दुनिया के दूसरे सबसे बड़े जंगल से वैज्ञनिकों ने खोज निकाला 'चॉकलेट मेंढक'
ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने दुनिया के दूसरे सबसे बड़े द्वीप न्यू गिनी के घने जंगलों में 'चॉकलेट मेंढक' की खोज की है। पेड़ पर रहने वाले इस मेंढक के रंग को देखकर सभी लोग हैरान हैं। मेंढकों की ये प्रजाति अपनी खास त्वचा के लिए जानी जाती है और भूरे रंग के होने के वजह से वैज्ञानिकों ने इसे 'चॉकलेट फ्रॉग' नाम दिया है। बता दें कि इस मेंढक की तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही हैं। बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में कैडबरी फ्रेडो चॉकलेट बार काफी लोकप्रिय हैं और ऑस्ट्रेलिया में इस मेंढक की खोज के साथ ही फ्रेडो चॉकलेट ट्रेंड हो रहा है। सेंटर फॉर प्लैनेटरी हेल्थ ऐंड फूड सिक्यॉरिटी और क्वींसलैंड म्यूजियम के पॉल ऑलिवर ने ऑस्ट्रेलियन जर्नल ऑफ जूलॉजी में लिखे पेपर में इस मेंढक के बारे में चर्चा की है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये मेंढक इतने लंबे समय तक इंसानों की नजरों से दूर रहकर इसलिए रहस्य बना रहा, क्योंकि ये जिस उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में रहता है, उन जंगलों को भेदना कड़ी चुनौती है। हालांकि, शोधकर्ताओं ने काफी संघर्ष के बाद इस मेंढक को खोजने में कामयाबी पाई है।
वैज्ञानिकों ने इस मेंढक का लैटिन नाम लिटोरिया मीरा रखा है, जिसका अर्थ होता है आश्चर्य या अजीब। दरअसल, विशेषज्ञों ने इस मेंढक को देखकर हैरत में पड़ गए थे, इसलिए इसका लैटिन नाम लिटोरिया मीरा रखा।
पॉल ऑलिवर के मुताबिक, चॉकलेट मेंढक यानी लिटोरिया मीरा का सबसे करीबी ऑस्ट्रेलियाई ग्रीन ट्री मेंढक है और ये दोनों प्रजातियां काफी हद तक लगभग एक जैसे दिखाई देते हैं। इन दोनों मेंढक के बीच अंतर इतना ही है कि एक का रंग हरा, तो दूसरे का रंग चॉकलेट की तरह भूरा है।
गौरतलब है कि ये चॉकलेट मेंढक जहां पाया गया है वो एक गर्म वर्षावन है और इंसानों के लिए काफी खतरनाक है। इस क्षेत्र को मलेरिया के मच्छर, मगरमच्छों की मौजूदगी और दलदली इलाका इसे काफी चुनौतीपूर्ण बनाते हैं। ऐसे में चॉकलेट मेंढक की खोज एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
Leave A Comment