जानी-मानी विद्वान डॉ. कपिला वात्स्यायन का निधन
नई दिल्ली। भारतीय शास्त्रीय नृत्य, कला, वास्तुकला और कला इतिहास की विद्वान डॉ. कपिला वात्स्यायन का आज सुबह नई दिल्ली में निधन हो गया। वे 92 वर्ष की थीं। .वे राज्यसभा की पूर्व सदस्य थीं और शिक्षा मंत्रालय में सचिव के पद पर भी कार्य कर चुकी हैं।
उन्होंने उच्च शिक्षा के कई राष्ट्रीय संस्थानों की स्थापना में योगदान किया था। डॉ. वात्स्यायन ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के संस्थापक निदेशक के रूप में कार्य किया। वे इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी) की पूर्व अध्यक्ष थीं।
उन्हें 2011 में पदम् विभूषण से सम्मानित किया गया था। वात्स्यायन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की संस्थापक निदेशक थीं। वह राज्यसभा की पूर्व मनोनीत सदस्य थीं और आईआईसी में एशिया परियोजना की अध्यक्ष भी थीं। भारतीय शास्त्रीय नृत्य, वास्तुकला, इतिहास और कला की प्रख्यात विदुषी कपिला वात्स्यायन का जन्म 1928 में दिल्ली में हुआ था और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में परास्नातक की डिग्री ली थी। इसके अलावा उन्होंने शिक्षा के विषय में अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय से परास्नातक की पढ़ाई की थी। वात्स्यायन, कवि और आलोचक केशव मलिक की छोटी बहन थीं। उन्होंने अपने लंबे करिअर में कला और इतिहास पर लगभग 20 पुस्तकें लिखी थीं।
कला एवं संस्कृति जगत की कई हस्तियों ने ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से वात्स्यायन को संस्थान निर्माता के तौर पर याद किया। विख्यात हिंदी लेखक अशोक वाजपेयी ने वात्स्यायन के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताया। वाजपेयी ने फेसबुक पर लिखा, महान विदुषी, रचनात्मक व्यक्तित्व की धनी और संस्थान निर्माता कपिला वात्स्यायन के निधन पर मुझे गहरा दुख पहुंचा है। भारत में सांस्कृतिक जगत ने एक महान व्यक्तित्व को खो दिया। वह कला, विचार और कल्पना के बीच पुल बांधने वाली और इस क्षेत्र में अथक परिश्रम करने वाली महिला थीं। मेरे जैसे कई लोगों के लिए उनका जाना व्यक्तिगत क्षति है। प्रख्यात सरोद वादक अमजद अली खान ने कहा कि वात्स्यायन भारतीय शास्त्रीय नृत्य, कला, वास्तुकला और इतिहास की महान अध्येता थीं।
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