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नई दिल्ली। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर चलने वाली नमो भारत ट्रेन ने परिचालन के दो साल के भीतर 2 करोड़ कम्यूटर ट्रिप्स का बड़ा माइलस्टोन हासिल कर लिया है। आधुनिक तकनीक पर आधारित इस तेज परिवहन प्रणाली ने न सिर्फ लाखों यात्रियों की सुविधा बढ़ाई है, बल्कि क्षेत्र में यात्रा के तरीके को भी पूरी तरह बदल दिया है। अक्टूबर 2023 में परिचालन शुरू होने के बाद से यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, जो नमो भारत पर बढ़ते भरोसे को दर्शाती है।
प्रधानमंत्री द्वारा 20 अक्टूबर 2023 को साहिबाबाद-दुहाई डिपो के बीच 17 किमी लंबे प्राथमिक खंड का उद्घाटन किया गया था। इसके एक महीने के भीतर, नवंबर 2023 में 72,000 से अधिक यात्राएं दर्ज की गईं। वर्ष 2024 में कॉरिडोर के मोदीनगर नॉर्थ और बाद में मेरठ साउथ तक विस्तार के बाद राइडरशिप में बड़ी वृद्धि हुई। 2024 के अंत तक 42 किमी का खंड जनता के लिए खुल चुका था और दिसंबर में मासिक राइडरशिप बढ़कर लगभग 7 लाख पहुंच गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 गुना अधिक थी।जनवरी 2025 में न्यू अशोक नगर-साहिबाबाद सेक्शन के उद्घाटन के साथ दिल्ली के दो स्टेशन-न्यू अशोक नगर और आनंद विहार भी कॉरिडोर से जुड़ गए, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और मजबूत हुई। विस्तार के साथ जुलाई 2025 तक मासिक राइडरशिप 15 लाख पहुंच गई। इसी दौरान दैनिक यात्री संख्या 81,550 के सर्वोच्च स्तर पर पहुंची। वर्तमान में प्रतिदिन औसतन 55,000-60,000 लोग नमो भारत से सफर कर रहे हैं।यात्रियों के अनुसार, कम यात्रा समय, आरामदायक सफर, समयबद्ध संचालन और भीड़ में भी बेहतर सेवा ये सभी नमो भारत की लोकप्रियता की प्रमुख वजहें हैं। बढ़ती मांग को देखते हुए ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी 15 मिनट से घटाकर 10 मिनट कर दी गई है और भविष्य में इसे 3 मिनट तक लाने की तैयारी है। मेरठ के यात्रियों से लेकर सरकारी स्कूलों के शिक्षकों तक, सभी वर्ग इसे सुविधाजनक, सुरक्षित और किफायती बताते हैं। महिलाओं के लिए आरक्षित कोच, वातानुकूलित डिब्बे और ट्रैफिक जाम से मुक्त तेज यात्रा इसकी बड़ी खूबियां हैं।एनसीआरटीसी फर्स्ट और लास्ट-माइल कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए रैपिडो, उबर और इलेक्ट्रिक बसों को स्टेशनों से जोड़ रही है। साथ ही दिल्ली मेट्रो के साथ इंटीग्रेटेड टिकटिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। फिलहाल 55 किमी का खंड परिचालित है। शेष सेक्शनों के खुलने के बाद सराय काले खां से मेरठ के मोदीपुरम तक निर्बाध क्षेत्रीय कनेक्टिविटी संभव हो जाएगी। इसके साथ ही मेरठ मेट्रो भी इसी कॉरिडोर पर संचालित होगी। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 15 से 18 दिसंबर तक जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान का प्रस्तावित तीन-देशों का दौरा भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (फियो) ने शुक्रवार को कहा कि यह यात्रा पश्चिम एशिया और अफ्रीका में भारत की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए बड़े अवसर प्रदान करेगी।
फियो के अध्यक्ष एस. सी. रल्हन ने कहा, “प्रधानमंत्री का तीन देशों का यह दौरा भारत के पश्चिम एशिया और अफ्रीका के प्रमुख साझेदारों के साथ आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को सुदृढ़ करने का संकेत है। इन देशों के साथ साझेदारी को और गहरा करने से भारतीय निर्यातकों को नए बाजारों तक पहुंच और दीर्घकालिक व्यापारिक सहयोग बढ़ाने में मदद मिलेगी।”उन्होंने बताया कि जॉर्डन पश्चिम एशिया और मध्य पूर्व क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण गेटवे है। भारत का जॉर्डन के साथ कुल द्विपक्षीय व्यापार अप्रैल से अगस्त 2025-26 के दौरान 1.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें केवल पांच महीनों में करीब 461 मिलियन डॉलर का निर्यात शामिल है। जॉर्डन के साथ आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने से फार्मास्यूटिकल्स, इंजीनियरिंग सामान, वस्त्र, आईटी सेवाएं और कृषि उत्पादों जैसे क्षेत्रों में व्यापार के अवसर बढ़ेंगे। अनुमान है कि 2030 तक भारत का निर्यात 5 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।प्रधानमंत्री मोदी 16-17 दिसंबर को इथियोपिया जाएंगे, जो अफ्रीका की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और भारत का महत्वपूर्ण साझेदार भी। फियो प्रमुख के अनुसार, इथियोपिया अफ्रीकी क्षेत्र का एक अहम सदस्य है, ऐसे में यह दौरा व्यापार, निवेश और विकास साझेदारियों को और गहरा करेगा। भारतीय निर्यातक-विशेषकर ऑटोमोबाइल, मशीनरी, फार्मास्यूटिकल्स और शिक्षा सेवाओं के क्षेत्र में इथियोपिया के बढ़ते बाजार में बड़ी संभावनाएं देखते हैं। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 550 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है।रल्हन ने आगे कहा कि ओमान भारत के सबसे विश्वसनीय आर्थिक साझेदारों में से एक है। प्रधानमंत्री मोदी का ओमान दौरा व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रसद, प्रौद्योगिकी, खाद्य सुरक्षा और एमएसएमई सहयोग जैसे क्षेत्रों में नए अवसर तलाशने का बेहतरीन मौका है। -
नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने प्रमुख राज्यों में विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया को अधिक सुदृढ़ और पारदर्शी बनाने के लिए विशेष रोल प्रेक्षकों (स्पेशल रोल ऑब्जर्वर्स-एसआरओ) की तैनाती की है। आयोग ने शुक्रवार को जारी एक प्रेस नोट में इसकी जानकारी दी।
प्रेस नोट के अनुसार, ये प्रेक्षक पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चल रहे एसआईआर की निगरानी करेंगे। इन राज्यों में मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन की प्रक्रिया फरवरी 2026 तक पूरी की जानी है। निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त किए गए विशेष रोल प्रेक्षकों ने अपना कार्य शुरू कर दिया है। वे सप्ताह में दो दिन संबंधित राज्यों में मौजूद रहेंगे और मतदाता सूची के पुनरीक्षण से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं पर नजर रखेंगे। आयोग का कहना है कि यह कदम पुनरीक्षण कार्य की गुणवत्ता, पारदर्शिता और भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।विशेष रोल प्रेक्षक राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के नेतृत्व से बैठकें भी करेंगे। इन बैठकों का उद्देश्य राजनीतिक दलों के सुझावों, शिकायतों और अपेक्षाओं को समझना और मतदाता सूची पुनरीक्षण को अधिक व्यापक एवं निष्पक्ष बनाना है। इसके साथ ही एसआरओ संबंधित राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) और जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) के साथ भी नियमित बैठकें करेंगे। ये बैठकें भौतिक रूप से या वर्चुअल माध्यम से आयोजित की जा सकती हैं, ताकि किसी भी समस्या का त्वरित समाधान किया जा सके।निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि विशेष रोल प्रेक्षक एसआईआर के पूरे संचालन पर करीबी नजर रखेंगे, ताकि कोई पात्र मतदाता सूची से बाहर न रह जाए और कोई अपात्र व्यक्ति सूची में शामिल न हो सके। आयोग का कहना है कि पारदर्शी और अद्यतन मतदाता सूची लोकतांत्रिक प्रक्रिया की नींव है, और इन्हीं लक्ष्यों को हासिल करने के लिए विशेष प्रेक्षकों की नियुक्ति की गई है। - मुंबई। महाराष्ट्र को ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) हब बनाने की दिशा में राज्य ने शुक्रवार को एक बड़ा कदम उठाया है। ब्रुकफील्ड कंपनी मुंबई में लगभग 20 लाख वर्गफुट क्षेत्र में एशिया का सबसे बड़ा जीसीसी स्थापित करने जा रही है। इस परियोजना से 15,000 प्रत्यक्ष और 30,000 अप्रत्यक्ष, कुल 45,000 रोजगार सृजित होंगे। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दी।