दिवाली की रात एक दीपक पूरी रात जलाएं, एक पितरों और एक तुलसी का भी दीपक हो
इस बार 24 अक्टूबर को दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा। दिवाली पर मां लक्ष्मी का पूजन कर दिए जलाए जाते हैं। इस बार धनतेरस और छोटी दिवाली को लेकर भी कंफ्यूजन है। छोटी दिवाली जहां कई जगह 24 को और धनतेरस 23 को मनाई जा रही हैं, वहीं कई जगह 22 को धनतेरस, 23 को छोटी दिवाली और 24 को बड़ी दिवाली मनाई जा रही है। दिवाली पर दीप जलाकर मां लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है। दिवाली का त्योहार धनतेरस से शुरू हो जाता है। धनतेरस पर भी घर में मां लक्ष्मी और कुबेर का स्वागत किया जाता है, इसे धन त्रयोदशी भी कहते हैं, इस दिन धातु घर में लाने की परंपरा है।
धनतेरस की बात करें तो इस दिन घर के मुख्य द्वार पर 13 दीप जलाए जाते हैं, इसके अलावा घर के मुख्य द्वार पर यम का दीप जलाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यम का दीप आटे का बनाया जाता है और इसे नाली के पास रखा जाता है।
नरक चतुदर्शी के दिन 14 दीपक जलाए जाते हैं। वहीं दिवाली के दिन एक तेल का दीपक और एक घी का बड़ा दीपक जलाते हैं, ऐसा कहा जाता है कि यह दीपक रात भर जलना चाहिए। इसे मां लक्ष्मी के लिए खास तौर पर जलाया जाता है? इसके अलावा आपकी हर संपत्ति के पास एक दीपक जलाया जाता है। इसमें एक दीपक तुलसी पूजा, एक दीपक जल के स्थान की जगह, एक आपके वाहन के पास, एक दीपक वॉशरुप में, एक रसोई घर में, एक दीपक पितरों के नाम का और एक दीपक यम के नाम का जलाया जाता है।
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