- Home
- देश
-
नई दिल्ली। रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने दुबई एयर शो 2025 के दौरान संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अपने समकक्ष मोहम्मद मुबारक अल मजरुई से द्विपक्षीय बैठक की। सोमवार को हुई इस बैठक में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा हुई। उन्होंने विशेष रूप से संस्थागत तंत्र, रक्षा प्रदर्शनी, प्रशिक्षण सहयोग तथा संयुक्त अनुसंधान, सह-विकास और सह-उत्पादन के नए अवसरों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया।
रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने दुबई एयर शो 2025 में इंडिया पवेलियन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर यूएई में भारत के राजदूत डॉ. दीपक मित्तल, संयुक्त सचिव अमित सतीजा, वायु सेना उप प्रमुख एयर मार्शल नरमदेश्वर तिवारी और नौसेना के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल समीर सक्सेना सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।पवेलियन में स्वदेशी लड़ाकू विमान तकनीक, नेक्स्ट-जेन रक्षा स्टार्टअप्स, अत्याधुनिक एयरोस्पेस नवाचार और आत्मनिर्भर भारत की शक्ति को प्रदर्शित किया गया है। रक्षा राज्य मंत्री ने दुबई एयर शो में ब्रह्मोस मिसाइल स्टॉल का भी उद्घाटन किया। ब्रह्मोस इस कार्यक्रम के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल जहाजों, मोबाइल लॉन्चर, पनडुब्बियों और लड़ाकू विमानों पर तैनात की जा सकती है। इसके साथ ही यह भूमि और समुद्री दोनों लक्ष्यों को निशाना बनाने में सक्षम है।मंत्री संजय सेठ ने यहां विस्टा स्टार्टअप जोन में प्रदर्शित भविष्यवादी रक्षा और एयरोस्पेस तकनीक का अवलोकन किया। उन्होंने रक्षा क्षेत्र के 15 विजेता स्टार्टअप्स से भी बातचीत की। ये वे स्टार्टअप्स हैं जो भारत की नई तकनीकी क्षमता और नवाचार को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित कर रहे हैं।संयुक्त अरब अमीरात में चल रहे दुबई एयर शो 2025 में भारत अपनी उन्नत रक्षा शक्ति, प्रौद्योगिकी और उद्योग क्षमताओं का व्यापक प्रदर्शन कर रहा है। भारतीय वायुसेना यहां प्रमुख एयर शो में भी शामिल होगी। दुबई में ये आयोजन सोमवार 17 नवंबर व 18 नवंबर को आयोजित किया जा रहा है। यहां इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ के नेतृत्व वाला उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल कर रहा है।दुबई पहुंचे इस प्रतिनिधिमंडल में रक्षा विभाग, रक्षा उद्योग उत्पादन विभाग, विदेश मंत्रालय और तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। यहां लड़ाकू विमानों के प्रदर्शन के साथ-साथ द्विपक्षीय बैठकें एवं उद्योग सहयोग वार्ता भी हो रही है। दुबई एयर शो के दौरान रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने अपने यूएई समकक्ष के साथ द्विपक्षीय बैठक की है। यह बैठक भारत-यूएई रक्षा सहयोग को और मजबूत करने, रक्षा विनिर्माण, तकनीकी साझेदारी और सामरिक आदान-प्रदान को आगे बढ़ाने पर केंद्रित रही। - हैदराबाद। सऊदी अरब में हुए एक बस हादसे में कम से कम 45 लोग मारे गए, जिनमें से अधिकतर हैदराबाद के रहने वाले थे। हैदराबाद के पुलिस आयुक्त वीसी सज्जनार ने सोमवार को प्रारंभिक सूचना का हवाला देते हुए यह जानकारी दी। हैदराबाद में संवाददाताओं से मुखातिब सज्जनार ने बताया कि शहर के 54 लोग नौ नवंबर को जेद्दा गए थे और उन्हें 23 नवंबर को लौटना था। उन्होंने बताया कि इन 54 लोगों में से चार रविवार को अलग कार से मदीना के लिए रवाना हुए, जबकि चार अन्य मक्का में ही रुक गए। सज्जनार के मुताबिक, बाकी बचे 46 लोग एक बस से मदीना की यात्रा पर निकले, जो निर्धारित गंतव्य से लगभग 25 किलोमीटर पहले एक तेल टैंकर से टकरा गई। उन्होंने बताया कि इस हादसे में केवल एक व्यक्ति जीवित बचा है और उसका अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में मदीना में हुए बस हादसे पर गहरा दुख जताया। उन्होंने लिखा कि भारतीय अधिकारी सऊदी अरब के अधिकारियों के साथ निकट संपर्क में हैं। सज्जनार ने कहा, “हमें सूचना मिली है कि 45 लोग मारे गए हैं। वे 23 नवंबर को हैदराबाद लौटने वाले थे।”तेलंगाना के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद अजहरुद्दीन ने प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि मृतकों की संख्या लगभग 47-48 बताई जा रही है। अजहरुद्दीन ने कहा कि शव इतनी बुरी तरह जल चुके हैं कि उनकी शिनाख्त करना मुश्किल है। उन्होंने बताया कि इन्होंने चार अलग-अलग ट्रैवल एजेंट की सेवाएं ली थीं। मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने सऊदी अरब की यात्रा में पीड़ितों के परिजनों की मदद करने का आश्वासन दिया है, जिसमें पासपोर्ट और वीजा सुविधा भी शामिल है। उन्होंने बताया कि हर पीड़ित के परिवार के एक सदस्य को सऊदी अरब भेजा जाएगा।तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने अधिकारियों को सऊदी अरब में हुई बस दुर्घटना के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, यह दुर्घटना उस समय हुई, जब बस मक्का से मदीना जा रही थी। सरकार ने दुर्घटना में शामिल लोगों के परिवारों को सूचना उपलब्ध कराने के लिए सचिवालय में स्थापित नियंत्रण कक्ष के फोन नंबर उपलब्ध कराए हैं। एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने दुर्घटना में हैदराबाद के कई निवासियों की मौत की खबर पर दुख जाहिर किया। एआईएमआईएम ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि ओवैसी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मृतकों के शवों को वापस लाने और घायलों का इलाज कराने में मदद देने का आग्रह किया है।
-
नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र ने इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम के तहत 7,712 करोड़ रुपए की 17 परियोजनाओं के दूसरे चरण को मंजूरी दे दी है। नई दिल्ली में ईसीएमएस की सफलता से जुड़े एक इवेंट में कृष्णन ने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने मौजूदा राउंड के तहत 249 में से 17 एप्लीकेशन को अप्रूव कर दिया है।
एस. कृष्णन ने कहा, “हमारा प्राथमिक उद्देश्य भारत में वैल्यू चेन को मजबूत बनाना है। ग्लोबल कंपनियां वैल्यू चेन के डायवर्सिफिकेशन को लेकर विचार कर रही हैं, वहीं भारत इसमें एक महत्वपूर्ण पार्टनर हो सकता है।” खास बात यह है कि एप्लीकेशन के मौजूदा चरण में जम्मू-कश्मीर से भी पहला निवेश प्राप्त हुआ है। जबकि दूसरी लोकेशन में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दूसरे स्थानों की कंपनियां है। इन 17 एप्लीकेशन में से 10 में 1,500 करोड़ रुपए के संचयी निवेश और 7,669 करोड़ रुपए के उत्पादन के साथ एक्वस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड का नाम शामिल है।इसके बाद 612 करोड़ रुपए के निवेश के साथ सिक्योर सर्किट्स; टीई कनेक्टिविटी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड; 957 करोड़ रुपए के निवेश के साथ जेबिल सर्किट प्राइवेट लिमिटेड; 55 करोड़ रुपए के निवेश के साथ जेटफैब; जेटकेम; 54 करोड़ रुपए के निवेश के साथ माइक्रोपैक प्राइवेट; 264 करोड़ रुपए के निवेश के साथ असुक्स सेफ्टी कंपोनेंट्स; यूनो मिंडा; 250 करोड़ रुपए के निवेश के साथ एटीएंडएस इंडिया; एचआई-क्यू; इन्फोपावर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड; 250 करोड़ रुपए के निवेश के साथ सिरमा मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड और 111 करोड़ रुपए के निवेश के साथ जम्मू-कश्मीर स्थित मीना इलेक्ट्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।इस कार्यक्रम में शामिल केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “सफलता को हासिल करने के लिए हमें हमारी डिजाइन टीम को बनाना होगा। इसके लिए जितनी भी मेहनत करने के जरूरत पड़े हमें करनी होगी। इसके अलावा, जरूरी है कि हमारा ध्यान हर प्रोडक्ट को सिक्स सिग्मा क्वालिटी पर बनाने को लेकर हो, जिसे मैन्युफैक्चर किया जा रहा है। साथ ही, हमारा ध्यान भारतीय सप्लायर्स बनाने की ओर होना चाहिए।”इससे पहले, केंद्रीय मंत्री अश्विनी ने इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ईसीएमएस) के तहत 5,532 करोड़ रुपए की 7 परियोजनाओं के पहले चरण को अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में मंजूरी दिए जाने की घोषणा की थी। - मथुरा। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव रविवार को पंडित धीरेंद्र शास्त्री के नेतृत्व में सनातन एकता पद यात्रा में शामिल हुए। यात्रा जब मथुरा से गुजर रही थी तब यादव उसमें शामिल हुए और सड़क पर बैठकर शास्त्री के साथ भोजन करते नजर आये। वह लगभग एक घंटे तक यात्रा में शामिल रहे। सनातन एकता पद यात्रा गत सात नवंबर को दिल्ली से शुरू हुई और हरियाणा होते हुए रविवार को वृंदावन के श्री बांके बिहारी मंदिर में समाप्त हुई। इससे पहले, बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी, अभिनेता राजपाल यादव, गायक जुबिन नौटियाल सहित कई हस्तियों ने इस यात्रा में भाग लिया।