जियो कन्वेंशन सेंटर में मुख्यमंत्री फडणवीस, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला, एएनएसआर के सीईओ विक्रम आहुजा और ब्रुकफील्ड के अंकुर गुप्ता के साथ बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य के लिए महत्वपूर्ण निवेश और तकनीकी साझेदारी से जुड़े कई प्रस्तावों पर चर्चा हुई।मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि राज्य की प्रतिभा, मजबूत बुनियादी ढांचा और उद्योग-हितैषी वातावरण के कारण महाराष्ट्र ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स का पसंदीदा गंतव्य बनता जा रहा है। नई जीसीसी नीति से बड़े पैमाने पर कौशल-आधारित रोजगार सृजन और आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी। उन्होंने बताया कि अग्रणी वैश्विक लॉजिस्टिक्स कंपनी फेडेक्स भी मुंबई-नवी मुंबई हवाई अड्डा क्षेत्र में अपने जीसीसी और अन्य परिचालनों के लिए निवेश करने में रुचि दिखा रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट से अपनी आगामी निवेश योजनाओं में महाराष्ट्र को प्राथमिकता देने का अनुरोध किया है। वर्तमान में भी माइक्रोसॉफ्ट का सबसे बड़ा निवेश महाराष्ट्र में है। आने वाले समय में कंपनी बड़े पैमाने पर निवेश करेगी और महाराष्ट्र को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का प्रमुख केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।उन्होंने जियो कन्वेंशन सेंटर में आयोजित माइक्रोसॉफ्ट एआई टूर कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में सत्य नडेला ने महाराष्ट्र सरकार के साथ विकसित क्राइम एआईओएस प्लेटफॉर्म का विशेष प्रस्तुतीकरण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि एआई की मदद से अपराध नियंत्रण में महाराष्ट्र का मॉडल पूरे देश के लिए दिशा-निर्देशक बन रहा है।सत्य नडेला के साथ हुई बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और सरकारी सेवा वितरण के लिए ‘एआई को-पायलट’ विकसित करने पर भी चर्चा हुई। माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में अपने 17 अरब डॉलर के निवेश में महाराष्ट्र को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया है।महाराष्ट्र द्वारा विकसित ‘मार्बल’ प्लेटफॉर्म की भी सराहना की गई, जिसकी मदद से साइबर और आर्थिक अपराधों का पता अब 3-4 महीनों की बजाय सिर्फ 24 घंटे में लगाया जा सकता है। इससे नागरिकों की आर्थिक सुरक्षा बढ़ी है और अपराधियों की गिरफ्तारी तेज हुई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री कार्यालय की प्रधान सचिव अश्विनी भिड़े, उद्योग विभाग के सचिव डॉ. अनबालगन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार को प्रस्तावित भारत-ओमान फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को मंजूरी दे दी। इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को और मजबूत करना है।
यह मंजूरी प्रधानमंत्री मोदी की 15 से 18 दिसंबर तक जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान की आगामी त्रिपक्षीय यात्रा से ठीक पहले दी गई है, जिससे पश्चिम एशिया और अफ्रीका में भारत की आर्थिक उपस्थिति को बढ़ाने के व्यापक अवसर खुलने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी अपने दौरे के अंतिम चरण में 17 से 18 दिसंबर तक महामहिम सुल्तान हैथम बिन तारिक के निमंत्रण पर ओमान का दूसरी बार दौरा करेंगे। यह यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है। भारत और ओमान के बीच दीर्घकालिक एवं बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी है, जो मजबूत व्यापारिक संबंधों, ऊर्जा सहयोग और सांस्कृतिक जुड़ाव पर आधारित है।कैबिनेट की यह मंजूरी ओमान की शूरा परिषद द्वारा भारत के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद आई है। इस व्यापार समझौते, जिसे आधिकारिक तौर पर व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) कहा जाता है, के लिए वार्ता नवंबर 2023 में औपचारिक रूप से शुरू हुई थी। भारत और ओमान के बीच आर्थिक एवं वाणिज्यिक संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 8.947 अरब अमेरिकी डॉलर और 2024-25 में 10.613 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।इसके अलावा, कैबिनेट की आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 2026 सीजन के लिए खोपरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और निर्बाध, कुशल व पारदर्शी उपयोग (‘कोलसेतु’) के लिए कोयला लिंकेज की नीलामी नीति को भी मंजूरी दी। फैसले के अनुसार, मिलिंग खोपरा (फेयर एवरेज क्वालिटी) की एमएसपी 12,027 रुपए प्रति क्विंटल और बॉल खोपरा की एमएसपी 12,500 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है। यह पिछले सीजन की तुलना में क्रमशः 445 रुपए और 400 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी है।कोयला लिंकेज नीलामी नीति में ‘कोलसेतु’ नामक एक नई विंडो शामिल की गई है, जिसके तहत औद्योगिक उपयोग और निर्यात के लिए कोयले का आवंटन किया जाएगा। यह नीति कोयला क्षेत्र में सरकार द्वारा किए जा रहे निरंतर सुधारों को दर्शाती है। - -केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्री विजयपुरम में स्वातंत्र्यवीर सावरकर द्वारा रचित कविता 'सागरा प्राण तळमळला' के 115 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम को संबोधित किया-वीर सावरकर जी की प्रतिमा का अनावरण उनकी विचारधारा को आगे बढ़ाने वाले संगठन RSS के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी के हाथों से होना सोने पर सुहागा है-सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की जो नींव वीर सावरकर जी ने रखी थी, आज उसी मार्ग पर मोदी जी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है-वीर सावरकर जी की यह प्रतिमा युवाओं में मातृभूमि के प्रति कर्तव्यनिष्ठा, राष्ट्रीय एकता व समृद्ध राष्ट्र-निर्माण की भावना को मजबूत बनाएगी-भय को जानते हुए भी उसे परास्त करने का साहस रखने का वीर सावरकर जी का विचार सभी के लिए प्रेरणादायी है-वीर सावरकर जी के सागर के समान अंतहीन व्यक्तित्व को किसी पुस्तक, कविता या फिल्म में संजोना कठिन है-जन्मजात देशभक्त, समाज-सुधारक, लेखक, योद्धा जैसे कई गुणों से संपन्न वीर सावरकर जी जैसा व्यक्तित्व युगों में एक बार जन्म लेते हैं-आधुनिकता व परम्परा का अद्भुत संगम था सावरकर जी का हिंदुत्व के प्रति एक दृढ़ श्रद्धा रखने वाला जीवन-हिंदू समाज की सभी कुरीतियों के खिलाफ सावरकर जी ने संघर्ष किया-माँ भारती की सेवा के लिए आत्मबलिदान की इच्छा रखने वाले सावरकर जी जैसा व्यक्तित्व बिरले ही होते हैं-दो उम्रकैद मिलने पर भी मातृभूमि के यशोगान के लिए साहित्य सृजन करने वाले सावरकर जी से बड़ा देशभक्त कोई हो नहीं सकता-अंडमान–निकोबार असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों के तप, त्याग, समर्पण व अक्षुण्ण राष्ट्रभक्ति के योग से बनी हुई तपोभूमि है-अंडमान–निकोबार द्वीप समूह का नाम ‘शहीद’ और ‘स्वराज’ करके प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सुभाष बाबू के स्वप्न को जमीन पर उतारा है-जिस क्षेत्र में हो उसी क्षेत्र में भारत को सुरक्षित और समृद्ध बनाने के ध्येय लेकर अगर देश का युवा आगे बढ़ें, तभी सावरकर जी की कल्पना का भारत बनेगानई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने शुक्रवार को श्री विजयपुरम में स्वातंत्र्यवीर सावरकर जी द्वारा रचित कविता 'सागरा प्राण तळमळला' के 115 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्यवंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल एडमिरल (सेवानिवृत्त) श्री डी के जोशी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।