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- नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को शनिवार को उनके जन्मदिन पर बधाई दी और उन्हें ‘‘एक महान दृष्टिकोण वाला राजनेता'' बताया। राष्ट्रीय राजनीति में भाजपा को एक मजबूत ताकत के रूप में उभारने में अहम भूमिका निभाने वाले आडवाणी शनिवार को 98 वर्ष के हो गए। उन्हें इस वर्ष भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘लालकृष्ण आडवाणी जी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं। महान दृष्टिकोण वाले और तीक्ष्ण बुद्धिमत्ता से संपन्न राजनेता आडवाणी जी का जीवन भारत की प्रगति को सुदृढ़ करने के लिए समर्पित रहा है।'' प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘उन्होंने निस्वार्थ कर्तव्य और दृढ़ सिद्धांतों की भावना को सदैव अपनाया। उनके योगदान ने भारत के लोकतांत्रिक और सांस्कृतिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ी है। ईश्वर उन्हें उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु प्रदान करे।''
- नयी दिल्ली. भारत के विशाल समुद्री संसाधनों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने के लिए केंद्र सरकार ने देश के विशेष आर्थिक क्षेत्र में गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए नए नियम अधिसूचित किए हैं। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य मछुआरों, सहकारी समितियों और छोटे मछुआरों को सशक्त बनाना है और विदेशी जहाजों को भारतीय जल में मछली पकड़ने से रोकना है। ये नियम चार नवंबर को अधिसूचित किए गए। ये नियम बजट 2025-26 की घोषणा के अनुरूप हैं और इनसे भारत के समुद्री मत्स्य पालन क्षेत्र में नए अवसर खुलने की उम्मीद है।नए नियमों में तकनीकी रूप से उन्नत जहाजों के जरिए गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए मछुआरा सहकारी समितियों और मछली किसान उत्पादक संगठनों (एफएफपीओ) को प्राथमिकता दी गई है। आवेदन प्रक्रिया सरल और समयबद्ध है, जिससे नाव मालिक आसानी से आवेदन कर सकते हैं और स्थिति ऑनलाइन देख सकते हैं। देश में लगभग 2.38 लाख मछली पकड़ने वाली नावें पोर्टल पर पंजीकृत हैं। यह पोर्टल समुद्री उत्पाद निर्यात प्राधिकरण और निर्यात निरीक्षण परिषद से जुड़ा है, जिससे मछली पकड़ने और स्वास्थ्य प्रमाणपत्र आसानी से मिलेंगे। सरकार मछुआरों को प्रशिक्षण, अंतरराष्ट्रीय अनुभव, मूल्य संवर्धन, विपणन और निर्यात में मदद देगी। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले जहाजों में ट्रांसपोंडर और क्यूआर कोडेड आधार/मछुआरा पहचान पत्र अनिवार्य होगा।
- नयी दिल्ली. केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने शनिवार को घोषणा की कि संसद का शीतकालीन सत्र एक से 19 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा। विपक्ष ने इसे बहुत देर से बुलाया गया और संक्षिप्त सत्र बताया। तीन सप्ताह के इस सत्र में कुल 15 बैठकें होंगी और इसके हंगामेदार रहने की उम्मीद है, क्योंकि यह सत्र निर्वाचन आयोग द्वारा 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान को अंजाम दिए जाने के बीच हो रहा है। कई विपक्षी दलों ने एसआईआर को लेकर आपत्तियां जताई हैं। संसद के मानसून सत्र में भी बिहार में एसआईआर को लेकर कई विपक्षी दलों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया, जिसके कारण संसद में प्रतिदिन व्यवधान उत्पन्न हुआ। रीजीजू ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी ने संसद का शीतकालीन सत्र एक दिसंबर 2025 से 19 दिसंबर, 2025 तक (संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन) आयोजित करने के सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।” उन्होंने कहा, “मैं एक रचनात्मक और सार्थक सत्र की आशा करता हूं जो हमारे लोकतंत्र को मजबूत करेगा और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा।”शीतकालीन सत्र की दिशा 14 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों से तय होगी, जहां सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का विपक्षी महागठबंधन के साथ कड़ा मुकाबला है। कई विपक्षी दल भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर' समाप्त करने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बार-बार किए गए दावों पर भी सरकार से जवाब मांग सकते हैं। सत्र की तारीखों की घोषणा के तुरंत बाद, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए इसे बहुत देर से बुलाया गया और संक्षिप्त सत्र बताया। रमेश ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “यह सिर्फ 15 कार्यदिवसों का होगा। इससे क्या संदेश दिया जा रहा है? स्पष्ट है कि सरकार के पास कोई कामकाज नहीं है, कोई विधेयक पारित कराने की जरूरत नहीं है, और किसी बहस की अनुमति नहीं है।” तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने आरोप लगाया कि सरकार को “पार्लियामेंट-ओफोबिया” है और इसे संसद का सामना करने का डर बताया। उन्होंने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “पार्लियामेंट-ओफोबिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी टीम संसद-भय नामक एक गंभीर स्थिति से जूझ रही है, जो संसद का सामना करने का एक अस्वस्थ भय है।'' तृणमूल नेता ने कहा, ‘‘15 दिवसीय शीतकालीन सत्र की घोषणा। संदेहास्पद रिकॉर्ड स्थापित किए जा रहे हैं।” पिछले वर्ष संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से 20 दिसंबर तक आयोजित हुआ था।निर्वाचन आयोग ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का दूसरा चरण शुरू कर दिया है, जिनमें तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे वे राज्य शामिल हैं जहां चुनाव होना है। विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कवायद का दूसरा चरण चार नवंबर को गणना राज्य के साथ शुरू हुआ और चार दिसंबर तक जारी रहेगा। निर्वाचन आयोग नौ दिसंबर को मतदाता सूची का मसौदा जारी करेगा और अंतिम मतदाता सूची सात फरवरी को प्रकाशित की जाएगी।
- गोहपुर (असम). केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को दावा किया कि केंद्र सरकार ने पिछले 11 वर्षों में पूर्वोत्तर में शिक्षा क्षेत्र में 21,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। सीतारमण ने कहा कि इस अवधि के दौरान क्षेत्र में कनेक्टिविटी को भी बढ़ावा मिला है, रेलवे मानचित्र पर नए राज्य शामिल हुए हैं और कई ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों का निर्माण किया गया है। वित्त मंत्री ने तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण पर केंद्रित असम के पहले विश्वविद्यालय की शनिवार को आधारशिला रखने के अवसर पर यह बात कही। विश्वनाथ जिले में गोहपुर के भोलागुड़ी में 415 करोड़ रुपये की लागत से ‘स्वाहिद कनकलता बरुआ राज्य विश्वविद्यालय' का निर्माण किया जा रहा है। यह विश्वविद्यालय कुल 241 एकड़ क्षेत्र में फैला होगा। इसमें 2,000 छात्रों के लिए शैक्षणिक ब्लॉक, 1,620 छात्रों के लिए छात्रावास, आवासीय क्वार्टर, अतिथि गृह और एक छात्र सुविधा केंद्र होगा। विश्वविद्यालय कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं मशीन लर्निंग, साइबर सुरक्षा, ब्लॉकचेन, ड्रोन और नौवहन प्रौद्योगिकी, क्वांटम कंप्यूटिंग, ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस, और स्मार्ट सिटी एवं स्मार्ट वातावरण जैसे विभिन्न तकनीकी क्षेत्रों में पाठ्यक्रम उपलब्ध कराएगा। सीतारमण ने कहा, ‘‘वर्ष 2014 से अब तक केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर में शिक्षा क्षेत्र में 21,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।इस क्षेत्र में 850 से अधिक नए स्कूल खोले गए हैं। क्षेत्र में पहला एम्स शुरू हो गया है, तथा 200 से अधिक नए कौशल विकास संस्थान चालू हो गए हैं। देश का पहला खेल विश्वविद्यालय भी इसी क्षेत्र में स्थापित किया जा रहा है।'' उन्होंने कहा कि अकेले असम में 15 नए मेडिकल कॉलेज बनाए गए हैं, जबकि दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा कैंसर देखभाल केंद्र राज्य में बन रहा है और प्रदेश में जल्द ही क्षेत्र का दूसरा भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) भी होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए केंद्र क्षेत्र की राज्य सरकारों के साथ समन्वय में काम कर रहा है।'' सीतारमण ने कहा कि सड़कों, पुलों और सुरंगों के विकास के अलावा केंद्र इस क्षेत्र में विमानन और रेलवे क्षेत्र पर भी काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में इस क्षेत्र में 10 नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे बनाए गए हैं। सीतारमण ने कहा कि इस अवधि के दौरान मणिपुर और मेघालय को पहली बार देश के रेलवे मानचित्र में जोड़ा गया है। उन्होंने इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानी कनकलता बरुआ को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
