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मूडीज का अनुमान, भारत के कर्ज के बोझ में संभवत: कमी आएगी
नयी दिल्ली. रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस का अनुमान है कि भारत के कर्ज के बोझ में कमी आएगी। मूडीज ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत की राजकोषीय मजबूती के लिए कर्ज का सस्ता होना जरूरी है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तीव्र वृद्धि देश के कर्ज बोझ में गिरावट के अनुमानों का एक प्रमुख बिंदु है। वर्तमान मूल्य पर जीडीपी वृद्धि दर 11 प्रतिशत रहने का अनुमान है। भारत में सामान्य सरकारी कर्ज अपेक्षाकृत ऊंचे स्तर पर है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए यह जीडीपी का लगभग 81.8 प्रतिशत रहा है जबकि बीएए-रेटिंग के लिए इसका औसत लगभग 56 प्रतिशत है। मूडीज ने भारत को स्थिर परिदृश्य के साथ ‘बीएए3' की क्रेडिट रेटिंग दी हुई है। बीएए3 निवेश योग्य सबसे निचली रेटिंग है। मूडीज के प्रतिनिधि रेटिंग में सुधार के मसले पर शुक्रवार को सरकार के अधिकारियों से भी मिलने वाले हैं। इस मुलाकात को रेटिंग में सुधार की पहल के तौर पर देखा जा रहा है। -
नयी दिल्ली.सरकार ने रिफाइंड सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क 17.5 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया है। वित्त मंत्रालय की बृहस्पतिवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर काबू के लिए यह कदम उठाया गया है। आमतौर पर भारत रिफाइंड के बजाय ‘कच्चे' सोयाबीन और सूरजमुखी तेल का आयात करता है। इसके बावजूद सरकार ने रिफाइंड सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क घटाया है। इस कटौती के साथ रिफाइंड खाद्य तेलों पर प्रभावी शुल्क 13.7 प्रतिशत हो गया है। इसमें सामाजिक कल्याण उपकर भी शामिल है। सभी प्रमुख कच्चे खाद्य तेलों पर प्रभावी शुल्क 5.5 प्रतिशत है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने कहा कि इस कदम का बाजार की धारणा पर कुछ अस्थायी प्रभाव हो सकता है, लेकिन इससे आयात नहीं बढ़ेगा। मेहता ने बयान में कहा, ‘‘आमतौर पर सरकार खाद्य तेलों की कीमतों को नियंत्रण में रखना चाहती है। कच्चे और रिफाइंड सोयाबीन और सूरजमुखी तेलों के बीच कम शुल्क अंतर के बावजूद रिफाइंड सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल का आयात आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं है। इस कदम से बाजार की धारणा पर अस्थायी प्रभाव पड़ेगा।'' अभी रिफाइंड सोयाबीन और सूरजमुखी तेल का कोई आयात नहीं होता है।
एसईए के अनुसार, केरल में मानसून की शुरुआत में एक सप्ताह की देरी के कारण बुवाई में विलंब हुआ है। मेहता ने कहा, ‘‘मौसम विभाग ने लगभग सामान्य मॉनसून का अनुमान लगाया है। हालांकि, अल नीनो से पूरी तरह इनकार नहीं किया गया है और इससे सामान्य मॉनसून की संभावना को झटका लग सकता है, जिसके चलते खरीफ फसल और अगले तेल वर्ष 2023-24 में वनस्पति तेलों की घरेलू उपलब्धता प्रभावित हो सकती है।'' भारत खाद्य तेलों में अपनी मांग-आपूर्ति के अंतर को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। आयात के जरिये भारत अपनी 60 प्रतिशत खाद्य तेल जरूरत को पूरा करता है। -
मुंबई। कार खरीदना हर किसी का सपना होता है। आज हम आपको ऐसी कुछ कारों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी कीमत 5 लाख रुपए से भी कम है, लेकिन माइलेज के मामले में जबरदस्त हैं।
मारुति सुजुकी ऑल्टो के 10मारुति सुजुकी ने बीते साल ऑल्टो के10 लॉन्च की थी, जिसमें बेहतर इंजन और पावर के साथ ही काफी सारी नई खूबियां दिखीं। मारुति ऑल्टो के10 की शुरुआती एक्स शोरूम प्राइस 3.99 लाख रुपये है। इस किफायती फैमिली हैचबैक की माइलेज 24.9 Kmpl तक की है। ऑल्टो के10 में कुछ और पैसे लगाएंगे तो इसका सीएनजी मॉडल भी मिल जाएगा और इसकी माइलेज और ज्यादा है।मारुति सुजुकी एस-प्रेसोमारुति सुजुकी एस-प्रेसो भी एंट्री लेवल हैचबैक में से है, जो कि लुक और फीचर्स के मामले में अच्छी है। मस्कुलर लुक वाली इस 5 सीटर फैमिली कार की एक्स शोरूम प्राइस 4.26 लाख रुपये से शुरू होती है। एस-प्रेसो की माइलेज 25.3 Kmpl तक की है। मारुति सुजुकी ने इस कार को पेट्रोल और सीएनजी ऑप्शन में पेश किया है।रेनॉ क्विडरेनॉ इंडिया की सबसे सस्ती कार क्विड फैमिली हैचबैक है, जिसकी एक्स शोरूम प्राइस 4.69 लाख रुपये से शुरू होती है। लुक और फीचर्स में यह कार अच्छी लगती है और इसकी माइलेज 22 kmpl तक की है।मारुति सुजुकी टूर एच1मारुति सुजुकी की ऑल्टो के10 हैचबैक पर बेस्ड इस कॉमर्शियल कार के दो वेरिएंट हैं। मारुति टूर एच1 के 1 लीटर 5 एमटी वेरिएंट की एक्स शोरूम कीमत 4,80,500 रुपये से शुरू होती है। पेट्रोल इंजन वाली इस कार की माइलेज 24.60 किलोमीटर प्रति लीटर तक की है। लुक और फीचर्स के मामले में भी यह कार अच्छी है। - नयी दिल्ली । अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) प्रमुख फातिह बिरोल ने बुधवार को कहा कि भारत तेल खपत के मामले में जल्द ही चीन को पछाड़कर पहले स्थान पर पहुंच जाएगा। इसके साथ ही बिरोल ने कहा कि भारत के पास हरित हाइड्रोजन उत्पादन में सबसे आगे निकलने का अवसर भी है।