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नवी मुंबई. जेमिमा रौड्रिग्स के बल्ले से रन निकलते रहे और एक ऐसी पारी उन्होंने खेल डाली जो क्रिकेट की किवदंतियों में शुमार हो जायेगी । जीत के बाद उनके जज्बात का सैलाब भी रूक नहीं सका । जेमिमा ने अपने शतक पर जश्न नहीं मनाया । उनके चेहरे पर मुस्कुराहट और खुशी के आंसू विजयी शॉट लगाने के बाद ही नजर आये । भारत ने रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा करके सात बार की चैम्पियन आस्ट्रेलिया को हराकर दूसरी बार महिला विश्व कप फाइनल में जगह बनाई और इस जीत की गाथा लिखी जेमिमा ने । मैच खत्म होने के बाद एक क्षण को वह जड़वत खड़ी रही । दूधिया रोशनी में उनकी आंखों की नमी साफ नजर आ रही थी । यह मैच जिताने वाला शतक ही नहीं था बल्कि जिम्मेदारी निभाने का भाव भी इसमे समाहित था । ईसामसीह पर अगाध आस्था रखने वाली जेमिमा ने विश्व कप के नॉकआउट मैच के इतिहास की सबसे यादगार पारियों में से एक खेली । मैच के बाद पुरस्कार वितरण समारोह में भावनाओं पर काबू पाने की कोशिश करते हुए जेमिमा ने कहा ,‘‘ आखिर में बस मैं बाइबिल में लिखी हुई वह बात याद कर रही थी कि चुपचाप खड़े रहो और खुदा मेरे लिये लड़ेगा ।'' इस मैच से पहले तक अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर पाने के लिये आलोचना झेल रही मुंबई की जेमिमा ने विश्व रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा करते हुए 127 रन की पारी खेली । भीगी पलकों के साथ उन्होंने कहा ,‘‘ इस टूर्नामेंट में हर दिन मैं रोई हूं । मानसिक रूप से अच्छा नहीं कर पा रही थी । मुझे पता था कि मुझे अच्छा खेलना है और ईश्वर सब ठीक करेंगे । शुरूआत में सिर्फ खेलती गई और खुद से बाते करती रही ।'' ईश्वर में अटूट आस्था रखने वाले परिवार से आई जेमिमा ने कहा ,‘‘ मैं बस खड़ी रही और वह मेरे लिये लड़े । मेरे भीतर बहुत कुछ चल रहा था लेकिन मैने संयम बनाये रखने की कोशिश की । मैं ईसामसीह को धन्यवाद देना चाहती हूं । मैं खुद यह नहीं कर सकती थी ।'' उन्होंने वीआईपी दीर्घा में बैठे अपने परिवार की ओर हवा में चुंबन दिया । अपने पिता और कोच इवान को धन्यवाद दिया । उन्होंने कहा ,‘‘ मैं अपनी मां, पिता और कोच और मुझ पर भरोसा रखने वाले हर इंसान को धन्यवाद देना चाहती हूं । यह महीना काफी कठिन था और यह सपने जैसा लग रहा है । दीप्ति लगातार मेरी हौसलाअफजाई करती रही । रिचा आई और मुझे उठा लिया ।'' जेमिमा ने कहा ,‘‘ मेरे साथी खिलाड़ी मेरा हौसला बढाते रहे । मैं इस पारी का श्रेय नहीं ले सकती । मैने खुद कुछ नहीं किया । दर्शकों में से हर एक ने मेरी हौसलाअफजाई की और हर रन पर मेरा उत्साह बढाया ।''
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नई दिल्ली। विश्व चैंपियन ग्रैंडमास्टर गुकेश डी के नेतृत्व में मजबूत भारतीय दल और ओलंपियाड विजेता टीम फिडे विश्व कप 2025 में अपना दबदबा दिखाने के लिए तैयार है। फिडे विश्व कप का भारत में 23 साल बाद आयोजन हो रहा है। इस विश्व कप में भारतीय दल से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।
विश्व कप के मौजूदा संस्करण में ग्रैंडमास्टर गुकेश डी, ग्रैंडमास्टर अर्जुन एरिगैसी और ग्रैंडमास्टर आर. प्रज्ञानंद को शीर्ष तीन वरीयताएं दी गई हैं। डच ग्रैंडमास्टर अनीश गिरी चार वरीयताओं के साथ सर्वोच्च रैंकिंग वाले विदेशी खिलाड़ी होंगे। दो बार के पूर्व चैंपियन अमेरिका के लेवोन अरोनियन गोवा में खेलने वाले एकमात्र पूर्व विजेता होंगे और उन्हें प्रतियोगिता में 15वीं वरीयता दी गई है।20,00,000 डॉलर की पुरस्कार राशि वाला फिडे विश्व कप 2025 एकल-एलिमिनेशन नॉक-आउट प्रारूप में होगा। प्रत्येक दौर में दो क्लासिकल गेम होंगे और यदि आवश्यक हो तो टाईब्रेकर होगा। टाईब्रेकर में दो रैपिड गेम होंगे, जबकि रैपिड गेम के अंत में कोई परिणाम नहीं निकलने पर सिंगल-बिडिंग आर्मगेडन का इस्तेमाल किया जाएगा।इस आयोजन में कैंडिडेट्स 2026 के लिए भी तीन स्थान उपलब्ध हैं, जो अगले विश्व चैम्पियनशिप चक्र के लिए गुकेश के प्रतिद्वंद्वी का फैसला करेंगे। जर्मनी के जीएम अनीश गिरी और जीएम मैथियास ब्लूबाम पहले ही फिडे स्विस टूर के माध्यम से कैंडिडेट्स इवेंट के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं और यदि उनमें से कोई या गुकेश शीर्ष तीन में आते हैं, तो कैंडिडेट्स का स्थान स्टैंडिंग में अगले खिलाड़ी को दिया जाएगा।विश्वनाथन आनंद ने शेनयांग (चीन) और हैदराबाद (भारत) में खेले गए विश्व कप के पहले दो संस्करण जीते थे। इन दोनों संस्करणों में राउंड-रॉबिन-कम-नॉक-आउट प्रारूप का पालन किया गया था। 2005 से, विश्व कप में एकल राउंड एलिमिनेशन प्रणाली का पालन किया जाता है, जिसमें 2021 से खिलाड़ियों की कुल संख्या बढ़कर 206 हो गई है। इसमें शीर्ष 50 रैंक वाले खिलाड़ियों को पहले राउंड में बाई मिलती है।तीसरी वरीयता प्राप्त प्रज्ञानंदा 2023 के पिछले संस्करण में फाइनल तक पहुंचे थे। उनके दूसरे दौर में 126वीं रैंकिंग वाले स्लोवाकिया के जान सुबेलज के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करने की संभावना है। हमवतन रौनक साधवानी तीसरे दौर के संभावित प्रतिद्वंद्वी हो सकते हैं।गुकेश के दूसरे दौर के प्रतिद्वंद्वी कजाकिस्तान के काजीबेक नोगेरबेक होने की संभावना है, जबकि अर्जुन का सामना उसी चरण में ब्राजील के क्रिकोर मेखिटेरियन से हो सकता है। भारत की उम्मीदें विदित गुजराती, पी. हरिकृष्णा, अरविंद चितंबरम, निहाल सरीन, और कार्तिकेयन मुरली जैसे अन्य खिलाड़ियों पर टिकी होंगी, और ये सभी केवल दूसरे दौर में ही खेलेंगे।फिडे महिला विश्व कप चैंपियन भारत की दिव्या देशमुख वाइल्ड कार्ड एंट्री मिलने के बाद खेलेंगी। दिव्या अपने अभियान की शुरुआत ग्रीक ग्रैंडमास्टर स्टैमाटिस कौरकुलोस अर्दिटिस के खिलाफ करेंगी। जीत के बाद अगले दौर में उनका सामना हमवतन निहाल सरीन से होगा।अर्जेंटीना के 12 साल के फॉस्टिनो ओरो इस प्रतियोगिता में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं। उन्हें वाइल्ड कार्ड से प्रवेश मिला है। वे पहले दौर में क्रोएशिया के ग्रैंडमास्टर एंटे ब्रिकिक से भिड़ेंगे, और अगर राउंड ऑफ 16 तक पहुंच जाते हैं, तो उनके ग्रैंडमास्टर बनने की संभावना बढ़ जाएगी। जॉर्जिया के इगोर एफिमोव विश्व कप में सबसे उम्रदराज खिलाड़ी हैं। वह 65 साल के हैं। पहले राउंड से बाहर होने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को 3500 डॉलर मिलेंगे, जबकि विजेता को 120,000 डॉलर की पुरस्कार राशि मिलेगी। विश्व कप का आयोजन 30 अक्टूबर से 27 नवंबर, 2025 तक गोवा में हो रहा है -
सात बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हराया
रोड्रिग्स की यादगार पारी से भारत फाइनल में
