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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को वाराणसी में वरिष्ठ नागरिकों को ‘आयुष्मान वय वंदना कार्ड’ वितरित किए। पीएम ने कहा कि अब काशी सिर्फ धर्म और संस्कृति की नगरी नहीं, बल्कि ‘स्वास्थ्य की राजधानी’ भी बनती जा रही है। उन्होंने बुजुर्गों के चेहरों पर दिख रही संतुष्टि को इस योजना की सफलता का प्रमाण बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि 10-11 साल पहले पूर्वांचल में इलाज के लिए कितनी मुश्किलें होती थीं, लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है। दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों की उन्नत चिकित्सा सुविधाएं अब लोगों के घर के पास उपलब्ध हो रही हैं। यही असली विकास है-जब सुविधाएं जनता के करीब पहुंचें।
उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं में जबरदस्त सुधार हुआ है। सिर्फ अस्पतालों की संख्या ही नहीं बढ़ी, बल्कि मरीजों की गरिमा और आत्मविश्वास भी बढ़ा है। उन्होंने ‘आयुष्मान भारत’ योजना को गरीबों के लिए वरदान बताया, जिससे लाखों लोगों को निःशुल्क इलाज मिला है और उनका जीवन फिर से शुरू हुआ है।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस योजना से उत्तर प्रदेश की लाखों परिवारों को इलाज पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपये बचाने में मदद मिली है। उन्होंने अपने उस वादे की याद दिलाई जिसमें उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त इलाज देने की बात कही थी। उसी से ‘आयुष्मान वय वंदना योजना’ की शुरुआत हुई, जिसके तहत अब 70 साल से अधिक उम्र के हर व्यक्ति को मुफ्त इलाज मिलेगा, चाहे उनकी आय कुछ भी हो।प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि देशभर में सबसे ज्यादा ‘वय वंदना कार्ड’ वाराणसी में जारी किए गए हैं-अब तक लगभग 50,000 कार्ड बांटे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि सेवा का संकल्प है, जिससे अब किसी परिवार को इलाज के लिए जमीन बेचने, कर्ज लेने या असहाय होने की जरूरत नहीं पड़ेगी।उन्होंने कहा कि अब इलाज की जिम्मेदारी सरकार उठा रही है और आयुष्मान कार्ड इसका माध्यम बन रहा है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने काशी के तेजी से हो रहे बदलाव की भी सराहना की और कहा कि यहां के विकास की देश-विदेश में तारीफ हो रही है।इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में 3,880 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी किया। उन्होंने स्थानीय उत्पादों जैसे तबला, पेंटिंग, ठंडाई और तिरंगा बर्फी को GI (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) प्रमाण पत्र भी सौंपे। इसके साथ ही उन्होंने बनास डेयरी से जुड़े दुग्ध उत्पादकों को 105 करोड़ रुपये से अधिक का बोनस भी ट्रांसफर किया।- -
नयी दिल्ली. लंदन का इंपीरियल कॉलेज भारत और ब्रिटेन के बीच वैज्ञानिक, शिक्षा और नवाचार साझेदारी को मजबूत करने के लिए बेंगलुरु में अपना भारतीय केंद्र स्थापित करने जा रहा है। कॉलेज के अध्यक्ष ह्यूग ब्रैडी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि "इंपीरियल ग्लोबल इंडिया" नामक केंद्र की स्थापना एक संपर्क कार्यालय के रूप में की जाएगी और इसका ध्यान इंपीरियल तथा भारत के अग्रणी विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों के बीच नयी शोध साझेदारियों को मजबूत करने पर केंद्रित होगा। ब्रैडी ने कहा कि यह उद्योग और नीति निर्माताओं के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने के लिए एक संचार माध्यम के रूप में भी काम करेगा और भारत और ब्रिटेन के बीच नवाचार में अधिक सहयोग के लिए एक मंच प्रदान करेगा। ब्रैडी ने यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि सिंगापुर, अमेरिका में सैन फ्रांसिस्को और घाना में अकरा के बाद बेंगलुरू इंपीरियल ग्लोबल नेटवर्क केंद्र की श्रृंखला में चौथे स्थान पर है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह हब इंपीरियल कॉलेज, लंदन का शाखा परिसर नहीं होगा जिसे नवीनतम क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में दुनिया में दूसरा सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय और ब्रिटेन में शीर्ष विश्वविद्यालय बताया गया था। ब्रैडी ने कहा, “हम सैन फ्रांसिस्को, सिंगापुर और अकरा जैसे कई वैश्विक केंद्र खोल रहे हैं। वे शाखा परिसर नहीं हैं, वे हमें उन देशों में काम करने में मदद करना चाहते हैं जहां हमारे पास सहयोग का एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है, ताकि हम कार्यों का उपयोग करके उन क्षेत्रों में बड़े और व्यापक अनुसंधान कार्यक्रम विकसित करें जिससे सभी संबंधित पक्षों को लाभ हो।” इंपीरियल कॉलेज अपने केंद्र के माध्यम से दूरसंचार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम, जैव प्रौद्योगिकी और महत्वपूर्ण खनिजों जैसे क्षेत्रों में ब्रिटेन-भारत प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल के साथ समन्वित संयुक्त परियोजनाएं विकसित करने का प्रयास करेगा। भारत में केंद्र का नेतृत्व प्रोफेसर संजीव गुप्ता और एलेना डिकमैन करेंगे।
गुप्ता एक पृथ्वी वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने गंगा बेसिन में प्रारंभिक सभ्यताओं पर नदियों की भूमिका पर शोध किया है। इसी के साथ उन्होंने आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं के साथ भूजल के गिरते स्तर का आकलन करने पर शोध किया है। इंपीरियल ग्लोबल इंडिया का उद्घाटन 21 मई को बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में किया जाएगा। -
गुवाहाटी. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान और राष्ट्र निर्माण के लिए उनके अनुभव का उपयोग सरकार की प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय के अनुरूप पेंशन वितरण के संबंध में नए नियम बनाए गए हैं, इनमें मृत कर्मचारियों के परिवारों को पेंशन भी शामिल है। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘कर्मचारी अपने कार्यकाल के सर्वश्रेष्ठ वर्ष देश और राष्ट्र निर्माण में लगाते हैं। अब सेवानिवृत्त लोगों की संख्या बढ़ रही है और हमें उनके मुद्दों का समाधान करना होगा।'' सिंह ने यहां केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए आयोजित सेवानिवृत्ति-पूर्व परामर्श कार्यशाला में भाग लेने के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। सिंह ने कहा कि सरकार का ध्यान इस बात पर है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की विशेषज्ञता और अनुभव का सर्वोत्तम उपयोग कैसे किया जाए और उनके सामने आने वाली समस्याओं का समाधान कैसे किया जाए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने पुराने दिशा-निर्देशों को खत्म कर दिया है और सेवानिवृत्त कर्मचारियों और उनके परिवारों की मदद के लिए मौजूदा समय के अनुकूल नए नियम बनाए हैं। उन्होंने दावा किया कि इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन राष्ट्रीय राजधानी तक सीमित नहीं रखकर विभिन्न शहरों में किया जाना केंद्र की सभी क्षेत्रों पर समान ध्यान देने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। असम के प्रदर्शन के बारे में मंत्री ने कहा कि केंद्रीय योजनाओं और पहल के क्रियान्वयन तथा उन्हें लागू करने के मामले में यह (असम) बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से एक है। सिंह ने कहा, ‘‘इस संबंध में मैं मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की प्रशंसा करना चाहूंगा।''
