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- नयी दिल्ली। वैश्विक बाजार में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में तेजी के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोने का भाव 340 रुपये की मजबूती के साथ 61,280 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 60,940 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 1,110 रुपये की तेजी के साथ 77,150 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘दिल्ली के बाजार में सोने का हाजिर भाव 340 रुपये बढ़कर 61,280 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया।'' अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना तेजी के साथ 2,027 डॉलर प्रति औंस हो गया, जबकि चांदी भी बढ़त के साथ 25.61 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई। रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक, श्रीराम अय्यर ने कहा, ‘‘अमेरिका में मुद्रास्फीति में नरमी आई है। इससे यह आशंका जतायी जा रही है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व मई में ब्याज दर में वृद्धि के बाद भी इसे ऊंचा बनाये रख सकता है... इससे बृहस्पतिवार को डॉलर और मानक बॉन्ड प्रतिफल में नरमी के साथ सोने में तेजी रही।''
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--अंगुल में लगेगी नई मिल, 1.2 एमटीपीए होगी क्षमता, रायगढ़ रेल मिल को जोड़कर जेएसपी की कुल रेल उत्पादन क्षमता 2.2 एमटीपीए हो जाएगी
---रेल पटरियों के उत्पादन में राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने में रायगढ़ प्लांट की महत्वपूर्ण भूमिका
--देश में जेएसपी मेट्रो और रैपिड रेल परिवहन के लिए कर रहा है 1080 एचएच रेल की आपूर्ति
रायपुर। जाने-माने उद्योगपति श्री नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाली कंपनी जिन्दल स्टील एंड पावर (जेएसपी) "आत्मनिर्भर भारत" के निर्माण में निरंतर योगदान करने के अपने प्रयासों के तहत ओडिशा स्थित अपने अंगुल स्टील परिसर में 1.2 एमटीपीए की रेल और हेवी स्ट्रक्चर मिल लगाएगी। अंगुल में नई रेल मिल चालू होने के बाद जेएसपी की कुल रेल निर्माण क्षमता 2.2 एमटीपीए हो जाएगी।
छत्तीसगढ़ स्थित रायगढ़ स्टील प्लांट में 1 एमटीपीए (प्रतिवर्ष 10 लाख टन) क्षमता की रेल मिल से जेएसपी ने 1175 एचटी, आर 350 एचटी, एसिमेट्रिक रेल और खासकर मेट्रो-मोनो ट्रेन जैसी तेज गति की गाड़ियों के लिए 1080 एचएच रेल भी विकसित की है। जेएसपी की इस पहल से राष्ट्र गर्वान्वित हुआ है क्योंकि ये उत्पाद आयात के विकल्प हैं और 25 एमटी से अधिक के भारी-भरकम एक्सेल लोड के लिए आवश्यक भी हैं। इससे आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में हम एक कदम आगे बढ़े हैं। इन रेलों का उपयोग मुख्य रूप से मेट्रो, बुलेट ट्रेन समेत तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के सुचारु संचालन में किया जाता है।
रायगढ़ रेल मिल नियमित रूप से भारतीय रेलवे, डीएफसीसी और राष्ट्रीय महत्व की अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं को 260 मीटर रेल की आपूर्ति कर रही है। न्यूनतम वेल्डिंग वाली ऐसी लंबी रेलें ट्रैक सुरक्षा और आरामदायक यात्रा प्रदान करने में उपयोगी हैं।
जेएसपी की 1080 एचएच ग्रेड की खास रेल का उपयोग देश की लगभग सभी मेट्रो और आरआरटीएस सिस्टम में किया जा रहा है। इसी तरह दुर्गम क्षेत्रों में नागरिक आवागमन और सैन्य महत्व की परियोजनाओं में भी इस रेल का उपयोग किया जा रहा है। इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं जम्मू-कश्मीर की यूएसबीआरएल और पश्चिम बंगाल की सिवोक-रंगपो परियोजनाएं।
प्रबंध निदेशक श्री बिमलेन्द्र झा ने नई रेल मिल परियोजना के संदर्भ में कहा कि “जेएसपी प्रतिस्पर्धी कीमतों पर आयात के विकल्प के रूप में घरेलू उत्पाद उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में एक समर्पित भागीदार है और सरकार की गतिशक्ति योजना जैसी उल्लेखनीय पहल का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। जेएसपी भारतीय रेल नेटवर्क के आधुनिकीकरण में सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से अपनी रेल निर्माण क्षमता बढ़ा रहा है। हमारी दूरगामी सोच है कि यदि भारत में रेल उत्पादन क्षमता अधिक हो जाए तो हम देश के साथ-साथ विदेश में भी रेल की मांग पूरी करने के लिए तत्पर हैं।”
उन्होंने कहा कि भारतीय रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में निरंतर सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से जेएसपी ने सफलतापूर्वक 60ई1 1175 हीट ट्रीटेड रेल भी तैयार कर ली है, जो तेज गति और उच्च एक्सल लोड के लिए उपयुक्त है। भारतीय रेलवे ने 25 एमटी से अधिक एक्सल लोड और 200 किलोमीटर प्रति घंटा की गति के लायक भारतीय रेलवे ट्रैक सिस्टम को अपग्रेड करना शुरू कर दिया है।
जेएसपी भारत में निर्मित इन रेलों का निर्यात अनेक देशों को भी कर रहा है। इनमें यूरोपीय रेलवेज भी शामिल है। इस तरह जेएसपी विश्व स्तरीय रेल उत्पादक के रूप में तेजी से स्थापित होता जा रहा है।
जिन्दल स्टील एंड पावर के बारे में
जिन्दल स्टील एंड पावर स्टील, बिजली, खनन और बुनियादी ढांचा क्षेत्र की अग्रणी भारतीय कंपनियों में से एक है। दुनिया भर में 12 अरब अमेरिकी डॉलर निवेश के साथ कंपनी आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान करने के उद्देश्य से अपनी क्षमता और दक्षता को निरंतर बढ़ा रही है। -
