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भारत में सी-130जे विमानों के लिए सह-उत्पादन प्रतिष्ठान स्थापित करने की योजना: लॉकहीड मार्टिन

नयी दिल्ली, अमेरिकी वैमानिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने मंगलवार को कहा कि वह भारत में ‘सी-130जे सुपर हरक्यूलिस हेवी-लिफ्ट' सैन्य परिवहन विमान के सह-उत्पादन के लिए एक प्रतिष्ठान स्थापित करने की योजना बना रही है, जो अमेरिका के बाहर पहला ऐसा वैश्विक केंद्र होगा। भारतीय वायुसेना द्वारा 80 सामरिक परिवहन विमानों की खरीद की शुरुआत के साथ, लॉकहीड मार्टिन ने सी-130जे विमान को बल के लिए सर्वोत्तम विकल्प बताया है, जिसे भारत और 20 से अधिक अन्य देशों में एक विश्वसनीय विमान माना गया है। लॉकहीड मार्टिन एयरोनॉटिक्स के उपाध्यक्ष (व्यावसायिक विकास, वायु गतिशीलता और समुद्री मिशन) रॉबर्ट टोथ ने कहा कि भारतीय वायुसेना का मध्यम परिवहन विमान (एमटीए) कार्यक्रम कंपनी को न केवल भारत में क्षमता लाने का अवसर देता है, बल्कि इसके औद्योगिक आधार को भी आगे बढ़ाने का अवसर देता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम एमटीए से पहले सी-130जे में निवेश जारी रखे हुए हैं और भारत में विमान बनाने के लिए तैयारी कर रहे हैं।'' टोथ ने कहा, ‘‘वास्तव में, दुनिया भर में उपलब्ध सभी अवसरों में से भारत पहला देश है, जहां हमने वचन दिया है कि हम अमेरिका के बाहर भारत में सह-उत्पादन प्रतिष्ठान स्थापित करेंगे।'' भारतीय वायुसेना के पास वर्तमान में 12 सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान हैं।
 लॉकहीड मार्टिन की सह-उत्पादन प्रतिष्ठान स्थापित करने की योजना काफी हद तक एमटीए सौदे के लिए ठेका प्राप्त करने में सफलता से जुड़ी है। अमेरिकी रक्षा कंपनी ने सी-130जे सुपर हरक्यूलिस कार्यक्रम के लिए बोली लगाने के वास्ते टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के साथ साझेदारी की है। भारतीय वायुसेना ने सोवियत युग के एएन-32 और आईएल-76 विमानों के अपने पुराने बेड़े को बदलने के लिए 2022 में मध्यम परिवहन विमान (एमटीए) खरीदने के वास्ते सूचना के लिए अनुरोध (आरएफआई) जारी किया था। भारतीय वायुसेना लगभग 80 सैन्य परिवहन विमान खरीदने की योजना बना रही है, और अरबों डॉलर की इस खरीद को अगले कुछ हफ्तों में रक्षा खरीद परिषद से मंजूरी मिलने की संभावना है। ब्राजील की विमान निर्माता कंपनी एम्ब्रेयर का केसी-390 मिलेनियम विमान और एयरबस डिफेंस एंड स्पेस का ए-400एम विमान भी एमटीए कार्यक्रम की दौड़ में हैं। सी-130जे सुपर हरक्यूलिस एक अग्रणी विमान है, जो 23 देशों में 28 ऑपरेटरों को सेवा प्रदान करता है। अब तक, 560 से ज़्यादा सी-130जे विमानों की प्रदायगी हो चुकी है और 20 से ज़्यादा उड़ान योग्यता प्राधिकरणों द्वारा इसे प्रमाणित किया जा चुका है। टोथ ने कहा, ‘‘पिछले 15 वर्षों में, भारतीय वायुसेना ने साबित कर दिया है कि सी-130जे भारत के लिए सही मंच है। हमारी विरासत और हमारी क्षमताएं भारत में प्रदर्शित हुई हैं, और इससे हम इस (एमटीए) प्रतियोगिता में काफ़ी मज़बूत स्थिति में आएंगे।'' इस बीच, एक महत्वपूर्ण कदम के तहत टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स ने सोमवार को लॉकहीड मार्टिन के सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान के समर्थन के लिए बेंगलुरु में रक्षा रखरखाव, मरम्मत और निरीक्षण (एमआरओ) प्रतिष्ठान की स्थापना शुरू की। एमआरओ का निर्माण 2026 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है, और 2027 की शुरुआत में एमआरओ संचालन के लिए पहला सी-130 प्राप्त करने की तैयारी है। लॉकहीड मार्टिन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सी-130जे सुपर हरक्यूलिस 20 से अधिक देशों में उड़ान भर रहा है और यह विमान भारतीय वायुसेना की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए सबसे उपयुक्त है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना ​​है कि यदि आप हमारे प्रतिस्पर्धियों की तुलना में सी-130जे के समग्र मूल्य को देखें तो हम भारत में इस अवसर के लिए अच्छी स्थिति में हैं।'' टोथ ने कहा कि लॉकहीड मार्टिन भारतीय बाजार को लेकर बहुत आशावादी है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह आगे बढ़ने के लिए एक शानदार अवसर प्रदान करता है। भारत 70 साल पहले से लॉकहीड मार्टिन के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार रहा है, जब हम पहली बार ‘कॉन्स्टेलेशन' विमान भारत लेकर आए थे।'' 

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