- नागपुर ।केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि किसी भी कार्य की जिम्मेदारी लेना और उसका सफल कार्यान्वयन सुनिश्चित करना जीवन के सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है। गडकरी ने भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) नागपुर में युवा भारती फाउंडेशन द्वारा आयोजित 'चेंजमेकर्स कॉन्क्लेव' में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करना और उन्हें प्राप्त करने के लिए लगन से काम करना महत्वपूर्ण है। गडकरी ने कहा कि छोटे-छोटे योगदान भी स्थिति बदल सकते हैं।उन्होंने कहा कि छोटे लक्ष्य रखना अपराध है और युवाओं से बड़े सपने देखने, बेहतर भविष्य की कल्पना करने तथा एक मजबूत दृष्टिकोण विकसित करने का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में सक्षम नेतृत्व तैयार करने में अनुभव और सूझबूझ के महत्व पर जोर दिया। गडकरी ने कहा कि सिर्फ सैद्धांतिक ज्ञान ही पर्याप्त नहीं है और लोगों की समस्याओं को सही मायने में समझने के लिए उनसे सीधे जुड़ना जरूरी है। गडकरी ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने (नागपुर में) अधिकांश विकास परियोजनाओं की परिकल्पना लोगों की समस्याओं को समझने के बाद की तथा उन्हें क्रियान्वित किया। उन्होंने कहा, “किसी भी काम में सफलता के लिए उसकी जिम्मेदारी लेना बहुत महत्वपूर्ण है। आप जो भी कार्य हाथ में लें, उसे पूरी लगन और निष्ठा के साथ पूरा करें।” विभिन्न विकास परियोजनाओं का हवाला देते हुए गडकरी ने कहा, “हमें अपने लक्ष्यों और सपनों को हासिल करने की जरूरत है। जनता उन लोगों से बहुत खुश होती है, जो उसे सपने दिखाते हैं। लेकिन साथ ही, वह उन लोगों को दंडित भी करती है, जो उन सपनों को पूरा करने में विफल रहते हैं। जनता उन लोगों से प्यार करती है, जो अपने वादों को पूरा करते हैं।”
-
नई दिल्ली। गुजरात में देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना का काम तेजी से किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सूरत में निर्माणाधीन बुलेट ट्रेन स्टेशन का दौरा किया और मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर की प्रगति की समीक्षा की। शनिवार को पीएम मोदी बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर गुजरात दौरे पर पहुंचे थे। वह सूरत बुलेट ट्रेन स्टेशन पर पहुंचे, जहां उन्होंने काम में लगे इंजीनियरों और कर्मचारियों से बातचीत भी की। वहीं आज रविवार को इससे संबंधित एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें पीएम मोदी सूरत स्टेशन पर काम की बारीकी से जांच करते हुए नजर आए।
पीएम मोदी ने बुलेट ट्रेन परियोजना के काम में लगे इंजीनियरों और कर्मचारियों से बातचीत की। उन्होंने पूछा कि काम में किसी तरह की परेशानी तो नहीं आ रही है और प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए किस तरह से काम किया जा रहा है?इस दौरान कर्मचारियों ने बताया कि हर स्तर पर पूरी मेहनत और बारीकी के साथ काम किया जा रहा है।कर्मचारियों से बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने उनसे कहा कि ये जो आपके अनुभव है अगर वो रिकॉर्डेड होंगे, एक ब्लू बुक की तरह तैयार होते हैं, तो देश में हम बहुत बड़ी मात्रा में बुलेट ट्रेन की दिशा में जाने वाले हैं। अब हम नहीं चाहेंगे हर लोग नया प्रयोग करें। यहां से जो सीखा हुआ है, वो वहां रिप्लिका होना चाहिए। लेकिन वो रिप्लिका तब होगा कि क्यों ऐसा करना पड़े इसका ज्ञान होगा तो होगा। वरना क्या होगा कि वो ऐसे ही कर देंगे। अगर इस प्रकार का कोई रिकॉर्ड आप मेंटेन करते हैं। भविष्य में स्टूडेंट्स के लिए भी काम आ सकता है। जिंदगी यहीं खपा देंगे, देश को कुछ देकर जाएंगे।वहीं, बुलेट ट्रेन कर्मचारी का कहना था कि ना नाम चाहिए, ना इनाम चाहिए, ना नाम चाहिए, ना इनाम चाहिए। बस देश आगे बढ़े, ये अरमान चाहिए।प्रधानमंत्री मोदी ने कर्मचारियों की मेहनत की सराहना की और कहा कि यह प्रोजेक्ट न सिर्फ गुजरात बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि हाई-स्पीड ट्रेन परियोजना देश के ट्रांसपोर्ट सिस्टम को आधुनिक बनाने में एक अहम कदम है और इससे यात्रियों को तेज और सुविधाजनक सफर मिलेगा।गौरतलब है कि मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड रेल कॉरिडोर अहमदाबाद, वडोदरा, भरूच, सूरत, वापी, ठाणे और मुंबई जैसे बड़े शहरों को जोड़ता है। इससे न सिर्फ मुंबई और गुजरात के बीच यात्रा सुगम होगी, बल्कि व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना में मुंबई से अहमदाबाद बाद के बीच कुल 12 स्टेशन होंगे। गुजरात में आने वाले हिस्से का काम काफी तेजी से चल रहा है। जल्द ही इसका ट्रायल भी शुरू किया जा सकता है। पूरी परियोजना के बाद मुंबई-अहमदाबाद की यात्रा केवल दो घंटे में पूरी हो जाएगी, जिससे मुंबई और अहमदाबाद के बीच रोज अपडाउन करने वालों को काफी राहत मिलेगी। - नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी देश के विभिन्न स्थानों पर 700 मेगावाट, 1,000 मेगावाट और 1,600 मेगावाट क्षमता वाली परमाणु ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने की योजना बना रही है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। एनटीपीसी का लक्ष्य 2047 तक भारत की प्रस्तावित 100 गीगावाट परमाणु क्षमता में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी (30 गीगावाट) हासिल करना है। उद्योग के अनुमान के अनुसार, एक गीगावाट क्षमता वाले परमाणु संयंत्र के लिए 15,000-20,000 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होती है और आमतौर पर इसकी शुरुआत से इसे चालू करने तक में तीन साल का समय लगता है। कंपनी की परमाणु विस्तार योजनाओं पर जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने कहा कि एनटीपीसी वर्तमान में गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार और आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों में भूमि विकल्पों का मूल्यांकन कर रही है।कंपनी की रणनीतिक योजना से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, ‘‘परमाणु परियोजनाओं की क्षमता क्रमशः 700 मेगावाट, 1,000 मेगावाट और 1,600 मेगावाट होगी।'' एनटीपीसी परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) द्वारा चिन्हित और अनुमोदित राज्यों में परमाणु ऊर्जा विकास कार्य जारी रखेगी। अधिकारी ने आगे कहा, ‘‘एईआरबी स्थलों को मंजूरी देगा और एनटीपीसी उसी के अनुरूप परियोजनाओं को क्रियान्वित करेगी।'' कंपनी ने कच्चे माल के मोर्चे पर भी प्रयास शुरू कर दिए हैं और विदेशों में यूरेनियम परिसंपत्तियों के अधिग्रहण की संभावना तलाश रही है। यूरेनियम, एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला धात्विक तत्व है और यह परमाणु रिएक्टर में प्रयुक्त होने वाला प्राथमिक ईंधन है। एनटीपीसी ने विदेशों में यूरेनियम परिसंपत्तियों की संयुक्त तकनीकी-व्यावसायिक जांच-परख के लिए यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) के साथ एक समझौते के मसौदे पर पहले ही हस्ताक्षर कर दिए हैं। प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर, एनटीपीसी 700 मेगावाट और 1,000 मेगावाट के संयंत्रों के लिए स्वदेशी रूप से विकसित दाबयुक्त भारी जल रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) स्थापित करने की योजना बना रही है। अधिकारी ने कहा, ‘‘1,600 मेगावाट की परमाणु परियोजनाओं के लिए, हम तकनीकी सहयोग पर विचार कर सकते हैं।''वर्ष 1975 में एक ताप विद्युत उत्पादक के रूप में स्थापित, एनटीपीसी लिमिटेड ने लगातार विस्तार किया है और नए ऊर्जा स्रोतों में विविधीकरण किया है। एनटीपीसी की वेबसाइट के अनुसार, कंपनी की वर्तमान में समूह स्तर पर 84,848 मेगावाट की स्थापित क्षमता है, जिसमें कोयला, गैस/तरल ईंधन, जलविद्युत और सौर ऊर्जा शामिल है। वर्तमान में, एनटीपीसी राजस्थान में भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के साथ एक संयुक्त उद्यम (जेवी) में लगभग 42,000 करोड़ रुपये के निवेश से एक परमाणु परियोजना स्थापित कर रही है।