- सासाराम/भभुआ. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि यदि कांग्रेस नेता राहुल गांधी वास्तव में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) या अल्पसंख्यक समुदायों के हितों को लेकर चिंतित हैं, तो उन्हें लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) के रूप में इन्हीं वर्गों में से किसी को नियुक्त करना चाहिए था। रोहतास और कैमूर जिलों में जनसभाओं को संबोधित करते हुए सिंह ने राहुल गांधी के ‘‘वोट चोरी'' के आरोप को ‘‘बेवजह और निराधार'' बताया। उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी के पास सबूत हैं, तो उन्हें निर्वाचन आयोग में शिकायत करनी चाहिए। सिंह ने कहा, ‘‘अगर राहुल गांधी वास्तव में अनुसूचित जातियों, जनजातियों या अल्पसंख्यकों की चिंता करते हैं, तो उन्हें लोकसभा में विपक्ष का नेता इन्हीं समुदायों से किसी को बनाना चाहिए था।'' राहुल गांधी 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद विपक्ष के नेता बने थे।रक्षा मंत्री ने कहा,‘‘अगर राहुल गांधी को लगता है कि बिहार में वोट चोरी हो रही है, तो उन्हें सबूतों के साथ निर्वाचन आयोग में शिकायत करनी चाहिए। लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे हैं। वह केवल एक संवैधानिक संस्था पर निराधार आरोप लगा रहे हैं। वह झूठ बोल रहे हैं।'' सिंह ने कांग्रेस पर जाति, धर्म और संप्रदाय के नाम पर समाज में दरार पैदा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह उसकी ‘‘विभाजनकारी राजनीति'' का हिस्सा है। उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी रक्षा बलों में आरक्षण का मुद्दा उठा रहे हैं। हमारे सशस्त्र बल इन सभी बातों से ऊपर हैं। उन्हें राजनीति में नहीं घसीटना चाहिए।'' उन्होंने कहा,‘‘भारतीय जनता पार्टी आरक्षण का समर्थन करती है। हमने गरीबों और समाज के पात्र वर्गों को आरक्षण दिया है।'' सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर' में सशस्त्र बलों की सफलता की सराहना करते हुए कहा कि यह "रुका है, खत्म नहीं हुआ।" उन्होंने कहा, ‘‘अगर आतंकवादी दोबारा भारत पर हमला करने की कोशिश करेंगे, तो हम कड़ी प्रतिक्रिया देंगे। भारत किसी को उकसाता नहीं, लेकिन अगर कोई हमें उकसाता है, तो हम उसे बख्शेंगे नहीं।'' रक्षा मंत्री ने कहा,‘‘भारत अब कमजोर देश नहीं रहा। आज हम दुनिया में एक सशक्त राष्ट्र के रूप में पहचाने जाते हैं।''
- नयी दिल्ली. उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने शनिवार को कहा कि जैन जीवनशैली में शाकाहार को पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का आदर्श माना जाता है और वह दो दशकों से अधिक समय पहले शाकाहारी हो गये थे। जैन आचार्य हंसरत्न सुरीश्वर के 8वें 180 'उपवास पारणा' समारोह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति ने कहा कि जैन धार्मिक गुरुओं द्वारा प्रचारित अहिंसा ही विश्व शांति का मार्ग है। राधाकृष्णन ने कहा, "जैन जीवनशैली में शाकाहार, पशुओं के प्रति करुणा और सतत जीवन जीने की आदत को पूरी दुनिया में पर्यावरणीय जिम्मेदारी का आदर्श माना जाता है।" उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें मांसाहारी भोजन पसंद था लेकिन 2000 में काशी की यात्रा के बाद उन्होंने इसे छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि गंगा में पवित्र स्नान करने से पहले किसी प्रिय चीज का त्याग करने की परंपरा के अनुसार उन्होंने मांसाहारी भोजन छोड़ दिया। उन्होंने कहा, "जब आप मांसाहारी भोजन करते हैं, तो अनुभव अलग होता है। जब आप शाकाहारी भोजन करते हैं, तो आपका मानसिक दृष्टिकोण पूरी तरह बदल जाता है। यही मेरा अनुभव है।" उन्होंने बताया, "आक्रामकता चली गई, धैर्य आया और घमंड खत्म हो गया..."उपवास के लिए आंतरिक शक्ति की आवश्यकता पर बात करते हुए राधाकृष्णन ने कहा कि उन्हें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नवरात्र के नौ दिन उपवास रखते हैं। उन्होंने कहा कि नवरात्र के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या वह कुछ खाना चाहेंगे, लेकिन मोदी ने बताया कि वह नवरात्र के नौ दिन उपवास रखते हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा, "मैं आश्चर्यचकित था कि वह इतने सक्रिय और ऊर्जावान कैसे हैं" और उन्होंने यह भी बताया कि वह सरस्वती पूजा पर आधा दिन उपवास रखते हैं। राधाकृष्णन ने यह भी बताया कि जैन आचार्य सुरीश्वर ने 180 दिन के उपवास को 80 बार निभाया है।
- मनीला. भारतीय गैर-लाभकारी संस्था ‘एजुकेट गर्ल्स' को प्रतिष्ठित रेमन मैग्सायसाय पुरस्कार से सम्मानित किया गया और इसने यह सम्मान उन हजारों क्षेत्रीय समन्वयकों, स्वयंसेवकों और युवा मार्गदर्शकों को समर्पित किया है, जिन्होंने दूरदराज के गांवों में स्कूल न जाने वाली लड़कियों की शिक्षा के लिए काम किया है। इस पुरस्कार की सार्वजनिक रूप से घोषणा 31 अगस्त को की गई थी तथा औपचारिक समारोह शुक्रवार को फिलीपीन की राजधानी स्थित मेट्रोपॉलिटन थिएटर में आयोजित हुआ। वर्ष 2007 में स्थापित, ‘एजुकेट गर्ल्स' उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार के 30,000 से अधिक गांवों में गरीबी और निरक्षरता के चक्र को तोड़ने के लिए काम करती है। पचपन हजार से अधिक समुदाय-आधारित स्वयंसेवकों के समर्थन से यह गैर-लाभकारी संगठन 20 लाख से अधिक लड़कियों को स्कूल वापस लेकर लाया है और शिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से 24 लाख से अधिक बच्चों को सहायता प्रदान की है। ‘एजुकेट गर्ल्स' की स्थापना 2007 में ‘लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स' की स्नातक सफीना हुसैन ने की थी।पुरस्कार स्वीकार करते हुए सफीना हुसैन ने कहा, ‘‘यह पुरस्कार हमारी लड़कियों के लिए है, जो अपने साहस और धैर्य से हमें प्रेरित करती हैं। वे लड़कियां जो घरेलू जिम्मेदारियों को संभालती हैं और अपने, अपने परिवार और अपने देश के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिए देर रात तक पढ़ाई करती हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस सम्मान के माध्यम से, हम उन अभिभावकों, शिक्षकों, समुदाय के सदस्यों और ‘टीम बालिका' के 55,000 स्वयंसेवकों का सम्मान करते हैं जो हर दिन हमारी लड़कियों के साथ खड़े होते हैं। उनका समर्पण दर्शाता है कि जब समुदाय लड़कियों को शिक्षित करने के लिए एकजुट होते हैं, तो हर लड़की को अवसर, विकल्प, आवाज और स्वतंत्रता मिलती है।'' सीईओ गायत्री नायर लोबो ने कहा कि यह सम्मान लड़कियों को शिक्षित करने के एक उद्देश्य से एकजुट होकर एक साथ आने वाले लोगों की अद्भुत शक्ति की याद दिलाता है।उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे सामूहिक प्रयासों, नवोन्मेषी कार्यक्रमों और सरकार की प्रभावशाली योजनाओं का सम्मान करता है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह अगले लक्ष्य 2035 तक एक करोड़ शिक्षार्थियों तक पहुंचने की हमारी महत्वाकांक्षा को और मजबूत करता है। दुनियाभर में लाखों लड़कियां अभी भी सीखने के अपने मौके की प्रतीक्षा कर रही हैं और हम उन्हें और प्रतीक्षा नहीं कराने के लिए दृढ़ हैं।'' सम्मान प्रदान करते हुए, रेमन मैग्सायसाय पुरस्कार फाउंडेशन (आरएमएएफ) ने ‘एजुकेट गर्ल्स' की ‘‘लड़कियों और युवतियों की शिक्षा के माध्यम से सांस्कृतिक रूढ़िवादिता को दूर करने, उन्हें निरक्षरता के बंधन से मुक्त करने तथा उन्हें अपनी पूर्ण मानवीय क्षमता प्राप्त करने के लिए कौशल और साहस प्रदान करने की प्रतिबद्धता'' का उल्लेख किया।'' क्षेत्रीय समन्वयकों, स्वयंसेवकों और प्रथम पीढ़ी के शिक्षार्थियों समेत 25 सदस्यीय ‘एजुकेट गर्ल्स' टीम पुरस्कार समारोह के लिए फिलीपीन की राजधानी पहुंची। एशिया का नोबेल माना जाने वाला रेमन मैग्सायसाय पुरस्कार, एशिया के लोगों की नि:स्वार्थ सेवा में दिखाई गई महान भावना को मान्यता देता है।