मुंबई/जेमिमा रोड्रिग्स ने अपने जीवन की यादगार पारी खेली और उनकी नाबाद 127 रन की पारी की बदौलत भारत ने गुरुवार को यहां सात बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को पांच विकेट से हराकर महिला विश्व कप के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए फाइनल में प्रवेश किया। अब दो नवंबर को फाइनल में भारत का सामना दक्षिण अफ्रीका से होगा जिससे टूर्नामेंट को नया विजेता मिलेगा। रोड्रिग्स 14 चौके जड़ित 134 गेंद की नाबाद शतकीय पारी ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज फोबे लिचफील्ड के शतक पर भारी पड़ गई जिससे भारत ने नौ गेंद रहते 341 रन बनाकर महिला वनडे में रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा कर गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को पराजित कर दिया। भाग्य ने भी रोड्रिग्स का अच्छा साथ दिया जिन्हें कई बार जीवनदान मिला और उन्होंने इनका पूरा फायदा उठाते हुए कप्तान हरमनप्रीत कौर (89 रन) के साथ तीसरे विकेट के लिए 167 रन की साझेदारी निभाई जिसकी बदौलत भारत ने ऑस्ट्रेलिया के दो चरण में 15 मैच से चले आ रहे अपराजित अभियान को समाप्त किया। जीत के बाद कप्तान हरमनप्रीत और रोड्रिग्स की आंखों में खुशी के आंसू थे।
लिचफील्ड (119 रन) के शतक ने जहां बड़े स्कोर की नींव रखी तो वहीं एलिस पैरी (77 रन) और एश्ले गार्डनर (63 रन) के अर्धशतकों ने स्कोर को मजबूती दी जिससे एक गेंद पहले सिमटने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया ने जीत के लिए 339 रन का लक्ष्य दिया। भाग्य भी भारतीय टीम के साथ था, ऑस्ट्रेलियाई क्षेत्ररक्षकों ने कैच करने के कई मौके गंवाए जिसका फायदा मेजबान टीम को मिला। रोड्रिग्स और हरमनप्रीत ने संयम से खेलते हुए तीसरे विकेट के लिए 156 गेंद में 167 रन की भागीदारी निभाई जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किसी भी विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी है। हरमनप्रीत ने 88 गेंद में 10 चौके और दो छक्के जड़े।
फॉर्म में चल रही प्रतिका रावल के चोटिल होने के कारण अंतिम एकादश में शामिल हुईं शेफाली वर्मा (10) दूसरे ही ओवर में किम गार्थ की गेंद पर पगबाधा हो गईं। मेजबान टीम ने फिर पावरप्ले में अपनी स्टार बल्लेबाज स्मृति मंधाना (24 रन) का विकेट गंवा दिया। गार्थ की गेंद पर विकेटकीपर हीली ने कैच लपका लेकिन अंपायर ने इसे वाइड करार दिया। पर हीली ने रिव्यू लेने का फैसला किया जिसमें गेंद मंधाना के बल्ले के किनारे से छूती हुई दिखी और ऑस्ट्रेलिया को 10वें ओवर में अहम विकेट मिल गया। इस समय भारत का स्कोर 59 रन था। रोड्रिग्स ने अपनी पारी के दौरान कट शॉट और स्वीप शॉट लगाने के साथ बीच बीच में एक दो रन लेकर सतर्कता से पारी को आगे बढ़ाया। तो वहीं हरमनप्रीत ने अर्धशतक पूरा करते ही आक्रामकता बरतते हुए तहलिया मैकग्रा पर एक्स्ट्रा कवर में और एशले गार्डनर पर काउ कॉर्नर पर छक्का जड़ा। भारत ने 30 ओवर में दो विकेट पर 189 रन बना लिए थे जबकि ऑस्ट्रेलिया का स्कोर इस समय दो विकेट पर 193 रन था। इस तरह टीम को 20 ओवर में जीत के लिए 150 रन की दरकार थी और उसके आठ विकेट बाकी थे। रोड्रिग्स जब 82 रन पर थी तब उन्हें हीली ने अलाना किंग की गेंद पर जीवनदान दिया।
हरमनप्रीत को पैर की मांसपेशियों में खिंचाव से परेशानी हो रही थी और पर कुछ देर बाद उन्होंने अनाबेल सदरलैंड की गेंद को पुल किया लेकिन यह उनके बल्ले के ऊपर हिस्से से लगकर हवा में चली गई और गार्डनर ने कैच लपकने में कोई गलती नहीं की। भारत को 36वें ओवर में तीसरा झटका 226 रन पर लगा। दीप्ति शर्मा (24 रन, 17 गेंद, तीन चौके) और रिचा घोष (26 रन, 16 गेंद, दो चौके, दो छक्के) ने अंत में उपयोगी योगदान दिया। इससे पहले अगर बाएं हाथ की स्पिनर श्री चरणी (49 रन देकर दो विकेट) ने 3-0-9-2 के तीसरे स्पैल में शानदार गेंदबाजी नहीं की होती तो ऑस्ट्रेलियाई टीम इससे भी विशाल स्कोर तक पहुंच गई होती। श्री चरणी ने बेथ मूनी (24) और फॉर्म में चल रही एनाबेल सदरलैंड (03) को आउट किया। श्री चरणी ने भारत को पारी पर नियंत्रण लाने में मदद की क्योंकि अन्य भारतीय गेंदबाजों को पिच पर संघर्ष करना पड़ रहा था जिस पर उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही थी। वहीं कुछ गलतियां क्षेत्ररक्षण में भी हुईं जिससे मेजबान टीम के लिए चीजें और मुश्किल हो गईं। बल्कि श्री चरण के इस स्पैल से ऑस्ट्रेलियाई रन गति धीमी हुई। मेहमान टीम दो विकेट पर 220 रन के स्कोर से छह विकेट पर 265 रन तक पहुंच गई लेकिन इसके बाद गार्डनर की 45 गेंद में चार चौके और इतने ही छक्के जड़ित पारी ने टीम को 300 रन के पार करा दिया। टीम एक गेंद रहते 338 रन के स्कोर पर सिमट गई। लिचफील्ड ने 93 गेंद की पारी के दौरान 17 चौके और तीन छक्के जड़े। पैरी ने 88 गेंद में छह चौके और दो छक्के जमाए। लिचफील्ड और पैरी ने दूसरे विकेट के लिए 133 गेंद में 155 रन की साझेदारी निभाई। पारी की शुरूआत में भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने तीसरे ओवर में एलिसा हीली का कैच छोड़कर उन्हें जीवनदान दिया। हालांकि अंतिम एकादश में वापसी करने वाली ऑस्ट्रेलियाई कप्तान छठे ओवर में सस्ते में आउट हो गईं। लिचफील्ड ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए महज 77 गेंद में तीसरा वनडे शतक जड़ दिया जिससे ऑस्ट्रेलिया के लिए बड़े स्कोर की नींव पड़ी। यह 22 वर्षीय खिलाड़ी अभी तक टूर्नामेंट में केवल एक अर्धशतक ही लगा सकी थी। लेकिन उनकी बल्लेबाजी को देखकर ऐसा लगा जैसे वह शानदार फॉर्म में हों। लिचफील्ड ने मैदान के हर कोने पर शॉट लगाए और हर तरह के शॉट लगाए। रिवर्स स्वीप खेलने की इस महारथी ने 16वें ओवर की आखिरी गेंद पर श्री चरणी की गेंद पर सीधा शॉट लगाया जो अमनजोत कौर के हाथ में जाता दिखा जिससे वह वापस लौट गईं, लेकिन अंपायरों ने उन्हें वापस बुला लिया क्योंकि गेंद टर्फ से टकराने के बाद शॉर्ट थर्ड मैन पर खड़ी क्षेत्ररक्षक के हाथों में चली गई थी। लिचफील्ड की शानदार पारी का अंत अमनजोत कौर की गेंद पर हुआ जिसे वह डीप फाइन लेग में खेलना चाह रही थीं लेकिन इससे उनके मिडिल स्टंप उखड़ गए। पैरी उनका अच्छा साथ निभा रही थीं और उन्होंने अर्धशतक जड़कर टीम के लिए अहम योगदान दिया। वह राधा यादव की गेंद पर बोल्ड हुईं। भारतीय गेंदबाजों को अनुशासित रहने की जरूरत थी लेकिन क्रांति गौड़ लाइन एवं लेंथ में अनिरंतर रहीं तो रेणुका सिंह अपनी चिर परिचित इन स्विंग नहीं हासिल कर पाईं। भारत की सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली दीप्ति (73 रन देकर दो विकेट) को आखिरी क्षणों में दो विकेट मिले। बारिश ने पारी के शुरू में थोड़ी देर के लिए खलल डाला था। -
मेलबर्न. आस्ट्रेलिया के 17 वर्ष के क्रिकेटर बेन आस्टिन की यहां अभ्यास के दौरान गले में गेंद लगने से मौत हो गई जिससे 2014 में फिल ह्यूज की मौत की दुखद यादें ताजा हो गई । आस्टिन को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया । उन्हें फर्नट्री गली में अभ्यास के दौरान गेंद गले और सिर में लगी थी । वह टी20 मैच से पहले नेट अभ्यास कर रहे थे । उन्हें हादसे के बाद वेंटिलेटर पर रखा गया लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी । फर्नट्री गली क्रिकेट क्लब ने बृहस्पतिवार को उनकी मौत की पुष्टि की ।