इस अवसर पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह आज सभी भारतवासियों के लिए एक तीर्थस्थान बन गया है क्योंकि यहां वीर सावरकर जी ने अपने जीवन के सबसे कठिन समय को बिताया है। उन्होंने कहा कि यह स्थान हमारे स्वतंत्रता संग्राम के एक और महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष बाबू की स्मृति से भी जुड़ा है। उन्होंने कहा कि जब आज़ाद हिंद फौज ने भारत को आज़ाद कराने का प्रयास किया, तब सबसे पहले भारत में अंडमान निकोबार द्वीप समूह को आज़ाद कराया जहां सुभाष बाबू दो दिन तक रहे भी थे। श्री शाह ने कहा कि सुभाष बाबू ने ही इस द्वीप समूह को शहीद और स्वराज नाम देने का सुझाव दिय़ा था जिसे श्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री बन कर ज़मीन पर उतारने का काम किया। उन्होंने कहा कि अंडमान और निकोबार एक द्वीप समूह नहीं है बल्कि असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग, तप, समर्पण और अक्षुण्ण राष्ट्रभक्ति के योग से बनी हुई तपोभूमि है। उन्होंने कहा कि आज बहुत बड़ा अवसर है कि इसी तपोभूमि पर वीर सावरकर जी की आदमकद प्रतिमा का लोकार्पण हुआ है और यह लोकार्पण सावरकर जी की विचारधारा को सही मायने में आगे बढ़ाने का काम करने वाले संगठन के सरसंघचालक मोहन भागवत जी के हाथों से हुआ है। उन्होंने कहा कि यह भूमि और वीर सावरकर जी की स्मृति भी पवित्र है औऱ मोहन भागवत जी के हाथों से इस प्रतिमा का अनावरण सोने पर सुहागा की तरह इसे चिरस्मरणीय बनाता है।श्री अमित शाह ने कहा कि आज लोकार्पित यह प्रतिमा कई साल तक वीर सावरकर जी के बलिदान, संकल्प और भारत माता के प्रति अखंड समर्पण का प्रतीक बनकर रहेगी। उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा कई दशकों तक आने वाली पीढ़ियों को सावरकर जी के जीवन से प्ररेणा लेने का संदेश देगी। उन्होंने कहा कि यह वीर सावरकर जी द्वारा किए गए आह्वान को हमारे युवाओं द्वारा आत्मसात करने के लिए एक बहुत बड़ा स्थान बनने वाला है। श्री शाह ने कहा कि यह, वीर सावरकर जी का साहस का संदेश, मातृभूमि के प्रति कर्तव्यपरायणता का संदेश, दृढ़ता के उनके गुण, राष्ट्रीय एकात्मता, सुरक्षा औऱ समृद्ध राष्ट्र की कल्पना को युवाओं को सौंपने का एक बहुत बड़ा स्थान बनेगा। उन्होंने कहा कि देशभक्ति की अभिव्यक्ति की पराकाष्ठा है वीर सावरकर जी की ‘सागरा प्राण तळमळला’। उन्होंने कहा कि सावरकर जी का एक वाक्य उनके अनुयायियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है कि वीरता भय का अभाव नहीं बल्कि भय पर प्राप्त की गई विजय है। जो भय को नहीं जानते वो हमेशा से वीर होते हैं, लेकिन सच्चे वीर वो होते हैं जो भय को जानते हैं और उसे परास्त करने का साहस रखते हैँ और वीर सावरकर जी ने इस वाक्य को जिया है।केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज यहां एक कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन हुआ है और सावरकर जी के सभी गुणों को इसमें समाहित करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि सावरकर जी के विचारों को आगे बढ़ाने वाले कई लोगों का आज यहां सम्मान भी हुआ है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सागर को कोई बांध नहीं सकता, उसी प्रकार सावरकर जी के गुणों और जीवन की ऊंचाई और उनके बहुआय़ामी व्यक्तित्व को पुस्तक, फिल्म या कविता में संजोकर रखना बेहद कठिन है। उन्होंने कहा कि अलग अलग स्तर पर हुए कई प्रयासों ने आने वाली पीढ़ियों को सावरकर जी को समझने का बहुत बड़ा ज़रिया दिया है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति का अस्तित्व सिर्फ शरीर से नहीं बनता है बल्कि जिस विचारधारा का वह अनुसरण करता है, आत्मा जिसे श्रेष्ठ मानती है उस संस्कृति और व्यक्ति के कर्म से भी बनता है और वीर सावरकर जी के इन तीनों गुणों को सिर्फ भारत ही पहचान सकता है।श्री अमित शाह ने कहा कि आज देश के लिए बलिदान देने की जरूरत नहीं है लेकिन देश के लिए जीने की ज़रूरत आज भी है और तभी सावरकर जी की कल्पना का भारत हम बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे युवा अगर सावरकर जी की कल्पना का भारत बनाना चाहते हैं तो अपने काम के क्षेत्र में सावरकर जी की प्रेरणा के अनुरूप जीवन जीकर उसका लक्ष्य सुरक्षित और सबसे समृद्ध भारत की रचना का होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सावरकर जी के जीवन को ध्यान से देखते हैं तो लगता है कि ऐसा व्यक्ति आने वाली सदियों तक पृथ्वी पर दोबारा नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि सावरकर जी एक राइटर, फाइटर, जन्मजात देशभक्त, बहुत बड़े समाजसुधारक, बहुत बड़े लेखक और कवि भी थे। उन्होंने कहा कि सावरकर जी गद्य और पद्य दोनों में सिद्धहस्त थे और ऐसे साहित्यकार बहुत कम हैं। श्री शाह ने कहा कि लगभग 600 से अधिक ऐसे शब्द हैं जो वीर सावरकर जी ने हमारी भाषाओं को पूर्ण करने के लिए हमारे शब्दकोष में दिए हैं।केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वीर सावरकर जी का जीवन हिंदुत्व के प्रति एक दृढ़ श्रद्धा रखने वाला था, जो आधुनिक भी था और परंपराओं को साथ लेकर उनका वहन करने वाला भी था। उन्होंने कहा कि वीर सावरकर जी ने अस्पर्श्यता के निवारण के लिए जो योगदान दिया है, इस देश ने इसके लिए कभी सावरकर जी का सम्मान नहीं किया। उन्होंने कहा कि सावरकर जी ने हिंदु समाज की सभी कुरीतियों के खिलाफ उस वक्त संघर्ष करने का काम किया औऱ समाज का विरोध झेलते हुए भी आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि अपने आप का आत्म बलिदान करने का काम वीर सावरकर जी ने किया। उन्होंने कहा कि दो उम्रकैद मिलने पर भी मातृभूमि के यशोगान के लिए साहित्य सृजन करने वाले सावरकर जी से बड़ा देशभक्त कोई हो नहीं सकता।श्री अमित शाह ने कहा कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का चिंतन, जिसके आधार पर आज प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में सरकार चल रही है, वीर सावरकर जी ने ही इसकी नींव और व्याख्या करने का काम किया था। उन्होंने कहा कि ऐसी सामूहिक पहचान जो भारतीय उपमहाद्वीप के सांस्कृतिक मूल्यों, परंपराओं और इतिहास से उपजती है, उसे कई लोगों ने आगे बढ़ाने का काम किया, उनमें से इसके सबसे प्रखर उपासक वीर सावरकर थे। श्री शाह ने कहा कि अंग्रेज़ों ने शिक्षा के माध्यम से हमारे देश पर हमेशा के लिए गुलामी का बोझ और मानसिकता थोपने का प्रयास किया था इसीलिए 1857 के स्वतंत्रता संग्राम को अंग्रेज़ों ने विप्लव का नाम दिया था। वीर सावरकर अकेले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम को विप्लव की जगह स्वतंत्रता संग्राम का नाम देकर देश की सच्ची स्पिरिट को आगे बढ़ाया।केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज हम आज़ाद हैं और लंबी यात्रा के बाद देश आज यहां पहुंचा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में पिछले लगभग 12 वर्षों से सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जब देश की आज़ादी के 75 साल हुए तब प्रधानमंत्री मोदी जी ने पंच प्रण दिए और उनमें से एक प्रण है कि गुलामी के कालखंड की सभी स्मृतियों को समाप्त कर देश आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त, 2047 तक एक ऐसे महान भारत की हम सब मिलकर रचना करें जो हर क्षेत्र में विश्व में प्रथम स्थान पर हो और प्रधानमंत्री मोदी जी का यह आह्वान आज 140 करोड़ लोगों का संकल्प बन गया है। श्री शाह ने कहा कि एक ही दिशा में जब 140 करोड़ लोग आगे बढ़ते हैं तो हम 140 करोड़ कदम आगे बढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि यही ताकत महान भारत की रचना करेगी और भारत सुरक्षित, समृद्ध, संस्कृत और शिक्षित भी होगा। उन्होंने कहा कि वीर सावरकरजी को वीर की उपमा किसी सरकार ने नहीं दी है बल्कि देश के जन जन ने दी है।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को आर्थिक मामलों की मंत्रिमण्डलीय समिति (सीसीईए) ने 2026 सीजन के लिए खोपरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दे दी है। किसानों को लाभकारी कीमतें देने हेतु, सरकार ने 2018-19 के केन्द्रीय बजट में घोषणा की थी कि सभी अनिवार्य फसलों का एमएसपी पूरे भारत में उत्पादन की औसत लागत के कम से कम 1.5 गुना स्तर पर तय किया जाएगा। वर्ष 2026 सीजन के लिए मिलिंग खोपरा के उचित औसत गुणवत्ता (फेयर एवरेज क्वालिटी) का एमएसपी 12,027 रुपये प्रति क्विंटल और बॉल खोपरा का एमएसपी 12,500 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
