- Home
- बिजनेस
-
मुंबई. सकारात्मक वैश्विक रुख के बावजूद प्रमुख शेयर सूचकांक बृहस्पतिवार को शुरुआती बढ़त को कायम नहीं रख सके और बाजार लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुआ। इससे पहले बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीतिक समिति की बैठक का ब्योरा जारी हुआ था, जिसका असर बाजार की धारणा पर पड़ा। सकारात्मक शुरुआत के बावजूद 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स बढ़त बरकरार नहीं रख सका और कारोबार के अंत में 241.02 अंक या 0.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 60,826.22 पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 71.75 अंक या 0.39 प्रतिशत गिरकर 18,127.35 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, लार्सन एंड टुब्रो, एक्सिस बैंक और एनटीपीसी में नुकसान रहा। दूसरी ओर अल्ट्राटेक सीमेंट, इन्फोसिस, एशियन पेंट्स, कोटक महिंद्रा बैंक, सन फार्मा और भारती एयरटेल फायदे में रहे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रुख भी घरेलू शेयर बाजारों में जोश भरने में विफल रहा। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक का ब्योरा जारी होने से भी घरेलू बाजार में बिकवाली हुई, क्योंकि इसमें केंद्रीय बैंक ने कुछ सख्त टिप्पणियां की हैं।'' आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि इस समय नीतिगत कार्रवाई को रोकने की गलती महंगी साबित हो सकती है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई खत्म नहीं हुई है। चीन और कुछ अन्य देशों में कोविड-19 का संक्रमण बढ़ने के मद्देनजर देश में स्थिति की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की। हेम सिक्योरिटीज के कोष प्रबंधक मोहित निगम ने कहा कि वैश्विक बाजारों में मजबूती के बावजूद चीन, जापान, कोरिया और ब्राजील में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण घरेलू बाजारों का उत्साह जल्द ही फीका पड़ गया। व्यापक बाजारों में बीएसई स्मॉलकैप 1.83 प्रतिशत और मिडकैप 0.77 प्रतिशत गिर गया।
क्षेत्रवार बात करें तो औद्योगिक सूचकांक में 1.78 प्रतिशत, उपयोगिता में 1.60 प्रतिशत, पू्ंजीगत वस्तुओं में 1.57 प्रतिशत, बिजली में 1.49 प्रतिशत, रियल्टी में 1.33 प्रतिशत और वाहन में 1.05 प्रतिशत की गिरावट हुई। अन्य एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे, जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट निचले स्तर पर बंद हुआ। मध्य सत्र के सौदों में यूरोपीय बाजार तेजी के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार बुधवार को बढ़त के साथ बंद हुए। अंतरराष्ट्रीय तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.99 प्रतिशत चढ़कर 83.01 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर पहुंच गया। शेयर बाजार के अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को शुद्ध रूप से 1,119.11 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
- - नयी दिल्ली। वैश्विक बाजारों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में तेजी के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में बृहस्पतिवार को सोना 59 रुपये बढ़कर 55,241 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले सत्र में सोने का भाव 55,182 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।हालांकि, चांदी की कीमत 194 रुपये की हानि के साथ 69,413 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ हुई।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘दिल्ली में सोने की हाजिर कीमत 59 रुपये की तेजी के साथ 55,241 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गयी। पिछले कुछ सत्रों में सोने की कीमतों में एक सीमित दायरे में घट-बढ़ हुई है। निवेशकों को बाजार के आगे के संकेतों के लिए अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों का इंतजार है।’’अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना तेजी के साथ 1,816.7 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। वहीं चांदी की कीमत मामूली गिरावट के साथ 23.84 डॉलर प्रति औंस रह गई। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के जिंस शोध विभाग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवनीत दमानी ने कहा, ‘‘ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी तथा रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भू-राजनीतिक चिंताओं के कारण वैश्विक वृद्धि दर में मंदी की आशंका के कारण इन दोनों बहुमूल्य धातुओं की निवेश के सुरक्षित विकल्प के रूप में मांग बढ़ी है।’’
