परफेक्ट बन जाएगा आपका वर्क स्टेशन, काम में खूब लगेगा मन, नहीं होगी बोरियत
अधिकांश लोग वर्क फ्रॉम होम मतलब घर में बैठकर ही ऑफिस का काम कर रहे हैं। लेकिन घर के माहौल में आपको काम करने में काफी दिक्क्तें आतीं हैं। कभी आपके आस-पास रखी हुई चीजें आपके काम को बाधित करती हैं तो कभी घर में आप सही जगह नहीं बैठते। ऐसे में आपका काम करने का बहुत मन होने के बाबजूद भी आप काम के प्रति निरुत्साही से रहते है,गुस्सा आता है या सीट पर बैठते ही दिमाग एकाग्र नहीं हो पाता। यदि ऐसा है तो आप अपने वर्क स्टेशन में वास्तु के अनुसार कुछ बदलाब कीजिए, काम में भी मन लगेगा और उत्पादकता भी बढ़ेगी।
नौकरी के अनुसार दिशा का चुनाव
यदि आप लेखन, बैंक, व्यापार प्रबंधन या एकाउंट्स जैसे व्यवसाय से जुड़े हैं, तो आपके लिए उत्तर की ओर मुख करके बैठना लाभकारी होगा। वहीं आपकी जॉब कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग, शिक्षा, ग्राहक सेवा, तकनीकी सेवा, क़ानून या मेडिकल से संबंधित है तो पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना श्रेष्ठ है। इस तरह काम में आपका मन लगेगा, एनर्जी लेवल बढ़ेगा और नकारात्मक ऊर्जाएं भी बाधा नहीं बनेंगी। ध्यान रहे कि काम के लिए बैठते समय उत्तर-पश्चिम दिशा से बचना चाहिए क्योंकि इस दिशा में बैठने से मन की एकाग्रता में कमी आती हैं।
मेज-कुर्सी लगाते समय
जिस कुर्सी का आप उपयोग कर रहे हैं उसके पीछे दीवार होनी चाहिए क्योंकि इसे वास्तु के हिसाब से शुभ माना गया है। कुर्सी के पीछे कभी भी खिड़की या दरवाजा नहीं होना चाहिए और न ही आपके कुर्सी-मेज के ठीक ऊपर बीम हो, क्योंकि यह आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है। वास्तुशास्त्र के अनुरूप, टेबिल पर फाइल, कागजों का ढेर या घर का अन्य सामान रखना कार्य की गुणवत्ता को तो प्रभावित करता ही है,नकारात्मक ऊर्जा में भी वृद्धि होती है। नकारात्मक ऊर्जा के बढ़ने से आप तनाव में रहेंगे और समय से कार्य पूर्ण नहीं होगा, इससे बचने के लिए अपनी टेबिल को साफ़-सुथरा रखें। जिस मेज पर आप काम कर रहे हैं, उसमें ग्लास टॉप नहीं हो, क्योंकि कांच नकरात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता हैं जिससे आपके काम की गति धीमी हो सकती हैं। यदि ग्लास टॉप हैं तो मेज पर सात्विक रंग जैसे हरा या सफ़ेद रंग का कपड़ा बिछाएं। यदि आप किसी अंतर्राष्ट्रीय कार्य अवसर की प्रतीक्षा कर रहे हैं,तो अपनी मेज के उत्तर-पश्चिम की तरफ एक ग्लोब रखें ,इससे आप नए अवसरों को आमंत्रित कर सकते हैं।
जांच लें प्रकाश व्यवस्था
जिस कमरे में बैठकर आप काम करते हैं वहां की लाईटिंग कैसी है, यह भी आपके काम और मूड को काफी हद तक प्रभावित करती है। यदि लाइट बहुत ज्यादा तेज या कम है, तो आपकी आखों पर बुरा असर होता है। वहीं सही प्रकाश न होना वास्तुदोष भी उत्पन्न करता है और वहां पर नकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है। प्रकाश की कमी तरक्की में बाधक,कायों में विघ्न एवं बहस आदि का कारण भी बन सकती है।
पौधे रख रहे हैं तो
घर के जिस कमरे में आप काम कर रहे हैं उसे सुंदर और सकारात्मक बनाने के लिए यहाँ कोई भी इनडोर प्लांट रख सकते हैं। पूर्व या उत्तर दिशा में मनी प्लांट, बैम्बू बंच, वाइट लिली या रबड़ प्लांट जैसे छोटे पौधे रखना सुंदरता के साथ-साथ समृद्धिकारक माने गए हैं। ध्यान रहे सूखे, कांटेदार और बोनसाई पौधे अपने वर्कप्लेस पर कभी नहीं लगाएं,ये निराशा के सूचक हैं। हरा रंग खुशहाली,समृद्धि,उत्कर्ष और पावनता का प्रतीक है यह सकारात्मक ऊर्जा के स्तर में वृद्धि करता है एवं मन-मस्तिष्क को सुकून देने वाला माना गया है।
चित्रों पर ध्यान दें
कमरे में उत्तर दिशा की तरफ हरे-भरे जंगल अथवा लहलाती फसलों का चित्र लगाने से एक साथ कई लाभ प्राप्त होते हैं एवं मेहनत का पूरा धन आपको मिलता है।पहाड़ों और चट्टानों के लैंडस्केप को दक्षिण और पश्चिम दिशा की दीवारों पर लगाना मनोबल और स्थायित्व को बढ़ाता है।यदि ऐसी पेंटिंग्स पूर्वी दीवारों पर टांगी गयीं तो इससे व्यवसाय में तरक्की बाधित होगी।पूर्व दिशा में पेड़-पौधे,भागते घोड़े,उड़ते पक्षी,स्वस्तिक या उगता हुआ सूर्य जैसे मन को प्रफुल्लित करने वाले चित्र या प्रतीक रख सकते हैं। पानी के लैंडस्केप जिनमें समुद्र,नदियां,झीलों या सरोवरों के दृश्य हैं,उत्तर और पश्चिम दिशा की दीवारों पर लगाना समृद्धि को आमंत्रित करना है। रोता हुआ बच्चा, कंटीले पौधे, टूटी मूर्ति, डूबता जहाज, आग आदि जैसे नकारात्मक चित्र भी आपके वर्क स्टेशन पर नहीं होने चाहिए क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि कर आपके काम और मूड पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं।
तनाव कम करेंगे फूल
दिनभर काम से होने वाली थकान से बचने के लिए आप अपनी मेज पर ताजे फूलों का एक गुलदस्ता रख सकते हैं। वास्तु के अनुसार फूलों की सजावट मन को आनंद प्रदान करती है व तनाव भी कम करने में मदद करती है। गुलदस्ते में रखे फूल सूखने या मुरझाने लगें, तो इन्हें तुरंत हटा देना चाहिए ऐसे फूल नकारात्मक ऊर्जा का सृजन करते हैं।
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