नयी दिल्ली. अमेरिका के संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) के विमानन सुरक्षा मूल्य़ांकन कार्यक्रम के तहत भारत का श्रेणी-1 का दर्जा बरकरार है। इस दर्जे से भारतीय विमानन कंपनियों को अपने विदेशी परिचालन का विस्तार करने में मदद मिलेगी। इससे पहले कुछ महीने पहले अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) ने अपने ऑडिट में भारत की सुरक्षा रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार किया था। एफएए अपने अंतरराष्ट्रीय विमानन सुरक्षा मूल्यांकन (आईएएसए) कार्यक्रम के तहत यह तय करता है कि क्या किसी देश की विमानन कंपनियां जो अमेरिका में परिचालन करना चाहती हैं, वे आईसीएओ के सुरक्षा मानकों का अनुपालन करती है या नहीं। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एक बयान में कहा कि मूल्यांकन और उसके बाद विचार-विमर्श के परिणामों के आधार पर, एफएए ने बुधवार को बताया कि ''भारत शिकागो सम्मेलन और उसके अनुलग्नकों के विमानन सुरक्षा निरीक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करता है और एफएए आईएएसए की श्रेणी-1 में बना हुआ है। इसका अंतिम मूल्यांकन जुलाई 2018 में किया गया था।'' आईएएसए कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय विमानन सुरक्षा मानकों का पालन करने की देश की क्षमता और कर्मियों के लाइसेंस, विमान के संचालन और उड़ान योग्यता के संबंध में तय गतिविधियों पर आधारित है।
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नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी ने निजी नियोजन आधार पर गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) जारी कर 3,000 करोड़ रुपये जुटाने का फैसला किया है। एनटीपीसी ने बुधवार को शेयर बाजार बीएसई को भेजी सूचना में कहा, कंपनी ने 17 अप्रैल, 2023 को निजी नियोजन के जरिये 3,000 करोड़ रुपये के असुरक्षित गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर जारी करने का फैसला किया है। इसकी मियाद तीन साल है और यह 17 अप्रैल, 2026 को परिपक्व होगा। इस पर सालाना 7.35 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। कंपनी के अनुसार इस राशि का उपयोग पूंजीगत व्यय के वित्तपोषण, मौजूदा कर्जों को लौटाने और अन्य कंपनी कार्यों के लिए किया जायेगा। कंपनी के डिबेंचर को एनएसई पर सूचीबद्ध कराने का प्रस्ताव है।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि बैंक ऋण चूक पर लगाए गए दंडात्मक शुल्क का पूंजीकरण नहीं कर सकेंगे। इसका मतलब है कि इस शुल्क को अलग से वसूला जाएगा और इसे बकाया मूलधन में जोड़ा नहीं जाएगा। केंद्रीय बैंक के इस कदम से ऋण चूक की स्थिति में ग्राहकों पर लगने वाले अतिरिक्त ब्याज को रोकने में मदद मिलेगी। आरबीआई ने 'निष्पक्ष उधारी गतिविधियां - ऋण खातों में दंडात्मक शुल्क' पर अपने मसौदा परिपत्र में कहा कि दंडात्मक शुल्क की मात्रा चूक/ऋण समझौते के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों का एक सीमा तक पालन न करने के अनुपात में होनी चाहिए। आरबीआई के मौजूदा दिशानिर्देशों के तहत कर्जदाताओं के पास दंडात्मक शुल्क की वसूली के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति को लागू करने की आजादी है। केंद्रीय बैंक ने अब इन गतिविधियों को सुव्यवस्थित करने के लिए मसौदा जारी किया है।
मसौदे में कहा गया है कि दंडात्मक शुल्क लगाने का मकसद कर्ज लेने वालों के बीच ऋण अनुशासन की भावना पैदा करना और ऋणदाता को उचित मुआवजा दिलाना है। इसमें आगे कहा गया कि दंडात्मक शुल्क, अनुबंधित ब्याज दर के अतिरिक्त कमाई करने का साधन नहीं है। -
नयी दिल्ली ।सार्वजनिक क्षेत्र की भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) की अगुवाई वाले गठजोड़ को 80 शयनयान श्रेणी (स्लीपर क्लास) की वंदे भारत ट्रेन का ठेका मिला है। यह ठेका कुल 9,600 करोड़ रुपये से अधिक का है। गठजोड़ को छह साल में भारतीय रेलवे को 80 शयनयान श्रेणी की वंदे भारत ट्रेन की आपूर्ति करनी है।
शयनयान श्रेणी की वंदे भारत ट्रेन की काफी मांग है। खासतौर से दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा जैसे लंबे रूट पर इन्हें चलाया जा सकता है। इस समय चल रही सभी वंदे भारत ट्रेनों में केवल कुर्सीयान और विशेष कुर्सीयान की श्रेणियां हैं।कंपनी ने मंगलवार को शेयर बाजार को बताया कि भेल की अगुवाई वाले गठजोड़ को भारतीय रेलवे से 80 वंदे भारत ट्रेन का ठेका मिला है। इसके तहत प्रत्येक ट्रेन का आपूर्ति मूल्य करों और शुल्कों को छोड़कर 120 करोड़ रुपये है। शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक 35 साल के लिए रखरखाव का ठेका भी दिया गया है। भेल 72 महीनों में 80 ट्रेन की आपूर्ति करेगी। - वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.1 प्रतिशत से घटाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है। आईएमएफ ने मंगलवार को कहा कि आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में कमी के बावजूद भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। वैश्विक निकाय ने अपने वार्षिक विश्व आर्थिक परिदृश्य में 2024-25 के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले जनवरी में अनुमान जताया गया था कि यह आंकड़ा 6.8 प्रतिशत रहेगा। चालू वित्त वर्ष में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि दर की तुलना में 2022-23 में वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। आईएमएफ का वृद्धि अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुमान से कम है। आरबीआई के मुताबिक, 2022-23 में वृद्धि दर सात प्रतिशत और चालू वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत रह सकती है। सरकार ने 2022-23 के लिए अभी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के आंकड़े जारी नहीं किए हैं।