-
नयी दिल्ली. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने बुधवार को कहा कि अयोध्या हवाई अड्डे का कुल परियोजना कार्य जून, 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। यह हवाई अड्डा विकास परियोजना 242 करोड़ रुपये की है। इसमें एक टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण और एयरसाइड सुविधाओं का विकास शामिल है। एएआई ने बयान में कहा, ‘‘6,000 वर्ग मीटर के कुल क्षेत्रफल के साथ नए टर्मिनल भवन की क्षमता व्यस्त समय में 300 यात्रियों को सेवाएं देने की होगी। इसकी सालाना क्षमता छह लाख यात्रियों की होगी।'' एएआई ने कहा कि 52 प्रतिशत विकास कार्य पूरा हो चुका है और उत्तर प्रदेश में अयोध्या हवाई अड्डे का कुल परियोजना कार्य अगले साल जून तक पूरा होने की उम्मीद है। बयान में कहा गया है कि हवाई अड्डे का डिज़ाइन राम मंदिर के विचार और भावना को प्रतिबिंबित करेगा। -
मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि महंगाई पर काबू के लिए केंद्र सरकार और केंद्रीय बैंक द्वारा ‘समन्वित रुख' अख्तियार किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति को लेकर रिजर्व बैंक के साथ सरकार भी 'समान रूप से गंभीर' है। रिजर्व बैंक कुछ सप्ताह पहले ही सरकार को लिखित रूप से मुद्रास्फीति को संतोषजनक दायरे में लाने से चूकने की वजह बताई है। इसके बाद अब गवर्नर का यह बयान आया है। दास ने बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा आयोजित ‘बीएफएसआई इनसाइट समिट 2022' को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं कहूंगा कि महंगाई पर काबू के लिए केंद्रीय बैंक और सरकार के बीच ‘समन्वित रुख' अपनाया गया है। उन्होंने दोनों द्वारा महंगाई पर अंकुश के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए यह बात कही। दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने महंगाई के मोर्चे पर नीतिगत दर, मौद्रिक समीक्षा और तरलता जैसे उपाय किए हैं वहीं सरकार ने आपूर्ति पक्ष के कदम उठाए हैं। इनमें पेट्रोल और डीजल पर करों में कटौती, आयातित खाद्य सामान पर शुल्कों में कटौती जैसे कदम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार भी महंगाई को लेकर समान रूप से गंभीर है।
दास ने कहा, ‘‘हर कोई महंगाई को नीचे लाना चाहता है। मुझे विश्वास है कि सरकार भी महंगाई पर काबू चाहती है।'' दास ने 2024 में होने वाले आम चुनाव से पहले फरवरी, 2023 के सरकार के आखिरी पूर्ण बजट संबंधी सवाल पर कहा कि मौद्रिक नीति मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए है। दास ने दो नवंबर को कहा था कि रिजर्व बैंक की मुद्रास्फीति पर ‘अर्जुन की आंख' की तरह नजर है। अब इसमें कुछ बदलाव करते हुए उन्होंने कहा कि अर्जुन की नजर मुद्रास्फीति और महंगाई पर है। नवंबर में करीब 10 माह बाद मुद्रास्फीति पहली बार छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से नीचे आई है। चुनाव संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि यदि राज्यों के चुनावों को भी देखा जाए, तो यह पूरे साल भर चलता है। गवर्नर ने स्पष्ट किया कि मौद्रिक नीति का रुख मुद्रास्फीति और वृद्धि जैसे घरेलू कारकों से तय होता रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में रिजर्व बैंक अन्य कारकों मसलन फेडरल रिजर्व के रुख पर भी गौर करता है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक 70 तेजी से बढ़ने वाले संकेतकों पर नजर रखता है और उनमें से ज्यादातर ‘बेहतर स्थिति' में हैं। उन्होंने कहा कि ये बाहरी कारक है, जो दुनिया के एक बड़े हिस्से में मंदी के डर से प्रेरित है, जहां चुनौतियां हैं।'' उन्होंने कहा कि बाहरी मांग का प्रभाव अर्थव्यवस्था को ‘प्रभावित' करेगा। केंद्रीय बैंक ने इस महीने की शुरुआत में अगले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपने वृद्धि अनुमान को पहले के सात प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। दास ने कहा कि भारतीय वित्तीय क्षेत्र जुझारू बना हुआ है और काफी बेहतर स्थिति में है। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि के लिए नियामक और वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों, दोनों का श्रेय जाता है।
