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 दुर्घटनाग्रस्त विमान के उड़ान भरने से जुड़ी प्रणालियों पर अमेरिकी विशेषज्ञ ने संदेह जताए

 वाशिंगटन। अमेरिकी विमानन विशेषज्ञों ने बृहस्पतिवार को कहा कि अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान की प्रणालियों एवं उपकरणों को ‘सही ढंग से परखा' नहीं गया था और पहली नजर में यह दुर्घटना ‘अचरज' में डाल रही है। एयर इंडिया के लंदन जा रहे इस विमान में चालक दल के सदस्यों समेत कुल 242 लोग सवार थे। विमान अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे का शिकार हुआ विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था जो चौड़े आकार वाला और दो इंजन से लैस होता है । 
एविएशन सेफ्टी नेटवर्क के आंकड़ों के अनुसार, 2009 में सेवा में आने के बाद से किसी ड्रीमलाइनर विमान की यह पहली दुर्घटना है। विमानन सुरक्षा सलाहकार जॉन एम कॉक्स ने कहा कि जांचकर्ता पहला सवाल यह पूछेंगे कि एयर इंडिया का यह विमान उड़ान भरने के लिए सही ढंग से तैयार था या नहीं। वाशिंगटन डीसी स्थित ‘सेफ्टी ऑपरेटिंग सिस्टम' के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ने कहा कि अभी कोई निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी, लेकिन हादसे के समय की तस्वीरों से ऐसे सवाल उठते हैं कि विमान के ऊंचा उठने के समय ‘स्लैट्स' और ‘फ्लैप्स' सही स्थिति में थे या नहीं। उन्होंने कहा, “तस्वीर में हवाई जहाज का अगला नुकीला हिस्सा 'नोज' ऊपर की ओर उठता हुआ और फिर नीचे की ओर गिरता हुआ दिखाई दे रहा है। इससे पता चलता है कि हवाई जहाज पर्याप्त उठान नहीं ले पा रहा है।” स्लैट्स और फ्लैप्स को इस तरह से रखा जाना चाहिए कि पंख कम गति पर अधिक लिफ्ट बना सके।
कॉक्स ने कहा, “विमान को पीछे से देखने पर ऐसा नहीं लगता कि पीछे के किनारे के फ्लैप्स उस स्थिति में हैं, जैसी संभावना है। लेकिन मैं इस बात को लेकर बहुत सतर्क हूं कि तस्वीर की गुणवत्ता इतनी अच्छी नहीं है कि मैं कोई निष्कर्ष निकाल सकूं।” सुरक्षा इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता रखने वाले यॉर्क यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर विज्ञान के प्रोफेसर जॉन मैक्डर्मिड ने कहा कि दुर्घटना के कारण के बारे में अभी बहुत कुछ जानना जल्दबाजी होगी, लेकिन पहली नजर में यह बहुत अचरज से भरा लगता है। उन्होंने बताया कि किसी भी उड़ान का सबसे खतरनाक चरण उड़ान और लैंडिंग होता है, लेकिन हादसे का शिकार हुआ विमान 200 मीटर यानी 650 फीट से ऊपर नहीं चढ़ पाया था। मैक्डर्मिड ने कहा, “पायलट काफी देर तक उड़ान को रोक सकते हैं। इसलिए ऐसा लगता है कि समस्या उड़ान भरने के अंतिम भाग में या उड़ान के तुरंत बाद अचानक हुई और इतनी गंभीर थी कि उसे संभाल पाना मुश्किल था।” उन्होंने कहा कि जेट विमानों में कई सहयोगी प्रणालियां होती हैं जिसमें केवल एक इंजन के साथ ऊपर चढ़ने की क्षमता भी शामिल होती है। ऐसे में यह हादसा और भी असामान्य लगता है।
 

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