- भोपाल. चीता पुनर्वास कार्यक्रम के तहत भारत में स्थानांतरित करने से पहले दक्षिणी अफ्रीका के बोत्सवाना में आठ चीतों को पकड़ा गया है। एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने यह जानकारी दी। चीतों का लाने का यह कार्यक्रम 2022 में शुरू किया गया था जब दशकों पहले सबसे तेज यह जानवर भारत से विलुप्त हो गया था। अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर ‘ एक न्यूज़ एजेंसी ' को बताया कि दो नर चीतों समेत इन चीतों को भारत भेजने से पहले एक महीने के लिए बाड़े में रखा जाएगा और उनका मेडिकल परीक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘अंतर-महाद्वीपीय स्थानांतरण में कई औपचारिकताएं शामिल होती हैं। इन बातों तथा आने वाली क्रिसमस की छुट्टियों को देखते हुए, मैं यह नहीं कह सकता कि चीतों को मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में कुनो नेशनल पार्क में कब भेजा जायेगा, शायद जनवरी में।'' संपर्क करने पर, चीता परियोजना के क्षेत्र निदेशक उत्तम शर्मा ने कहा कि इस विषय को दोनों सरकारें देख रही हैं और वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास पहले से ही चीतों के तीसरी खेप के लिए बाड़े और सुविधाएं तैयार हैं, इन्हें तब तैयार किया गया था जब जानवरों को पहले नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था।''इस बीच, पांच सदस्यीय दक्षिण अफ्रीकी प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को कुनो नेशनल पार्क के मैदानी दौरे के बाद मध्यप्रदेश के मंदसौर और नीमच जिलों की सीमा पर स्थित गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य (जीवन एसडब्ल्यूएस) का भी दौरा किया। मंदसौर के संभागीय वन अधिकारी संजय रायखेरे ने बताया कि टीम शुक्रवार को जीएसडब्ल्यूएस में रही और फिर दक्षिण अफ्रीका वापस जाने के लिए नयी दिल्ली लौट गई। शर्मा ने कहा कि टीम ने चीता परियोजना के तहत चीता संरक्षण में केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार एवं कुनो प्रबंधन के प्रयासों की सराहना की। प्रतिनिधिमंडल में उपमंत्री नरेंद्र सिंह के कार्यालय प्रमुख और संपर्क अधिकारी एंथनी मिशेल; सेवानिवृत्त नौकरशाह काम चेट्टी; सेन पार्क के प्रमुख जीवविज्ञानी सैम फरेरा; एज़ेमवेलो केजेडएम वन्यजीव के पशु वैज्ञानिक ब्रेंट कवरडेल; और दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रीय जैव विविधता संस्थान की वरिष्ठ वैज्ञानिक जेनेटा सेलियर शामिल हैं।शर्मा ने बताया कि उनके साथ इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस के प्रबंध निदेशक और चीता परियोजना के सलाहकार एस पी यादव, मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) सुभरंजन सेन, एनटीसीए के महानिरीक्षक संजयान कुमार शामिल थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को 17 सितंबर, 2022 को कूनो नेशनल पार्क में एक खास बाड़े में छोड़ा, जो चीतों का दुनिया का पहला अंतरमहाद्वीपीय स्थानांतरण था। भारत ने बाद में फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते आयात किए। इस महत्वाकांक्षी पुनःस्थापन कार्यक्रम के तीन साल बाद, देश में अब 27 चीते हैं, जिनमें से 16 भारत की धरती पर पैदा हुए हैं। इनमें से 24 कूनो में और तीन जीएसडबूएस में हैं। परियोजना शुरू होने के बाद से अब तक 19 चीतों - नौ आयातित वयस्क और भारत में पैदा हुए 10 शावकों - की अलग-अलग वजहों से मौत हो चुकी है, जबकि कूनो में अब तक 26 शावक पैदा हुए हैं। अफ्रीका से 20 जानवर आयात करने के बाद, भारत के पास अभी शुरुआती संख्या से सात चीते ज़्यादा हैं।
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नई दिल्ली। भारत की प्रथम नागरिक और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु शनिवार को अफ्रीका दौरे पर रहेंगी। राष्ट्रपति की यह यात्रा 8 से 13 नवंबर तक चलेगी। राष्ट्रपति मुर्मु की अंगोला और बोत्सवाना की छह दिवसीय राजकीय यात्रा को कई मायनों में बेहद खास माना जा रहा है।
भारत के विदेश मंत्रालय के अनुसार यह किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की दोनों देशों की पहली यात्रा होगी। यही वजह है कि इसे ऐतिहासिक माना जा रहा है।अपनी इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगी। इसके अलावा, वह दोनों देशों की संसदों को भी संबोधित करेंगी और प्रमुख राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लेंगी। इसके साथ ही वह लुआंडा और गबोरोन में प्रवासी भारतीयों से बातचीत करेंगी।विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबंध) सुधाकर दलेला ने कहा, “राष्ट्रपति 8 से 13 नवंबर तक अंगोला और बोत्सवाना की राजकीय यात्रा पर रहेंगी। यह किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की अंगोला और बोत्सवाना की पहली राजकीय यात्रा होगी।”विदेश मंत्रालय की तरफ से आगे कहा गया, अफ्रीका के साथ भारत का जुड़ाव बढ़ रहा है। दोनों देशों के बीच राजनीतिक, व्यापार, आर्थिक और विकास साझेदारी समेत सभी प्रमुख क्षेत्रों में संबंध गहरे हो रहे हैं।सचिव दलेला ने कहा कि भारत की अफ्रीका नीति 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित 10 सिद्धांतों द्वारा निर्देशित है। भारत-अफ्रीका फोरम समिट सहयोग के लिए एक व्यापक रूपरेखा के रूप में कार्य करता है। उन्होंने कहा, “हाल के वर्षों में अफ्रीका में 17 नए मिशनों के खुलने के साथ भारत की राजनयिक उपस्थिति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।”अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ लौरेंको मई में भारत आए थे। उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मु को अंगोला की 50वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। अंगोलाई राष्ट्रपति के निमंत्रण पर राष्ट्रपति मुर्मु 8 से 11 नवंबर तक वहां की यात्रा करेंगी।आपको बता दें, भारत और अंगोला इस वर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना की 40वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। अंगोला के राष्ट्रपति वर्तमान में अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष हैं। इसलिए इन सभी कारणों से राष्ट्रपति की यात्रा महत्वपूर्ण है।अंगोला के बाद 11 से 13 नवंबर तक राष्ट्रपति मुर्मु राष्ट्रपति ड्यूमा गिदोन बोको के निमंत्रण पर बोत्सवाना की यात्रा करेंगी। यह राजकीय यात्रा बोत्सवाना के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों को मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु बोत्सवाना में राष्ट्रीय सभा को संबोधित करेंगी, गणमान्य व्यक्तियों से मिलेंगी और प्रौद्योगिकी, फार्मास्यूटिकल्स, ऊर्जा और कृषि में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा करेंगी। विदेश मंत्रालय ने प्रोजेक्ट चीता के तहत भारत के सहयोग के बारे में कहा कि बोत्सवाना से चीतों के ट्रांसलोकेशन पर चर्चा अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (9 नवंबर, 2025) को उत्तराखंड के स्थापना दिवस पर आयोजित रजत जयंती समारोह में हिस्सा लेंगे। पीएम मोदी के कार्यक्रम को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार, रविवार दोपहर लगभग 12:30 बजे पीएम मोदी देहरादून का दौरा करेंगे और उत्तराखंड राज्य के गठन की रजत जयंती समारोह में पीएम मोदी एक स्मारक डाक टिकट भी जारी करेंगे। इस दौरान, वह उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ₹8140 करोड़ से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे, जिनमें ₹930 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और ₹7210 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास शामिल है। ये परियोजनाएं पेयजल, सिंचाई, तकनीकी शिक्षा, ऊर्जा, शहरी विकास, खेल और कौशल विकास सहित कई प्रमुख क्षेत्रों से जुड़ी हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत पीएम मोदी 28,000 से अधिक किसानों के लिए सीधे उनके बैंक खातों में 62 करोड़ रुपये की सहायता राशि भी जारी करेंगे।इसके अलावा, प्रधानमंत्री द्वारा जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा उनमें अमृत (AMRUT) योजना के अंतर्गत 23 क्षेत्रों के लिए देहरादून जलापूर्ति कवरेज, पिथौरागढ़ जिले में विद्युत सबस्टेशन, सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा संयंत्र, नैनीताल के हल्द्वानी स्टेडियम में एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान आदि शामिल हैं। प्रधानमंत्री जल-क्षेत्र से जुड़ी दो प्रमुख परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे-सोंग बांध पेयजल परियोजना, जो देहरादून को 150 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) पेयजल उपलब्ध कराएगी और नैनीताल में जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना, जो पेयजल उपलब्ध कराएगी, सिंचाई और बिजली उत्पादन में सहायक होगी।आपको बता दें, जिन अन्य परियोजनाओं का शिलान्यास किया जाएगा, उनमें विद्युत सबस्टेशन, चंपावत में महिला खेल महाविद्यालय की स्थापना, नैनीताल में अत्याधुनिक डेयरी संयंत्र आदि शामिल हैं।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि 9 नवंबर को होने वाले कार्यक्रम को लेकर कार्यक्रम स्थल का जायजा लिया। अधिकारियों को सभी व्यवस्थाओं को समयबद्धता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए। अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्यक्रम के दौरान आमजन को यातायात एवं आवागमन में किसी प्रकार की असुविधा न हो। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी स्टेशन से वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई। इस दौरान केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और मुख्यमंत्री योगी भी मौजूद रहे। पीएम के हरी झंडी दिखाते ही यात्रियों ने हर- हर महादेव के जयकारे लगाए। उनके स्वागत में काशीवासियों के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुष्पवर्षा की। प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार की शाम दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र काशी पहुंचे।पीएम मोदी ट्रेन में यात्रा करने वाले स्कूली बच्चों से संवाद भी करेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि आज जिस तरह से देश ने विकसित भारत के लिए अपने साधनों को श्रेष्ठ बनाने का अभियान शुरू किया है, ये ट्रेनें उसमें एक मील का पत्थर बनने जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आज वंदे भारत, नमो भारत और अमृत भारत जैसी ट्रेनें भारतीय रेलवे की अगली पीढ़ी की नींव तैयार कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये भारतीय रेलवे को ट्रांसफॉर्म करने का एक पूरा अभियान है। वंदे भारत भारतीयों की, भारतीयों द्वारा, भारतीयों के लिए बनाई गई ट्रेन है, जिस पर हर भारतीय को गर्व है।काशी से खजुराहो वंदे भारत के अलावा, फिरोजपुर-दिल्ली वंदे भारत, लखनऊ-सहारनपुर वंदे भारत और एर्नाकुलम-बेंगलुरु वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई गई है।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन चार नई वंदे भारत ट्रेनों के साथ ही अब देश में 160 से ज्यादा नई वंदे भारत ट्रेनों का संचालन होने लगा है। दुनिया भर के विकसित देशों में आर्थिक विकास का बहुत बड़ा कारण वहां का इंफ्रास्ट्रक्चर रहा है। जिन भी देशों में बड़ी प्रगति, बड़ा विकास हुआ है, उनके आगे बढ़ने के पीछे बहुत बड़ी शक्ति वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की है। आज भारत भी बहुत तेज गति से इसी रास्ते पर चल रहा है। इसी कड़ी में आज देश के अलग-अलग हिस्सों में नई वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत हो रही है।उन्होंने आगे कहा कि हमारे भारत में सदियों से तीर्थ यात्राओं को देश की चेतना का माध्यम कहा गया है। ये यात्राएं केवल देवदर्शन का मार्ग नहीं हैं, बल्कि भारत की आत्मा को जोड़ने वाली पवित्र परंपरा हैं।पीएम मोदी ने कहा कि प्रयागराज, अयोध्या, हरिद्वार, चित्रकूट, कुरुक्षेत्र जैसे अनगिनत तीर्थ क्षेत्र हमारी आध्यात्मिक धारा के केंद्र हैं। आज जब ये पावन धाम वंदे भारत के नेटवर्क से जुड़ रहे हैं, तो एक तरह से भारत की संस्कृति, आस्था और विकास को जोड़ने का भी काम हुआ है। ये भारत की सांस्कृतिक विरासत के शहरों को देश के विकास का प्रतीक बनाने की तरफ एक अहम कदम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है बनारस आना, बनारस में रहना और बनारस की सुविधाओं को जीना। सबके लिए खास अनुभव कराना हमारी सरकार का प्रयास है। -
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने ‘भारत रत्न’ लालकृष्ण आडवाणी को जन्मदिन की बधाई दी है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी के अथक प्रयासों ने पीढ़ियों को ईमानदारी, देशभक्ति और निस्वार्थ कर्तव्य के मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रेरित किया है।सीपी राधाकृष्णन ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “भारत रत्न लालकृष्ण आडवाणी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक बधाई। भारत की लोकतांत्रिक यात्रा में एक प्रतिष्ठित राजनेता और मार्गदर्शक, आडवाणी जी ने अपना जीवन राष्ट्र की प्रगति, एकता और सांस्कृतिक समरसता के लिए समर्पित कर दिया है। अपने शानदार करियर के दौरान उन्होंने स्थायी आदर्शों, दूरदर्शी नेतृत्व और जनसेवा के प्रति गहरी प्रतिबद्धता का उदाहरण पेश किया है।”उपराष्ट्रपति ने आगे लिखा, “आडवाणी के अथक प्रयासों ने पीढ़ियों को ईमानदारी, देशभक्ति और निस्वार्थ कर्तव्य के मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रेरित किया है। उनके योगदान ने भारत के राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्य को गहराई से आकार दिया है।”भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने लालकृष्ण आडवाणी के जन्मदिन पर उनसे मुलाकात की। वेंकैया नायडू ने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष और मेरे पिता समान लालकृष्ण आडवाणी के जन्मदिन पर मैं उनके आवास पर गया और उन्हें अपनी शुभकामनाएं दीं। आडवाणी की देशभक्ति, अनुशासन, समर्पण और दृढ़ संकल्प युवाओं के लिए एक मिसाल है।”इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “एक महान दूरदर्शिता और बुद्धिमत्ता से संपन्न राजनेता आडवाणी जी का जीवन भारत की प्रगति को सुदृढ़ करने के लिए समर्पित रहा है। उन्होंने सदैव निस्वार्थ कर्तव्य और दृढ़ सिद्धांतों की भावना को अपनाया है। उनके योगदान ने भारत के लोकतांत्रिक और सांस्कृतिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ी है। ईश्वर उन्हें उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु प्रदान करे।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें करोड़ों कार्यकर्ताओं के प्रेरणास्रोत बताते हुए कहा, “आडवाणी जी ने यह बताया है कि कैसे निस्वार्थ भाव से पूरा जीवन राष्ट्र के प्रति समर्पित किया जाता है। संगठन से लेकर सरकार तक, उनके हर दायित्व का एक ही लक्ष्य रहा है, राष्ट्र प्रथम। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में उन्होंने संगठन को गांवों की चौपालों से लेकर महानगरों तक पहुंचाया और गृह मंत्री के रूप में देश की सुरक्षा को सुदृढ़ किया। श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में भी उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई और रथ यात्रा निकाल कर पूरे देश में जनजागरण किया। ईश्वर से उनके दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।” -
नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र इस बार 1 दिसंबर से शुरू होगा और 19 दिसंबर तक चलेगा। इसकी जानकारी खुद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए दी। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि शीतकालीन सत्र रचनात्मक और सार्थक होने की आशा है, जो हमारे लोकतंत्र को मजबूत करेगा और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 1 दिसंबर 2025 से 19 दिसंबर 2025 तक संसद का शीतकालीन सत्र बुलाने के सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है (संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन)। एक रचनात्मक और सार्थक सत्र की आशा है जो हमारे लोकतंत्र को मजबूत करे और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करे।”माना जा रहा है कि संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहने वाला है। विशेष पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) के दूसरे चरण, ‘वोट चोरी’, समेत कई मुद्दों को लेकर विपक्षी दल हंगामा कर सकता है।ज्ञात हो कि संसद का मॉनसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया था। मानसून सत्र में लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही काफी बाधित रही थी। इंडी गठबंधन के नेताओं ने एसआईआर के मुद्दों को लेकर हंगामा किया था। ऐसे में एक बार फिर विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे को लेकर केंद्र को घेर सकती हैं।दरअसल, संसद का मानसून सत्र पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ़ गया था। मानसून सत्र में चर्चा के लिए कुल 120 घंटे का समय निर्धारित था, लेकिन हंगामे की वजह से लोकसभा में महज 37 घंटे ही चर्चा हुई थी।वहीं, राज्यसभा में केवल 38.88 फीसदी कामकाज हो सका था। मानसून सत्र में अधिक समय नारेबाजी और हंगामे की भेंट चढ़ गया था। राज्यसभा में मानसून सत्र की कुल कार्यवाही 41 घंटे 15 मिनट चली थी। इस अवधि की उत्पादकता केवल 38.88 प्रतिशत रही थी। -
नई दिल्ली। वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने की खुशी में देशभर में जश्न मनाया जा रहा है। इस मौके पर भारत के विदेश मंत्रालय में भी एमईए एस जयशंकर ने भी इसका जश्न मनाया। इसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी।