क्लब ने कहा , हम बेन की मौत से बहुत दुखी हैं । उसके परिवार, दोस्तों और जानने वालों के प्रति हमारी संवेदनायें ।'' अभ्यास के वक्त उन्होंने हेलमेट पहना था लेकिन ‘नेकगार्ड ' नहीं । इस हादसे के बाद एक बार फिर हर स्तर पर खेल में सुरक्षा उपकरणों के प्रयोग की मांग जोर पकड़ने लगी है । इससे पहले क्रिकेट विक्टोरिया ने बेन के पिता जेस आस्टिन के हवाले से परिवार की ओर से एक बयान जारी किया था । बयान में कहा गया ,‘‘ हम अपने चहेते बेन के निधन से बेहद दुखी हैं । ट्रेसी और मेरे लिये बेन लाड़ला बेटा था और कूपर तथा जाश का चहेता भाई था । वह हमारे परिवार और दोस्तों के जीवन का उजाला था । इस हादसे ने उसे हमने छीन लिया । उसे क्रिकेट से प्यार था और यह खेल उसके जीवन की खुशी था ।'' इसमें यह भी कहा गया ,‘‘ हम उस गेंदबाज के भी साथ खड़े हैं जो उस समय नेट्स पर गेंदबाजी कर रहा था । इस हादसे ने दो युवाओं को प्रभावित किया है । उसके और उसके परिवार के साथ भी हमारी संवेदनायें हैं । बेन हमेशा हमारी यादों में रहेगा ।'' नवंबर 2014 को सिडनी में आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर फिल ह्यूज ने दम तोड़ा था जब एक प्रथम श्रेणी मैच के दौरान उन्हें बल्लेबाजी करते समय बाउंसर कान के पास लगा था । -
कैनबरा. भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव कुछ शानदार शॉट के साथ लय में वापसी करते दिखे, लेकिन खराब मौसम और बारिश के कारण बुधवार को यहां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहला टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच रद्द करना पड़ा। बारिश के कारण 9.4 ओवर के खेल के बाद जब दूसरी बार खेल रोका गया तब सूर्यकुमार 24 गेंद में 39 रन बनाकर नाबाद थे। उन्होंने शानदार लय में चल रहे उपकप्तान शुभमन गिल (20 गेंदों पर नाबाद 37) के साथ दूसरे विकेट के लिए 35 गेंद में 62 रन की साझेदारी के साथ बड़े स्कोर की नींव तैयार कर दी थी। भारत ने खेल रोको जाने से पहले एक विकेट पर 97 रन बना लिये थे।
भारतीय कप्तान ने कई आकर्षक शॉट लगाये लेकिन बारिश के कारण वह और गिल अर्धशतक पूरा करने से दूर रह गये। इस साल 110 से कम स्ट्राइक रेट से महज 100 रन बनाने वाले सूर्यकुमार ने जोश हेजलवुड की गेंद को अपने चिर-परिचित अंदाज में स्क्वायर लेग के ऊपर से छह रनों के लिए भेज कर यह दिखाया कि वह लंबे समय तक इस प्रारूप के शीर्ष बल्लेबाज क्यों रहे हैं। मनुका ओवल की पिच से गेंद को अच्छी उछाल रही थी और सूर्यकुमार ने इसका फायदा उठाते हुए नाथन एलिस के खिलाफ 10वें ओवर की शुरुआती दो गेंदों पर चौका जड़ा और फिर तीसरी गेंद को दर्शकों के दर्शन कराये। इसके एक गेंद बाद ही हालांकि बारिश फिर से शुरू हो गयी और मैच को रोकना पड़ा। गिल ने दूसरे छोर से आक्रमण और धैर्य का शानदार मिश्रण दिखाया। उन्होंने वामहस्त स्पिनर मैथ्यू कुहनेमन के खिलाफ काऊ कॉर्नर (डीप मिडविकेट और लांग लेग के बीच में) पर दर्शनीय छक्का जड़ा। गिल ने इस छक्के के अलावा चार दिलकश चौके भी जड़े। इससे पहले 4.4 ओवर के बाद भी बारिश के कारण खेल को रोकना पड़ा था। बारिश के पहले व्यवधान के बाद जब खेल दोबारा शुरू हुआ तो मैच को 18 ओवर प्रति टीम कर दिया गया था। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया था जिसके बाद अभिषेक शर्मा (14 गेंद में 19 रन) ने टीम को तेज शुरुआत दिलाई। एलिस ने हालांकि उन्हें खतरनाक होने से पहले ही चलता कर टीम को पहली सफलता दिलाई। -
नई दिल्ली। भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 150 छक्के लगाने वाले पांचवें बल्लेबाज बन गए हैं। सूर्या ने यह आंकड़ा ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध कैनबरा में जारी पहले टी20 मैच में छुआ। सूर्यकुमार यादव ने मनुका ओवल में खेले जा रहे बारिश से प्रभावित मुकाबले के 9.3 ओवर में नाथन एलिस की गेंद पर छक्का लगाया। इसी के साथ सूर्या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 150 छक्के पूरे करने वाले विश्व के पांचवें बल्लेबाज बन गए।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टी20 क्रिकेट में सर्वाधिक छक्के जड़ने वाले बल्लेबाजों में रोहित शर्मा शीर्ष पर हैं, जिन्होंने साल 2007 से 2024 के बीच 159 मुकाबलों में 205 छक्के लगाए। रोहित इस फॉर्मेट में 200 छक्के लगाने वाले इकलौते खिलाड़ी हैं।इस लिस्ट में यूएई के मोहम्मद वसीम दूसरे स्थान पर हैं, जिन्होंने 91 टी20 मुकाबलों में अब तक 187 छक्के लगाए हैं। 122 टी20 मुकाबलों में 173 छक्के लगाने वाले न्यूजीलैंड के मार्टिन गप्टिल तीसरे स्थान पर हैं। इंग्लैंड के जोस बटलर 144 टी20 मुकाबलों में 172 छक्के लगाने के साथ इस फेहरिस्त में चौथे स्थान पर मौजूद हैं।बता दें कि मनुका ओवल में खेले जा रहे इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान मिचेल मार्श ने टॉस जीतकर फील्डिंग का फैसला लिया।जसप्रीत बुमराह को टी20 सीरीज के पहले मैच में चुना गया है। अर्शदीप सिंह, रिंकू सिंह, वाशिंगटन सुंदर और जितेश शर्मा को प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं दिया गया है। हालांकि, हर्षित राणा इस मुकाबले का हिस्सा हैं।भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच टी20 सीरीज का दूसरा मैच 31 अक्टूबर को मेलबर्न में खेला जाएगा। तीसरा मुकाबला 2 नवंबर को होबार्ट में आयोजित होगा। चौथा मैच 6 नवंबर को गोल्ड कोस्ट में खेला जाना है, जबकि पांचवां और अंतिम मैच 8 नवंबर को ब्रिस्बेन में आयोजित होगा। - नयी दिल्ली. भारत ने आगामी वर्षों में महाद्वीपीय और वैश्विक प्रतियोगिताओं के आयोजन के अपने प्रयासों के तहत 2028 एशियाई इंडोर एथलेटिक्स चैंपियनशिप और 2026 एशियाई रिले की मेजबानी के लिए बोलियां पेश की हैं। भारत अगर इन प्रतियोगिताओं की मेजबानी हासिल करने में सफल रहा तो यह पहली बार होगा जब देश इन दो महाद्वीपीय प्रतियोगिताओं की मेजबानी करेगा। भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने 2028 एशियाई इंडोर एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए भुवनेश्वर को मेजबान शहर के रूप में प्रस्तावित किया है, जबकि 2026 एशियाई रिले के लिए स्थल अभी तय नहीं हुआ है। एएफआई के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने 2028 एशियाई इंडोर एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए भुवनेश्वर को मेजबान शहर के तौर पर बोली प्रस्तुत की है। भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम परिसर में स्थित इंडोर सुविधा के अलावा भारत में कोई अन्य स्थल इस आयोजन की मेजबानी नहीं कर सकता।'' उन्होंने कहा, ‘‘ हमने 2026 एशियाई रिले के लिए अभी तक स्थल पर निर्णय नहीं लिया है।''एएफआई एशियाई रिले के लिए उत्तर भारत के किसी शहर पर विचार कर रहा है, जिसके अप्रैल में आयोजित होने की संभावना है। इस योजना में हालांकि बदलाव हो सकता है। भुवनेश्वर के कलिंग स्टेडियम परिसर में अत्याधुनिक इनडोर सुविधा का उद्घाटन 2024 में किया गया था। इसमें 200 मीटर का रनिंग ट्रैक, 100 मीटर का अभ्यास ट्रैक, लंबी कूद, त्रिकूद, पोल वॉल्ट और गोला फेंक के लिए निर्धारित क्षेत्र के अलावा खिलाड़ियों के लिए अभ्यास क्षेत्र और एक जिम भी है। यहां लगभग 2000 दर्शकों के बैठने का भी इंतजाम है। इस सुविधा में पूर्णकालिक प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों के लिए 60 ‘ट्विन-शेयरिंग (एक कमरे में दो लोग)' कमरे और एक डाइनिंग हॉल भी है। एशियाई रिले के उद्घाटन सत्र का आयोजन 2024 बैंकॉक में हुआ था जहां भारत ने चार गुणा 400 मीटर मिश्रित टीम स्पर्धा में स्वर्ण जबकि इसी स्पर्धा के पुरुष और महिला वर्ग में रजत पदक हासिल किया था। एशियाई इंडोर एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन हर दो साल में होता है। इसका आगाज 2004 में तेहरान में हुआ था। ईरान ने इस प्रतियोगिता की सबसे अधिक चार बार मेजबानी की है। भारत ने तेहरान में ही आयोजित 2024 सत्र में तीन स्वर्ण पदक और एक रजत पदक जीता था। तजिंदरपाल सिंह तूर (पुरुष गोला फेंक), ज्योति याराजी (महिला 60 मीटर बाधा दौड़) और हरमिलन बैंस (महिला 1500 मीटर) ने अपनी-अपनी स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीता, जबकि अंकिता ध्यानी (महिला 3000 मीटर) को रजत पदक मिला। एशियाई इंडोर एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2026 सत्र छह से आठ फरवरी तक चीन के तियानजिन में आयोजित की जाएगी। भारत ने औपचारिक रूप से 2028 विश्व अंडर-20 चैंपियनशिप के साथ-साथ 2029 या 2031 में होने वाली सीनियर विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी के लिए भी अपनी रुचि व्यक्त की है।