भारत इस समय ऊर्जा खपत के मामले में दुनिया भर में तीसरे स्थान पर है। माना जा रहा है कि जनसंख्या के मामले में भारत चीन को पीछे कर पहले स्थान पर आ चुका है। ऐसी स्थिति में भारत की ईंधन जरूरत और बढ़ने की संभावना है। जी-20 समूह के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए बिरोल ने कहा, “भारत में तेल की मांग बढ़ेगी। मुझे लगता है कि वैश्विक तेल मांग में भारत जल्द ही चीन को पछाड़कर पहले स्थान पर पहुंच जाएगा।” उन्होंने कहा, “चीन में तेल की मांग कमजोर होने के पीछे एक तथ्य ये भी है कि वहां कारों और बसों को तेजी से इलेक्ट्रिक ढांचे में ढाला जा रहा है।” चीन में इलेक्ट्रिक वाहनों को काफी तेज गति से अपनाया जा रहा है जिससे वहां पेट्रोल और डीजल की खपत में कमी आ रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत में भी इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल की रफ्तार तेजी से बढ़ेगी।इसके पहले उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के पास हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में सबसे आगे रहने का एक अवसर है। उन्होंने कहा, "मेरे हिसाब से भारत हरित हाइड्रोजन में महाशक्ति बनने का ऐतिहासिक अवसर गंवाने का जोखिम नहीं ले सकता है।" उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से बिजली उत्पादन में भारत की प्रगति पर भी खुशी जताई।
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नई दिल्ली। WhatsApp पर चैंटिग का अंदाज अब पूरी तरह से बदलने वाला है। WhatsApp एक कमाल का फीचर रॉल-आउट करने जा रहा है। इस फीचर के लिए यूजर्स काफी लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। WABetaInfo की एक रिपोर्ट के मुताबिक, WhatsApp ने iOS और Android यूजर्स के लिए वीडियो मैसेज फीचर को लेटेस्ट बीटा वर्जन में कुछ लकी यूजर्स के लिए रॉल-आउट कर दिया है। टैक्स और ऑडियो के बाद अब यूजर्स शॉर्ट वीडयों के रूप में भी मैसेज भेज सकेंगे।
WhatsApp अभी इस नए शॉर्ट वीडियो मैसेज फीचर को डेवलप कर रहा है। हालांकि यह फीचर WhatsApp के लेटेस्ट बीटा वर्जन में कुछ चुनिंदा यूजर्स के लिए रॉल-आउट हो चुका है। इस फीचर के पूरी तरह से रॉल-आउट होने के बाद WhatsApp के तकरीबन 2.24 बिलियन यूजर्स चैट के दौरान अपने कॉनटेक्ट को 60 सेकंड तक के शॉर्ट वीडियो मैसेज भेज सकेंगे। शॉर्ट वीडियो मैसेज फीचर की मदद से मैसेजिंग ऐप बेहतर कम्यूनिकेशन सुविधा उपलब्ध कराना चाहता है।बता दें कि WhatsApp पहले से ही लॉग वीडियो फॉर्मेट को सपोर्ट करता है, लेकिन इसके लिए पहले वीडयो को सेव करना पड़ता है। इसके बाद ही वीडियो को शेयर किया जा सकता है। इसके विपरीत शॉर्ट वीडियो मैसेज को सेंड करना आसान और फास्ट होगा। रिपोर्ट के मुताबिक चैट में माइक आइकन की ही तरह कैमरा आइकन दिया जा सकता है, जिस पर क्लिक करके शॉर्ट वीडियो मैसेज को सीधे चैटिग के दौरान ही शेयर किया जा सकता है। लेटेस्ट रिकॉर्डेड वीडियो और पुरानी रिकॉर्डेड वीडियो में अंतर पहचानने के लिए एक आइकन का इस्तेमाल किया जा सकता है। वीडियो मैसेज रिसीव करने वाले यूजर को यह पता चल जाएगा की शॉर्ट वीडियो मैसेज अभी रिकॉर्ड किया गया है या पहले से रिकॉर्डेड था। टैक्स मैसेज की ही तरह मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वीडियो मैसेज के लिए भी सेफ्टी का पूरा ध्यान रखेगी। इसके लिए एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन का इस्तेमाल किया जाएगा। - नयी दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 2,000 रुपये का नोट चलन से बाहर करने के बाद लोग अपने पास मौजूद इस मूल्य वर्ग के नोटों का इस्तेमाल मुख्य रूप से ईंधन, आभूषण और किराने का सामान खरीदने में कर रहे हैं। एक सर्वेक्षण से यह बात सामने आई है। गंतव्य आधारित सोशल नेटवर्क पब्लिक ऐप की तरफ से अखिल भारतीय स्तर पर किए गए सर्वे के अनुसार, 55 प्रतिशत लोग बैंक में 2,000 रुपये का नोट जमा करने की योजना बना रहे हैं, जबकि 23 प्रतिशत लोग इनको खर्च करने और 22 प्रतिशत इन्हें बैंक में बदलने को तैयार हैं। आरबीआई ने 19 मई को 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने की घोषणा की थी। हालांकि लोगों को ये नोट अपने खातों में जमा करने या बैंक में बदलने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है। आरबीआई ने हाल ही में कहा था कि लगभग दो सप्ताह में ही चलन में मौजूद 2,000 रुपये के लगभग आधे नोट वापस आ चुके हैं। इस सर्वे में 22 राज्यों के एक लाख से अधिक लोगों की राय ली गई। सर्वेक्षण में कहा गया है कि 2,000 रुपये के नोट को लोग पेट्रोल और डीजल, सोने और आभूषण और रोजाना का किराना का सामान खरीदने के लिए खर्च कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें अपने नोट बदलने में दिक्कत आ रही थी, सर्वेक्षण में शामिल 61 प्रतिशत प्रतिभागियों ने दावा किया कि उन्हें इस प्रक्रिया में कोई भी कठिनाई नहीं हुई। केरल में 75 प्रतिशत लोगों ने यह बात कही। वहीं आंध्र प्रदेश में 53 प्रतिशत और तमिलनाडु में 50 प्रतिशत लोगों ने कहा कि नोट बदलने में उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई। वहीं 42 प्रतिशत ने कहा कि उनसे स्थानीय लोगों ने यह नोट लेने से इनकार कर दिया। सर्वे में शामिल 51 प्रतिशत लोगों की राय थी कि उन्हें नोट बदलने के लिए अधिक समय मिलना चाहिए था। वहीं 44 प्रतिशत का कहना था कि नोट बदलने की दैनिक सीमा 20,000 रुपये से अधिक होनी चाहिए थी।