वर्ष 2026 सीजन के लिए एमएसपी पिछले सीजन की तुलना में मिलिंग खोपरा के लिए 445 रुपये प्रति क्विंटल और बॉल खोपरा के लिए 400 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है। सरकार ने विपणन सीजन 2014 के लिए मिलिंग खोपरा और बॉल खोपरा का एमएसपी क्रमशः 5,250 रुपये प्रति क्विंटल और 5,500 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर विपणन सीजन 2026 के लिए क्रमशः 12,027 रुपये प्रति क्विंटल और 12,500 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, जिसमें क्रमशः 129 प्रतिशत और 127 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।अपेक्षाकृत अधिक एमएसपी न सिर्फ नारियल उगाने वालों को बेहतर मुनाफा दिलाएगा, बल्कि किसानों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नारियल के उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए खोपरा का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित भी करेगा।नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नाफेड) और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन (एनसीसीएफ) मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत खोपरा की खरीद के लिए केन्द्रीय नोडल एजेंसियों (सीएनए) के तौर पर काम करते रहेंगे। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने शुक्रवार को निर्बाध, कुशल और पारदर्शी उपयोग (कोलसेतु) के लिए कोयला लिंकेज की नीलामी की नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति में, किसी भी औद्योगिक उपयोग और निर्यात के लिए कोयले का उपयोग करने हेतु 'कोलसेतु' नामक एक नई विंडो बनाई गई है, जिसे एनआरएस लिंकेज नीति में शामिल किया गया है। यह नई नीति सरकार द्वारा किए जा रहे कोयला क्षेत्र के सुधारों की श्रृंखला को और बढ़ाती है।
यह नीति 2016 की एनआरएस (नॉन-रेगुलेटेड सेक्टर) लिंकेज नीलामी नीति में 'कोलसेतु' नामक एक अलग विंडो जोड़कर, किसी भी औद्योगिक उपयोग और निर्यात के लिए नीलामी के आधार पर दीर्घकालिक कोयला लिंकेज के आवंटन की अनुमति देगी, जिसमें कोयले की आवश्यकता वाला कोई भी घरेलू खरीदार लिंकेज नीलामी में भाग ले सकता है। इस विंडो के तहत कोकिंग कोल ऑफर नहीं किया जाएगा।एनआरएस के लिए कोयला लिंकेज की नीलामी की मौजूदा नीति में एनआरएस जैसे सीमेंट, स्टील (कोकिंग), स्पंज आयरन, एल्युमीनियम, और अन्य [उर्वरक (यूरिया) को छोड़कर] सहित उनके कैप्टिव पावर प्लांट्स (सीपीपी) के लिए सभी नए कोयला लिंकेज का आवंटन नीलामी के आधार पर दिए जाएंगे। एनआरएस लिंकेज की वर्तमान नीति के अनुसार, सब-सेक्टर केवल निर्दिष्ट अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए हैं।वर्तमान और भविष्य के मार्केट के डायनामिक्स को देखते हुए, तथा 'ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस' के उद्देश्य से और देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मौजूदा कोयला भंडारों के तेजी से उपयोग एवं आयातित कोयले पर निर्भरता कम करने के लिए, एनआरएस को कोयला आपूर्ति की वर्तमान व्यवस्था पर नए सिरे से विचार करने और एनआरएस में लिंकेज को बिना किसी अंतिम उपयोग प्रतिबंध के कोयला उपभोक्ताओं तक विस्तारित करने की आवश्यकता थी। वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला क्षेत्र को खोले जाने की तर्ज़ पर, जिसने बिना किसी अंतिम उपयोग प्रतिबंध के कोयला ब्लॉकों के आवंटन की अनुमति दी थी, एनआरएस के लिए कोयला लिंकेज की नीलामी की इस नीति को एक और विंडो/सब-सेक्टर जोड़कर, किसी भी औद्योगिक उपयोग और निर्यात के लिए नीलामी के आधार पर दीर्घकालिक कोयला लिंकेज के आवंटन हेतु संशोधित किया गया है। प्रस्तावित विंडो में ट्रेडर्स को भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।एनआरएस (नॉन-रेगुलेटेड सेक्टर) में निर्दिष्ट एंड-यूजर सब-सेक्टर के लिए कोयला लिंकेज की वर्तमान नीलामी जारी रहेगी। निर्दिष्ट एंड-यूजर (यूजर्स) इस विंडो में भाग ले सकते हैं।इस विंडो के तहत प्राप्त कोयला लिंकेज देश में रीसेल को छोड़कर, स्वयं के उपयोग, कोयले के निर्यात या किसी अन्य उद्देश्य (जिसमें कोयला वाशिंग भी शामिल है) के लिए होगा। कोल लिंकेज होल्डर्स अपनी लिंकेज क्वांटिटी का 50 प्रतिशत तक कोयले का निर्यात करने के पात्र होंगे। कोयला लिंकेज होल्डर्स इस विंडो के तहत प्राप्त कोयले का उपयोग अपनी समूह कंपनियों के बीच अपनी आवश्यकता के अनुसार फ्लेक्सिबल तरीके से कर सकते हैं। वॉशड कोल की मांग को देखते हुए, जो भविष्य में बढ़ेगी, वॉशरी ऑपरेटर्स को कोयला लिंकेज देने से देश में धुले हुए कोयले की उपलब्धता बढ़ेगी और परिणामस्वरूप आयात कम होगा। इसके अलावा, धुले हुए कोयले को देश के बाहर भी खरीदार मिलेंगे और इसलिए, धुले हुए कोयले का उपयोग निर्यात के उद्देश्य से भी किया जा सकता है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को 11,718.24 करोड़ रुपए की लागत से भारत की जनगणना 2027 कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी।
भारतीय जनगणना विश्व की सबसे बड़ी प्रशासनिक और सांख्यिकीय कार्ययोजना है। जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाएगी। पहले चरण में घरों की सूची बनाने (हाउसलिस्टिंग) और आवास (हाउसिंग) जनगणना शामिल होगी, जिसे अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच संचालित किया जाएगा। दूसरे चरण में ‘जनसंख्या गणना’ फरवरी 2027 में की जाएगी।हालांकि, केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख, जम्मू-कश्मीर के बर्फ प्रभावित गैर-समकालिक क्षेत्रों तथा हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ क्षेत्रों में जनगणना सितंबर 2026 में कराई जाएगी।लगभग 30 लाख प्रक्षेत्र (फील्ड) कर्मचारी इस राष्ट्रीय महत्व के विशाल कार्य को पूरा करेंगे। डेटा संग्रह के लिए मोबाइल ऐप और मॉनिटरिंग के लिए केंद्रीय पोर्टल का उपयोग किया जाएगा, जिससे डेटा की गुणवत्ता और सटीकता बढ़ेगी। डेटा का प्रसार भी बेहतर और अधिक उपयोगकर्ता-हितैषी तरीके से किया जाएगा ताकि नीति निर्माण के लिए आवश्यक सभी आंकड़े मात्र एक क्लिक में उपलब्ध हो सकें।जनगणना 2027 में देश की पूरी आबादी को शामिल किया जाएगा। प्रक्रिया में हर घर तक पहुंचना और हाउसलिस्टिंग, हाउसिंग तथा जनसंख्या गणना के लिए अलग-अलग प्रश्नावली भरना शामिल है।गणनाकार-जो आमतौर पर सरकारी शिक्षक होते हैं और राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं अपनी नियमित ड्यूटी के साथ-साथ जनगणना का फील्ड वर्क भी करेंगे। उप-जिला, जिला और राज्य स्तर पर भी जनगणना अधिकारियों की नियुक्ति राज्य और जिला प्रशासन करेगा।जनगणना 2027 पहली डिजिटल जनगणना होगी। डेटा संग्रह मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से किया जाएगा, जो एंड्रॉयड और iOS दोनों पर उपलब्ध होगा। पूरी प्रक्रिया की वास्तविक समय में निगरानी के लिए ‘सेंसस मैनेजमेंट एंड मॉनिटरिंग सिस्टम’ (CMMS) विकसित किया गया है। इसके अलावा ‘HLB क्रिएटर वेब मैप एप्लिकेशन’ का उपयोग प्रभारी अधिकारी करेंगे।जनगणना 2027 के लिए पूरे देश में जागरूकता बढ़ाने हेतु एक व्यापक प्रचार अभियान चलाया जाएगा, जिसमें सटीक, प्रमाणिक और समय पर जानकारी साझा करने पर जोर होगा।लगभग 30 लाख फील्ड कर्मचारियों-एन्यूमरेटर, सुपरवाइजर, मास्टर ट्रेनर, प्रभारी अधिकारी और जिला/प्रधान जनगणना अधिकारी को डेटा संग्रह, मॉनिटरिंग और पर्यवेक्षण के लिए तैनात किया जाएगा। सभी कर्मचारियों को उनकी नियमित ड्यूटी के अतिरिक्त किए जाने वाले इस कार्य के लिए उपयुक्त मानदेय प्रदान किया जाएगा। 2011 की जनगणना के अनुसार, देश की जनसंख्या 121 करोड़ थी, जिनमें 62 करोड़ (51.54%) पुरुष और 58 करोड़ (48.46%) महिलाएं थीं। 2001 से 2011 के दशक में भारत की जनसंख्या में 18 करोड़ से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई थी। -