गवर्नर ने कहा कि जमा और ऋण वृद्धि के बीच पूर्ण रूप से कोई खास अंतर नहीं है। आधार प्रभाव दोनों के वृद्धि आंकड़े को अलग-अलग दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि ऋण वृद्धि दो दिसंबर, 2022 तक एक साल में 19 लाख करोड़ रुपये रही, जबकि जमा वृद्धि 17.5 लाख करोड़ रुपये थी। - नयी दिल्ली,। वैश्विक स्तर पर बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में तेजी के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में बुधवार को सोना 192 रुपये बढ़कर 55,261 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले सत्र में सोने का भाव 55,069 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 433 रुपये की तेजी के साथ 69,962 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘एशियाई कारोबार में सोने की कीमत में थोड़ी तेजी आई है। दिल्ली के बाजारों में सोने की कीमत 192 रुपये बढ़कर 55,261 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई।'' अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना तेजी के साथ 1,815 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। जबकि चांदी तेजी के साथ 23.94 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के जिंस शोध विभाग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवनीत दमानी ने कहा, ‘‘पिछले सत्र में लगभग एक प्रतिशत की तेजी के बाद सोने की कीमतों में स्थिरता रही। बैंक आफ जापान के नीतियों में बदलाव करने के बाद डॉलर के कमजोर होने से सोने में यह स्थिरता आई है।''
- नईदिल्ली। दिल्ली सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोना 38 रुपये बढ़कर 54,740 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले सत्र में सोने का भाव 54,702 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। हालांकि, चांदी की कीमत 328 रुपये की गिरावट के साथ 67,984 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के जिंस शोध विभाग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, नवनीत दमानी ने कहा, ‘ब्याज दरों में और वृद्धि होने की संभावना के बीच आरंभिक कारोबार के दौरान सोने की कीमत में गिरावट के बाद स्थिर के रुख के साथ कारोबार हुआ।कारोबारियों की निगाह चीन में कोविड की स्थिति पर है।’ अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 1,794 डॉलर प्रति औंस पर स्थिरता के रुख के साथ कारोबार कर रहा था। जबकि चांदी गिरावट के साथ 23.13 डॉलर प्रति औंस रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में शोध विश्लेषक, दिलीप परमार ने कहा, ‘‘एशियाई कारोबार में सोने की कीमतों में स्थिरता रही। कॉमेक्स में सोने की हाजिर कीमत 1,794 डॉलर प्रति औंस पर अपरिवर्तित रही।
- मुंबई। आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी ने अपनी खुदरा प्रधान ऋण दर में 0.35 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की है। इससे आवासीय ऋण की न्यूनतम दर बढ़कर 8.65 प्रतिशत हो गई है। नई दरें मंगलवार से लागू होंगी।एचडीएफसी ने सोमवार को शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि खुदरा प्रधान ऋण दर को 0.35 प्रतिशत बढ़ाकर 8.65 प्रतिशत कर दिया गया है। नई दरें 20 दिसंबर से लागू होंगी। मई से अब तक एचडीएफसी अपनी ऋण दरों में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है। एचडीएफसी ने कहा कि 8.65 प्रतिशत की नई दर सिर्फ उन ग्राहकों के लिए ही होगी जिनका ‘क्रेडिट स्कोर' 800 या उससे अधिक होगा। कंपनी के मुताबिक, यह उद्योग में न्यूनतम दर है।