- चेन्नई । विमानन कंपनी इंडिगो ने चेन्नई हवाई अड्डे पर नवनिर्मित एकीकृत टर्मिनल से अपना परिचालन शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत अप्रैल में 1,260 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित एकीकृत टर्मिनल भवन के पहले चरण का उद्घाटन किया था। इंडिगो ने मंगलवार को एकीकृत टर्मिनल बिल्डिंग टी2 से अपना अंतरराष्ट्रीय परिचालन शुरू कर दिया। एयरलाइन चेन्नई से उड़ान भरने वाली अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन टी2 से ही करेगी। आने वाले समय में अन्य एयरलाइन भी इस टर्मिनल से परिचालन शुरू कर सकती हैं। चेन्नई हवाई अड्डे की तरफ से एक सोशल मीडिया पोस्ट में यह जानकारी दी गई। इसके मुताबिक, इस टर्मिनल पर तमिलनाडु की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया गया है।
- नयी दिल्ली । देश की अग्रणी वाहन विनिर्माता मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) प्रीमियम वाहन खंड में बड़ी बाजार हिस्सेदारी हासिल करने की योजना के तहत पांच जुलाई को अपना नया मॉडल ‘इनविक्टो' पेश करने जा रही है। एमएसआई के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (बिक्री एवं विपणन) शशांक श्रीवास्तव ने मंगलवार को कहा कि कंपनी तीन कतारों वाली सीट से लैस एमपीवी/ एसयूवी खंड में अपने कदम मजबूती से बढ़ा रही है। श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हमें लगता है कि तीन कतार वाली सीट से लैस प्रीमियम एमपीवी / एसयूवी के लिए एक बाजार है। बाजार में ऐसे ग्राहक हैं जो ऐसा प्रीमियम वाहन तलाश कर रहे हैं जो या तो एमपीवी या एसयूवी हो या फिर दोनों की खूबियों से लैस हो।'' उन्होंने कहा कि तीन कतार वाली सीट से लैस एसयूवी/ एमपीवी खंड में पिछले वित्त वर्ष में लगभग 2.58 लाख वाहन बिके थे जिनमें से करीब 1.25 लाख वाहनों की कीमत 20 लाख रुपये से अधिक थी। इस पहलू को ध्यान में रखते हुए एमएसआई अपने नए मॉडल इनविक्टो के साथ प्रीमियम खंड में पैर जमाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि यह खंड तेजी से उभर रहा है और बड़ा होता जा रहा है। कंपनी का नया मॉडल इनविक्टो टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) के साथ भागीदारी में विकसित हाइब्रिड मॉडल टोयोटा हाइक्रॉस पर आधारित होगा। टोयोटा और सुजुकी के बीच वैश्विक साझेदारी के तहत यह मॉडल विकसित किया गया है। टीकेएम देश में पहले से ही इनोवा हाइक्रॉस मॉडल बेच रही है। इसी मॉडल को कुछ डिजाइन एवं अन्य बदलावों के साथ मारुति सुजुकी इनविक्टो के तौर पर बाजार में पेश करेगी। श्रीवास्तव ने कहा कि इनविक्टो के लिए 19 जून से बुकिंग शुरू करने की योजना है। इसे पांच जुलाई को बाजार में उतारा जाएगा। उन्होंने कहा कि एमएसआई 10 लाख रुपये से कम कीमत वाले वाहन खंड में लगभग 60 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ अगुवा है और अब ऊंची कीमत वाले वाहन खंड में भी अपनी मौजूदगी बढ़ाने की योजना है।
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बिलासपुर/कोरबा। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) अपनी गेवरा खदान की क्षमता बढ़ाकर सात करोड़ टन करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इससे चालू वित्त वर्ष के अंत तक गेवरा दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक खान बन जाएगी। कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक प्रेम सागर मिश्रा ने यह जानकारी दी। मिश्रा ने बिलासपुर में कहा कि कोरबा में स्थित एसईसीएल की गेवरा खदान वर्तमान में दुनिया की चौथी बड़ी कोयला खान है। उन्होंने बताया कि दो सबसे बड़ी कोयला खानें अमेरिका में हैं जबकि एक इंडोनेशिया में है। मिश्रा ने कहा, ‘‘हम गेवरा खान के विस्तार की प्रक्रिया में हैं। हम इसे दुनिया का सबसे बड़ी कोयला उत्पादक स्थल बनाना चाहते हैं। हमारा गेवरा की उत्पादन क्षमता को सात करोड़ टन सालाना करने का लक्ष्य है।'' वित्त वर्ष 2022-23 में गेवरा खान का उत्पादन 5.25 करोड़ टन रहा था। मिश्रा ने कहा कि यह साल के लिए हमारे तय लक्ष्य से अधिक है। सात करोड़ टन का लक्ष्य कब तक हासिल होगा इस सवाल पर कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ने कहा कि हमारा इसे चालू वित्त वर्ष के अंत तक हासिल करने का लक्ष्य है। हमें पर्यावरणीय मंजूरी का इंतजार है, जो वित्त वर्ष के मध्य तक मिल सकती है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने लगभग दो करोड़ टन उत्खनन क्षमता के लिए पर्यावरणीय मंजूरी के लिए आवेदन किया है। गेवरा खदान के बारे में मिश्रा ने बताया कि यह एक खुली खदान है, जो 27 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है। करीब 600 मीटर की गहराई तक खदान की खुदाई की गई है। ब्लॉक से रोजाना करीब 1.5 लाख टन कोयले का खनन होता है। एसईसीएल गेवरा को पेंड्रा रोड से जोड़ने वाला एक रेलवे गलियारा और दो ‘साइलो' भी बना रही है। इसके अलावा वह ब्लॉक से कोयले के तेजी से लदान और परिवहन के लिए दो करोड़ टन सालाना क्षमता का कोयला रखरखाव संयंत्र स्थापित करने की भी प्रक्रिया में है।
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नयी दिल्ली. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं, तो तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतें घटाने पर विचार करने की स्थिति में होंगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तेल कंपनियों के आगामी तिमाही नतीजे अच्छे होंगे।
