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*विशेष रूप से तैयार की गई कठपुतली चुनई चिरई का नृत्य सबको भाया*
*15 फिट के राजा और रानी तपस्या कठपुतली के नृत्य ने मोह लिया सबका मन*
रायपुर/ भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार के आगमन पर आज राजधानी रायपुर स्थित बूढ़ापारा तालाब परिसर में आयोजित मतदाता महोत्सव प्रदर्शनी में मतदाता जागरूकता की थीम पर आयोजित कठपुतली नृत्य लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहा।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ निर्वाचन के लिए विशेष रूप से तैयार की गई कठपुतली चुनई चिरई की थीम पर आयोजित नृत्य के जरिए मनोरंजन के साथ-साथ मताधिकार के महत्व को दिखाया गया। वहीं 15 फिट की कठपुतली के नृत्य ने सबका मन मोह लिया, इसमें राजा और उनकी रानी तपस्या का नृत्य मतदाता जागरूकता के संदेशों से भरा रहा।
इस अवसर पर मैं भारत हूँ भारत है मुझमें/ मैं ताकत हूँ ताकत है मुझमें, बाकी कौनो काम भले बाद करव/ उठा चलव पहिली मतदान करव, आने वाली पीढ़ी भी हम पर अभिमान करें/ चलो चलो मतदान करें, वोट करो मतदान करो/ मतदान करो सबलोग जैसे जागरूकता गीतों में कठपुतली नृत्य हुआ। बिलासपुर से आया यह समूह लगभग 24 वर्षों से कठपुतली नृत्य का मंचन कर रहा है। इसकी संचालिका श्रीमती किरण मोइत्रा हैं।
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*“इंडिया स्मार्ट सिटी अवार्ड-2022“ में भी रायपुर के दो प्रोजेक्ट राष्ट्रीय स्तर पर बनाई पहचान*
नालंदा परिसर को बेस्ट इनोवेशन और बी.पी. पुजारी स्कूल को बेस्ट सोशल आस्पेक्ट अवार्ड*
*रायपुर।* भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा जिला स्तरीय उत्कृष्ट ई-गवर्नेंस पहल के लिए राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार-2023 “स्वर्ण“ रायपुर स्मार्ट सिटी लि. के ‘मोर रायपुर एप्प’ को प्रदान किया गया है। आज ही आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन संचालित स्मार्ट सिटीज़ मिशन के शहरों के लिए आयोजित “इंडिया स्मार्ट सिटी अवार्ड-2022“ की घोषणा भी हुई, जिसमें रायपुर स्मार्ट सिटी लि. द्वारा तैयार किए गए ऑक्सी रीडिंग जोन लाइब्रेरी “नालंदा परिसर“ को बेस्ट इनोवेटिव आइडिया अवार्ड मिला है। इस प्रतियोगिता के सामाजिक दृष्टिकोण से किए गए उत्कृष्ट कार्य की श्रेणी में शाला उन्नयन कार्यक्रम के तहत बी.पी. पुजारी स्कूल के भवन जीर्णोद्धार व अधोसंरचना निर्माण को राष्ट्रीय स्तर पर स्थान मिला है।
ई-गवर्नेंस पहल के अंतर्गत मोर रायपुर एप्प की प्रणाली को उत्कृष्ट नवाचार माना गया है। इस एप्प के अंतर्गत डिजिटल डोर नंबर, नगर निगम से संबंधित करों के भुगतान, सेवा व शिकायतों के निवारण की प्रणाली तैयार कर नागरिक सेवाओं को हाईटेक करने की दिशा में किए गए पहल को भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा उत्कृष्ट मानते हुए ‘राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार’ प्रदान किया गया है।इसके अलावा आज घोषित “इंडिया स्मार्ट सिटी अवार्ड-2022“ के परिणाम में स्मार्ट सिटी रायपुर के दो महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को भी राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। इस कांटेस्ट के सामाजिक दृष्टिकोण की श्रेणी में गुजरात के वडोदरा व उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के प्रोजेक्ट के बाद रायपुर के बी.पी. पुजारी शाला भवन उन्नयन कार्यक्रम को देश में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। इसके अलावा नवाचारों की श्रेणी में रायपुर स्मार्ट सिटी लि. द्वारा निर्मित नालंदा परिसर को इनोवेशन अवार्ड से नवाज़ा गया है। इस कैटेगरी में हुगली धारवाड़ व सूरत शहर के प्रोजेक्ट को प्रथम व द्वितीय स्थान मिला है।
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दुर्ग /छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग को दुर्ग जिले से प्राप्त प्रकरणों की सुनवाई 4 सितम्बर को सुबह 11 बजे से जिला पंचायत दुर्ग के सभाकक्ष में की जाएगी। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक प्रकरणों की सुनवाई करेंगी। राज्य महिला आयोग सचिव से मिली जानकारी के अनुसार 4 सितम्बर को विभिन्न प्रकरणों की सुनवाई की जाएगी।
- दुर्ग/छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों को अपने गांव में ही आय का विकल्प उपलब्ध करवाना है, ताकि ग्रामीण गरीब परिवारों के लोग अपनी आय में वृद्धि कर पाए। अब इस योजना का लाभ लेकर राज्य का हर एक गांव आत्मनिर्भर बनने में सक्षम हो रहा है।इसी कड़ी में आज पाटन विकासखण्ड के फुंडा और सांकरा रीपा केन्द्र का स्कूली विद्यार्थियों ने भ्रमण किया। महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क फुंडा और सांकरा में 2-2 करोड़ की लागत से स्थापित किया गया है। स्कूली विद्यार्थियों को नवाचार व उद्यमशीलता से जोड़ने के लिए रीपा फुंडा में स्थापित कोल्ड प्रेस्ड ऑयल, पशुआहार उद्योग एवं रीपा सांकरा में निर्मित हर्बल गुलाल, रंगोली, पूजन सामग्री उत्पादों की आवश्यक जानकारी विद्यार्थियों को प्रदान की गई। फुंडा और सांकरा रीपा केन्द्रों से 2 करोड़ रुपए से ज्यादा का उत्पाद निर्मित कर विक्रय किया जा चुका है। यहां 350 से ज्यादा महिलाएं निर्माण कार्य में संलग्न है जिससे उन्हें अतिरिक्त आय के साधन प्राप्त हुए हैं। प्रदेश में 301 रीपा स्थापित किए गए हैं। दुर्ग जिले में 12 रीपा स्थापित हैं, जिसमें विभिन्न गतिविधियां संचालित है।ज्ञातव्य है की छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजना रीपा अंतर्गत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृण करने, नव युवकों को उद्यमशीलता से जोड़कर उद्यमी बनाने व रोजगार प्रदाय करने की पहल करते हुए 2 अक्टूबर 2022 को योजना लागू की गई थी।
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दुर्ग / जिले में 1 जून से 25 अगस्त तक 578.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। कार्यालय कलेक्टर भू अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 जून से अब तक सार्वाधिक वर्षा 744.6 मिमी पाटन तहसील में तथा न्यूनतम 328.5 मिमी. बोरी तहसील में दर्ज की गई है। इसके अलावा तहसील दुर्ग में 524.2 मिमी, तहसील धमधा में 570.7 मिमी, तहसील भिलाई 3 में 596.6 मिमी और तहसील अहिवारा में 705.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई। 25 अगस्त को तहसील दुर्ग में 1.0 मिमी, तहसील धमधा में 0.0 मिमी, तहसील पाटन में 4.0 मिमी, तहसील बोरी में 2.0 मिमी, तहसील भिलाई 3 में 7.6 मिमी और तहसील अहिवारा में 2.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।
