6.06 लाख से अधिक नागरिकों को दी गई जीवनरक्षक सीपीआर की ट्रेनिंग: सरकार
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बताया कि देशभर में 6,06,374 नागरिकों को जीवनरक्षक कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) तकनीक की ट्रेनिंग दी गई है। यह प्रशिक्षण 13 से 17 अक्टूबर तक आयोजित सीपीआर जागरूकता सप्ताह के दौरान दिया गया।कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) एक अत्यंत महत्वपूर्ण तकनीक है जो हृदयगति रुकने जैसी आपात स्थितियों में मरीज के बचने की संभावना बढ़ाती है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, इस सप्ताह के दौरान कुल 7.47 लाख से अधिक नागरिकों ने विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया। इनमें से 6.06 लाख से अधिक लोगों को व्यावहारिक प्रशिक्षण (physical training) दिया गया।भारत में सीपीआर का ज्ञान और उसका उपयोग अब भी वैश्विक मानकों की तुलना में कम है। इसी अंतर को पाटने के लिए मंत्रालय ने यह अभियान शुरू किया, ताकि देश के हर वर्ग तक सीपीआर की जानकारी और अभ्यास पहुंचाया जा सके।
कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर 14,701 प्रतिभागियों ने ECHO प्लेटफॉर्म और यूट्यूब लाइव के माध्यम से प्रशिक्षण और प्रतिज्ञा कार्यक्रम में भाग लिया। वहीं MyGov प्लेटफॉर्म पर 79,870 नागरिकों ने सीपीआर जागरूकता की डिजिटल प्रतिज्ञा ली।सीपीआर प्रशिक्षण सत्र राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य विभागों, केंद्रीय अस्पतालों, एम्स, भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी और अन्य पेशेवर संस्थानों द्वारा आयोजित किए गए। इसके अलावा केंद्रीय कर्मचारियों, CISF कर्मियों, हाउसकीपिंग स्टाफ और विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों को भी ट्रेनिंग दी गई।स्वास्थ्य सचिव पुन्या सलीला श्रीवास्तव ने कहा कि “हैंड्स-ओनली सीपीआर” जैसी साधारण क्रिया मरीज के महत्वपूर्ण अंगों में रक्त और ऑक्सीजन का प्रवाह बनाए रखती है, जिससे जीवन बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि हर घर, स्कूल, कार्यालय और सार्वजनिक स्थान पर कम से कम एक व्यक्ति ऐसा हो जो इस जीवनरक्षक तकनीक में प्रशिक्षित हो।


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