पुरी ने यहां भाजपा मुख्यालय पर पेट्रोल कीमतों पर विभिन्न सवालों के जवाब देते हुए हालांकि कहा कि वह इस मुद्दे पर कोई घोषणा करने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने कहा, “आगे चलकर देखेंगे कि क्या किया जा सकता है।” उन्होंने कहा कि सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने पिछली तिमाही में ‘ठीक' प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा, “उन्होंने कुछ घाटे की भरपाई कर ली है। उन्होंने अपनी कॉरपोरेट जिम्मेदारी बहुत अच्छी तरह निभाई है। हम जैसे आगे बढ़ेंगे, हम देखेंगे कि क्या किया जा सकता है।” भाजपा नेता ने कहा कि नरेन्द्र मोदी की अगुआई वाली सरकार ने सुनिश्चित किया है कि 22 अप्रैल से तेल कीमतों में बढ़ोत्तरी न हो। उन्होंने कहा कि सरकार आगे भी सुनिश्चित करेगी कि ग्राहकों को परेशानी ना हो। पुरी ने विपक्ष पर ‘रेवड़ी राजनीति' करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कोई सब कुछ ‘मुफ्त' में देने की पेशकश कर सकता है, लेकिन ऐसे में मुफ्तखोरी की राजनीति खतरनाक क्षेत्र में प्रवेश कर जाती है।
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नई दिल्ली। वैश्विक बाजारों (global market) से मिले मिश्रित संकेतों के बीच सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन लाल निशान पर बंद हुए। आज के कारोबार में सेंसेक्स (Sensex) 223 अंक टूटा। वहीं, निफ्टी (Nifty) में भी 71 अंकों की गिरावट देखी गई। कारोबार के अंत में निफ्टी 18,563.40 पर बंद हुआ।
BSE का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 223.01 अंक यानी 0.35 फीसदी टूटकर 62,625.63 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 62,992.16 की ऊंचाई तक गया और नीचे में 62,594.74 तक आया। वहीं, दूसरी तरफ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के निफ्टी में 71.15 अंक यानी 0.38 फीसदी की गिरावट देखी गई। निफ्टी कारोबार के अंत में 18,563.40 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान निफ्टी 18,676.65 की उंचाई तक गया और नीचे में 18,555.40 तक आया।आज के कारोबार में सेंसेक्स के शेयरों में 11 शेयर हरे निशान पर बंद हुए। इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, पावर ग्रिड, लार्सन एंड टूब्रो और अल्ट्राटेक सीमेंट सेंसेक्स के टॉप 5 गेनर्स रहे। सबसे ज्यादा मुनाफा इंडसइंड बैंक के शेयरों को हुआ। इसके शेयर करीब 2.12 फीसदी तक चढ़े।वहीं, दूसरी तरफ सेंसेक्स के शेयरों में 19 शेयर लाल निशान पर बंद हुए। टाटा स्टील, SBI, HUL, HCL टेक और इंफोसिस सेंसेक्स के टॉप लूजर्स रहे। सबसे ज्यादा नुकसान टाटा स्टील के शेयरों को हुआ। इसके शेयर करीब 1.98 फीसदी तक गिर गए। -
मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नीतिगत ब्याज दर में बदलाव नहीं करने के बृहस्पतिवार के फैसले को बैंकरों ने अपेक्षित बताते हुए कहा कि इससे मुद्रास्फीति पर केंद्रीय बैंक की सख्त निगरानी भी उजागर होती है। भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के चेयरमैन और सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी ए के गोयल ने कहा, “दरों को यथावत रखना और नीति में बदलाव नहीं करना अपेक्षित था। स्पष्ट है कि आरबीआई ने मुद्रास्फीति के मामले में अपनी निगरानी बनाए रखी है।” गोयल ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति (सीपीआई) पर आरबीआई का 5.1 प्रतिशत का अनुमान अप्रैल में अनुमानित 5.2 प्रतिशत से थोड़ा कम है। आरबीआई मुद्रास्फीति पर रेपो दर में साल भर में हुई कुल 2.5 प्रतिशत वृद्धि के पूरे प्रभाव का आकलन करना चाहता है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश खारा ने मुद्रास्फीति के संदर्भ में भविष्य के लिए बाजार की अपेक्षाओं के अनुरूप आए आरबीआई के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “विकास को लेकर विभिन्न नीतियों में बदलावों से बाजार की सूक्ष्म संरचना से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों पर प्रभाव पड़ेगा।” आईडीबीआई बैंक के उप प्रबंध निदेशक सुरेश खटनहार ने कहा कि दर वृद्धि के सिलसिले पर रोक लगना एक अच्छा संकेत है क्योंकि इससे मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने, निवेश बढ़ाने और धारणाओं को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। विदेशी ऋणदाता स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की भारत में प्रमुख जरीन दारूवाला ने कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का निर्णय वृद्धि को बढ़ावा देने के साथ-साथ मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने की उसकी प्रतिबद्धता दोहराता है। बंधन बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री एवं शोध प्रमुख सिद्धार्थ सान्याल ने कहा कि एमपीसी बैठक में नीतिगत दर रेपो में परिवर्तन नहीं करना पूर्वानुमान के अनुरूप ही था। उन्होंने कहा, “दिलचस्प बात यह है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान को 0.5 प्रतिशत तक घटाने के बावजूद समूचे वर्ष के लिए मुद्रास्फीति अनुमान लगभग अपरिवर्तित है।” -