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फरीदाबाद. हरियाणा के फरीदाबाद में एक महिला के आईवीएफ पद्धति से गर्भधारण करने के महज 25 हफ्ते बाद जन्मे उसके तीनों शिशुओं को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। अस्पताल ने बृहस्पतिवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। बयान के मुताबिक, तीनों शिशुओं को 225 दिनों तक नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में रखने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और उन्हें न तो कोई संक्रमण है एवं न ही कोई अन्य स्वास्थ्य जटिलता। बयान के अनुसार, शिशुओं की मां ने कई वर्षों के इलाज के बाद आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) पद्धति से गर्भधारण किया था। इसमें कहा गया है कि महिला को स्वास्थ्य संबंधी कई जटिलताएं थीं और वह आगे कभी मां नहीं बन सकती है। बयान में कहा गया है, “तीनों बच्चियों का जन्म गर्भधारण के महज 25 हफ्तों के बाद हो गया और उनका संयुक्त वजन 2.5 किलोग्राम था। बच्चियों में स्वास्थ्य संबंधी कोई जटिलता नहीं है और उन्हें अमृता अस्पताल फरीदाबाद से छुट्टी दे दी गई है। इस मामले को समय-पूर्व प्रसव के मामलों में उम्मीद की किरण के रूप में देखा जा रहा है।” अस्पताल के प्रवक्ता ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय की 46 वर्षीय प्रोफेसर ज्योत्स्ना लंबे समय से बांझपन का इलाज करा रही थीं और उनके पास गर्भधारण करने का एक ही मौका था। प्रवक्ता के अनुसार, ज्योत्सना ने आईवीएफ से गर्भधारण किया और गर्भावस्था के दौरान वह मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी स्वास्थ्य जटिलताओं से जूझ रही थीं। उन्होंने बताया कि गर्भधारण के 25वें हफ्ते में ज्योत्सना को निमोनिया सहित कई अन्य संक्रमण की शिकायत हो गई, जिसके चलते उनकी आपात सर्जरी करनी पड़ी और उनकी कोख से तीन शिशुओं का जन्म हुआ। प्रवक्ता के मुताबिक, वरिष्ठ नवजात रोग विशेषज्ञ डॉ. हेमंत शर्मा के नेतृत्व में छह चिकित्सकों और लगभग 20 एनआईसीयू नर्स की एक समर्पित टीम ने अलग-अलग पालियों में तीनों शिशुओं की लगातार देखभाल की, जिसकी बदौलत 225 दिन बाद उन्हें पूरी तरह से स्वस्थ अवस्था में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
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लखनऊ. उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बृहस्पतिवार को बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि होने, आंधी आने और आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 22 लोगों की मौत हो गयी। आधिकारिक बयान से यह जानकारी मिली। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के अनुसार प्रदेश में बृहस्पतिवार को वर्षाजनित घटनाओं में 22 लोगों की मौत हुई, 45 पशु मारे गए तथा 15 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में आंधी-तूफान एवं आकाशीय बिजली से हुई जनहानि पर गहरा शोक व्यक्त किया है। प्राप्त सूचना के अनुसार आकाशीय बिजली की चपेट में आने से फतेहपुर एवं आजमगढ़ जिले में तीन-तीन, फिरोजाबाद, कानपुर देहात एवं सीतापुर जिलों में दो-दो, गाजीपुर, गोंडा, अमेठी, संतकबीरनगर एवं सिद्धार्थनगर जिलों में एक-एक तथा आंधी-तूफान से बलिया, कन्नौज, बाराबंकी, जौनपुर एवं उन्नाव जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी के अनुसार आंधी-तूफान एवं आकाशीय बिजली की चपेट में आने से गाजीपुर में 17, चंदौली में छह, बलिया में पांच, अंबेडकरनगर, बलरामपुर एवं गोंडा में तीन-तीन, सुल्तानपुर में दो, अमेठी, कन्नौज व गोरखपुर में एक-एक तथा फतेहपुर में अग्निकाण्ड में तीन पशुहानि हुई है। इसके अलावा, आंधी-तूफान एवं आकाशीय बिजली से गाजीपुर, सुल्तानपुर एवं लखीमपुर खीरी में दो-दो, बलिया, गोंडा, बाराबंकी, अंबेडकरनगर, गोरखपुर, औरैया, हरदोई, लखनऊ तथा मऊ में एक-एक मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। बड़े दुधारू पशुहानि में 37,500 रुपये, छोटे दुधारू आदि पशु की हानि में 4,000 रुपये, बड़े गैर-दुधारू पशुहानि में 32,000 रुपये तथा छोटे गैर-दुधारू पशुहानि में 20,000 रुपये मुआवजा राशि दिए जाने का प्राविधान है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में आंधी-तूफान एवं आकाशीय बिजली से हुई जनहानि पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत व्यक्तियों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की राहत राशि तत्काल वितरित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है तथा इस प्राकृतिक आपदा में घायल हुए लोगों का समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पशुहानि पर प्रभावितों को सहायता राशि दिए जाने के निर्देश भी दिए हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को प्रभावित इलाकों का दौरा करने और प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। अपर जिलाधिकारी विशू राजा ने बताया कि आकाशीय बिजली गिरने की पहली घटना तहसील सदर क्षेत्र नारखी थाना क्षेत्र के गांव दौलतपुर में हुई, जिसमें खेत पर काम कर रही महिला ललिता देवी (30) की आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई। दूसरी घटना थाना जसराना क्षेत्र के गांव चनारी की है, जहां खेत पर काम कर रहे किसान पदम वीर सिंह (32) की आकाशीय बिजली की चपेट में आकर मौत हो गई। सिद्धार्थ नगर में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 40 वर्षीय श्रमिक घनश्याम की मौत हो गई। अधिकारियों ने कहा कि यह घटना गौरा मंगुआ गांव में उस समय हुई जब घनश्याम बारिश में काम के लिए जा रहा था। सीतापुर में बिजली गिरने और भारी बारिश से एक दीवार ढहने की दो अलग अलग घटनाओं में दो व्यक्तियों की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि बिस्वां थाना अंतर्गत मोछ खुर्द में आकाशीय बिजली गिरने से खेत में काम कर रहे हरिश्चंद्र (25) की मौत हो गई, जबकि सकरान थाना अंतर्गत रसूलपुर गांव में भारी बारिश के चलते एक दीवार ढहने से कुसुमा देवी (55) की मौत हो गई। संतकबीर नगर में बखिरा थाना क्षेत्र के मलौली गांव में बृहस्पतिवार सुबह आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 19 वर्षीय आरती की मौत हो गई। पुलिस क्षेत्राधिकारी सर्वदमन सिंह ने बताया, ‘‘सुबह 10 बजे आरती पुत्री बाबूराम खेत में कृषि कार्य कर रही थी, इसी दौरान बिजली गिरने से उसकी मौत हो गई।'' पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।एक अन्य घटना में अमेठी के जंगल राम नगर गांव में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से बृहस्पतिवार को 60 वर्षीय महिला की मौत हो गयी। पुलिस के मुताबिक, अमेठी थाना अंतर्गत गांव जंगल राम नगर निवासी प्रभावती (60) खेत में गेहूं की कटाई कराने गयी थीं, जहां मौसम खराब होने पर वह एक पेड़ के पास बैठ गयीं, तभी आकाशीय बिजली पेड़ पर गिरी जिसकी चपेट में आकर प्रभावती की मौके पर ही मौत हो गई। अमेठी के थाना प्रभारी निरीक्षक बृजेश सिंह ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर विधिक कार्रवाई की जा रही है। इन घटनाओं का संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रभावित जिलों के अधिकारियों को पूरी तैयारी के साथ राहत अभियान चलाने का निर्देश दिया है। इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के लखनऊ कार्यालय ने बृहस्पतिवार के लिए बारिश और आकाशीय बिजली गिरने की जिलावार चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने कहा है कि कौशांबी, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली सहित कई जिलों में भारी बारिश हो सकती है और आकाशीय बिजली गिरने की आशंका है। इन जिलों से विस्तृत रिपोर्ट प्रतीक्षारत है। यहां जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को प्रभावित इलाकों का दौरा करने, राहत प्रयासों की कड़ी निगरानी करने और प्रतिकूल मौसम से प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने का बृहस्पतिवार को निर्देश दिया। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि फसलों को हुए नुकसान का विस्तृत आकलन किया जाए और राज्य सरकार को इसकी रिपोर्ट तुरंत सौंपी जाए। इससे प्रशासन को उचित कार्रवाई करने और प्रभावित किसानों के लिए सहायता उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। बयान में कहा गया है कि आदित्यनाथ ने इस बात पर भी जोर दिया कि घायलों को शीघ्र और पर्याप्त चिकित्सा उपचार मिलना चाहिए। जारी सरकारी गेहूं खरीद प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि खरीद केंद्रों और मंडियों में गेहूं के सुरक्षित भंडारण को सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरती जाएं। उन्होंने अधिकारियों को फसल क्षति का गहन सर्वेक्षण करने और उचित कार्रवाई के लिए सरकार को एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया। जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों में आदित्यनाथ ने तत्काल जल निकासी की व्यवस्था करने का आह्वान किया और कहा कि तत्काल जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए कि समस्या को प्राथमिकता के आधार पर संबोधित किया जाए। मौसम कार्यालय ने बताया कि मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश के 24 से अधिक जिलों में भारी बारिश और आकाशीय बिजली गिरी। राज्य की राजधानी लखनऊ में 11 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि सुल्तानपुर में 25.2 मिलीमीटर के साथ सबसे भारी बारिश हुई। महत्वपूर्ण वर्षा वाले अन्य जिलों में बाराबंकी (24.8 मिलीमीटर), गाजीपुर (22.6 मिलीमीटर) और गोरखपुर (12.3 मिलीमीटर) शामिल हैं। हरदोई, कानपुर, वाराणसी, बलिया, बहराइच, अमेठी और बस्ती में भी छिटपुट वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग ने नेपाल की सीमा से लगे तराई बेल्ट के जिलों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के मध्य और पूर्वी हिस्सों में शुक्रवार को छिटपुट वर्षा की चेतावनी जारी की है। -