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*- आईटीआई एवं डिप्लोमाधारी आवेदकों के लिए*
दुर्ग / जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र दुर्ग द्वारा सृजन रोजगार अंतर्गत जिले में आईटीआई एवं डिप्लोमाधारी आवेदकों के लिए नियोजक द्वारा उपलब्ध रिक्त पदों को भरने के लिए विशेष मेगा प्लेसमेंट का आयोजन समय प्रातः 10.30 बजे से 02 सितम्बर 2023 को संजय रूंगटा इंजीनियरिंग कॉलेज कोहका भिलाई में किया जाएगा। विशेष मेगा प्लेसमेंट में नियोजक टाटा मोटर ( एचपी क्वेस का. लिमि.), बजाज मोटर, एसकेएचवाय टेक प्रा.लि., एडविक हाई टेक प्रा.लि., स्टील इंफ्रा साल्यूशंस प्रा.लि., पॉलीरब कूपर स्टेंडर्ड एफटीएस प्रा.लि., रोंच पॉलीमर्स प्रा.लि., सिम्प्लेक्स कास्टिंग, भिलाई आयरन एण्ड स्टील प्रोसेसिंग का. प्रा.लि., कोठारी इंजीनियरिंग वर्क, न्यू एलेनबेरी वर्क्स, डोज्को इंडिया प्रा.लि., भवानी एण्ड कंपनी एवं जेएनएस इंस्ट्रूमेंट्स लिमिटेड के लिए 831 से अधिक पद रिक्त हैं।
जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र दुर्ग के उप संचालक श्री आर.के.कुर्रे के अनुसार इच्छुक आवेदक समस्त शैक्षणिक मूल प्रमाण एवं अंकसूची, पहचान पत्र, आधार कार्ड, रोजगार कार्यालय का पंजीयन पत्रक, छ.ग. निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र एवं समस्त दस्तावेजांे की (छायाप्रति) के साथ प्लेसमेंट केम्प ड्राइव में उपस्थित हो सकते हैं। प्लेसमेंट ड्राइव के संबंध में जानकारी के लिए मॉडल कॅरियर सेंटर, दुर्ग के फेसबुक पेज पर लॉगिन कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। प्लेसमेंट ड्राइव में भाग लेने हेतु फेसबुक पेज पर दिये गये गुगल लिंक bit.ly/placementcampregistration पर रजिस्ट्रेशन करना आवश्यक है।
- -प्रदेशवासियों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम-अस्पताल में कार्यालयीन फर्नीचर एवं अन्य उपकरणों के लिए 56 करोड़ रुपए का प्रावधानरायपुर । प्रदेशवासियों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। राजधानी के नागरिकों को जल्द ही अत्याधुनिक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की सुविधा मिल सकेगी। स्वास्थ्यगत ढांचे को मजबूत बनाने एवं मल्टी स्पेशलिटी सुविधाएं नागरिकों को उपलब्ध कराने डा. भीमराव स्मृति चिकित्सालय में एकीकृत नवीन चिकित्सालय भवन के लिए 325 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है। 700 बिस्तर वाले इस अस्पताल में बेसमेंट फ्लोर, लोवर ग्राउंड फ्लोर तथा भूतल के अलावा इस अस्पताल भवन में सात तल होंगे।इस एकीकृत नवीन चिकित्सालय भवन 70 हजार 896 वर्ग मीटर में होगा। भवन में फायर फाइटिंग सिस्टम, एचवीएसी सिस्टम, आईबीएमएस सिस्टम आदि का प्रावधान किया गया है। भवन में बेसमेंट फ्लोर 8828 वर्ग मीटर का, भूतल 7500 वर्ग मीटर का, प्रथम तल से पंचम तल तक 7274 वर्ग मीटर, षष्ठम तल मय आट्रियम रूफ स्ट्रक्चर 8728 वर्ग मीटर, सातवां तल 640.57 वर्ग मीटर का होगा। नींव को इस रूप में तैयार किया गया है कि भविष्य में सातवें फ्लोर और आठवें फ्लोर को जरूरत के दृष्टिकोण से विकसित किया जा सकता है।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप एकीकृत नवीन चिकित्सालय भवन के बन जाने से स्वास्थ्य सुविधाओं का आधुनिक और दक्ष ढांचा राजधानी में मिल सकेगा। मरीजों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए आवश्यक सभी बुनियादी सुविधाएं इस परिसर में उपलब्ध कराई जाएंगी। इस अस्पताल के तैयार हो जाने से सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल की सभी सुविधाएं मरीजों को मिल सकेंगी।
- -वित्त विभाग द्वारा मिली 33 करोड़ रुपए की स्वीकृति, जल्द क्रय होंगे वाहन-प्रदेश के सभी जिलों को इस उपयोगी योजना के अंतर्गत गंभीर परिस्थितियों में मिल सकेगा इमरजेंसी रिस्पांसरायपुर। आपातकालीन स्थिति में पुलिस रिस्पांस इमरजेंसी सेवा के रूप में मदद करने वाली डायल 100/112 सेवा के लिए पुलिस को 400 नए वाहन मिलेंगे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशन में इसकी खरीदी के लिए वित्त विभाग ने 33 करोड़ रुपए की स्वीकृति दे दी है। इन वाहनों को प्रदेश के सभी 33 जिलों में भेजा जाएगा। वर्ष 2018 में इस योजना को 11 जिलों में लागू किया गया था। इसके लिए 252 वाहनों का क्रय किया गया था। वर्ष 2018 में क्रय किये गये अधिकांश वाहनों ने अपना माइलेज पूरा कर लिया है और कुछ वाहन इसे आगामी कुछ महीने में पूर्ण कर लेंगे। ऐसे में इस व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए तथा सभी जिलों में संचालित करने नवीन वाहनों की आवश्यकता थी।जेम की वेबसाइट पर वाहनों की उपलब्धता एवं दरों के आधार पर शासन द्वारा दी गई स्वीकृति के अनुरूप केंद्रीय क्रय समिति के निर्णय उपरांत में जेम में आनलाइन प्रदाय आदेश के माध्यम से वाहनों का क्रय होगा।उल्लेखनीय है कि आपात स्थितियों में यह सेवा बहुत उपयोगी साबित हुई है और इसके माध्यम से गंभीर परिस्थितियों में नागरिकों को आपात मदद त्वरित रूप से मिली है। अब इस सेवा अंतर्गत 400 अतिरिक्त वाहन जुड़ने से यह इमरजेंसी सेवा और भी मजबूत होगी तथा अधिकतम नागरिकों तक इसके लाभ मिल पाएंगे। उल्लेखनीय है कि इस योजना की उपयोगिता को देखते हुए संपूर्ण राज्य में संचालित करने शासन द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है और इसके अनुरूप नवीन वाहनों की खरीदी का प्रावधान किया गया।
- -जल संसाधन विभाग में 50 नए पदों के सृजन को मिली अनुशंसा-‘राज्य बांध सुरक्षा संगठन’ हेतु सृजित किये गये हैं पदरायपुर । जल संसाधन विभाग अंतर्गत ‘राज्य बांध सुरक्षा संगठन’ हेतु 50 पदों के सृजन की अनुशंसा की गई है। इनमें मुख्य अभियंता के एक पद के साथ अधीक्षण अभियंता( नागरिक) और अधीक्षण अभियंता( विद्युत/ यांत्रिक) के एक एक पद शामिल हैं। ‘राज्य बांध सुरक्षा संगठन बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 अंतर्गत बांध संबंधी आपदाओं के रोकथाम, बांधों की निगरानी, बांधों के निरीक्षण के साथ इनके संचालन व रखरखाव के लिए बनाये गये ‘राज्य बांध सुरक्षा’ संगठन हेतु इन पदों को सृजित किया गया है। इस संबंध में पद सृजन समिति की बैठक 3 अगस्त को आयोजित हुई थी।अन्य सृजित पदों में कार्यपालन अभियंता( नागरिक) के 3, कार्यपालिक अभियंता ( विद्युत/ यांत्रिक) के 2, भूविज्ञानी ( प्रतिनियुक्ति से) के 1, सहायक अभियंता( नागरिक) के 6, सहायक अभियंता( विद्युत / यांत्रिक) के 3, निज सहायक के एक, सहायक मानचित्रकार ( नागरिक) के 6, सहायक मानचित्रकार( विद्युत / यांत्रिक) के 2, सहायक वर्ग 3 के 8, वाहन चालक के 8, भृत्य के 6 और फर्राश के एक पद शामिल हैं।