- मुंबई। इटली की सुपरबाइक विनिर्माता कंपनी डुकाटी के मोटरसाइकिल के सभी मॉडल की कीमतें भारत में एक जनवरी से बढ़ जाएंगी। कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी। हालांकि उसने यह नहीं बताया कि मूल्य वृद्धि कितनी होगी। डुकाटी इंडिया ने एक बयान में कहा कि उसकी मोटरसाइकिल की पूरी श्रृंखला के दाम एक जनवरी 2023 से बढ़ जाएंगे। इसमें कहा गया कि लागत का भार कुछ समय से कंपनी स्वयं पर ले रही थी लेकिन कच्ची सामग्री, उत्पादन और लॉजिस्टिक्स से संबंधित लागत में वृद्धि की वजह से उसे कीमतों में बढ़ोतरी करनी पड़ रही है।
- मुंबई। बैंकिंग, तेल और एफएमसीजी शेयरों में सोमवार को हुई जोरदार लिवाली के दम पर घरेलू शेयर बाजारों के दोनों मानक सूचकाकों में दो दिन के अंतराल के बाद तेजी का दौर लौट आया। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में करीब एक प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 468.38 अंक यानी 0.76 प्रतिशत चढ़कर 61,806.19 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 507.11 अंक तक उछल गया था।इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 151.45 अंक यानी 0.83 प्रतिशत की बढ़त रही और यह 18,420.45 अंक पर बंद हुआ।इस तरह शेयर बाजारों में लगातार दो कारोबारी सत्रों की गिरावट के बाद तेजी लौटी है। पिछले सप्ताह के अंतिम दो कारोबारी दिनों में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में भारी गिरावट दर्ज की गई थी।सेंसेक्स में शामिल शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, पावरग्रिड, भारती एयरटेल, बजाज फिनसर्व, एचडीएफसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, मारुति सुजुकी, आईटीसी, टाइटन, नेस्ले, बजाज फाइनेंस और रिलायंस इंडस्ट्रीज बढ़त दर्ज करने में सफल रहे।वहीं टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस, टाटा मोटर्स और इंडसइंड बैंक के शेयरों को नुकसान उठाना पड़ा।एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग के हैंगसेंग में गिरावट रही।यूरोप के शेयर बाजारों में दोपहर के सत्र में बढ़त देखी जा रही थी। अमेरिकी बाजार शुक्रवार को नुकसान में रहे थे।इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.15 प्रतिशत बढ़कर 79.95 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गत शुक्रवार को भारतीय बाजारों से निकासी की थी। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, एफआईआई ने 1,975.44 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे थे।
-
नई दिल्ली। मजबूत वैश्विक रुख के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में सोमवार को सोना 231 रुपये बढ़कर 54,652 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले सत्र में सोने का भाव 54,421 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी की कीमत भी 784 रुपये की तेजी के साथ 68,255 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘एशियाई कारोबार में सोने की कीमतों में तेजी रही।न्यूयॉर्क स्थित जिंस एक्सचेंज कॉमेक्स में सोने में 0.32 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,795 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार हो रहा था।’अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना लाभ के साथ 1,795.8 डॉलर प्रति औंस पर था। जबकि चांदी तेजी के साथ 23.30 डॉलर प्रति औंस पर रही। - नयी दिल्ली।. इंटरनेट प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई ने सोमवार को कहा कि गूगल 100 से अधिक भारतीय भाषाओं में लिखित शब्दों एवं आवाज के जरिये इंटरनेट सर्च सुविधा मुहैया कराने की कोशिश में लगी है।. पिचाई ने अपनी भारत यात्रा के अवसर पर लिखे अपने एक ब्लॉग में कहा कि भारत में प्रौद्योगिकी की रफ्तार असाधारण रही है और गूगल भी यहां के स्टार्टअप एवं छोटी कंपनियों को समर्थन दे रही है। इसके अलावा साइबर सुरक्षा में निवेश, शिक्षा एवं कौशल प्रशिक्षण देना और कृषि एवं स्वास्थ्य देखभाल जैसे क्षेत्रों में कृत्रिम मेधा (एआई) को भी लागू किया जा रहा है।.