नयी दिल्ली. निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की समयसीमा बढ़ा दी। संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के अनुरोध पर यह कदम उठाया गया है। एक बयान के मुताबिक, निर्वाचन आयोग ने तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह और उत्तर प्रदेश में एसआईआर के लिए संशोधित कार्यक्रम जारी किया। इन छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के लिए गणना प्रपत्र की अवधि बृहस्पतिवार को समाप्त होनी थी और मतदाता सूचियों का मसौदा 16 दिसंबर को प्रकाशित किया जाना था। बयान में कहा गया है कि तमिलनाडु और गुजरात के लिए एसआईआर प्रक्रिया की अवधि 14 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है और मतदाता सूची का मसौदा 19 दिसंबर को प्रकाशित किया जाएगा। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के लिए ये अवधि 18 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है और मतदाता सूची का मसौदा 23 दिसंबर को प्रकाशित किया जाएगा। इसी तरह, उत्तर प्रदेश के लिए एसआईआर की अवधि 26 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है और मतदाता सूची का मसौदा 31 दिसंबर को प्रकाशित किया जाएगा। बयान के अनुसार, गोवा, पुडुचेरी, लक्षद्वीप, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में एसआईआर बृहस्पतिवार को समाप्त हो जाएगी और मतदाता सूची का मसौदा 16 दिसंबर को प्रकाशित किया जाएगा। केरल के लिए कार्यक्रम में पहले संशोधन किया गया था। राज्य में एसआईआर 18 दिसंबर को समाप्त होगी और मतदाता सूची का मसौदा 23 दिसंबर को प्रकाशित किया जाएगा।
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तिनसुकिया/डिब्रूगढ़ (असम). अरुणाचल प्रदेश में एक ट्रक के खाई में गिर जाने से उसपर सवार असम के तिनसुकिया जिले के कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई है जबकि सात अन्य लोग लापता हो गए हैं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। तिनसुकिया जिले के आयुक्त स्वप्निल पॉल ने बताया कि राज्य के पूर्वी हिस्से में स्थित अंजॉ जिले के हयूलियांग-चागलागम रोड पर यह घटना इस सप्ताह के शुरु में हुयी थी। उन्होंने कहा, ‘‘हमे आज पूर्वाह्न करीब 11 बजे सूचना मिली कि अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले में एक वाहन खाई में गिर गया, जिसके बाद हमने पुष्टि के लिए अंजॉ और तेजू के जिला आयुक्तों से संपर्क किया।' पॉल ने कहा, ‘‘पुलिस के दोनों अधिकारियों ने बताया कि बचाव दल ने अब तक 14 शव बरामद किए हैं और एक व्यक्ति जीवित था जबकि सात अन्य लोग अब भी लापता हैं।'' उन्होंने कहा कि अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए तिनसुकिया से क्षेत्राधिकारी और पुलिस कर्मियों की एक टीम को पड़ोसी राज्य भेजा गया है। तिनसुकिया के आयुक्त ने कहा, ‘‘वे तेजू पहुंच गए हैं और दो-तीन घंटे के भीतर हम अधिक जानकारी दे पाएंगे।'' घटनास्थल की ओर रवाना हो रहे तिनसुकिया क्षेत्राधिकारी जयदीप राजक ने बताया कि यह स्थान दूरस्थ है और घटनास्थल पर पहुंचने के बाद ही सटीक जानकारी मिल पाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआती जानकारी के अनुसार ये मजदूर हयूलियांग में निजी ठेकेदार के लिए एक परियोजना में काम कर रहे थे। वे एक डंपर में यात्रा कर रहे थे जो सड़क से लगभग 1,000 फीट गहरी खाई में गिर गया। बचाव अभियान जारी है।'' तिनसुकिया के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मयंक कुमार ने बताया कि जिले के 22 मजदूर अरुणाचल प्रदेश में एक छात्रावास के निर्माण के लिए गए थे। उन्होंने कहा, ‘‘वे गिलपुकरी चाय बागान के धेलाघाट निवासी थे। डंपर में सवार 22 लोगों में से 21 की मौत हो चुकी है।'' कुमार ने बताया कि श्रमिकों में से एक बुधेश्वर दीप ने किसी तरह खाई से निकल बुधवार सुबह अपने रिश्तेदारों को फोन किया। इसी फोन से परिजनों को घटना की जानकारी मिली। दीप के अलावा मृतकों तथा लापता समेत 18 मजदूरों की पहचान हो चुकी है, जो राहुल कुमार, सोमिर दीप, अर्जुन कुमार, पंकज मानकी, अजय मानकी, बिजय कुमार, अभोय भूमिज, रोहित मानकी, बीरेंद्र कुमार, अगोर तांती, धीरेन छत्रिय, रोजोनी नाग, दीप गोवाला, रामसेबक सूना, सोनाटन नाग, संजय कुमार, करण कुमार और जुनाश मुंडा हैं।
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नयी दिल्ली. राज्यसभा में बृहस्पतिवार को सदन के नेता एवं भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने दावा किया कि राष्ट्र गीत वंदे मातरम् को वह सम्मान एवं स्थान नहीं मिला जो उसे मिलना चाहिए तथा देश को संकल्प लेना चाहिए कि इसे वही दर्जा मिले जो राष्ट्र गान या राष्ट्रीय ध्वज को मिला है। राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष होने पर उच्च सदन में हुई चर्चा के अंत में सदन के नेता नड्डा ने कहा कि पिछले दो दिन में 80 से अधिक सदस्यों ने इस चर्चा में भाग लिया, जो बताता है कि यह विषय कितना सम-सामायिक है। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् देश की आत्मा को जगाने का मंत्र है। उन्होंने कहा कि यह गीत आजादी के आंदोलन के दौरान बहुत सी घटनाओं का गवाह रहा है। उन्होंने कहा कि यह गीत मां भारती की आराधाना है। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासक जब देश में अपना राष्ट्र गीत थोपना चाहते थे, उस समय बंकिम चंद्र चटर्जी ने वंदे मातरम् गीत लिखकर पूरे भारत को जागृत कर दिया। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह गीत रूपी मंत्र इतना कारगर साबित हुआ कि ब्रिटिश शासकों ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया और जो कोई इसे गाता था उसे जेल के सीखचों के पीछे भेज दिया जाता था। उन्होंने कहा कि वी डी सावरकर को जिन आरोपों में दो उम्रकैद की सजा पर काला पानी भेजा गया, उनमें वंदे मातरम् के नारे लगाना शामिल था। उन्होंने कहा कि महर्षि अरविन्द को भी वंदे मातरम् के कारण जेल जाना पड़ा था। उन्होंने कहा कि जब खुदीराम बोस फांसी के फंदे पर चढ़े तो उनके मुख पर अंतिम शब्द वंदे मातरम् ही थे। नड्डा ने कांग्रेस के जयराम रमेश द्वारा चर्चा में भाग लेते समय लगाये गये इस आरोप का जिक्र किया कि इस चर्चा का एक ही मकसद है, पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को बदनाम करना। सदन के नेता ने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य भारत के पूर्व प्रधानमंत्री को बदनाम करना नहीं है, पर हमारा मकसद भारत के इतिहास के तथ्यों को सही प्रकार से रखने का है।'' उन्होंने याद दिलाया कि जब भी कोई घटना होती है तो जिम्मेदार सरदार ही होता है। उन्होंने कहा कि सरकार और कांग्रेस के सरदार जवाहरलाल नेहरू ही थे। उन्होंने कहा कि जब खुशी हो तो आप जिम्मेदारी लेते हैं और यदि कुछ गलत हो तो आप जिम्मेदारी न लेते हुए अन्य लोगों को जिम्मेदार बताने लगते हैं। नड्डा ने कहा, ‘‘जब आपको (कांग्रेस को) सही लगता है तो आप नेहरूवादी दौर की बात करने लगते हैं और जब आपको उचित नहीं लगता तो आप नेताजी सुभाष चंद्र बोस, गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर को ले आते हैं।'' उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् को जो सम्मान एवं स्थान मिलना चाहिए था, वह उसे नहीं मिला और इसके लिए तत्कालीन शासक जिम्मेदार हैं। सदन के नेता के अनुसार नेहरू ने उर्दू के लेखक सरदार जाफरी को लिखे एक पत्र में वंदे मातरम् की भाषा और उसके पीछे की परिकल्पना की आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि 1937 में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में वंदे मातरम् के केवल दो अंतरों को गाने का निर्णय किया गया जबकि आयोजकों को किसी अन्य गाने का परामर्श दिया गया। उन्होंने कहा कि वंदेमातरम् को उचित सम्मान एवं स्थान नहीं दिये जाने का यह सबसे बड़ा प्रमाण है। भाजपा प्रमुख ने कहा कि राष्ट्रीय सम्मान अनादर निषेघ कानून 1971 में इस बात के लिए जुर्माने का कोई प्रावधान नहीं किया गया है कि कोई यदि राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् को नहीं गाता है या उसका असम्मान करता है। नड्डा ने कहा कि वंदे मातरम् को वही दर्जा मिलना चाहिए जो भारतीय संविधान में राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्र गान को मिला हुआ है और ऐसा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यह देश समझौते करने से नहीं चलता। यह हमारी विचारधारा है। यह बिना शर्त राष्ट्रीय भावनाओं को ध्यान में रखकर संचालित होती है। इसलिए वंदे मातरम् गीत राष्ट्रवाद से जुड़ा है और व्यक्ति को राष्ट्रवाद को सामने रखकर आगे बढ़ना चाहिए'' नड्डा ने कहा कि संविधान सभा में राष्ट्रीय चिह्न को तय करने के लिए तो एक समिति बनायी गयी, किंतु राष्ट्र गान को बिना किसी चर्चा के अपना लिया गया।