- -अब तक वनांचल के 1959 हेक्टेयर से अधिक भूमि उपचारित-अनउपजाऊ तथा बंजर भूमि में 30-40 मॉडल है काफी फायदेमंद - वन मंत्री श्री अकबररायपुर / छत्तीसगढ़ में कैम्पा की वार्षिक कार्ययोजना के अंतर्गत विगत 4 वर्षों के दौरान वनांचल में स्वीकृत 30-40 मॉडल के 1 लाख 80 हजार संरचनाओं का निर्माण प्रगति पर है। इनमें से अब तक पूर्ण हुए लगभग 1 लाख 54 हजार संरचनाओं से वनांचल के 1959 हेक्टेयर से अधिक भूमि का उपचार हो चुका है। इसके तहत 30-40 मॉडल के समस्त 1 लाख 80 हजार संरचनाओं के निर्माण से वनांचल के लगभग 2395 हेक्टेयर अनउपजाऊ तथा बंजर भूमि को उपचार का लाभ मिलेगा।नरवा विकास कार्यक्रम में कैम्पा की वार्षिक कार्ययोजना 2019-20 के अंतर्गत 30-40 मॉडल में कुल स्वीकृत 56 हजार 126 संरचनाओं में से अब तक समस्त 56 हजार 126 संरचनाओं का निर्माण पूर्ण हो चुका है। इसी तरह वार्षिक कार्ययोजना 2020-21 के अंतर्गत 30-40 मॉडल में कुल स्वीकृत 57 हजार 341 संरचनाओं में से अब तक 49 हजार 891 संरचनाओं का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। इसके अलावा कैम्पा की वार्षिक कार्ययोजना 2021-22 के अंतर्गत 30-40 मॉडल में कुल स्वीकृत 53 हजार 463 संरचनाओं में से अब तक 38 हजार 562 संरचनाओं का निर्माण पूर्ण हो चुका है। इसी तरह कैम्पा की वार्षिक कार्ययोजना 2022-23 के अंतर्गत 30-40 मॉडल में कुल स्वीकृत 12 हजार 698 संरचनाओं में से अब तक 9 हजार 906 संरचनाओं का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है।नरवा विकास योजना में इसकी उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि यह संरचना वनांचल के लिए काफी उपयोगी है। इसके मद्देनजर उन्होंने राज्य के वनांचल स्थित उछले भागों अथवा ढलान क्षेत्रों में 30-40 मॉडल के निर्माण कार्यों को प्राथमिकता से शामिल करने के निर्देश दिए है।गौरतलब है कि नरवा विकास योजना के तहत बनाए जा रहे 30-40 मॉडल के बारे में प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि वनांचल के जिन क्षेत्रों में मिट्टी की गहराई बहुत ही कम होती है तथा मुरमी मिट्टी, हल्की पथरीली भूमि, अनउपजाऊ भूमि, छोटे झाड़ों के वन और बंजर भूमि में यह मॉडल बहुत उपयुक्त है।इसके निर्माण से कुछ दिनों के पश्चात् उक्त क्षेत्रों की भूमि उपजाऊ होने लगती है। 30-40 मॉडल में वर्षा जल को छोटे-छोटे चोकाकर मेड़ों के माध्यम से एक 7 ग् 7 ग् 3 फीट के गड्डे में भरते हैं और इसे श्रृंखला में बनाने से उक्त स्थल में नमी अतिरिक्त समय तक बनी रहती है। इस पद्धति में कार्य करने से वर्षा के जल को काफी देर तक रोका जा सकता है।
- -परिषद की चुनाव प्रक्रिया को 6 माह के लिए आगे बढ़ाए जाने का लिया गया निर्णयरायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद रायपुर की वार्षिक आमसभा गुरुवार को दोपहर 3 बजे से वृन्दावन हाल सिविल लाइन रायपुर में आयोजित की गई। सदस्यों एवँ पदाधिकारियों की उपस्थिति में संयुक्त सचिव राजेन्द्र निगम ने अध्यक्षता हेतु वरिष्ठ उपाध्यक्ष चंद्रेश शाह का नाम प्रस्तावित किया एवं संयुक्त सचिव प्रकाश अग्रवाल ने इसका समर्थन किया।यह जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद के संयुक्त सचिव राजेन्द्र निगम ने बताया कि चंद्रेश शाह ने सदस्यों की उपस्थिति कम होने के कारण कोरम के अभाव में सामान्य सभा की कार्यवाही आधा घंटा स्थगित कर दी। पुन: परिषद के अध्यक्ष एवँ विधायक बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व महासचिव मोहन चोपड़ा के साथ समस्त पदाधिकारियों की उपस्थिति में दीप प्रज्वलित कर माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। अतिथियों के स्वागत हेतु सर्वप्रथम वरिष्ठ उपाध्यक्ष चंद्रेश शाह ने बृजमोहन अग्रवाल का , महासचिव डॉ. अशोक त्रिपाठी ने मोहन चोपड़ा का पुष्प गुच्छ एवं शाल- श्रीफल देकर सम्मानित किया । इसके अतिरिक्त पुष्प गुच्छ देकर विधायक बृजमोहन अग्रवाल का सम्मान करने वालों में परिषद के उपाध्यक्ष डॉ सोमनाथ यादव बिलासपुर , डॉ कमल वर्मा , बाल अधिकार आयोग की पूर्व अध्यक्ष शताब्दी पांडे , शेखर चंदेल जांजगीर , गुरमीत धनई दुर्ग , एवँ विश्वनाथ पाणिग्रही बागबाहरा रहे । मंच का संचालन करते हुए संयुक्त सचिव राजेन्द्र निगम ने परिषद के गठन से लेकर अब तक की गतिविधियों, परिषद द्वारा वर्तमान में किये जा रहे कार्यों, "वीरता पुरस्कार एवँ वार्षिक स्मारिका" पत्रिका पर प्रकाश डाला । कार्यक्रम में समस्त पदाधिकारियों द्वारा पत्रिका के मुख्य पृष्ठ का विमोचन किया गया ।डॉ. अशोक त्रिपाठी ने महासचिव का प्रतिवेदन का पठन करते हुए पूरे वर्ष भर के कार्यों का लेखा जोखा का विस्तार से वर्णन किया एवँ कोषाध्यक्ष जे. पी. साबू जी ने ऑडिट रिपोर्ट एवँ आगामी वित्तीय वर्ष का बजट पेश किया । आमसभा में अनेक जिलों से सदस्य उपस्थित हुए एवँ परिषद की गतिविधियों को जानने के साथ ही उन्होंने आगामी कार्य योजना के लिए अपना महत्वपूर्ण सुझाव दिया।परिषद के संस्थापक सदस्य एवं प्रथम उपाध्यक्ष रायपुर ग्रामीण के विधायक सत्यनारायण शर्मा ने अपनी उपस्थिति दर्ज करने के उपरांत सुझाव दिया कि परिषद के चुनाव की प्रक्रिया को 6 माह के लिए आगे बढ़ा दिया जाय। इस सुझाव को स्वीकार करते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने परिषद की चुनाव प्रक्रिया को 6 माह बढ़ाते हुए आगामी चुनाव होने तक परिषद की वर्तमान कार्यकारिणी को यथावत रखने का निर्णय किया । इस निर्णय को आमसभा के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से स्वीकार किया इसके साथ ही पूर्व में आयोजित आमसभा का पालन प्रतिवेदन , कार्यकारिणी समिति की बैठक में लिए गए निर्णय , वित्तीय वर्ष 2022-23 के आडिट प्रतिवेदन एवँ वित्तीय वर्ष 2023-24 बजट , परिषद के रूल्स एवँ रेगुलेशन में संशोधन का भी सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया।आमसभा को श्री बृजमोहन अग्रवाल , श्री मोहन चोपड़ा , श्री चंद्रेश शाह ने भी संबोधित किया । आभार प्रदर्शन संयुक्त सचिव श्री प्रकाश अग्रवाल ने किया । इस अवसर पर मुख्य रुप से संयुक्त सचिव श्रीमती इंदिरा जैन , कार्यकारिणी सदस्य श्री एस.सी.धीर , संजीव बसन्त हुद्दार , श्रीमती सुनीता चंसोरिया , कृष्ण कुमार निगम , बिमल घोषाल , अरविन्द ओझा, सुभाष बुंदेला , सुरेन्द्र साहू सरगुजा , राकेश ठाकुर राजनादगांव , रायपुर विकास प्राधिकरण की सदस्य ममता राय, शैलेश श्रीवास्तव , अपर्णा संचेती के अतिरिक्त बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित हुए ।
