डिजिटल सुविधा से बदल रहा ग्रामीण तंत्र
-अटल डिजिटल सुविधा केंद्र बने समाधान का ठिकाना: पीएम आवास के हितग्राही से लेकर आम नागरिक को मिल रहा है लाभ
रायपुर। कोरिया जिला प्रशासन की विशेष पहल पर ग्राम पंचायतों में अब नागरिकों की जरूरी सेवाएं घर के पास ही उपलब्ध हो रहे हैं। गौरतलब है कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं में तेजी, दस्तावेजों की सहज प्राप्ति और योजनाओं का सीधा लाभ इन सभी को आसान बनाने में अटल डिजिटल सुविधा केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ये केंद्र ग्रामीणों के लिए एक ऐसे समाधान स्थल के रूप में उभरे हैं, जहां एक ही छत के नीचे कई सेवाएं तुरंत और सुगमता से मिल रही हैं। विशेष रूप से प्रधानमंत्री आवास योजनाओं के हितग्राही, जो पहले बैंक या शहर जाने को मजबूर होते थे, अब इस योजना की राशि के आहरण के लिए सीधे अटल डिजिटल सुविधा केंद्र पर पहुंच रहे हैं। इससे समय, श्रम और धन सबकी बचत हो रही है।
क्या है अटल डिजिटल सुविधा केंद्र
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के तहत ग्राम पंचायतों में स्थापित अटल डिजिटल सुविधा केंद्र ग्रामीण नागरिकों को डिजिटल सेवाओं से जोड़ने का माध्यम हैं। इसके लिए ग्राम पंचायत और कॉमन सर्विस सेंटर के बीच एक आंतरिक समझौता किया गया है, जिसके अनुसार ग्राम स्तरीय उद्यमी सीएससी के मानकों के अनुरूप सभी सेवाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाते हैं।
कोरिया जिले में 64 केंद्र सक्रिय
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में तीन चरणों में कुल 64 अटल डिजिटल सुविधा केंद्र संचालित किए जा रहे हैं 37 केंद्र बैकुंठपुर जनपद पंचायत में, 27 केंद्र सोनहत जनपद पंचायत में केंद्रों के संचालन के लिए आवश्यक भवन, बिजली, इंटरनेट आदि सुविधाएं ग्राम पंचायत द्वारा प्रदान की जा रही हैं, जिसके बाद वीएलई ग्रामीणों को सहज सेवा उपलब्ध कराते हैं।
कौन-कौन सी सेवाएं मिल रही हैं
अटल डिजिटल सुविधा केंद्र ग्रामीणों के लिए सेवाओं की लंबी श्रृंखला उपलब्ध कराते हैं, जिनमें डीजी पेमेंट एवं कियोस्क बैंकिंग, पैन कार्ड सेवा, आय, निवास और जाति प्रमाण पत्र, ई-बैंकिंग व वित्तीय लेनदेन, पीएम किसान, आयुष्मान कार्ड, ई-श्रम कार्ड पंजीयन, मोबाइल व टीवी रीचार्ज सेवाएं, फार्मर रजिस्ट्रेशन, फसल बीमा, वीएलई द्वारा परीक्षा उत्तीर्ण कर बीमा सेवाओं का संचालन, खसरा, बी-वन और अन्य प्रमाण पत्रों की प्राप्ति, नकद जमा और आहरण सहित 25 से अधिक डिजिटल सेवाएं प्रमुख हैं। बता दें कि डिजिटल क्रांति से जोड़ते यह केंद्र न केवल ग्रामीणों की दैनिक जरूरतों का समाधान कर रहे हैं, बल्कि वित्तीय समावेशन को भी मजबूत बना रहे हैं।









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