ब्रेकिंग न्यूज़

एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग से छह मरीजों की मौत

जयपुर. जयपुर के सरकारी सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू वार्ड में रविवार देर रात आग लगने से गंभीर रूप से बीमार कम से कम छह मरीजों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि जब स्टोर रूम में आग लगी, तब न्यूरो गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में 11 मरीजों का इलाज हो रहा था। उन्होंने कहा, "छह रोगियों की मौत हो गई और पांच का इलाज किया जा रहा है।" उन्होंने बताया कि आग लगने का संदिग्ध कारण ‘शॉर्ट सर्किट' माना जा रहा है।
 राज्य सरकार ने सोमवार देर शाम एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी और ट्रॉमा सेंटर प्रभारी डॉ. अनुराग धाकड़ को उनके पदों से हटा दिया। सरकार ने मृतकों के परिजन को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राजस्थान के जयपुर में एक अस्पताल में आग लगने की घटना में हुई, जान-माल की हानि अत्यंत दुखद है। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।'' केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना में मरीजों की मौत पर शोक व्यक्त किया और कहा कि स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठा रहा है।  डॉ. धाकड़ और एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी ने कहा कि आग की घटना में छह लोगों की मौत हुई है। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की पहचान पिंटू (सीकर निवासी), दिलीप (आंधी, जयपुर निवासी), श्रीनाथ, रुक्मिणी, खुरमा (सभी भरतपुर निवासी) और बहादुर (सांगानेर, जयपुर निवासी) के रूप में हुई है। डॉ. धाकड़ ने बताया कि आईसीयू में 11 मरीज भर्ती थे जिनमें से छह की मौत हो गई। इनमें दो महिलाएं और चार पुरुष हैं। उन्होंने कहा, ‘‘चौदह अन्य मरीजों को एक अलग आईसीयू में भर्ती कराया गया था और सभी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।'' उन्होंने बताया कि आईसीयू में भर्ती मरीजों की हालत गंभीर है। जिस आईसीयू में आग लगी वहां न्यूरो के मरीज भी भर्ती थे। जयपुर की टोंक रोड पर स्थित एसएमएस अस्पताल राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है जहां राज्य भर के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी मरीज इलाज के लिए आते हैं। इसके अलावा गंभीर रूप से बीमार मरीजों को अन्य जिलों से भी एसएमएस अस्पताल रेफर किया जाता है। जिस ट्रॉमा सेंटर में आग लगी, वह व्यस्त टोंक रोड पर मुख्य अस्पताल भवन के सामने स्थित है।
 आग लगने से इमारत में अफरा-तफरी मच गई, धुआं तेजी से पूरी मंजिल पर फैल गया और मरीजों और उनके परिजनों में दहशत फैल गई। आग में कई दस्तावेज, आईसीयू उपकरण व अन्य सामान जलकर खाक हो गए। धुएं और कालिख से काली पड़ चुकी दीवारें, गर्मी में मुड़े तुड़े उपकरण और टूटे हुए शीशे आग लगने के बाद फैली भयावहता की कहानी बयां कर रहे थे। अस्पताल के कर्मचारियों और मरीजों के तीमारदारों ने मरीजों को बाहर निकाला।
 यहां तक कि उन्हें उनके बिस्तरों सहित इमारत से बाहर भी पहुंचाया गया। सूचना मिलने के तुरंत बाद दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे और लगभग दो घंटे में आग पर काबू पा लिया गया। घटनास्थल पर मौजूद वार्ड बॉय विकास ने  बताया कि आग के विकराल होने से पहले उन्होंने और अन्य कर्मचारियों ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाया। उन्होंने कहा, ‘‘जब हमें आग की खबर मिली, तब हम ऑपरेशन थिएटर में थे, इसलिए हम तुरंत सेंटर के अंदर मौजूद लोगों को बचाने के लिए दौड़े। हम कम से कम तीन-चार मरीजों को बचाने में कामयाब रहे। हालांकि, आग की लपटें तेज होने के कारण, हम इमारत के अंदर नहीं जा सके। हमने ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाने की पूरी कोशिश की।'' विकास ने बताया कि पुलिस बाद में पहुंची, लेकिन भारी धुएं के कारण वे तुरंत इमारत में नहीं जा सके।