- रायपुर। दुर्ग निवासी डॉक्टर रामकुमार उपाध्याय (कोसा वाले) का 87 वर्ष की उम्र में गुरुवार को सेक्टर 9 भिलाई स्थित बीएसपी अस्पताल में निधन हो गया। वे नवीन उपाध्याय, प्रतिमा एवं सुनीता के पिता थे। उनकी अंतिम यात्रा शुक्रवार को उनके निवास स्थान विवेकानंद गली नंबर 4, आदर्श नगर, बोरसी रोड से शिवनाथ नदी के लिए प्रात: 11 बजे निकलेगी।
- -7 लाख रुपए से अधिक के मिलेट्स उत्पादों का कर चुके हैं विक्रयरायपुर / सामान्य कृषक परिवार से आने वाले श्री जय प्रकाश पटेल आज आज एक सफल उद्यमी बनने की ओर अग्रसर हैं। रायगढ़ जिले के ग्राम पंचायत डोंगीतराई के रहने वाले श्री पटेल प्रतिदिन 400-500 किलो मिलेट्स जैसे कोदो, बाजरा, रागी आदि प्रोसेस एवं पैक करके बाजार में विक्रय कर रहे हैं। साथ ही वे आसपास के अन्य किसानों को भी कोदो एवं अन्य मिलेट के उत्पादन हेतु प्रोत्साहित कर रहे है। श्री पटेल अब तक 7 लाख रूपये से अधिक की बिक्री कर लगभग 90 हजार रूपये तक का शुद्ध लाभ प्राप्त कर चुके है। श्री जय प्रकाश पटेल की उद्यमी बनने की राह आसान की महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) ने। रीपा के तहत 25 लाख रूपये की लागत से मिलेट, अनाज प्रोसेसिंग एवं पैकेजिंग यूनिट स्थापित करने के लिए उन्हें बैंक द्वारा 10 लाख रुपये का ऋण पीएमईजीपी के अंतर्गत 5 लाख रूपए का ऋण एवं रीपा की ओर से 10 रूपए लाख रूपए की राशि दी गई है।श्री जय प्रकाश पटेल एक सामान्य कृषक परिवार से आते हैं। पिता के साथ बचपन से ही कृषि कार्य में हाथ बटाते हुए उन्होंने एमए तक अपनी पढ़ाई भी पूरी की। पढ़ाई पूरी करने के पश्चात उन्होंने फसल बाजार कंपनी मे सेल्स मेन की नौकरी की एवं कृषि उत्पादों को बेचने के गुर सीखे। उन्हें अपने सपनों की उड़ान रीपा योजना से जुडऩे के पश्चात मिली। रीपा योजना से जुड़कर अन्य युवा भी अपने सपने को पूर्ण करने में सफल हो रहे हैं।छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी एवं जन कल्याणकारी योजना महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) ग्रामीण युवाओं के उद्यमी बनने के सपने को साकार करने का मौका दे रही है। यही कारण है कि आज रीपा योजना से ग्रामीण युवाओं एवं महिला समूहों के लिए रोजगार के अवसर खुल रहे हैं।
- -अब तक करीब 129 करोड़ रूपए से ज्यादा की हुई बचत-मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग समिति की बैठक सम्पन्नरायपुर, /मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में राज्य प्रवर्तित श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना के अंतर्गत गठित राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग समिति की बैठक सम्पन्न हुई। मुख्य सचिव ने राज्य के विभिन्न जिलों के नगरीय निकाय क्षेत्रों में संचालित की जा रही करीब 197 जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स में नागरिकों को सस्ती दर पर उच्च गुणवत्ता की जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के संबंध में नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों से जिलेवार विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने जिले के कलेक्टरों से समय-समय पर धनवंतरी मेडिकल स्टोर के निरीक्षण कर दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने कहा है। मुख्य सचिव ने नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों से कहा है कि राज्य शासन की नागरिकांे को अच्छी गुणवत्ता की जेनेरिक दवाएं सस्ती दर पर धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना से उपलब्ध करायी जा रही है। यह महत्वपूर्ण योजना है। उन्होंने नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स की लगातार मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए है।राज्य प्रवर्तित श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना की राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग समिति की बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े राज्य शहरी विकास अभिकरण के सीईओ श्री सौमिल रंजन चौबे ने प्रस्तुतीकरण के जरिए बताया कि प्रदेश के नागरिकों के ईलाज हेतु आसानी से जेनेरिक दवाएं सस्ते दर पर उपलब्ध हो इसके लिए राज्य शासन द्वारा प्रदेश के सभी नगरीय क्षेत्रों में श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर खोले गए हैं। इन मेडिकल स्टोरों पर करीब 329 जेनेरिक मेडिसन और 26 सर्जिकल आइटम सस्ती दरों पर उपलब्ध हैं। मेडिकल स्टोरों पर एमआरपी पर से करीब 50 से 72 प्रतिशत डिसकाउंट पर दवाएं उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि धन्वंतरी दवा दुकानों में सर्दी, खांसी, बुखार, ब्लड प्रेशर, इन्सुलिन के साथ गंभीर बीमारियों की दवा, एंटीबायोटिक, सर्जिकल आईटम भी रियायती मूल्य पर जरूरतमंदों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं।अधिकारियों ने बताया कि श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना 20 अक्टूबर 2021 से शुरू की गई है। योजना के तहत राज्य के समस्त 169 नगरीय निकायों में 197 श्री धनवंतरी मेडिकल स्टोर खोले गए। शासकीय चिकित्सकों को अस्पताल में इलाज हेतु आने वाले मरीजों को जेनेरिक दवाई लिखना अनिवार्य किया गया है। योजना से अब तक 212 करोड़ रूपए एम.आर.पी. की दवाओं को 83 करोड़ 77 हजार रूपए में विक्रय किया गया। इससे करीब नागरिकों को 129 करोड़ रूपए से ज्यादा की बचत हुई है। गौरतलब है कि प्रदेश के विभिन्न नगरीय निकाय में संचालित धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल की दुकानों से 73 लाख 92 हजार से अधिक नागरिकों ने सस्ती दवायें खरीदी है। जिससे लोगों को काफी राहत मिली है और कम मूल्य पर दवा उपलब्ध होने से उन्हें बचत हो रही है।वीडियो कॉन्फ्रेंस से आयोजित इस बैठक में नगरीय प्रशासन विकास विभाग के विशेष सचिव डॉ. अयाज तम्बोली, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं श्री जयप्रकाश मौर्य, छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के संचालक श्री अनिल राय और संयुक्त सचिव वन श्रीमती पुष्पा साहू सहित स्वास्थ्य, वन और अन्य विभाग के अधिकारी शामिल हुए।