नयी दिल्ली. कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में नरमी आने से पेट्रोल और डीजल पर मार्जिन बढ़ने के बावजूद इनकी खुदरा कीमतों में बदलाव तभी होगा जब सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां पिछले साल हुए घाटे की भरपाई कर लेंगी। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। सार्वजनिक क्षेत्र की तीनों पेट्रोलियम कंपनियों ने पेट्रोल, डीजल की कीमतों में दैनिक बदलाव करने पर पिछले साल से ही रोक लगाई हुई है। उन्होंने अपनी लागत के अनुरूप कीमतों में संशोधन भी नहीं किया है। दरअसल ये कंपनियां कच्चे तेल की कीमतें खुदरा बिक्री कीमतों से ज्यादा होने पर पिछले साल हुए भारी घाटे की भरपाई अब लागत घटने पर कर रही हैं। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) देश में पेट्रोल, डीजल की खुदरा बिक्री करती हैं। अधिकारियों ने कहा कि तीनों कंपनियों ने वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही से ही पेट्रोल पर सकारात्मक मार्जिन कमाया है लेकिन डीजल बिक्री पर उन्हें उस समय भी घाटा हो रहा था। हालांकि पिछले महीने डीजल पर भी पेट्रोलियम कंपनियों का मार्जिन 50 पैसे प्रति लीटर के लाभ के साथ सकारात्मक हो गया। लेकिन पिछले साल हुए भारी घाटे की भरपाई के लिए यह पर्याप्त नहीं है। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद मार्च, 2022 में 139 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थीं। हालांकि अब ये कीमतें 75-76 डॉलर तक आ चुकी हैं। कच्चे तेल के दाम ऊंचे स्तर पर होने की स्थिति में तेल कंपनियों को पेट्रोल पर 17.4 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 27.7 रुपये प्रति लीटर का घाटा हुआ। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कीमतें कुछ नरम होने पर तेल कंपनियों ने पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति लीटर का मार्जिन कमाया लेकिन डीजल पर उन्हें 6.5 रुपये प्रति लीटर का घाटा हुआ था। इसके बाद जनवरी-मार्च 2023 की तिमाही में पेट्रोल पर उनका मार्जिन कम होकर 6.8 रुपये प्रति लीटर हो गया। लेकिन उन्हें डीजल पर मार्जिन 0.5 रुपये प्रति लीटर का सकारात्मक हुआ। अधिकारियों ने कहा कि पिछले घाटों की भरपाई करने के अलावा सार्वजनिक तेल कंपनियां इस पहलू पर भी नजर रखे हुए हैं कि कच्चे तेल की कम कीमतें लंबे समय तक कायम रहेंगी या नहीं। एक अधिकारी ने कहा, "मुझे लगता है कि तेल कंपनियां कम-से-कम एक और तिमाही तक कच्चे तेल की कीमतों पर नजर रखने के बाद ही पेट्रोल, डीजल की खुदरा कीमतों में संशोधन पर कोई फैसला करेंगी।"
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नयी दिल्ली. खाद्य तेल ब्रांड ‘धारा' की बिक्री करने वाली मदर डेयरी ने इस तेल के अधिकतम खुदरा कीमत (एमआरपी) में प्रति लीटर 10 रुपये तक की कटौती करने की घोषणा करते हुए कहा है कि अगले सप्ताह से नई कीमतों वाली पैकिंग बाजार में उपलब्ध हो जाएगी। कंपनी ने कहा कि धारा ब्रांड के तेल की कीमतों में कटौती वैश्विक बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में आई गिरावट को देखते हुए की गई है। मदर डेयरी दिल्ली एवं एनसीआर क्षेत्र में दुग्ध उत्पादों की प्रमुख आपूर्तिकर्ता होने के साथ धारा ब्रांड के तहत खाद्य तेल की भी बिक्री करती है। खाद्यतेलों को आम तौर पर खुदरा विक्रेता, बोतल या उसके पैकेट पर छपे एमआरपी से कम दाम पर बेचते हैं।
पिछले हफ्ते, केंद्र ने खाद्य तेल उद्योग निकायों को निर्देश दिया कि वे अपने सदस्यों को तत्काल प्रभाव से प्रमुख खाद्य तेलों के एमआरपी को 8-12 रुपये प्रति लीटर कम करने की सलाह दें। मदर डेयरी के प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को जारी बयान में कहा, ‘‘धारा खाद्य तेल के सभी संस्करणों के एमआरपी में 10 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती की जा रही है। यह कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाद्य तेलों के दाम गिरने और घरेलू स्तर पर सरसों जैसी तिलहन फसलों की उपलब्धता में सुधार को देखते हुए उठाया गया है।'' इसके साथ ही प्रवक्ता ने कहा कि धारा ब्रांड के खाद्य तेल नई एमआरपी के साथ अगले सप्ताह तक खुले बाजार में मिलने लगेंगे। दाम में कटौती के बाद धारा ब्रांड के रिफाइंड सोयाबीन तेल की कीमत 140 रुपये प्रति लीटर होगी जबकि रिफाइंड चावल भूसी तेल (राइस ब्रान) का एमआरपी 160 रुपये प्रति लीटर होगा। धारा रिफाइंड वनस्पति तेल अब 200 रुपये प्रति लीटर के भाव पर उपलब्ध होगा। इसी तरह धारा कच्ची घानी सरसों तेल की एमआरपी 160 रुपये प्रति लीटर और धारा सरसों तेल की एमआरपी 158 रुपये प्रति लीटर होगी। मदर डेयरी ने कहा कि धारा का रिफाइंड सूरखमुखी तेल का एमआरपी अब 150 रुपये प्रति लीटर और नारियल तेल का एमआरपी 230 रुपये प्रति लीटर होगा। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने 2 जून को खाद्य तेल हितधारकों के साथ एक बैठक की थी जिसमें खाद्यतेलों की वैश्विक कीमतों में निरंतर गिरावट के मद्देनजर खाद्यतेलों की खुदरा कीमतों में और कटौती करने के बारे में चर्चा की गई। उद्योग ने सूचित किया था कि पिछले दो महीनों में विभिन्न खाद्य तेलों की वैश्विक कीमतों में 150-200 डॉलर प्रति टन की गिरावट आई है। उन्होंने बताया कि तेल मिलों ने एमआरपी कम कर दी है और जल्द ही इसे और कम करेंगे। खाद्य तेलों के प्रमुख आयातक देश भारत ने विपणन वर्ष 2021-22 में 1.57 लाख करोड़ रुपये के खाद्य तेलों का आयात किया था। भारत अपनी कुल खाद्य तेल जरूरतों का 50 प्रतिशत से ज्यादा आयात करता है। -
