जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत 21वीं किश्त जारी किये जाने के अवसर पर पी.एम. किसान दिवस का आयोजन
दुर्ग/ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनांतर्गत 19 नवम्बर 2025 को ‘‘किसान सम्मान समारोह‘‘ का आयोजन कर वाराणसी उत्तर प्रदेश से 21वीं किश्त की राशि प्रधानमंत्री जी द्वारा जारी की गई। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पूरे देश में किया गया, जिले में कार्यक्रम का आयोजन जिला, विकासखण्ड, सहकारी समिति एवं ग्राम पंचायत पर आयोजन किया गया।
जिले में मुख्य कार्यक्रम कृषि विज्ञान केन्द्र अंजोरा एवं पाहंदा (अ) में किया गया। उक्त कार्यक्रम में ‘‘पी.एम. किसान दिवस‘‘ के रूप में प्रधानमंत्री जी के उद्बोधन का प्रसारण वेबकास्ट के माध्यम से किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र अंजोरा में मुख्य अतिथि श्रीमती संगीता साहू सरपंच ग्राम पंचायत अंजोरा (ख), डॉ. आर.आर.बी. सिंह कुलपति, दाऊ वासूदेव कामधेनू विश्वविद्यालय, डॉ. संजय साक्य निदेशक विस्तार सेवाएं दाऊ वासूदेव कामधेनू विश्वविद्यालय, श्री संदीप कुमार भोई उप संचालक कृषि, डॉ. विकास खुंणे प्रमुख एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र श्रीमती सुचित्रा दरबारी सहायक संचालक कृषि, वैज्ञानिकगण, कृषि विभाग के अधिकारीगण एवं कृषकगण उपस्थित हुए।
इसी अनुक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र पाहंदा (अ) में मुख्य अतिथि श्री सुरेन्द्र साहू मंडल सदस्य, श्री विजय जैन वरिष्ठ वैज्ञानिक, श्री सौरभ कुमार अनुविभागीय कृषि अधिकारी, वैज्ञानिकगण, कृषि विभाग के अधिकारीगण एवं कृषकगण उपस्थित हुए। उक्त कार्यक्रम में समस्त जनों ने प्रधानमंत्री जी के किसानों के नाम संदेश को ध्यानपूर्वक सुना एवं इस कार्यक्रम के तहत डी.बी.टी. के माध्यम से 2000 रूपए की 21वीं किश्त जारी करने की प्रक्रिया को देखा। इसके तहत जिले के 78859 कृषकों को 21वीं किश्त की राशि रु 15.77 करोड़ जारी की गई। उक्त कार्यक्रम में उपस्थित जनप्रतिनिधियों द्वारा किसानों से सीधा संवाद कर खेती किसानी से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की। कार्यक्रम में कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह द्वारा धान के साथ अन्य फसलों को भी लगाने तथा खाद्यान्न के साथ दलहन-तिलहन इत्यादि क्षेत्र में भी देश को आत्मनिर्भर बनाने की अपील की गई। साथ ही किसानों को जैविक खेती, बीजोपचार, पोषक तत्व प्रबंधन तथा डी.ए.पी. के वैकल्पिक उर्वरक नैनो डी.ए.पी. इत्यादि के लिए मार्गदर्शन किया गया है। कई किसानों ने इस योजना से मिल रही आर्थिक सहायता को खेती में उपयोगी बताते हुये अभार व्यक्त किया उनका कहना है कि इस योजना से उन्हे बीज, खाद एवं अन्य कृषि कार्यो के लिए समय पर सहायता मिलती है जिससे उनकी उत्पादकता एवं आत्मनिर्भरता में वृद्धि हुई।












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