- -अब तक करीब 55 लाख लोगों ने उठाया फायदा-मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना की राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग समिति की बैठक सम्पन्नरायपुर /मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अंतर्गत राज्य प्रवर्तित मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के लिए गठित राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में योजना के तहत राज्य के सभी नगरीय क्षेत्रों की स्लम बस्तियों में चिकित्सक, मेडिकल स्टाफ, मेडिकल उपकरण एवं जरूरी दवाओं की उपलब्धता के साथ मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से लोगों को घर के पास ही निःशुल्क ईलाज की सुविधा प्रदान करने की जिलेवार समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को मोबाइल मेडिकल यूनिट में ईलाज कराने वाले मरीजों को जरूरत पड़ने पर अन्य अस्पतालों में रिफर करने के संबंध में भी आवश्यक कार्यवाही करने कहा है। इस संबंध में उन्होंने नगरीय प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग में आवश्यक समन्वय की भी बात कही।नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि शहरी क्षेत्र के स्लम एवं नगर के अन्य क्षेत्रों के जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क उपचार की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के माध्यम से अब तक करीब 55 लाख जरूरतमंदों का इलाज मोबाइल मेडिकल यूनिट के चिकित्सा दल द्वारा स्लम बस्तियों में लोगों के घरों के पास ही पहुंचकर किया गया है। इस योजना के माध्यम से अब तक 14 लाख 87 हजार 651 मरीजों की पैथालॉजी टेस्ट की जा चुकी है। साथ ही 47 लाख 75 हजार 845 से अधिक मरीजों को निःशुल्क दवाएं भी दी गई हैं।मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत राज्य के नगरीय निकायों की स्लम बस्तियों में 72 हजार 724 कैम्प लगाकर लोगों की निःशुल्क जांच व उपचार कर दवाईयां दी गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि राज्य के नगरीय क्षेत्रों में 144 मेडिकल मोबाइल यूनिट वर्तमान में संचालित है। अधिकारियांे ने बताया कि शीघ्र ही 6 और मेडिकल मोबाइल यूनिट संचालित किए जाएंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंस से आयोजित इस बैठक में नगरीय प्रशासन विकास विभाग के विशेष सचिव डॉ. अयाज तम्बोली, शहरी विकास अभिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सौमिल रंजन चौबे सहित स्वास्थ्य एवं राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग समिति के अन्य सदस्य शामिल हुए।
- दुर्ग, /जिला पंचायत विकास निधि के अंतर्गत सामान्य सभा की बैठक में पारित संकल्प अनुसार जिला पंचायत के सीईओ श्री अश्वनी देवांगन द्वारा 7 कार्यो के लिए 22 लाख रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। कार्यो के संपादन हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पाटन को क्रियान्वयन एजेंसी नियुक्त किया गया है।कार्यालय जिला पंचायत दुर्ग से प्राप्त जानकारी के अनुसार विधानसभा पाटन अंतर्गत ग्राम तेलीगुण्डरा में नेतराम घर से विरेन्द्र पटेल के घर तक तथा रमाकांत पटेल के घर से बांधापारा पुत्री चौक तक सी.सी.रोड निर्माण हेतु 5-5 लाख रूपए, ग्राम जामगांव (एम) में रोड समतलीकरण हेतु 2 लाख रूपए, ग्राम खम्हरिया कु. में ग्राम पंचायत खम्हरिया के लीम चौक चबुतरा में स्टील रेलिंग और काला पत्थर लगाने के लिए 2 लाख रूपए, ग्राम सावनी में बड़े तालाब में निर्मलाघाट निर्माण के लिए एक लाख 50 हजार रूपए, ग्राम अरसनारा में मिट्टी कार्य वाले मुक्तिधाम प्रतिक्षालय (भाठापारा) शेड के लिए 2 लाख 50 हजार रूपए एवं ग्राम तेलीगुण्डरा के वार्ड क्रमांक 04 में सी.सी.रोड निर्माण के लिए 4 लाख रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
- दुर्ग /कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने आर्शीवाद नर्सिंग होम जी.ई. रोड सुपेला भिलाई के संचालक द्वारा नर्सिंग होम एक्ट के तहत लायसेंस की अवधि समाप्त होने उपरांत भी लायसेंस नवीनीकरण हेतु आवेदन नहीं किये जाने एवं बिना किसी पूर्व अनुमति के संस्था स्थानांतरित करने पर नर्सिंग होम एक्ट की धारा 12 (क) (1) के तहत 20 हजार रूपये के जुर्माने से दण्डित किया है। इसी प्रकार आधुनिक कंपिंग हिजामा थैरेपी भिलाई एवं जीवन ज्योति हॉस्पिटल जामुल भिलाई दोनों संस्थाओं के संचालकों द्वारा बिना नर्सिंग होम एक्ट लायसेंस व बिना नर्सिंग होम एक्ट में पंजीयन के मरीजों का उपचार करते हुए पाये जाने पर संस्थाओं को भी नर्सिंग होम एक्ट की धारा 12 (क) (1) के तहत 20-20 हजार रूपये के जुर्माने से दण्डित किया है। साथ ही उन्होंने लायसंेस प्राप्त होने तक उक्त तीनों संस्थाओं का संचालन बंद रखना निर्देशित किया है। दण्डित जुर्माना राशि नोटिस जारी हाने के 5 दिन के भीतर कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दुर्ग में जमा की जाएगी।ज्ञात हो कि नर्सिंग होम एक्ट के नोडल अधिकारी द्वारा निरीक्षण के दौरान आर्शीवाद नर्सिंग होम भिलाई संचालक द्वारा नर्सिंग होम एक्ट तहत लायसेंस की अवधि समाप्त होने के उपरांत निर्धारित तिथि तक नवीनीकरण आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया। इसी प्रकार आधुनिक कंपिंग हिजामा थैरेपी भिलाई के संचालक श्री दीपनारायण शुक्ला के द्वारा बिना किसी चिकित्सकीय पंजीयन के मरीजों का उपचार करते हुए पाया गया एवं जीवन ज्योति हॉस्पिटल जामुल भिलाई में बिना मूलभूत चिकित्सकीय सुविधाओं के अस्पताल का संचालन एवं आयुष चिकित्सक के द्वारा मरीजों का एलोपैथी उपचार करना पाया गया। जो कि नर्सिंग होम एक्ट 2010 एवं 2013 का उल्लंघन है।
- दुर्ग / भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा गठित राष्ट्रीय छात्र शिक्षा समिति (एनईएसटीएस) के दिशा निर्देशों के अनुसार छ.ग. शासन द्वारा एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित हो रहे है। एनईएसटीएस द्वारा वर्ष 2023-24 के निर्देशों के अनुरूप कक्षा 6वीं में प्राक्चयन परीक्षा के परिणाम के आधार पर राज्य स्तरीय मेरिट तैयार कर प्रवेश की प्रक्रिया की जा रही थी। एलडब्ल्यूई जिलों में विद्यार्थियों के प्रवेश परीक्षा में पर्याप्त प्रतिनिधित्व न होने से भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय, नई दिल्ली के पत्र दिनांक 16 अगस्त 2023 को जिला स्तर पर मेरिट सूची तैयार कर प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान की गई है।भारत सरकार के नवीन दिशा निर्देश अनुसार जिला स्तरीय मेरिट सूची तैयार करने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। जिलों में प्रवेश प्रक्रिया हेतु मेरिट सूची प्रदान की जायेगी तथा विद्यालयों में 28 अगस्त 2023 से 06 सितंबर 2023 तक प्रवेश प्रक्रिया होगी। प्रवेश सूचना नियमावली वर्ष 2023-24 में वांछित अभिलेख के साथ विद्यालय में उपस्थित होना होगा। वांछित अभिलेखों के अभाव में प्रवेश प्रदान नहीं किया जाएगा।
