पहाड़ों का पानी खेतों तक पहुंचाने के लिए इस किसान ने अकेले 3 किमी की नहर बना डाली
गया (बिहार)। दिल में कुछ करने का जज्बा हो और जुनून तो कोई बाधा आड़े नहीं आती है। गया जिले के एक किसान ने ऐसा ही कमाल कर दिखाया है और उनका काम इस समय तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इस किसान का नाम है लौंगी भुइयां जो अब 70 साल के हो चुके हैं, लेकिन इतनी उम्र के बाद भी वे कड़ी मेहनत करते हैं और हौसला किसी युवा से कम नहीं हैं। इस किसान ने अपने गांव कोठीलावा के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए 30 साल की कड़ी मेहनत के बाद तीन किलोमीटर लंबी एक पूरी नहर ही तैयार कर डाली। पहाडिय़ों से बारिश के पानी को अपने गांव के खेतों तक पहुंचानेे के लिए उन्होंने ऐसा किया। इसका फायदा आज गांव के करीब 3 हजार लोगों को हो रहा है। गांव में पानी की कमी के कारण लोग केवल चने और मक्के की खेती कर पाते थे। खेती का साधन नहीं होने से युवा गांव से पलायन कर रहे थे।
लौंगी भुइयां की 30 साल की इस मेहनत से पूरे गांव को फायदा हो रहा है। उनके परिजन बताते हैं कि वे रोज कुदाल- फावड़ा लेकर जंगल पहुंच जाया करते थे और नहर बनाने के काम में जुट जाते थे। उनके परिजनों ने उन्हें ऐसा करने से मना भी किया लेकिन भुइयां ने किसी की नहीं सुनी।
खुद भुइयां कहते हैं - उनकी पत्नी, बेटे और बहू सभी ने यह काम करने से उन्हें रोकने की कोशिश की थी, क्योंकि इसमें उन्हें कुछ मिलता नहीं था, कोई आमदनी नहीं थी, लेकिन आज पानी आने के बाद सब उनकी तारीफ कर रहे हैं। उन्होंने कहा, पहले मैं खेती करता था। बेटा काम की तलाश में शहर चला गया, गांव के अधिकतर लोग भी काम करने के लिए बाहर चले गए। एक दिन बकरी चराते वक्त मैंने सोचा कि अगर गांव में पानी आ जाए तो लोगों का पलायन रुक सकता है और लोग खेती कर सकते हैं। तभी से मैं इस काम में जुट गया। आज नहर के साथ एक तालाब बनकर तैयार है । इससे इलाके के 3 गांव के लोगों को फायदा मिल रहा है।
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