जापानी वैज्ञानिकों ने रोबोट को दी 'मुस्कान'
टोक्यो/नई दिल्ली। रोबोटिक्स विज्ञान में तरक्की के साथ-साथ वैज्ञानिक नई उपलब्धियां हासिल करते जा रहे हैं। जापान के कुछ वैज्ञानिकों ने रोबोट के चेहरे पर चमड़े का जीवित टिश्यू लगाकर उसे 'मुस्कान' देने में सफलता हासिल कर ली है। टोक्यो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक चेहरे के आकार में मानव चमड़े की कोशिकाओं को उगाया और उसे खींचकर एक मुस्कराहट दे दी.। ऐसा करने के लिए उन्होंने चमड़े में घुसाए लिगमेंट जैसे अटैचमेंट का इस्तेमाल किया.।
मुख्य शोधकर्ता शोजी ताकेउचि ने बताया कि नतीजा थोड़ा डरावना जरूर है, लेकिन ज्यादा जीवंत रोबोट बनाने की राह में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, "इन एक्टचुएटर्स और ऐंकर्स को लगाकर पहली बार जीवित चमड़े को मरोड़ना मुमकिन हो पाया। ."
जीवित टिश्यू के कई फायदे हैं
पिछले महीने सेल रिपोर्ट्स फिजिकल साइंस ने एक अध्ययन में इस मुस्कुराते हुए रोबोट के बारे में जानकारी दी। . इसके लिए ताकेउचि और उनकी टीम ने एक दशक तक शोध किया और यह समझने की कोशिश की कि जैविक और कृत्रिम मशीनों का मेल कैसे किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि धातुओं और प्लास्टिक के मुकाबले जीवित टिश्यू के अनगिनत फायदे हैं। इनमें दिमाग और मांसपेशियों की ऊर्जा कुशलता से लेकर अपनी मरम्मत करने की चमड़े की क्षमता शामिल है।
अब इन शोधकर्ताओं का लक्ष्य है कि लैब में बने इस चमड़े को और भी विशेषताएं दें। जैसे एक सर्कुलेटरी सिस्टम और तंत्रिकाएं। इससे चमड़े के जरिए सोखे जाने वाले सौंदर्य प्रसाधनों के लिए ज्यादा सुरक्षित टेस्टिंग प्लेटफॉर्म बनाए जा सकते हैं.।
कैसे जाएगा डरावनापन
इससे रोबोटों के लिए ज्यादा सजीव और व्यावहारिक कवरिंग भी बनाए जा सकते हैं। इसके बाद भी लोगों को पूरी तरह से विश्वसनीय नहीं लगने वाली मशीनों को लेकर अजीब या दहला देने वाली भावनाओं से छुटकारा दिलाने की चुनौती बाकी है। रोबोट के बारे में ताकेउचि ने माना, "इसमें अभी भी थोड़ा सा डरावनापन बाकी है। मुझे ऐसा लगता है कि रोबोटों को उन्हीं चीजों से बनाना जिससे इंसान बने हैं और उन्हें इंसानों जैसे हावभाव दिखाने की क्षमता देना इस डरावनेपन पर विजय पाने का एक तरीका हो सकता है। "



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