आईएमएफ के एशिया और प्रशांत विभाग की उप निदेशक ऐनी-मैरी गुल्डे-वुल्फ ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है और सबसे तेजी से बढ़ती एशियाई अर्थव्यवस्था बनी हुई है, और दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।'' उन्होंने कहा कि खपत बढ़ने में अपेक्षित मंदी के कारण वृद्धि अनुमानों में थोड़ी कमी की गई है।उन्होंने आगे कहा कि आईएमएफ वृद्धि के मुख्य चालक के रूप में निवेश को देखता है। यह दो अंक में ऋण वृद्धि, मजबूत पीएमआई और एक महत्वाकांक्षी सरकारी व्यय कार्यक्रम से स्पष्ट है। आईएमएफ के मुताबिक, चीन की वृद्धि दर 2023 में 5.2 प्रतिशत और 2024 में 4.5 प्रतिशत रह सकती है। इसकी वृद्धि दर 2022 में तीन प्रतिशत थी। आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरिनचास ने कहा कि आपूर्ति-श्रृंखला की रुकावटें और युद्ध के कारण ऊर्जा तथा खाद्य बाजारों में पैदा हुई बाधाएं भी कम हो रही है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही ज्यादातर केंद्रीय बैंकों द्वारा की गई मौद्रिक सख्ती का फल मिलना शुरू हो जाना चाहिए। साथ ही मुद्रास्फीति अपने लक्ष्यों की ओर वापस आ रही है। उन्होंने कहा कि आईएमएफ के ताजा अनुमानों के मुताबिक वैश्विक वृद्धि दर इस साल 2.8 प्रतिशत और 2024 में तीन प्रतिशत रहेगी। साथ ही मुद्रास्फीति भी 2022 के 8.7 प्रतिशत से घटकर इस साल सात प्रतिशत और 2024 में 4.9 प्रतिशत रह सकती है।
- मुंबई जापान की वित्तीय संस्थान जेआईसीए ने घरेलू निजी क्षेत्र के बैंक, इंडसइंड बैंक को 12.5 करोड़ डॉलर वित्त पोषण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सिटी बैंक के साथ हाथ मिलाया है। मंगलवार को जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, इंडसइंड देश में कृषि क्षेत्र को ऋण उपलब्ध कराने के लिए इस निधि का उपयोग करेगा। इस वित्त पोषण में, जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) 13 अरब येन (लगभग नौ करोड़ 74.5 लाख डॉलर) और सिटी तीन करोड़ डॉलर का ऋण देगा। बयान में कहा गया है कि सिटी ने किसानों के लिए वित्तीय पहुंच में सुधार करने और भारत में कृषि क्षेत्र में पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए उच्च प्रभाव वाले सामाजिक वित्त की पेशकश की है।
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नयी दिल्ली. सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से आठ कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह 82,169.3 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। सबसे अधिक लाभ एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी को हुआ। बीते सप्ताह मंगलवार (चार अप्रैल) को ‘महावीर जयंती' तथा शुक्रवार (सात अप्रैल) को ‘गुड फ्राइडे' के मौके पर बाजार में अवकाश था। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 841.45 अंक या 1.42 प्रतिशत चढ़ गया।
सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचडीएफसी और आईटीसी सहित आठ के बाजार मूल्यांकन में बढ़ोतरी हुई। समीक्षाधीन सप्ताह में एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 31,553.45 करोड़ रुपये बढ़कर 9,29,752.54 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एचडीएफसी के बाजार मूल्यांकन में 18,877.55 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई और यह 5,00,878.67 करोड़ रुपये रहा। भारती एयरटेल की बाजार हैसियत 9,533.48 करोड़ रुपये बढ़कर 4,27,111.07 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 6,731.76 करोड़ रुपये बढ़कर 15,83,824.42 करोड़ रुपये पर और टीसीएस का 5,817.89 करोड़ रुपये के उछाल से 11,78,836.58 करोड़ रुपये रहा। आईटीसी का बाजार मूल्यांकन 4,722.65 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 4,81,274.99 करोड़ रुपये तथा भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का 3,792.96 करोड़ रुपये के लाभ से 4,71,174.89 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हिंदुस्तान यूनिलीवर की बाजार हैसियत 1,139.56 करोड़ रुपये बढ़कर 6,02,341.22 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इस रुख के उलट इन्फोसिस की बाजार हैसियत 2,323.2 करोड़ रुपये घटकर 5,89,966.72 करोड़ रुपये रह गई। आईसीआईसीआई बैंक का पूंजीकरण 1,780.62 करोड़ रुपये के नुकसान से 6,10,751.98 करोड़ रुपये पर आ गया। शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, इन्फोसिस, एचडीएफसी, आईटीसी, एसबीआई का भारती एयरटेल का स्थान रहा।
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नयी दिल्ली. रूस से भारत का कच्चे तेल का आयात मार्च में बढ़कर 16.4 लाख बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) की नई ऊंचाई पर पहुंच गया। इस तरह रूस से भारत का तेल आयात इराक की तुलना में दोगुना हो गया है। ऊर्जा की खेप पर निगाह रखने वाली वॉर्टेक्सा के अनुसार, रूस लगातार छठे महीने भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता बना हुआ है। भारत के कच्चे तेल के आयात में रूस का हिस्सा एक-तिहाई से अधिक है। कच्चे तेल को रिफाइनरी इकाइयों में पेट्रोल और डीजल में बदला जाता है।