- कोलकाता. सीनियर तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने मंगलवार को कहा कि वह ‘फिट' हैं और भारतीय टीम में वापसी के लिए ‘तैयार' हैं। उन्होंने सत्र के पहले दो रणजी ट्रॉफी मैच में शानदार प्रदर्शन करके वापसी का अपना मजबूत दावा पेश किया। बंगाल के इस तेज गेंदबाज ने मंगलवार को गुजरात के खिलाफ मैच में आठ विकेट लिए और ईडन गार्डन्स पर अपनी टीम की 141 रन की जीत में अहम भूमिका निभाई। गुजरात की दूसरी पारी में पांच विकेट लेने के बाद शमी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘काफी कड़ी मेहनत की है और मेरा मानना है कि किस्मत भी इसमें अहम भूमिका निभाती है। हर कोई देश के लिए खेलना चाहता है। इसलिए मैं (फिर से) इसके लिए तैयार हूं।''उन्होंने कहा, ‘‘मेरी प्रेरणा फिट और भारतीय टीम के लिए हर समय उपलब्ध रहना है। मैदान पर मैं अच्छा प्रदर्शन करता रहूंगा और बाकी चयनकर्ताओं पर निर्भर करता है।'' इस तेज गेंदबाज ने कहा, ‘‘यह राहत की बात है। मानसिक रूप से, शारीरिक रूप से, यह बहुत अच्छा लगता है क्योंकि आप इतने मुश्किल समय (चोट) से वापस आ रहे हैं और उसके बाद आप मैदान पर बने रहते हैं।'' शमी को ऑस्ट्रेलिया के सीमित ओवरों के दौरे के लिए भारतीय टीम में नहीं चुना गया था जिसके बाद मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर और इस सीनियर क्रिकेटर के बीच बयानबाजी हुई थी। हालांकि इस तेज गेंदबाज ने इस बात पर जोर दिया है कि टखने की सर्जरी से ठीक होने के बाद वह पूरी तरह फिट हैं और खेल के सभी प्रारूप के लिए उपलब्ध हैं। जब उनसे मंगलवार को भारतीय टीम में वापसी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने विवाद से दूर रहना पसंद किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा किसी ना किसी विवाद में फंसा रहता हूं।आप लोगों की वजह से (हंसते हुए)। यह एक गलतफहमी है।'' शमी ने साथ ही कहा कि उन्होंने क्यूरेटर से ईडन गार्डन्स में घास वाली पिच तैयार करने को कहा था क्योंकि उनका मानना है कि बंगाल का तेज गेंदबाजी आक्रमण भारतीय घरेलू क्रिकेट में सबसे अच्छे तेज गेंदबाजी आक्रमण में से एक है। बंगाल के मुख्य कोच लक्ष्मी रतन शुक्ला ने भारतीय टीम में वापसी के लिए शमी का समर्थन किया।उन्होंने कहा, ‘‘मोहम्मद शमी को किसी से प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है। वह खुद में एक प्रमाण पत्र है। उन्हें अपने प्रशंसकों, मीडिया और सबसे बड़े चयनकर्ता का समर्थन है जो सबसे ऊपर (भगवान) है।''
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नई दिल्ली। भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी मानुष शाह और दिया चितले की जोड़ी ने पहली बार डब्ल्यूटीटी फाइनल्स के लिए क्वालीफाई कर इतिहास रच दिया है। नवीनतम डब्ल्यूटीटी सीरीज़ फाइनल्स रेस रैंकिंग के अनुसार मंगलवार को शाह–चितले की जोड़ी इस साल के अंत में होने वाले हांगकांग (चीन) में निर्धारित टूर्नामेंट (10 से 14 दिसंबर) के लिए जगह पक्की करने वाली पांचवीं मिश्रित युगल टीम बन गई।
आईटीटीएफ की नवीनतम रैंकिंग में भारतीय जोड़ी आठवें स्थान परडब्ल्यूटीटी स्टार कंटेंडर मस्कट (17 से 22 नवंबर) के बाद की फाइनल रेस रैंकिंग से सात सर्वश्रेष्ठ जोड़ियां सीधे क्वालीफाई करेंगी, जबकि आठवां स्थान मेज़बान देश के वाइल्डकार्ड जोड़ी को मिलेगा। विश्व टेबल टेनिस महासंघ (आईटीटीएफ) की नवीनतम रैंकिंग में भारतीय जोड़ी आठवें स्थान पर है। इस सीज़न में उन्होंने कई शानदार प्रदर्शन किए हैं।अप्रैल में हुए डब्ल्यूटीटी कंटेंडर ट्यूनिस में उन्होंने जापान की मिवा हारिमोटो और सोरा मात्सुशिमा को फाइनल में हराकर खिताब जीता — जो उनका सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय खिताब रहा। इसके बाद जुलाई में हुए यूएस स्मैश में उन्होंने जापान की सत्सुकी ओडो और कोरिया के ओह जुनसंग को मात दी, वहीं डब्ल्यूटीटी कंटेंडर ब्यूनस आयर्स में उन्होंने सत्सुकी ओडो और जापान के ही हीरोतो शिनोजुका को हराकर प्रभावशाली जीत दर्ज की।इस वर्ष प्रतियोगिता में पुरुष और महिला एकल वर्ग में 16-16 खिलाड़ी लेंगे भागगौरतलब है कि डब्ल्यूटीटी फाइनल्स की शुरुआत वर्ष 2021 में हुई थी। इस वर्ष भी प्रतियोगिता में पुरुष और महिला एकल वर्ग में 16-16 खिलाड़ी भाग लेंगे। कुल 13 लाख अमेरिकी डॉलर की इनामी राशि वाली इस प्रतियोगिता में इस बार पुरुष और महिला युगल की जगह मिश्रित युगल इवेंट को शामिल किया गया है।मिश्रित युगल वर्ग में दो ग्रुप (प्रत्येक में चार जोड़ियां) बनाए जाएंगे। ग्रुप चरण के बाद सेमीफाइनल खेले जाएंगे और सभी मुकाबले बेस्ट ऑफ फाइव (5 गेम्स) प्रारूप में होंगे।इस ऐतिहासिक अवसर पर दिया चितले ने एक बयान में कहा, “फाइनल्स जैसे बड़े टूर्नामेंट में खेलना अपने आप में बहुत बड़ा सम्मान है, और उससे भी बड़ा गर्व है कि हम पहले भारतीय हैं जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की। यह पल सिर्फ हमारा नहीं है — यह भारतीय टेबल टेनिस की प्रगति का प्रतीक है। हम पूरी कोशिश करेंगे कि इसे यादगार बना सकें।” - नयी दिल्ली. दो बार की ओलंपिक पदक विजेता स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने यूरोपीय चरण से पहले पैर में लगी चोट से पूरी तरह उबरने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 2025 के सत्र की बाकी बची बीडब्ल्यूएफ टूर प्रतियोगिताओं से हटने का फैसला किया है। हैदराबाद की 30 वर्षीय शटलर ने कहा कि यह निर्णय उनकी सहयोगी टीम और चिकित्सा विशेषज्ञों से परामर्श करने के बाद लिया गया। इन चिकित्सा विशेषज्ञों में प्रसिद्ध खेल हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. दिनशॉ पारदीवाला भी शामिल हैं। सिंधू ने सोमवार को एक बयान में कहा,‘‘अपनी टीम के साथ विचार विमर्श करने और डॉक्टर पारदीवाला से सलाह लेने के बाद हमने महसूस किया कि मेरे लिए 2025 में शेष सभी बीडब्ल्यूएफ टूर प्रतियोगिताओं से हटना सबसे अच्छा होगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘यूरोपीय चरण से पहले मेरे पैर में जो चोट लगी थी वह अभी तक पूरी तरह से ठीक नहीं हुई है। चोट लगना किसी भी खिलाड़ी के करियर का अहम हिस्सा होता है हालांकि इसे स्वीकार करना आसान नहीं होता है। इस तरह की परिस्थितियां आपके धैर्य की परीक्षा लेती हैं और आपको मजबूत होकर वापसी करने के लिए प्रेरित भी करती हैं।'' पिछले साल पेरिस ओलंपिक में शुरुआती दौर में बाहर होने के बाद यह साल भी सिंधू के लिए अच्छा नहीं रहा। वह कई प्रतियोगिताओं के पहले दौर में बाहर हो गई और इस दौरान एक भी खिताब नहीं जीत सकी।