नयी दिल्ली. राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद बृहस्पतिवार को दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरते ही ‘‘औपचारिक रूप से गिरफ्तार'' कर लिया। एजेंसी ने बताया कि राणा को एनआईए और राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम लॉस एंजिलिस से एक विशेष विमान से दिल्ली लेकर आईं। इसने कहा कि एनआईए की जांच टीम ने हवाई अड्डे पर सभी आवश्यक कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद विमान से उतरते ही पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा को गिरफ्तार कर लिया। एजेंसी ने प्रत्यर्पण के बाद राणा की एनआईए अधिकारियों की हिरासत में एक तस्वीर भी साझा की।
इसने एक बयान में कहा कि एनआईए ने वर्षों के सतत और ठोस प्रयासों के पश्चात तथा अमेरिका से प्रत्यर्पण पर रोक लगवाने के आतंकी सरगना के अंतिम प्रयास विफल होने के बाद उसे भारत लाया जाना सुनिश्चित किया। एनआईए ने कहा कि भारत के विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के साथ-साथ अमेरिका में संबंधित प्राधिकारियों के समन्वित प्रयासों से उसने पूरी प्रत्यर्पण प्रक्रिया के दौरान भारतीय खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया। इसने कहा कि यह दुनिया के किसी भी हिस्से में रह रहे आतंकवाद में शामिल व्यक्तियों को न्याय के कठघरे में लाने के भारत के प्रयासों में एक बड़ा कदम है। मुंबई में हुए भीषण आतंकी हमलों में कुल 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे। -
नयी दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस ने भारत पर लगाए गए अतिरिक्त सीमा शुल्क को इस साल नौ जुलाई तक स्थगित करने का आदेश जारी कर दिया है। इस सरकारी आदेश के मुताबिक, भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला 90 दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है। इसके पहले दो अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने करीब 60 देशों से आयातित उत्पादों पर शुल्क लगाने और भारत जैसे देशों पर अलग से उच्च शुल्क लगाने की घोषणा की थी। ट्रंप के इस कदम से दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में झींगा से लेकर इस्पात उत्पादों तक की बिक्री प्रभावित होने का अंदेशा था। उनके इस कदम का उद्देश्य अमेरिका के बड़े व्यापार घाटे को कम करना और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना था। अमेरिका ने भारत पर 26 प्रतिशत का अतिरिक्त आयात शुल्क लगाया जो थाइलैंड, वियतनाम और चीन जैसे प्रतिस्पर्धी देशों की तुलना में कम है। शुल्क वृद्धि का यह आदेश नौ अप्रैल से प्रभावी हो गया था लेकिन ट्रंप ने अब इसे 90 दिन के लिए स्थगित कर दिया है। हालांकि, शुल्क का यह निलंबन हांगकांग, मकाऊ के अलावा चीन पर लागू नहीं है। इसके साथ ही व्हाइट हाउस के आदेश में कहा गया है कि संबंधित देशों पर लगाया गया 10 प्रतिशत आधार शुल्क लागू रहेगा। एक व्यापार विशेषज्ञ ने कहा कि इस्पात, एल्युमीनियम (12 मार्च से प्रभावी) और वाहन एवं वाहन कलपुर्जा (तीन अप्रैल से) पर लगा 25 प्रतिशत शुल्क भी जारी रहेगा। निर्यातकों के निकाय फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि सेमीकंडक्टर, दवा और कुछ ऊर्जा उत्पाद शुल्क पर छूट की श्रेणी में हैं।
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नई दिल्ली। भारत ने म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत मानवीय सहायता बढ़ा दी है। इस अभियान के तहत भारतीय इंजीनियरों की एक टीम ने मांडले और राजधानी नेपीडॉ में भूकंप से प्रभावित इलाकों का जायजा लिया। भारत से गई एक मेडिकल टीम ने नैपिडॉ के एक अस्पताल में 70 घायलों का इलाज किया, जिसमें एक हड्डी रोग विशेषज्ञ भी शामिल था।
भारतीय दूतावास, यांगून ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया, “ऑपरेशन ब्रह्मा को और बढ़ाते हुए हमारी इंजीनियरिंग टीम ने मांडले में छह और नेपीडॉ में 6 प्रभावित स्थलों का निरीक्षण किया। साथ ही, हमारे मेडिकल दल के ऑर्थोपेडिक सर्जन ने नेपीडॉ अस्पताल में 70 घायलों के इलाज में मदद की।”इससे पहले म्यांमार के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मो आंग ने भारतीय राजदूत अभय ठाकुर से मुलाकात की और भारत की त्वरित सहायता के लिए धन्यवाद दिया। दोनों ने सुरक्षा और द्विपक्षीय सहयोग पर भी चर्चा की। कुछ दिन पहले, म्यांमार के प्रधानमंत्री और राज्य प्रशासन परिषद के चेयरमैन सीनियर जनरल मिन आंग हलाइंग ने भारत के फील्ड अस्पताल का दौरा किया था, जहां अब तक 800 से अधिक मरीजों का इलाज किया जा चुका है।उल्लेखनीय है कि म्यांमार में 28 मार्च को 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था, जिसके बाद भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ शुरू किया था, जिसके तहत सर्च और रेस्क्यू, राहत सामग्री और मेडिकल सहायता दी जा रही है। भारत ने इस अभियान में अब तक 6 विमान और 5 नौसैनिक जहाजों के जरिए 625 टन राहत सामग्री भेजी है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस आपदा पर दुख जताया और मिन आंग हलाइंग को भारत की संवेदनाएं और सहायता का भरोसा दिया। गत 4 अप्रैल को बैंकॉक में बिम्सटेक सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात भी हुई।इसके बाद, 5 अप्रैल को भारत ने आईएनएस घड़ियाल के जरिए 442 टन अतिरिक्त खाद्य सामग्री (चावल, तेल, नूडल्स और बिस्किट) म्यांमार भेजी। यह सामग्री थिलावा पोर्ट पर म्यांमार के यांगून के मुख्यमंत्री यू सो थेइन को सौंपी गई। भारतीय दूतावास ने कहा कि भूकंप पीड़ितों की ज़रूरतों को पूरा करते हुए, भारत ने बड़ी मात्रा में खाद्य सहायता म्यांमार भेजी है। - नयी दिल्ली।. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) वक्फ (संशोधन) अधिनियम के फायदों का प्रचार करने और विपक्ष की आलोचना का मुकाबला करने के लिए 20 अप्रैल से एक पखवाड़े का जन जागरूकता अभियान शुरू करेगी जिसमें विशेष रूप से मुसलमानों को लक्षित किया जाएगा।पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने गुरुवार को अपने प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए यह बात कही। देश भर के भाजपा पदाधिकारियों ने यहां एक कार्यशाला में भाग लिया। इसमें नड्डा ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे वोट बैंक की राजनीति के तहत संशोधित कानून के प्रावधानों के बारे में मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी।नड्डा ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार वक्फ की संपत्तियों के पारदर्शी और कुशल प्रबंधन के साथ ‘पसमांदा' (पिछड़े) मुसलमानों और महिलाओं को प्रबंधन और कल्याण कार्यक्रमों में हितधारक बनाने के लिए दृढ़ है। भाजपा शासित राज्यों के वक्फ बोर्डों के सदस्यों और पार्टी संगठन, जिसमें इसकी अल्पसंख्यक शाखा भी शामिल है, ने दिन भर की कार्यशाला में भाग लिया। नड्डा ने कहा कि आठ अप्रैल को लागू हुआ नया कानून वक्फ संपत्तियों का उपयोग गरीब मुसलमानों और महिलाओं के कल्याण के लिए करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि यह इन संपत्तियों को लोगों के एक छोटे लेकिन प्रभावशाली वर्ग के नियंत्रण से मुक्त करेगा और उन्हें अल्पसंख्यक समुदाय के समग्र लाभ के लिए खोल देगा। भाजपा अध्यक्ष और रीजीजू ने इस आलोचना को खारिज कर दिया कि यह कानून मुसलमानों को प्राप्त धार्मिक मामलों के प्रबंधन के अधिकारों में हस्तक्षेप करता है। उन्होंने कहा कि वक्फ परिषद और बोर्डों में गैर-मुस्लिमों की उपस्थिति केवल संपत्तियों के प्रबंधन से संबंधित है और इसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा महासचिव राधा मोहन दास अग्रवाल और पार्टी की अल्पसंख्यक शाखा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी उन नेताओं में शामिल हैं जिन्हें पांच मई तक चलने वाले अभियान की अगुआई का जिम्मा सौंपा गया है।