एक्स पोस्ट में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “विदेश मंत्रालय वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में राष्ट्र के साथ शामिल है। वंदे मातरम राष्ट्र के दृढ़ संकल्प, प्रतिबद्धता और आशा का प्रतीक है। आज, यह हमें एक साझा स्वप्न और सामूहिक नियति को साकार करने के लिए प्रेरित करता है। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, वंदे मातरम् के मूल में भारत है और यह सदैव हमारे लिए प्रेरणादायी रहेगा।”वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 साल पूरा होने की खुशी में स्मरणोत्सव समारोह का उद्घाटन किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया। बता दें, यह स्मरणोत्सव का कार्यक्रम सालभर चलने वाला है।इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, “वंदे मातरम, ये शब्द एक मंत्र है, एक ऊर्जा है, एक स्वप्न है और एक संकल्प है। वंदे मातरम्, ये शब्द मां भारती की साधना है, मां भारती की आराधना है। वंदे मातरम्, ये शब्द हमें इतिहास में ले जाता है, ये हमारे वर्तमान को नए आत्मविश्वास से भर देता है और हमारे भविष्य को ये नया हौसला देता है कि ऐसा कोई संकल्प नहीं जिसकी सिद्धि न हो सके, ऐसा कोई लक्ष्य नहीं जिसे हम भारतवासी प्राप्त न सकें।”उन्होंने आगे कहा कि गुलामी के उस कालखंड में वंदे मातरम भारत की आजादी के संकल्प का उद्घोष बन गया था कि मां भारती के हाथों से गुलामी की बेड़ियां टूटेंगी और उसकी संतानें स्वयं अपने भाग्य की विधाता बनेंगी। वंदे मातरम् आजादी के परवानों का तराना होने के साथ ही इस बात की भी प्रेरणा देता है कि हमें इस आजादी की रक्षा कैसे करनी है। वंदे मातरम् पहली बार साहित्यिक पत्रिका बंगदर्शन में 7 नवंबर 1875 को प्रकाशित हुआ था। बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने इसे बाद में अपने उपन्यास आनंदमठ में भी शामिल किया। आनंदमठ 1882 में प्रकाशित हुआ था। -
नई दिल्ली। राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस के अवसर पर आयुष मंत्रालय ने कैंसर के प्रति सार्वजनिक जागरूकता और शुरुआती पहचान को मज़बूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। कैंसर आज भी विश्वभर में मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। कई देशों में मुख, गर्भाशय ग्रीवा (cervical) और स्तन कैंसर के मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भारत इस चुनौती से निपटने के लिए शिक्षा, स्क्रीनिंग और समग्र स्वास्थ्य अभ्यासों (holistic health practices) पर अधिक ज़ोर दे रहा है।
कैंसर का एक बड़ा हिस्सा उन कारणों से जुड़ा है जिन्हें रोका जा सकता है — जैसे तंबाकू सेवन, अस्वस्थ आहार, मोटापा, शारीरिक निष्क्रियता, शराब का सेवन, पर्यावरणीय प्रदूषण और एचपीवी संक्रमण। शुरुआती पहचान से कैंसर के इलाज की संभावना कई गुना बढ़ जाती है, खासकर स्तन, गर्भाशय ग्रीवा और मुख कैंसर के मामलों में जिन्हें शुरुआती चरण में पहचाना जा सकता है। तंबाकू से दूर रहना, शराब का सीमित उपयोग, पौध-आधारित आहार लेना, स्वस्थ वजन बनाए रखना, नियमित व्यायाम करना और प्रदूषण से बचाव — ये सभी कैंसर के खतरे को कम करने में मददगार हैं।केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आयुष एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, प्रतापराव जाधव ने कहा कि जनस्वास्थ्य की रक्षा के लिए सक्रिय और जन-केंद्रित दृष्टिकोण आवश्यक है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय के विभिन्न प्रयास — जैसे एकीकृत कैंसर देखभाल केंद्र, सहयोगी अनुसंधान और सामुदायिक कार्यक्रम — यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि सस्ती, समग्र और सहयोगी देखभाल देश के हर नागरिक तक पहुँचे। उन्होंने कहा कि आधुनिक ऑन्कोलॉजी (oncology) और आयुष पद्धतियों के एकीकृत मॉडल से विशेष रूप से कमजोर वर्गों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव, आयुष मंत्रालय ने बताया कि मंत्रालय का बढ़ता हुआ एकीकृत कैंसर देखभाल नेटवर्क, साक्ष्य-आधारित और रोगी-केंद्रित समाधानों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि उत्कृष्टता केंद्र (Centres of Excellence), सहयोगी शोध मंच और टीएमसी–ACTREC, आर्य वैद्यशाला, एम्स जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ साझेदारी के माध्यम से नए चिकित्सीय शोध, लक्षण प्रबंधन और रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।आयुष मंत्रालय अपने प्रमुख उत्कृष्टता केंद्रों के माध्यम से एकीकृत कैंसर देखभाल का विस्तार कर रहा है, जिनमें मुंबई स्थित टीएमसी–ACTREC में इंटीग्रेटिव केयर और आयुष ड्रग डिस्कवरी पर कार्य हो रहा है। ये केंद्र इन-सिलिको, प्रीक्लिनिकल और क्लिनिकल अध्ययन, विशेष ओपीडी और क्षमता निर्माण (capacity building) में सहायता कर रहे हैं। आर्य वैद्यशाला, कोट्टक्कल में स्थित केंद्र ने जीवन की गुणवत्ता और सहायक उपचार पर ध्यान केंद्रित किया है। पिछले दो वर्षों में इस केंद्र ने 26,356 कैंसर रोगियों का प्रबंधन किया है, जिनमें 338 फेफड़ों के कैंसर के मरीज शामिल हैं।मंत्रालय ने दोहराया कि कैंसर की रोकथाम, प्रारंभिक पहचान और एकीकृत सहायक देखभाल भारत की रणनीति के केंद्र में रहनी चाहिए। जागरूकता बढ़ाना, स्क्रीनिंग की पहुंच में सुधार करना और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए आवश्यक है। ये प्रयास आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों को आयुष प्रणाली की रोकथाम और सहायक क्षमताओं के साथ जोड़ने के विज़न को सशक्त बनाते हैं, जिससे राष्ट्रीय कैंसर बोझ को कम किया जा सके और रोगियों एवं समुदायों के कल्याण में सुधार हो सके। -
नई दिल्ली। राष्ट्रभक्ति और मातृभूमि के प्रति समर्पण के प्रतीक ‘वन्दे मातरम्’ की 150 वर्षों की गौरवशाली यात्रा को देश याद कर रहा है। आज शुक्रवार को ‘वन्दे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ के इस ऐतिहासिक अवसर पर भारतीय सेना ने मां भारती को नमन किया। बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा 1875 में रचित “वंदे मातरम्” केवल एक गीत नहीं था, यह वह जयघोष था जिसने स्वतंत्रता संग्राम को नई ऊर्जा दी और हर भारतीय के हृदय में राष्ट्रप्रेम की ज्वाला प्रज्वलित की।
भारतीय सेना ने कहाभारतीय सेना ने वन्दे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर कहा, “बंकिम चंद्र चटर्जी की कलम से जन्मा, वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं – यह हमारी आत्मा की पुकार था, जिसने स्वतंत्रता संग्राम को जीवन दिया और राष्ट्रभक्ति को स्वर।” देश के सैन्य प्रतिष्ठानों, रेजिमेंटल केंद्रों और सीमा चौकियों व विभिन्न सैन्य अभियानों एवं आयोजनों में वंदे मातरम् गर्व के साथ गाया जाता है। सैनिक राष्ट्रध्वज फहराकर, इस गीत को सामूहिक रूप से गाते आए हैं और देश के प्रति अपनी निष्ठा का संकल्प दोहराते हैं।सेना ने अपने संदेश में कहा, “150 वर्षों बाद भी इसकी गूंज हर सैनिक के कदमों में, हर सलामी में, हर बलिदान में सुनाई देती है। वंदे मातरम् – माँ भारती के चरणों में समर्पित हर एक सैनिक के हृदय की अमर पुकार है।”1882 में आनंदमठ उपन्यास में वन्दे मातरम् प्रकाशित हुआ थागौरतलब है कि बंकिम चंद्र की कलम से जन्मा यह गीत करोड़ों देशवासियों की आत्मा की पुकार बना। इसने हमें गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने की शक्ति दी। आज भी ‘वंदे मातरम्’ हर सैनिक के दिल की अमर ध्वनि है। वंदे मातरम के रचयिता बंकिम चंद्र चटर्जी (1838–1894), 19वीं सदी के बंगाल की सबसे जानी-मानी हस्तियों में से एक थे। 19वीं सदी के दौरान बंगाल के बौद्धिक और साहित्यिक इतिहास में उनकी बहुत महत्वूपर्ण भूमिका है। एक जाने-माने उपन्यासकार, कवि और निबंधकार के तौर परउनके योगदान ने आधुनिक बंगाली गद्य के विकास और उभरते भारतीय राष्ट्रवाद की अभिव्यक्ति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला।1882 में आनंदमठ उपन्यास में वन्दे मातरम् प्रकाशित हुआ था। यह गीत स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक बना। 1905 के बंग-भंग आंदोलन से लेकर 1947 की आजादी तक यह राष्ट्रभक्ति का सूत्रधार रहा। रवींद्रनाथ टैगोर ने इसे संगीतबद्ध किया था। यह देश की सभ्यतागत, राजनीतिक और सांस्कृतिक चेतना का अभिन्न अंग बन चुका है।150 वर्षों बाद भी वंदे मातरम् भारत की आत्मा में जीवित हैआज 150 वर्षों बाद भी वंदे मातरम् भारत की आत्मा में जीवित है। हर सैनिक की चाल में, हर ध्वज की लहर में और हर भारतीय की सांस में बसता है। यह देश की सभ्यतागत, राजनीतिक और सांस्कृतिक चेतना का अभिन्न अंग बन चुका है। -
