स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 से स्वस्थ होने वालों की देखभाल के लिए नियमावली जारी की
नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी से स्वस्थ हो रहे सभी रोगियों की आगे की देखभाल और कल्याण के लिए कोविड-19 प्रबंधन नियमावली जारी की है। इसमें बताया गया है कि ठीक हुए रोगियों में थकान, बदन में दर्द, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ जैसे कई लक्षण दिखाई देना जारी रह सकता है। इसमें कहा गया है कि ऐसे रोगियों की आगे की देखभाल और आरोग्य के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है।
नियमावली में कहा गया है कि स्वस्थ हो रहे रोगियों को मास्क पहनने, हाथों और सांस लेने संबंधी स्वच्छता का ध्यान रखने और दूसरों के संपर्क में आते समय पर्याप्त दूरी बनाए रखने जैसे कोविड रोकथाम नियमों का पालन करते रहना चाहिए। प्रोटोकोल में पर्याप्त मात्रा में गर्म पानी पीने और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली आयुष दवाएं लेने को भी कहा गया है। स्वास्थ्य ठीक रहे तो घर का सामान्य कामकाज और अपना पेशेवर कार्य चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जा सकता है।
कोविड से ठीक हुए रोगियों को डॅाक्टरी परामर्श से थोड़ा बहुत व्यायाम, जैसे योगासन, प्राणायाम और ध्यान जहां तक संभव हो करते रहना चाहिए। इलाज कर रहे डॉक्टरों द्वारा सुझाए गए सांस संबंधी व्यायाम अपनी क्षमता के अनुसार धीरे-धीरे किये सकते हैं और सुबह-शाम सैर करने को भी जाया जा सकता है।
महामारी से ठीक हो रहे रोगियों को ऐसा संतुलित पौष्टिक आहार लेना चाहिए जो ताजा बना हो और सुपाच्य हो। उनके लिए पर्याप्त नींद और विश्राम करना भी जरूरी है। उन्हें धूम्रपान और शराब पीने से बचना चाहिए। स्वस्थ हुए लोगों को सामुदायिक स्तर पर अपने अच्छे अनुभवों को सोशल मीडिया पर मित्रों और संबंधियों, जाने-माने लोगों, जनमत बनाने वाले लोगों, धार्मिक प्रमुखों आदि के साथ साझा करना चाहिए ताकि इससे समाज में जागरूकता बढ़े और महामारी से जुड़ी भ्रांतियों और गलत धारणाओं को दूर किया जा सके। कोविड-19 से उबरे रोगी पूरी तरह ठीक होने और पुनर्वास की प्रक्रिया में समाज में कार्य करने वाले स्वयं सहायता समूहों, सिविल सोसायटी संगठनों और पेशेवर विशेषज्ञों की मदद ले सकते हैं। वे अपने सहकर्मियों, सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और परामर्शदाताओं की मनोवैज्ञानिक और सामाजिक सहायता भी ले सकते हैं। उन्हें एक दूसरे के संपर्क में आते समय पर्याप्त दूरी बनाए रखने जैसी सावधानियों के साथ सामूहिक योग और ध्यान सत्र में भाग लेने की भी सलाह दी गई है। ऐसे लोगों को स्वस्थ होने के सात दिन के भीतर इलाज करने वाले अस्पताल में जाकर या टेलिफोन पर डॉक्टरी परामर्श लेना चाहिए।
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