नयी दिल्ली. बीते वित्त वर्ष (2022-23) की चौथी तिमाही में 43 शहरों में संपत्ति की कीमतों में वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) की ओर से बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। आंकड़ों के अनसार, सर्वे में शामिल 50 शहरों में से सात शहरों में घरों के दाम नीचे आए हैं। आवास ऋण पर ब्याज दर कोविड-पूर्व के समय से भी कम बनी हुई हैं, जिससे इस क्षेत्र में वृद्धि बनी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत के आठ प्रमुख आवास बाजारों में जनवरी-मार्च, 2023 तिमाही के दौरान संपत्ति की कीमतों में वृद्धि देखी गई। एनएचबी द्वारा प्रकाशित आवास कीमत सूचकांक (एचपीआई) के अनुसार, अहमदाबाद में संपत्ति कीमतों में सालाना आधार पर 10.8 प्रतिशत, बेंगलुरु में 9.4 प्रतिशत, चेन्नई में 6.8 प्रतिशत, दिल्ली में 1.7 प्रतिशत, हैदराबाद में 7.9 प्रतिशत, कोलकाता में 11 प्रतिशत, मुंबई 3.1 प्रतिशत और पुणे 8.2 प्रतिशत वृद्धि हुई है। इन शहरों का एचपीआई बैंकों और आवास ऋण कंपनियों से प्राप्त मूल्यांकन के आंकड़ों पर आधारित है। इसमें चौथी तिमाही में सालाना आधार पर 5.8 प्रतिशत वृद्धि हुई। मार्च, 2022 में इसमें 5.3 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।
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नयी दिल्ली. महिंद्रा एंड महिंद्रा सुप्रो सीएनजी डुओ की पेशकश के साथ दोहरे ईंधन वाले छोटे वाणिज्यिक वाहन खंड में उतर गई है। इस गाड़ी की शोरूम कीमत 6.32 लाख रुपये है। सुप्रो सीएनजी डुओ सीएनजी और पेट्रोल दोनों पर चल सकती है।
यह मॉडल 750 किलोग्राम की पेलोड क्षमता और 75 किलो की सीएनजी टैंक क्षमता के साथ आता है। इसमें पांच लीटर का पेट्रोल टैंक भी है। यानी एक बार सीएनजी भरवाने के बाद यह वाहन 325 किलोमीटर तक चल सकता है। ऐसे में एक शहर से दूसरे शहर तक परिवहन के लिए इस गाड़ी का इस्तेमाल किया जा सकता है। महिंद्रा एंड महिंद्रा के उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय बिक्री प्रमुख बानेश्वर बनर्जी ने बताया कि यह वाहन मालवहन के विभिन्न क्षेत्रों की मांग को पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल एक शहर से दूसरे शहर तक परिवहन के लिए भी किया जा सकेगा। कंपनी इस मॉडल को महाराष्ट्र स्थित चाकन संयंत्र में बना रही है। -
मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को कहा कि चलन में मौजूद दो हजार रुपये के कुल नोटों में लगभग 50 प्रतिशत बैंकिंग प्रणाली में वापस आ गए हैं। गौरतलब है कि केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने इन नोटों को वापस लेने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2023 तक कुल 3.62 लाख करोड़ रुपये मूल्य के दो हजार रुपये के नोट चलन में थे। दास ने यहां द्विमासिक मौद्रिक नीति जारी करने के बाद मीडिया से कहा, ‘‘इस घोषणा के बाद अबतक 1.80 लाख करोड़ रुपये के नोट वापस आ चुके हैं।'' उन्होंने कहा कि दो हजार रुपये के करीब 85 प्रतिशत नोट बैंक खातों में जमा किए जा रहे हैं, जबकि बाकी नोटों को छोटे मूल्य वर्ग के नोटों से बदला जा रहा है। दास ने पिछले महीने कहा था कि 2,000 के नोटों को चलन से हटाने के फैसले का अर्थव्यवस्था पर ‘बहुत सीमित' असर होगा। चलन में मौजूद कुल मुद्रा में 2,000 के नोट का हिस्सा सिर्फ 10.8 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि 2016 में नोटबंदी के बाद नकदी की कमी की भरपाई के लिए 2,000 रुपये का नोट लाया गया था। गवर्नर ने कहा था कि जिस किसी के पास 2,000 रुपये का नोट है वह उसे अपने बैंक खाते में जमा कर सकता है या किसी अन्य मूल्य की मुद्रा से बदल सकता है। बैंकों को 2,000 का नोट बदलने के लिए जरूरी व्यवस्था करने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि 30 सितंबर की समयसीमा तक 2,000 के ज्यादातर नोट वापस हो जाएंगे।' -
कीमत 2.55 करोड़ रुपये से शुरू
मुंबई. जर्मनी की कार कंपनी मर्सिडीज बेंज इंडिया ने बृहस्पतिवार को अपने स्पोर्ट्स यूटिलिटी वेहिकल (एसयूवी) जी-क्लास के दो संस्करण- जी 400डी एडवेंचर एडिशन और जी 400डी एएमजी लाइन पेश किए। इनकी कीमत 2.55 करोड़ रुपये से शुरू होती है। मर्सिडीज बेंज इंडिया ने बयान में कहा, “दोनों संस्करणों की आपूर्ति चालू वर्ष की तीसरी तिमाही से शुरू होने की उम्मीद है।” कंपनी ने कहा कि नई जी 400डी की बुकिंग के लिए वरीयता मर्सिडीज-बेंज के मौजूदा ग्राहकों को दी जाएगी।
कंपनी ने कहा कि इन संस्करणों की आपूर्ति इनकी भारी मांग देखते हुए भारतीय बाजारों के लिए इनके आवंटन पर आधारित होगी। मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संतोष अय्यर ने कहा, “ग्राहकों का ध्यान एसयूवी श्रेणी के वाहनों पर बना हुआ है। जी-क्लास भारतीय ग्राहकों के लिए बहुप्रतीक्षित वाहन रहा है। -
इंदौर. केंद्रीय मंत्री सोमप्रकाश ने बृहस्पतिवार को कहा कि चलन से वापस लिए गए 2,000 रुपये के नोट को बैंकों में जमा करने या बदलने में वाणिज्य और उद्योग जगत को कोई समस्या नहीं हो रही है। वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री सोमप्रकाश ने यहां संवाददाताओं से कहा,‘‘2,000 रुपये का नोट वापस लिए जाने के फैसले को लेकर मेरी कई व्यापारियों और उद्योगपतियों से बात हुई है। कोई भी व्यक्ति बैंक में जाकर इस नोट को बदल सकता है। इसमें किसी भी व्यक्ति को कहीं कोई समस्या ही नहीं हो रही है।'' उन्होंने कहा कि 2,000 रुपये के नोट को बैंक में जमा करने या बदलने के लिए सरकार ने लोगों को लंबी मोहलत दी है। गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने 2,000 रुपये का नोट चलन से वापस लेने की घोषणा 19 मई को की थी। केंद्रीय बैंक ने बैंकों में अन्य मूल्य वर्गों के नोट से 2,000 रुपये के नोट की अदला-बदली के लिए 30 सितंबर की समयसीमा तय की है। कारोबारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने इंदौर में 26 मई को कहा था कि 2,000 रुपये का नोट जमा करने या बदलने के लिए हर बैंक के अपने-अपने तरीके हैं जिससे खासकर गृहिणियों और व्यापारियों को ज्यादा तकलीफ हो रही है। वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री ने कहा कि सरकार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के इनपुट ‘टैक्स क्रेडिट' का बेजा लाभ लेने के लिए फर्जी बिलों के इस्तेमाल के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है और इस फर्जीवाड़े में शामिल लोगों को हर राज्य में गिरफ्तार भी किया जा रहा है। सोमप्रकाश भाजपा के विशेष जनसंपर्क अभियान में शामिल होने के लिए इंदौर आए थे।