ब्रेकिंग न्यूज़

 आपूर्ति शृंखला में जुझारूपन लाने के लिए अतिरिक्त खर्च करने को तैयारः गोयल

नयी दिल्ली. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि सरकार सभी क्षेत्रों की आपूर्ति शृंखला को जुझारू बनाने के लिए काम कर रही है और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त खर्च करने के लिए भी तैयार है। गोयल ने यह बात ‘संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन' (अंकटाड) की मंत्री-स्तरीय बैठक में कही। इस बैठक में ‘जुझारू, टिकाऊ और समावेशी आपूर्ति शृंखला और व्यापार लॉजिस्टिक' पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि सरकार ने देश की खुदरा और औद्योगिक क्षमता बढ़ाने के इरादे से ‘आत्मनिर्भर भारत' पहल शुरू की है। गोयल ने कहा, ‘‘हम प्रत्येक आपूर्ति शृंखला को उद्योग के हिसाब से देख रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि हम कहां कमजोर हैं और हमें कहां क्षमता विस्तार की जरूरत है। हम अपनी आपूर्ति शृंखलाओं में जुझारू बनाने के लिए अतिरिक्त खर्च करने को तैयार हैं।'' उन्होंने कहा कि सरकार ने ‘उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन' (पीएलआई) योजना और सेमीकंडक्टर उत्पादन बढ़ाने की नीति शुरू की है। साथ ही, ढांचागत विकास के लिए एक लाख करोड़ डॉलर का राष्ट्रीय मास्टर प्लान भी शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में भारत ने बंदरगाह क्षमता दोगुनी की है। इसके साथ हवाई अड्डों की संख्या 74 से 158 तक बढ़ाई और अगले 7-8 साल में इसे 225 तक ले जाने की योजना है। उन्होंने कहा कि रेल, सड़क और अंतर्देशीय जलमार्ग नेटवर्क के विकास में भी बड़े निवेश किए जा रहे हैं।
गोयल ने कहा कि किसी भी क्षेत्र से उत्पादन या आपूर्ति पर निर्भरता ज्यादा होने पर आत्मनिर्भरता की तरफ ध्यान दिया जाता है। मसलन, इजराइल-हमास संघर्ष ने लाल सागर मार्ग से समुद्री व्यापार को प्रभावित किया, जिससे विविध स्रोतों की जरूरत महसूस हुई। गोयल ने कहा कि जब भी भारत दुनिया के बाकी देशों के साथ व्यापार करता है, तो वह विश्वसनीय और भरोसेमंद साझेदारों की तलाश करता है। उन्होंने बताया कि भारत को उपकरण और विभिन्न कलपुर्जों की जरूरत अभी भी विदेशों से पड़ती है। इसलिए सरकार ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) और मित्र देशों के साथ व्यापार संबंधों का विस्तार किया है। इनका उद्देश्य केवल सस्ता सौदा करना नहीं, बल्कि भरोसा और भरोसेमंद आपूर्ति सुनिश्चित करना है। गोयल ने यह भी कहा कि कम विकसित और विकासशील देशों को मिलकर वैश्विक समस्याओं का समाधान करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत यूपीआई जैसी भुगतान प्रणाली अन्य देशों के साथ साझा करने के लिए तैयार है, जिससे लेन-देन एवं भुगतान की लागत कम हो सकती है।
 

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english