नई दिल्ली। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को कहा कि पीएम मोदी द्वारा स्मारक डाक टिकट और विशेष सिक्के को पेश किया जाना ‘वंदे मातरम्’ की गूंज नई पीढ़ियों तक पहुंचाने को लेकर महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि एक नए वेब पोर्टल वंदेमातरम्150डॉटइन, स्मारक सिक्के और डाक टिकट के साथ हमारे राष्ट्रगीत की प्रेरणा अमर बनी रहेगी।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “पीएम मोदी ने आज नई दिल्ली में महान क्रांतिकारी बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय की अमर रचना ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में स्मारक डाक टिकट का विमोचन किया। इस डाक टिकट को इंडिया पोस्ट ऑफिस द्वारा जारी किया गया।”उन्होंने आगे लिखा, “इस अवसर पर पीएम मोदी ने एक स्मृति चिह्न के रूप में विशेष सिक्के का भी विमोचन किया और साथ ही वेब पोर्टल वंदेमातरम्150डॉटइन का शुभारंभ किया, जिससे इस महान राष्ट्रीय गीत की गूंज नई पीढ़ियों तक पहुंचे और इसकी प्रेरणा अमर बनी रहे।”इस बीच, यूजर्स की सुविधा के लिए भारतीय डाक विभाग की ओर से डाक सेवा 2.0 ऐप लॉन्च किया गया है। इस ऐप को एंड्रॉइड यूजर्स प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। ऐपभारतीय डाक विभाग ने अपनी सेवाओं को आधुनिक और तेज बनाने के लिए डाक सेवा 2.0 ऐप लॉन्च किया है। इस ऐप के माध्यम से डाकघर से जुड़े काम अब मोबाइल फोन से घर बैठे हो जाएंगे। एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर्स गूगल प्ले स्टोर और आईफोन यूजर ऐपल ऐप स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इस ऐप की मदद से ग्राहक बिना डाक विभाग जाए घर बैठे ही ही बहुत से काम कर सकते हैं। यूजर्स को इस ऐप के साथ ट्रैकिंग, डाकघर खोजने के अलावा, डाक शुल्क कैलकुलेटर जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। डाक सेवा 2.0 ऐप का इस्तेमाल हिंदी के अलावा कई दूसरी भाषाओं जैसे अंग्रेजी, डोगरी, गुजराती, मराठी, पंजाबी, उर्दू, कोंकणी, मैथली और बंगाली में किया जा सकता है। ऐप को कुल 23 भाषाओं में इस्तेमाल करने की सुविधा दी गई है।इससे पहले संचार मंत्रालय की ओर से जानकारी देते हुए बताया गया था कि डाक विभाग के अंतर्गत इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने पेंशनभोगियों को डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी) सेवाएं उनके डोर-स्टेप पर उपलब्ध करवाने के लिए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के साथ साझेदारी की है। -
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आवारा कुत्तों के मामले में महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है। कोर्ट ने प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे से बचाने और राजमार्गों से आवारा मवेशियों व अन्य जानवरों को हटाने के लिए कई निर्देश जारी किए।
देश भर में आवारा कुत्तों के प्रबंधन मामले पर स्वतः संज्ञान मामले न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया की पीठ ने सुनवाई की। इस दौरान उन्होंने आदेश दिया कि आवारा कुत्तों के प्रवेश को रोकने के लिए प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, सार्वजनिक खेल परिसर, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर उचित बाड़ लगाई जाए।न्यायमूर्ति नाथ की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्थानीय नगर निकायों को ऐसे परिसरों की नियमित तौर पर निगरानी करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियम, 2023 के तहत अनिवार्य टीकाकरण और नसबंदी के बाद जानवरों को निर्दिष्ट आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया।शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि इन सार्वजनिक स्थानों से हटाए गए कुत्तों को उसी स्थान पर वापस नहीं लाया जाना चाहिए। साथ ही, कोर्ट ने समय-समय पर निरीक्षण करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति नाथ की अध्यक्षता वाली पीठ ने राजमार्गों से आवारा पशुओं और अन्य जानवरों को तुरंत हटाने का भी आदेश दिया। पीठ ने कहा कि ऐसे जानवरों को बिना किसी देरी के निर्दिष्ट आश्रय स्थलों में पहुंचाया जाए।शीर्ष अदालत ने आदेश दिया, “सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें। अन्यथा, अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा।” साथ ही, निर्देशों को लागू करने के लिए अपनाई गई व्यवस्थाओं के लिए आठ हफ़्तों के अंदर अनुपालन स्थिति रिपोर्ट (कंप्लायंस स्टेटस रिपोर्ट) मांगी।इससे पहले, सर्वोच्च न्यायालय ने एबीसी नियमों के क्रियान्वयन में खामियों को लेकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रति नाराजगी व्यक्त की थी। न्यायमूर्ति नाथ की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले की बारीकी से जांच कर रही है। पीठ इस बात पर जोर दे रही है कि आवारा पशुओं से जुड़ी कई घटनाएं न केवल जन सुरक्षा से समझौता करती हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि को भी खराब करती हैं।पीठ ने टिप्पणी की, “लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि भी खराब होती है। हम समाचार रिपोर्ट भी पढ़ रहे हैं।” -
नयी दिल्ली. भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (आईआईएमए) ने व्यावसायिक विश्लेषण (बिजनेस एनालिटिक्स) और कृत्रिम मेधा (एआई) में अपनी तरह का पहला दो वर्षीय मिश्रित एमबीए कार्यक्रम शुरू किया है। यह अभिनव डिग्री प्रदान करने वाला एमबीए कार्यक्रम उन पेशेवरों और उद्यमियों के लिए तैयार किया गया है जो उन्नत विश्लेषणात्मक और एआई-संचालित क्षमताओं को नेतृत्व, रणनीति और प्रबंधन विशेषज्ञता के साथ एकीकृत करना चाहते हैं। आईआईएमए के निदेशक भारत भास्कर ने कहा, ‘‘विश्लेषण और एआई अब केवल पूरक साधन नहीं रह गए हैं, बल्कि वे उद्यमों के प्रतिस्पर्धा, नवाचार और हितधारक मूल्य सृजन के मूल में हैं। इस वास्तविकता ने ऐसे पेशेवरों की तत्काल आवश्यकता पैदा कर दी है जो प्रबंधकीय विशेषज्ञता को गहन तकनीकी-विश्लेषणात्मक प्रवाह के साथ जोड़ सकें।'' उन्होंने कहा, ‘‘आईआईएम अहमदाबाद की इस अनूठी पेशकश के साथ, हम महत्वाकांक्षी प्रबंधकों और उद्यमियों के लिए उच्च-प्रभाव कौशल हासिल करने, एआई-सक्षम व्यावसायिक मॉडल में महारत हासिल करने और जिम्मेदारी से तथा बड़े पैमाने पर डिजिटल बदलावों का नेतृत्व करने के लिए एक सशक्त मार्ग तैयार कर रहे हैं।'' आईआईएमए के डीन (प्रोग्राम्स) दिप्तेश घोष ने कहा कि शीर्ष बी-स्कूल ऐसे कार्यक्रम तैयार करते हैं जो वास्तविक, समकालीन चुनौतियों और व्यवसाय की अस्थिरता को उठाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह मिश्रित एमबीए कार्यक्रम ऐसे लोगों का विकास करता है जो डेटा, एआई और सुदृढ़ प्रबंधकीय निर्णय के साथ विभिन्न कार्यों से जुड़ी समस्याओं का समाधान करते हैं। शिक्षार्थी बहु-विषयक क्षमता का निर्माण करते हैं, विश्लेषण को परिणामों में बदलते हैं और तकनीक-संचालित संदर्भों में आत्मविश्वास से प्रगति करते हैं।''
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नोएडा (उप्र) . साइबर ठगों ने एक सेवानिवृत शिक्षिका को धन शोधन मामले में नाम आने का डर दिखाकर सात दिनों तक ‘डिजिटल अरेस्ट' रखा और डरा धमकाकर कथित तौर पर 31 लाख रुपये ठग लिये। पुलिस ने यह जानकारी दी। साइबर अपराधियों ने खुद को पुलिस व प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का अधिकारी बताकर लाखों रुपये ऐंठ लिये।
पीड़िता की शिकायत पर साइबर अपराध थाने में बृहस्पतिवार को मुकदमा दर्ज किया गया।अपर पुलिस उपायुक्त (साइबर अपराध) शैव्या गोयल ने बताया कि सेक्टर-100 में रहने वाली पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा है कि उनके पास 24 अक्टूबर की सुबह जालसाजों ने ट्राई कर्मचारी बनकर फोन किया और कहा कि दो घंटे में उनका सिम बंद हो जाएगा। महिला ने कारण पूछा तो बताया कि उनके आधार कार्ड से दिल्ली के दरियागंज स्थित एक बैंक की शाखा में खाता खोला गया है और इसमें अवैध रुपये लेनदेन होने पर दरियागंज थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। गोयल ने बताया कि कुछ देर बाद बुजुर्ग के पास ठगों ने दिल्ली पुलिस का अधिकारी बनकर वीडियो कॉल की और उनके खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज होने की जानकारी दी और उनसे लाखों रुपये ठग लिये। अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।‘डिजिटल अरेस्ट' तेजी से बढ़ता साइबर अपराध है, जिसमें जालसाज ऑडियो या वीडियो कॉल पर खुद को कानून प्रवर्तन एजेंसियों, अदालत या सरकारी विभागों के कर्मचारी के रूप में पेश करके पीड़ितों को डराते-धमकाते हैं और उन पर रुपये देने का दबाव बनाते हैं। -