-
नई दिल्ली। कोरोनाकाल के बाद से कारों की कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ है। रॉ मटेरियल का लगातार महंगा होना और चिप-सेमीकंडक्टर की सप्लाई प्रॉब्लम के चलते पिछले 2 सालों में कारों कीमतें आसमान छू चुकी हैं। अब 1 जनवरी, 2023 से कारों को खरीदना एक बार फिर महंगा होने वाला है। कीमतें बढ़ाने का ऐलान सबसे पहले मारुति सुजुकी ने किया था, जिसके बाद इस लिस्ट में टाटा मोटर्स, किआ इंडिया, रेनो, सिट्रोन, जीप, ऑडी, मर्सिडीज-बेंज जैसी कंपनियां भी शामिल हो चुकी है। सभी कंपनियों का कहना है कि इनपुट कॉस्ट की लागत बढ़ती जा रही है। जिसके चलते उन्हें कीमत बढ़ाने के कदम को उठाना पड़ रहा है। इसके अलावा अगले साल से 6 एयरबैग्स का नियम भी अनिवार्य होने वाला है। इस वजह से भी कार की मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट बढऩे वाली है।
मारुति कार खरीदना होगा महंगा
मारुति ने इस बात का एलान किया है कि जनवरी 2023 से उसकी कारों को खरीदना महंगा हो जाएगा। कंपनी अलग-अलग मॉडल के हिसाब से कीमतों में बढ़ोतरी करेगी। कंपनी ने अपने ऑफिशियल नोट में कहा है कि कॉमोडिटी ने हमें कीमतें बढ़ाने पर मजबूर किया है। मारुति की सबसे ज्यादा बिकने वाली कारों में ऑल्टो, ऑल्टो ्य10, इग्निस, वैगनआर, सेलेरियो, एस-प्रेसो, स्विफ्ट, ईको, डिजायर, ब्रेजा, सियाज, एर्टिगा और ग्रैंड विटारा शामिल हैं।
टाटा कार खरीदना होगा महंगा
जनवरी 2023 से टाटा भी आईसीई कारों और ईवीएस की कीमतों में बढ़ोतरी करने वाली है। कंपनी ने बताया कि कीमतों में बढ़ोतरी के प्रमुख कारणों में से एक हाई कमोडिटी प्राइस है। टाटा ने आगामी आरडीई मानदंडों के अनुपालन की लागत के बारे में भी बात की है। नेक्सन ईवी, टियागो ईवी और टिगोर ईवी जैसी श्वङ्क के मामले में बैटरी में वृद्धि के कारण कीमतें बढ़ाई जाएंगी। कई कंपनियां अब इलेक्ट्रिक व्हीकल की तरफ तेजी से शिफ्ट हो रही हैं, जिसके चलते बैटरी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
हुंडई कार खरीदना होगा महंगा
जनवरी 2023 से कीमतें बढ़ाने वाली लिस्ट में अब हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड का नाम भी शमिल हो गया है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, हुंडई बढ़ती इनपुट कॉस्ट की वजह से अगले महीने अपनी कार की कीमतों में इजाफा करने वाली है। हालांकि, कंपनी कितने रुपए या प्रतिशत तक इजाफा करेगी, इस बारे में अभी कुछ नहीं बताया है।
किआ कार खरीदना होगा महंगा
किआ ने बताया है कि वो 1 जनवरी, 2023 से अपनी कारों की कीमत में 50,000 रुपए तक की बढ़ोतरी करने वाली है। हालांकि, मिनिमम कितने रुपए की बढ़ोतरी की जाएगी, इस बारे में कंपनी ने कुछ नहीं कहा है। हालांकि, कंपनी सेल्टॉस, सॉनेट, कैरेंस और कार्निवल के अलग-अलग वैरिएंट पर अलग-अलग इजाफा करेगी। किआ इंडिया ने भारतीय बाजार में नया माइलस्टोन तैयार कर लिया है। कंपनी ने नवंबर में 6 लाख यूनिट बेचने के चमत्कारी आंकड़े को पार कर लिया है।
रेनो कार खरीदना होगा महंगा
रेनो इंडिया भी जनवरी 2023 से कारों को महंगा करने की लिस्ट में शामिल हो चुकी है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि महंगे रॉ मटेरियल, विदेशी मुद्रा दरों में उतार-चढ़ाव, महंगाई दर और नियामकीय जरूरतों से कंपनी पर लागत दबाव बढ़ा है। कीमतों में बढ़ोतरी लागत में वृद्धि को आंशिक रूप से रोकने की कोशिश की है।
जीप कार खरीदना होगा महंगा
