सरकार सौर ऊर्जा उपकरणों के स्थानीय विनिर्माताओं के संरक्षण के लिए सीमा शुल्क पर सुरक्षात्मक शुल्क लगाएगी
नई दिल्ली। बिजली और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री आर के सिंह ने कहा है कि भारत सौर ऊर्जा उपकरणों के स्थानीय विनिर्माताओं के संरक्षण के लिए सीमा शुल्क के स्थान पर सुरक्षात्मक शुल्क लगाने जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ देश भारत के स्थानीय विनिर्माताओं को तबाह करने के लिए बहुत ही कम कीमत पर सौर ऊर्जा उपकरण देश में भेज रहे हैं।
श्री सिंह ने बताया कि भारत सौर ऊर्जा क्षेत्र में भी पवन ऊर्जा के जैसा निर्यात आधार बढ़ाना चाहता है। पवन ऊर्जा उपकरणों के क्षेत्र में भारत न केवल आत्मनिर्भर है बल्कि निर्यातक भी है। उन्होंने कहा कि देश में नवीकरणीय ऊर्जा की भारी मांग है और विकास की क्षमता भी है। देश में प्रतिव्यक्ति ऊर्जा उपभोग बहुत ही कम है। स्थानीय विनिर्माताओं को उत्पादन आधारित सुविधा योजना को प्रोत्साहन देने के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे विनिर्माण में तेजी आएगी। पीएम- कुसुम योजना को दूसरी हरित क्रांति करार देते हुए श्री सिंह ने कहा कि इस योजना से किसानों को लाभ मिलेगा। किसानों को सौर पम्प लगाने के लिए सब्सिडी दी जाएगी। वे अपनी बंजर जमीन पर सौर ऊर्जा उत्पादन संयत्र लगा सकेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भण्डारण क्षमता, सैल और उपकरणों की कुशलता बढऩे से भविष्य में सौर ऊर्जा की लागत में कमी आएगी। इससे उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।
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