बड़े काम का है पुदीना
पुदीने का इस्तेमाल लगभग हर भारतीय रसोई में किया जाता है। खासकर चटनी में इसका इस्तेमाल किया जाता है। पुदीने में कई औषधीय गुण भी हैं। यह पेट से संबंधित अनेक बीमारियों से शरीर की रक्षा करता है। इसका सेवन करके आप रोगों से मुक्त रह सकते हैं। आजकल खानपान की वजह से पेट में होने वाली समस्या को इससे दूर किया जा सकता है।
हार्ट, गैस व कफ के लिए फायदेमंद
पुदीने की पत्तियों का ताजा रस नीबू और शहद के साथ समान मात्रा में मिलाकर पीने से पेट की हर तकलीफ में आराम मिलता है। यही नहीं, पेट में गैस जैसी समस्या में भी पुदीने का सेवन लाभदायक है। यह हृदय की गति को संतुलित करता है और साथ ही जमे हुए कफ को बाहर निकालता है।
सुगंध के साथ कई पोषक तत्व भी
इसकी पत्तियों की खास सुगंध इसके महत्व को बढ़ाती है। इसमें मेंथॉल, प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन-ए, कॉपर और आयरन जैसे तत्व पाए जाते हैं। पुदीने के पत्ते का सेवन करने से वॉमिटिंग या नॉजिया जैसी स्थिति को रोका जा सकता है।
पेट के रोगों को दूर करें
आयुर्वेद के अनुसार, पेट से जुड़ी सभी तरह की समस्याओं को दूर करने एक चम्मच पुदीने के रस को एक कप गुनगुने पानी में मिलाकर उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पीना चाहिए। कभी-कभी जंक फूड खाने या मसालेदार भोजन से बदहजमी हो जाती है और पेट में दर्द होने लगता है। ऐसे में पुदीने को उबालकर इसमें शहद मिलाकर इसका सेवन करने से लाभ होता है।
पीलिया में लाभकारी
अगर कोई व्यक्ति पीलिया से पीड़ित है, तो उसे पुदीने के अर्क के साथ कासनी, अजवाइन, मकोय और गांजवा का अर्क दो-दो चम्मच दिन में तीन बार देना चाहिए। इससे पीलिया की समस्या से तो मुक्ति मिलती ही है, लिवर की सूजन भी ठीक होती है।
हाथी पांव रोग में फायदेमंद
किसी को हाथी पांव की शिकायत होने का अर्थ है कि उसका पैर हाथी के पांव की तरह फूल गया है और दर्द के कारण चलना-फिरना मुश्किल हो गया है। पुदीने के पूरे पौधे का काढ़ा बनाकर पिलाने से लाभ होता है। इसके काढ़े के लिए पुदीने की एक गड्डी को तीन कप पानी में उबालें और जब पानी एक कप रह जाए, तो उसमें आधा चम्मच शहद मिलाकर पीड़ित व्यक्ति को पिलाएं।
उल्टी से राहत दिलाए
उल्टी को रोकने के लिए पुदीने का सेवन काफी फायदेमंद साबित होता है। अगर किसी को नॉजिया हो रहा हो तो पुदीने के रस में दो बूंद शहद मिलाकर पीने से उल्टी नहीं आती। इसके अलावा पेट में बनने वाली गैस और बदहजमी की समस्या भी खत्म हो जाती है।
अस्थमा रोगी के लिए असरदार
पुदीना वात-कफ शामक गुणों के कारण अस्थमा रोग में भी लाभदायक है। इसकी तासीर गर्म होने के कारण यह फेफड़ों में जमे बलगम को पिघला कर आसानी से बाहर निकालता है। पुदीने के पत्ते का अंजीर के साथ सेवन करने से सीने और फेफड़ो में जमा कफ आसानी से पतला होकर बाहर निकलता है। इसके लिए तीन टुकड़े अंजीर के साथ पुदीने के कुछ पत्ते को लेकर चबाना चाहिए। इससे जमा हुआ कफ निकल आता है। फेफड़ों में सूजन, खांसी आदि होने पर पुदीने के एक या दो बूंद तेल को चीनी या शहद के साथ सेवन करने पर आराम मिलता है।
बरतें सावधानी
पुदीने के पत्तों का सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए। अधिक मात्रा में सेवन गुर्दे और आंतों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, अधिक मात्रा में पुदीने का सेवन कर लें तो इसके असर को दूर करने के लिए मुलेठी के सत्व व गोंद कतीरा मिलाकर सेवन करें।
बड़े काम की है पुदीने की चटनी
पुदीने की चटनी बड़े काम की होती है। इसके लिए अनारदाना, हरा कच्चा टमाटर, नीबू, अदरक, हरी मिर्च, सेंधा नमक, काली मिर्च और अजवाइन को मिलाकर चटनी बना लें। इसकी चटनी को आप अपने दैनिक भोजन में भी शामिल कर सकते हैं। इसके सेवन से पेट के सभी रोगों से निजात मिलती है और पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है।
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