- नवी मुंबई. फॉर्म में चल रही सलामी बल्लेबाज प्रतिका रावल घुटने और टखने की चोट के कारण सोमवार को आईसीसी महिला वनडे विश्व कप के बाकी मैचों से बाहर हो गईं जिससे भारतीय टीम को करारा झटका लगा है। शेफाली वर्मा को प्रतिका की जगह टीम में शामिल किया गया। शेफाली ने पिछला एकदिवसीय मैच एक साल पहले खेला था। बांग्लादेश के खिलाफ डीवाई पाटिल स्टेडियम में भारत के अंतिम लीग मैच के दौरान प्रतिका का दाहिना टखना मुड़ गया था। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने एक बयान में कहा, ‘‘बांग्लादेश के खिलाफ लीग मैच में क्षेत्ररक्षण करते समय प्रतिका रावल के दाहिने टखने में चोट लगने के बाद शेफाली वर्मा को उनकी जगह टीम में शामिल किया गया है। ''21वें ओवर की आखिरी गेंद पर जब प्रतिका गेंद रोकने के लिए डीप मिडविकेट से दौड़ीं तो उनका दाहिना पैर गीले मैदान में फंस गया और वह दर्द से कराहते हुए गिर पड़ीं। भारतीय खिलाड़ी भाग कर प्रतिका के पास पहुंची और एक स्ट्रेचर भी मैदान में लाया गया लेकिन यह 25 साल की खिलाड़ी सहयोगी स्टाफ की मदद से मैदान से बाहर चली गईं। प्रतिका पूरे टूर्नामेंट में शानदार फॉर्म में रही हैं और उन्होंने छह पारियों में 51.33 के औसत से 308 रन बनाए हैं। उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना पहला विश्व कप शतक लगाया। इस दौरान वह महिला वनडे में संयुक्त रूप से सबसे तेज 1000 रन बनाने वाली खिलाड़ी भी बनीं। प्रतिका ने शीर्ष क्रम में स्मृति मंधाना के साथ अच्छी भागीदारियां कीं।भारत बृहस्पतिवार को सेमीफाइनल में गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगा जबकि फाइनल रविवार को होगा। आक्रामक बल्लेबाज शेफाली वर्मा को सीधे अंतिम एकादश में शामिल किया जा सकता है। 21 वर्षीय इस सलामी बल्लेबाज का वनडे रिकॉर्ड सामान्य है, उन्होंने 29 मैचों में 23 के औसत से 644 रन बनाए हैं। प्रदर्शन में निरंतरता की कमी के कारण शेफाली वनडे टीम में अपनी जगह नहीं बना पाईं। हालांकि उन्होंने छोटे प्रारूप में अपनी जगह बरकरार रखी है। रिचा घोष की फिटनेस पर भी संदेह बना हुआ है। न्यूजीलैंड के खिलाफ इस विकेटकीपर बल्लेबाज की उंगली में चोट लग गई थी और इसके बाद वह बांग्लादेश के खिलाफ मैच से बाहर हो गईं थीं।
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जोहानिसबर्ग. कप्तान तेम्बा बावुमा पिंडली की चोट से उबर गए हैं और उन्हें भारत के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिए सोमवार को दक्षिण अफ्रीका की टीम में शामिल किया गया। यह श्रृंखला 14 नवंबर से शुरू होगी और इसके मैच गुवाहाटी और कोलकाता में खेले जाएंगे।
बावुमा हाल ही में पाकिस्तान में हुई दो मैचों की श्रृंखला में नहीं खेल पाए थे। उस श्रृंखला में भाग लेने वाले अधिकतर खिलाड़ियों को टीम में बरकरार रखा गया है। बावुमा मैच अभ्यास की कमी पूरा करने के लिए दो नवंबर से दक्षिण अफ्रीका ए और भारत ए के बीच बेंगलुरु में होने वाले चार दिवसीय मैच में भाग ले सकते हैं। इस मैच से ऋषभ पंत भी चोट से वापसी करेंगे। दक्षिण अफ्रीका ने साइमन हार्मर, केशव महाराज और सेनुरन मुथुस्वामी के रूप में अपने तीन प्रमुख स्पिनरों को टीम में शामिल किया है जिन्होंने पाकिस्तान में ‘टर्निंग ट्रैक' पर बड़ा प्रभाव डाला था और वे भारतीय बल्लेबाजों को उनकी धरती पर परेशान कर सकते हैं। यह देखना अभी बाकी है कि भारत किस तरह की पिचें तैयार करता है क्योंकि इस महीने की शुरुआत में वेस्टइंडीज के खिलाफ उसने पूरी तरह से टर्न लेने वाली पिचों का चयन नहीं किया था। कागिसो रबाडा, ऑलराउंडर कॉर्बिन बॉश, मार्को यानसन और वियान मुल्डर तेज गेंदबाजी विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे। पहला टेस्ट मैच 14 नवंबर को कोलकाता के ईडन गार्डन्स में शुरू होगा जिसके बाद टीम गुवाहाटी जाएगी जहां एसीए स्टेडियम 22 नवंबर से अपने पहले टेस्ट मैच की मेजबानी करेगा। दक्षिण अफ्रीका के मुख्य कोच शुकरी कॉनराड ने कहा, ‘‘हमने पाकिस्तान के खिलाफ दो मैचों की श्रृंखला में भाग लेने वाली टीम के अधिकतर खिलाड़ियों को बरकरार रखा है। उन खिलाड़ियों ने असली जज्बा दिखाया और पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए श्रृंखला बराबर करने के लिए कड़ी मेहनत की।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत में भी इसी तरह की चुनौती की उम्मीद कर रहे हैं और उन परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले कई खिलाड़ी एक बार फिर हमारे लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे।'' भारत के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के लिए दक्षिण अफ्रीका की टीम: तेम्बा बावुमा (कप्तान), एडेन मार्करम, रेयान रिकेल्टन, ट्रिस्टन स्टब्स, काइल वेरिन, डेवाल्ड ब्रेविस, जुबैर हमजा, टोनी डी ज़ोरज़ी, कॉर्बिन बॉश, वियान मुल्डर, मार्को यानसन, केशव महाराज, सेनुरन मुथुसामी, कागिसो रबाडा, साइमन हार्मर। - नयी दिल्ली. कभी भारत के तेज गेंदबाज रहे नवदीप सैनी का कहना है कि सच्चाई यही है कि अगर किसी खिलाड़ी को राष्ट्रीय टीम के लिए खेलना है तो उसे इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अच्छा प्रदर्शन करना ही होगा। कई लोगों को लगता है कि सैनी की गेंदबाजी की चमक फीकी हो गई है लेकिन उनके हाथों में आई 51 ओवर पुरानी, खुरदरी और बेजान एसजी टेस्ट गेंद अचानक से जीवंत हो जाती है। सैनी ने ऐसी ही गेंद पर हिमाचल के सलामी बल्लेबाज सिद्धांत पुरोहित (70) को आउट किया। यह उनके उसी जोश की याद दिलाता है जिसने उन्हें 2019 में भारत के लिए पदार्पण कराया था। भारत के लिए दो टेस्ट, आठ वनडे और 11 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के बाद 32 वर्षीय सैनी का मानना है कि राष्ट्रीय टीम में अभी उनका काम पूरा नहीं हुआ है।सैनी ने दिन का खेल समाप्त होने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं जब आया था मेरे पास खोने को कुछ नहीं था और इतने साल बाद आज भी खोने को कुछ नहीं है। मैं अगर भारतीय टीम में वापसी का सपना ना देखूं तो मुझे हक नहीं दिल्ली की टीम में एक स्थान रोक कर रखूं। '' यह तेज गेंदबाज आखिरी बार 2021 में भारत के लिए खेला था। वह खिलाड़ियों के चयन की बदलती वास्तविकताओं के बारे में स्पष्ट थे। उन्होंने कहा, ‘‘चाहे किसी को यह बात पसंद आए या नहीं, भारत के लिए खेलने के लिए आपको आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करना ही होगा। यह एक सच्चाई है। एक साल पहले मुझे कंधे में चोट लगी थी जिससे मेरी रफ्तार कम हो गई थी। इसकी वजह से मुझे आईपीएल अनुबंध गंवाना पड़ा।'' यह पूछने पर कि क्या वह विजय हजारे ट्रॉफी या सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जैसे सीमित ओवरों के प्रारूपों में ही खेलना पसंद करेंगे तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, ‘‘मैं खेल सकता हूं, लेकिन मुझे दिन के मैचों में गेंदबाजी करने की यह चुनौती पसंद है। मुझे मजा आता है। पिछले मैच में मुझे (हैदराबाद में) विकेट नहीं मिले क्योंकि विकेट धीमा था। इस पिच पर चाय के बाद पिच जीवंत हो गई। '' तो क्या उन्हें अब भी लगता है कि वह भारतीय टीम में की वापसी कर सकते हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘क्यों नहीं। अगर मैं पांच-पांच विकेट ले लूं तो मैं फिर से चर्चा का हिस्सा बन जाऊंगा। '' सैनी अगले महीने 33 साल के हो जाएंगे और अब भी वापसी की उम्मीद लगाए हैं।