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अहमदाबाद. केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को देश की ‘सबसे बड़ी संपत्ति' बताते हुए छोटे उद्योगों का स्टार्टअप के साथ एकीकरण करने का आह्वान किया। शाह ने यहां आयोजित 'गुजरात वार्षिक व्यापार प्रदर्शनी' के उद्घाटन कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने हाल ही में 75 साल पूरे करने वाले गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जीसीसीआई) से आग्रह किया कि वह युवाओं के लिए एक नया पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करने के लिए छोटे उद्योगों की परंपरा को स्टार्टअप के साथ जोड़ें। उन्होंने जीसीसीआई के प्रबंधन से अगले 25 साल के लिए एक रूपरेखा तैयार करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, ‘‘एमएसएमई हमारी सबसे बड़ी संपत्ति हैं। हर बड़े उद्योग ने एक छोटे उद्यम के तौर पर अपना सफर शुरू किया। जीसीसीआई को छोटे उद्योगों की परंपरा को स्टार्टअप के साथ जोड़ना चाहिए और युवाओं के लिए एक समूची पारिस्थितिकी बनाने के लिए इनका आधुनिकीकरण करना चाहिए।'' शाह ने कहा, ‘‘चैंबर को सरकार, छोटे उद्योगों और महत्वाकांक्षी युवाओं के बीच एक पुल के तौर पर काम करना चाहिए। गुजरात में एमएसएमई क्षेत्र के विकास में मदद के लिए सहायक औद्योगिक इकाइयों को आकर्षित करने पर ध्यान देना चाहिए।'' केंद्रीय मंत्री ने जीसीसीआई से सरकार को नीतियां बनाने और लागू करने में सहायता करने के लिए एक स्थायी इकाई बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने विनिर्माण से लेकर खुदरा विक्रेता तक समूची व्यापार श्रृंखला में डिजिटल लेनदेन को शामिल करने और गुजरात के युवाओं में उद्यमशीलता की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए योजनाएं बनाने का भी आग्रह किया। शाह ने कहा कि गुजरात में उद्योग स्थापित करने के इच्छुक उद्यमियों को राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त और व्यापार के अनुकूल एवं कुशल प्रणालियों द्वारा समर्थित ‘हड़ताल-मुक्त परिवेश' का आश्वासन दिया जाता है। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में कहा कि गुजरात का उद्योग समर्थक माहौल और मजबूत बुनियादी ढांचा राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के प्रवेश द्वार के रूप में उभर रहा है। -
शिमला. हाल ही में संपन्न नवरात्रि उत्सव के दौरान हिमाचल प्रदेश में 18.85 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने शक्तिपीठों के दर्शन किए। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पुलिस द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक 7.82 लाख भक्तों ने कांगड़ा जिले के ज्वाला जी मंदिर में दर्शन किए। इसके बाद सिरमौर में माता बाला सुंदरी मंदिर (3.42 लाख), बिलासपुर में नैना देवी मंदिर (3.20 लाख), कांगड़ा में बगलामुखी मंदिर (1.30 लाख), ऊना में चिंतपूर्णी मंदिर (1.23 लाख), बृजेश्वरी देवी मंदिर (96,850) और चामुंडा देवी मंदिर (89,000) में भक्तों की भीड़ उमड़ी। पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि यातायात आंकड़ों से पता चला है कि इस अवधि के दौरान 15,481 भारी मोटर वाहन, 66,996 हल्के मोटर वाहन और 55,718 दोपहिया वाहनों ने इन शहरों में प्रवेश किया। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, नवरात्रि उत्सव 30 मार्च से छह अप्रैल तक मनाया गया।
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नई दिल्ली। उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा इस वर्ष 30 अप्रैल से शुरू होने जा रही है। हर साल की तरह इस बार भी लाखों श्रद्धालुओं के गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के दर्शन के लिए पहुंचने का अनुमान है। यात्रा को सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए शासन और प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी कड़ी में परिवहन विभाग ने चारधाम यात्रा के लिए एक विस्तृत एडवाइजरी जारी की है, जिसमें यात्रा मार्गों पर वाहन संचालन से लेकर चालकों के लिए विशेष नियम शामिल किए गए हैं।
परिवहन विभाग की एडवाइजरी के अनुसार, पर्वतीय मार्गों पर रात के समय व्यवसायिक वाहनों के संचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। रात 10 से सुबह 4 बजे तक कोई भी व्यवसायिक वाहन चारधाम यात्रा मार्गों पर नहीं चल सकेगा। यह निर्णय पहाड़ी रास्तों पर रात के समय होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) चक्रपाणि मिश्रा ने बताया कि पहाड़ी मार्गों पर ड्राइविंग एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसमें चालकों की दक्षता और सावधानी बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस नियम का सख्ती से पालन कराया जाएगा। एडवाइजरी में व्यवसायिक वाहन चालकों के लिए कई अन्य महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। चालकों को विशेष प्रशिक्षण का प्रमाणपत्र, फिटनेस सर्टिफिकेट और वाहन के सभी दस्तावेज पूरे रखने होंगे। इसके अलावा, चालकों की वेशभूषा, व्यवहार और स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।एआरटीओ चक्रपाणि मिश्रा ने बताया कि यात्रा के दौरान चालकों को चप्पल या सैंडल पहनकर वाहन चलाने की अनुमति नहीं होगी। इसके बजाय उन्हें बंद जूते या मजबूत ट्रैकिंग शूज पहनना अनिवार्य होगा। यह नियम इसलिए लागू किया गया है ताकि पहाड़ी रास्तों पर वाहन संचालन के दौरान चालकों को सुरक्षा मिल सके।यात्रा के दौरान वाहनों की तकनीकी स्थिति पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी। सभी व्यवसायिक वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट और प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र होना जरूरी है। इसके साथ ही चालकों को नशे से दूर रहने और यात्रियों के साथ शिष्ट व्यवहार करने की हिदायत दी गई है। परिवहन विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों और वाहन मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।चारधाम यात्रा उत्तराखंड के लिए धार्मिक और आर्थिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। हर साल इस यात्रा से राज्य को करोड़ों रुपए का राजस्व प्राप्त होता है और हजारों लोगों को रोजगार मिलता है। प्रशासन का दावा है कि इस बार यात्रा को पहले से अधिक व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। यात्रियों से भी अपील की गई है कि वे एडवाइजरी का पालन करें और यात्रा के दौरान प्रशासन का सहयोग करें।यात्रा की तैयारियों के तहत सड़क मरम्मत, स्वास्थ्य सुविधाओं और ठहरने की व्यवस्था पर भी काम तेजी से चल रहा है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से यात्रा से पहले पंजीकरण कराने और मौसम की जानकारी लेने की सलाह दी है। -
नयी दिल्ली. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी मौजूदा के 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 22 प्रतिशत करने का आह्ववान करते हुए कहा कि इससे ग्रामीण युवाओं का शहरों की ओर पलायन रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ भारत की 65 प्रतिशत कामकाजी आबादी कृषि क्षेत्र से जुड़ी है। इस क्षेत्र की सकल घरेलू उत्पाद में केवल 14 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यदि भारत के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि की हिस्सेदारी 14 प्रतिशत से बढ़कर 22 प्रतिशत की जाए, तो कोई भी ग्रामीण युवा शहरों की ओर पलायन नहीं करेगा।'' मंत्री ने उत्पादकता बढ़ाने के लिए मृदा परीक्षण की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
गडकरी ने भारत में जैव ईंधन और हरित हाइड्रोजन के उत्पादन को प्रोत्साहित कर जीवाश्म ईंधन के आयात को कम करने की आवश्यकता का उल्लेख किया। भारत वर्तमान में हर वर्ष 22 लाख करोड़ रुपये मूल्य के जीवाश्म ईंधन का आयात करता है।उन्होंने कहा कि भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है। -
मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को कहा कि सोने के बदले कर्ज पर प्रस्तावित दिशानिर्देश नियमों को सख्त करने के बजाय उसे सुसंगत बनाएंगे। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘दिशानिर्देश का मसौदा जल्द ही जारी किया जाएगा। मेरे विचार से, इसमें कोई सख्ती नहीं है। इसे केवल तर्कसंगत बनाया जा रहा है। यह मुख्य रूप से उनके तौर-तरीको को लेकर है। एनबीएफसी के लिए जो भी दिशानिर्देश थे, उन्हें अब बैंकों पर भी लागू किया जा रहा है।'' आरबीआई परामर्श के लिए दिशानिर्देशों का मसौदा प्रकाशित करेगा और फिर प्रतिक्रिया के आधार पर इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। इससे पहले, मल्होत्रा ने चालू वित्त वर्ष के लिए पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा कि सोने के आभूषणों को गिरवी रखकर बैंक और एनबीएफसी उपभोग और आय-सृजन दोनों उद्देश्यों के लिए कर्ज देते हैं। उन्होंने कहा कि आरबीआई के दायरे में आने वाले संस्थानों में दिशानिर्देशों को सुसंगत बनाने के लिए, जहां तक संभव हो, उनकी अलग-अलग जोखिम लेने की क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए, हम ऐसे ऋण के लिए विवेकपूर्ण मानदंडों और आचरण-संबंधी पहलुओं पर व्यापक नियम जारी करेंगे।
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नयी दिल्ली. सरकार ने बुधवार को फ्रांस से करीब 64,000 करोड़ रुपये की लागत से नौसेना के लिए 26 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को मंजूरी दे दी। रक्षा सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि इस खरीद परियोजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) ने मंजूरी दे दी है। भारत और फ्रांस के बीच अंतर-सरकारी रूपरेखा के तहत अनुबंध पर हस्ताक्षर होने के लगभग पांच साल बाद जेट विमानों की खेप भेजने की शुरुआत होगी। इस सौदे के तहत, भारतीय नौसेना को राफेल (मरीन) जेट विमानों के निर्माता दसॉल्ट एविएशन से हथियार प्रणालियों और कलपुर्जों सहित संबद्ध सहायक उपकरण भी मिलेंगे। जुलाई 2023 में, भारत और फ्रांस ने जेट और हेलीकॉप्टर इंजन के संयुक्त विकास सहित कई महत्वपूर्ण रक्षा सहयोग परियोजनाओं की घोषणा की। दोनों रणनीतिक साझेदारों ने अन्य देशों के लिए उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों के सह-विकास और सह-उत्पादन में सहयोग करने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की थी। लगभग दो साल पहले मंत्रालय ने फ्रांस से तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद को भी मंजूरी दे दी थी। हालांकि, सीसीएस ने अभी तक इस परियोजना को मंजूरी नहीं दी है। भारतीय नौसेना की ‘परियोजना 75' के तहत, फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा भारत में पहले ही छह स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का निर्माण किया जा चुका है।
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नयी दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के बीच हुई बैठक में भारत ने पड़ोसी देश को, उसके यहां अल्पसंख्यकों पर हमलों और कट्टरपंथ को लेकर अपनी चिंताओं से अवगत कराया था। जयशंकर ने बांग्लादेश में नए सिरे से चुनाव कराने के लिए भारत के प्रयास को रेखांकित करते हुए कहा कि लोकतंत्र के लिए चुनाव आवश्यक हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘हमसे अधिक कोई अन्य देश बांग्लादेश का बेहतर शुभचिंतक नहीं हो सकता।'' बांग्लादेश में पिछले साल अगस्त में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना सरकार का पतन हो गया था। उस घटना के बाद मोदी और यूनुस की बैंकाक में पहली बार मुलाकात हुई थी। जयशंकर ने न्यूज 18 राइजिंग भारत शिखर सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि बैठक में हमारी ओर से जो मुख्य संदेश सामने आया, वह यह है कि ऐतिहासिक कारणों से बांग्लादेश के साथ हमारा रिश्ता बहुत ही अनोखा है। यह मूल रूप से लोगों से लोगों का जुड़ाव है।'' उन्होंने कहा, ‘‘बांग्लादेश के लिए हमसे अधिक कोई अन्य देश बेहतर की कामना नहीं करता; यह हमारे डीएनए में है। एक शुभचिंतक और मित्र के रूप में, मैं आशा करता हूं कि वे सही रास्ते पर चलें और सही काम करें।'' जयशंकर ने कहा कि भारतीय पक्ष बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति पर अपनी चिंताओं को साझा करने में खुला रूख रखता है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और यूनुस की मुलाकात से जुड़े सवाल पर कहा, ‘‘हम कट्टरपंथी प्रवृत्तियों से चिंतित हैं। हमें अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर चिंता है। मुझे लगता है कि हम उन चिंताओं को साझा करने के बारे में बहुत स्पष्ट हैं।'' जयशंकर ने बांग्लादेश में नए सिरे से चुनाव कराने के भारत के प्रयास को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘एक ऐसे देश के रूप में जिसकी लोकतांत्रिक परंपरा रही है, लोकतंत्रों में चुनाव की आवश्यकता होती है। इसी तरह जनादेश दिए जाते हैं और इसी तरह जनादेश का नवीनीकरण किया जाता है। इसलिए, हम आशा करते हैं कि वे इसी रास्ते पर आगे बढ़ेंगे।'' यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं पर हो रहे हमलों को रोकने में विफल रहने के बाद भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में गिरावट आई है। पिछले सप्ताह, भारतीय पक्ष मोदी और यूनुस के बीच बैठक के बांग्लादेशी पक्ष से नाखुश नजर आया।
यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने शनिवार को एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि मुख्य सलाहकार ने मोदी के समक्ष हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर बांग्लादेश द्वारा किये गए अनुरोध का मुद्दा उठाया और दूसरी तरफ से ‘‘प्रतिक्रिया नकारात्मक नहीं थी''। मामले से परिचित लोगों ने शनिवार को इस पक्ष को ‘‘शरारतपूर्ण और राजनीति से प्रेरित'' बताया, विशेष रूप से अल्पसंख्यकों पर हमलों और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए बांग्लादेश के अनुरोध के संदर्भ में। उन्होंने यूनुस और पूर्ववर्ती बांग्लादेश सरकार के साथ संबंधों के बारे में भारतीय प्रधानमंत्री की टिप्पणियों की ‘प्रकृति' को ‘गलत' बताया। नई दिल्ली ने पिछले साल बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा हसीना के प्रत्यर्पण के लिए किए गए अनुरोध पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हसीना पिछले साल अगस्त में ढाका छोड़ने के बाद से नई दिल्ली में रह रही हैं।शुक्रवार को बैंकॉक में हुई बैठक में मोदी ने यूनुस को बांग्लादेश के हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के बारे में भारत की गहरी चिंताओं से अवगत कराया। बैठक के बारे में भारत की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री ने आग्रह किया कि माहौल खराब करने वाली बयानबाजी से बचना चाहिए।'' प्रधानमंत्री मोदी ने हिंदुओं सहित बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर भारत की चिंताओं को रेखांकित किया और उम्मीद जताई कि बांग्लादेश सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। -
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आज बुधवार को किसानों के लिए एक बड़ी योजना को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के तहत एक नई उप-योजना ‘कमांड एरिया डेवलपमेंट एंड वॉटर मैनेजमेंट (M-CADWM)’ को वर्ष 2025-26 के लिए लागू किया जाएगा। इस योजना के लिए 1600 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। इसका उद्देश्य देश में सिंचाई व्यवस्था को आधुनिक बनाना और जल प्रबंधन को बेहतर करना है। इसके तहत खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए पुराने नहरों या अन्य जल स्रोतों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ा जाएगा ताकि किसानों, विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों, को समय पर और पर्याप्त पानी मिल सके।
इस योजना में पानी के कुशल उपयोग को बढ़ावा देने के लिए SCADA और IoT जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे खेत स्तर पर जल उपयोग दक्षता (Water Use Efficiency) में वृद्धि होगी। साथ ही, योजना के तहत एक हेक्टेयर तक के खेतों में भूमिगत दबावयुक्त पाइपलाइन प्रणाली स्थापित की जाएगी, जिससे सूक्ष्म सिंचाई को प्रोत्साहन मिलेगा और फसल उत्पादन भी बढ़ेगा। योजना का एक अहम पहलू यह भी है कि सिंचाई प्रणाली के प्रबंधन की जिम्मेदारी वॉटर यूजर सोसाइटियों (WUS) को दी जाएगी। इन समितियों को पांच वर्षों तक सरकारी मदद दी जाएगी और उन्हें किसान उत्पादक संगठनों (FPO) व प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS) से जोड़ा जाएगा ताकि वे आर्थिक रूप से भी सशक्त बन सकें।यह योजना केवल सिंचाई सुधार तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य युवाओं को आधुनिक कृषि तकनीकों की ओर आकर्षित करना भी है। इससे खेती को एक बेहतर, तकनीकी और लाभदायक व्यवसाय के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। इस प्रकार, M-CADWM योजना किसानों की आय बढ़ाने, जल संरक्षण को बढ़ावा देने और देश की कृषि प्रणाली को अधिक टिकाऊ और आधुनिक बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने बुधवार को 6 लेन के जीरकपुर बाईपास के निर्माण को मंजूरी दे दी है, जिसकी कुल लंबाई 19.2 किलोमीटर है। इसे बाईपास एनएच (ओ) के तहत हाइब्रिड एन्युटी मोड पर बनाया जाएगा और यह एनएच-7 (जीरकपुर-पटियाला) के जंक्शन से शुरू होकर एनएच-5 (जीरकपुर-परवाणू) के जंक्शन पर समाप्त होगा, जिससे पंजाब में जीरकपुर और हरियाणा में पंचकूला के अत्यधिक शहरीकृत और भीड़भाड़ वाले हिस्से से बचा जा सकेगा।
