भोर की पहली किरण के साथ गूंजे योग गीत, रायपुर के गायत्री नगर में योग साधना का उल्लासपूर्ण आयोजन

-केंद्रीय संचार ब्यूरो रायपुर और भारतीय योग संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम में, सैकड़ों नागरिकों ने लिया हिस्सा
रायपुर। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आज राजधानी रायपुर का वातावरण पूर्णतः योगमय हो गया। केंद्रीय संचार ब्यूरो, प्रादेशिक कार्यालय रायपुर, छत्तीसगढ़ तथा भारतीय योग संस्थान रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में शिव साईं हनुमान मंदिर, गायत्री नगर परिसर में एक विशेष योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः 5:45 बजे भावपूर्ण भजनों और योग गीतों के साथ हुई, जिससे पूरे परिसर में एक आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ। जैसे ही सूरज की किरणें धरा को स्पर्श करने लगीं, वैसे ही प्रशिक्षित योग साधकों और नागरिकों ने योग की विभिन्न विधियों के साथ दिन की शुरुआत की।
योग की विभिन्न विधियों का अभ्यास
भारतीय योग संस्थान के अनुभवी प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में उपस्थितजनों ने ‘स्ट्रेच, ब्रीद और स्माइल’ के संदेश के साथ योग की सूक्ष्म क्रियाएं, ताड़ासन, त्रिकोणासन, वज्रासन, भुजंगासन, मकरासन, और शशांकासन जैसे प्रभावी योगासनों का अभ्यास किया। इसके पश्चात कपालभाति, अनुलोम-विलोम और भ्रामरी जैसे प्राणायाम कराए गए, जिससे प्रतिभागियों को शारीरिक और मानसिक शांति का अनुभव हुआ।
योग सत्र के अंतिम चरण में ध्यान और शांति पाठ ने सभी को आंतरिक चेतना से जोड़ने का कार्य किया। योग गुरुओं ने योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि नियमित योगाभ्यास न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मानसिक स्थिरता और संतुलन भी प्रदान करता है।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बढ़ाई शोभा
कार्यक्रम का एक अन्य विशेष आकर्षण रहा भारतीय योग संस्थान के सदस्यों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम। लगभग सुबह 7:45 बजे तक चले इस आयोजन में योग पर आधारित गीतों और संगीतमय योग आसनों की मनमोहक प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की यह सांस्कृतिक छटा दर्शकों को योग और संस्कृति के परस्पर संबंध का सुंदर संदेश देती नजर आई।
सभी वर्गों की रही उत्साहजनक भागीदारी
इस अवसर पर केंद्रीय संचार ब्यूरो रायपुर के अधिकारी-कर्मचारी, भारतीय योग संस्थान के प्रशिक्षकगण और बड़ी संख्या में वरिष्ठ नागरिक, महिलाओं और युवाओं ने सहभागिता की। कार्यक्रम की सहजता, अनुशासन और शांति ने एक आदर्श सामुदायिक सहभागिता का संदेश दिया। यह आयोजन इस बात का प्रतीक रहा कि योग किसी धर्म, जाति या आयु का बंधन नहीं, बल्कि यह एक वैश्विक जीवनशैली है, जिसे अपनाकर हर व्यक्ति सुखद जीवन की ओर बढ़ सकता है।
राष्ट्रगान के साथ हुआ समापन
कार्यक्रम के अंतिम चरण में आयोजकों की ओर से सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया गया। इसके उपरांत राष्ट्रगान के साथ इस आयोजन का समापन हुआ। आयोजन स्थल पर उपस्थित सभी लोगों ने खड़े होकर राष्ट्रगान में भाग लिया और भारत की एकता, अखंडता और सांस्कृतिक धरोहर को प्रणाम किया।
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