बेअसर रहेगा पहला चंद्र ग्रहण, चांद को सिर्फ कर पाएगा धुंधला
साल का पहला चंद्रग्रहण आज
रायपुर। वर्ष 2020 का पहला चंद्र ग्रहण धार्मिक दृष्टि से बेअसर रहेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार अधिकांश पंचांगों ने इसका उल्लेख नहीं किया है। जिसमें उल्लेख किया गया, उसमें इसे धार्मिक दृष्टि से महत्वहीन बताया गया है। इसके चलते चंद्रग्रहण के सूतक के साथ यम-निमय लागू नहीं होंगे। यह देशभर में नजर आएगा। चंद्र ग्रहण 10 जनवरी शुक्रवार को होगा। रात 10:38 पर इसका स्पर्श काल, मध्य काल 12:40 और मोक्ष रात 2:42 बजे होगा। रात 12.40 बजे ग्रहण चरम पर रहेगा, जिसमें चंद्रमा का 85 प्रतिशत भाग उप छाया से ढंक जाएगा।
काली मंदिर खजराना के ज्योतिष विद पं. शिवप्रसाद तिवारी ने बताया कि ग्रहण यूनाइटेड स्टेट, ब्राजील, अर्जेंटीना को छोड़कर भारत सहित दुनियाभर में दिखाई देगा। ज्योतिष विद विजय अड़ीचवाल ने बताया कि इस चंद्र ग्रहण का उल्लेख अधिकांश पंचांगों में नहीं किया गया है। धार्मिक दृष्टि से यह महत्वहीन है।
ज्योतिषियों के अनुसार मंद पडऩे की क्रिया को मान्ध कहा जाता है। मान्ध चंद्र ग्रहण होने से यह चंद्रमा को धुंधला ही कर पाएगा और चंद्रमा की कला में कोई कमी नहीं आएगी। इस दौरान चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया से होकर गुजरेगा। साथ ही यह एक खगोलीय घटना के रूप में ही मान्य रहेगा। इस ग्रहण में चंद्रमा की कला कम नहीं होने से दान-पुण्य और सूतक की आवश्यकता नहीं रहेगी। ग्रहण से पृथ्वी के वायुमंडल में मौजूद प्रदूषण की मात्रा का पता लगाया जाएगा।
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