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य पटियाला, दिल्ली, मोहाली एरोसिटी से यातायात को हटाकर हिमाचल प्रदेश को सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करके जीरकपुर, पंचकूला और आसपास के क्षेत्रों में भीड़भाड़ को कम करना है। वर्तमान प्रस्ताव का उद्देश्य यात्रा के समय को कम करना और एनएच-7, एनएच -5 और एनएच -152 के भीड़भाड़ वाले शहरी खंड में निर्बाध यातायात सुनिश्चित करना है।आधिकारिक बयान के अनुसार, सरकार ने चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली शहरी क्षेत्र में भीड़भाड़ कम करने के लिए सड़क नेटवर्क विकसित करने का काम शुरू किया है। जीरकपुर बाईपास इस योजना का एक महत्वपूर्ण घटक है। इससे पहले, केंद्रीय कैबिनेट ने बिहार में पटना से शुरू होकर सासाराम तक जाने वाले 120 किलोमीटर तक के 4-लेन प्रवेश-नियंत्रित ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दी।इस परियोजना को भी हाइब्रिड एनुटी मोड (एचएएम) में डेवलप किया जाएगा। इसकी लागत 3,712.40 करोड़ रुपये होगी।एचएएम एक पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल है जिसे सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में निजी क्षेत्र की भागीदारी को पुनर्जीवित करने के लिए डिजाइन किया गया है। सरकार प्रोजेक्ट के निर्माण के दौरान निजी डेवलपर को वार्षिक भुगतान के रूप में लागत का 40 प्रतिशत प्रदान करती है। निजी डेवलपर प्रोजेक्ट लागत का शेष 60 प्रतिशत लोन या इक्विटी के माध्यम से जुटाता है। -
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में तिरुपति-पाकला-कटपडी सिंगल रेलवे लाइन सेक्शन के दोहरीकरण को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट बैठक के दौरान लिए गए फैसलों के बारे में आज बुधवार को नई दिल्ली में मीडिया को जानकारी देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस परियोजना से वेल्लोर और तिरुपति के शैक्षिक और चिकित्सा केंद्रों से संपर्क बढ़ेगा।
उन्होंने कहा, आंध्र प्रदेश के चित्तूर और तिरुपति जिले और तमिलनाडु के वेल्लोर जिले को इस परियोजना से लाभ होगा और इसकी अनुमानित लागत एक हजार 332 करोड़ रुपये होगी। उन्होंने कहा, यह मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना लगभग 400 गांवों और लगभग 14 लाख आबादी के लिए संपर्क बढ़ाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, यह कोयला, कृषि वस्तुओं, सीमेंट और अन्य खनिजों जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए एक आवश्यक मार्ग है।छह लेन वाले जीरकपुर बाईपास के निर्माण को भी दी मंजूरीइसके अलावा सरकार ने एक हजार 878 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत से छह लेन वाले जीरकपुर बाईपास के निर्माण को भी मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह परियोजना पटियाला, दिल्ली, मोहाली एयरोसिटी से यातायात को डायवर्ट करके और हिमाचल प्रदेश को सीधा संपर्क प्रदान करके ज़ीरकपुर, पंचकूला और आसपास के क्षेत्रों में भीड़भाड़ को कम करने में मदद करेगी।प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की उप-योजना के रूप में कमांड एरिया डेवलपमेंट और जल प्रबंधन के आधुनिकीकरण को भी मंजूरीकैबिनेट ने एक हजार 600 करोड़ रुपये के शुरुआती कुल परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की उप-योजना के रूप में कमांड एरिया डेवलपमेंट और जल प्रबंधन के आधुनिकीकरण को भी मंजूरी दी। इस संबंध में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, इससे किसानों को प्रति बूंद अधिक फसल प्राप्त करने में मदद मिलेगी और 78 परियोजनाओं में 80 हजार किसान शामिल होंगे। इस योजना का उद्देश्य मौजूदा नहरों या अन्य स्रोतों से निर्दिष्ट क्लस्टर में सिंचाई के पानी की आपूर्ति के लिए सिंचाई जल आपूर्ति नेटवर्क का आधुनिकीकरण करना है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि संसद से वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पारित होना सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुस्लिमों सहित सभी समुदायों की हित-रक्षा में इस विधेयक को पारित करने के लिए संसद को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब वक्फ की शुचिता संरक्षित रहेगी और वंचित वर्गों, महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा होगी। प्रधानमंत्री मंगलवार रात नई दिल्ली में एक निजी मीडिया हाउस के आयोजन को संबोधित कर रहे थे।
पिछले सौ दिनों की उपलब्धियां दर्शाती हैं कि भारत की प्रगति अब रोकी नहीं जा सकतीपीएम मोदी ने अपनी सरकार की कार्यगति का उल्लेख करते हुए कहा कि 2025 के शुरुआती 100 दिनों में उनकी सरकार ने युवा आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इसमें हमने उनके भविष्य की मजबूत नींव रखी है। इसमें वक्फ संशोधन कानून भी शामिल है। यह सामाजिक न्याय के लिए बड़ा ठोस कदम है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अपनी नीतियों से नई संभावनाएं पैदा की हैं। अब 12 लाख तक की आय को कर मुक्त कर दिया गया है, इससे युवा प्रोफेशनल और उद्यमी को लाभ होगा।उन्होंने यह भी कहा कि पिछले सौ दिनों की उपलब्धियां दर्शाती हैं कि भारत की प्रगति अब रोकी नहीं जा सकती। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दौरान भारत उपग्रह डॉकिंग और अनडॉकिंग उपलब्धि हासिल करने वाला विश्व का चौथा देश बना।अनेक वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत तेज गति से बढ़ रहा आगेप्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि अनेक वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा है और केवल एक दशक में ही अर्थव्यवस्था दोगुनी हो गई है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों का पहले यह मानना था कि भारत की प्रगति धीमी रहेगी, वे अब तेज गति से विकसित होते निर्भय भारत को देख रहे हैं।इस तरह की नीतियां सामाजिक न्याय की मूल अवधारणा के विरुद्धकांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह की नीतियां सामाजिक न्याय की मूल अवधारणा के विरुद्ध हैं। उन्होंने कुछ राजनीतिक दलों पर तुष्टिकरण को वोट बैंक की राजनीति के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।नक्सलवाद के खिलाफ संघर्ष और पूर्वोत्तर में शांति बहाल करने में हुई प्रगतिनक्सलवाद के खिलाफ संघर्ष और पूर्वोत्तर में शांति बहाल करने में हुई प्रगति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले 125 से अधिक जिले नक्सली हिंसा की चपेट में थे और जहां नक्सलवाद शुरू होता था, प्रभावी प्रशासन की सीमा समाप्त हो जाती थी।आयोजन के दौरान प्रधानमंत्री ने समाधान दस्तावेज का भी अनावरण किया। यह दस्तावेज देश के युवाओं और महाविद्यालयों द्वारा विकसित समाधानों और अवधारणाओं का संग्रह है। इसके तहत वायु प्रदूषण, कचरा प्रबंधन, नदियों की सफाई, सबके लिए शिक्षा और यातायात जाम जैसी चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत किया गया है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘नवकार महामंत्र दिवस’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। श्वेत वस्त्र में पीएम मोदी नवकार महामंत्र का जाप करते दिखे। इस आयोजन में 100 से अधिक देशों से आए प्रतिनिधि एक साथ वैश्विक सामूहिक मंत्र के जाप के साक्षी बने।
