता पर प्रकाश डालते हुए उनका उद्धरण दिया था। भागवत ने कहा, ‘‘वह इतने हास्य-विनोदी थे कि उनकी हाजिरजवाबी सुनकर आप अपनी कुर्सी पर उछल पड़ते थे... एक बार हमारे कार्यक्रम में, हम सभी अखिल भारतीय कार्यकर्ता थे और उन्होंने (पिंगले) अपने 75 वर्ष पूरे कर लिए थे। इसलिए उन्हें एक शॉल प्रदान किया गया और कुछ कहने को कहा गया... उन्होंने खड़े होकर कहा, 'आप सोच रहे होंगे कि आपने मुझे सम्मानित किया है, लेकिन मैं जानता हूं कि जब यह शॉल दिया जाता है तो इसका मतलब है कि आप शांति से कुर्सी पर बैठें और देखें कि क्या हो रहा है।'' उन्होंने स्पष्ट किया कि 75 साल से उनका आशय किसी नेता के संन्यास लेने से नहीं था।उन्होंने कहा, ‘‘तो यह किसी के सेवानिवृत्त होने या मेरे अपने संन्यास के लिए नहीं है। हम जीवन में कभी भी संन्यास लेने के लिए तैयार हैं। और, जब तक संघ चाहेगा, हम काम करने के लिए तैयार हैं।'' भागवत ने कहा, ‘‘मैंने कभी नहीं कहा कि मैं पद छोड़ दूंगा या किसी और को संन्यास ले लेना चाहिए।''संघ प्रमुख ने कहा कि उनके संगठन में स्वयंसेवक को कार्य सौंपा जाता है, भले ही वे चाहें या ना चाहें और उन्हें वो कार्य करना होता है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं 80 साल का हो जाऊं और संघ मुझे शाखा चलाने के लिए कहेगा। मुझे जाना ही होगा। मैं यह नहीं कह सकता कि मैंने 75 साल पूरे कर लिए हैं और मैं सेवानिवृत्ति के लाभों का आनंद लेना चाहता हूं। संघ में कोई लाभ नहीं हैं।'' भागवत ने कहा कि आरएसएस में अनेक लोग हैं जो इसका प्रमुख बन सकते हैं।उन्होंने कहा, ‘‘मैं सर संघचालक हूं। आपको क्या लगता है कि केवल मैं हूं जो सर संघचालक हो सकता हूं। इस हॉल में कम से कम दस लोग बैठे हैं। वे किसी भी समय यह जिम्मेदारी संभाल सकते हैं और काम कर सकते हैं।'' संघ प्रमुख ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘‘लेकिन वे बहुत व्यस्त हैं। और उनका योगदान मूल्यवान है। उन्हें छोड़ा नहीं जा सकता। मुझे छोड़ा जा सकता है।''
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नई दिल्ली। देशभर में 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाएगा। इसी खास दिन से बिहार के ऐतिहासिक शहर राजगीर में पुरुष हॉकी एशिया कप 2025 की शुरुआत होगी। टूर्नामेंट से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी खिलाड़ियों और टीमों को शुभकामनाएं दीं और विश्वास जताया कि यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “29 अगस्त (जो राष्ट्रीय खेल दिवस और मेजर ध्यानचंद की जयंती भी है) से राजगीर में पुरुष हॉकी एशिया कप 2025 की शुरुआत होगी। मैं एशिया की सभी प्रतिभागी टीमों, खिलाड़ियों, अधिकारियों और समर्थकों को शुभकामनाएं देता हूं।”उन्होंने कहा कि भारत और एशिया के करोड़ों लोगों के दिलों में हॉकी का हमेशा एक खास स्थान रहा है। पीएम मोदी ने उम्मीद जताई कि यह टूर्नामेंट रोमांचक मुकाबलों, असाधारण प्रतिभाओं के प्रदर्शन और अविस्मरणीय पलों से भरपूर होगा, जो भविष्य की पीढ़ियों को खेल के प्रति प्रेरित करेगा।प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि हाल के वर्षों में बिहार बड़े खेल आयोजनों का केंद्र बनता जा रहा है। उन्होंने लिखा, “यह गर्व की बात है कि बिहार हॉकी एशिया कप 2025 की मेजबानी कर रहा है। हाल में यहां खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025, एशिया रग्बी अंडर-20 सेवन्स चैंपियनशिप 2025, सेपकटकरॉ वर्ल्ड कप 2024 और विमेंस एशियन चैंपियंस ट्रॉफी 2024 जैसे बड़े टूर्नामेंट आयोजित हुए हैं। यह सब बिहार के विकसित होते खेल बुनियादी ढांचे, जमीनी स्तर पर बढ़ते उत्साह और नई प्रतिभाओं को आगे लाने की प्रतिबद्धता को दिखाता है।”टूर्नामेंट में टीमों को दो समूहों में बांटा गया है। भारत को ग्रुप-ए में रखा गया है, जिसमें जापान, चीन और कजाकिस्तान शामिल हैं। वहीं ग्रुप-बी में बांग्लादेश, साउथ कोरिया, मलेशिया और चीनी ताइपे खेलेंगे। भारतीय टीम अपना पहला मुकाबला 29 अगस्त को चीन के खिलाफ खेलेगी। इसके बाद 31 अगस्त को जापान से भिड़ेगी और 1 सितंबर को कजाकिस्तान के खिलाफ खेलेगी। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरुवार को पश्चिमी ओडिशा के प्रमुख फसल उत्सव नुआखाई पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “देशवासियों को नुआखाई की हार्दिक शुभकामनाएं। यह पर्व हमें किसानों के प्रति गहरी कृतज्ञता की याद दिलाता है, जिनकी मेहनत हम सबको जीवन देती है। सभी के घरों में स्वास्थ्य, समृद्धि और खुशहाली बनी रहे। नुआखाई जुहार!”
