प्रदूषण ने छीन ली है चेहरे की चमक तो इन बातों का रखें ख्याल -शहनाज़ हुसैन
आज के समय में बढ़ते प्रदूषण का असर पर्यावरण के अतिरिक्त त्वचा और आंखों पर दिखाई देता है/ इसकी वजह से त्वचा बेजान और बेरुखी नजर आती हैं तथा त्वचा पर एक्ने, एक्जिमा व हाइपरपिग्मेंटेशन जैसी समस्याएं बढ़ती हैं जिससे आप समय से पहले ही बूढ़े दिखने लगते हैं / प्रदूषण के कारण त्वचा की सुरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। इससे त्वचा में नमी की कमी होती है और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है।मेरा यह सुझाव है कि बाहर से आते ही चेहरे को हल्के फेस वाश से जरूर धोएं ताकि त्वचा पर जमी धूल , गंदगी को हटाया जा सके जिससे त्वचा की सुरक्षा परत को सुरक्षित रखा जा सके / सनस्क्रीन का इस्तेमाल सूरज की यूवी किरणों के इलाबा प्रदूषण से भी आपकी स्किन की सुरक्षा करता है। एक व्यापक 30 एस पी एफ या उससे अधिक स्पेक्ट्रम वाली सनस्क्रीन का उपयोग करें।
सुबह बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन जरूर लगाएं क्योंकि प्रदूषण और धूप मिलकर नुकसान को कई गुना बढ़ा देते हैं/ सप्ताह में दो से तीन बार स्किन की गहराई से सफाई और एक्सफोलिएशन करें/ ज्यादातर लोग त्वचा की सामान्य तरीके से क्लींजिंग करते हैं। जबकि बढ़ते प्रदूषण में स्किन को डीप क्लीनिंग करनी होती है। चेहरे को धोने के लिए ऑयल बेस्ड क्लींजर का यूज करें/ दिन में दो बार फेस वॉश जरूर करें / पूरे दिन त्वचा पर प्रदूषण और गंदगी जमा हो जाती है जिसे साफ करने के लिए सोने से पहले डबल क्लींजिंग करें। इसमें पहले तेल आधारित क्लींजर से अशुद्धियों को पिघलाकर चेहरे को साफ किया जाता है।
इसके बाद पानी आधारित क्लींजर का इस्तेमाल किया जाता है जो रोमछिद्रों को साफ करता है। इसके बाद पेप्टाइड युक्त मरम्मत करने वाला सीरम लगाएं और मॉइस्चराइजर उपयोग करें।
बाहर जाते समय चेहरे को कपड़े से ढकें और धूल वाले स्थान से दूरी बनाएं/ आंखों के लिए चश्मा या धूप का चश्मा पहनें/ इससे धूल और धुएं का सीधा असर कम होता है/ त्वचा को डिटॉक्स और हाइड्रेट करने के लिए रोजाना पर्याप्त पानी जूस ,सूप पिएं और अपने भोजन में रोज फल व सब्जियां शामिल करें/
इस दौरान एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार लेना भी मददगार साबित हो सकता है। एंटीऑक्सीडेंट ज्यादातर फल और सब्ज़ियों में पाए जाते हैं / फलों में ज्यादातर जामुन , स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी , रास्पबेरी, अंगूर , संतरे और अनार में पाए जाते हैं / सब्ज़ियों में पालक , गाजर और ब्रॉक्ली इसके स्त्रोत हैं /
प्रदूषण से जंग जीतने में घर से बाहर निकलने से पहले त्वचा पर विटामिन.सी युक्त सिरम जरूर लगाएं। इससे स्किन को फ्री रेडिकल से बचाया जा सकता है और त्वचा की रंगत में निखार आता है। एंटीऑक्सीडेंट्स युक्त क्रीम लगाने से चेहरे के पिगमेंटेशन कम होते हैं और त्वचा को कई अन्य लाभ भी मिलते हैं।
