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 रीपा में स्थानीय जरूरत के मुताबिक ग्रामीण उद्योगों की स्थापना की जाए:  रविन्द्र चौबे

-पंचायत एवं ग्रामीण विकास की समीक्षा बैठक
 रायपुर  /प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने राज्य में विकसित किए जा रहे रीपा में स्थानीय जरूरतों के मुताबिक आजीविकामूलक गतिविधियां संचालित की जाए। यहां पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए। रीपा में ग्रामीण उद्योगों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए सभी प्रकार की अधोसंरचना तैयार की जाए जिससे यहां उद्योग लगाने वाले युवाओं को किसी प्रकार की दिक्कत न हों। उन्होंने रीपा केंद्रों में परंपरागत व्यवसायों से जुड़े परिवारों के साथ ही सभी वर्गों के लोगों को जोड़ने कहा। श्री चौबे आज राजधानी रायपुर के ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत निमोरा के सभागार में पंचायत विभाग की योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने यहां 3 करोड़ 6 लाख रूपए की लागत से बने जिला पंचायत संसाधन केन्द्र के भवनों का लोकार्पण भी किया। 
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने अधिकारियों से कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण योजना में राज्य को कुल 11,76,146 आवास का लक्ष्य दिया गया था, जिसके विरूद्ध 8,68,223 आवास पूर्ण हो चुके हैं। शेष 3,07,923 आवास निर्माणधीन है। निर्माणाधीन आवासों को जल्द पूरा कराया जाए। राज्य में मनरेगा के तहत स्वीकृत कार्याें को तेजी से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत चल रहे सभी कार्य आगामी दो माह के भीतर पूर्ण कर लिए जाए। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गौठान से जुड़ी सभी महिलाओं को रोजगार मूलक गतिविधियों से जोड़ा जाए तथा इसके लिए शासन की विभिन्न योजनाओं विशेषकर उनको श्रम विभाग की योजनाओं से भी जोड़ा जाए। स्व-सहायता समूह की सभी महिलाओं को वित्तीय साक्षरता के संबंध में अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण दिया जाए। 
समीक्षा बैठक में श्री चौबे ने अधिकारियों को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से जुड़ने के लिए ज्यादा से ज्यादा ग्रामीणों को प्रेरित करने को कहा। इससे लोगों की आमदनी बढ़ेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। उन्होंने गौठानों में आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ ग्रामीण उद्योग के लिए निरंतर विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष हेतु लक्षित ग्रामों को दिसम्बर 2023 तक ओ.डी.एफ. प्लस के किसी एक श्रेणी में व 50 प्रतिशत ग्रामों को ओ.डी.एफ. मॉडल के रूप में विकसित करने हेतु निर्देशित किया। इसी प्रकार ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़े कार्याें को स्वीकृत करते हुए त्वरित गति से पूर्ण करने हेतु सभी जिलों को निर्देशित करें।  
बैठक में पंचायत ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, पंचायत ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री आर. प्रसन्ना, सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. एस. भारतीदासन, पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. गौरव सिंह, आयुक्त मनरेगा श्री रजत बंसल, पंचायत संचालक श्री कार्तिकेय गोयल, संचालक एससीईआरटी श्री राजेश राणा सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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