- जयपुर. जोधपुर जिले में रविवार सुबह भीषण सड़क हादसे में छह लोगों की मौत हो गई और 14 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार रविवार तड़के राष्ट्रीय राजमार्ग के जोधपुर-बालेसर खंड पर श्रद्धालुओं को ले जा रहा टेंपो अनाज की बोरियों से भरे ट्रक से टकरा गया। यह दुर्घटना खारी बेरी गांव के पास हुई। बालेसर के थाना प्रभारी मूलसिंह भाटी ने बताया कि गुजरात के बनासकांठा और धनसुरा इलाके से लगभग 20 तीर्थयात्रियों को लेकर रामदेवरा जा रहे टेंपो को विपरीत दिशा से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी। भाटी ने कहा, ‘‘तीन महिलाओं और तीन अन्य की मौके पर ही मौत हो गई। उनके शव बालेसर अस्पताल के मुर्दाघर में रखवा दिए गए हैं। 14 घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें जोधपुर के एमडीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया।'' मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।
- नयी दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को हरियाणा के फरीदाबाद में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली तथा महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों की त्वरित जांच जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। उत्तरी क्षेत्रीय परिषद में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान राज्य के अलावा केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और चंडीगढ़ शामिल हैं। बैठक में मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल, केन्द्र, राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि क्षेत्रीय परिषद राष्ट्रीय महत्व के व्यापक मुद्दों पर चर्चा करेगी, जिनमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों की त्वरित जांच और उनके शीघ्र निपटारे के लिए 'फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों' (एफटीएससी) का कार्यान्वयन, प्रत्येक गांव के निर्धारित क्षेत्र में भौतिक बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराना तथा आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस-112) का क्रियान्वयन शामिल हैं।बयान के अनुसार, बैठक में विभिन्न क्षेत्रीय स्तर के आम हितों के मुद्दों पर भी चर्चा होगी, जिनमें पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, शहरी नियोजन और सहकारी प्रणाली को सुदृढ़ करना शामिल है। यह बैठक राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी इलाके में आयोजित की जाएगी। उत्तरी क्षेत्रीय परिषद भारत के पांच क्षेत्रीय परिषदों में से एक है, जिसे राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 15 से 22 के तहत स्थापित किया गया था। केंद्रीय गृह मंत्री उत्तरी क्षेत्रीय परिषद के अध्यक्ष हैं, जबकि हरियाणा के मुख्यमंत्री इसके उपाध्यक्ष हैं। प्रत्येक सदस्य राज्य के राज्यपाल दो मंत्रियों को परिषद का सदस्य नियुक्त करते हैं।प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद ने मुख्य सचिव स्तर पर एक स्थायी समिति भी बनाई है। राज्यों द्वारा प्रस्तावित मुद्दों को सबसे पहले संबंधित क्षेत्रीय परिषद की स्थायी समिति में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाता है। स्थायी समिति द्वारा विचार-विमर्श के बाद शेष मुद्दे परिषद की बैठक में आगे की बहस के लिए लाए जाते हैं। बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘टीम भारत' का विजन दिया है और क्षेत्रीय परिषदें इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका सलाहकार है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में, ये परिषदें विभिन्न क्षेत्रों में आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण साबित हुई हैं। सभी राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सहयोग से, पिछले 11 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रीय परिषदों और उनकी स्थायी समितियों की कुल 63 बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं।
- मुंबई. पूर्व केंद्रीय मंत्री और राकांपा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने रविवार को चुनावों में पैसे बांटे जाने का दावा करके राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इससे लोगों के वोट देने के तरीके पर कोई असर नहीं पड़ता। वह मुंबई से लगभग 950 किलोमीटर दूर गोंदिया में एक सार्वजनिक समारोह को संबोधित कर रहे थे।पटेल ने कहा, ‘‘चुनावों में पैसे बांटे जाते हैं। पैसे लेने के बाद भी मतदाता अपनी इच्छा से वोट देते हैं।'' पटेल ने नेताओं को खुद को ‘बाहुबली' के रूप में पेश करने के खिलाफ भी आगाह किया।उन्होंने कहा, ‘‘किसी को भी खुद को ‘बाहुबली' नहीं समझना चाहिए। अतीत में हमने कई बाहुबलियों को चुना है।'' उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, राकांपा (एसपी) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा कि उनके लिए राजनीति जनसेवा का एक माध्यम बनी हुई है। पटेल की टिप्पणियों का समर्थन नहीं करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैंने हमेशा महसूस किया है कि राजनीति लोगों की सेवा करने का एक माध्यम है।''
-
नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दूसरे चरण के तहत मतदाता पर्चियों (ईपीएफ) की छपाई और वितरण की स्थिति पर रविवार को अपडेट जारी किया। छपाई में राजस्थान को छोड़कर सभी राज्यों ने 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया, जबकि वितरण में गोवा और लक्षद्वीप ने शत-प्रतिशत सफलता पाई। सबसे कम वितरण केरल (93.72 प्रतिशत) और पुडुचेरी (94.10 प्रतिशत) में रहा।
चुनाव आयोग के आज रविवार दोपहर 3 बजे जारी बुलेटिन के अनुसार, 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 50 करोड़ 99 लाख 72 हजार 687 मतदाताओं के लिए 50 करोड़ 97 लाख 43 हजार 180 पर्चियां (99.95 प्रतिशत) छप चुकी हैं, जबकि 49 करोड़ 73 लाख 39 हजार 480 पर्चियां (97.52 प्रतिशत) मतदाताओं तक वितरित की जा चुकी हैं।गौरतलब हो, यह प्रक्रिया 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक चलेगी, जिसमें मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन और ईपीएफ वितरण शामिल है। आयोग ने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) नियुक्त करने का अनुरोध किया है ताकि पारदर्शिता बनी रहे।अंडमान-निकोबार में 3 लाख 10 हजार 404 पर्चियां (100 प्रतिशत) छपीं और 3 लाख 10 हजार 204 (99.94 प्रतिशत) वितरित हुईं। छत्तीसगढ़ में 2 करोड़ 12 लाख 30 हजार 737 पर्चियां पूरी छपीं, जिनमें से 2 करोड़ 5 लाख 8 हजार 57 (96.60 प्रतिशत) पहुंचाई गईं। गोवा में 11 लाख 85 हजार 34 पर्चियां (100 प्रतिशत) छपीं और सभी वितरित हुईं।गुजरात में 5 करोड़ 8 लाख 43 हजार 436 में से 5 करोड़ 4 लाख 15 हजार 497 (99.16 प्रतिशत) वितरित हुईं। केरल में 2 करोड़ 78 लाख 50 हजार 855 में से 2 करोड़ 61 लाख 1 हजार 675 (93.72 प्रतिशत) पर्चियां पहुंचीं। लक्षद्वीप में सभी 57 हजार 813 पर्चियां छपीं और पूरी वितरित हुईं।मध्य प्रदेश में 5 करोड़ 74 लाख 6 हजार 143 में से 5 करोड़ 70 लाख 89 हजार 80 (99.45 प्रतिशत) पर्चियां वितरित हुईं।राजस्थान में 5 करोड़ 46 लाख 56 हजार 215 (99.58 प्रतिशत) छपीं और 5 करोड़ 38 लाख 69 हजार 336 (98.15 प्रतिशत) पर्चियां वितरित हुईं। तमिलनाडु में 6 करोड़ 41 लाख 14 हजार 583 छपीं और 6 करोड़ 54 हजार 300 (93.67 प्रतिशत) पर्चियां वितरित हुईं।उत्तर प्रदेश में 15 करोड़ 44 लाख 30 हजार 92 में से 15 करोड़ 7 लाख 92 हजार 212 (97.64 प्रतिशत) पर्चियां पहुंचीं। पश्चिम बंगाल में 7 करोड़ 66 लाख 36 हजार 294 में से 7 करोड़ 59 लाख 94 हजार 997 (99.16 प्रतिशत) वितरित हुईं।आयोग ने बताया कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) की मंजूरी से बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) नियुक्त करते हैं। आयोग के अनुसार कुल 5 लाख 33 हजार 93 बीएलओ और 10 लाख 41 हजार 291 बीएलए कार्यरत हैं।निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि 4 दिसंबर तक शत-प्रतिशत वितरण सुनिश्चित करें। मतदाता पर्ची में नाम, फोटो, पता और पोलिंग बूथ की जानकारी होती है, जो मतदान में सहायक है।वहीं, राजनीतिक दलों से अपील की गई है कि अधिक से अधिक बीएलए नियुक्त करें ताकि किसी भी अनियमितता पर नजर रखी जा सके। यह प्रक्रिया लोकसभा और विधानसभा चुनावों की तैयारी का महत्वपूर्ण हिस्सा है। आयोग ने मतदाताओं से अपील की कि अपनी पर्ची जांचें और यदि नहीं मिली तो निकटतम बीएलओ से संपर्क करें। - कटनी. मध्यप्रदेश के कटनी में खेत की रखवाली कर रहे एक दंपति की शनिवार को कथित तौर पर हत्या कर दी गई। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। बड़वारा थाना प्रभारी (एसएचओ) के.के. पटेल ने संवाददाताओं को बताया कि घटना सुनेहरा इलाके में हुई।पटेल ने कहा, ‘‘40 वर्षीय लल्लू राम कुशवाहा और उनकी 35 वर्षीय पत्नी प्रभा कुशवाहा, जिस खेत की रखवाली कर रहे थे वहीं बने एक छोटे से घर में खून से लथपथ पड़े मिले। स्थानीय ग्रामीणों ने सुबह उनके शव देखे। दंपति मूल रूप से बिजौरा के रहने वाले थे।'' उन्होंने कहा कि दरवाजा अंदर से बंद नहीं था और घर का सामान बिखरा पड़ा था। शरीर पर चोटों के निशान से प्रतीत होता है कि उन पर किसी धारदार हथियार से हमला किया गया। थाना प्रभारी ने बताया, ‘‘फॉरेंसिक टीम ने खून के नमूने, पैरों के निशान और धातु के टुकड़े एकत्र किए हैं। संदेह है कि धातु के टुकड़े हथियार का हिस्सा हो सकते हैं।'' पटेल ने बताया कि अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और ग्रामीणों से पूछताछ की जा रही है, जबकि आस-पास के खेतों, जंगलों और पगडंडियों पर गश्त की जा रही है।
- श्रीनगर/नयी दिल्ली. श्रीनगर के नौगाम पुलिस थाने में ‘‘दुर्घटनावश'' विस्फोट होने से नौ लोगों की मौत हो गई और 32 अन्य घायल हो गए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि यह आतंकवादी हमला नहीं था। जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) नलिन प्रभात और गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रशांत लोखंडे ने बताया कि यह घटना तब हुई जब एक विशेष टीम एक ‘सफेदपोश' आतंकवादी मॉड्यूल के संबंध में जारी जांच के सिलसिले में हरियाणा के फरीदाबाद से जब्त किए गए विस्फोटकों के एक बड़े जखीरे से नमूने ले रही थी। प्रभात और लोखंडे ने क्रमशः श्रीनगर और नयी दिल्ली में मीडिया के समक्ष एक तरह के बयान में आतंकवादी हमले की अटकलों को खारिज किया और इस बात पर जोर दिया गया कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना थी। दोनों अधिकारियों ने पत्रकारों के किसी भी प्रश्न का उत्तर नहीं दिया। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जानमाल के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त किया और विस्फोट के वास्तविक कारण का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए हैं। विस्फोट शुक्रवार रात 11 बजकर 20 मिनट के आसपास हुआ जब एक विशेष टीम एक ‘सफेदपोश' आतंकवादी मॉड्यूल के संबंध में जारी जांच के सिलसिले में हरियाणा के फरीदाबाद से जब्त किए गए विस्फोटकों के एक बड़े और ‘‘खतरनाक'' जखीरे से नमूने ले रही थी। मृतकों में नायब तहसीलदार मुजफ्फर अहमद खान और सुहैल अहमद राठेर (राजस्व विभाग), राज्य अन्वेषण अभिकरण के निरीक्षक इसरार अहमद शाह, फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) से चयन ग्रेड कांस्टेबल ऐजाज अफजल मीर, कांस्टेबल मोहम्मद अमीन मीर और कांस्टेबल शौकत अहमद भट, (क्राइम ब्रांच फोटोग्राफर से) चयन ग्रेड कांस्टेबल जावेद मंसूर राठेर और कांस्टेबल अर्शीद अहमद शाह शामिल हैं। पेशे से दर्जी और नमूना लेने वाली टीम से जुड़े मोहम्मद शफी पार्रे की भी विस्फोट में मौत हो गई।उन्होंने बताया कि कुल 32 लोग घायल हुए हैं - 27 पुलिसकर्मी, दो राजस्व अधिकारी और आस-पास के इलाकों के तीन आम नागरिक। उन्होंने बताया कि उन्हें इलाज के लिए तुरंत स्थानीय अस्पतालों में ले जाया गया। इस भीषण विस्फोट से पुलिस थाने की इमारत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और आस-पास की इमारतें भी प्रभावित हुईं। जम्मू-कश्मीर के नेताओं ने मृतकों के प्रति शोक व्यक्त किया, उपराज्यपाल सिन्हा ने पुलिस नियंत्रण कक्ष में मृतकों को पुष्पांजलि अर्पित की, उनके साथ कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रशांत श्रीवास्तव, मुख्य सचिव अटल डुल्लू और डीजीपी प्रभात भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने भी शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक पोस्ट में नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए विस्फोट पर गहरा दुख और शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार नौगाम पुलिस थाने में दुर्घटनावश हुए विस्फोट से आस-पास की इमारतों को हुए नुकसान की भरपाई करेगी। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार पीड़ित परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि विस्फोट केंद्र सरकार के लिए ख़ुफ़िया और आतंकवाद-रोधी तंत्र को मज़बूत करने के लिए एक चेतावनी है और वह जवाबदेही से नहीं भाग सकती। उन्होंने आतंकवाद के "बढ़ते ख़तरे" पर चर्चा के लिए तत्काल एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की, जिसे बाहरी ताकतों से लगातार समर्थन मिल रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी चिंता व्यक्त की और मृतकों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की, साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। प्रभात और लोखंडे दोनों ने स्पष्ट किया कि विस्फोट उस समय हुआ जब एफएसएल टीम फॉरेंसिक और रासायनिक जांच के लिए जब्त विस्फोटकों के एक बड़े जखीरे से नमूने लेने की निर्धारित प्रक्रिया में जुटी थीं। प्रभात ने कहा, ‘‘बरामदगी की संवेदनशील प्रकृति के कारण, नमूना लेने की प्रक्रिया और संचालन का कार्य एफएसएल टीम द्वारा अत्यंत सावधानी के साथ किया जा रहा था।'' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान दुर्भाग्य से कल रात लगभग 11 बजकर 20 मिनट पर दुर्घटनावश विस्फोट हुआ।'' जिन सामग्रियों से नमूना लिया जा रहा था वे पहले बरामद किए गए लगभग 360 किलोग्राम विस्फोटक पदार्थों, अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर समेत रासायनिक पदार्थों का हिस्सा थीं। एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि विस्फोटकों को हरियाणा के फरीदाबाद से टाटा 407 पिकअप ट्रक में छोटे-छोटे बैगों में भरकर लाया गया था। विस्फोटकों को कश्मीर ले जाने के पीछे के कारण के बारे में अधिकारी ने कहा कि मूल मामला नौगाम थाने में दर्ज है और विस्फोटक उसी पुलिस स्टेशन की संपत्ति थे। इसलिए विस्फोटकों को इतनी दूर ले जाने की ज़रूरत थी। विस्फोटक इकट्ठा करने वाले 'सफेदपोश' आतंकी मॉड्यूल के संभावित ठिकानों के बारे में पूछे जाने पर, अधिकारी ने कहा कि जांचकर्ता अभी भी सुराग ढूंढ़ने में लगे हैं। अधिकारी ने कहा, "संभावित निशाने के बारे में सारी जानकारी... पूरी तरह से काल्पनिक हैं।" यह जखीरा जम्मू-कश्मीर पुलिस ने नौ और 10 नवंबर को आरोपी डॉ. मुजम्मिल गनई के फरीदाबाद स्थित किराए के घर से बरामद किया था। मुजम्मिल को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह 360 किलोग्राम विस्फोटकों का बड़ा हिस्सा नौगाम पुलिस स्टेशन के खुले क्षेत्र में सुरक्षित रूप से रखा गया था। इस थाने में आतंकवादी मॉड्यूल के संबंध में प्राथमिक मामला दर्ज किया गया था। अक्टूबर के मध्य में नौगाम के बनपोरा में दीवारों पर पुलिस और सुरक्षा बलों को धमकी देने वाले पोस्टर दिखाई देने के बाद पूरी साजिश का पर्दाफाश हुआ। सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण से जांचकर्ताओं को पहले तीन संदिग्धों की पहचान करने में मदद मिली। ये तीन संदिग्ध आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद हैं, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इन तीनों के खिलाफ पथराव के मामले दर्ज थे और इन्हें पोस्टर चिपकाते हुए देखा गया था। उनसे पूछताछ के बाद एक पूर्व पैरामेडिक्स से इमाम बने मौलवी इरफान अहमद को गिरफ्तार किया गया। उसने ही पोस्टर मुहैया कराए थे और माना जाता है कि उसने चिकित्सा समुदाय तक अपनी आसान पहुंच का इस्तेमाल करके चिकित्सकों को कट्टरपंथी बनाया। इस सुराग के आधार पर श्रीनगर पुलिस अंततः फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय पहुंची, जहां से उसने डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई और डॉ. शाहीन सईद को गिरफ्तार किया। यहीं से अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर सहित रसायनों का विशाल भंडार जब्त किया गया। जांचकर्ताओं का मानना है कि पूरा मॉड्यूल चिकित्सकों की एक मुख्य तिकड़ी द्वारा चलाया जा रहा था - मुजम्मिल गनई (गिरफ्तार), उमर नबी (10 नवंबर को लाल किले के पास विस्फोट में शामिल कार का चालक) और मुजफ्फर राठेर (फरार)। फरार डॉ. मुजफ्फर राठेर के भाई डॉ. अदील राठेर की भूमिका अब भी जांच के दायरे में है।
- जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने सनातन विचार को देश, काल और स्थिति के अनुसार एकात्म मानव दर्शन का नया नाम देकर लोगों के समक्ष रखा। उन्होंने यह भी कहा कि यह विचार नया नहीं है, किंतु 60 वर्ष बाद भी वर्तमान समय में यह एकात्म मानव दर्शन पूरे विश्व के लिए प्रासंगिक है। एकात्म मानव दर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित दीनदयाल स्मृति व्याख्यान कार्यक्रम में डॉ. भागवत ने कहा कि एकात्म मानव दर्शन को एक शब्द में समझना हो तो वह शब्द है धर्म। उन्होंने स्पष्ट किया, ‘‘इस धर्म का अर्थ केवल मजहब, मत, पंथ या संप्रदाय नहीं है, बल्कि इसका तात्पर्य है सबका गंतव्य समझने वाला धर्म। वर्तमान समय में दुनिया को इसी एकात्म मानव दर्शन के धर्म के अनुसार चलना होगा।'' आयोजकों के अनुसार, सरसंघचालक ने कहा, ‘‘भारत में पिछले कई दशकों में रहन-सहन, खानपान और वेशभूषा बदल गई है, किंतु सनातन विचार नहीं बदला। यही सनातन विचार एकात्म मानव दर्शन है, जिसका आधार यह है कि सुख बाहर नहीं, बल्कि हमारे भीतर ही होता है। जब हम अंदर का सुख देखते हैं, तब समझ आता है कि पूरा विश्व एकात्म है। इस एकात्म मानव दर्शन में अतिवाद की कोई जगह नहीं है।'' शरीर, मन, बुद्धि की सत्ता की बात करते हुए उन्होंने कहा कि सत्ता की भी मर्यादा है।उन्होंने कहा, ‘‘सबका हित साधते हुए अपना विकास करना वर्तमान समय की आवश्यकता है। पूरे विश्व में कई बार आर्थिक उठापटक होती रही है, लेकिन भारत पर इसका असर सबसे कम होता है क्योंकि भारत के अर्थतंत्र का आधार परिवार व्यवस्था है।'' उन्होंने विज्ञान की प्रगति की ओर इशारा करते हुए कहा कि विज्ञान की मदद से भौतिक सुविधाओं का जीवन तो संपन्न हो रहा है, लेकिन क्या इससे मनुष्य के मन में शांति और संतोष भी बढ़ रहा है। डॉ. भागवत ने कहा कि विज्ञान की प्रगति से नयी दवाइयां बनी हैं, किंतु क्या स्वास्थ्य पहले की तुलना में बेहतर हुआ है, यह सवाल भी विचारणीय है। कुछ बीमारियों के कारण भी दवाइयां बनी हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर केवल चार प्रतिशत जनसंख्या 80 प्रतिशत संसाधनों का उपयोग करती है। विकसित और अविकसित देशों में भेद बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में प्रारंभ से ही अनेक विषयों में विविधता रही है, लेकिन यह विविधता कभी झगड़े का कारण नहीं बनी, बल्कि उत्सव का विषय रही। भारत में पहले से अनेक देवी-देवता थे और कुछ और आ गए तो भी कोई समस्या नहीं हुई।'' डॉ. भागवत ने कहा, ‘‘दुनिया यह जानती है कि शरीर, मन और बुद्धि का सुख होता है, लेकिन इसे एक साथ कैसे प्राप्त किया जाए, यह दुनिया नहीं जानती। यह केवल भारत जानता है क्योंकि भारत में शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा सभी के सुख का विचार किया गया है।'' कार्यक्रम की प्रस्तावना एकात्म मानव दर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के अध्यक्ष डॉ. महेश शर्मा ने रखी।
- सूरत. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि बिहार की जनता ने जातिवाद का जहर उगलने वाले विपक्ष और ‘‘मुस्लिम लीग-माओवादी'' गठजोड़ बन चुकी कांग्रेस को नकार दिया। राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के साथ काम कर चुके कांग्रेस के राष्ट्रवादी नेता "नामदार के कारनामों" से दुखी हैं। प्रधानमंत्री मोदी सूरत में रहने वाले बिहार के लोगों द्वारा आयोजित एक अभिनंदन समारोह में बोल रहे थे, जहां उन्होंने राज्य में विधानसभा चुनावों में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की भारी जीत पर उन्हें बधाई दी। मोदी ने कहा कि पिछले एक दशक में कांग्रेस की लगातार चुनावी हार उस पार्टी के लिए आत्ममंथन का विषय है। प्रधानमंत्री ने कहा, "देश ने 'मुस्लिम लीग-माओवादी कांग्रेस' को नकार दिया। इतना ही नहीं, उस पार्टी के वे राष्ट्रवादी नेता, जिन्होंने इंदिरा जी और राजीव जी के साथ काम किया था, 'नामदार' (राहुल गांधी) के हथकंडों से दुखी हैं।" प्रधानमंत्री ने कहा कि कई कांग्रेस नेता कहने लगे हैं कि अब पार्टी को बचाना मुश्किल है।राजग ने बिहार विधानसभा चुनावों में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और अन्य दलों के महागठबंधन का सफाया कर दिया और 243 सदस्यीय विधानसभा में 200 से ज़्यादा सीटें जीत लीं। कांग्रेस केवल छह सीटों पर जीत हासिल कर सकी। प्रधानमंत्री ने कहा, "जिन्होंने 50-60 वर्षों तक शासन किया, उनका एक या दो दशक में यह हाल हो गया, यह स्पष्ट रूप से उनके लिए आत्मनिरीक्षण का विषय है।" उन्होंने राजग की व्यापक जीत का श्रेय बिहार के "एमवाई" (महिला और युवा) मतदाताओं को दिया। बिना नाम लिए मोदी ने कहा कि कुछ नेता जो ज़मानत पर बाहर हैं, उन्होंने जाति-आधारित राजनीति के ज़रिए चुनाव जीतने की भरपूर कोशिश की। मोदी ने कहा, "बिहार में इन 'जमानती' नेताओं ने अपनी पूरी ताकत जातिवाद का जहर फैलाने में लगा दी। उन्हें लगा कि जीत हासिल करने के लिए यही काफी होगा। बिहार चुनाव ने जातिवाद के उस ज़हर को पूरी तरह से नकार दिया है। यह देश के लिए एक बहुत ही उज्ज्वल संकेत है।" प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के सभी क्षेत्रों में समाज के सभी वर्गों ने राजग को जोरदार समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में विजयी गठबंधन और विपक्ष के बीच वोट शेयर में 10 प्रतिशत का बड़ा अंतर है। मोदी ने कहा, ‘‘राजग ने दलित बहुल 38 सीटों में से 34 पर जीत हासिल की है। उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि दलितों ने भी कांग्रेस को नकार दिया है।'' उन्होंने दावा किया कि बिहार में जमीन पर अवैध कब्ज़ा करके और घरों पर कब्ज़ा करके 'वक्फ़' (इस्लामी क़ानून के अनुसार धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए संपत्ति का स्थायी समर्पण) बनाए गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु में हज़ारों साल पुराने गांवों को वक्फ़ संपत्ति घोषित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि चूंकि देश भर में चिंताएं जताई गई थीं, इसलिए केंद्र ने हाल ही में संसद में वक्फ कानून पारित किया। प्रधानमंत्री ने कहा, "बिहार चुनाव के दौरान, इन जमानती नेताओं और उनके साथियों ने सार्वजनिक रूप से वक्फ विधेयक की प्रति फाड़ दी और घोषणा की कि अगर वे जीत गए, तो वे इस कानून को लागू नहीं होने देंगे। बिहार की जनता ने भी इस सांप्रदायिक ज़हर को पूरी तरह से नकार दिया।'' मोदी ने कहा कि चूंकि कांग्रेस अपने सहयोगियों या अपनी पार्टी के सदस्यों को हार के कारणों की व्याख्या करने में असमर्थ है, इसलिए उन्होंने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन), निर्वाचन आयोग और मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण को दोष देकर "आसान" रास्ता चुना है। प्रधानमंत्री ने कहा, "उन्हें बहाने बनाने का तरीका मिल गया है। यह बहाना उन्हें कुछ समय तक तो बचाए रख सकता है, लेकिन उनके कार्यकर्ता उन्हें ज़्यादा देर तक स्वीकार नहीं करेंगे।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस की प्राथमिकता न तो यह देश है, न ही इसके लोग और न ही इसका भविष्य। कांग्रेस नेता राहुल गांधी राज्य चुनावों में "वोट चोरी" का आरोप लगा रहे हैं और निर्वाचन आयोग पर भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगा रहे हैं। मोदी ने दावा किया कि कुछ युवा कांग्रेसी सांसद या विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' के लोग भी डरते हैं कि उनका करियर खत्म हो जाएगा क्योंकि उन्हें बोलने का मौका नहीं मिलता ऐसा इसलिए कि एक नेता "संसद को बंद करने" की बात करता रहता है। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का "अपमान" पसंद नहीं आया।प्रधानमंत्री ने किसी का नाम लिए बिना कहा, "आपने पिछले दो-तीन सालों में बिहार विधानसभा के दृश्य देखे होंगे। नीतीश कुमार का अपमान करना एक चलन बन गया था। उनके लिए अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया गया, ठीक वैसे ही जैसे संसद में दूसरे 'नामदार' नेता सारी मर्यादाएं तोड़ते हुए करते थे।"