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नयी दिल्ली. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के हवाई अड्डे पर पिछले दस वर्ष से बांग्लादेश के एक विमान के खड़े होने का मुद्दा बृहस्पतिवार को लोकसभा में उठा और एक कांग्रेस सांसद ने इसे हवाई सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए वहां से हटाए जाने की मांग सरकार से की। राज्य की कोरबा संसदीय सीट से सांसद ज्योत्सना महंत ने लोकसभा में शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह विषय रायपुर के स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डे पर 2015 से खड़े बांग्लादेश की बंद हो चुकी एयरलाइन यूनाइटेड एयरवेज के लावारिस विमान का है। यह केवल हवाई अड्डे पर जगह घेरने या चार करोड़ रुपये बकाया का नहीं, बल्कि हवाई सुरक्षा का गंभीर विषय है।'' महंत ने कहा कि खस्ता हालत में यह विमान रनवे के बेहद करीब खड़ा है, जो यात्रियों और विमानों की सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक है। उन्होंने विमानन क्षेत्र में वर्तमान संकट का भी जिक्र करते हुए कहा कि नागर विमानन मंत्रालय इस समय ‘इंडिगो संकट' से गुजर रहा है, जिससे स्पष्ट है कि मंत्रालय दबाव में है और कुशलता से काम नहीं कर पा रहा। कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘रायपुर का मामला भी दर्शाता है कि सरकार पहले से सक्रिय कार्रवाई करने के बजाय हादसे होने और चीजों के बिगड़ने का इंतजार करती है। दस साल हो गए, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही।'' उन्होंने सरकार से मांग की कि सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए बिना देरी के इस विमान को नीलाम किया जाए या स्क्रैप किया जाए और तत्काल हवाई अड्डे से हटाया जाए। सात अगस्त, 2015 को 173 यात्रियों को लेकर ढाका से मस्कट जाते समय विमान का इंजन खराब हो गया था। विमान को रायपुर हवाई अड्डे पर आपात स्थिति में उतारा गया था और तब से यह विमान वहां खड़ा है। -
नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद निशिकांत दुबे ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में ‘नेशनल हेराल्ड' मामले को लेकर कांग्रेस नेतृत्व पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, जिसका कांग्रेस सदस्यों ने तीखा विरोध किया। सदन में हंगामे के बाद पीठासीन सभापति दिलीप सैकिया ने कार्यवाही शाम चार बजकर सात मिनट पर शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दुबे ने सदन में शून्यकाल के दौरान आरोप लगाया कि ‘नेशनल हेराल्ड' की दो हजार करोड़ रुपये की संपत्ति 50 लाख रुपये में डकार ली गई। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के कुछ अन्य शीर्ष नेताओं का उल्लेख किया और कहा कि एक कंपनी बनाकर यह भ्रष्टाचार किया गया है। इस पर कांग्रेस सदस्यों ने विरोध जताया और हंगामा करने लगे। इसके उपरांत पीठासीन सभापति सैकिया ने कार्यवाही स्थगित कर दी।
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नयी दिल्ली. छत्तीसगढ़ में चार नवंबर को हुई रेल दुर्घटना पर रेल सुरक्षा आयुक्त की जांच रिपोर्ट में रेल प्रशासन पर एक ऐसे अयोग्य लोको पायलट को तैनात करने का आरोप लगाया गया जो न केवल अनिवार्य योग्यता परीक्षा में असफल रहा था बल्कि ट्रेन चलाते समय फोन पर कई सुरक्षा संबंधी निर्देश भी लेता रहता था। हाल ही में रेलवे बोर्ड को सौंपी गई जांच रिपोर्ट बिलासपुर संभाग में एक स्थानीय यात्री ट्रेन और एक मालगाड़ी के बीच हुई टक्कर से संबंधित है, जिसमें लोको पायलट सहित 12 लोगों की मौत हो गई थी और 19 यात्री घायल हुए थे। कोलकाता स्थित दक्षिण पूर्वी सर्कल के रेल सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) बृजेश कुमार मिश्रा ने रिपोर्ट में बताया, “एमईएमयू (मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) ट्रेन संख्या 68733 में तैनात लोको पायलट ने इस साल नौ जून को ‘योग्यता परीक्षा' दी लेकिन वह इसमें उत्तीर्ण नहीं हो सका। लोको पायलट द्वारा ट्रेन के संचालन के दौरान मुख्य लोको निरीक्षक से मामूली मुद्दों पर भी मार्गदर्शन लेने के लिए किए गए फोन कॉल भी उसके ज्ञान की कमी को दर्शाते हैं।” मिश्रा ने बताया, “सहायक लोको पायलट द्वारा भी यह देखा गया कि लोको पायलट में एमईएमयू ट्रेन को चलाने के लिए आवश्यक गुणों की कमी थी, जिनमें नियमों का ज्ञान, समय पर निर्णय लेना और प्रतिक्रिया समय शामिल हैं। उपरोक्त कारणों के मद्देनजर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि तैनात लोको पायलट ट्रेन संख्या 68733 पर काम करने के लिए उपयुक्त नहीं था।” लोको पायलट के सीयूजी फोन के कॉल रिकॉर्ड का विश्लेषण करते हुए रेल सुरक्षा आयुक्त को दो ऐसे विशिष्ट मामले मिले, जब उसने ट्रेन संचालन से संबंधित सुरक्षा नियमों के बारे में जानकारी लेने के लिए अपने वरिष्ठ अधिकारी को फोन किया था। जांच रिपोर्ट में बताया गया, “कॉल रिकॉर्ड से पता चला कि लोको पायलट ने ट्रेन चलाने के दौरान दो कॉल किए थे। यह जानकारी मिली कि पूर्वाह्न 10 बजकर 20 मिनट पर जब ट्रेन संख्या 68734 जीटीडब्ल्यू (गटोरा) स्टेशन पर खड़ी थी, तब लोको पायलट ने सीएलआई को फोन करके पूछा था कि अलार्म चेन पुलिंग होने पर उसे कैसे रीसेट किया जाए।” रिपोर्ट के मुताबिक, “दोपहर एक बजकर 11 मिनट पर लोको पायलट ने सीएलआई को फोन करके यह जानने की कोशिश की कि ट्रेन के खड़े होने की स्थिति में पार्किंग ब्रेक कैसे हटाया जाए।” मिश्रा के अनुसार, जिन समस्याओं के लिए लोको पायलट ने सीएलआई से संपर्क किया था, वे सामान्य प्रकृति की थीं और लोको पायलट को स्वयं ही उनका समाधान कर लेना चाहिए था। रेल सुरक्षा आयुक्त ने रेलवे बोर्ड के ट्रेनों के संचालन संबंधी नियमों का हवाला देते हुए बताया कि एमईएमयू ट्रेन मूल रूप से एक व्यक्ति द्वारा चलाई जाने वाली ट्रेन है और प्रावधानों के अनुसार इसे चलाने के लिए योग्यता परीक्षा अनिवार्य है। उन्होंने दोहराया, “लोको पायलट ने इस साल नौ जून को योग्यता परीक्षा दी, लेकिन वह इसे उत्तीर्ण नहीं कर सका और फेल हो गया। इसलिए, यह स्पष्ट है कि ट्रेन संख्या 68733 पर तैनात लोको पायलट इस ट्रेन में मोटरमैन के रूप में काम करने के लिए योग्य नहीं था।” अधिकरी ने बताया कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) के विद्युत विभाग के संबंधित अधिकारियों का मानना है कि हालांकि लोको पायलट योग्यता परीक्षा में असफल रहा और मोटरमैन के रूप में काम करने के लिए योग्य नहीं था, फिर भी उसे सामान्य ट्रेनों की तरह सहायक लोको पायलट के साथ एमईएमयू चलाने के लिए तैनात करने पर कोई प्रतिबंध नहीं था। रेल सुरक्षा आयुक्त ने इस तर्क को ‘अस्वीकार्य' बताते हुए कहा कि रेलवे बोर्ड के नियम स्पष्ट रूप से योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण किए बिना लोको पायलटों की तैनाती को प्रतिबंधित करते हैं। उन्होंने बताया कि रेलवे बोर्ड द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, 200 किलोमीटर या उससे अधिक की दूरी तय करने वाली एमईएमयू ट्रेनों में सहायक लोको पायलट की तैनाती आवश्यक है, चाहे ट्रेन का संचालन मोटरमैन द्वारा किया जा रहा हो या लोको पायलट द्वारा। अधिकारी ने बताया, “इसलिए ट्रेन संख्या 68733 को चलाने के लिए सहायक लोको पायलट की आवश्यकता थी, भले ही इसे मोटरमैन द्वारा चलाया जा रहा हो।