वहीं ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भी राज्यवासियों को इस अवसर पर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि नुआखाई ओडिशा की समृद्ध कृषि परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित होने वाले नुआखाई भेटघाट को सामुदायिक सद्भाव और भाईचारे का प्रतीक बताया।नुआखाई मुख्य रूप से पश्चिमी ओडिशा के जिलों में मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण कृषि पर्व है। इस दिन किसान नई फसल के अनाज को देवता को अर्पित कर प्रकृति और ईश्वर के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। अनुष्ठानों के बाद परिवार और समुदाय दोपहर में एकत्र होकर पारंपरिक नृत्य, संगीत, खेल और भोज के साथ उत्सव मनाते हैं। यह पर्व गणेश चतुर्थी के अगले दिन मनाया जाता है और पश्चिमी ओडिशा के संबलपुर, सुंदरगढ़, कालाहांडी, नुआपाड़ा, नबरंगपुर, बालांगीर, बरगढ़, सुबरनपुर, देवगढ़, झारसुगुड़ा सहित कई जिलों में बड़े उत्साह और धूमधाम से आयोजित किया जाता है। - - नई दिल्ली। भारत सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए आयुर्वेद दिवस की तिथि को स्थायी रूप से निर्धारित कर दिया है। मार्च 2025 में जारी राजपत्र अधिसूचना के अनुसार, अब हर वर्ष 23 सितंबर को आयुर्वेद दिवस मनाया जाएगा। इससे पहले, यह दिवस धन्वंतरि जयंती (धनतेरस) को मनाया जाता था।आयुर्वेद केवल चिकित्सा नहीं, बल्कि प्रकृति और व्यक्ति के सामंजस्य पर आधारित जीवन विज्ञान हैकेंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने इस अवसर पर कहा कि आयुर्वेद केवल चिकित्सा प्रणाली नहीं है, बल्कि यह प्रकृति और व्यक्ति के बीच सामंजस्य पर आधारित जीवन का विज्ञान है। उन्होंने कहा, “2025 का विषय ‘लोगों और ग्रह के लिए आयुर्वेद’ न केवल वैश्विक कल्याण बल्कि एक स्वस्थ पृथ्वी के लिए भी आयुर्वेद की क्षमता को सामने लाता है।”वैश्विक पहचान की ओर अग्रसर आयुर्वेद दिवसआयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने बताया कि 2016 में शुरुआत के बाद से आयुर्वेद दिवस एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए सर्वेक्षणों से पता चलता है कि ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों में आयुर्वेद सबसे अधिक अपनाई जाने वाली उपचार प्रणाली है।पीएम मोदी की दृष्टि से जुड़ी उपलब्धियां9वां आयुर्वेद दिवस (2024) देश की स्वास्थ्य सेवा यात्रा में एक बड़ा पड़ाव रहा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA), नई दिल्ली के दूसरे चरण का उद्घाटन किया। इस अवसर पर आयुर्वेद में चार उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना की गई और लगभग 12,850 करोड़ रुपये की लागत वाली स्वास्थ्य संबंधी कई पहलें शुरू की गईं। इसके साथ ही “देश का प्रकृति परीक्षण अभियान” भी प्रारंभ हुआ।जागरूकता और वैश्विक भागीदारी2025 का आयुर्वेद दिवस केवल औपचारिकता नहीं बल्कि आधुनिक जीवनशैली रोगों, जलवायु संबंधी चुनौतियों और तनाव प्रबंधन जैसे मुद्दों के समाधान की दिशा में एक पहल है। इस वर्ष समारोह के दौरान: जन-जागरूकता अभियान,युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रम,स्वास्थ्य परामर्श और अंतर्राष्ट्रीय सहयोगात्मक गतिविधियां आयोजित होंगी। उल्लेखनीय है कि 2024 में आयुर्वेद दिवस के मौके पर 150 देशों में विभिन्न गतिविधियां हुईं, जो आयुर्वेद की बढ़ती वैश्विक स्वीकार्यता और प्रभाव को दर्शाती हैं।
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को बताया कि पिछले 11 वर्षों में प्रमुख वित्तीय समावेशन योजना, प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत 56 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए हैं, जिनमें कुल जमा राशि 2.68 लाख करोड़ रुपए है।
