ब्रेकिंग न्यूज़

 सुनील दत्त ने 57 साल पहले रचा था इतिहास, बना डाली थी दुनिया की पहली वन-एक्टर फिल्म

अभिनेता सुनील दत्त की पुण्यतिथि 25 मई पर विशेष
क्लासिक फिल्मों में से एक ‘मदर इंडिया’ से लोकप्रियता हासिल करने वाले दिग्गज अभिनेता सुनील दत्त  ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया. ‘पड़ोसन’ जैसी फिल्मों में एक भोले-भाले आदमी की भूमिका निभाने से लेकर ‘मदर इंडिया’ और ’36 घंटे’ जैसी फिल्मों में नेगेटिव रोल तक, भारत इस दिग्गज अभिनेता को कभी नहीं भुला सकता. अलग-अलग जौनर की फिल्मों में सुनील दत्त बहुत ही सहजता से अपनी भूमिका निभाने के लिए जाने जाते रहे.
आज हम उस फिल्म की बात करेंगे, जिसे सुनील दत्त साहब ने डायरेक्ट भी किया, प्रोड्यूस भी किया और अभिनय भी किया. सुनील दत्त की इस फिल्म का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है. अगर आप सुनील दत्त के फैन हैं, तो शायद आपको पता होगा कि आखिर इस फिल्म में ऐसा क्या था, जिसके कारण इसके नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड है. अगर आप नहीं जानते तो बता दें कि इसकी वजह है सबसे कम कास्ट. यानी इस फिल्म में केवल एक ही कलाकार था और वह थे- सुनील दत्त साहब.
60 के दशक में सुनील दत्त ने किया बेहतरीन प्रयोग
1964 में फिल्म आई- ‘यादें’ यही वो फिल्म है, जिसमें केवल एक ही कलाकार था, जो कि सुनील दत्त थे. अक्सर जब भी कोई फिल्म की कहानी लिखी जाती है, तो उसमें कई कलाकारों को लिया जाता है. कहानी में किरदारों को फिट किया जाता है. आजकल जब मल्टी-स्टारर फिल्मों का दौर चल रहा है, 60 के दशक में सुनील दत्त ने फिल्म ‘यादें’ के जरिए इतना शानदार एक्सपेरिमेंट किया कि इस फिल्म को न केवल राष्ट्रीय मंच पर सम्मान मिला, बल्कि इसने वर्ल्ड रिकॉर्ड भी अपने नाम कर डाला.
इस फिल्म को सुनील दत्त ने केवल प्रोड्यूस, डायरेक्ट ही नहीं किया बल्कि अभिनय के साथ-साथ नरगिस के साथ मिलकर उन्होंने ही इस फिल्म की कहानी भी गढ़ी थी. यह पूरी फिल्म सुनील दत्त के बेजोड़ अभिनय को दर्शाती है. फिल्म में नरगिस का केवल तस्वीर और ब्लैक शैडो के तौर पर इस्तेमाल किया गया. नरगिस की तस्वीर के सहारे ही सुनील दत्त ने पूरी फिल्म को जी लिया.
क्या है फिल्म की कहानी?
यह एक ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म है. फिल्म की शुरुआत होती है- तेज तूफान, बारिश और एक घर में बजने वाली फोन की घंटी से. घर में बिल्कुल सन्नाटा पसरा है. तभी एंट्री होती है अनिल उर्फ सुनील दत्त की. फिल्म में कैरेक्टर के नाम हैं, लेकिन जीवित कैरेक्टर कोई नहीं दिखाई देता. अनिल पूरा घर छान मारता है, लेकिन उसे कोई दिखाई नहीं पड़ता. वह सभी का नाम लेकर पुकारता है, लेकिन कोई जवाब नहीं देता.
तभी फोन की घंटी एक बार फिर बजती है. उधर से आवाज आती है कुलदीप की. अनिल का दोस्त कुलदीप. दोस्त शादी का न्योता देता है. वादा लेता है कि अनिल अपनी पत्नी और बच्चों के साथ उसकी शादी में आए. फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है. कहानी में एक ट्विस्ट आता है जब एक फोन और बजता है. अनिल फोन उठाकर दूसरी तरफ मौजूद एक महिला से कहता है कि मेरे घर पर फोन न किया करो, मेरी बीवी को शक हो जाता है. अभी भी झगड़ा चल रहा है.
अब अनिल की बातों से लगता है कि उसका कहीं एक्सट्रा-मैरिटल अफेयर चल रहा है. उसकी पत्नी और उसके बीच विवाद की वजह यही है. इसके बाद वह अपनी पत्नी नरगिस उर्फ प्रिया की फोटो देखकर उससे प्यार भरी बातें करता है. इसी बीच उसे वो दिन याद आता है, जब दोनों के बीच अनिल के अफेयर को लेकर झगड़ा होता है. पत्नी, उसपर बजारू औरत के साथ रिश्ते होने का आरोप लगाती है, तो वहीं अनिल भी उसके चरित्र पर कीचड़ उछालता है. तभी वह सपने से जागता है और प्रिया को कोसने लगता है.
इसके बाद कैसे पूरा दिन अनिल अपना समय अकेले गुजारता है. वह अपनी पत्नी और बच्चों को याद करता है. उनकी याद में वह मर रहा है. तभी फैसला करता है सुसाइड करने का. इसके बाद फिल्म में क्या होता है, इसके लिए आपको यह फिल्म देखनी पड़ेगी. संक्षेप में बताए तो यह फिल्म मियां-बीवी के रिश्ते पर है, जो कि रोज लड़ाई भी करते हैं और फिर खुशी-खुशी साथ रहते भी हैं.

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english