इंदौर के कांग्रेस उम्मीदवार ने पर्चा वापस लिया, भाजपा में शामिल
इंदौर/शिवपुरी (मध्यप्रदेश)। सूरत के घटनाक्रम के बाद कांग्रेस को सोमवार को एक और झटका लगा। इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने 13 मई को होने वाले मतदान से पहले अपना नामांकन वापस ले लिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। इसके साथ ही, इंदौर सीट के संसदीय इतिहास में संभवत: पहली बार कांग्रेस की चुनावी चुनौती समाप्त हो गई जहां यह पार्टी पिछले 35 साल से जीत की बाट जोह रही है। बम के चुनावी दौड़ से बाहर होने के बाद दिल्ली में कांग्रेस ने कहा कि ‘‘देश में लोकतंत्र खतरे में है।'' इंदौर की एक अदालत ने स्थानीय कारोबारी बम और उनके पिता के खिलाफ जमीन विवाद में 17 साल पहले एक व्यक्ति पर कथित हमले को लेकर दर्ज प्राथमिकी में भारतीय दंड विधान की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़ने का आदेश 24 अप्रैल को दिया था। इस आदेश के महज पांच दिन बाद बम ने इंदौर सीट से अपनी उम्मीदवारी वापस लेने का कदम उठाया। बम, राज्य के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, काबीना मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और अन्य भाजपा नेताओं की मौजूदगी में पार्टी में औपचारिक रूप से शामिल हुए।
बाद में राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव सोमवार रात इंदौर पहुंचे और भाजपा कार्यालय के बाहर आयोजित समारोह में बम को गले लगाकर उनका पार्टी में स्वागत किया। बम ने भाजपा में शामिल होने के बाद कहा, ‘‘मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देशप्रेम, राष्ट्रहित और सनातन धर्म के प्रचार की राह पर आगे बढ़ने का फैसला किया है। इसलिए मैंने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में नामांकन वापस ले लिया है।'' जिलाधिकारी आशीष सिंह ने बताया कि दस्तावेजों की छानबीन के बाद 23 उम्मीदवारों के पर्चे सही पाए गए थे और इनमें से बम समेत नौ प्रत्याशियों ने अपना नामांकन वापस ले लिया। उन्होंने बताया कि नाम वापसी के बाद इंदौर सीट पर 14 उम्मीदवार रह गए हैं जिनके बीच चुनावी मुकाबला होगा। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में गुजरात की सूरत सीट से पिछले हफ्ते अपनी पहली जीत दर्ज की, जब कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुम्भाणी का नामांकन गड़बड़ियों के कारण खारिज कर दिया गया और अन्य उम्मीदवार भी चुनावी दौड़ से बाहर हो गए। नतीजतन भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल की चुनावी जीत सुनिश्चित हो गई। \बम के पालाबदल के बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ‘‘देश में लोकतंत्र खतरे में है।'' उन्होंने निर्वाचन आयोग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘क्या ऐसे वक्त में स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान हो सकेगा, जब एक के बाद एक उम्मीदवारों को ‘डराया' जा रहा है?'' बम की ऐन मौके पर नाम वापसी को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि इस प्रत्याशी का वैसे ही ‘‘हरण'' कर लिया गया, जैसे रावण ने सीता का हरण किया था। पटवारी ने दावा किया कि भाजपा ने बम को अपना नामांकन वापस लेने के लिए ‘‘धमकी दी और प्रताड़ित किया''।
पटवारी ने शिवपुरी में एक रैली में आरोप लगाया, ‘‘ तीन दिन पहले बम के खिलाफ एक पुराने मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़ी गई। उन्हें धमकी दी गई। पूरी रात उन्हें अलग-अलग तरीकों से प्रताड़ित किया गया और आज उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस सब में क्या संदेश है? क्या इंदौर के लोगों को अपने वोट का उपयोग करने का अधिकार नहीं है? यदि आप लोकतंत्र में विश्वास करते हैं तो कृपया इस तानाशाही के खिलाफ खड़े हों। यह सिर्फ कांग्रेस और भाजपा के बारे में नहीं है। जो कोई भी मतदान करना चाहता है, आरक्षण और संविधान को मजबूत रखना चाहता है, उसे खड़ा होना चाहिए।'' पटवारी ने कहा कि कुछ ऐसा ही गुजरात के सूरत में हुआ था।
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