- जकार्ता. भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी देविका सिहाग को रविवार को यहां इंडोनेशिया मास्टर्स सुपर 100 टूर्नामेंट के महिला एकल फाइनल में जापान की पूर्व विश्व चैंपियन नोजोमी ओकुहारा के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। अगस्त में मलेशिया इंटरनेशनल चैलेंज का खिताब खिताब जीतने वाली हरियाणा की 20 वर्षीय देविका एकतरफा फाइनल में शीर्ष वरीयता प्राप्त ओकुहारा के खिलाफ 11-21, 9-21 से हार गईं। आठवीं वरीयता प्राप्त देविका ने पहले दौर में मकाऊ की पुई ची वा को हराया था और फिर फाइनल तक के अपने सफर के दौरान चीनी ताइपे की ली सो युई, अमेरिका की इशिका जायसवाल और स्थानीय खिलाड़ी मुटियारा अयू पुष्पितसारी को शिकस्त दी। भारत के होनहार युवा खिलाड़ियों में से एक देविका ने पिछले साल स्वीडिश ओपन और पुर्तगाल इंटरनेशनल टूर्नामेंट के खिताब जीते थे। इसके अलावा एस्टोनियाई इंटरनेशनल और डच इंटरनेशनल स्पर्धाओं में उपविजेता रहीं थी।
- दुबई. मौजूदा अखिल भारतीय एमेच्योर चैंपियन अंशुल मिश्रा यहां एशिया पैसिफिक एमेच्योर चैंपियनशिप (एएसी) में शीर्ष 10 में पहुंचने वाले तीसरे भारतीय गोल्फर बन गए। अंशुल ने इस टूर्नामेंट में पहली बार हिस्सा लिया। उन्होंने एमिरेट्स गोल्फ क्लब में दो अंडर 70 का कार्ड बनाकर कुल नौ अंडर 279 का स्कोर बनाया जिससे वह संयुक्त रूप से सातवें स्थान पर रहे। अंशुल से पहले केवल दो भारतीयों ने एएसी में शीर्ष 10 में जगह बनाई है जिसकी शुरूआत 2009 से हुई थी। खालिन जोशी (2010 में संयुक्त नौंवे) और रेहान थॉमस (2018 में संयुक्त दूसरे) ही इससे पहले एएसी में शीर्ष 10 में रहे थे। अंशुल ने कहा, ‘‘इस हफ्ते में अच्छा प्रदर्शन किया और इसका श्रेय पिछले हफ्ते दिल्ली गोल्फ कोर्स में डीपी वर्ल्ड इंडिया चैंपियनशिप में पेशेवरों गोल्फरों को खेलते हुए देखने को जाता है। मैंने रोरी (मैकलरॉय) और टॉमी फ्लीटवुड के खेलने के तरीके से बहुत कुछ सीखा। '' थाईलैंड के पोंगसापाक ‘फीफा' लाओपाकडी ने खिताब जीता जिससे उन्हें 2026 मास्टर्स और ‘द ओपन' में जगह मिलेगी। पांच भारतीय गोल्फरों ने से चार ने कट में जगह बनाई थी। अंशुल के बाद दुबई में बसे राघव गुलाटी संयुक्त 27वें स्थान पर रहे। शीर्ष रैंकिंग भारतीय गोल्फर रक्षित दहिया संयुक्त 42वें और रणवीर मित्रू संयुक्त 48वें स्थान पर रहे। हरमन सचदेवा कट से चूक गए थे।
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तोक्यो. स्विट्जरलैंड की बेलिंडा बेनसिच ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए डब्ल्यूटीए पैन पैसिफिक ओपन टेनिस टूर्नामेंट के फाइनल में लिंडा नोस्कोवा को 6-2, 6-3 से हराकर अपने करियर का 10वां खिताब जीता। बेनसिच ने इससे पहले इस टूर्नामेंट में 10 साल पहले भाग लिया था। उन्होंने रविवार को खेले गए फाइनल में चेक गणराज्य की अपनी प्रतिद्वंद्वी पर दबदबा बनाए रखा। बेनसिच ने नोस्कोवा की सर्विस को तीन बार तोड़ते हुए एक घंटे 22 मिनट में आसान जीत हासिल की। तोक्यो से स्विस खिलाड़ी की सुखद यादें जुड़ी हैं। उन्होंने चार साल पहले तोक्यो में ओलंपिक महिला एकल में स्वर्ण पदक और युगल में रजत पदक जीता थ। मैच के बाद बेनसिच ने कहा, ‘‘आप लोगों के सामने खेलना शानदार रहा। पिछली बार मैंने यहां जब तोक्यो ओलंपिक में जीत हासिल की थी, तब स्टेडियम खाली था, इसलिए माहौल बिल्कुल अलग था, लेकिन आप लोगों के सामने खेलना बहुत अच्छा लगा। मुझे जापान में खेलना बहुत पसंद है, इसलिए मैं यह टूर्नामेंट जीतकर बहुत खुश हूं।
- इंदौर. दक्षिण अफ्रीका पर ऑस्ट्रेलिया की शानदार जीत में अहम भूमिका निभाने वाली लेग स्पिनर अलाना किंग ने कहा कि वह सिर्फ अपनी गेंदबाजी को नियंत्रित करने पर ध्यान लगाती हैं और टीम की सात विकेट की जीत के दौरान मददगार परिस्थितियों का फायदा उठाकर अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके खुश हैं। किंग ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 18 रन देकर सात विकेट लिए और दक्षिण अफ्रीका को महज 97 रन पर ऑल आउट कर दिया। फिर ऑस्ट्रेलिया ने 16.5 ओवर में आसानी से मैच जीत लिया। मैच के बाद ‘प्लेयर ऑफ द मैच' चुनी गई किंग ने कहा, ‘‘उम्मीद थी कि थोड़ी बूंदाबांदी के साथ गेंद थोड़ी फिसलेगी। विकेट से मिलने वाला पूरा फायदा उठाकर खुश हूं। '' उन्होंने कहा, ‘‘एक गेंदबाज के तौर पर आपको हमेशा विकेट पसंद आते हैं।मैं अलग भूमिका निभा सकती हूं। कोई भी भूमिका निभाकर खुश हूं। जब तक मैं ऑस्ट्रेलिया के लिए अपनी भूमिका निभा रही हूं और इससे हम अच्छी स्थिति में पहुंचते हैं तो इससे खुश हूं। '' ऑस्ट्रेलियाई कप्तान तहलिया मैकग्रा ने लेग स्पिनर अलाना किंग के रिकॉर्ड सात विकेट की तारीफ करते हुए कहा कि उनके हाथ से निकली हर गेंद विकेट दिलाने वाली लग रही थी। उन्होंने कहा, ‘‘वह कितनी अच्छी गेंदबाजी कर रही थी? उसके हाथों में गेंद आते ही ऐसा लग रहा था जैसे हर गेंद पर विकेट मिलेगा। उसके लिए बहुत खुश हूं। उसने बहुत सारे रिकॉर्ड तोड़े और उसका प्रदर्शन वास्तव में शानदार रहा। '' दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लॉरा वोलवार्ड्ट ने चूके मौकों पर अफसोस जताया, लेकिन कहा कि उन्हें इस दिन को भूलकर सेमीफाइनल पर फोकस करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ग्रुप चरण को हम जिस तरह से खत्म करना चाहते थे, वैसा नहीं हुआ। रन नहीं बना पाए। टूर्नामेंट में बहुत अच्छा किया, सेमीफाइनल में इसी पर फोकस करेंगे। '
- रांची. अठारह वर्षीय संजना सिंह ने शनिवार को यहां सैफ सीनियर चैंपियनशिप के दूसरे दिन महिलाओं की 1500 मीटर दौड़ जीतकर अपना दूसरा स्वर्ण पदक हासिल किया। भारत ने प्रतियोगिता के दूसरे दिन 11 में से सात स्वर्ण पदक जीतकर अपना दबदबा बनाया। संजना ने 1500 मीटर में चार मिनट 25.36 सेकंड का समय निकालकर श्रीलंका की डब्ल्यू के एल अराच निमाली (4:25.52) को पछाड़कर स्वर्ण पदक जीता। रोहतक की इस धाविका ने इससे पहले शुक्रवार को पहले दिन 5000 मीटर में स्वर्ण पदक जीता था। एक अन्य भारतीय काजल कनवाडे 4:26.21 के समय के साथ तीसरे स्थान पर रहीं।हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर की बेटी संजना ने कहा, ‘‘बेहतर धावकों के साथ प्रतिस्पर्धा करना मेरे लिए सीखने का एक अच्छा अनुभव था।'' श्रीलंका ने हालांकि पुरुष और महिला चार गुणा 100 मीटर रिले दोनों में स्वर्ण पदक जीत लिए जबकि भारत को दोनों स्पर्धाओं में रजत पदक से संतोष करना पड़ा। श्रीलंका के खिलाड़ियों ने इससे पहले शुक्रवार को भी पुरुष और महिला 100 मीटर व्यक्तिगत स्पर्धा में भी स्वर्ण पदक जीते थे। शुक्रवार की तरह शनिवार को भी सभी 11 स्पर्धाओं में भारतीय और श्रीलंकाई एथलीटों के बीच मुकाबला था।भारत ने सात स्वर्ण पदक जीते जबकि श्रीलंका ने चार। चैंपियनशिप में एक दिन शेष रहते भारत 12 स्वर्ण, 14 रजत और सात कांस्य पदक के साथ पदक तालिका में शीर्ष पर बना हुआ है। श्रीलंका ने आठ स्वर्ण, छह रजत और नौ कांस्य पदक जीते हैं, जबकि नेपाल तीन कांस्य पदक के साथ तीसरे स्थान पर है। श्रीलंका के पुरुषों की चार गुणा 100 मीटर टीम ने 39.99 सेकंड का मीट रिकॉर्ड समय निकाला जो भारत के 40.65 सेकंड से काफी बेहतर था। भारतीय टीम में प्रतीक महाराणा, जे सिंह ढिल्लों, हर्ष राउत और प्रणव गुरव शामिल थे। तमन्ना, एम वी जिलना, सुदेशना शिवंकर और साक्षी चव्हाण की भारतीय महिला चार गुणा 100 मीटर रिले टीम 44.93 सेकंड का समय लेकर श्रीलंका (44.70) के बाद दूसरे स्थान पर रही।