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष (2023-24) की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। यह लगातार दूसरी मौद्रिक समीक्षा है जबकि केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दर में बदलाव नहीं किया है। हालांकि, रिजर्व बैंक ने संकेत दिया है कि वह वृद्धि की रफ्तार को कायम रखते हुए महंगाई दर को और नीचे देखना चाहता हैं। रिजर्व बैंक के इस कदम से वाहन, मकान और अन्य ऋण पर ब्याज दरें नहीं बढ़ेंगी। केंद्रीय बैंक का नीतिगत दर नहीं बढ़ाने का निर्णय बाजार उम्मीदों के अनुरूप है। रिजर्व बैंक की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने सर्वसम्मति से रेपो दर को यथावत रखने का फैसला किया है। इसके अलावा समिति ने 5:1 के मत से अपने उदार रुख को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय भी किया है। केंद्रीय बैंक का उदार रुख पिछले साल अप्रैल से शुरू हुआ था। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को भी 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा है। पिछली मौद्रिक समीक्षा बैठक में वृद्धि दर के अनुमान को 6.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया गया था। वहीं चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को घटाकर 5.1 प्रतिशत किया गया है। पहले इसके 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया था। मौद्रिक नीति समिति की मंगलवार से शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिये गए निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘एमपीसी ने नीतिगत दर को यथावत रखने का निर्णय किया है।'' उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र मजबूत बना हुआ है। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है। शेष साल में भी इसके लक्ष्य से ऊपर ही रहने का अनुमान है। दास ने कहा, ‘‘एमपीसी अपने उदार रुख को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित करेगी।''
अप्रैल की पिछली मौद्रिक समीक्षा बैठक में भी रिजर्व बैंक ने रेपो दर में बदलाव नहीं किया था। इससे पहले मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये रिजर्व बैंक पिछले साल मई से लेकर कुल छह बार में रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है। रेपो दर वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। केंद्रीय बैंक नीतिगत दर के बारे में निर्णय करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई दर पर गौर करता है। उसे मुद्रास्फीति दो से छह प्रतिशत के बीच रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। आरबीआई का अनुमान है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आठ प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में छह प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.7 प्रतिशत रहेगी। दास ने कहा कि मुद्रास्फीति को तय दायरे में बनाए रखने के लिए एमपीसी त्वरित और उचित नीतिगत कार्रवाई जारी रखेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के दायरे में लाना है। इसे 2-6 प्रतिशत के संतोषजनक स्तर पर रखना पर्याप्त नहीं है।'' गवर्नर ने कहा कि घरेलू मांग की स्थिति वृद्धि के लिए सहायक बनी हुई है, ग्रामीण मांग बेहतर हो रही है। उन्होंने रुपये का जिक्र करते हुए कहा कि यह इस साल जनवरी से स्थिर है। दुनिया के ज्यादातर केंद्रीय बैंकों ने जिंस कीमतें नरम होने के बीच ब्याज दरों में बढ़ोतरी रोक दी है। हालांकि, ऑस्ट्रिया और कनाडा ने इस सप्ताह बाजार को हैरान करते हुए ब्याज दरें बढ़ाई हैं। रिजर्व बैंक ने कहा है कि उदार रुख को वापस लेने का फैसला इसलिए लिया गया है कि तरलता की स्थिति सुधर रही है। प्रणाली में रोजाना औसतन नकदी का स्तर 2.3 लाख करोड़ रुपये का है। ज्यादातर विश्लेषकों का मानना है कि नीतिगत दरों में यथास्थिति महंगाई, वृद्धि या वैश्विक घटनाक्रमों के मोर्चे पर कोई बड़ा बदलाव नहीं होने तक तक लंबी चलेगी। वृद्धि के बारे में दास ने कहा कि रबी उपज बढ़ने, सामान्य मानसून के अनुमान और सेवाओं में तेजी के साथ मुद्रास्फीति के नरम पड़ने से परिवारों का उपभोग बढ़ेगा। इसके अलावा बैंकों और कंपनियों के बही-खाते में सुधार, आपूर्ति श्रृंखला की स्थिति बेहतर होने और अनिश्चितता घटने से निवेश का चक्र तेजी पकड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार का पूंजीगत खर्च बढ़ने से भी निवेश और विनिर्माण गतिविधियां तेज होंगी।
गवर्नर ने कहा कि निर्यात की तुलना में आयात घटने से भारत का व्यापार घाटा कम हुआ है।
इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने ई-रुपये वाउचर के दायरे को बढ़ाने का फैसला किया है। अब गैर-बैंकिंग कंपनियों को इस तरह के उत्पाद जारी करने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही रिजर्व बैंक ने बैंकों को 'रुपे प्रीपेड फॉरेक्स कार्ड जारी करने की अनुमति दी।