रिफाइनरी कंपनियां अन्य ग्रेड की तुलना में रियायती मूल्य पर उपलब्ध रूसी तेल खरीद कर रही हैं। फरवरी, 2022 में रूस-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने से पहले भारत के कच्चे तेल के आयात में रूस की बाजार हिस्सेदारी एक प्रतिशत से भी कम थी। मार्च में रूस से भारत का कच्चे तेल आयात बढ़कर 16.4 लाख बैरल प्रतिदिन हो गया। भारत के आयात में रूस की हिस्सेदारी 34 प्रतिशत हो गई है। मार्च में भारत की रूस से कच्चे तेल की खरीद इराक से दोगुना रही है। इस दौरान इराक से कच्चे तेल का आयात 8.1 लाख बैरल प्रतिदिन से अधिक रहा है। इराक 2017-18 से भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता था। चीन और अमेरिका के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक है। यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिम ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं। ऐसे में रूसी कच्चा तेल रियायती मूल्य पर उपलब्ध है और भारत इसकी जमकर खरीद कर रहा है। वॉर्टेक्सा के अनुसार, मार्च में सऊदी अरब 9.86 लाख बैरल प्रतिदिन के साथ भारत का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता था। वहीं इराक 8.21 लाख बैरल प्रतिदिन की आपूर्ति के साथ तीसरे नंबर पर था। मार्च में संयुक्त अरब अमीरात 3.13 लाख बैरल प्रतिदिन के साथ भारत का चौथा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया। इसने अमेरिका को पीछे छोड़ा। अमेरिका ने मार्च में भारत को 1.36 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल की आपूर्ति की। फरवरी में अमेरिका से भारत का आयात 2.48 लाख बैरल प्रतिदिन था। -
नयी दिल्ली. देश का सोने का आयात बीते वित्त वर्ष के पहले 11 माह (अप्रैल-फरवरी, 2023) के दौरान करीब 30 प्रतिशत घटकर 31.8 अरब डॉलर रह गया। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। सीमा शुल्क की ऊंची दरों तथा वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच सोने का आयात घटा है। उल्लेखनीय है कि सोने का आयात देश के चालू खाते के घाटे (कैड) को प्रभावित करता है। वित्त वर्ष 2021-22 की समान अवधि में पीली धातु का आयात 45.2 अरब डॉलर रहा था। अगस्त, 2022 से सोने का आयात लगातार नकारात्मक बना हुआ है। हालांकि, बीते वित्त वर्ष के पहले 11 माह में चांदी का आयात 66 प्रतिशत बढ़कर 5.3 अरब डॉलर हो गया।
सोने के आयात में भारी गिरावट के बावजूद देश के व्यापार घाटे को कम करने में मदद नहीं मिली है। आयात और निर्यात का अंतर व्यापार घाटा कहलाता है। अप्रैल-फरवरी, 2022-23 में व्यापार घाटा 247.52 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 172.53 अरब डॉलर था। उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार, सोने पर ऊंचे आयात शुल्क और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं की वजह से इसके आयात में गिरावट आई है। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (जीजेईपीसी) के पूर्व चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कोलिन शाह ने कहा, ‘‘भारत ने अप्रैल-जनवरी, 2023 के दौरान लगभग 600 टन सोने का आयात किया है। ऊंचे आयात शुल्क की वजह से इसमें गिरावट आई है। सरकार को घरेलू उद्योग की मदद करने और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए शुल्क के हिस्से पर विचार करना चाहिए।'' मात्रा के लिहाज से देखा जाए तो देश सालाना 800-900 टन सोने का आयात करता है।
पिछले वित्त वर्ष के 11 माह के दौरान रत्न एवं आभूषण निर्यात 0.3 प्रतिशत घटकर 35.2 अरब डॉलर रह गया। कैड पर काबू के लिए सरकार ने पिछले साल सोने पर आयात शुल्क 10.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया था। -
नयी दिल्ली. देश की सबसे बड़ी गैस कंपनी गेल (इंडिया) लिमिटेड की शहर गैस वितरण इकाई गेल गैस लिमिटेड ने गैस की मूल्य लागत में कमी के बाद रविवार को सीएनजी और पाइप वाली रसोई गैस (पीएनजी) की कीमतों में सात रुपये तक की कटौती की है। गेल गैस ने बेंगलुरु और दक्षिण कन्नड़ में पीएनजी गैस की कीमत सात रुपये प्रति मानक घनमीटर (एससीएम) घटाई है। वहीं कंपनी ने अपने परिचालन वाले अन्य शहरों में पीएनजी का दाम छह रुपये प्रति इकाई घटाया है। कंपनी ने बयान में कहा कि उसने कर्नाटक में वाहन ईंधन के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली सीएनजी के दाम सात रुपये प्रति किलोग्राम घटाए हैं। अन्य क्षेत्रों में सीएनजी का दाम छह रुपये प्रति किलोग्राम कम किया गया है। बयान में कहा गया है, ‘‘गेल गैस लिमिटेड ने अपने ग्राहकों को नए घरेलू गैस मूल्य निर्धारण का लाभ देने के लिए नौ अप्रैल से कीमतों में उल्लेखनीय रूप से कटौती की घोषणा की है।'' देवास, मेरठ, सोनीपत, ताज ट्रेपेजियम क्षेत्र, रायसेन, मिर्जापुर, धनबाद, आदित्यपुर और राउरकेला में पीएनजी की नई दर 52.50 रुपये प्रति इकाई (एससीएम) होगी। बेंगलुरु और दक्षिण कन्नड़ के लिए यह 51.50 रुपये प्रति इकाई है। इसी तरह मेरठ और सोनीपत के लिए सीएनजी की नई कीमत 85 रुपये प्रति किलोग्राम है। देवास, ताज ट्रेपेज़ियम क्षेत्र और देहरादून के लिए यह 92 रुपये प्रति किलो; बेंगलुरु और दक्षिण कन्नड़ के लिए 82.50 रुपये प्रति किलो; मिर्जापुर के लिए 87 रुपये प्रति किलोग्राम, रायसेन, धनबाद, आदित्यपुर, पुरी और राउरकेला के लिए 91 रुपये प्रति किलोग्राम होगी। कंपनी ने सरकार द्वारा प्राकृतिक गैस के मूल्य निर्धारण के फार्मूले को संशोधन के बाद यह कदम उठाया है। संशोधित फॉर्मूले और मूल्य की सीमा की वजह से प्राकृतिक गैस की कीमत 8.57 डॉलर से घटाकर 6.5 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट कर दी गई है। प्राकृतिक गैस को ही वाहन के लिए सीएनजी ईंधन और रसोई में खाना पकाने वाली पीएनजी में बदला जाता है।