- रिफा (बहरीन) .भारत ने एशियाई युवा खेलों में यादगार दिन का समापन कबड्डी में दो स्वर्ण पदकों के साथ किया। लड़कों और लड़कियों दोनों वर्गों में चैंपियन बनकर भारत पदक तालिका में पांचवें स्थान पर पहुंच गया। भारत के कुल पदकों की संख्या दो स्वर्ण, तीन रजत और पांच कांस्य हो गई। चीन छह स्वर्ण, 10 रजत और एक कांस्य से तालिका में शीर्ष पर बना रहा। उसके बाद थाईलैंड (6-2-2), उज़्बेकिस्तान (6-1-2) और ईरान (3-4-6) का स्थान रहा। भारत की लड़कियों की कबड्डी टीम ने ईरान को 75-21 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। लड़कों का फाइनल मुकाबला काफी करीबी रहा, पर भारत ने ईरान को 35-32 से हरा दिया। एथलेटिक्स में भारत ने अपने खाते में दो रजत और एक कांस्य पदक जोड़ा।रंजना यादव ने लड़कियों की 5000 मीटर पैदल चाल में 23 मिनट 25.88 सेकेंड का समय लेकर रजत पदक जीतकर भारत का खाता खोला। चीन की लियू शियी 24:15.27 सेकेंड के समय से उनसे आगे पहले स्थान पर रहीं। कोरिया की जियोंग चायेओन ने 25:26.93 सेकेंड के समय से कांस्य पदक जीता। अंबुरे शौर्य ने लड़कियों की 100 मीटर बाधा दौड़ में 13.53 सेकेंड का समय लेकर भारत के लिए दूसरा रजत पदक जीता। वह चीन की केई झांग (13.51 सेकंड) से पीछे रहीं। उज्बेकिस्तान की रहमोनोवा शोदियोना ने 13.89 सेकंड का समय लेकर कांस्य पदक जीता। जैस्मीन कौर ने लड़कियों की गोला फेंक में 14.86 मीटर के प्रयास से कांस्य पदक जीता। चीन ने सुन मेंग्याओ (18.15 मीटर) और ली मेंग्याओ (16.93 मीटर) के साथ शीर्ष दो स्थान हासिल किए। भारत ने ताइक्वांडो में दो कांस्य पदक जीते। देबाशीष दास को जबकि यश्विनी सिंह और शिवांशु पटेल की जोड़ी को कांस्य पदक मिला। कुराश में भारत पहले ही एक रजत और दो कांस्य पदक के साथ अपने अभियान का समापन कर चुका है।
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नयी दिल्ली. सिमरन शेरगिल, शमशीर अली, सवाई पद्मनाभ सिंह और सिद्धांत शर्मा इंटरनेशनल पोलो कप में भारत की चुनौती पेश करेंगे जिसकी ट्रॉफी का अनावरण बृहस्पतिवार को हुआ । भारतीय पोलो संघ (आईपीएल) और कोग्नीवेरा आई टी ने इंटरनेशनल पोलो कप की ट्रॉफी का अनावरण किया । इसमें भारत और अर्जेंटीना शीर्ष खिताब के लिये 25 अक्टूबर को मुकाबला करेंगे । अर्जेंटीना टीम में जुआन आगस्टिन गार्सिया ग्रोस्सी, सल्वाडोर जुरेशे, मटियास बतिस्ता और निकोलस जोर्ज कोर्टी मॉडरना शामिल हैं । दिल्ली में पांच साल बाद अंतरराष्ट्रीय पोलो हो रहा है ।
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नवी मुंबई। भारतीय टीम पिछले तीन मैच में हार से सबक लेकर गुरुवार को यहां महिला विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाले क्वार्टर फाइनल जैसे मुकाबले में जीत दर्ज करके सेमीफाइनल में जगह पक्की करने की कोशिश करेगी। हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाली टीम यदि डीवाई पाटिल स्टेडियम के अपने चिर परिचित विकेट पर न्यूजीलैंड की टीम को हरा देती है तो वह सेमीफाइनल में जगह बनाने वाली चौथी टीम बन जाएगी। लेकिन अगर वह पिछले तीन मैच की तरह गलतियां करती है तो फिर वह अगर मगर के भंवर में फंस जाएगी। यदि भारत न्यूजीलैंड से हार जाता है, तो उसे सेमी फाइनल में जगह बनाने के लिए इंग्लैंड की न्यूजीलैंड के खिलाफ अगले मैच में जीत के लिए दुआ करनी होगी और फिर बांग्लादेश के खिलाफ अपने अंतिम ग्रुप लीग मैच में भी जीत हासिल करनी होगी। ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड पहले ही सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर चुके हैं। भारत भी सेमीफाइनल में पहुंचने का प्रबल दावेदार था लेकिन लगातार तीन मैच में हार का सामना करने के कारण उसके समीकरण बिगड़ गए हैं। ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका दोनों ने भारत की गेंदबाजी में कमजोरी को खुलकर उजागर किया लेकिन उसे सबसे बड़ा झटका इंदौर में इंग्लैंड के खिलाफ लगा जहां उसे एक समय 54 गेंद पर 56 रन की जरूरत थी लेकिन वह लक्ष्य तक पहुंचने में नाकाम रहा। भारत की समस्या छठे गेंदबाजी विकल्प तक ही सीमित नहीं है। उसकी टीम घरेलू धरती पर खेलने के दबाव से निपटने के लिए भी संघर्ष कर रही है। दबाव में भारत की कमजोरी और विशिष्ट कौशल की कमी कप्तान हरमनप्रीत और मुख्य कोच अमोल मजूमदार के लिए सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है। अब तक भारत का कोई भी शीर्ष बल्लेबाज मैच खत्म करने के लिए लंबे समय तक नहीं टिक सका है। यही नहीं उसके गेंदबाजों के प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव स्पष्ट नजर आ रहा है। ऐसी स्थिति में भारतीय बल्लेबाजी की मुख्य आधार रही हरमनप्रीत और फॉर्म में चल रही स्मृति मंधाना की अनुभवी जोड़ी को जिम्मेदारी लेनी होगी। भारत ने अपनी गेंदबाजी को मजबूत करने के लिए पिछले मैच में जेमिमा रोड्रिग्स को बाहर करके स्विंग गेंदबाजी में माहिर रेणुका ठाकुर को टीम में रखा था लेकिन उसकी यह रणनीति भी कारगर साबित नहीं हुई। भारत अगर इसी संयोजन के साथ उतरता है तो दबाव तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाली हरलीन देओल पर होगा, जो अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल पाई हैं। यहां की पिच पारंपरिक रूप से बल्लेबाजों के अनुकूल रही है, लेकिन पहले बल्लेबाजी करने वाली टीमों को दूसरी पारी में ओस के प्रभाव को लेकर सतर्क रहना होगा। सोफी डिवाइन और सूजी बेट्स की अनुभवी जोड़ी भारत के लिए कड़ी चुनौती पेश करेगी। न्यूजीलैंड की टीम पूर्ण मैच खेलने के लिए उत्सुक होगी, क्योंकि कोलंबो में उसके दो मैच बारिश के कारण रद्द कर दिए गए थे। टीम इस प्रकार हैं---
भारत: हरमनप्रीत कौर (कप्तान), स्मृति मंधाना, प्रतिका रावल, हरलीन देयोल, ऋचा घोष (विकेटकीपर), जेमिमा रोड्रिग्स, अमनजोत कौर, स्नेह राणा, दीप्ति शर्मा, क्रांति गौड़, अरुंधति रेड्डी, रेणुका सिंह ठाकुर, श्री चरणी, राधा यादव और उमा छेत्री। न्यूजीलैंड: सोफी डिवाइन (कप्तान), इसाबेला गेज (विकेट कीपर), मैडी ग्रीन, पॉली इंगलिस (विकेट कीपर), बेला जेम्स, जॉर्जिया प्लिमर, सूजी बेट्स, ब्रुक हॉलिडे, अमेलिया केर, ईडन कार्सन, ब्री इलिंग, जेस केर, रोजमेरी मैयर, हन्ना रोवे और ली ताहुहु। मैच भारतीय समयानुसार दोपहर बाद 3:00 बजे शुरू होगा। -
