चूना पत्थर को पूरी तरह से प्रमुख खनिज के रूप में वर्गीकृत किया गया
नयी दिल्ली. सरकार ने मंगलवार को कहा कि चूना पत्थर (लाइमस्टोन) को अब पूरी तरह से प्रमुख खनिज के रूप में वर्गीकृत कर दिया गया है। इस कदम से कारोबार में आसानी होगी, क्योंकि अब खनन पट्टाधारक चूना पत्थर को किसी भी उद्देश्य के लिए बेच या उपयोग कर सकेंगे और खनिज सामग्री के कृत्रिम नियामकीय विभेद की पाबंदियां भी नहीं होंगी। पहले, उपयोग के आधार पर चूना पत्थर को कभी लघु खनिज और कभी प्रमुख खनिज सामग्री माना जाता है।
अगर इसका उपयोग निर्माण सामग्री के रूप में इस्तेमाल होने वाला चूना बनाने के लिए होता था तो इसे लघु खनिज घोषित किया जाता था। वहीं सीमेंट, रसायन, उर्वरक, चीनी और इस्पात निर्माण जैसे उद्योगों में इस्तेमाल होने पर यह प्रमुख खनिज माना जाता था। खान मंत्रालय ने कहा कि लघु खनिज के खनन के मौजूदा पट्टाधारकों को प्रमुख खनिज श्रेणी में सुचारू रूप से स्थानांतरित करने के लिए 13 अक्टूबर, 2025 को आदेश जारी किया गया। इससे चूना पत्थर के मौजूदा लघु खनिज पट्टों को किसी व्यवधान के बगैर प्रमुख खनिज खदान के रूप में संचालित किया जाएगा। मंत्रालय ने यह निर्णय नीति आयोग के सदस्य की अध्यक्षता वाली अंतर-मंत्रालयीय समिति की सिफारिशों के आधार पर लिया है। समिति ने विभिन्न हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद अनुशंसा की थी। चूना पत्थर की उपलब्धता निर्माण सामग्री के लिए कम हुई है, क्योंकि अब अधिकांश चूना पत्थर सीमेंट, रासायनिक उद्योग, उर्वरक इकाइयों, चीनी कारखानों और अन्य क्षेत्रों में उपयोग हो रहा है। इस बदलाव से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आय बढ़ेगी, बल्कि सीमेंट उद्योग में खदान से चूना पत्थर की उपलब्धता बढ़ने से देश में सीमेंट निर्माण क्षमता का तेजी से विस्तार भी संभव होगा। इससे निर्माण गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक वृद्धि में मदद मिलेगी।


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