- नयी दिल्ली । छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में लगातार तीन बार बढ़ोतरी होने से डाकघर की सावधि जमा एक बार फिर बैंक एफडी के मुकाबले में खड़ी हो गई हैं।लघु बचत योजनाओं के तहत डाकघर में दो साल की सावधि जमा पर 6.9 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है जो अधिकांश बैंकों की तरफ से समान परिपक्वता अवधि वाली जमाओं पर दी जाने वाली दर के बराबर हैरिजर्व बैंक ने मई, 2022 में रेपो दर में वृद्धि का सिलसिला शुरू किया था और तब से यह चार प्रतिशत से बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो चुकी है। इसका असर यह हुआ कि पिछले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बैंकों ने अधिक वित्त जुटाने के लिए खुदरा जमाओं पर ज्यादा ब्याज देना शुरू कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि मई, 2022 से फरवरी, 2023 के दौरान बैंकों की नई जमाओं पर भारित औसत घरेलू सावधि जमा दर (डब्ल्यूएडीटीडीआर) 2.22 प्रतिशत तक बढ़ गई। वहीं, वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में बैंकों का जोर थोक जमाओं पर अधिक था। लेकिन दूसरी छमाही में उनकी प्राथमिकता बदली और खुदरा जमा जुटाने पर उन्होंने अधिक ध्यान दिया। ब्याज दरों में बढ़ोतरी करना इसी का हिस्सा रहा।सरकार ने लघु बचत योजनाओं (एसएसआई) के लिए ब्याज दरें अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए 0.1-0.3 प्रतिशत, जनवरी-मार्च तिमाही के लिए 0.2-1.1 प्रतिशत और अप्रैल-जून 2023 तिमाही के लिए 0.1-0.7 प्रतिशत तक बढ़ा दीं। इसके पहले लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें लगातार नौ तिमाहियों से अपरिवर्तित बनी हुई थीं। वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही से 2022-23 की दूसरी तिमाही तक इनमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों का निर्णय सरकार करती है। इनका निर्धारण तुलनीय परिपक्वता वाली सरकारी प्रतिभूतियों पर मिलने वाले प्रतिफल से जुड़ा होता है। रिजर्व बैंक ने कहा, ‘‘बैंकों की सावधि जमा दरें अब डाकघर सावधि जमा दरों की तुलना में प्रतिस्पर्धी रूप से निर्धारित हैं।’’ रिजर्व बैंक के मुताबिक, एक से दो साल की परिपक्वता वाली बैंक खुदरा जमा पर डब्ल्यूएडीटीडीआर फरवरी, 2023 में 6.9 प्रतिशत हो गया जबकि सितंबर, 2022 में यह 5.8 प्रतिशत और मार्च, 2022 में 5.2 प्रतिशत था।लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर लगातार तीन बार बढ़ने के बाद द्विवर्षीय डाकघर सावधि जमा पर अब 6.9 प्रतिशत का रिटर्न मिल रहा है। यह दर सितंबर, 2022 में 5.5 प्रतिशत थी।देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई एक साल से अधिक और दो साल से कम की जमा पर 6.8 प्रतिशत ब्याज दे रहा है। वहीं दो साल से अधिक और तीन साल से कम की जमा पर एसबीआई की ब्याज दर सात प्रतिशत है। बैंकों ने मई, 2022-मार्च, 2023 के दौरान नीतिगत रेपो दर में हुई वृद्धि के अनुरूप अपनी बाहरी बेंचमार्क-आधारित ऋण दरों (ईबीएलआर) में 2.50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है। इस दौरान ऋण मूल्य निर्धारण के आंतरिक मानक एमसीएलआर में 1.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
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नयी दिल्ली. अडाणी समूह की गैस वितरण कंपनी अडाणी टोटल गैस लिमिटेड (एटीजीएल) ने शनिवार को सीएनजी की कीमत में 8.13 रुपये प्रति किलोग्राम और पाइपलाइन गैस की कीमत में 5.06 रुपये प्रति घन मीटर की कटौती करने की घोषणा की। यह बदलाव सरकार द्वारा प्राकृतिक गैस की कीमत तय करने का नया फॉर्मूला लागू करने के बाद किया गया है। प्राकृतिक गैस को मोटर वाहन चलाने के लिए सीएनजी में जबकि खाना पकाने के लिए घरेलू रसोई गैस में बदला जाता है। अडाणी टोटल गैस ने एक बयान में कहा कि पाइपलाइन से आपूर्ति की जाने वाली रसोई गैस (पीएनजी) की कीमतें अहमदाबाद, वडोदरा एवं गुजरात के अन्य शहरों में घटा दी गई हैं। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के खुर्जा और हरियाणा के फरीदाबाद और पलवल में भी पीएनजी की कीमतें कम हो गई हैं। कंपनी ने अपने परिचालन वाले 21 शहरों में सीएनजी की कीमतें भी घटा दी हैं। इनमें गुजरात में वडोदरा से लेकर तमिलनाडु में कुड्डलोर, राजस्थान में उदयपुर और मध्य प्रदेश में भिंड तक शामिल हैं। शनिवार से एटीजीएल ने सीएनजी की कीमतें 8.13 रुपये प्रति किलोग्राम तक जबकि पीएनजी की कीमतें 5.06 रुपये प्रति मानक घन मीटर तक कम कर दी हैं। एटीजीएल ने कहा कि उसने प्राकृतिक गैस की घटी हुई कीमतों का लाभ उपभोक्ताओं को देने का निर्णय लिया है। उसने कहा, “अडाणी टोटल गैस लिमिटेड भारत सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत करती है।
- नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को प्राकृतिक गैस की कीमत तय करने के लिए नए फॉर्मूले को मंजूरी दी। इसके साथ ही सीएनजी और पाइप से आपूर्ति की जाने वाली रसोई गैस की कीमतों पर अधिकतम सीमा भी तय की गई है, जिससे इनकी कीमतें 10 प्रतिशत तक घटेंगी। सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने एपीएम गैस के लिए चार डॉलर प्रति एमएमबीटीयू के आधार मूल्य को मंजूरी दी है और अधिकतम मूल्य 6.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू रखने पर मुहर लगाई है। उन्होंने बताया कि एपीएम गैस के रूप में जानी जाने वाली पारंपरिक या पुराने क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस को अब अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे अधिशेष देशों की तरह कच्चे तेल की कीमतों से जोड़ा जाएगा। पहले इनका मूल्य निर्धारण गैस कीमतों के आधार पर होता था। इस फैसले के बाद एक अप्रैल से एपीएम गैस की कीमत भारतीय बास्केट में कच्चे तेल के दाम का 10 प्रतिशत होगी। हालांकि, यह कीमत 6.5 डॉलर प्रति दस लाख ब्रिटिश ताप इकाई (एमएमबीटीयू) से अधिक नहीं होगी। मौजूदा गैस कीमत 8.57 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू है। उन्होंने बताया कि कीमतों का निर्धारण प्रत्येक महीने होगा, जबकि अब तक इनकी साल में दो बार समीक्षा की जाती थी। उन्होंने कहा कि पाइपलाइन वाली रसोई गैस (पीएनजी) की कीमतों में 10 प्रतिशत तक की कटौती की जाएगी, जबकि सीएनजी में थोड़ी कम कमी होगी। पीएनजी और सीएनजी की दरें अगस्त 2022 तक एक साल में 80 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं। इनकी कीमतें अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा कीमतों के आधार पर तय होती हैं। इस फैसले के बाद दिल्ली में सीएनजी की कीमत 79.56 रुपये प्रति किलो से घटकर 73.59 रुपये प्रति किलो और पीएनजी की कीमत 53.59 रुपये प्रति हजार घन मीटर से घटकर 47.59 रुपये प्रति हजार घन मीटर हो जाएगी। मुंबई में सीएनजी की कीमत 87 रुपये की जगह 79 रुपये प्रति किलोग्राम और पीएनजी की कीमत 54 रुपये की जगह 49 रुपये प्रति हजार घन मीटर होगी। भारतीय बास्केट में कच्चे तेल के दाम इस समय 85 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल है और इसका 10 प्रतिशत 8.5 अमेरिकी डॉलर है। हालांकि, मूल्य सीमा के चलते एपीएम गैस के लिए ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड को केवल 6.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू कीमत मिलेगी। मंत्री ने कहा कि ये मूल्य सीमा दो साल के लिए होगी और उसके बाद हर साल 0.25 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की दर से बढ़ोतरी होगी। गैस मूल्य निर्धारण फॉर्मूले में बदलाव किरीट पारिख की अगुवाई में गठित एक समिति की सिफारिशों पर आधारित हैं।
- मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ऋण स्वीकृत करते समय ब्याज दरों के खुलासे संबंधी नियमों का पालन नहीं करने के मामले में महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड पर 6.77 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। यहां गुरुवार को जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। एक अन्य विज्ञप्ति में आरबीआई ने कहा कि ‘अपने ग्राहक को जानिए' (केवाईसी) के कुछ मानदंडों का उल्लंघन करने पर इंडियन बैंक पर 55 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। एनबीएफसी (रिजर्व बैंक) दिशा-निर्देशों में धोखाधड़ी की निगरानी, 2016 के कुछ प्रावधानों का पालन नहीं करने पर एर्नाकुलम स्थित मुथूट मनी लिमिटेड पर भी 10.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि जुर्माना विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित हैं और ग्राहकों के साथ उनके द्वारा किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता से इसका संबंध नहीं है। आरबीआई ने कहा कि महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज का वैधानिक निरीक्षण 31 मार्च, 2019 और 31 मार्च, 2020 तक इसकी वित्तीय स्थिति के संदर्भ में किया गया है।
- नयी दिल्ली । अडाणी समूह की खाद्य तेल और अन्य खाद्य कारोबार से जुड़ी कंपनी अडाणी विल्मर ने गुरुवार को कहा कि पिछले वित्त वर्ष यानी 2022-23 में उसकी बिक्री करीब 14 प्रतिशत बढ़ने से उसका राजस्व 55,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया। अडाणी विल्मर की एक साल पहले कुल आय 54,327.16 करोड़ रुपये रही थी।कंपनी ने शेयर बाजारों को दी गई एक सूचना में कहा, ‘‘कंपनी की हाल ही में समाप्त वित्त वर्ष में बिक्री सालाना आधार पर बढ़कर 14 प्रतिशत रही। बिक्री में वृद्धि ने इसके राजस्व को इस वर्ष 55,000 करोड़ रुपये के पार पहुंचाने में मदद की।'' बयान के मुताबिक, कंपनी ने अपने परिचालन को बढ़ाने और खाद्य उत्पादों में बाजार हिस्सेदारी हासिल करने में अच्छी प्रगति की है। कंपनी ने कहा, ‘‘हमने वित्त वर्ष 2022-23 का अंत खाद्य और रोजमर्रा के उपयोग वाली वस्तुओं (एफएमसीजी) की श्रेणी में लगभग 3,800 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ किया। इस तरह मात्रा के मामले में हमने सालाना आधार पर लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जबकि राजस्व के मामले में 55 प्रतिशत बढ़त हासिल की।'' अडाणी विल्मर ने कहा कि आयातित खाद्य तेलों की आपूर्ति वर्ष के पहले भाग की तुलना में चौथी तिमाही के दौरान सुचारू रही है। अडाणी विल्मर, भारत के अडाणी समूह और सिंगापुर के विल्मर समूह का एक संयुक्त उद्यम है। यह भारत में सबसे बड़ी उपभोक्ता खाद्य एफएमसीजी कंपनियों में से एक है।