शाहजहांपुर (उप्र). शाहजहांपुर जिले में घर के बाहर सो रहे दंपति को ट्रैक्टर-ट्राली ने रौंद दिया, जबकि उनकी दस वर्ष की पोती गंभीर रूप से घायल हो गई। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) राजेश द्विवेदी ने बताया कि बुधवार रात थाना पुवाया अंतर्गत पुवायां निगोही मार्ग पर एक ट्रैक्टर ट्राली जब सुनारा बुजुर्ग गांव पहुंची तभी चालक ने वाहन पर से नियंत्रण खो दिया और वाहन ने घर के बाहर सो रहे दंपति को रौंद दिया । उन्होंने बताया कि मृतक की पहचान रामशंकर (48) एवं उनकी पत्नी तारावती (45) के रूप में की गई है। हादसे में अपनी दादी के पास सो रही वंदना (10) गंभीर रूप से घायल हो गई। द्विवेदी ने बताया कि सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में ले लिया है और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, वहीं बच्ची को इलाज के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि हादसे के बाद परिजनों ने शवों को सड़क पर रख कर रास्ता जाम किया और आरोपी चालक को गिरफ्तार करने की मांग की। हालांकि बाद में अधिकारियों के समझाने पर उन्होंने प्रदर्शन समाप्त कर दिया। पुलिस के मुताबिक घटना के बाद चालक फरार हो गया, उसे पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं साथ ही ट्रैक्टर ट्राली जब्त कर ली गई है।
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गांधीनगर. वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बृहस्पतिवार को युवाओं से भारत को अतीत की तरह एक महान देश बनाने और जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव का त्याग करने का आह्वान किया। वायुसेनाध्यक्ष कर्णावती विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह के दौरान छात्रों को संबोधित कर रहे थे। एयर चीफ मार्शल सिंह ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘मुझे जिम्मेदारी के पहलू पर बोलने दीजिए। हमें इस देश को महान बनाना है। हम कभी दुनिया में अग्रणी थे, लेकिन पिछली कुछ शताब्दियों में हम पिछड़ गए। अगर हमें फिर से अच्छा करना है, तो आप जैसे लोग ही महत्वपूर्ण होंगे, जो इस देश का भविष्य हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करें। कोई सामाजिक विभाजन नहीं होना चाहिए, क्योंकि जो भी हमें बांटता है वह अच्छा नहीं है। हमारी रगों में एक ही खून बहता है और हम सभी एक ही देश के हैं। जाति या धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। तभी हमारा देश प्रगति करेगा।'' एयर चीफ मार्शल सिंह ने छात्रों से कहा कि कुछ भी बनने से पहले उन्हें करुणा, ईमानदारी, निष्ठा और नि:स्वार्थता जैसे गुणों वाला अच्छा इंसान बनने का प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘टीम के रूप में कार्य करना बहुत महत्वपूर्ण है। याद रखें कि हम सभी एक बड़ी व्यवस्था का हिस्सा हैं। हम सभी दीवार में लगी ईंटों की तरह हैं। हम सभी को अपना कर्तव्य निभाना होगा। यह राष्ट्र आपसे और मुझसे बना है। अगर हम भारत को महान बनाना चाहते हैं, तो हमें पहले खुद को बेहतर इंसान बनाना होगा।'' वायुसेनाध्यक्ष ने लोगों से समाज को कुछ वापस देने के बारे में सोचने का आग्रह किया।
‘‘प्रत्येक सैनिक वर्दी में नागरिक है और प्रत्येक नागरिक बिना वर्दी के सैनिक है'' जैसे वाक्यांश का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कुछ प्रयास और समय राष्ट्र और समाज के लिए समर्पित किया जाना चाहिए। एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने वहां मौजूद छात्रों से कहा, ‘‘आप जीवन में चाहे जो भी हासिल करें, जहां भी जाएं, अपनी जड़ों और अपने मूल को हमेशा याद रखें। अपने माता-पिता और शिक्षकों की शिक्षाओं को याद रखें। हमेशा विनम्र रहें और जमीन से जुड़े रहें। सफलता का कोई ‘शॉर्टकट' नहीं है। आपको कड़ी मेहनत करनी होगी।'' दीक्षांत समारोह के दौरान वायुसेनाध्यक्ष को ‘डॉक्टर ऑफ लिटरेचर' की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। -
नयी दिल्ली. वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी हैं कि निष्क्रिय जीवनशैली के कारण किशोरों में उच्च रक्तचाप के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और 25 वर्ष की आयु के व्यक्तियों में भी हृदयाघात के मामले सामने आ रहे हैं। इन विशेषज्ञों का मानना है कि अब 50 प्रतिशत हृदयाघात 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों में हो रहे हैं और दिल्ली के 60 प्रतिशत स्कूली बच्चे मोटापे से ग्रस्त हैं। इन चिंताजनक आंकड़ों के मद्देनजर विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगली पीढ़ी के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने का उपाय ‘ब्लू जोन' सिद्धांतों की ओर तत्काल लौटना है। ‘ब्लू जोन्स' दुनिया के पांच क्षेत्रों को कहा जाता है जिसमें ओकिनावा (जापान), सार्डिनिया (इटली), निकोया (कोस्टा रिका), ईकारिया (यूनान) और लोमा लिंडा (कैलिफोर्निया) शामिल है। यहां लोग लंबा और स्वस्थ जीवन जीते हैं और अत्यधिक सक्रिय तथा ऊर्जा से भरपूर रहते हैं। यह मुख्य रूप से उनके विशेष जीवनशैली के कारण संभव होता है। फोर्टिस, नोएडा के 'इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी विभाग' के वरिष्ठ निदेशक और प्रमुख डॉ. संजीव गेहरा ने पिछले सप्ताह आयोजित 'हिल वनहेल्थ कनेक्ट सीरीज' में इस ‘महामारी' की गंभीरता पर चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “हम 25 वर्ष की उम्र में हृदयघात के मामले देख रहे हैं, जबकि 50 प्रतिशत मामले 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों में हैं। इसका मुख्य कारण हमारी निष्क्रिय जीवनशैली है। दिल्ली के किशोरों में 60 प्रतिशत मोटापे की दर गहराते संकट की चेतावनी है और इससे 40 वर्ष की आयु तक अंगों को भारी नुकसान पहुंच सकता है। हमें 25 वर्ष से प्रारंभ होने वाले निवारक जांचों पर ध्यान केंद्रित करना होगा और सरल ‘ब्लू जोन' सिद्धांत अपनाना होगा।” इंडिया हबिटेट सेंटर के निदेशक और 'हिल वनहेल्थ कनेक्ट सीरिज' के अध्यक्ष प्रोफेसर के जी सुरेश ने कहा, “स्वस्थ भारत के लक्ष्य को हासिल करने में संचार और समुदाय की भागीदारी की भूमिका अहम है। संचार के बिना स्वास्थ्य योजनाएं विफल हो जाती हैं। स्वास्थ्य को ‘जन भागीदारी' आंदोलन बनाना होगा। जैसे हम सफाई के लिए स्वच्छता रैंकिंग देते हैं, वैसे ही हमें समुदाय स्वास्थ्य के लिए ‘स्वास्थ्य रैंकिंग' लागू करनी चाहिए। प्रतिस्पर्धा बदलाव लाती है और स्वास्थ्य को एक सामूहिक पड़ोस की प्राथमिकता बनाती है।” दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. जी. एस. ग्रेवाल ने दलील दी कि ब्लू जोन एक आदर्शवादी कल्पना है जो शहरी आबादी के लिए पहुंच से बाहर है। डॉ. ग्रेवाल ने कहा, “हमें एक वास्तविक ‘पिंक जोन' तैयार करना होगा जिसमें जीवनशैली में बदलाव करना, समय पर बिमारी की पहचान करना और टीकाकरण को अपनाना शामिल हो।” सजग जीवनशैली की आवश्यकता को दोहराते हुए, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की पूर्व मुख्य डायटीशियन डॉ रेखा गुप्ता ने आहार के विषय में व्यावहारिक सुझाव दिए। उन्होंने कहा, “हमारे पूर्वज स्वाभाविक रूप से सजग भोजन करते थे। सबसे बड़ा रहस्य यह है कि आपका तृप्ति केंद्र मस्तिष्क को पूर्णता का संकेत देने में पूरे 20 मिनट लेता है। यदि आप जल्दी खाते हैं, तो आप अनिवार्य रूप से अधिक खा लेते हैं। हमें धीरे-धीरे खाना चाहिए, अपने भोजन की खुशबू महसूस करनी चाहिए और अपनी पारंपरिक आहार शैली—संपूर्ण अनाज, मिलेट और हरे पत्तेदार सब्जियों— की ओर लौटना चाहिए।”
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पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उनके दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह व राजीव रंजन सिंह ‘ललन' सहित कई प्रमुख नेताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। राज्य निर्वाचन कार्यालय के अनुसार, सुबह एक बजे तक 3.75 करोड़ मतदाताओं में से 42.31 प्रतिशत ने मतदान किया था। गोपालगंज जिले में सर्वाधिक 46.73 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ, जबकि लखीसराय में 46.37 और बेगूसराय में 46.02 प्रतिशत मतदान हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने गृह नगर बख्तियारपुर में मतदान किया।
