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सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में 2.5 प्रतिशत की कमी, घातक दुर्घटनाएं भी कम हुईं

नयी दिल्ली.  राष्ट्रीय राजधानी में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में सितंबर 2025 तक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 2.5 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि घातक सड़क दुर्घटनाओं में 2.9 प्रतिशत की गिरावट आई है। दिल्ली यातायात पुलिस द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है। पुलिस ने इस निरंतर गिरावट का श्रेय “लगातार और व्यवस्थित प्रयासों” को दिया, जिसमें डेटा-आधारित, साक्ष्य-आधारित हस्तक्षेप और सड़क अवसंरचना में सुधार शामिल थे। पुलिस आंकड़ों के अनुसार, सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या पिछले वर्ष 1,178 से घटकर 1,149 रही, जबकि इसी अवधि के दौरान घातक दुर्घटनाओं की संख्या 1,148 से घटकर 1,115 रह गई। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली यातायात पुलिस ने सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया है, जिसमें दुर्घटना के आंकड़ों का विश्लेषण, जोखिम कारकों की पहचान और इंजीनियरिंग बदलाव की सिफारिश करना शामिल है। विशेष पुलिस आयुक्त (यातायात) अजय चौधरी ने कहा, “सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में लगातार कमी जोखिम कारकों को लक्षित करने और उच्च जोखिम वाले स्थानों पर जीवन रक्षक उपायों की सिफारिश करने का प्रत्यक्ष परिणाम है। दिल्ली यातायात पुलिस सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।” पुलिस ने बताया कि उसका दुर्घटना शोध प्रकोष्ठ घातक दुर्घटनाओं का विश्लेषण करता है और ‘ब्लैकस्पॉट', यानी बार-बार होने वाली दुर्घटनाओं के संभावित स्थानों की पहचान करता है। इसके बाद, ट्रैफिक पुलिस इंजीनियरिंग प्रकोष्ठ इन स्थलों का दौरा करके डिजाइन में सुधार और अन्य सुरक्षा उपाय सुझाता है। दिल्ली सड़क दुर्घटना रिपोर्ट, जिसे पहले दिल्ली में दुर्घटना रिपोर्ट कहा जाता था, का नाम बदलकर अब इसे 'क्रैश' रिपोर्ट किया गया है। यह बदलाव वैश्विक दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करने के लिए किया गया है, जिसमें यह माना जाता है कि इस प्रकार की घटनाएं अनिवार्य रूप से घटित होने वाली नहीं हैं बल्कि इन्हें रोका जा सकता है। इस वर्ष, यातायात पुलिस ने शहर भर में 143 उच्च जोखिम वाले स्थानों की पहचान की और सुरक्षित सड़क डिजाइन, बेहतर संकेत और सड़क मरम्मत की सिफारिश की। इसने स्कूलों, कॉलेजों और अस्पतालों के निकट 30 से अधिक स्थानों पर गति नियंत्रण के उपाय भी प्रस्तावित किए हैं, जिनमें नए स्पीड ब्रेकर और सुरक्षित पैदल यात्री पार पथ शामिल हैं। बयान में कहा गया है कि सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों के सहयोग से 3,600 से अधिक यातायात कर्मियों को गति प्रबंधन और डेटा-आधारित प्रवर्तन तकनीकों में प्रशिक्षित किया गया है।

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