नवकार महामंत्र दिवस आध्यात्मिक सद्भाव और नैतिक चेतना का एक महत्वपूर्ण उत्सवदरअसल, नवकार महामंत्र दिवस आध्यात्मिक सद्भाव और नैतिक चेतना का एक महत्वपूर्ण उत्सव है, जो जैन धर्म में सबसे अधिक पूजनीय और सार्वभौमिक मंत्र- नवकार महामंत्र के सामूहिक जाप के माध्यम से लोगों को एकजुट करने का प्रयास करता है। अहिंसा, विनम्रता और आध्यात्मिक उत्थान के सिद्धांतों पर आधारित यह मंत्र प्रबुद्ध व्यक्तियों के गुणों के प्रति सम्मान व्यक्त करता है और आंतरिक परिवर्तन की प्रेरणा देता है। यह दिवस सभी व्यक्तियों को आत्म-शुद्धि, सहिष्णुता और सामूहिक कल्याण के मूल्यों पर चिंतन करने के लिए प्रोत्साहित करता है।पीएम मोदी ने लोगों से नवकार महामंत्र का जाप करने की अपील कीइससे पहले पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट कर लोगों से नवकार महामंत्र का जाप करने की अपील की थी। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, “आइए, सब मिलकर प्रातः 8:27 बजे नवकार महामंत्र का जाप करें। णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आयरियाणं, णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्वसाहूणं। प्रत्येक आवाज शांति, शक्ति और सद्भाव लाए। हम सब भाईचारे और एकजुटता की भावना को बढ़ाने के लिए एक साथ आएं।”यह मंत्र मन की शांति और आंतरिक संतुलन का माध्यमइसके अलावा, केंद्रीय पीयूष गोयल ने एक्स पर लिखा था, “णमो अरिहंताणं… नवकार महामंत्र जैन धर्म के सबसे पावन मंत्रों में से एक है जो आध्यात्मिकता, विनम्रता, भाईचारे और अहिंसा के सिद्धांतों पर आधारित है। यह मंत्र मन की शांति और आंतरिक संतुलन का माध्यम है।उल्लेखनीय है कि महावीर जयंती से एक दिन पूर्व 9 अप्रैल को सुबह 8 बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री मोदी की गरिमामयी उपस्थिति में “नवकार महामंत्र दिवस” का भव्य आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में 100 से अधिक देशों से आए प्रतिनिधि एक साथ वैश्विक सामूहिक मंत्र के जाप के साक्षी बनेंगे। आइए, हम सभी इस पावन अवसर पर नवकार मंत्र का जाप करते हुए पूरे विश्व में शांति, एकता और आध्यात्मिक जागरण का संदेश फैलाएं।” -
नई दिल्ली। डिजिटल सुविधा और गोपनीयता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने एक नया आधार ऐप लॉन्च किया। यह ऐप उपयोगकर्ताओं को अपने आधार विवरण को डिजिटल रूप से सत्यापित और साझा करने की सुविधा देगा। इससे आधार कार्ड ले जाने या फोटोकॉपी जमा करने की आवश्यकता खत्म हो जाएगी। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस ऐप को आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी में लॉन्च किया।
डिजिटल नवाचार के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय मंत्री ने ऐप को आधार सत्यापन को आसान, तेज और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए एक कदम बताया। अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में कहा, “नया आधार ऐप, मोबाइल ऐप के जरिए फेस आईडी प्रमाणीकरण। कोई भौतिक कार्ड नहीं, कोई फोटोकॉपी नहीं।”केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐप उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित डिजिटल माध्यमों से केवल आवश्यक डेटा साझा करने का अधिकार उनकी सहमति से देता है। उन्होंने कहा, “अब केवल एक टैप से, उपयोगकर्ता केवल आवश्यक डेटा साझा कर सकते हैं, जिससे उन्हें अपनी व्यक्तिगत जानकारी पर पूरा नियंत्रण मिलता है।”ऐप की एक खास विशेषता फेस आईडी प्रमाणीकरण है, जो सुरक्षा को बढ़ाता है और सत्यापन को सहज बनाता है। आधार सत्यापन अब केवल एक क्यूआर कोड को स्कैन करके किया जा सकता है, बिल्कुल यूपीआई भुगतान की तरह।केंद्रीय मंत्री ने एक्स पर लिखा, “आधार सत्यापन यूपीआई भुगतान करने जितना ही सरल हो गया है। उपयोगकर्ता अब अपनी गोपनीयता सुनिश्चित करते हुए अपने आधार विवरण को डिजिटल रूप से सत्यापित और साझा कर सकते हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा, “होटल के रिसेप्शन, दुकानों या यात्रा के दौरान आधार की फोटोकॉपी सौंपने की कोई आवश्यकता नहीं है।”इस नई प्रणाली के साथ, लोगों को अब होटलों, दुकानों, हवाई अड्डों या किसी अन्य सत्यापन बिंदु पर अपने आधार कार्ड की मुद्रित प्रतियां सौंपने की आवश्यकता नहीं होगी। यह ऐप वर्तमान में अपने बीटा परीक्षण चरण में है। इसे मजबूत गोपनीयता सुरक्षा उपायों के साथ डिजाइन किया गया है।यह सुनिश्चित करता है कि आधार विवरण में जालसाजी, संपादन या दुरुपयोग नहीं किया जा सकता है। जानकारी सुरक्षित रूप से और केवल उपयोगकर्ता की अनुमति से साझा की जाती है।आधार को कई सरकारी पहलों का “आधार” (नींव) बताते हुए, अश्विनी वैष्णव ने भारत के डिजिटल भविष्य को आकार देने में एआई और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) की भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने हितधारकों को आगे के विकास को गति देने के लिए डीपीआई के साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को एकीकृत करने के तरीके सुझाने के लिए आमंत्रित किया, जबकि गोपनीयता को केंद्र में रखा गया। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नई दिल्ली में ‘राइजिंग भारत समिट 2025’ को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मैने देश के युवाओं में विकसित भारत बनाने का जनून देखा है। आज दुनिया की नजर भारत पर है और दुनिया की उम्मीद भी भारत से है। कुछ ही वर्षों में हम दुनिया की 11वीं से 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बने हैं, बहुत कम समय में, अनेक प्रकार के ग्लोबल चैलेंजेस आए लेकिन भारत रुका नहीं, भारत ने डबल स्पीड से दौड़ लगाई और एक दशक में अपनी के साइज को डबल करके दिखाया है। जो सोचते थे कि भारत स्लो और स्टेडी चलेगा, उन्हें अब फास्ट एंड फियरलेस इंडिया दिख रहा है। जल्द ही भारत का दुनिया की तीसरी इकोनॉमी बनना तय है, इसमें भी कोई संदेह नहीं है।
100 दिनों में हमने भविष्य की मजबूत नींव रखीपीएम मोदी ने कहा कि भारत की ग्रोथ की इस अभूतपूर्व स्पीड को देश के युवा ड्राइव कर रहा है, उनके एंबीशंस और उनके एस्पीरेशंस, युवा भारत की इन्हीं एंबीशंस और एस्पीरेशंस को एड्रेस करना आज देश की प्राथमिकता भी है। आज 8 अप्रैल है, कल परसों ही 2025 के 100 दिन पूरे हो रहे हैं, 100 days 2025 का पहला पड़ाव, इन 100 दिनों में जो निर्णय हुए हैं, उनमें भी आपको युवा एस्पीरेशंस की ही झलक दिखेगी।हमने पॉलिसी से पॉसिबिलिटी की राह खोलीउन्होंने आगे कहा कि इन 100 दिनों में हमने सिर्फ फैसले नहीं लिए हैं, हमने भविष्य की मजबूत नींव रखी है। हमने पॉलिसी से पॉसिबिलिटी की राह खोली है। 12 लाख रुपये तक की इनकम तक टैक्स जीरो का सबसे बड़ा फायदा हमारे यंग प्रोफेशनल्स और आंत्रप्रन्योर्स को मिल रहा है। मेडिकल की 10 हजार नई सीटें, आईआईटी में 6500 नई सीटें यानी एजुकेशन का एक्सपेंशन, इनोवेशन का एक्सीलेरेशन, 50 हजार नई अटल टिंकरिंग लैब यानी अब देश के हर कोने में इनोवेशन का दीप जलेगा और एक दीप से जले दीप अनेक ! एआई और स्किल डेवलपमेंट के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस यूथ को मिलेगा फ्यूचर रेडी बनने का मौका, 10 हजार नई पीएम रिसर्च फेलोशिप, अब आइडिया से इंपैक्ट तक का सफर और आसान होने वाला है।जब युवा आगे बढ़ेगा, तभी भारत आगे बढ़ेगापीएम मोदी ने कहा कि जैसे स्पेस सेक्टर खोला गया, वैसे ही अब न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर भी ओपन किया गया, इनोवेशन को अब सीमाएं नहीं, समर्थन मिलेगा। गिग इकोनॉमी से जुड़े युवाओं को पहली बार सोशल सिक्योरिटी का कवच दिया जाएगा। जो पहले दूसरों के लिए इनविजिबल थे, अब वे नीतियों के केंद्र में हैं और एससी, एसटी तथा वुमन आंत्रप्रन्योर्स के लिए दो करोड़ के टर्म लोन, इन सभी निर्णयों का सीधा लाभ भारत के नौजवानों को मिलने वाला है।सौ दिनों की उपलब्धियों के बारे में बतायाउन्होंने आगे कहा कि भारत ने सेमी क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण करके दिखाया। भारत ने 100 गीगावॉट सोलर कैपेसिटी का ऐतिहासिक पड़ाव पार कर लिया। पीएम मोदी ने आगे कहा कि नेशनल क्रिटिकल मिनरल्स मिशन की शुरुआत हुई और इन्हीं 100 दिनों में कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग गठित करने का निर्णय हुआ। किसानों के लिए खाद पर सब्सिडी में बढ़ोतरी का फैसला हुआ यानी अन्नदाता की चिंता सरकार की प्राथमिकता है। छत्तीसगढ़ में 3 लाख से ज्यादा परिवारों ने एक साथ नए घरों में गृह प्रवेश किया। स्वामित्व योजना के तहत 65 लाख से अधिक प्रॉपर्टी कार्ड सौंपे गए और इतना ही नहीं इन्हीं 100 दिनों में दुनिया की सबसे ऊंची टनलों में से एक सोनमर्ग टनल राष्ट्र को समर्पित की गई। आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि, आईएनएस वाघशीर भारतीय नौसेना की ताकत में नए नगीने जुड़ गए। सेना के लिए मेड इन इंडिया लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर खरीदी को हरी झंडी मिली।