- Home
- बिजनेस
- नयी दिल्ली। वैश्विक बाजारों के कमजोर रुख तथा रुपये में मजबूती के बीच सोमवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना आठ रुपये टूटकर 47,004 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 47,012 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। वहीं दूसरी ओर चांदी 216 रुपये की बढ़त के साथ 63,262 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 63,046 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया शुरुआती कारोबार में 27 पैसे की बढ़त के साथ 74.19 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना मामूली गिरावट के साथ 1,816 डॉलर प्रति औंस पर था। चांदी 24.19 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘सोमवार को सोने की कीमतें कमजोर रहीं। कॉमेक्स में सोने का हाजिर भाव 0.08 प्रतिशत के नुकसान से 1,816 डॉलर प्रति औंस था।
-
नयी दिल्ली। फ्यूचर समूह-अमेजन के बढ़ते विवाद के बीच फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के स्वतंत्र निदेशकों ने प्रतिस्पर्धा आयोग से दो साल पहले फ्यूचर कूपन के साथ अमेजन के सौदे को दी गई मंजूरी को रद्द करने का अनुरोध किया है। साथ ही उसने आरोप लगाया कि नियामक मंजूरी प्राप्त करने के लिए ई-कॉमर्स क्षेत्र की इस कंपनी ने फर्जी बयान पेश किये। फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के स्वतंत्र निदेशकों ने रविवार को भारत प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के अध्यक्ष को इस बारे में पत्र लिखा। नियामक को लिखे गए पत्र में कहा गया कि फ्यूचर कूपंस प्राइवेट लिमिटेड में निवेश की अमेजन को दी गई मंजूरी सीसीआई को तत्काल रद्द करना चाहिए। -
नयी दिल्ली । किराये पर ई-स्कूटर प्रदान करने वाली स्टार्टअप कंपनी बाउंस अगले एक साल में ई-स्कूटर विनिर्माण और बैटरी की अदला-बदली के लिए बुनियादी ढाँचे के विस्तार के लिए निवेश करने की योजना बना रही है। कंपनी के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विवेकानंद हल्लेकेरे ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसके लिए कंपनी अगले 12 महीनों में 10 करोड़ डॉलर (742 करोड़ रुपये) का निवेश करेगी। हल्लेकेरे ने बताया कि कंपनी अपना पहला ई-स्कूटर इस महीने के अंत में पेश करेगी और इसकी आपूर्ति अगले वर्ष फरवरी से शुरू की जायेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम बिजली से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को मुख्य धारा में लाना चाहते हैं। जब हम ईवी में परिवर्तन के बारे में बात कर रहे हैं, तो हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि इन वाहनों का व्यावहारिक रूप से इस्तेमाल किया जा सके। साथ ही ग्राहक चार्जिंग के बुनियादी ढांचे, बैटरी की क्षमता और संबंधी मुद्दों की चिंता न करें। हमारे पास इसके दो संस्करण होंगे और नवंबर के अंत तक हम प्री-बुकिंग शुरू कर देंगे और डिलीवरी फरवरी के अंत तक शुरू हो जाएगी।'' उन्होंने कहा कि कंपनी को प्री-बुकिंग में ई-स्कूटर के लिए एक लाख से अधिक बुकिंग आने की उम्मीद है।
- नयी दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सेवा कंपनी ऑप्टिमस इलेक्ट्रॉनिक्स (ओईएल) अगले दो साल में 2,000 नियुक्तियां करेगी। इसके अलावा कंपनी अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने की योजना भी बना रही है। ऑप्टिमस इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रबंध निदेशक ए गुरुराज ने कहा कि कंपनी की मौजूदा उत्पादन क्षमता दो साल में पूरी हो जाएगी। ऐसे में हम नई विनिर्माण इकाई लगाने को जगह की तलाश कर रहे हैं। गुरुराज ने कहा, ‘‘हमें देखना होगा कि ग्राहकों की मांग कितनी रहती है, लेकिन मेरा मानना है कि अगले एक से डेढ़ साल में हम शॉप फ्लोर पर दो हजार लोग जोड़ेंगे।'' अभी कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 300 है।ओईएल उन इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण सेवा कंपनियों में है जो मोबाइल फोन, आईटी हार्डवेयर और दूरसंचार उत्पादों के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के पात्र हैं। सरकार इस योजना के तहत कंपनियों द्वारा किए जाने वाले निवेश और साल-दर-साल आधार पर उनकी बढ़ी हुई बिक्री के लिए प्रोत्साहन देती है। गुरुराज ने कहा, ‘‘आज से डेढ़ साल में मुझे भरोसा है कि हम अपने लक्ष्य पा लेंगे। ओईएल विस्ट्रॉन के साथ काम करने को लेकर ग्राहक काफी रुचि दिखा रहे हैं।'' ओईएल ने अगस्त में कहा था कि वह मोबाइल फोन और दूरसंचार उपकरण विनिर्माण पर 1,350 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इससे वह अगले तीन से पांच साल में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सेवाओं से 38,000 करोड़ रुपये का राजस्व जुटा पाएगी और 11,000 रोजगार के अवसरों का सृजन कर पाएगी।
