आज छठ महापर्व का दूसरा दिन, श्रद्धालु सूर्योदय से सूर्यास्त तक रखते हैं निर्जला उपवास
नई दिल्ली। आज छठ महापर्व का दूसरा दिन है। इसे खरना के नाम से जाना जाता है। आज के दिन श्रद्धालु सूर्योदय से सूर्यास्त तक निर्जला उपवास रखते हैं। सूर्यास्त के समय सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोला जाता है। छठ पूजा के दूसरे दिन खरना की परंपरा है, जिसे लोहंडा भी कहा जाता है। इस दिन गुड़ की खीर, आटे की रोटी और मौसमी फलों का महाप्रसाद बनाया जाता है और छठी मइया को भोग लगाया जाता है। भक्त पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर इस प्रसाद को बनाते हैं और शाम के समय सूर्य देव की आराधना के बाद यह प्रसाद छठी मइया को अर्पित किया जाता हैं। पूजा संपन्न होने के बाद यही प्रसाद परिवारजनों और भक्तों के बीच बांटा जाता है, जिसे ‘प्रसाद ग्रहण’ की परंपरा कहा जाता है। खरना का छठ पर्व में विशेष स्थान है, क्योंकि यह अगले दो दिनों के कठोर उपवास की तैयारी का प्रतीक माना जाता है और इसी से 36 घंटे के व्रत का आरंभ होता है। इस अवसर पर व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा और संयम के साथ सूर्य देव का आह्वान करती हैं और उनके प्रति आभार व्यक्त करती हैं।
चार दिवसीय छठ पूजा कल नहाय-खाय के साथ शुरू हुई। सूर्य देव और उनकी बहन छठी मैया की पूजा को समर्पित यह पर्व पवित्रता, कृतज्ञता और कल्याण की भावना का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छठ पर्व के अवसर पर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएँ दी हैं। एक सोशल मीडिया पोस्ट में, श्री मोदी ने सभी व्रतियों की अटूट भक्ति को नमन किया। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री ने छठी मैया को समर्पित एक भक्ति गीत भी साझा किया। प्रधानमंत्री ने कामना की कि छठी मैया सभी पर अपनी असीम कृपा बनाए रखें।


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