- - नयी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में बृहस्पतिवार को सोने का भाव 420 रुपये की गिरावट के साथ 60,380 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने बताया कि विदेशी बाजारों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में गिरावट आने से सोने के दाम में नरमी रही। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 60,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था।हालांकि, चांदी की कीमत 500 रुपये के उछाल के साथ 73,300 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ जिंस विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने की हाजिर कीमत 420 रुपये की गिरावट के साथ 60,380 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गयी।'' विदेशी बाजारों में सोना गिरावट के साथ 1,945 डॉलर प्रति औंस रह गया, जबकि चांदी तेजी के साथ 23.65 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई।
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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने वर्तमान वित्त वर्ष की अपनी दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा की है। रिजर्व बैंक ने मुख्य दरों को यथावत रखा है। रेपो रेट 6.5 प्रतिशत बनी रहेगी। नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में इस वर्ष मार्च से अप्रैल के दौरान कमी आई है। उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष में मुद्रा स्फीति की दर चार प्रतिशत से अधिक बनी रहेगी। श्री दास ने कहा कि इस वर्ष सामान्य मॉनसून रहने की संभावना है। मुद्रा स्फीति की दर पांच दशमलव एक प्रतिशत रह सकती है। रिजर्व बैंक ने जीडीपी वृद्धि दर छह दशमलव पांच प्रतिशत पर बरकरार रखी है। तिमाही आधार पर 2024 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर आठ प्रतिशत, दूसरी तिमाही में साढ़े छह प्रतिशत, तीसरी तिमाही में छह प्रतिशत और चौथी तिमाही में पांच दशमलव सात प्रतिशत रहने का अनुमान है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा की कि बैंक अब रूपे प्री-पेड फोरेक्स कार्ड जारी कर सकते हैं। इसके साथ ही रिजर्व बैंक नै ई-रूपी वाउचर का दायरा बढ़ाने की भी घोषित की। इसके लिए नॉन बैंक कंपनियां स्वतंत्र रूप से ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स जारी कर सकेंगी। रिजर्व बैंक के गवर्नर ने दो हजार रुपये के नोट वापस लेने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस फैसले के तीन सप्ताह बाद सरकार का खर्च बढ़ने से नकदी का प्रवाह भी बढ़ा है। - मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को विदेशी मुद्रा कारोबार के अनधिकृत मंचों में आठ और कंपनियों को जोड़कर अपनी सतर्कता सूची में संशोधन किया है। अब इस सूची में कुल अनधिकृत इकाइयों की संख्या 56 हो गई है।केंद्रीय बैंक ने पिछले वर्ष सितंबर में विदेशी मुद्रा कारोबार मंच की ‘सतर्कता सूची' जारी की थी जिसमें 34 इकाइयों के नाम थे। इसके बाद फरवरी में इस सूची में संशोधन किया गया था। बुधवार को इस सूची में जोड़े गए नामों में क्यूएफएक्स मार्केट्स, विनट्रेड, गुरु ट्रेड7 लिमिटेड, ब्रिक ट्रेड, रुबिक ट्रेड, ड्रीम ट्रेड, मिनी ट्रेड और ट्रस्ट ट्रेड हैं। किसी व्यक्ति या इलेक्ट्रॉनिक कारोबार मंच (ईटीपी) के अधिकृत होने के संबंध में स्थिति आरबीआई की वेबसाइट पर देखी जा सकती है।
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नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बी एस एन एल के लिए 89 हजार 47 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ तीसरे पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी है। इसमें इक्विटी इन्फ्यूजन के जरिए बीएसएनएल के लिए 4-जी और 5-जी स्पेक्ट्रम का आवंटन शामिल है। बीएसएनएल की अधिकृत पूंजी एक लाख 50 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो लाख दस हजार करोड़ रुपये की जाएगी। इस पुनरुद्धार पैकेज के साथ बीएसएनएल एक मजबूत दूरसंचार सेवा प्रदाता के रूप में उभरेगा, जो देश के दूर-दराज के क्षेत्रों के साथ सम्पर्क पर केन्द्रित होगा। इस स्पेक्ट्रम आवंटन के साथ बीएसएनएल पूरे भारत में 4-जी और 5-जी सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होगा। विभिन्न सम्पर्क परियोजनाओं के तहत यह ग्रामीण और इस सुविधा से वंचित गांवों में 4-जी कवरेज प्रदान करेगा। यह हाई-स्पीड इंटरनेट के लिए फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस सेवाएं और कैप्टिव नॉन पब्लिक नेटवर्क के लिए सेवाएं तथा स्पेक्ट्रम प्रदान करेगा।
- फ्रैंकफर्ट. सऊदी अरब ने रविवार को कहा कि वह तेल की गिरती कीमतों पर काबू के लिए इसके उत्पादन में प्रतिदिन दस लाख बैरल की कटौती करेगा। इससे पहले, ओपेक प्लस के सदस्य देशों द्वारा उत्पादन में दो बार कटौती की गई थी। लेकिन इससे तेल की गिरती कीमतों पर काबू नहीं पाया जा सका। उसके बाद सऊदी अरब ने यह एकतरफा कदम उठाया है। ओपेक प्लस पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन है।विएना स्थित ओपेक मुख्यालय में सदस्य देशों की बैठक के बाद सऊदी अरब द्वारा प्रतिदिन दस लाख बैरल की कटौती की घोषणा की गई जो जुलाई से प्रभावी होगी। ओपेक प्लस के बाकी देश 2024 के अंत तक आपूर्ति में पहले की गई कटौती को बढ़ाने पर सहमत हुए।