वन भूमि से अवैध कब्जा हटाने गई प्रशासनिक टीम व पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प
मोहला । मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकीजिले के मानपुर ब्लॉक के सीतागांव में वन भूमि से अतिक्रमण हटाने गई प्रशासनिक टीम और ग्रामीणों के बीच रविवार को जमकर झड़प हो गई। इस दौरान पुलिस जवानों और ग्रामीणों के बीच धक्कामुक्की भी हुई, जिससे गांव में भारी तनाव का माहौल बन गया है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सीतागांव में भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया है।
दरअसल राजस्व और वन विभाग की संयुक्त टीम पूर्व में जारी नोटिस के आधार पर सीतागांव में वन भूमि पर बने मकानों और झोपड़ियों को तोड़ने पहुंची। वन विभाग की ओर से करीब एक दर्जन मकानों को हटाने का नोटिस पहले ही जारी किया जा चुका था। जैसे ही प्रशासनिक अमला कार्रवाई के लिए मौके पर पहुंचा यहां बड़ी संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया, जो देखते ही देखते झड़प में बदल गया। इस बीच पुलिस जवानों और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्कामुक्की भी हुई। वहीं कब्जा तोड़ रहे जेसीबी को भी लोगों ने मौके से खदेड़ दिया। करीब घंटे भर से अधिक समय तक स्थिति भारी तनावपूर्ण रही।
ग्रामीणों के उग्र प्रदर्शन और विरोध के मद्देनजर पुलिस जवान व प्रशासनिक टीम सीतागांव थाना वापस लौट गई। इस बीच जिले के वन मंडलाधिकारी दिनेश पटेल भी सीतागांव पहुंचे। थाने में मसले को लेकर आला अफसरों के बीच रायसुमारी हुई। प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों व अफसरों के बीच चर्चा हुई जिसमें सहमति बनी कि मुख्य मकानों को छोड़कर अतिरिक्त कब्जों को तोड़ा जाएगा।
सहमति बनने के बाद दोबारा पुलिस बल के साथ डी एफ ओ दिनेश पटेल की अगुवाई में वन अमला व प्रशासनिक टीम अतिक्रमण स्थल पर पहुंची। बड़ी संख्या में ग्रामीण भी यहां मौजूद रहे। हालांकि पुलिस की रोकथाम और बनी सहमती के चलते आगे विरोध प्रदर्शन नहीं हो सका। इस दरमियान हल्की गहमागहमी के बीच वन महकमे ने जेसीबी की मदद से कब्जाधारियों के मुख्य मकानों को छोड़कर अतिरिक्त कब्जों को तोड़वाया। कार्यवाही उपरांत डीएफओ दिनेश पटेल ने बताया कि ग्रामीणों के विरोध के बाद प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों से सहमति बनाकर कब्जाधारियों के मुख्य मकानों जहां वे रह रहे हैं उसे फिलहाल नहीं तोड़ा गया है जो अतिरिक्त कब्जे फैलाए गए थे उन्हें तोड़ा गया है वहीं खेत घेरकर बनाई गई बाड़ियों को हटाया गया है। हालांकि डीएफओ ने ये भी कहा है मकान बनाने वाले कब्जाधारियों को मकाने खाली करने की अतिरिक्त समय की मोहलत दी गई है। निकट भविष्य में यथासंभव वन भूमि को संपूर्ण कब्जे से मुक्त कराया जाएगा। बहरहाल शाम को हुई कार्यवाही के बाद स्थिति नियंत्रित है। प्रशासनिक टीम व ग्रामीण भी मौके से लौट गए हैं। हालांकि तमाम संभावित हालातों पर प्रशासन की नजरें टिकी हुई है।












.jpeg)

Leave A Comment