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नई दिल्ली। देश में ‘फ्यूचरस्किल्स प्राइम’ (FutureSkills PRIME) कार्यक्रम से 15.78 लाख से अधिक उम्मीदवारों को लाभ मिला। यह कार्यक्रम नई और उभरती प्रौद्योगिकियों में व्यक्तियों को कौशल प्रदान करने, कौशल में सुधार करने और कौशल विकास पर केंद्रित है।
यह जानकारी केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा को दी। दरअसल, भारत सरकार आईटी क्षेत्र विशेषकर छोटे शहरों और कस्बों में विकास को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है। इसका उद्देश्य भारत को सॉफ्टवेयर उत्पादों के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित करना है, जिससे सॉफ्टवेयर उत्पादों की घरेलू मांग और निर्यात को बढ़ावा मिल सके।इस बढ़ते उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए सरकार विभिन्न क्षमता निर्माण की पहल कर रही है। ‘फ्यूचरस्किल्स प्राइम’ कार्यक्रम ऐसी ही एक पहल है जिसे नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नैसकॉम) के सहयोग से कार्यान्वित किया जा रहा है।यह कार्यक्रम नई और उभरती प्रौद्योगिकियों में व्यक्तियों को कौशल प्रदान करने, कौशल में सुधार करने और कौशल विकास पर केंद्रित है। यह उम्मीदवारों की योग्यताओं और करियर की आकांक्षाओं के अनुरूप, लचीली और कहीं भी, कभी भी सीखने की सुविधा प्रदान करने वाली उच्च स्तरीय शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराता है।ये पाठ्यक्रम https://futureskillsprime.in पर उपलब्ध एक ऑनलाइन डिजिटल-कौशल प्रशिक्षण प्लेटफॉर्म के माध्यम से पेश किए जाते हैं। फ्यूचरस्किल्स प्राइम कार्यक्रम के अंतर्गत इस प्लेटफॉर्म पर 500 से अधिक पाठ्यक्रम और 2000 से अधिक डिजिटल दक्षता मार्ग उपलब्ध हैं।गौरतलब हो, अब तक विभिन्न पाठ्यक्रमों में 15.78 लाख से अधिक उम्मीदवारों को लाभ मिला है, जिनमें लगभग 41% महिला शिक्षार्थी और 85% उम्मीदवार द्वितीय और तृतीय स्तर के शहरों से हैं। -
नई दिल्ली। तमिलनाडु के कोयंबटूर में बना बहुप्रतीक्षित सेम्मोझी क्लासिकल लैंग्वेज पार्क गुरुवार से आम जनता के लिए खोल दिया गया है। 208.50 करोड़ रुपए की लागत से विकसित यह विश्वस्तरीय पार्क 45 एकड़ में फैला है और गांधीपुरम के ऐतिहासिक जेल ग्राउंड में तैयार किया गया है।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 25 नवंबर को औपचारिक रूप से इसका उद्घाटन किया था, जिसके बाद अब यह पर्यटकों और स्थानीय आगंतुकों का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार है।इसके भीतर कई थीम आधारित हरित क्षेत्र बनाए गए हैं, जिनमें क्लासिकल लैंग्वेज फॉरेस्ट, एरोमैटिक फॉरेस्ट, फाइव-फोल्ड फॉरेस्ट, फ्लावर फॉरेस्ट, पजल फॉरेस्ट, शैडो फॉरेस्ट, हेल्थ फॉरेस्ट शामिल हैं। संगम साहित्य में वर्णित सुगंधित चंपा वृक्ष के लिए भी विशेष क्षेत्र बनाया गया है।पार्क की सबसे बड़ी आकर्षणों में से एक है विशाल रोज गार्डन, जिसमें 1,000 से अधिक किस्मों के गुलाब लगे हैं। इसके अलावा एक सुंदर हर्बल गार्डन और घना वुडलैंड जोन भी बनाया गया है, जहां लोग प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव कर सकते हैं।शैक्षणिक अनुभव को और समृद्ध बनाने के लिए पार्क में लगे क्यूआर कोड्स के माध्यम से आगंतुक हर पौधे और पेड़ की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए पार्क में 500 सीटों वाला ओपन-एयर थिएटर बनाया गया है, जहां पारंपरिक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। साथ ही आधुनिक सुविधाओं से युक्त ओपन-एयर जिम, सुगम वॉकिंग ट्रैक, 100 से अधिक स्टोन बेंचेस और सुंदर डेकोरेटिव लाइटिंग पूरे पार्क की सुंदरता को और बढ़ाती हैं।बच्चों के लिए विशेष रूप से बनाया गया सक्षम-हितैषी खेल क्षेत्र पार्क की एक बड़ी विशेषता है, जो सभी बच्चों को समान रूप से खेलने का अवसर देता है।प्रवेश शुल्क बेहद किफायती रखा गया है। वयस्कों के लिए 15 रुपए और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए 5 रुपए। नियमित वॉकिंग ट्रैक उपयोगकर्ताओं के लिए मासिक पास 100 रुपए निर्धारित किया गया है। फोटोग्राफी शुल्क में स्टिल कैमरे के लिए 25 रुपए, वीडियो कैमरे के लिए 50 रुपए, फिल्म शूट के लिए 25,000 रुपए प्रतिदिन और शॉर्ट फिल्म शूट के लिए 2,000 रुपए तय किए गए हैं। यह पार्क रोज सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहेगा। -
नई दिल्ली। भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की आज गुरुवार को जयंती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित भाजपा के नेताओं ने उनकी जयंती पर याद करते हुए श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पुरानी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “प्रणब मुखर्जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। एक महान राजनेता और बहुत गहराई वाले विद्वान। उन्होंने दशकों तक सार्वजनिक जीवन में बिना किसी रुकावट के भारत की सेवा की। प्रणब बाबू की बुद्धि और विचारों की स्पष्टता ने हर कदम पर हमारे लोकतंत्र को समृद्ध किया। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि इतने सालों तक हमारी बातचीत में मुझे उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला।”केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। जनता की सेवा के लिए समर्पित एक नेता, मुखर्जी की संविधान की गहरी समझ ने सरकारी पदों पर उनके कार्यकाल को परिभाषित किया। उनका जीवन और काम हमारी लोकतांत्रिक यात्रा को प्रेरित करते रहेंगे।”भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “भारत रत्न प्रणब मुखर्जी को उनकी जयंती पर मेरी दिल से श्रद्धांजलि। सार्वजनिक सेवा में उनके लंबे सफर ने भारत को कई तरह से बनाया है। अपनी विनम्रता और गहरे ज्ञान के लिए जाने जाने वाले, उन्होंने अनगिनत लोगों की जिंदगी को छुआ और देश की तरक्की में बहुत बड़ा योगदान दिया। उनकी विरासत भारत के विकास के लिए समर्पित आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।”असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व सरमा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का हमारे देश के लिए बहुत बड़ा योगदान उनके विजन और राजनेता होने का हमेशा रहने वाला सबूत है। उनकी जयंती पर, हम भारत रत्न को दिल से श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने भारत की राजनीतिक सोच को आकार दिया, पार्टी लाइन से ऊपर उठकर आवाजों को एक किया और हमारे लोकतंत्र की नींव को मजबूत किया।”वहीं, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने लिखा, “पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का हमारे देश के लिए बहुत बड़ा योगदान उनके विजन और राजनेता होने का हमेशा रहने वाला सबूत है। उनकी जयंती पर हम भारत रत्न को दिल से श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने भारत की राजनीतिक सोच को आकार दिया, पार्टी लाइन से ऊपर उठकर आवाजों को एक किया और हमारे लोकतंत्र की नींव को मज़बूत किया।” file photo -
भुवनेश्वर । केंद्र सरकार ने ओडिशा में 44,771 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं और भुवनेश्वर व पारादीप के बीच एक नयी मार्ग परियोजना के प्रस्ताव को मंजूरी दी। एक मंत्री ने यह जानकारी दी। ओडिशा के मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि मौजूदा राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के उन्नयन एवं नए प्रस्तावित परियोजनाओं के लिए मंजूरी दी गई है। उन्होंने नयी दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात के बाद यह जानकारी दी। लोक निर्माण मंत्री हरिचंदन ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं, पांच राज्य राजमार्गों और केंद्रीय सड़क एवं अवसंरचना निधि परियोजनाओं के लिए कुल 44,771 करोड़ रुपये को मंजूरी दी गई। उन्होंने कहा कि मंजूर की गईं परियोजनाओं में भुवनेश्वर और पुरी के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग का चौड़ीकरण, 140 किलोमीटर लंबी टांगी-पुइंतोला-इच्छापुरम सड़क, 400 किलोमीटर लंबी राउरकेला-बारबिल-पारादीप मार्ग (डुबुरी मार्ग के माध्यम से) और एनएच-149 के तहत 68 किलोमीटर लंबा पल्लाहाड़ा-पितिरी मार्ग शामिल हैं।