- नयी दिल्ली. बिहार में दिसंबर में वार्षिक त्रिपिटक जप समारोह और जेठियन घाटी से राजगीर के वेणुवन के पवित्र बांस के बाग तक बुद्ध के पदचिह्नों का प्रतीकात्मक रूप से अनुसरण करने वाली एक स्मारक पदयात्रा आयोजित की जाएगी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बोधगया में आध्यात्मिक समागम का आयोजन 'इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कॉन्फेडरेशन' (आईबीसी) द्वारा संस्कृति मंत्रालय और 'लाइट ऑफ बुद्ध धर्म फाउंडेशन इंटरनेशनल' (एलबीडीएफआई), अमेरिका के साथ साझेदारी में किया जाएगा। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय त्रिपिटक जप समारोह दो से बारह दिसंबर के बीच आयोजित होने की उम्मीद है, जबकि स्मारक पदयात्रा 13-14 दिसंबर को आयोजित की जाएगी। आयोजन की तारीखों की आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि जप समारोह विश्व के समक्ष अपनी कालातीत बौद्ध विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। बुद्ध की शिक्षाओं का संग्रह, त्रिपिटक, ‘‘प्राचीन भारत की एक स्मारकीय आध्यात्मिक, साहित्यिक और दार्शनिक विरासत'' के रूप में विद्यमान है। संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि बोधि वृक्ष (वह स्थान जहां बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था) के नीचे धर्मग्रंथों का जाप वैश्विक बौद्ध परंपरा में निरंतरता और भक्ति का एक शक्तिशाली प्रतीक बना हुआ है। इस वर्ष के उत्सव को भारत के कई बौद्ध संगठनों द्वारा समर्थित किया गया है, जिसका नेतृत्व ‘इंटरनेशनल त्रिपिटक चैंटिंग कमेटी' (आईटीसीसी) कर रही है।
- नयी दिल्ली. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने वास्तविक समय में बारूदी सुरंग जैसी वस्तुओं का पता लगाने के लिए नयी पीढ़ी के ‘मैन-पोर्टेबल ऑटोनोमस अंडरवाटर व्हीकल (एमपी-एयूवी)' विकसित किए हैं। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि इस प्रणाली में पानी के भीतर चलने वाले कई स्वायत्त वाहन (एयूवी) शामिल हैं, जो वास्तविक समय में बारूदी सुरंग जैसी वस्तुओं का पता लगाने में सक्षम साइड स्कैन सोनार और अत्याधुनिक कैमरों से लैस हैं। मंत्रालय ने कहा कि ‘एमपी-एयूवी' के ‘डीप लर्निंग' आधारित एल्गोरिद्म इस प्रणाली को स्वायत्त रूप से अलग-अलग तरह के लक्ष्यों को पहचानने में सक्षम बनाते हैं, जिससे संचालक पर काम का बोझ और मिशन को पूरा करने में लगने वाला समय काफी कम हो जाता है। मंत्रालय के मुताबिक, एमपी-एयूवी का निर्माण डीआरडीओ की विशाखापत्तनम स्थित नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) ने किया है।
-
नयी दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को आदिवासी नायक बिरसा मुंडा को उनकी 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह पूरे देश के गौरव थे। वर्तमान झारखंड में 1875 में जन्मे मुंडा ने ब्रिटिश शासन को चुनौती दी और उन्हें आदिवासियों को उसके विरुद्ध संगठित करने का श्रेय दिया जाता है। उनका 25 वर्ष की अल्पायु में ब्रिटिश हिरासत में निधन हो गया था। बिरसा मुंडा की जयंती पूरे देश में 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मनाई जाती है। शाह ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भगवान बिरसा मुंडा जी केवल जनजातीय समाज ही नहीं, बल्कि पूरे देश के गौरव हैं। आज पूरा देश हर्षोल्लास से उनकी 150वीं जयंती और जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है। गृह मंत्री ने कहा, ‘‘उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित कर स्वतंत्रता आंदोलन और मातृभूमि की रक्षा के प्रति उनके अटूट संकल्प को नमन किया।'' मुंडा ने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध मुंडा विद्रोह का नेतृत्व किया। आदिवासी अधिकारों और स्वशासन के लिए उनके संघर्ष ने उन्हें स्थानीय समुदायों के प्रतिरोध और सशक्तीकरण का प्रतीक बना दिया।
-
डेडियापाड़ा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के आदिवासी बहुल नर्मदा जिले के देवमोगरा गांव स्थित एक मंदिर में आदिवासी समुदाय की देवी पंडोरी माता की शनिवार को पूजा-अर्चना की। प्रधानमंत्री मोदी राज्य के एक दिवसीय दौरे पर हैं। वह सुबह सूरत हवाई अड्डे पर उतरे। सूरत में मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर की प्रगति की समीक्षा करने के बाद वह नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा कस्बे से लगभग 23 किलोमीटर दूर सागबारा तालुका के देवमोगरा गांव पहुंचे। सागबारा पुलिस थाने के उपनिरीक्षक सी डी पटेल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने देवमोगरा मंदिर में आदिवासियों की देवी की पूजा-अर्चना की।'' बाद में प्रधानमंत्री डेडियापाड़ा में भगवान बिरसा मुंडा के 150वें जयंती समारोह में भाग लेंगे और सभा को संबोधित करेंगे। वह इस अवसर पर 9,700 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न बुनियादी ढांचा एवं विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास करेंगे और उपस्थित जनसमूह को संबोधित भी करेंगे। डेडियापाड़ा में कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री जनजातीय समुदायों के उत्थान और क्षेत्र के ग्रामीण एवं दूरदराज के इलाकों में बुनियादी ढांचे में सुधार के उद्देश्य से कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास करेंगे। मोदी ‘प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान' (पीएम-जनमन) और ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान' (डीए-जगुआ) के तहत निर्मित 1,00,000 घरों के गृह प्रवेश कार्यक्रम में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री लगभग 1,900 करोड़ रुपये की लागत से बने एवं आदिवासी छात्रों को समर्पित 42 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस), समुदाय-आधारित गतिविधियों के केंद्र के रूप में कार्य करने वाले 228 बहुउद्देश्यीय केंद्रों, असम मेडिकल कॉलेज, डिब्रूगढ़ में सक्षमता केंद्र और आदिवासी संस्कृति एवं विरासत के संरक्षण के लिए मणिपुर के इंफाल में आदिवासी अनुसंधान संस्थान (टीआरआई) भवन का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री आदिवासी क्षेत्रों में संपर्क सुविधा में सुधार के लिए गुजरात के 14 आदिवासी जिलों के लिए 250 बस को हरी झंडी दिखाएंगे।
- नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नागालैंड टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर (एनटीटीसी) में कौशल विकास के लिए एआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन किया। एआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने दर्शकों को संबोधित किया। वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “नागालैंड के युवा बेहद क्रिएटिव और उत्साही हैं। चाहे वह टेक्सटाइल हो, लकड़ी का काम हो या कोई दूसरा क्राफ्ट हो हर जगह उनकी प्रतिभा का प्रदर्शन दिखाई देता है।” उन्होंने आगे कहा, “मुझे विश्वास है कि इस अवसर के साथ आप अपने जीवन, नागालैंड के भविष्य और इस राज्य के विकसित भारत में योगदान को लेकर एक बड़ा और महत्वपूर्ण परिवर्तन लाएंगे।”निर्मला सीतारमण कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, वित्त मंत्री की उपस्थिति में साइएंट टेक और एनटीटीसी के बीच समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान भी हुआ। इससे पहले वित्त मंत्री एसएएससीआई परियोजनाओं की समीक्षा बैठक का भी हिस्सा बनीं। निर्मला सीतारमण कार्यालय के अनुसार, “नागालैंड को एसएएससीआई आवंटन 2020-21 में 3 सेक्टर से बढ़कर 2024-25 में 9 सेक्टर तक हो गया है। इसके अलावा, पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र द्वारा एसएएससीआई सहायता के कारण राज्य पूंजीगत व्यय 2020-21 के 1,677 करोड़ से तीन गुना बढ़कर 2024-25 में 4,593 करोड़ हो गया है।”वित्त मंत्री ने नागालैंड के चुमौकेदिमा में एसएएससीआई योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा फंडेड परियोजनाओं की समीक्षा की। इस अवसर पर वित्त मंत्री ने राज्य में एसएएससीआई के तहत दो और परियोजनाओं का शुभारंभ किया। उन्होंने एनटीटीसी दीमापुर में ऑटोमोबाइल वर्कशॉप, ट्रेनिंग ब्लॉक और एग्रो-बेस्ड रूरल टेक्नोलॉजी यूनिट्स सहित प्रमुख फैसिलिटी का दौरा भी किया।वित्त मंत्री अपने इस तीन दिवसीय नागालैंड दौरे में इससे पहले कोहिमा में थीं। यहां उन्होंने राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईईएलआईटी) में स्टूडेंट्स एडवांसिंग माइंडसेट्स इन एआई, रोबोटिक्स, टेक्नोलॉजी एंड डिजिटल हार्डवेयर (समर्थ) का शुभारंभ किया।वह टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड (टीएसएटी) और एनआईईएलआईटी के बीच एक समझौता ज्ञापन के आदान-प्रदान की भी साक्षी बनीं।
