ट्रंप का दावा: भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान 5 फाइटर जेट गिरे; 24वीं बार कहा- हमने बात कर युद्ध रुकवाया
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को शांत करने में अहम भूमिका निभाई। यह तनाव 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ था, जिसमें 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी।
व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सांसदों के साथ डिनर के दौरान ट्रंप ने कहा कि इस संघर्ष के दौरान ‘चार या पांच’ सैन्य विमान भी गिराए गए। हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि ये विमान भारत के थे या पाकिस्तान के। ट्रंप ने अपने दावे के समर्थन में कोई सबूत या अतिरिक्त जानकारी नहीं दी।
ट्रंप ने कहा, “विमान हवा में मार गिराए जा रहे थे। चार या पांच, मुझे लगता है पांच विमान मार गिराए गए।” ट्रंप ने 24वीं बार यह भी दावा किया कि अमेरिका ने व्यापारिक दबाव के जरिए दोनों देशों को युद्धविराम के लिए राजी किया। ट्रंप के मुताबिक, उन्होंने दोनों देशों को चेतावनी दी थी कि अगर सीमा पर गोलीबारी जारी रही तो कोई व्यापार समझौता नहीं होगा। यह दूसरी बार है जब ट्रंप ने एक हफ्ते के अंदर भारत-पाक तनाव को सुलझाने का श्रेय लिया है। पाकिस्तान ने ट्रंप के प्रयासों की तारीफ की है, लेकिन भारत ने किसी भी बाहरी मध्यस्थता की बात को सिरे से खारिज कर दिया है।
भारत का दावा: सिर्फ सैन्य बातचीत से थमा तनाव
भारत ने बार-बार कहा है कि तनाव कम करने का फैसला दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की सीधी बातचीत से हुआ। भारतीय सेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) और उनके पाकिस्तानी समकक्ष के बीच हुई चर्चा के बाद तनाव खत्म करने पर सहमति बनी। पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के साथ करीब 35 मिनट की फोन बातचीत में साफ कहा था कि भारत “कभी भी बाहरी मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा।” मोदी ने बताया था कि पाकिस्तान की पहल पर ही दोनों देशों की सेनाओं के बीच बातचीत शुरू हुई थी।
बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। अगले चार दिनों तक दोनों देशों के बीच ड्रोन और मिसाइल हमलों की खबरें सामने आईं। 10 मई को ट्रंप ने सोशल मीडिया पर ऐलान किया कि वाशिंगटन की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान तत्काल तनाव रोकने पर राजी हो गए। तब से वे कई बार इस युद्धविराम का श्रेय ले चुके हैं। लेकिन भारत का कहना है कि यह फैसला पूरी तरह से द्विपक्षीय सैन्य बातचीत के जरिए हुआ, जिसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी।
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