- नयी दिल्ली,। पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हरदयाल प्रसाद ने कहा कि कंपनी ने कार्लाइल की अगुवाई में 4,000 करोड़ रुपये के सौदे से पीछे हटने का फैसला सोच-समझकर किया है। उन्होंने कहा कि हम लंबी कानूनी लड़ाई में नहीं फंसना चाहते थे, क्योंकि इससे हम कर्ज देने के कारोबार से भटक सकते थे। पिछले महीने कंपनी ने कहा कि उसने कार्लाइल के नेतृत्व में 4,000 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश सौदे पर आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है क्योंकि कानूनी लड़ाई कंपनी और उसके हितधारकों के सर्वोत्तम हित में नहीं होगी। इस सौदे को 31 मई को अंतिम रूप दिया गया था। इसके तुरंत बाद यह निवेशकों को दिए जा रहे शेयरों के मूल्यांकन के संबंध में विवाद में फंस गया। बाद में बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के हस्तक्षेप से यह मामला प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) तक पहुंच गया।
- नयी दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद दिल्ली में पेट्रोल पर कुल कर घटकर 50 प्रतिशत और डीजल पर 40 प्रतिशत रह गया है। वहीं उन राज्यों में वाहन ईंधन पर कर और कम हो गया है, जिन्होंने उत्पाद शुल्क कटौती के बाद मूल्यवर्धित कर (वैट) या बिक्री कर घटाया है। पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें तेल की मूल कीमतों में केंद्रीय उत्पाद शुल्क, डीलरों को दिया जाने वाला कमीशन और वैट को जोड़ने के बाद तय की जाती हैं। तेल की मूल कीमत में मौजूदा अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क दर और माल ढुलाई भाड़ा आता है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों से उपलब्ध ईंधन की मूल्य संरचना के अनुसार, शुल्क में कटौती से पहले एक नवंबर को दिल्ली में केंद्रीय उत्पाद शुल्क 32.90 रुपये प्रति लीटर और वैट 30 प्रतिशत था, जो पेट्रोल के खुदरा बिक्री मूल्य का 54 प्रतिशत बैठता है। यह उत्पाद शुल्क में पांच रुपये प्रति लीटर की कमी के बाद दिल्ली में घटकर 50 प्रतिशत रह गया है।केंद्र सरकार की उत्पाद शुल्क कटौती के साथ ही दो दर्जन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने वैट में कमी की है, जिससे इन राज्यों में प्रतिशत के लिहाज से खुदरा कीमतों में और कमी आई है। दिल्ली सरकार ने अभी तक वैट कम नहीं किया है। इसी तरह दिल्ली में डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क 31.80 रुपये प्रति लीटर, वैट 16.75 प्रतिशत और प्रति किलोलीटर 250 रुपये का हवाई परिवेश शुल्क लगता है, जिससे कुल मिलाकर कर 48 प्रतिशत तक पहुंच गया था। यह उत्पाद शुल्क में 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती के बाद दिल्ली में घटकर 40 प्रतिशत पर आ गया है। अगर वैट में कटौती की जाती है, तो कीमतें और नीचे आएंगी। पेट्रोल की मूल कीमत चेन्नई में 52.01 रुपये प्रति लीटर और लद्दाख में 59.89 रुपये प्रति लीटर के बीच है। इसके ऊपर केंद्र सरकार 27.90 रुपये का उत्पाद शुल्क लेती है जिसका भुगतान कारखाना गेट (इस मामले में रिफाइनरी) पर किया जाता है। इसके बाद राज्य सरकारें स्थानीय बिक्री कर या वैट की अलग-अलग दरें लगाती हैं। राजस्थान में पेट्रोल पर सबसे अधिक 30.51 रुपये प्रति लीटर का वैट लागू है। इसके बाद महाराष्ट्र में 29.99 रुपये, आंध्र प्रदेश (29.02 रुपये) और मध्य प्रदेश (26.87 रुपये) का नंबर आता है। अंडमान और निकोबार में सबसे कम 4.93 रुपये प्रति लीटर का वैट लगता है। इसी तरह डीजल की मूल कीमत चेन्नई में 52.13 रुपये प्रति लीटर से लेकर लद्दाख में 59.57 रुपये प्रति लीटर तक है। इसके ऊपर केंद्र सरकार 21.80 रुपये का उत्पाद शुल्क लेती है। सबसे अधिक वैट 21.19 रुपये प्रति लीटर आंध्र प्रदेश में लागू है। उसके बाद राजस्थान में 21.14 रुपये और महाराष्ट्र में 20.21 रुपये प्रति लीटर का वैट लगाया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश सबसे कम 4.40 रुपये प्रति लीटर और अंडमान और निकोबार 4.58 रुपये वैट लेता है। पेट्रोल पंप डीलरों को पेट्रोल पर 3.85 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 2.58 रुपये प्रति लीटर का कमीशन दिया जाता है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी, ताकि ईंधन की रिकॉर्ड-उच्च कीमतों से परेशान उपभोक्ताओं को राहत मिल सके। केंद्र सरकार