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक ने अर्थव्यवस्था में जारी पुनरुद्धार को और गति देने के लिये बृहस्पतिवार को नीतिगत दर रेपो में और वृद्धि नहीं की और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। वहीं चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मुद्रास्फीति 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सोमवार से शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘एमपीसी ने अर्थव्यवस्था में जारी पुनरुद्धार को बरकरार रखने तथा उसे और गति देने के लिये आम सहमति से नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का निर्णय किया है।'' रेपो दर वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। इससे पहले, आरबीआई मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये पिछले साल मई से लेकर कुल छह बार में रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है। - कोलकाता । बंधन बैंक का कुल जमा पिछले वित्त वर्ष यानी 2022-23 की चौथी मार्च तिमाही में 12.2 प्रतिशत बढ़कर 1,08,069 करोड़ रुपये रहा। बैंक ने बुधवार को बयान में कहा कि 31 मार्च को समाप्त तिमाही के दौरान उसका ऋण या अग्रिम सालाना आधार पर 9.8 प्रतिशत बढ़कर 1,09,112 करोड़ रुपये रहा। कोलकाता के इस बैंक ने कहा कि उसका चालू खाता, बचत खाता (कासा) मार्च तिमाही में छह प्रतिशत की वृद्धि के साथ 42,471 करोड़ रुपये रहा। वहीं इस दौरान उसकी थोक जमा 42.2 प्रतिशत बढ़कर 31,125 करोड़ रुपये हो गई। वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में यह 21,890 करोड़ रुपये रही थी।
- नयी दिल्ली । विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने बुधवार को कहा कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं के बीच विश्व व्यापार में वृद्धि 2023 में मामूली 1.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय व्यापार में 1.7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान पिछले साल अक्टूबर में जताये गये एक प्रतिशत के अनुमान से ज्यादा है। डब्ल्यूटीओ ने कहा कि 2024 में व्यापार में तेजी आने और इसमें 3.2 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि का अनुमान है। हालांकि, उसने कहा कि वैश्विक स्तर पर जारी तनाव, खाद्य आपूर्ति समस्याएं और मौद्रिक नीति को कड़ा किये जाने से उत्पन्न प्रभाव को देखते हुए अनुमान ज्यादा अनिश्चित है और इसके नीचे जाने का जोखिम है। पिछली गिरावट के बाद से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान में मामूली वृद्धि के बावजूद 2023 में वैश्विक व्यापार में वृद्धि का अनुमान अब भी कम है। डब्ल्यूटीओ ने बयान में कहा, ‘‘यूक्रेन में युद्ध के प्रभाव, उच्च मुद्रास्फीति जारी रहने, सख्त मौद्रिक नीति और वित्तीय बाजार में अनिश्चितता को देखते हुए 2022 में 2.7 प्रतिशत की वृद्धि के बाद, इस वर्ष वैश्विक स्तर पर वस्तु व्यापार की मात्रा 1.7 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।'' विश्व व्यापार संगठन की महानिदेशक नगोजी ओकोन्जो-इवेला ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में मजबूती के लिये व्यापार लगातार एक ताकत बना हुआ है। लेकिन 2023 में इसपर दबाव होगा। उन्होंने कहा कि यह विभिन्न सरकारों के लिये व्यापार में बाधाओं को पेश करने से बचने की जरूरत को बताता है। बीते वर्ष व्यापार मात्रा में 2.7 प्रतिशत की वृद्धि डब्ल्यूटीओ के अक्टूबर, 2022 के 3.5 प्रतिशत के अनुमान से कम है।
- नयी दिल्ली। देश के सात प्रमुख शहरों में जनवरी-मार्च तिमाही में घरों की बिक्री 20 प्रतिशत बढ़कर 62,040 इकाई रही है। यह पिछले 15 साल में तिमाही बिक्री का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। रियल एस्टेट सलाहकार जेएलएल इंडिया ने बुधवार को यह जानकारी दी। आंकड़ों में केवल घरों की बिक्री शामिल है।जेएलएल इंडिया ने बयान में कहा, ‘‘भारतीय आवास बाजार में सरकार की नीतियों, बुनियादी ढांचे के विकास और मजबूत पेशकशों से इस वर्ष यानी 2023 की पहली तिमाही में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई।'' देश के शीर्ष सात शहरों में जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान आवासीय इकाइयों की बिक्री पिछली तिमाही की तुलना में 15 प्रतिशत और जनवरी-मार्च, 2022 की तुलना में 20 प्रतिशत बढ़ी है। इस दौरान 62,000 से अधिक इकाइयां बेची गईं। जेएलएल ने कहा, ‘‘यह पिछले 15 साल में सबसे अधिक तिमाही बिक्री रही। यह उपभोक्ता विश्वास में वृद्धि का संकेत है।'' परामर्शक कंपनी ने कहा कि लोगों के लिए 10 महीने पहले तक घर खरीदना आसान था। लेकिन अब चीजें कठिन हैं क्योंकि आवास ऋण पर ब्याज दरें बढ़ गई हैं। वहीं, शीर्ष सात शहरों में घरों की कीमतें पिछले साल की तुलना में चार से 12 प्रतिशत बढ़ी हैं।
