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 विकसित बस्तर की परिकल्पना को साकार करने हेतु कृषि एवं आनुशांगिक सेक्टरों की अहम भूमिका- कृषि उत्पादन आयुक्त

-बीज उत्पादन के लिए महिला कृषकों को जोड़ने पर बल
-धान के रकबा में कमी लाने सहित मिलेट्स फसलों और दलहन-तिलहन की खेती को बढ़ावा देने के निर्देश
-कृषि उत्पादन आयुक्त ने संभाग स्तरीय खरीफ समीक्षा सहित रबी 2025 तैयारी की समीक्षा कर कार्ययोजना के प्रभावी क्रियान्वयन करने दिए निर्देश
 दंतेवाड़ा । विकसित बस्तर की परिकल्पना को साकार करने के लिए कृषि क्षेत्र सहित आनुशांगिक सेक्टरों की अहम भूमिका है। यह बस्तर के समग्र विकास की धुरी है। इसे मद्देनजर रखते हुए मक्का एवं मिलेट्स फसलों, दलहन-तिलहन फसल क्षेत्र विस्तार, मसाला फसलों के रकबा विस्तार के लक्ष्य को हासिल करने पर ध्यान केंद्रीत करें। साथ ही बस्तर में जैविक खेती की अपार संभावनाओं को देखते हुए जैविक खेती को ज्यादा प्रोत्साहित करने सहित यहां की अनुकूल वातावरण के मद्देनजर कॉफी एवं ऑयल पाम की खेती को बढ़ावा दिया जाए। वहीं पशुपालन और मत्स्यपालन एवं झींगापालन के लिए व्यापक स्तर पर पहल किया जाए। उक्त निर्देश कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार ने दंतेवाड़ा में आयोजित संभाग स्तरीय खरीफ समीक्षा सहित रबी 2025 की तैयारी की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दिए। उन्होंने रबी 2024 की तुलना में रबी 2025 के कार्ययोजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कर क्षेत्राच्छादन में वृद्धि करने पर बल देते हुए नियमित तौर पर समीक्षा किए जाने के निर्देश कलेक्टर्स तथा अन्य अधिकारियों को दिए।
 कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार ने बस्तर के किसानों की बीज की मांग को स्थानीय स्तर पर पूर्ति करने के लिए लक्ष्य निर्धारित कर बीज उत्पादन कार्यक्रम से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों सहित महिला कृषकों को प्रोत्साहित करने पर बल देते हुए कहा कि इन वर्गों के किसानों को बीज प्रमाणीकरण पंजीयन शुल्क से छूट प्राप्त है, इसलिए बीज उत्पादन कार्यक्रम से उक्त वर्ग के किसानों को ज्यादा से ज्यादा जोड़ने पहल करें। इन्हें बीज एवं अन्य आदान सामग्री की उपलब्धता सहित प्रशिक्षण से लाभान्वित किया जाए। दंतेवाड़ा जैविक जिला होने के कारण स्थानीय स्तर पर ही बीज उत्पादन कर जिले में ही उपयोग किया जाए। उन्होंने रबी फसल सीजन में भी धान के रकबा में कमी लाने के लिए निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने हेतु कार्ययोजना के अनुसार कोदो-कुटकी एवं रागी मिलेट्स सहित दलहन-तिलहन फसलों की खेती को बढ़ावा देने कहा। इस दिशा में मक्का की खेती को विशेष तौर पर प्रोत्साहित किए जाने के निर्देश दिए।
 जैविक खेती को प्रोत्साहन देने पर बल
  कृषि उत्पादन आयुक्त ने बस्तर में जैविक खेती की अपार संभावनाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि यहां की भूमि की उर्वरता और वातावरण जैविक खेती के लिए काफी अनुकूल है। इसलिए अधिकाधिक किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करें और उन्हें हरसंभव मदद सुलभ कराया जाए। उन्होंने नेशनल मिशन आन नेचुरल फार्मिंग के लिए भी बस्तर को उपयुक्त निरूपित करते हुए इस दिशा में तैयार कार्ययोजना का कारगर कार्यान्वयन किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही कलस्टर के आधार पर सम्पूर्ण चयनित क्षेत्र के मृदा परीक्षण करने सहित मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदाय किए जाने कहा। कृषि उत्पादन आयुक्त ने पांच वर्ष के भीतर की विभिन्न किस्मों के रकबा विस्तार के लिए भी प्राथमिकता के साथ क्रियान्वयन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
 बस्तर बनेगा पाम ऑयल हब
 कृषि उत्पादन आयुक्त ने नेशनल मिशन आन एडिबले ऑयल की कार्ययोजना को व्यापक स्तर पर क्रियान्वयन करने पर बल देते हुए कहा कि बस्तर के उच्चहन भूमि तथा अनुकूल जलवायु ऑयल पाम की खेती के लिए काफी मुनासिब है। किसान ऑयल पाम की खेती के साथ इंटर क्रॉपिंग भी कर सकते हैं। साथ ही साग-सब्जी की खेती को भी प्रोत्साहित किया जा सकता है। अतएव भविष्य में खाद्य तेल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बस्तर में ऑयल पाम की खेती को प्रोत्साहन दिया जाए। इस दिशा में कलस्टर बनाकर किसानों का चयन करने सहित उन्हें हरेक सहायता सुलभ कराया जाए। उन्होंने कहा कि बस्तर में ऑयल पाम के पर्याप्त उत्पादन के पश्चात पाम ऑयल तैयार करने के लिए प्रसंस्करण केन्द्र की स्थापना भी प्रस्तावित है।