की घोषणा के बाद 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अलग-अलग अनुपात में वैट दरों में कटौती करते हुए लोगों को और राहत दी है। वैट दर कम कर लोगों को अतिरिक्त राहत देने वाले राज्यों में कर्नाटक, पुडुचेरी, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा, असम, सिक्किम, बिहार और मध्य प्रदेश शामिल हैं। इनमें गोवा, गुजरात, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, मेघालय और लद्दाख भी शामिल हैं। जिन राज्यों ने अब तक वैट कम नहीं किया है उनमें कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों द्वारा शासित राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड और तमिलनाडु शामिल हैं। इनमें आप शासित दिल्ली, तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल, वाम दल शासित केरल, टीआरएस शासित तेलंगाना और वाईएसआर कांग्रेस शासित आंध्र प्रदेश भी शामिल हैं। बुधवार की उत्पाद शुल्क कटौती से देशभर में पेट्रोल की कीमत में 5.7 रुपये से 6.35 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमतों में 11.16 रुपये से 12.88 रुपये की कमी आई है।
- नयी दिल्ली। डाबर इंडिया की शहरी बिक्री में सुधार हो रहा है और अभी यह ग्रामीण बाजारों की तुलना में बेहतर रुख दर्शा रही है। वहीं ग्रामीण इलाकों में कंपनी की बिक्री कोविड-19 की दूसरी लहर के बावजूद जुझारू क्षमता दिखा रही है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही है। डाबर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मोहित मल्होत्रा ने कहा कि वृद्धि के बावजूद शहरी बाजार में बिक्री अभी कोविड-पूर्व के स्तर पर नहीं पहुंची है। प्रतिबंधों में ढील और ई-कॉमर्स मंचों पर बिक्री के नए चलन से हालांकि शहरी बिक्री में सुधार हो रहा है। मल्होत्रा ने पिछले हफ्ते निवेशकों के साथ कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा, ‘‘मेरे विचार में आगे चलकर शहरी बिक्री की तुलना में ग्रामीण बिक्री में अधिक वृद्धि होगी, कम से कम हमारे मामले में ऐसा ही है। हम अपने बुनियादी ढांचे में सुधार भी कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि कंपनी ग्रामीण ढांचे में लगातार निवेश कर रही है। डाबर इंडिया के बिक्री नेटवर्क में 83,500 गांव हैं। कंपनी का इरादा अगले साल तक इनकी संख्या बढ़ाकर 90,000 करने का है। उन्होंने कहा कि आगे चलकर ग्रामीण क्षेत्रों में बिक्री जुझारू क्षमता दिखाएगी। यह लगभग 26 प्रतिशत के आधार के साथ 12 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। वही 18 प्रतिशत के आधार पर शहरी बिक्री करीब नौ प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। कंपनी हालांकि कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि को लेकर चिंतित है, जिसमे अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान भी वृद्धि जारी है। मल्होत्रा ने कहा कि ग्रामीण बाजार हमारे लिए अच्छा संकेत दे रहे हैं। ‘‘मानसून शानदार रहा है, कटाई अच्छी रही है। मनरेगा की व्यवस्था अच्छी है तथा ग्रामीण बाजारों में बेरोजगारी की दर अभी निचले स्तर पर है।\
- नई दिल्ली। भारत में अगले साल 5 लाख रुपये से कम कीमत में मारुति सुजुकी , टाटा मोटर्स, डैटसन और फॉक्सवैगन कंपनी की नई कारें लॉन्च हो सकती हैं।भारत में अगले साल मारुति की सबसे ज्यादा बिकने वाली कार ऑल्टो नए अवतार में आ रही है, जो कि 2022 मारुति ऑल्टो होगी। नई ऑल्टो को साल 2022 की पहली छमाही में लॉन्च कर दी जाएगी। नई ऑल्टो को भारत में 3.5 लाख रुपये की शुरुआती कीमत के साथ लॉन्च किया जा सकता है। मारुति सुजुकी अगले साल भारत में एक और सस्ती हैचबैक कार लॉन्च कर सकती है, जिसका नाम मारुति कर्वो हो सकता है। मीडिया रिपोट्र्स की मानें तो मारुति कर्वो को भारत में 3 लाख रुपये की शुरुआती कीमत में लॉन्च किया जा सकता है। हालांकि, मारुति ने इस कार के बारे में किसी तरह की जानकारी नहीं दी है।अगले साल भारत में टाटा मोटर्स भी किफायती हैचबैक सेगमेंट में मारुति ऑल्टो समेत अन्य कारों को टक्कर देने के लिए टाटा काइट 5 नाम से नई कार लॉन्च कर सकती है। टाटा की अपकमिंग हैचबैक कार टाटा काइट 5 की शुरुआती कीमत 4.5 लाख रुपये हो सकती है। हालांकि, टाटा की तरफ से इस बारे में किसी तरह की जानकारी नहीं दी गई है। अगले साल भारत में फॉक्सवैगन भी कियाफती हैचबैक कार सेगमेंट में एंट्री ले सकती है और फॉक्सवैगन अप नाम से नई कार लॉन्च कर सकती है, जिसकी शुरुआती कीमत 4 लाख रुपये हो सकती है। इसके साथ ही डैटसन एक और सस्ती एसयूवी डैटसन क्रास लॉन्च कर सकती है, जिसकी कीमत 4.5 लाख रुपये से शुरू हो सकती है।