- सूरत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सूरत में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार में ऐतिहासिक विजय हुई है, और अगर हम सूरत से आगे जा रहे हों और बिहार के लोगों से मिले बिना जाएं, तो लगता है यात्रा अधूरी रह गई है, इसलिए गुजरात में रहने वाले और खासकर सूरत में रहने वाले मेरे बिहारी भाइयों का हक बनता है, और इसलिए मेरी स्वाभाविक जिम्मेदारी भी बनती है कि आप लोगों के बीच आकर इस विजयोत्सव के कुछ पल का मैं भी हिस्सा बनूं।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज बिहार में विकास की भूख हर जगह दिखाई दे रही है। मुझे याद है कि कैसे कोविड के दौरान देश भर के लोग अपने घरों को लौट रहे थे। उस समय मुझे बिहार के लोगों से बातचीत करने का मौका मिला था, और उनमें से कई लोगों ने उस मुश्किल दौर का इस्तेमाल अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने में किया। यही बिहार के लोगों की असली ताकत है। आप दुनिया में कहीं भी जाएं, आपको बिहार की प्रतिभा हमेशा चमकती हुई दिखाई देगी।उन्होंने कहा कि आप भी जानते हैं और बिहार के लोग भी जानते हैं कि हम वो पार्टी हैं। जब आपने हमें गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में भी काम दिया था, तब भी हमारा एक मंत्र था कि भारत के विकास के लिए गुजरात का विकास। हमारी मूलभूत सोच रही है, ‘नेशन फर्स्ट।’ यही मंत्र हमारे लिए हिंदुस्तान का हर कोना, हिंदुस्तान का हर राज्य, हर भाषा-भाषी नागरिक है। ये हमारे लिए पूजनीय है, वंदनीय है। इसलिए बिहार का भी गौरव करना, बिहार के सामर्थ्य को स्वीकार करना, ये हमारे लिए बहुत सहज बात है।पीएम मोदी ने कहा कि इस चुनाव में एनडीए गठबंधन विजयी हुआ है और महागठबंधन पराजित हुआ है। दोनों के बीच 10 प्रतिशत वोट का फर्क है, ये बहुत बड़ी बात है। यानी, सामान्य मतदाता ने एकतरफा मतदान किया, ये बिहार के विकास के प्रति ललक है।उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों से ये ‘जमानत पर छूटे नेता’ बिहार में घूम-घूमकर जातिवादी राजनीति का राग अलापते रहे। उन्होंने जाति-भेद का जहर घोलने की भरपूर कोशिश की, लेकिन इस चुनाव में बिहार की जनता ने उस जहर को पूरी तरह से नकार दिया।उन्होंने कहा कि बिहार आज दुनिया भर में छाया हुआ है। आप दुनिया में कहीं भी जाइए, बिहार की टैलेंट आपको नजर आएगी। अब बिहार विकास की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने का मिजाज दिखा रहा है। इस चुनाव में उस मिजाज के दर्शन हुए हैं। महिला-युवा एक ऐसा माई कॉम्बिनेशन बना है, जिसने आने वाले दशकों की राजनीति की नींव मजबूत कर दी है।
- नयी दिल्ली/ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार विधानसभा चुनाव में राजग के प्रदर्शन को ‘‘ऐतिहासिक'' बताते हुए शुक्रवार को कहा कि लोगों ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘विकास-केंद्रित' राजनीति में अपना भरोसा जताया है। बिहार विधानसभा चुनाव में शुक्रवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) 243 में से लगभग 202 सीट पर जीत हासिल कर प्रचंड बहुमत की सरकार बनाने की ओर अग्रसर है जबकि लगभग 95 प्रतिशत स्ट्राइक रेट के साथ भाजपा राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरती दिख रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बिहार में राजग को मिला भारी जनादेश विकास, महिला सुरक्षा, सुशासन और गरीबों के कल्याण के लिए उसके कार्यों पर जनता की मुहर है। शाह ने ‘एक्स' पर पोस्ट में कहा, बिहारवासियों का एक-एक वोट भारत की सुरक्षा और संसाधनों से खेलने वाले घुसपैठियों और उनके हितैषियों के खिलाफ मोदी सरकार की नीति में विश्वास का प्रतीक है।भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बिहार विधानसभा चुनाव में राजग की जीत को ‘ऐतिहासिक' बताया और कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘डबल इंजन' सरकार की विकासोन्मुखी एवं कल्याणकारी नीतियों के प्रति विश्वास की मुहर है।बिहार के लिए भाजपा के चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राजग को ‘निर्णायक और अभूतपूर्व' जनादेश देकर, बिहार के लोगों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि विकास, सुशासन और स्थिरता उनकी प्राथमिकताएं हैं। प्रधान ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, राजग के लिए यह शानदार जनादेश प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री कुमार के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार की कल्याणकारी नीतियों के लिए लोगों द्वारा एक मजबूत समर्थन है। भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि लोगों ने जाति और समुदाय से ऊपर उठकर विकास एवं सुशासन के लिए वोट दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पत्रकारों से कहा, यह वोट आशा और विश्वास का है। लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और (बिहार के) विकास की उनकी गारंटी में विश्वास दिखाया है।मोदी की वीडियो क्लिप को साझा करते हुए भाजपा सांसद एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने ‘एक्स' पर भोजपुरी में लिखा, ‘‘बिहार में बंपर जीत हो गईल, जोड़ी मोदी-नीतीश जी के हिट हो गईल''।
- नयी दिल्ली/बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को मिले भारी जनादेश की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पश्चिम बंगाल से ‘जंगलराज' को उखाड़ फेंकने का शुक्रवार को संकल्प लिया और कहा कि जिस तरह गंगा नदी बिहार से होकर बंगाल में बहती है, उसी तरह इस जीत ने वहां भी भाजपा की जीत का मार्ग प्रशस्त किया है। यहां भाजपा मुख्यालय में आयोजित धन्यवाद समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने अन्य चुनावी राज्यों पर भी नजर रखते हुए कहा कि बिहार में मिली भारी जीत ने केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, असम और पश्चिम बंगाल के पार्टी कार्यकर्ताओं में नयी ऊर्जा का संचार किया है। उन्होंने कहा, बिहार की जीत ने पश्चिम बंगाल में भाजपा की जीत का मार्ग प्रशस्त किया है। मैं पश्चिम बंगाल के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपके समर्थन से भाजपा इस राज्य में भी ‘जंगल राज' का खात्मा करेगी।'' प्रधानमंत्री ने भाजपा मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं का अभिवादन ‘गमछा' लहराकर किया।इस दौरान ‘मोदी-मोदी' और ‘भारत माता की जय' के नारे लगाए गए। इस मौके पर बिहार के लोगों से जुड़ने के प्रतीकात्मक संकेत के रूप में, प्रधानमंत्री मोदी ने मिथिला पेंटिंग वाला एक ‘गमछा' पहना हुआ था और ‘‘छठी मईया की जय'' के नारे के साथ अपना भाषण शुरू किया। मोदी ने कहा, ‘‘बिहार की जनता ने इस भारी जीत और अपने अटूट विश्वास के साथ राज्य में गर्दा उड़ा दिया।'' उन्होंने बिहार में जीत को सुशासन की राजनीति के लिए जनादेश बताया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व तथा चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा समेत राजग के सभी नेताओं के योगदान की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यदि लोग भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार को फिर से चुन रहे हैं, तो यह एक जन-समर्थक, शासन-समर्थक और विकास-समर्थक एजेंडे की स्थापना का प्रतीक है। यह भारतीय राजनीति में एक नये आधार को पेश करता है।'' भाजपा के नेतृत्व वाले राजग ने 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा के लिए हुए चुनाव में प्रचंड जीत दर्ज की है।