 दलहन की खेती को बढ़ावा देने पर बल
   कृषि उत्पादन आयुक्त ने रबी सीजन में दलहन की खेती को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि पीएम आशा योजनांतर्गत उड़द, अरहर एवं मसूर का उपार्जन समर्थन मूल्य पर किया जा रहा है। इसे मद्देनजर रखते हुए पीएम आशा योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कर इन दलहन फसलों की खेती एवं भरपूर उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहित करें। उन्होंने किसानों को इन दलहनों के साथ ही चना, मूंग का बीज और अन्य आदान सहायता प्रदान किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही सरसों एवं सूरजमुखी जैसे तिलहन फसलों के रकबा विस्तार को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। कृषि उत्पादन आयुक्त ने दंतेवाड़ा जिले में प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना क्रियान्वयन हेतु कार्ययोजना की तैयारी की जानकारी ली और अन्य जिलों को भी उक्त योजना के मार्गदर्शिका के अनुसार कार्यान्वयन कर खेती-किसानी के माध्यम से आर्थिक विकास में नए आयाम स्थापित करने पर बल दिया।
  कृषि उत्पादन आयुक्त ने रबी 2025 के कार्ययोजना के अनुसार किसानों की मांग के अनुरूप बीज-खाद और फसल ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बीज-खाद का लक्ष्य के अनुरूप भंडारण एवं वितरण किया जाए। खाद-बीज के गुण नियंत्रण के लिए नियमित तौर पर निरीक्षण करने सहित जांच एवं कार्यवाही अनिवार्य रूप से किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को खाद-बीज और फसल ऋण सुलभता की नियमित तौर पर समीक्षा करने सहित किसान क्रेडिट कार्ड में अद्यतन प्रगति लाए जाने के निर्देश दिए। रबी सीजन हेतु किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड प्रदाय करने के लिए हरेक ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को 20 से 25 का लक्ष्य आबंटित किये जाने कहा। साथ ही पशुपालन, कुक्कुटपालन, सूकरपालन, बकरापालन सहित मत्स्यपालन और उद्यानिकी फसलों की खेती इत्यादि आनुषांगिक सेक्टरों के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड प्रदाय पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए। बैठक में बस्तर संभाग के अंतर्गत किसानों को लघु सिंचाई साधन की उपलब्धता हेतु प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, किसान समृद्धि योजना, एग्रीस्टेक अन्तर्गत समय सीमा में पंजीयन की कार्ययोजना, सौर सुजला योजना के क्रियान्वयन तथा सिंचाई पम्पों के विद्युतीकरण की भी समीक्षा की गई।
 इस दौरान कमिश्नर बस्तर श्री डोमन सिंह ने बस्तर संभाग में कृषि विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर कृषि एवं आनुशांगिक सेक्टरों में संचालित विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं से हरेक पात्र व्यक्ति को सेचुरेशन करने पर बल देते हुए इस दिशा में सभी अधिकारियों को बेहतर प्रदर्शन करने के निर्देश दिए। उन्होंने विशेष तौर पर नियद नेल्लानार योजना क्षेत्रों में योजनाओं के कारगर कार्यान्वयन हेतु फोकस करने कहा। बैठक में कांकेर, बस्तर, कोण्डागांव, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर एवं नारायणपुर के कलेक्टर ने अपने जिले में कृषि तथा संबंधित विभागों के योजनाओं के क्रियान्वयन प्रगति, रबी फसल कार्यक्रम कार्ययोजना के क्रियान्वयन तैयारी सहित नवाचारों के बारे में विस्तारपूर्वक अवगत कराया।
 बैठक में संचालक कृषि श्री राहुल देव, संचालक पशुपालन श्री चन्द्रकांत वर्मा, प्रबन्ध संचालक छत्तीसगढ़ बीज विकास निगम श्री अजय अग्रवाल, संचालक मत्स्यपालन श्री नारायण सिंह नाग सहित सभी जिले के सीईओ जिला पंचायत और कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्यपालन, जल संसाधन, सहकारिता विभागों के अधिकारियों सहित विद्युत वितरण कम्पनी, क्रेडा, मार्कफेड, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अधिकारी और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय तथा उद्यानिकी महाविद्यालय के वैज्ञानिक उपस्थित थे।

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