उन्होंने ‘एक्स' पर लिखा, “मतदान लोकतंत्र में नागरिकों का अधिकार ही नहीं, कर्तव्य भी है।” उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने तारापुर में मतदान करने के बाद कहा, “नीतीश कुमार ने जो काम किया है, वह जारी रहना चाहिए। आज जो परिवर्तन हम देख रहे हैं, वह वर्षों के परिश्रम का परिणाम है। विकास के लिए वोट करें।” लखीसराय में मतदान के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बुर्का पहनी महिलाओं की पहचान की जांच को ‘वोट चोरी' रोकने के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने कहा, “यह धार्मिक पक्षपात नहीं है... हम पाकिस्तान में नहीं रहते। न तो बिहार में तेजस्वी यादव की सरकार बनेगी, न ही यहां शरीयत कानून लागू होगा।” राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने अपने पिता लालू प्रसाद, मां राबड़ी देवी और भाई तेज प्रताप यादव के साथ पटना स्थित वेटरनरी कॉलेज मतदान केंद्र पर वोट डाला। उन्होंने युवाओं से बदलाव लाने की अपील करते हुए कहा, “मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे नई सरकार बनाकर परिवर्तन लाएं।” राबड़ी देवी ने भी जनता से “वोट डालने और बदलाव लाने” की अपील की। उन्होंने दोनों बेटों तेजस्वी और तेज प्रताप के लिए सफलता की कामना की। तेजस्वी की बहन रोहिणी आचार्य ने कहा, “इस बार बिहार की जनता डबल इंजन सरकार को हराएगी। बिहार के बेरोजगार भाइयों को रोजगार मिलेगा और राज्य के बाहर भटक रहे लोगों को राहत मिलेगी।” तेज प्रताप यादव, जो इस बार महुआ सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, ने कहा, “बिहार के सभी लोग वोट डालें। हर वोट महत्वपूर्ण है।” छपरा सीट से राजद उम्मीदवार खेसारी लाल यादव ने सारण जिले के एकमा में वोट डालने के बाद कहा, “यह मेरे जीवन की दूसरी पारी है। जनता के प्रेम से सब अच्छा होगा। मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन जो ठान लेते हैं, उनके लिए कोई काम कठिन नहीं। मैं चाहता हूं कि सिर्फ राम मंदिर ही नहीं, बल्कि जनता की सभी जरूरतें पूरी हों।” अलीनगर से भाजपा उम्मीदवार मैथिली ठाकुर ने कहा, “अगर मैं जीतती हूं, तो घोषणापत्र में बताए गए प्रोजेक्ट और योजनाओं को पूरा करना मेरा पहला लक्ष्य होगा। साथ ही मैं एक सांस्कृतिक केंद्र, केंद्रीय विद्यालय, डिग्री कॉलेज और बेहतर सड़कों के निर्माण पर ध्यान दूंगी।” केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और भाजपा सांसद नित्यानंद राय ने कहा, “मतदान लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व है। बिहार लोकतंत्र की जन्मस्थली है, इसकी रेत में लोकतंत्र की भावना बसती है।” बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने पटना में मतदान के बाद कहा, “राज्य की जनता जात-पांत से ऊपर उठकर हमारे साझा गौरव और विकास को ध्यान में रखकर वोट करे।” भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मतदाताओं से राजग को समर्थन देने की अपील करते हुए कहा, “बिहार के विकास की रफ्तार को जारी रखें। अधिक मतदान से राज्य की प्रगति और मजबूत होगी।” भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विश्वास जताया कि बिहार में राजग की सरकार आराम से बनेगी। उन्होंने कहा, “जनता बड़ी संख्या में दोनों चरणों में मतदान करेगी। मैं बिहार के मतदाताओं पर गर्व करता हूं।” वीआईपी प्रमुख और महागठबंधन के उपमुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार मुकेश सहनी ने दरभंगा जिले के गौरा बौराम में परिवार सहित वोट डाला। उन्होंने कहा, “यह नीतीश कुमार का आखिरी चुनाव है। वे जितने वादे करना चाहें कर लें, लेकिन हमारे पास बिहार के लिए एक दीर्घकालिक दृष्टि है। हमने अपनी बातें बहुत जिम्मेदारी से रखी हैं।” राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रमुख और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने वैशाली में मतदान करने के बाद कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है ‘पहले मतदान, फिर जलपान'। यानी मतदान के दिन बाकी सब कार्यों से पहले मतदान को प्राथमिकता दें।” लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सांसद शंभवी चौधरी ने कहा, “मैं एक समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर बिहार के लिए वोट करती हूं। सभी से अपील है कि बड़ी संख्या में बाहर निकलें और मतदान करें।” अधिकारियों ने बताया कि 18 जिलों की 121 सीटों पर सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ जो शाम 5 बजे तक चलेगा। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
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नई दिल्ली। संस्कृति मंत्रालय 7 नवंबर को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में उद्घाटन समारोह का आयोजन करेगा। इस अवसर पर पीएम मोदी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। यह आयोजन 7 नवंबर से 7 नवंबर 2026 तक एक साल तक चलने वाले राष्ट्रव्यापी उत्सव के औपचारिक शुभारंभ का प्रतीक है, जो इस कालजयी रचना के 150 साल पूरे होने की खुशी मनाता है। इसने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित किया और राष्ट्रीय गौरव एवं एकता को बनाए रखा।
वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरेदरअसल, 2025 में वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे हो रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि 7 नवंबर 1875 को अक्षय नवमी के शुभ अवसर पर बंकिम चंद्र चटर्जी ने राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ की रचना की थी। वंदे मातरम पहली बार साहित्यिक पत्रिका बंग दर्शन में उनके उपन्यास आनंदमठ में क्रमबद्ध तरीके से और बाद में 1882 में एक स्वतंत्र पुस्तक के रूप में प्रकाशित हुआ। उस अवधि के दौरान भारत प्रमुख सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक परिवर्तनों से गुजर रहा था और राष्ट्रीय पहचान और औपनिवेशिक शासन के प्रति विरोध भी बढ़ रहा था। इस गीत में मातृभूमि को शक्ति, समृद्धि और दिव्यता का प्रतीक बताते हुए भारत की एकता और आत्म-सम्मान की जागृत भावना को काव्यात्मक अभिव्यक्ति दी गई। यह जल्द ही राष्ट्र के प्रति समर्पण का एक स्थायी प्रतीक बन गया।24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने घोषणा की कि स्वतंत्रता संग्राम में ऐतिहासिक भूमिका निभाने वाले ‘वंदे मातरम’ को राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ के समान सम्मान दिया जाएगा। समारोह सुबह 10 बजे सार्वजनिक स्थानों पर सामूहिक रूप से ‘वंदे मातरम’ के पूर्ण संस्करण के गायन के साथ शुरू होगा। इसमें प्रधानमंत्री की उपस्थिति में मुख्य कार्यक्रम के साथ-साथ सभी नागरिक, स्कूली बच्चे, कॉलेज के छात्र, अधिकारी, निर्वाचित प्रतिनिधि, पुलिस कर्मी, डॉक्टर, शिक्षक, ड्राइवर, दुकानदार और समाज के सभी वर्गों के अन्य सभी संबंधित भागीदार हिस्सा लेंगे।इसके ऐतिहासिक और राष्ट्रीय महत्व को मान्यता देते हुए पीएम मोदी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 1 अक्टूबर 2025 को राष्ट्रव्यापी समारोह आयोजित करने को लेकर मंजूरी दी है। इसके बाद 24 अक्टूबर को राष्ट्रीय कार्यान्वयन समिति ने 7 नवंबर, 2025 से 7 नवंबर, 2026 तक पूरे वर्ष उत्सव मनाने को मंजूरी दी।उद्घाटन समारोह के मुख्य आकर्षण–मुख्य अतिथि के आगमन से पहले सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन–राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्षों के इतिहास पर आधारित प्रदर्शनी।–भारत माता को पुष्पांजलि अर्पित करने का समारोह–वंदे मातरम : नाद एकम, रूपम अनेकम : अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वायलिन वादक डॉ. मंजूनाथ मैसूर की ओर से संचालित लगभग 75 संगीतकारों के साथ मुख्य अतिथि के समक्ष सांस्कृतिक मंच पर संगीत कार्यक्रम, जिसमें विविध पारंपरिक भारतीय संगीत शैलियों का संगम होगा।–वंदे मातरम के 150 साल के इतिहास पर एक लघु फिल्म का प्रदर्शन।–स्मारक टिकट और सिक्के जारी करने का समारोह।–मंच पर उपस्थित विशिष्ट जनों एवं आमंत्रित अतिथियों के संबोधन।–मुख्य अतिथि का संबोधन।–वंदे मातरम का सामूहिक गायन।सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश, केंद्रीय मंत्रालय/विभाग और उनसे जुड़े/अधीनस्थ कार्यालय 7 नवंबर, 2025 को सुबह 10:00 बजे अपने-अपने कार्यालय परिसर में ‘वंदे मातरम’ के सामूहिक गायन कार्यक्रम का आयोजन करेंगे। इस अवसर पर देश भर के सभी कार्यालयों और संस्थानों में सामूहिक रूप से प्रधानमंत्री के संबोधन का सीधा प्रसारण देखने की व्यवस्था की जाएगी।संस्कृति मंत्रालय ने इस पहल के लिए एक विशेष वेबसाइट https://vandemataram150.in/ शुरू की है। इस वेबसाइट पर नागरिकों और संस्थागत भागीदारी के लिए निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं :-आधिकारिक ब्रैंडिंग सामग्री (होर्डिंग, बैनर, वेब क्रिएटिव)-लघु फिल्में और क्यूरेटेड प्रदर्शनी–समूह गायन के लिए संगीत संगत और बोल के साथ पूरा गीत–‘संगीत की धुन के साथ वंदे मातरम का गायन’ नामक सुविधा के माध्यम से नागरिक अभियान पोर्टल पर गीत का अपना संस्करण रिकॉर्ड करके अपलोड कर सकेंगे। सभी वर्गों के नागरिकों को इसमें भाग लेने और मातृभूमि के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।देश के सभी नागरिकों से इस पहल में बड़ी संख्या में भाग लेने का आग्रह किया जा रहा है, ताकि हम सभी सामूहिक रूप से अपने राष्ट्रगान के प्रति देशभक्ति और कृतज्ञता की भावना को व्यक्त कर सकें।














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