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- शराब एवं मादक पदार्थों के अवैध विक्रय, परिवहन एवं धारण रोकथाम हेतु आबकारी विभाग की पहल
दुर्ग / आगामी विधानसभा निर्वाचन 2023 को लेकर आबकारी विभाग ने पूर्व तैयारी शुरू कर दिया है। जिले में संदिग्ध स्थानों, मार्गों एवं रेल्वे स्टेशनों पर लगातार जांच की कार्यवाही किया जा रहा है। सहायक आयुक्त आबकारी ने बताया कि जिले में शराब एवं मादक पदार्थों के अवैध विक्रय, परिवहन एवं धारण पर रोकथााम हेतु आम नागरिकों के लिए शिकायत दर्ज कराए जाने हेतु टेलीफोन नंबर 0788-2325836 जारी किया गया है। उक्त शिकायत नंबर के माध्यम से कोई भी नागरिक अवैध मदिरा एवं मादक पदार्थों के विक्रय, धारण एवं परिवहन की शिकायत विभाग से किसी भी समय दर्ज करवा सकते हैं। आबकारी विभाग द्वारा टेलीफोन नंबर 24 घण्टे संचालित होगा। इसके अलावा आबकारी विभाग के टोल फ्री शिकायत नंबर 14405 पर शिकायत दर्ज कराया जा सकेगा। - -बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक नर्सिंग और साइकियाट्रिक नर्सिंग पाठ्यक्रम में मिलेगा प्रवेश-अभ्यर्थी 27 अगस्त को शाम 5 बजे तक ऑनलाईन कर सकेंगे आवेदनबिलासपुर /छत्तीसगढ़ में चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय और निजी कॉलेजों में वर्ष 2023 शैक्षणिक सत्र में विभिन्न नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि को 27 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है। अब इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के इच्छुक अभ्यर्थी अपने आवेदन ऑनलाईन 27 अगस्त शाम 5 बजे तक भर सकते है। पहले यह तिथि 24 अगस्त निर्धारित थी। चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा इन ऑनलाईन प्राप्त आवेदनों के माध्यम से बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग और पोस्ट बेसिक डिप्लोमा इन साइकियाट्रिक नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जाएगा। अभ्यर्थी चिकित्सा शिक्षा विभाग की वेबसाइट www.cgdme.in पर लॉग इन कर आवेदन भर सकते है।चिकित्सा शिक्षा विभाग नर्सिंग पाठ्यक्रम काउसलिंग समिति के अध्यक्ष डॉ. देवप्रिय रथ से प्राप्त जानकारी के अनुसार नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए ऑनलाईन आवेदन शुल्क भी निर्धारित किया गया है। अनारक्षित एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को एक हजार रूपये और अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों को पांच सौ रूपये आवेदन शुल्क देना होगा। अभ्यर्थियों को ऑनलाईन आवेदन के साथ ही संस्था का चयन भी करना होगा। संस्था चयन के लिए अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा। अभ्यर्थिंयों को ऑनलाईन आवेदन भरने के बाद लॉक और सबमिट करने के बाद भी अंतिम तिथि तक परिवर्तन की सुविधा रहेगी। ऐसे आवेदनों में परिवर्तनों के लिए एडिट शुल्क एक हजार रूपये अतिरिक्त जमा करना होगा। एडिट करते समय ई-मेल और मोबाईल नम्बर परिवर्तनीय नहीं होंगे। स्कूटनी एवं प्रवेश प्रक्रिया छत्तीसगढ़ नर्सिंग पाठ्यक्रम प्रवेश नियम 2019 और संशोधन नियम 2022 के प्रावधानों के तहत की जाएगी। इस संबंध में विस्तृत जानकारी, काउसलिंग, आवंटन आदि चिकित्सा शिक्षा विभाग की वेबसाइट www.cgdme.in पर भी प्राप्त की जा सकती है।
- =कलेक्टर ने किया खिलाडियों का सम्मान=5 स्वर्ण और 2 रजत पदक हासिल कर बढ़ाया जिले का मानबिलासपुर, /नेशनल किक बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में जिले के खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए जिले और प्रदेश को गौरान्वित किया है। कोलकाता में आयोजित नेशनल चैम्पियनशीप में छत्तीसगढ़ की 50 सदस्यों की टीम ने भाग लिया था, जिसमें जिले के किक बॉक्सरों ने 5 स्वर्ण पदक के साथ 2 रजत पदक भी हासिल किया। इन खिलाड़ियों ने आज कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा से सौजन्य मुलाकात की। कलेक्टर ने जिला कार्यालय में सभी खिलाड़ियों को सम्मानित कर उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी।एमेच्योर किक बॉक्सिंग एसोसिएशन ऑफ छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष श्री दीपक प्रसाद ने बताया की यह प्रतियोगिता 18 से 21 अगस्त तक खुदीराम बोस इंडोर स्टेडियम कोलकाता में आयोजित हुई। जिसमें 21 राज्य से लगभग 650 खिलाड़ी सहित 60 ऑफिशिअल ने इस नेशनल किक बॉक्सिंग चौंपियनशिप में भाग लिया। इन खिलाड़ियों में मुंगेली से अभिषेक तिवारी ने स्वर्ण पदक तथा करगी रोड कोटा के खिलाड़ी दिशा सिंह ने स्वर्ण पदक, अजय सिंह ठाकुर ने स्वर्ण पदक, डोमेन्द्र प्रताप ने स्वर्ण पदक एवं पंकज सिंह राजपूत ने स्वर्ण पदक एवं दिब्यांसु पोर्ते, निखिल पैकरा ने रजत पदक हासिल किया।
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दुर्ग / जिले के एकीकृत बाल विकास परियोजना दुर्ग ग्रामीण द्वारा ग्राम पंचायत कुटेलाभाटा के आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 01 के लिए आंगनबाड़ी सहायिका पद हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए है। परियोजना अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार इच्छुक आवेदिकाएं आवश्यक दस्तावेजों के साथ 07 सितम्बर 2023 तक कार्यालयीन समय में कार्यालय परियोजना अधिकारी, एकीकृत बाल विकास परियोजना दुर्ग ग्रामीण में आवेदन प्रस्तुत कर सकती हैं। अधिक जानकारी के लिए संबंधित ग्राम पंचायत एवं परियोजना कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
