ब्रेकिंग न्यूज़

ईरान-इजरायल तनाव से भारतीय चाय निर्यात पर संकट, परंपरागत चाय कारोबार को झटका

 नई दिल्ली।  पश्चिम एशियाई बाजारों विशेष रूप से ईरान और इराक से मजबूत मांग के कारण भारतीय परंपरागत चाय की कीमतों में वृद्धि हुई है। लेकिन अब इजरायल-ईरान के बीच छिड़े संघर्ष से तनाव बढ़ने का खतरा मंडरा रहा है, जिससे इस क्षेत्र में चाय की आपूर्ति में व्यवधान पैदा होने की आशंका है।इंडियन टी एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (आईटीईए) के अध्यक्ष अंशुमान कनोडिया ने कहा कि चाय लेकर कार्गो पहले ही रवाना हो चुके हैं, कुछ अभी लदान के इंतजार में हैं। इसलिए मौजूदा और भविष्य में मिलने वाले ऑर्डर को लेकर चिंता छायी है। उन्होंने कहा, ‘संघर्ष की स्थिति के साथ-साथ अपने निर्यात के बारे में चिंतित हैं। एसोसिएशन के सदस्य अपने-अपने खरीदारों के संपर्क में हैं। इस समय हम हालात को भांपने की कोशिश कर रहे हैं।’

उत्पादक और निर्यातक दोनों ही चाय कारोबार में अस्थायी झटके की आशंका जता रहे हैं। इंडियन टी एसोसिएशन (आईटीए) के अध्यक्ष हेमंत बांगड़ ने कहा कि ईरान भारतीय चाय के सबसे बड़े बाजारों में से एक है। ‘अभी संघर्ष की शुरुआत है, लेकिन व्यापार में अस्थायी व्यवधान उत्पन्न हो सकता है।’
टी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टीएआई) के अध्यक्ष संदीप सिंघानिया ने कहा कि जब तक तनाव कम नहीं होता, हालात ऐसे ही बने रहेंगे। ‘परंपरागत चाय का निर्यात ईरान से आने वाली मांग पर निर्भर है। यदि वहां मांग कम होती है तो विशेष रूप से परंपरागत चाय के निर्यात को झटका लगेगा। हम स्थिति के शांत होने का इंतजार कर रहे हैं।’
ईरान का महत्त्व
परंपरागत रूप से ईरान भारतीय चाय के शीर्ष बाजारों में से एक रहा है। कनोडिया कहते हैं कि आमतौर पर ईरान को लगभग 3 करोड़ किलोग्राम चाय का निर्यात किया जाता है। वर्ष 2022 में ईरान को चाय का निर्यात 2.22 करोड़ किलोग्राम था। लेकिन 2023 में इसमें गिरावट आई और यह केवल 59.2 लाख किलोग्राम तक गिर गया, क्योंकि ईरान ने भारतीय चाय के लिए अनुबंधों का पंजीकरण बंद कर दिया था। इसके बाद वर्ष 2024 में निर्यात फिर बढ़कर 92.4 लाख किलोग्राम पहुंच गया। हालांकि, कनोडिया ने बताया कि ईरान को प्रत्यक्ष निर्यात के आंकड़े बाजार के आकार का सही अंदाजा नहीं देते हैं। क्योंकि वहां संयुक्त अरब अमीरात के माध्यम से भी भारतीय चाय भेजी जाती है। इस समय भारतीय चाय की मांग बहुत ज्यादा है। दुनिया का सबसे बड़ा चाय आपूर्तिकर्ता श्रीलंका अभी भी अपनी क्षमता से कम उत्पादन कर रहा है। वर्ष 2024 में भारत ने 128.47 करोड़ किलोग्राम चाय के कुल उत्पादन में से 11.86 करोड़ किलोग्राम परंपरागत चाय थी।
कीमतों में उछाल
मजबूत मांग के कारण परंपरागत चाय की कीमतों में उछाल आई है। कोलकाता नीलामी में सेल 17 से सेल 24 के लिए परंपरागत पत्ती की औसत कीमत 317.32 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि पिछले वर्ष यह 293.69 रुपये रही। इसी तरह कोलकाता नीलामी में सभी किस्मों की चाय के लिए औसत कीमत 275.34 रुपये प्रति किलोग्राम रही, जबकि पिछले वर्ष यह 265.08 रुपये थी। एम के शाह एक्सपोर्ट्स के अध्यक्ष हिमांशु शाह ने कहा कि श्रीलंका अभी भी लगभग 35 करोड़ किलोग्राम की अपनी अब तक की सबसे ऊंचे फसल उत्पादन से बहुत दूर है। उसके फिलहाल इस स्तर तक पहुंचने की कोई संभावना नहीं है।
शाह ने कहा, ‘भारतीय उत्पादक इस अवसर का लाभ उठाने को आगे बढ़े हैं। असम सरकार के प्रोत्साहन देने के साथ परंपरागत चाय का उत्पादन बढ़ रहा है। इराक, तुर्किये, सीरिया जैसे मुख्य खरीदार पहले जहां श्रीलंकाई चाय खरीदते थे, वे अब भारतीय चाय की ओर लौट रहे हैं।’ एमके शाह देश में परंपरागत चाय के सबसे बड़े उत्पादकों और निर्यातकों में से एक है। इक्रा के उपाध्यक्ष सुमित झुनझुनवाला ने कहा, ‘श्रीलंका में उत्पादन कमोबेश स्थिर रहा है और यह अपने सामान्य स्तर पर वापस नहीं गया है। यह भारतीय कंपनियों के लिए बड़ा अवसर है।’

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english