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नयी दिल्ली। इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हरित इस्पात उत्पादन से संबद्ध विभिन्न पहलुओं को लेकर उपायों की पहचान करने और पर्यावरण अनुकूल विनिर्माण प्रक्रिया अपनाने के लिये 13 कार्यबलों के गठन को मंजूरी दी है। मंत्री ने कहा कि ये कार्यबल कच्चे माल, प्रौद्योगिकी और नीतिगत पहल सहित हरित इस्पात उत्पादन के विभिन्न पहलुओं पर गौर करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत में पर्यावरण अनुकूल तरीके से इस्पात विनिर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये प्रतिबद्ध हैं। कार्यबलों की स्थापना इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।'' सिंधिया के हवाले से आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘हमारा मानना है कि हरित इस्पात उत्पादन को अपनाने से न केवल पर्यावरण को लाभ होगा बल्कि नये रोजगार सृजित होंगे और आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी।'' कार्यबल में इस्पात उद्योग से जुड़े विभिन्न पक्ष, शिक्षाविद और सरकारी अधिकारी शामिल होंगे।
मंत्री ने यह भी कहा कि इस्पात उत्पादकों को अपनी कोयले की अशुद्धता दूर करने की इकाइयों (वॉशरीज) की क्षमता बढ़ाने की जरूरत है ताकि कोयले के लिये आयात पर निर्भरता कम की जा सके। उन्होंने कंपनियों को कोयले के आयात के लिये नये स्रोतों की संभावना तलाशने का भी सुझाव दिया। - नई दिल्ली। विश्व बैंक ने कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान मुद्रास्फीति इससे पिछले वित्त वर्ष के छह दशमलव छह प्रतिशत की तुलना में घट कर पांच दशमलव दो प्रतिशत पर आ जाएगी। विश्व बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में यह अनुमान भी व्यक्त किया है कि वर्तमान वित्त वर्ष में देश का चालू खाता घाटा भी इससे पूर्व वित्त वर्ष के लिए अनुमानित तीन प्रतिशत से घटकर सकल घरेलू उत्पाद के दो दशमलव एक प्रतिशत पर आ जाएगा।गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने मई 2022 से लेकर अब तक मुद्रास्फीति घटाने के उपायों के तहत ब्याज दर में दो सौ पचास आधार अंकों की बढोत्तरी की है। हालांकि विश्व बैंक की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बढी ब्याज दर से ऋण लागत ऊंची होगी और घरेलू उपभोक्ता खपत कम हो सकती है जिसका असर सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर में कमी के रूप में दिख सकता है। विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023-34 के लिए जीडीपी वृद्धि दर में संशोधन करते हुए छह दशमलव तीन प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है जो भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा पूर्वानुमान छह दशमलव चार प्रतिशत के नजदीक है।वैश्विक और घरेलू कारणों से उत्पन्न चुनौतियों के मद्देनजर एशियाई विकास बैंक ने भी इस अवधि के दौरान भारत में सकल उत्पादन वृद्धि दर छह दशमलव चार प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है।वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार अमरीका और यूरोप के वित्तीय बाजारों में ताजा ऊथल-पुथल से भारत में लघु अवधि निवेश प्रवाह में चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं लेकिन भारतीय सेवा क्षेत्र का उछाल बाहरी आशंकाओं से ढाल की तरह काम आ सकता है।
- नई दिल्ली। सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर ने अपने लोगो को बदल दिया है। ट्विटर की ब्लू बर्ड की जगह अब डॉग ने ले ली है। ये डॉग सोशल मीडिया का हीरो है।ट्विटर के मालिक एलन मस्क ने देर रात एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने ट्विटर की ब्लू चिडिय़ा की फोटो की जगह अपने चेहेते डॉग की फोटो शेयर की। इस तरह से ट्विटर में अचानक बदलाव हो गया और ब्लू बर्ड की जगह अब 'डोज़' ने ले लिया है। ये एक 'डोज डॉग है। इसका असली नाम काबोसु है, जिसकी उम्र 17 साल है। ये जापान में पाई जाने वाले शीबा इनु ब्रीड की नस्ल है।2008 में काबोसु जब बेघर हो गई, तब उसे एक शिक्षिका अतसुको सातो ने गोद ले लिया और इसे काबोसु नाम दिया। सातो ने काबोसु की एक फोटो शेयर की, जो काफी पसंद की गई। फिर काबोसु की फोटो को कई ब्रांडस ने इस्तेमाल किया। 2013 में दो प्रोग्रामर्स ने अपनी ऑल्टरनेटिव क्रिप्टोकरेंसी का नाम इसके नाम पर रख दिया। डॉगकॉइन का नाम और इसके लोगो में काबोसु की तस्वीर इस्तेमाल की जाने लगी। 2014 में इसकी कीमत 400 डॉलर के ऊपर पहुंच गई थी। इसके बाद शीबा इनू नाम से भी एक मीम क्रिप्टोकरेंसी बनी थी, जिसमें भी काबोसु की तस्वीर इस्तेमाल हुई।फिर एलन मस्क भी डॉगकॉइन के फैन रहे हैं। मस्क ने 'डोज़ 1 नाम की सैटेलाइट लॉन्च करने की बात कही। उन्होंने कहा कि डोज़ कॉइन से टेस्ला कार खरीद सकेंगे। अब उन्होंने अपने वादे को निभाते हुए ट्विटर के लोगो को बदलकर डोज कर दिया है।
- नयी दिल्ली। भारत की जीडीपी वृद्धि 2023-24 में खपत में कमी आने की वजह से धीमी पड़कर 6.3 प्रतिशत पर आ सकती है जो पहले के 6.6 प्रतिशत के अनुमान से कम है। विश्व बैंक ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह कहा। विश्व बैंक ने भारत की वृद्धि के अपने ताजा अनुमान में कहा कि खपत में धीमी बढ़ोतरी होने और चुनौतीपूर्ण बाहरी परिस्थितियों की वजह से वृद्धि बाधित हो सकती है। इसमें कहा गया, ‘‘आय में धीमी वृद्धि और कर्ज के महंगा होने का असर निजी उपभोग की वृद्धि पर पड़ेगा। महामारी से संबंधित वित्तीय समर्थन के कदमों को वापस लेने की वजह से सरकारी खपत की रफ्तार भी कम रहने का अनुमान है।’’रिपोर्ट में कहा गया कि चालू खाता घाटा 2023-24 में कम होकर 2.1 प्रतिशत पर आ सकता है, जो तीन प्रतिशत था। मुद्रास्फीति के बारे में अनुमान जताया गया है कि यह 6.6 प्रतिशत से घटकर 5.2 प्रतिशत पर आ सकती है।