मोदी ने कहा, आज की जीत एक नयी यात्रा की शुरुआत है। बिहार ने हम पर जो विश्वास जताया है, उसने हमारे कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी डाल दी है।'' प्रधानमंत्री ने बिहार के मतदाताओं को आश्वासन दिया कि राज्य और भी तेज गति से प्रगति करेगा, नये उद्योग स्थापित होंगे और युवाओं को राज्य के भीतर ही रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘‘बिहार में निवेश आएगा और यह निवेश अधिक रोजगार लाएगा। बिहार में पर्यटन का विस्तार होगा और लोग बिहार की नयी ताकत देखेंगे। हमारे तीर्थ स्थलों, आस्था के स्थानों और ऐतिहासिक धरोहरों का कायाकल्प किया जाएगा।'' मोदी ने कहा कि इस जीत ने एक नया ‘एमवाई - महिला और यूथ' फॉर्मूला दिया है तथा जनता ने ‘जंगलराज' वालों के सांप्रदायिक ‘एमवाई फॉर्मूले' को ध्वस्त कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘बिहार ने एक बार फिर दिखा दिया है कि झूठ की हार हुई है और लोगों का विश्वास जीता है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि इस जीत से निर्वाचन आयोग पर लोगों का विश्वास मजबूत हुआ है।राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मुस्लिम-यादव समर्थन आधार का स्पष्ट संदर्भ देते हुए मोदी ने कहा कि बिहार में कुछ पार्टियों ने ‘एमवाई-मुस्लिम और यादव-फार्मूला'' तैयार किया था, लेकिन आज की जीत ने एक नया ‘सकारात्मक एमवाई - महिला और यूथ'' फॉर्मूला दिया है। मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘आज बिहार उन राज्यों में से एक है, जहां युवा आबादी अधिक है और ये युवा सभी धर्मों तथा जातियों से हैं। उनकी इच्छाओं, आकांक्षाओं और सपनों ने ‘जंगल राज' वाले लोगों के सांप्रदायिक ‘एमवाई' फॉर्मूले को ध्वस्त कर दिया है।'' उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव ने यह भी दिखाया है कि मतदाता, खासकर युवा मतदाता, मतदाता सूची की गड़बड़ियों को दूर करने की कवायद को गंभीरता से लेते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के युवाओं ने भी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को जबरदस्त समर्थन दिया है। मोदी ने सभी राजनीतिक दलों से हर मतदान केंद्र पर अपने कार्यकर्ताओं की तैनाती करके मतदाता सूची की वर्तमान एसआईआर में शामिल होने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों का यह कर्तव्य है कि वे सभी मतदान केंद्रों पर अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय करें तथा मतदाता सूची के शुद्धिकरण में योगदान दें। नौ राज्यों और तीन केंद्र-शासित प्रदेशों में एसआईआर के दूसरे चरण में अब तक 46.5 करोड़ गणना फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं। ये राज्य और केंद्र-शासित प्रदेश हैं: छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा लक्षद्वीप। इनमें से तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव होंगे।मोदी ने निर्वाचन आयोग की भी सराहना की और कहा कि इसने सुनिश्चित किया कि चुनाव सुचारू रूप से संपन्न हों। उन्होंने राजद के शासनकाल का स्पष्ट रूप से संदर्भ देते हुए याद दिलाया कि कैसे ‘जंगल राज' के दौरान चुनाव में हिंसा आम बात होती थी। मोदी ने कहा कि नयी सरकार के साथ राजग अब बिहार में 25 साल की स्वर्णिम यात्रा की ओर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, बिहार ने यह सुनिश्चित कर दिया है कि इस महान भूमि पर ‘जंगल राज' की वापसी फिर कभी नहीं होगी। आज की जीत बिहार की उन बहनों और बेटियों की है, जिन्होंने राजद के शासन के दौरान ‘जंगल राज' के आतंक को सहन किया।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि यह जीत बिहार के युवाओं की है, जिनका भविष्य कांग्रेस और लाल झंडा लहराने वालों के आतंक के कारण बर्बाद हो गया। मोदी ने कहा, ‘आज का जनादेश विकास की राजनीति और भाई-भतीजावाद की राजनीति की अस्वीकृति के लिए जनादेश है।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जब मैं ‘जंगल राज' और ‘कट्टा सरकार' (तमंचे के जोर पर शासन) के बारे में बोलता था, तो राजद कोई आपत्ति नहीं करती थी। हालांकि, इससे कांग्रेस बेचैन हो जाती थी। आज, मैं दोहराना चाहता हूं कि ‘कट्टा सरकार' बिहार में कभी वापसी नहीं करेगी।
- पटना। सत्तारूढ़ राजग ने शुक्रवार को बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में 202 सीट जीतकर शानदार जीत दर्ज की। निर्वाचन आयोग ने सभी सीटों के चुनाव परिणाम की घोषणा करते हुए यह जानकारी दी। निर्वाचन आयोग के अनुसार, भाजपा 89 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। उसकी सहयोगी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जदयू ने 85 सीट जीती हैं, जबकि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 19 सीट मिली हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) ने पांच सीट जीतीं, जबकि उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने चार सीट जीतीं। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, और राज्य मंत्री प्रेम कुमार, महेश्वर हजारी और संजय सरावगी, और भाजपा की मैथिली ठाकुर राजग खेमे से प्रमुख विजेताओं में शामिल हैं। राजद नेता और ‘इंडिया' गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव, दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शाहाब और भाकपा (माले) लिबरेशन के संदीप सौरव विपक्षी खेमे से प्रमुख विजेताओं में शामिल हैं। तेजस्वी यादव ने राघोपुर सीट से भाजपा के सतीश कुमार को 14,532 मतों के अंतर से हराया।‘इंडिया' गठबंधन को केवल 34 सीट मिलीं। राजद को 25 सीट मिलीं, जबकि कांग्रेस को छह, भाकपा (माले) लिबरेशन को दो और माकपा को एक सीट मिली। हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम ने पांच सीट जीतीं, जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और इंडियन इंक्लूसिव पार्टी को एक-एक सीट मिली। भाजपा और जदयू ने 101-101 सीट पर चुनाव लड़ा था, जबकि उनकी सहयोगी लोजपा (रालोद) ने 28 सीट पर उम्मीदवार खड़े किए थे। ‘इंडिया' गठबंधन में, राजद ने 141 सीट पर चुनाव लड़ा, जबकि कांग्रेस ने 61 और भाकपा(माले) लिबरेशन ने 20 सीट पर चुनाव लड़ा।
- नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए को प्रचंड जीत मिली। इस पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी सम्मानित मतदाताओं को नमन करते हुए हृदय से आभार एवं धन्यवाद दिया।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राज्यवासियों ने हमें भारी बहुमत देकर हमारी सरकार के प्रति विश्वास जताया है। इसके लिए राज्य के सभी सम्मानित मतदाताओं को मेरा नमन, हृदय से आभार एवं धन्यवाद। प्रधानमंत्री मोदी को उनसे मिले सहयोग के लिए उनका नमन करते हुए हृदय से आभार एवं धन्यवाद।”उन्होंने आगे लिखा कि एनडीए गठबंधन ने इस चुनाव में पूरी एकजुटता दिखाते हुए भारी बहुमत हासिल किया है। इस भारी जीत के लिए एनडीए गठबंधन के सभी साथियों, चिराग पासवान, जीतन राम मांझी एवं उपेंद्र कुशवाहा को भी धन्यवाद एवं आभार। आप सबके सहयोग से बिहार और आगे बढ़ेगा तथा बिहार देश के सबसे ज्यादा विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल होगा।वहीं, केंद्रीय मंत्री और लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने एनडीए की जीत पर कहा कि बिहार की जनता ने जिस तरह से एनडीए को प्रचंड बहुमत दिया है और अगले पांच साल बिहार को विकास की ओर ले जाने का फैसला किया है, उसके लिए मैं विशेष रूप से उन्हें धन्यवाद और बधाई देता हूं।उन्होंने कहा कि बिहार में डबल इंजन सरकार को मजबूत करने का ऐसा क्षण आ गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार अगले पांच साल बिहार को विकास की ओर ले जाने का काम करेंगे। यह उन लोगों को जवाब है जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य, एनडीए के कार्यकाल, जंगलराज के होने या न होने और प्रधानमंत्री की प्राथमिकता में बिहार कितना है, इस पर सवाल उठाते थे। पांच दलों का यह गठबंधन एक विजयी संयोजन है।विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “बिहार की जनता का एनडीए को ऐतिहासिक जनादेश। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, बिहार भाजपा और बिहार में हमारे एनडीए सहयोगियों को इस जीत पर बधाई। मुझे विश्वास है कि एनडीए की डबल इंजन सरकार के नेतृत्व में बिहार का सुशासन और विकास नई गति के साथ आगे बढ़ेगा।




.jpg)
.jpg)







.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)









.jpeg)