- दुबई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अध्यक्ष दिनेश कुमार खारा ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 टीकाकरण कायर्क्रम के सफल कार्यान्वयन के साथ भारत वृद्धि के अगले दौर में जाने के लिए तैयार है। खारा ने दुबई में आयोजित एक्सपो2020 के दौरान भारतीय पवेलियन में कहा कि देश ने जिस तरह का टीकाकरण अभियान देखा है, वह सभी भारतीयों को गौरवान्वित करता है। विशेष कर इसलिए क्योंकि घरेलू स्तर पर बनने वाले टीकों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश में पिछले दो साल से अर्थव्यवस्था में ऋण वृद्धि काफी कम थी। उम्मीद है कि अब क्षमता उपयोग में सुधार होगा और कॉरपोरेट क्षेत्र में निवेश की मांग को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी। एसबीआई अध्यक्ष ने कहा, "सरकार ने बुनियादी ढांचे में निवेश पर अपना ध्यान जारी रखते हुए शानदार काम किया है, जो अर्थव्यवस्था के मुख्य क्षेत्रों को बढ़ावा देने के मामले में एक लंबा सफर तय कर चुका है। निजी कॉरपोरेट क्षेत्र में निवेश के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था निश्चित रूप से वृद्धि के अगले दौर में जाएगी।" उन्होंने कहा कि एक्सपो2020 में देश का पवेलियन वास्तविक भारत को प्रस्तुत कर रहा है, जो अवसरों से भरा है।
- नयी दिल्ली। औषधि क्षेत्र की कंपनी डिवीज लेबोरेट्रीज ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 606.46 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ अर्जित किया है, जो एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 16.71 फीसदी अधिक है। कंपनी ने शेयर बाजार की दी सूचना में बताया कि जुलाई-सितंबर 2020 की तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 519.59 करोड़ रुपये रहा था। वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में मजबूत बिक्री होने से उसका लाभ बढ़ा है। पिछली तिमाही में कंपनी की समेकित कुल आय भी बढ़कर 2,006.62 करोड़ रुपये हो गई जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 1,762.94 करोड़ रुपये रही थी। डिवीज लेबोरेट्रीज ने कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से उसके परिचालन और आपूर्ति शृंखला पर कोई असर नहीं पड़ा है। इसके अलावा वित्तीय एवं गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों की रिकवरी भी महामारी की मार से बची रही है।
- नयी दिल्ली। औषधि विनिर्माता सुवेन फार्मास्युटिकल्स ने वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में 97 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ कमाया है। कंपनी ने शेयर बाजार को सूचना दी कि जुलाई-सितंबर 2021 तिमाही में उसका शुद्ध लाभ पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 31 फीसदी बढ़ गया। जुलाई-सिंतबर 2020 तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 74 करोड़ रुपये था। हैदराबाद स्थित कंपनी के मुताबिक, गत 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में उसका परिचालन राजस्व 301 करोड़ रुपये रहा जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 237 करोड़ रुपये था। सुवेन फार्मास्युटिकल्स के मुताबिक, उसके कारोबार एवं अनुसंधान गतिविधियों पर कोविड-19 महामारी का प्रभाव अब भी बना हुआ है। भारत के अलावा उसकी अमेरिकी अनुषंगी सुवेन फार्मा इंक यूएसए भी इससे प्रभावित है। कंपनी ने कहा, "कंटेनरों की किल्लत होने से खेप पहुंचने में हो रही देरी, परिवहन एवं वितरण लागत बढ़ने और दवा-निर्माण सामग्रियों के समय पर न मिलने से भी हमारे परिचालन एवं मुनाफे पर असर पड़ा है।
- नयी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो दस नवंबर से अहमदाबाद-रांची मार्ग पर उड़ानों का संचालन शुरू करेगी। कंपनी ने शनिवार को जारी बयान में बताया कि अहमदाबाद-रांची मार्ग पर उसकी उड़ानें सप्ताह में चार दिन संचालित होंगी। गत एक नवंबर से अहमदाबाद-जोधपुर के बीच उसकी उड़ानें शुरू हो चुकी हैं। इसके अलावा इंडिगो ने दो नवंबर से बेंगलूरु-राजकोट, कोलकाता-कोयंबटूर, दिल्ली-त्रिवेंद्रम और डिब्रूगढ़-दिमापुर मार्गों पर भी अपनी उड़ानें शुरू कर दी हैं। घरेलू विमानन बाजार में 57.5 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली इंडिगो ने गत सितंबर में 22.66 लाख यात्रियों का परिचालन किया था।
-