नई दिल्ली। भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा को बुधवार को भारतीय सेना की टेरिटोरियल आर्मी में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से सम्मानित किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साउथ ब्लॉक, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में नीरज को यह सम्मान चिन्ह औपचारिक रूप से प्रदान किया।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने कहा कि लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद) नीरज चोपड़ा दृढ़ संकल्प, देशभक्ति और उत्कृष्टता की भारतीय भावना का प्रतीक हैं। उन्होंने अपने अनुशासन और समर्पण से न केवल खेल जगत में, बल्कि पूरे देश में प्रेरणा का स्रोत बनने का काम किया है। रक्षा मंत्री ने नीरज चोपड़ा की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि नीरज ने मैदान में जो अनुशासन और निष्ठा दिखाई, वही भावना उन्हें सेना के आदर्शों से जोड़ती है। वह आने वाली पीढ़ियों के लिए सच्चे प्रेरणा स्रोत हैं।राजपूताना राइफल्स रेजिमेंट में शामिलबता दें कि नीरज चोपड़ा को वर्ष 2016 में भारतीय सेना की राजपूताना राइफल्स रेजिमेंट में शामिल किया गया था। हरियाणा के पानीपत जिले के खांदरा गांव में 24 दिसंबर 1997 को जन्मे नीरज ने अपने प्रदर्शन से न केवल भारत को, बल्कि भारतीय सेना को भी गौरवान्वित किया है।नीरज चोपड़ा की उपलब्धियांउन्होंने 2020 के टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचते हुए ट्रैक एंड फील्ड में भारत का पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद उन्होंने 2024 के पेरिस ओलंपिक में रजत पदक और 2023 की वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाया। इसके अलावा, नीरज ने एशियाई खेलों, कॉमनवेल्थ गेम्स और डायमंड लीग में भी कई स्वर्ण पदक जीते हैं। उन्होंने हाल ही में 90.23 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो (2025) कर भारतीय एथलेटिक्स इतिहास में नया मील का पत्थर स्थापित किया।कई बड़े सम्मान से सम्मानितनीरज की उत्कृष्ट उपलब्धियों और राष्ट्र सेवा के प्रति उनके योगदान के सम्मान में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें 16 अप्रैल 2025 को टेरिटोरियल आर्मी में मानद कमीशन प्रदान किया था। नीरज को पहले भी कई प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुके हैं, जिनमें पद्म श्री, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न, अर्जुन पुरस्कार, परम विशिष्ट सेवा पदक और विशिष्ट सेवा पदक शामिल हैं। कार्यक्रम में थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और भारतीय सेना व टेरिटोरियल आर्मी के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। -
नई दिल्ली। दीपावली के शुभ अवसर पर भारतीय क्रिकेट जगत के कई दिग्गज खिलाड़ियों ने अपने फैंस को सोशल मीडिया के जरिए शुभकामनाएं दीं। क्रिकेट के मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा, “आप सभी को खुशहाल और सुरक्षित दीपावली की शुभकामनाएं। आनंद लें और अपना ख्याल रखें।”
पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर संदेश साझा करते हुए लिखा, “यह दीपावली आपके जीवन को शांति, समृद्धि और अनंत खुशियों से भर दे। सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।” आईसीसी के चेयरमैन जय शाह ने भी फैंस को शुभकामनाएं देते हुए लिखा, “आपको और आपके परिवार को शानदार और खुशहाल दीपावली की शुभकामनाएं! रोशनी का यह त्योहार आपके और आपके प्रियजनों के लिए खुशियां और समृद्धि लेकर आए। सुरक्षित और आनंदमय दिवाली मनाएं।”भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज ने अपने संदेश में लिखा, “जैसे रोशनी हर घर को जगमगाए, वैसे ही हर मन में शांति और आनंद का वास हो। सभी को दीपावली की शुभकामनाएं।” टीम इंडिया के बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने लिखा, “सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं! आपका जीवन प्रकाश, प्रेम और अनंत आनंद से भरा रहे।”टी20 टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने कहा, “रोशनी, खुशी और ढेर सारी सकारात्मकता… आप सभी को जगमगाती दीपावली की शुभकामनाएं!” भारतीय पुरुष टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने भी अपने संदेश में कहा, “सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं! इस पावन पर्व के प्रकाश से सारा अंधकार दूर हो जाए।”वहीं पूर्व दिग्गज खिलाड़ी वीवीएस लक्ष्मण ने लिखा, “दीपावली का दिव्य प्रकाश आपके जीवन को शांति, समृद्धि और आनंद से आलोकित करे। आप सभी को उज्ज्वल और सुंदर दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।” पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दीपावली का त्योहार तब से मनाया जाता है जब भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था, और तभी से यह पर्व अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक बन गया। - मनामा (बहरीन)/ भारत की 15 वर्षीय खुशी ने रविवार को महिलाओं की 70 किलोग्राम कुराश स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर एशियाई युवा खेलों में देश का पदक खाता खोला। दिलचस्प बात यह है कि प्रतियोगिता में एक भी मुकाबला जीते बिना ही उन्हें पदक मिल गया। छह खिलाड़ियाों के मुकाबलों में उन्हें क्वार्टर फाइनल में बाई मिली और सेमीफाइनल में वह उज्बेकिस्तान की डी. तुर्सुनोवा से हार गईं। युवा खेलों में कांस्य पदक के लिए कोई प्ले-ऑफ नहीं होने के कारण खुशी ने पोडियम स्थान भी हासिल किया।
- गुवाहाटी/ घरेलू सरजमीं पर विश्व जूनियर चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने से भारत की उभरती हुई शटलर तन्वी शर्मा खुश है लेकिन वह भविष्य में अपने खेल के कई पहलुओं पर सुधार करने के लिए तैयार है। तन्वी ने कहा कि उन्हें धैर्य बनाये रखना, नेट के इस्तेमाल और मानसिकता को मजबूत करने पर काम करना होगा। सोलह साल की यह खिलाड़ी ने पूर्व विश्व नंबर एक साइना नेहवाल और अपर्णा पोपट के नक्शेकदम पर चलते हुए टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाली केवल तीसरी भारतीय महिला शटलर बनी। वह हालांकि रविवार को यहां दूसरी वरीयता प्राप्त थाईलैंड की खिलाड़ी अन्यापत फिचितप्रीचासक से 7-15, 12-15 से हार गईं। तन्वी ने कहा, ‘‘ मैं रजत पदक जीतकर बहुत खुश हूं, लेकिन स्वर्ण पदक नहीं जीत पाने से थोड़ी निराश भी थी।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि इस टूर्नामेंट से पहले, मुझे पदक की उम्मीद भी नहीं थी। मैं फॉर्म में नहीं थी, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़े, मेरे खेल में सुधार आता गया।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह पदक मेरे लिए बहुत यादगार है । अपने घरेलू मैदान में खेलना, जहां मैं हर दिन अपने कोच के साथ प्रशिक्षण लेती हूं बेहद खास है। मेरे कोच का सपना था कि मैं फाइनल खेलूं, और मैंने उनके लिए यह मैच खेला।'' पंजाब की यह खिलाड़ी पार्क ताए-सांग के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लेती हैं।उन्होंने कहा, मेरे कोच हमेशा मुझे खेल में बने रहने, रैलियां खेलने और निरंतरता से अंक हासिल करने पर ध्यान देने के लिए कहते हैं। लेकिन कभी-कभी मैं छोटी-छोटी गलतियां कर देती हूं और मुझे इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।'' उन्होंने कहा, मुझे अपने नेट प्ले और कोर्ट पर अपनी सहनशक्ति पर काम करने की जरूरत है। मैं इसी पर पूरा ध्यान दूंगी।'' उन्होंने, हर बार जब मैं हारती हूं, तो कुछ नया सीखती हूं। मैं पहले भी यूएस ओपन और ओडिशा ओपन जैसे टूर्नामेंटों के फाइनल हार चुकी हूं। इससे दुख होता है, लेकिन मैं मानसिक रूप से मजबूत रहूंगी और खुद से कहूंगी, शायद अगली बार ।

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