पीआईबी के तहत तथ्य जांच इकाई केंद्र की अधिकृत इकाई होगी
नयी दिल्ली. प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) के तहत तथ्यों की जांच करने वाली इकाई केंद्र सरकार के लिए अधिकृत तथ्य जांच इकाई होगी। यह इकाई सरकार से संबंधित ऑनलाइन सामग्री की निगरानी करेगी, जिससे गलत सूचना के प्रसार को रोका जा सके। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मेइटी) की ओर से बुधवार को जारी अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है। तथ्यों की जांच करने वाली इकाई को 2021 के आईटी नियमों के तहत अधिसूचित किया गया है। अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘केंद्र सरकार सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रेस सूचना ब्यूरो के तहत तथ्य जांच इकाई को केंद्र सरकार की तथ्य जांच इकाई के रूप में अधिसूचित करती है।'' तथ्य जांच इकाई केंद्र सरकार से संबंधित सभी फर्जी खबरों या गलत सूचनाओं से निपटने या सचेत करने के लिए नोडल एजेंसी होगी। यह अधिसूचना बंबई उच्च न्यायालय द्वारा केंद्र को इकाई को अधिसूचित करने से रोकने से इनकार करने के कुछ दिन बाद आई है। याचिका स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया द्वारा दायर की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है और इस मामले पर बृहस्पतिवार को सुनवाई हो सकती है। पिछले साल अप्रैल में मेइटी ने 2023 नियम लागू किए, जिन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 में और संशोधन किया। नए नियमों के तहत, यदि तथ्य जांच इकाई को ऐसे किसी पोस्ट के बारे में पता चलता है या सूचित किया जाता है जो ‘फर्जी', ‘गलत' है या जिसमें सरकार के काम से संबंधित भ्रामक तथ्य शामिल हैं, तो यह इसकी जानकारी सोशल मीडिया माध्यमों को देगी। यदि ऑनलाइन माध्यमों को अपने ‘सेफ हार्बर' (तीसरे पक्ष की सामग्री के खिलाफ कानूनी प्रतिरक्षा) को बरकरार रखना है तो उन्हें ऐसी सामग्री को हटाना होगा। पीआईबी के तहत तथ्य जांच इकाई की स्थापना नवंबर, 2019 में फर्जी समाचार और गलत सूचना के प्रसारकों के लिए निवारक के रूप में कार्य करने के घोषित उद्देश्य के साथ की गई थी।
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