वक्फ बिल का पास होना सामाजिक न्याय के लिए एक और बड़ा और ठोस कदममुख्य भाषण में पीएम मोदी ने वक्फ कानून में संशोधन बिल को लेकर कहा कि इस का बिल का पास होना सामाजिक न्याय के लिए एक और बड़ा और ठोस कदम है। उन्होंने कहा कि मैं देश की संसद को, सर्वसमाज के हित में, मुस्लिम समाज के हित में एक शानदार कानून बनाने के लिए बधाई देता हूं। अब वक्फ की पवित्र भावना की भी रक्षा होगी और गरीब-पसमांदा मुसलमान, महिला-बच्चे, सबके हक भी महफ़ूज़ रहेंगे।वेव्स भारतीय कलाकारों को कंटेंट बनाने और ग्लोबल बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगापीएम मोदी ने बताया कि अगले महीने मुंबई में इसका बहुत बड़ा आयोजन होने जा रहा है और ये लगातार होते रहने वाला है, एक लंबी व्यवस्था खड़ी हो रही है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां मूवीज, पॉडकास्ट, गेमिंग, म्यूजिक, ए-आर और वी-आर की बहुत जीवंत और रचनात्मक उद्योग है। हमने क्रिएट इन इंडिया (Create in India) का मंत्र लेकर इसे नेक्स्ट लेवल पर ले जाने का फैसला लिया है। वेव्स (WAVES),भारतीय कलाकारों को कंटेंट बनाने और ग्लोबल बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। और इसके साथ-साथ क्रिएट इन इंडिया, दुनिया भर के आर्टिस्ट्स को भारत में आने का अवसर भी देगा। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) ने बीते 10 वर्षों में देश के गरीबों और छोटे उद्यमियों को आर्थिक रूप से सशक्त किया है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत अब तक 52 करोड़ से ज्यादा ऋण दिए जा चुके हैं, जिनकी कुल राशि 33 लाख करोड़ रुपये है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह योजना उनकी जमीनी स्तर की यात्राओं और अनुभव से उपजी,जब उन्होंने महसूस किया कि समाज के सबसे निचले तबके को “बिना गारंटी फंडिंग” की काफी जरूरत है।
मुद्रा योजना ने देश की वित्तीय व्यवस्था को बनाया लोकतांत्रिकप्रधानमंत्री ने कहा कि मुद्रा योजना ने भारत की वित्तीय व्यवस्था को लोकतांत्रिक बनाया और यह एक बड़ी सफलता है कि इस योजना के तहत सिर्फ 3.5% ऋण ही NPA (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) बने हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इकोनाॅमिक टाइम्स को दिया गया इंटरव्यू भी साझा किया जिसमें उन्होंने इस योजना की शक्ति और महत्व को बताया है।उन्होंने कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद सरकार ने वित्तीय व्यवस्था को जन-केंद्रित बनाने का फैसला किया। पहले “बैंकिंग द अनबैंक्ड” के तहत जनधन योजना शुरू की गई, फिर “फंडिंग द अनफंडेड” के रूप में मुद्रा योजना लाई गई, और फिर “इंश्योरिंग द अनइंशोर्ड” के लिए जन सुरक्षा योजनाएं शुरू की गईं। पीएम ने कहा कि यह पूरी सोच एक व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देश के गरीब, महिला, किसान और वंचित वर्ग को मुख्यधारा में लाना और उनके सपनों को पूरा करने का अवसर देना है।उन्होंने यह भी कहा कि जब यह योजना शुरू हुई तो कई विपक्षी नेताओं और विशेषज्ञों ने आशंका जताई कि इतने बड़े स्तर पर छोटे ऋण देने से NPA बढ़ेगा। लेकिन नतीजे इसके उलट निकले और मात्र 3.5% ऋण खराब हुए। मोदी ने कहा कि यह उस विश्वास का परिणाम है जो सरकार ने गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों पर दिखाया।प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के कार्यकाल में बैंकिंग सेक्टर की स्थिति की तुलना करते हुए कहा कि तब ‘फोन बैंकिंग’ के जरिए केवल राजनीतिक संपर्क वालों को ही बड़े ऋण दिए जाते थे, जिससे बैंकों पर भारी दबाव पड़ा। इसके उलट, मुद्रा योजना ने बिना किसी संपर्क के, केवल योग्यता और मेहनत के आधार पर लोगों को मौका दिया, जिससे आर्थिक गतिविधियां निचले स्तर से आगे बढ़ीं। - नयी दिल्ली .प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने सोमवार को कहा कि भारत एक ‘‘सैन्य अंतरिक्ष सिद्धांत'' पर काम कर रहा है, जिसे दो से तीन महीने में सामने लाए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा, ‘‘हम राष्ट्रीय सैन्य अंतरिक्ष नीति पर भी काम कर रहे हैं।' सीडीएस ने यहां भारतीय रक्षा अंतरिक्ष संगोष्ठी के तीसरे संस्करण में अपने उद्घाटन भाषण में हाल के वर्षों में देश द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र में किए गए सुधारों और रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी के कार्यों पर जोर दिया। रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी बाहरी अंतरिक्ष में भारत के हितों की रक्षा करने और अंतरिक्ष युद्धों के खतरों से निपटने के लिए क्षमताओं को विकसित करने वाली प्रमुख एजेंसी है। जनरल चौहान ने कहा कि मानवता ऐसे युग के मुहाने पर खड़ी है, जहां अंतरिक्ष क्षेत्र युद्ध के एक नए मैदान के रूप में उभर रहा है। सीडीएस ने ‘‘अंतरिक्ष संस्कृति'' विकसित करने की भी वकालत की, जिसमें सिद्धांत, अनुसंधान और समर्पित युद्ध विद्यालय विकसित करने जैसे तत्व शामिल हों। उन्होंने रक्षा और अंतरिक्ष विशेषज्ञों की सभा में कहा, ‘‘रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी एक सैन्य अंतरिक्ष सिद्धांत लाने पर काम कर रही है, और उम्मीद है कि यह दो या तीन महीने में सामने आ जाएगा। हम एक राष्ट्रीय सैन्य अंतरिक्ष नीति पर भी काम कर रहे हैं।'' चौहान ने रक्षा क्षेत्र के लिए 52 उपग्रहों के समूह को सरकार की मंजूरी का भी उल्लेख किया, जिनमें से 31 उपग्रह निजी क्षेत्र द्वारा निर्मित किए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में खुफिया जानकारी, निगरानी और टोही उद्देश्यों के लिए 52 से अधिक उपग्रहों को प्रक्षेपित करने जा रहे हैं।'' सीडीएस ने कहा कि रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी वर्तमान सीमाओं को कम करने और ‘‘भविष्य के लिए खुद को तैयार करने'' के लिए एक एकीकृत उपग्रह संचार ग्रिड पर काम कर रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संभावित खतरों की पहचान करने के वास्ते सैन्य अंतरिक्ष अभियान महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि ये खतरे राज्य द्वारा प्रायोजित या राज्य से इतर तत्वों से उत्पन्न हो सकते हैं। सीडीएस ने कहा, ‘‘हमारे कुछ प्रतिद्वंद्वियों की क्षमताएं तेजी से बढ़ रही हैं। उन्होंने एक विशेष अंतरिक्ष बल बनाया है, उन्होंने कक्षा में कौशल प्रदर्शन किया है। यह महत्वपूर्ण है कि हम इन पर नजर रखें क्योंकि वे जोखिम-शमन रणनीति का हिस्सा हैं।'' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीयों के रूप में तथा ‘‘ज्ञान और अनुसंधान के माध्यम से अंतरिक्ष का सम्मान करने वाली संस्कृति के रूप में, हमें स्वयं को पुनः स्थापित करने की आवश्यकता है।'' भारतीय रक्षा अंतरिक्ष संगोष्ठी का आयोजन ‘इंडियन स्पेस एसोसिएशन' (आईएसपीए) द्वारा मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान में किया गया। सदियों से सैन्य चरित्र किस प्रकार विकसित हुआ है तथा युद्ध में समुद्री और अंतरिक्ष संस्कृतियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, इस पर प्रकाश डालते हुए सीडीएस ने कहा कि अतीत में ‘‘समुद्री संस्कृति'' के कारण ही पुर्तगाली, स्पेनिश, अंग्रेज या डच लोग विश्व पर हावी रहे होंगे। सीडीएस ने कहा, ‘‘इसी तरह, अंतरिक्ष संस्कृति ने अमेरिका और यूरोपीय देशों को हवाई क्षेत्र में वर्चस्व स्थापित करने में मदद की। इन दोनों ही क्षेत्रों का युद्ध पर स्थायी प्रभाव पड़ा है। सैन्य शक्ति वास्तव में इस विशेष संस्कृति के विकास और इसके लिए क्षमताओं के निर्माण के इर्द-गिर्द केंद्रित रही।'' जनरल चौहान ने कहा, ‘‘और आज हम एक ऐसे युग के मुहाने पर हैं, जहां अंतरिक्ष क्षेत्र युद्ध के एक नए मैदान के रूप में उभर रहा है, और यह युद्ध पर हावी होने जा रहा है। युद्ध के सभी तीन प्राथमिक तत्व (भूमि, समुद्र, वायु) अंतरिक्ष पर निर्भर होंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, जब हम कहते हैं कि अंतरिक्ष का इन तीन तत्वों पर प्रभाव पड़ने वाला है, तो यह महत्वपूर्ण है कि हम अंतरिक्ष को समझें। यह भविष्य में युद्ध की बुनियादी संरचना का निर्माण करने जा रहा है।'' सीडीएस ने रेखांकित किया कि अंतरिक्ष संस्कृति ‘‘अंतरिक्ष के उपयोग पर नउ विचारों'' के बारे में है, जो नयी क्षमताओं के निर्माण की दिशा में ‘‘आगे बढ़ेगी''। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि अंतरिक्ष, ब्रह्मांड या ब्रह्मांड विज्ञान के बारे में बात करना हमेशा रोमांचक होता है।