इस दौरान ज्यादा गर्म या ठंडे पानी से नहाने से परहेज करें क्योंकि यह त्वचा को शुष्क बना सकता है / इसकी बजाय सामान्य या गुनगुने पानी का इस्तेमाल बेहतर साबित होगा /
बार बार मुंह धोने से त्वचा की सुरक्षा परत कमजोर पड़ सकती है इसलिए दो बार से ज्यादा मुंह न धोएं / अगर आपकी त्वचा में जलन हो रही हो तो कठोर स्क्रब, अल्कोहल.आधारित टोनर और रेटिनॉइड जैसे उत्पादों से परहेज करें क्योंकि ये नुकसान पहुंचा सकते हैं।
यदि आपकी त्वचा शुष्क है तो आपको क्लीजिंग क्रीम तथा जैल का प्रयोग करना चाहिए जबकि तैलीय त्वचा में क्लीनिंग दूध या फेस वाश का उपयोग किया जा सकता है। सौंदर्य पर प्रदूषण के प्रभावों को कम करने के लिए चन्दन, यूकेलिप्टस, पुदीना, नीम, तुलसी, घृतकुमारी जैसे पदार्थो का उपयोग कीजिए। इन पदार्थो में विषैले तत्वों से लड़ने की क्षमता तथा बलवर्धक गुणों की वजह से त्वचा में विषैले पदार्थो के जमाव तथा फोडे़, फुन्सियों को साफ करने में मदद मिलती है। वायु प्रदूषण खोपड़ी पर भी जमा हो जाते है।
एक चम्मच सिरका तथा घृतकुमारी में एक अण्डे़ को मिलाकर मिश्रण बना लीजिए तथा मिश्रण को हल्के-2 खोपड़ी पर लगा लीजिए। इस मिश्रण को खोपड़ी पर आधा घण्टा तक लगा रहने के बाद खोपड़ी को ताजे एवं साफ पानी से धो डालिए। आप वैकल्पिक तौर पर गर्म तेल की थैरापी भी दे सकते है। नारियल तेल को गर्म करके इसे सिर पर लगा लीजिए। अब गर्म पानी में एक तौलिया डुबोइए तथा तौलिए से गर्म पानी निचोडने के बाद तौलिए को सिर के चारों ओर पगड़ी की तरह बांध कर इसे पांच मिनट तक रहने दीजिए तथा इस प्रक्रिया को 3-4 बार दोहराईए। इस प्रक्रिया से बालों तथा खोपड़ी पर तेल को सोखने में मदद मिलती है। इस तेल को पूरी रात सिर पर लगा रहने दें तथा सुबह ताजे ठंडे पानी से धो डालिए।
ओमेगा 3 तथा ओमेगा 6 फैटी एसिड त्वचा को प्रदूषण के दुष्प्रभाव से बचाने में अहम भूमिका अदा करते है / फैटी एसिड्स त्वचा में आयल शील्ड बना देते हैं जिससे त्वचा को अल्ट्रावायलेट किरणों से होने बाले नुकसान से सुरक्षा प्राप्त होती है /
ओमेगा 3 फैटी एसिड्स बर्फीले पहाड़ों की नदियों में पाए जाने बाली मछली , अखरोट , राजमा , तथा पालक में प्रचूर मात्रा में मिलता है जबकि ओमेगा 6 चिकन ,मीट ,खाद्य तेलों ,अनाज तथा खाद्य बीजों में पाया जाता है
वायु में प्रदूषण तथा गंदगी से आंखों में जलन तथा लालिमा आ सकती है। आंखों को ताजे पानी से बार-2 धोना चाहिए। काटन वूल पैड को ठण्डे गुलाब जल या ग्रीन-टी में डुबोइए तथा इसे आँखों में आई पैड की तरह प्रयोग कीजिए। आंखों में आई पैड लगाने के बाद जमीन में गद्दे पर 15 मिनट तक आराम में शव आसन की मुद्रा में लेट जाइए। इससे आंखों में थकान मिटाने में मदद मिलती है तथा आंखों में चमक आती है।
(लेखिका अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौन्दर्य विशेष्ज्ञ हैं और हर्बल क्वीन के रूप में लोकप्रिय है )

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