नयी दिल्ली। उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने बुधवार को कहा कि जिंसों की आसमान छूती कीमतें कंपनियों, खासकर सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के कीमत लागत मार्जिन को बुरी तरह प्रभावित कर रही हैं। उद्योग मंडल ने साथ ही कहा कि मुद्रास्फीति को संतुलित करने और मुद्रा स्थिरता बनाए रखने में भारतीय रिजर्व बैंक की महत्वपूर्ण भूमिका है। पीएचडीसीसीआई ने उन क्षेत्रों का खाका तैयार करते हुए पांच सुझाव दिए, जिनपर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के दूसरे कार्यकाल के दौरान ध्यान दिया जाना चाहिए। उद्योग मंडल की यह टिप्पणी उन्हीं सुझावों का हिस्सा है। पीएचडीसीसीआई ने केंद्रीय बैंक के गवर्नर के रूप में दास की पुन: नियुक्ति की सराहना करते हुए कहा, "उनके शानदार नेतृत्व में रिजर्व बैंक ने महामारी की शुरुआत के बाद से इसके प्रभाव को कम करने और अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ाने के लिए कई पारंपरिक उपाय किए।" उसने कहा कि दास को अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान पांच प्रमुख सुझावों पर ध्यान देना चाहिए।
इनमें 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए उच्च आर्थिक वृद्धि के रास्ते को प्राप्त करना और बनाए रखना शामिल है। पीएचडीसीसीआई ने सुझाव दिया, "जिंसों की आसमान छूती कीमतें कंपनियों विशेष रूप से एमएसएमई के मूल्य लागत मार्जिन को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही हैं। इसलिए, इस मोड़ पर, देश में मुद्रास्फीति को संतुलित करने और उच्च वृद्धि हासिल करते हुए मुद्रा स्थिरता बनाए रखने के लिए रिजर्व बैंक की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।" उद्योग मंडल ने साथ ही कहा कि दास को मुद्रास्फीति के दबाव को संतुलित करते हुए प्रणाली में पर्याप्त नकदी बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। -
मुंबई। बैंक कर्ज 22 अक्टूबर को समाप्त पखवाड़े में 6.84 प्रतिशत बढ़कर 110.46 लाख करोड़ रुपये रहा। वहीं जमा 9.94 प्रतिशत बढ़कर 157.12 लाख करोड़ रुपये हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक के बुधवार को जारी आंकड़े के अनुसार पिछले साल 23 अक्टूबर को समाप्त इसी पखवाड़े में बैंक ऋण 103.39 लाख करोड़ रुपये और जमा 142.92 लाख करोड़ रुपये थे। आठ अक्टूबर को समाप्त पिछले पखवाड़े में बैंक ऋण में 6.48 प्रतिशत और जमा में 10.16 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। वित्त वर्ष 2020-21 में, बैंक ऋण में 5.56 प्रतिशत और जमा में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। -
मुंबई । इक्विटी में सीधे निवेश करने वाले युवाओं की संख्या बढ़ रही है। यह बताता है कि उनका ध्यान लंबी अवधि के रिटर्न पर है न कि तत्काल कर बचत पर। एक सर्वे में यह कहा गया है। जेरोधा, अपस्टॉक्स और एंजेलऑन जैसी ब्रोकरेज कंपनियां और एचडीएफसी सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, जियोजीत आदि जैसे स्थापित कंपनियों ने महामारी के बाद से अपने नए ग्राहकों की संख्या को दोगुना से अधिक कर लिया है। इन सभी ब्रोकरेज कंपनियो का कहना है कि उनके 70 प्रतिशत से अधिक नए ग्राहक पहली बार के निवेशक हैं और 30 वर्ष से कम उम्र के हैं। मई 2020 और सितंबर 2021 के बीच, बीएसई का उपयोगकर्ता आधार लगभग दोगुना होकर आठ करोड़ से अधिक हो गया, जिनमें अंतिम एक करोड़ केवल जून 2021 के पहले सप्ताह और सितंबर के तीसरे सप्ताह के बीच निवेश किए थे। ऑनलाइन सर्वेक्षण पिछले सप्ताह 18-50 आयु वर्ग के दो लाख लोगों के बीच किया गया था।
एक ऑनलाइन निवेश मंच ग्रो (सेक्वॉया कैपिटल, वाईकॉम्बिनेटर, रिबिट कैपिटल, टाइगर ग्लोबल आदि द्वारा समर्थित) द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, सर्वे में शामिल प्रतिभागियों में से 81 प्रतिशत अपने पैसे को शेयर बाजारों में और इसके बाद म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं। वे बचत और धन में दीर्घकालीन वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करते हैं, न कि तत्काल कर बचत पर। - नयी दिल्ली। केंद्र ने राजस्व की भरपाई को लेकर बुधवार को जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में राज्यों को 17,000 करोड़ रुपये जारी किए। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इसके साथ ही 2021-22 के दौरान राज्यों/केंद्र शासित क्षेत्रों को अब तक कुल 60,000 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति राशि जारी की जा चुकी है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद के फैसले के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के दौरान जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में राशि जारी होने में कमी के एवज में 1.59 लाख करोड़ रुपये का ऋण राज्यों को पहले ही जारी किया जा चुका है। केंद्र ने चालू वित्त वर्ष में राज्यों को दी जाने वाली जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में 2.59 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान लगाया है। इसमें से इस साल लगभग 1.59 लाख करोड़ रुपये उधार लेने होंगे। केंद्र को विलासिता और समाज के नजरिए से अहितकर वस्तुओं पर उपकर के माध्यम से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक जमा होने की उम्मीद है। यह राज्यों को माल और सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन की वजह से राजस्व में हुई कमी की भरपाई के लिए दिया जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार, कर संग्रह बजट में निर्धारित लक्ष्य से अधिक होने की उम्मीद है क्योंकि अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के साथ संग्रह में सुधार हुआ है। अक्टूबर में जीएसटी संग्रह बढ़कर 1.30 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो जुलाई 2017 में जीएसटी व्यवस्था के लागू होने के बाद से दूसरी सर्वाधिक राशि है। इससे पहले अप्रैल 2021 में 1.41 लाख करोड़ रुपये का सबसे ज्यादा जीएसटी संग्रह हुआ था।
- नयी दिल्ली। वैश्विक बाजारों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में गिरावट आने तथा रुपये के मूल्य में सुधार से राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में बुधवार को सोना 375 रुपये टूटकर 46,411 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 46,786 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 898 रुपये की गिरावट के साथ 62,052 रुपये प्रति किलोग्राम रह गयी। पिछले कारोबारी सत्र में यह 62,950 रुपये प्रति किलो बंद हुई थी। बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 22 पैसे मजबूत होकर 74.46 रुपये प्रति डॉलर हो गया।अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना गिरावट के साथ 1,781 डॉलर प्रति औंस रह गया जबकि चांदी 23.48 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘अमेरिका के जिंस एक्सचेंज कॉमेक्स में सोने की हाजिर कीमत बुधवार को 0.32 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,781 डॉलर प्रति औंस रह गयी। इससे सोने की कीमतों में गिरावट का रुख रहा।
- नयी दिल्ली। सरकार ने आम लोगों को महंगाई से कुछ राहत देने के लिये बुधवार को महत्वपूर्ण कदम उठाया। ईँधन के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद केंद्र ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच रुपये तथा 10 रुपये की कटौती की। दिवाली की पूर्व संध्या पर की गयी इस घोषणा से ईंधन की आसमान छूती कीमतों को नीचे लाने में मदद मिलेगी और महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को भी कुछ राहत मिलेगी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया, "भारत सरकार ने कल से पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच रुपये और 10 रुपये की कमी करने का एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आएगी।" बयान के मुताबिक किसानों ने अपनी कड़ी मेहनत से, ‘लॉकडाउन' के दौरान भी आर्थिक वृद्धि की गति को बनाए रखा और डीजल पर उत्पाद शुल्क में भारी कमी से उन्हें आगामी रबी सीजन के दौरान प्रोत्साहन मिलेगा। हाल के महीनों में, कच्चे तेल की कीमतों में वैश्विक स्तर पर उछाल देखा गया है। इस वजह से हाल के हफ्तों में पेट्रोल और डीजल की घरेलू कीमतों में वृद्धि हुई है, जिससे मुद्रास्फीति संबंधी दबाव बढ़ गया है।
- नयी दिल्ली। केंद्र ने बुधवार को कहा कि उसने अब तक देश भर के प्रमुख बाजारों में अपने बफर स्टॉक से 1.11 लाख टन प्याज जारी किया है। इससे खुदरा कीमतों में 5-12 रुपये प्रति किलो की कमी आई है। इस बफर प्याज को दिल्ली, कोलकाता, लखनऊ, पटना, रांची, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, मुंबई, चंडीगढ़, कोच्चि और रायपुर जैसे प्रमुख बाजारों में जारी किया गया था। इसके अलावा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात के स्थानीय बाजारों में प्याज को उतारा गया था।उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘बफर स्टॉक के जरिए प्याज की कीमतों को भी स्थिर किया जा रहा है। प्याज की कीमतों को कम करने के केंद्र के प्रयासों के अब परिणाम सामने आ रहे हैं।'' प्याज की कीमतें अब पिछले साल की तुलना में सस्ती हैं, क्योंकि इस प्रमुख सब्जी का औसत अखिल भारतीय खुदरा मूल्य 40.13 रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि थोक बाजार में यह 31.15 रुपये प्रति किलोग्राम है। इसमें कहा गया है कि दो नवंबर तक बफर स्टॉक से कुल 1,11,376.17 टन प्याज प्रमुख बाजारों में लाया गया था। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस हस्तक्षेप से खुदरा कीमतों को अब तक 5-12 रुपये प्रति किलोग्राम तक कम करने में मदद मिली है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में, खुदरा प्याज की कीमतें तीन नवंबर को घटकर 44 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई हैं, जो 20 अक्टूबर को 49 रुपये थी। मुंबई में, प्याज की कीमतें 14 अक्टूबर के 50 रुपये प्रति किलोग्राम के उच्च स्तर से घटकर अब 45 रुपये रह गई हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि कोलकाता में प्याज की खुदरा कीमत 17 अक्टूबर के 57 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर 45 रुपये रह गई, जबकि चेन्नई में यह 13 अक्टूबर के 42 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर 37 रुपये रह गई है। मंत्रालय के अनुसार, प्याज की कीमतें अक्टूबर के पहले सप्ताह से बढ़ने लगी थीं, क्योंकि बारिश के कारण आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई थी। कीमतों को कम करने के लिए, सरकार ने ‘फर्स्ट-इन-फर्स्ट-आउट (फीफो) सिद्धांत पर बफर स्टॉक से प्याज की सुनियोजित और लक्षित तरीके से बाजार में लाना शुरू किया है, जो कीमतों को कम करने और न्यूनतम भंडारण हानि सुनिश्चित करने के दोहरे उद्देश्यों से प्रेरित है। सरकार ने बाजार में जारी करने के अलावा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भंडारण स्थानों से उठान के लिए 21 रुपये प्रति किलो की दर से बफर प्याज की पेशकश की है। यह राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को या तो खुदरा उपभोक्ताओं को खुदरा दुकानों के माध्यम से सीधे आपूर्ति के माध्यम से या कीमतों को कम करने के लिए प्रमुख बाजारों में जारी करने के माध्यम से बाजार में हस्तक्षेप करने की स्थिति में लायेगा। मदर डेयरी के सफल बिक्री केन्द्र को 26 रुपये किलो प्याज की पेशकश की गई है और इसने 400 टन उठा लिया है। नगालैंड को भी बफर प्याज की आपूर्ति की जा रही है। कीमतों में कमी लाने के लिए प्रभावी बाजार हस्तक्षेप के उद्देश्य से मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत प्याज बफर को बनाए रखा गया है। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2021-22 के दौरान बफर के लिए कुल 2.08 लाख टन प्याज की खरीद की गई, जो 2 लाख टन के लक्ष्य से थोड़ा अधिक है।
- नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने बुधवार को कर्ज पर लगने वाले ब्याज को 0.05 प्रतिशत घटाकर 6.50 प्रतिशत कर दिया। पीएनबी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि रेपो से जुड़ी ब्याज दर (आरएलएलआर) को आठ नवंबर से 6.55 फीसदी से घटाकर 6.50 फीसदी कर दिया गया है। आरएलएलआर में कमी के साथ आवास, कार, शिक्षा, व्यक्तिगत ऋण सहित सभी कर्ज सस्ते हो जाएंगे। उल्लेखनीय है कि बैंक ने पिछली बार 17 सितंबर को अपने रेपो आधारित ब्याज को 6.80 फीसदी से घटाकर 6.55 फीसदी कर दिया था।
-
मुंबई। अमेरिका की रेस्तरां श्रृंखला सबवे अगले एक दशक में अपने रेस्तरां की संख्या को मौजूदा 700 से बढ़ाकर तीन गुना करेगी। उसने मंगलवार को एवरस्टोन ग्रुप के साथ मास्टर फ्रेंचाइजी करार की घोषणा की। एवरस्टोन सिंगापुर मुख्यालय वाली निजी निवेश कंपनी है जिसका निजी इक्विटी और रियल एस्टेट में छह अरब डॉलर से अधिक का निवेश है। इस करार के बाद सबवे भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश में अपने रेस्तरांओं की संख्या को बढ़ाकर 2,000 से अधिक करेगी। अभी उसके रेस्तरांओं की संख्या 700 है। सबवे के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जॉन चिडसे ने कहा, ‘‘हम भारत और दक्षिण एशिया में एक नया अध्याय शुरू कर रहे हैं। एवरस्टोन के पास क्षेत्र में रेस्तरांओं के परिचालन का गहन अनुभव और ज्ञान है।'' इस करार के वित्तीय पक्ष की जानकारी नहीं मिली है।
- -
नयी दिल्ली। एयरएशिया इंडिया ने मंगलवार को कहा कि यात्रियों द्वारा निश्चित शुल्क का भुगतान करने पर उन्हें अतिरिक्त तीन किलो या पांच किलो वजन के सामान वाला बैग अपने साथ ले जाने की अनुमति होगी। तीन किलो के लिये शुल्क 600 रुपये और पांच किलो के लिये 1,000 रुपये है। यात्रियों को अबतक एयर एशिया इंडिया के उड़ानों में अतिरिक्त सामान (केबिन बैगेज) ले जाने की अनुमति नहीं थी। अन्य घरेलू एयरलाइंस की तरह एयर एशिया इंडिया यात्रियों को अपने साथ सात किलो वजन के सामान वाला बैग ले जाने की अनुमति देती है। एयरलाइन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि नई सेवा ‘कैरी ऑन एक्स्ट्रा' के तहत यात्री 10 किलो सामान से लदा बैग अपने साथ यात्रा के दौरान ले जाना चाहते हैं, उन्हें 600 रुपये शुल्क देना होंगे। अगर यात्री 12 किलो वजन के सामान से लदा बैग ले जाना चाहते हैं, उन्हें 1,000 रुपये बतौर शुल्क देने होंगे। -
नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश में तेजी लाने के इरादे से मंगलवार को पेट्रोलियम और इस्पात मंत्रालयों के पूंजी व्यय की समीक्षा की। उन्होंने समीक्षा बैठक में मंत्रालयों से पूंजी व्यय की राशि को पहले जारी करने को कहा। उन्होंने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय तथा इस्पात मंत्रालय के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। आधिकारिक बयान के अनुसार वित्त मंत्री ने तीनों मंत्रालयों में पूंजी व्यय के मामले में अच्छी प्रगति पर गौर किया। उन्होंने 2021-22 की तीसरी तिमाही और वित्त वर्ष 2022--23 की पहली छमाही में पूंजी व्यय में तेजी लाने को कहा। सीतारमण ने कहा कि सरकार के लिये बुनियादी ढांचा परियोजनाएं प्राथमिकता है और केंद्रीय बजट में प्रस्तावित पूंजी व्यय प्रोत्साहन के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि भौतिक तथा वित्तीय परियोजनाओं के मामले में लक्ष्यों के अनुसार पूंजी व्यय वित्त वर्ष की शुरुआती तिमाहियों के दौरान किये जाएं। वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में 5.54 लाख करोड़ रुपये के पूंजी व्यय का प्रस्ताव किया गया है। यह 2021-21 के बजट अनुमान से 34.5 प्रतिशत अधिक है।
- नयी दिल्ली। जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो पूर्वी लद्दाख के डेमचोक में मोबाइल फोन सेवा शुरू करने वाली पहली कंपनी बन गयी है। कंपनी ने सीमावर्ती गांव में फोन पर बातचीत और इंटरनेट के लिये 4जी सेवा शुरू की है। लेह के सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने डेमचोक में जियो मोबाइल टावर का उद्घाटन किया और सीमावर्ती गांव, सेना, आईटीबीए तथा यात्रियों के लिए 4जी सेवाओं की शुरूआत की। उन्होंने सीमावर्ती गांव चुशुल में मोबाइल टावर का उद्घाटन करने के बाद कहा, ‘‘यह निश्चित रूप से सीमा सुरक्षा के साथ-साथ सीमावर्ती गांवों की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।'' कार्यक्रम के बारे में ट्विटर पर जानकारी देते हुए नामग्याल ने कहा, ‘‘रिजांग ला के रास्ते पैंगोंग-चुशुल-सागा की यात्रा करने वाले ग्रामीणों, सेना और पर्यटकों के लिए 4 जी इंटरनेट सेवा की शुरुआत।'' समुद्र तल से 13,000 फुट से अधिक ऊंचाई पर स्थित डेमचोक चीन से सटा सीमावर्ती क्षेत्र है। दूरसंचार सेवाओं की शुरुआत के साथ इस क्षेत्र में तैनात जवानों और स्थानीय निवासियों के लिए संचार की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी। डेमचोक के अलावा लद्दाख के सीमावर्ती गांव चुशुल, न्योमा थारुक और दुरबुक में भी 4जी सेवाओं का उद्घाटन किया गया। लद्दाख में जियो नेटवर्क को तीन फाइबर मार्गों, लेह-श्रीनगर, लेह-मनाली (हिमाचल प्रदेश) और लेह-गुरे के माध्यम से जोड़ा गया है। उन्होंने दूरसंचार सेवाओं के लिये जियो अधिकारियों को धन्यवाद भी दिया।
- मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मंगलवार को बैंकों से जोखिमों के उभरते संकेतों को लेकर सतर्क रहने और इसे कम करने के लिये जरूरी उपाय करने करने को कहा। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि दास ने सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र के कुछ बैंकों के प्रबंध निदेशकों और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के साथ वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से अलग-अलग बैठकें की। दास ने अपने संबोधन में बैंकों की वित्तीय स्थिति और परिचालन में आए सुधार का उल्लेख किया। इससे वित्तीय स्थिरता सुदृढ़ हुई है। आरबीआई के अनुसार उन्होंने आर्थिक गतिविधियों के पुनरुद्धार में बैंकों की तरफ से आवश्यक सहायता को जारी रखने की जरूरत है। बयान में कहा गया है, ‘‘उन्होंने बैंकों को जोखिमों या संकट के उभरते संकेतों को लेकर सतर्क रहने और इन्हें कम करने के लिये जरूरी उपाय करने करने की सलाह दी।'' बैठक में खासकर सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को कर्ज प्रवाह, दबाव वाली संपत्ति की स्थिति तथा बैंकों के वित्तीय प्रौद्योगिकी इकाइयों से जुड़ने समेत अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई। इन बैठकों में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम के जैन, एम राजेश्वर राव और टी रवि शंकर भी शामिल हुए।