पीएमजेडीवाई के 67 प्रतिशत से अधिक खाते ग्रामीण या अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं और 56 प्रतिशत जन धन खाते महिलाओं द्वारा खोले गए हैंपीएमजेडीवाई के 67 प्रतिशत से अधिक खाते ग्रामीण या अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं और 56 प्रतिशत जन धन खाते महिलाओं द्वारा खोले गए हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “पीएमजेडीवाई प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) का इस्तेमाल कर विभिन्न योजनाओं के तहत लाभ प्रदान करने, ऋण सुविधाएं, सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने और बचत एवं निवेश बढ़ाने के प्रमुख माध्यमों में से एक रहा है।”इस योजना के तहत 38 करोड़ रुपे कार्ड भी जारी किए गए हैं, जो 2024-25 तक डिजिटल लेनदेन को 22,198 करोड़ तक बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैंइस योजना के तहत 38 करोड़ रुपे कार्ड भी जारी किए गए हैं, जो 2024-25 तक डिजिटल लेनदेन को 22,198 करोड़ तक बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा कि पीओएस और ई-कॉमर्स पर रुपे कार्ड से लेनदेन की संख्या वित्त वर्ष 2017-18 के 67 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 93.85 करोड़ हो गई है।वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि पीएम मोदी के दृष्टिकोण के तहत हर घर में खाता और हर वयस्क को बीमा-पेंशन कवरेज के लिए देशभर में संतृप्ति अभियान चल रहे हैंकेंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर घर में बैंक खाता और हर वयस्क को बीमा व पेंशन कवरेज देने के दृष्टिकोण के अनुरूप, देश भर में संतृप्ति अभियान चलाए जा रहे हैं। पीएमजेडीवाई की पहुंच बढ़ाने के लिए ये अभियान 30 सितंबर तक चलेंगे।देश की 2.7 लाख ग्राम पंचायतों में से प्रत्येक में कम से कम एक शिविर आयोजित किया जाएगा, जहां पात्र व्यक्ति पीएमजेडीवाई खाते खोल सकते हैंराज्य मंत्री ने कहा, “देश की 2.7 लाख ग्राम पंचायतों में से प्रत्येक में कम से कम एक शिविर आयोजित किया जाएगा, जहां पात्र व्यक्ति पीएमजेडीवाई खाते खोल सकते हैं, जन सुरक्षा योजनाओं के तहत नामांकन करा सकते हैं और अपने बैंक खातों में पुनः केवाईसी और नामांकन अपडेट भी करा सकते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “हम बैंक खातों में लगभग सैचुरेशन प्राप्त कर चुके हैं और देश भर में बीमा और पेंशन कवरेज में लगातार वृद्धि हुई है।” प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) खातों में कुल जमा राशि 2,67,756 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है, जबकि खातों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है और कुल जमा राशि में लगभग 12 गुना वृद्धि हुई है। -
नोएडा. उत्तर प्रदेश के नोएडा में साइबर अपराधियों ने वायुसेना के सेवानिवृत्त कर्मचारी को पत्नी और बेटी समेत 36 दिन तक 'डिजिटल अरेस्ट' रखकर उनसे 3.21 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर ली। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक जालसाजों ने पीड़ित परिवार को धनशोधन मामले में आरोपी बताकर खुद को मुंबई पुलिस की अपराध शाखा का अधिकारी बताया और उन्हें गिरफ्तारी का भय दिखाकर ठगी कर ली। पुलिस उपायुक्त (साइबर अपराध) प्रीति यादव ने बताया कि सेक्टर-25 स्थित जलवायु विहार में रहने वाली मलोबिका मित्रा ने मंगलवार को साइबर अपराध थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उनके पिता सुबीर मित्रा को 18 जुलाई को अज्ञात नंबर से कॉल आई थी। मलोबिका ने बताया कि पिता सुबीर मित्रा वायुसेना से सेवानिवृत्त हैं तथा वह पिता और मां केया मित्रा के साथ रहती हैं। उन्होंने बताया कि जालसाजों ने खुद को ट्राई का कर्मचारी बताया। पुलिस ने इस सिलसिले में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।