- -छत्तीसगढ़ सरकार तथा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित योजनाओं एवं उपलब्धियों की जानकारी दीरायपुर । इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी अनुसंधान केन्द्र, भोपाल में आयोजित मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के कृषि विज्ञान केन्द्रों की क्षेत्रीय कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए कार्यशाला में डॉ. चंदेल ने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किसानों के हित में संचालित राजीव गांधी किसान न्याय योजना, छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना, भूमि हीन कृषक योजना, के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा किसानों से विभिन्न फसलों के समर्थन मूल्य पर उपार्जन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित समस्त कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही योजनाओं तथा गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी।डॉ. चंदेल इस अवसर पर आयोजित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की 27वीं बैठक में भी शामिल हुए। इस बैठक की अध्यक्षता डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा की गई। इस बैठक में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र एवं गोवा के कृषि विश्वविद्यालय के कुलपतिगण, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के समस्त उप महानिदेशकगण एवं इन 04 राज्यों के भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के शिक्षा, अनुसंधान संस्थानों के निदेशकगण ने भाग लिए। इस बैठक में इन 04 राज्यों के कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन आदि क्षेत्रों में वहां की समस्याओं के बारे में कृषकों से विचार-विमर्श किया गया। इस बैठक में 04 राज्यों के कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, पशुपालन विभाग एवं मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों से किसानों की समस्याओं का विवरण लिया गया ताकि कृषकों के समस्याओं के समाधान के लिए अनसुंधान प्रारंभ किया जा सके। इस बैठक में छत्तीसगढ़ की ओर से डॉ. गिरीश चंदेल, कुलपति, डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी, संचालक अनुसंधान सेवायें, डॉ. अजय वर्मा, निदेशक विस्तार सेवायें, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर, श्री माथेश्वरन व्ही., संचालक उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी विभाग एवं श्री बिजनौरिया, उप संचालक कृषि, छत्तीसगढ़ शासन ने भाग लिए। इस बैठक में डॉ. चंदेल ने विश्वविद्यालय की शिक्षा, अनसुंधान एवं प्रसार की गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया तथा राज्य की अनुसंधान की आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला। डॉ. चंदेल ने होम साईंस, एनर्जीइन एग्रीकल्चर, प्लास्टीकल्चर इंजीनियरिंग, कपास, तिल एवं नाईजर, बायोफर्टीलाईजर, ठण्डी जलवायु के फल एवं कीटनाशक, अवशेष परीक्षण जैसे 12 अनुसंधान परियोजनाओं को छत्तीसगढ़ में स्वीकृत करने की मांग की। ये अनुसंधान परियोजनाएं छत्तीसगढ़ के विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों में लागू की जाएगी। मूंगफली, उष्णकटीबंधीय फल, फूल, गन्ना, प्याज एवं बायोकन्ट्रोल की तदर्थ अनुसंधान परियोजना को नियमित करने एवं वैज्ञानिकों के पदों की स्वीकृति की मांग की। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा प्रदेश के नव गठित जिलों सारंगढ़-बिलाईगढ़, मानपुर-मोहला-अम्बागढ़चौकी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई एवं शक्ति में कृषि विज्ञान केन्द्र के स्थापना हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे गए हैं। इस बैठक में उपस्थित डॉ. हिमांशु पाठक, महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा नवीन कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं नवीन अनुसंधान परियोजनाओं की स्वीकृति का आवश्वासन दिया गया।
- - स्वचलित मांग प्रबंधन प्रणाली (एडीएमएस) ग्रिड को समर्पित किया प्रबंध निदेशक श्रीमती बघेल ने- छोटे-छोटे हिस्सों में 155 फीडरों में बांटा जाएगा बिजली के लोड कोरायपुर । बिजली की आपूर्ति के लिए पूरे देश में एक ग्रिड प्रणाली संचालित है, इसे सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए छत्तीसगढ़ में स्वचलित मांग प्रबंधन प्रणाली (आटोमेटेड डिमांड मैनेजमेंट सिस्टम-एडीएमएस) लागू कर दी गई है। इससे आपातकालीन स्थिति में ग्रिड में अत्यधिक लोड होने पर स्वचलित तकनीक से भार प्रबंधन हो सकेगा, पहले इसे मेनुअली करना पड़ता था। इस प्रणाली को ट्रांसमिशन कंपनी की प्रबंध निदेशक श्रीमती उज्जवला बघेल के करकमलों से डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक श्री मनोज खरे की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ ग्रिड को समर्पित किया गया। इससे जहां एक ओर ग्रिड को बचाने में सहायता मिलेगी, वहीं किसी एक क्षेत्र में भार प्रबंधन नहीं किया जाएगा, बल्कि इस लोड को अनेक छोटे-छोटे हिस्सों में बांट दिया जाएगा।प्रदेश में मांग-आपूर्ति के बीच समन्वय बनाये रखने हेतु इस प्रणाली की स्थापना नेशनल ग्रिड कोड के नियमानुसार इसे लागू कर दिया गया है। गुरुवार को राज्य भार प्रेषण केंद्र डंगनिया में आयोजित कार्यक्रम में आज से इसे संचालन में लाया गया। ग्रिड में यदि कभी आवृत्ति (फ्रिक्वेंसी) 50 हर्टज से कम हो जाए एवं 100 मेगावाट से ज्यादा ओव्हर ड्रॉल की स्थिति हो, तब यह सिस्टम आटोमेटिक काम करने लगेगा। इसमें राज्य के चार विदयुत वितरण क्षेत्र दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर एवं रायगढ़ के 45 उपकेन्द्रों से निकलने वाले विभिन्न 33/11 केव्ही के 155 नग फीडरों के भार का मापन कर ग्रिड को सुरक्षित एवं संरक्षित किये जाने का प्रावधान है। यह प्रणाली छत्तीसगढ़ राज्य भार प्रेषण केन्द्र से स्वचालित रहेगी, जिसकी अद्यतन जानकारी क्षेत्रीय मुख्य अभियन्ताओं के प्रकोष्ठ में लगे हुए डैश बोर्ड पर प्रदर्शित होते रहेगी। केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग के विनियमन (रेग्युलेशन) के अनुसार इसे लागू किया गया है।जिसमें पहले अधिक मांग बढ़ने पर आपात स्थिति में ग्रिड को सुरक्षित करने के लिए भार प्रबंधन का मैनुअली होता था, इसमें समय अधिक लगता था और किसी एक क्षेत्र में भार प्रबंधन होता था, अब यह आटोमेटिक 10 अलग अलग समूह में होगा, जिससे एक बार भार प्रबंधन होने के बाद दूसरे ग्रुप में भार प्रबंधन होगा। नई व्यवस्था में 10 ग्रुप बनाए गए हैं, जिनमें सभी चारों क्षेत्र के फीडर शामिल हैं, यानी किसी एक क्षेत्र में पूरी तरह भार प्रबंधन नहीं किया जाएगा। जैसे ही मांग-आपूर्ति में संतुलन होगा, तुरंत स्थिति बहाल हो जाएगी।छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के डगनिया स्थित लोड डिस्पैच सेंटर में संपादित इस कार्यक्रम में ट्रांसमिशन कंपनी से कार्यपालक निदेशक सर्व श्री डीके चावड़ा, आरके शुक्ला एमएस चौहान, संजय पटेल, केएस मनोठिया, मुख्य अभियंता श्री आरसी अग्रवाल, जी आनंद राव तथा अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्रीमति शारदा सोनवानी, कल्पना घाटे, श्री गिरीश गुप्ता सहित अधीक्षण अभियंता श्री संजय चौधरी, मनोज राय, कार्यपालन अभियंता श्री जीपी सिंह, प्रेम देवांगन तथा डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी से कार्यपालक निदेशक सर्व श्री भीमसिंह कंवर, मुख्य अभियंता श्री संदीप वर्मा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्री संजय आरबी खण्डेलवाल, अधीक्षण अभियंता श्री केएस भारती सहित भार प्रेषण केन्द्र के अन्य सभी अधिकारीगण प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सहायक अभियंता सुश्री संदीपा देवांगन ने किया।
- -बी.टेक खाद्य प्रौद्योगिकी 4 वर्षीय पाठ्यक्रम एक नया अवसर-कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में प्रवेश ले सकते हैं विद्यार्थीरायपुर । भारत के शिक्षा परिदृश्य में पिछले कुछ वर्षों में काफी बदलाव आया है। युवा विद्यार्थी आज ज्ञानोन्मुखी शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के स्थान पर रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों को प्राथमिकता देने लेगे हैं। देश में रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों का महत्व दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी भी एक ऐसा पाठ्यक्रम है जिसमें रोजगार-व्यवसाय की बेहतर संभावनाएं हैं। विगत कुछ वर्षो में खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी से संबंधित उपक्रम एक बडे एवं विस्तृत रूप में सामने आये हैं। सर्वेक्षण के द्वारा यह मालूम किया गया है कि प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होने से एवं बदलते समय के अनुसार व्यस्त जिन्दगी में शहरी लोगो की जीवन शैली में प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों की मांग में लगातार बढोतरी हो रही है। इस प्रकार की स्थिति से हमारा प्रदेश भी अछूता नहीं है।छत्तीसगढ प्रदेश में विभिन्न फसलों, सब्जियों, फलों एवं लघु अनाज एवं वनोपज की प्रचुरता को देखते हुए इस प्रदेश में भी खाद्य प्रौद्योगिकी से संबंधित प्रसंस्करण की तकनीकों का उपयोग करते हुए अनेक प्रकार के डब्बा बंद, प्रसंस्कृत उत्पाद, इंस्टैन्ट/रेडी टू इट प्रकार के खाद्य व्यंजनों का निर्माण आसानी से किया जा सकता हैं। समय की कमी से लोग आज कल डब्बा बंद, प्रसंस्कृत उत्पाद, इंस्टैन्ट/रेडी टू इट प्रकार के खाद्य व्यंजनों को वरीयता दे रहें हैं। फसल और फल सब्जियों का उत्पादन लगातार बढता जा रहा हैं एवं उनकी खपत उस मौसम में न होने के कारण अधिकांश समय कृषकों को हानि की संभावना होती हैं। ऐसी स्थिति से बचने के लिये इन फसलों, फल, सब्जियों में खाद्य प्रौद्योगिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण की तकनीकों का उपयोग करके इनसे मूल्यवर्धित उत्पादों का निर्माण किया जा सकता है जिसे कि गैरमौसमी समयकाल में आसानी से उपयोग किया जा सकता है एवं ऐसा करने से कृषक समुदाय को आर्थिक लाभ आवश्यक रूप से प्राप्त होगा। इन फसलों से मूल्यवर्धित पदार्थ बनाने से प्रदेश के किसानो, युवाओं, महिला स्व सहायता समूहों को रोजगार प्राप्त करने में भी आसानी होगी। आशय यह है कि खाद्य प्रौद्योगिकी आधारित प्रसंस्करण के कार्य भविष्य के लिये अत्यंत उपयोगी हैं एवं इस क्षेत्र के बहुमुखी विकास हेतु मानव संसाधन का विकास करना अति आवश्यक है। भारत में कई राज्यों ने इस विषय की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए अपने-अपने प्रदेशों जैसे महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश आदि प्रदेशों में या तो अनुसंधान केन्द्र प्रारंभ किये गये या बी. टेक. (खाद्य प्रौद्योगिकी) के शैक्षणिक संस्थान प्रारंभ किये गये।छत्तीसगढ राज्य में भी खाद्य प्रौद्योगिकी के महत्व को देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, रायपुर में वर्ष 2020 से प्रारंभ किया है। इस 4 वर्षीय पाठयक्रम के पश्चात बी.टेक. (फूड टेक्नालाजी) की उपाधि प्रदान की जाती है। इस पाठ्यक्रम की प्रति सेमेस्टर फीस लगभग 15 हजार गैर छात्रावास विद्यार्थी हेतु निर्धारित है। फीस इसका सिलेबस भारतीय भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आई.सी.ए.आर.) नई दिल्ली द्वारा अनुमोदित हैं। इस बी.टेक. (फूड टेक्नालाजी) कोर्स की 36 सीटों में प्रवेश हेतु विद्यार्थी को गणित, भौतिक, रसायन विषय के साथ 12 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य हैं तथा व्यापम छत्तीसगढ द्वारा आयोजित पी.ई.टी. की परीक्षा में प्रावीणता के आधार पर प्रवेश दिया जाता है। वर्ष 2023-24 में इस पाठयक्रम में प्रवेश हेतु ऑनईन काऊंसलिंग प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। इच्छुक अभ्यर्थी अधिक जानकारी हेतु www.igkv.ac.in का भ्रमण कर सकते हैं। प्रवेश संबंधी जानकारी हेतु 9425525249 पर व्हाट्सएप कर सकते हैं। इस 4 वर्षीय पाठयक्रम के दौरान विद्यार्थियों को खाद्य अभियांत्रिकी, खाद्य प्रौद्योगिकी, खाद्य रसायन, खाद्य माइक्रोबायोलाजी, खाद्य व्यापार प्रबंधन, खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता जॉच से संबंधित विषयों को महत्व के अनुसार शिक्षण एवं प्रायोगिक कार्य हेतु अलग-अलग घण्टे निर्धारित किये गये हैं। अंतिम वर्ष के विद्यार्थीयों को खाद्य प्रौद्योगिकी से संबंधित संस्थानों/केन्द्रों/इंडस्टीज जैसे बेकरी उद्योग, रेडी-टू- ईट फूड, विभिन्न प्रकार के बेवरेजेज, खाद्यान्नों की पिसाई यूनिट, खाद्य तेल से संबंधित उद्योग, फल और सब्जी के विभिन्न मुल्यवर्धित पदार्थ तथा इनकी पैकेजिंग, दुग्ध एवं दुग्ध-निर्मित उत्पाद, अनाज प्रसंस्करण, कन्फेक्शनरी, चॉकलेट, सोया-निर्मित उत्पाद, नमकीन, स्नैक्स, चिप्स, बिस्कुट, तरह तरह के मसाला उद्योग में प्रशिक्षण हेतु अनुलग्न किया जावेगा एवं संतोषजनक प्रशिक्षण के पश्चात विद्यार्थी उपाधि हेतु योग्य होगा। बी.टेक (फूड टेक्नालाजी) स्नातक खाद्य प्रसंस्करण/खाद्य प्रौद्योगिकी संबंधित क्षेत्र के शासकीय/निजी संस्थान/उपक्रम में रोजगार प्राप्त कर सकते हैं तथा देश/विदेश के अनेक विश्वविद्यालयों/संस्थानों में उच्च अध्ययन हेतु प्रवेश ले सकते हैं।