 उन्होंने बताया, “जब दमकल की टीम पहुंची, तो पूरा वार्ड धुएं से घिरा हुआ था। दमकलकर्मियों को आग बुझाने के लिए इमारत के दूसरी तरफ की एक खिड़की तोड़नी पड़ी।” राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने स्थिति का जायजा लेने के लिए ट्रामा सेंटर का दौरा किया। पटेल और बेढ़म के वहां पहुंचने पर दो मरीजों के तीमारदारों ने अपनी पीड़ा व्यक्त की और आरोप लगाया कि आग लगने के दौरान कर्मचारी भाग गए थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि अस्पताल के कर्मचारी उनके मरीजों की स्थिति के बारे में जानकारी नहीं दे पा रहे थे। वहां मौजूद एक व्यक्ति ने कहा, ‘‘हमने धुआं देखा और तुरंत कर्मचारियों को सूचित किया, लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। जब आग लगी, तो वे सबसे पहले भागे। अब, हमें अपने मरीजों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। हम उनकी हालत जानना चाहते हैं, लेकिन कोई हमें बता नहीं रहा है।'' मुख्यमंत्री शर्मा बाद में घटनास्थल पर पहुंचे और चिकित्सकों एवं मरीजों से बात की। उन्होंने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। अस्पताल पहुंचकर चिकित्सकों एवं अधिकारियों से जानकारी ली और त्वरित राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मरीजों की सुरक्षा, इलाज और प्रभावित लोगों की देखभाल के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।'' जब मुख्यमंत्री शर्मा अस्पताल पहुंचे तो कुछ परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ धक्का मुक्की की। बाद में, उन्होंने अस्पताल प्रशासन और राज्य सरकार की कथित लापरवाही के खिलाफ ट्रामा सेंटर के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया। एक प्रवक्ता के अनुसार, हादसे को देखते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने दिल्ली का सरकारी दौरा स्थगित कर द‍िया। पीड़ित परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों ने बाद में ट्रामा सेंटर के बाहर फिर से धरना शुरू कर दिया। इस दौरान उपमुख्यमंत्री बैरवा और मंत्री बेढम ट्रामा सेंटर में मौजूद थे। बेढ़म ने आंदोलनकारियों से बातचीत की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि पूरी सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है।
 बेढ़म ने कहा, “मुख्यमंत्री शर्मा ने कल रात अस्पताल का दौरा किया और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं और मुख्यमंत्री के लगातार संपर्क में हैं। आंदोलनकारी परिवार के सदस्यों के साथ चर्चा हुई है। सरकार हर संभव मदद करेगी।” उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में जो मदद की जाती है, वह पीड़ित परिवारों को दी जाएगी।
 स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर शाम को अस्पताल पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया।
 उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। खींवसर ने कहा कि जांच कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार करना होगा, जिसके सप्ताह भर में आने की संभावना है। इसके साथ ही उन्होंने पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने की बात भी की। राजस्थान सरकार ने ट्रामा सेंटर में आग की घटना के मामले में कार्रवाई करते हुए अस्पताल के अधीक्षक और ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी को पद से हटा दिया। इसके साथ ही एसएमएस अस्पताल में पदस्थापित अधिशाषी अभियंता मुकेश सिंघल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। वहीं अग्नि सुरक्षा (फायर सेफ्टी) के लिए नियोजित एजेंसी ‘एसके इलेक्ट्रिक कम्पनी' की निविदा निरस्त करते हुए कम्पनी के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकार ने सवाई मानसिंह अस्पताल में अधीक्षक का कार्यभार डॉ. मृणाल जोशी को एवं ट्रॉमा सेंटर के अधीक्षक का कार्यभार डॉ. बीएल यादव को सौंपा है। मुख्यमंत्री शर्मा ने मृतकों के परिजन के लिए मुआवजे की घोषणा की। उन्होंने 'एक्स' पर लिखा, “सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने की दुखद घटना ने सभी को व्यथित किया है। सभी मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने के निर्देश जारी किए गए हैं।' उन्होंने कहा कि इस हृदयविदारक क्षण में प्रदेश सरकार शोकाकुल परिवारों के साथ खड़ी है। राज्य सरकार ने हादसे की जांच के लिए समिति बनाने की घोषणा की है।
 इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह घटना हृदयविदारक है और उन्होंने राज्य सरकार से उच्च-स्तरीय जांच कराने का आग्रह किया ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। गहलोत ने अस्पताल का दौरा किया और पीड़ित परिवार से मुलाकात की। राज्य के पुलिस महानिदेशक डीजीपी राजीव शर्मा ने भी अस्पताल का दौरा किया। शर्मा के अनुसार, उन्होंने जयपुर पुलिस आयुक्त को मामले की गहन जांच के लिए एफएसएल और अग्निशमन विभाग के विशेषज्ञों की विशेष टीम गठित करने का निर्देश दिया है।

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english