- जयपुर। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी दल वार्ता के लिए नयी दिल्ली में है।गोयल ने ‘प्रवासी राजस्थानी दिवस' के मौके पर पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा, ‘‘ उनके साथ बातचीत लगातार आगे बढ़ रही है। हम द्विपक्षीय व्यापार समझौते की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।'' मंत्री ने साथ ही अमेरिकी आधिकारिक दल से मुलाकात करने का संकेत दिया। इस समझौते के लिए अमेरिका के मुख्य वार्ताकार और दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच, भारत के मुख्य वार्ताकार एवं वाणिज्य विभाग के संयुक्त सचिव दर्पण जैन के साथ चर्चा करेंगे। यह यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत और अमेरिका समझौते की पहले चरण को अंतिम रूप देने के लिए काम कर रहे हैं। अमेरिकी बाजार में प्रवेश करने वाले भारतीय सामानों पर 25 प्रतिशत शुल्क और रूसी कच्चे तेल की खरीद के कारण अतिरिक्त 25 प्रतिशत जुर्माना लगाए जाने के बाद अमेरिकी अधिकारियों की यह दूसरी यात्रा है। अमेरिकी अधिकारियों ने आखिरी बार 16 सितंबर को भारत की यात्रा की थी।
- ठाणे।' महाराष्ट्र के सोलापुर से ट्रेन से मुंबई जाते समय एक सोना कारोबारी के 5.53 करोड़ रुपये के आभूषण चोरी हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि यह घटना छह-सात दिसंबर की रात हुई जब कारोबारी सिद्धेश्वर एक्सप्रेस ट्रेन में सोलापुर से मुंबई जा रहा था। कल्याण राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के अनुसार कारोबारी ने दो ट्रॉली बैग एक चेन से बांधकर अपनी सीट के नीचे रख दिए जिनमें 4,456 ग्राम सोने के आभूषण रखे हुए थे। उन्होंने बताया कि इसके बाद जब वह सो गया तो एक अज्ञात चोर ने कथित तौर पर चेन तोड़ी और दोनों बैग लेकर फरार हो गया। अधिकारियों ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर भारतीय न्याय सहिंता की धारा 305 (सी) (आवास, परिवहन के साधन या पूजा स्थल में चोरी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। कल्याण राजकीय रेलवे पुलिस के पंढारी कंडे ने ‘ कहा, ‘‘हमने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपी ने पीड़ित के सो जाने का फायदा उठाकर बैग चोरी कर लिए। अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और संदिग्ध की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं।''
- अमरोहा (उप्र)। उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के गजरौला इलाके में हुई एक अजीबोगरीब घटना में रात में सोते समय माता-पिता के करवट लेने से उनके नीचे कुचलकर उनके 26 दिन के बच्चे की मौत हो गई। पुलिस सूत्रों ने यह बताया कि गजरौला इलाके में सद्दाम अब्बासी और उसकी पत्नी अस्मा रात सो रहे थे। इस दौरान उन्होंने अपने 26 दिन के बच्चे सूफियान को अपने बीच में लेटा लिया। रात में दंपती के करवट बदलने से बच्चा उनके नीचे दब गया जिससे उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि सुफियान उनका इकलौता बच्चा था। उसका जन्म इसी साल 10 नवंबर को हुआ था।परिवार वालों के मुताबिक रात में माता-पिता दोनों ने अनजाने में करवट बदल ली, जिससे बच्चा उनके बीच फंस गया। सुबह अस्मा उठी और देखा कि वह बेहोश है। सद्दाम बच्चे को गजरौला कम्युनिटी हेल्थ सेंटर ले गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। रिश्तेदारों ने बताया कि बच्चा जन्म से ही कमजोर था और उसे सांस लेने में दिक्कत थी और बाद में पीलिया हो गया था। डॉक्टरों ने कहा कि बच्चे की मौत दम घुटने से हुई। अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।
- नयी दिल्ली। संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कहा कि भारतीय डाक को अधिक डिजिटल अनुकूल बनाने और बेहतर सेवा वितरण के लिए सरकार इसकी व्यावसायिक प्रक्रिया में सुधार लाने को लेकर काम कर रही है। सिंधिया ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि वर्तमान में देश भर में 1.64 लाख डाकघर हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले 11 वर्षों में डाक नेटवर्क के विस्तार के लिए काम किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हम भारतीय डाक की संपूर्ण व्यावसायिक प्रक्रिया में सुधार में जुटे हैं, जिसके माध्यम से हमारी डाक सेवाएं पहले से अधिक तेज, बेहतर सेवा-केंद्रित और नागरिकों के लिए अधिक डिजिटल रूप में उपलब्ध होंगी।'' उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया के तहत डाक विभाग में अत्याधुनिक ‘ऑटोमेशन' लागू किया जाएगा, जिससे भारतीय डाक विभाग दुनिया का सर्वोत्तम लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाता बन सकेगा।
- नयी दिल्ली ।वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि सरकार ने अब तक दो लाख से अधिक फर्मों को स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी है। 'स्टार्टअप इंडिया' पहल के तहत मान्यताप्राप्त फर्म आयकर छूट जैसे प्रोत्साहनों का लाभ उठाने के लिए पात्र हो जाती हैं। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘बुधवार की तारीख तक उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने कुल 2,01,335 स्टार्टअप को मान्यता दी है। इन स्टार्टअप ने देश भर में 21 लाख से अधिक रोजगार सृजित किए हैं।'' बयान के मुताबिक, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 14 क्षेत्रों में जून 2025 तक 1.88 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वास्तविक निवेश हासिल किया जा चुका है। पीएलआई योजनाओं के तहत 7.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात भी हुआ है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक, औषधि, दूरसंचार व नेटवर्किंग उत्पाद और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। डिजिटल वाणिज्य के लिए खुले नेटवर्क की प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा गया कि सरकारी ई-कॉमर्स मंच ओएनडीसी ने अक्टूबर 2025 तक 32.6 करोड़ से अधिक ऑर्डर पूरे किए हैं। कारोबारी सुगमता पर मंत्रालय ने कहा कि नवंबर, 2025 तक 47,000 से अधिक अनुपालन नियमों को हटाया जा चुका है। इन प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए 18 अगस्त 2025 को जन-विश्वास (प्रावधान संशोधन) विधेयक 2025 को लोकसभा में पेश किया गया।
- नयी दिल्ली । दिल्ली पुलिस ने पूर्वी दिल्ली के शाहदरा इलाके में चोरी, छीने गए और गुम हुए करीब एक करोड़ रुपये मूल्य के 625 मोबाइल फोन उनके मालिकों को वापस लौटा दिए हैं। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। शाहदरा के विभिन्न थानों की 13 टीमों ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड से मोबाइल फोन बरामद किए। पुलिस ने आईएमईआई नंबर, कॉल रिकॉर्ड और सीईआईआर पोर्टल के डेटा का विश्लेषण कर केंद्रीय डेटाबेस के माध्यम से 225 फोन का पता लगाया। अधिकारी ने बताया कि अब तक बरामद कुल 625 फोन में से खोए हुए 321, चोरी हुए 202, छीने गए 61 और 39 फोन घर से चोरी हुए थे। जीटीबी एन्क्लेव और सीमापुरी की पुलिस टीमों ने क्रमशः 221 और 165 फोन के साथ सबसे ज्यादा फोन बरामद किए। अधिकारी ने बताया "8 दिसंबर को पुलिस उपायुक्त (डीसीपी), शाहदरा कार्यालय में एक समारोह आयोजित किया गया जिसमें 45 बरामद फोन उनके असली मालिकों को सौंपे गए।


























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