जीवन-पथ में चलो चलें हम, हँसते मुस्काते...
लेखिका- डॉ. दीक्षा चौबे
- दुर्ग ( वरिष्ठ साहित्यकार और शिक्षाविद)
जीवन-पथ में चलो चलें हम, हँसते मुस्काते।
पार करेंगे हर मुश्किल को, प्रेम गीत गाते।।
मोती सच्चे अनमोल बड़े , हैं विश्वासों के ।
वक्त-वृक्ष की शाखाओं में, फल हैं साँसों के।
पूर्व टूटने के जगती को, खुशियाँ दे जाते ।।
जीवन पथ में चलो चलें हम, हँसते मुस्काते ।।
डगमग होती तूफानों में, जीवन की नैया ।
धरे हाथ पर हाथ नहीं अब, बैठो खेवैया ।
धैर्य कुशलता साहस संबल, गुण पार लगाते ।।
जीवन पथ में चलो चलें हम, हँसते मुस्काते ।।
सपन-पतंगें भरें उड़ानें, सीमा से आगे ।
लक्ष्य-प्राप्ति की दृढ संकल्पित, डोरी झट भागे ।
पथ से विचलित नहीं खिलाड़ी , अंबर छू पाते ।।
जीवन-पथ में चलो चलें हम, हँसते मुस्काते ।।
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