जीप इंडिया की कार जनवरी से खरीदना महंगा होने वाला है। कंपनी अपने सभी मॉडल रेंज की कीमतों में 2 से 4 फीसदी की बढ़ोतरी करने वाली है। नई कीमतें मॉडल्स के हिसाब से अलग-अलग होंगी। कंपनी ने कीमतें बढ़ाने को लेकर कहा कि इनपुट लागतों में लगातार हो रही वृद्धि है जिससे जीप कंपास, जीप मेरिडियन, जीप रैंगलर और जीप ग्रैंड चेरोकी जैसे सभी मॉडल महंगे हो जाएंगे। बता दें कि 2022 में के आखिर तक कंपनी ने अपनी गाडिय़ों की कीमतों को कुल चार बार बढ़ाया है।
ऑडी कार खरीदना होगा महंगा
लग्जरी कार बनाने वाली कंपनी ऑडी इंडिया ने भी 1 जनवरी, 2023 से अपने सभी मॉडलों को महंगा करने का ऐलान किया है। कंपनी इन कार की कीमत में 1.7फीसदी तक इजाफा करने वाली है।
मर्सिडीज कार खरीदना होगा महंगा
लग्जरी कार बनाने वाली कंपनी मर्सिडीज बेंज इंडिया ने भी जनवरी 2023 से अपनी कारों में 5फीसद की बढ़ोतरी करने वाली है। कीमतें बढ़ाने को लेकर मर्सिडीज का भी वही कहना है जो दूसरे कार मैन्युफैक्चर्स का है। ऐसे में अगले महीने से कार खरीदना महंगा हो जाएगा। - नयी दिल्ली। जीएसटी परिषद ने नियमों के अनुपालन में की जा रही कुछ गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने पर शनिवार को सहमति जताने के साथ ही अभियोजन शुरू करने की सीमा को दोगुना कर दो करोड़ रुपये करने का फैसला किया। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक खत्म होने के बाद इसमें लिए गए इन फैसलों की जानकारी दी। हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद समय की कमी के कारण बैठक के एजेंडा में शामिल 15 मुद्दों में से केवल आठ पर ही फैसला कर सकी। जीएसटी पर अपीलीय अधिकरण बनाने के अलावा पान मसाला और गुटखा व्यवसायों में कर चोरी को रोकने के लिए व्यवस्था बनाने पर भी कोई फैसला नहीं हो पाया। सीतारमण ने जीएसटी परिषद की बैठक खत्म होने के बाद कहा कि कोई नया कर नहीं लाया गया है। उन्होंने कहा कि परिषद ने स्पोर्ट्स यूटिलिटी वेहिकल (एसयूवी) के वर्गीकरण को लेकर स्थिति स्पष्ट की है और इस तरह के वाहनों पर लगने वाले कर को भी साफ कर दिया गया है। मल्होत्रा ने कहा कि इस बैठक में ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो पर जीएसटी लगाने पर कोई चर्चा नहीं हुई क्योंकि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह (जीओएम) ने इस मुद्दे पर कुछ दिन पहले ही अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। उन्होंने कहा कि समय इतना कम था कि जीओएम की रिपोर्ट जीएसटी परिषद के सदस्यों को भी नहीं दी जा सकी।उन्होंने कहा कि परिषद ने जीएसटी कानून के अनुपालन में अनियमितता पर अभियोजन शुरू करने की सीमा को बढ़ाकर दो करोड़ रुपये करने पर सहमति दी। मौजूदा समय में अभियोजन प्रक्रिया शुरू करने की सीमा एक करोड़ रुपये है। इसके साथ ही दालों के छिलके पर जीएसटी को हटाने का फैसला भी किया गया। अभी तक दालों के छिलके पर पांच फीसदी की दर से जीएसटी लगता था लेकिन अब उसे शून्य कर दिया गया है। जीएसटी परिषद माल और सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के बारे में फैसला करने वाला सर्वोच्च निकाय है। परिषद की बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की। बैठक में वित्त राज्य मंत्रियों के अलावा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और केंद्र सरकार तथा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
-
नयी दिल्ली। निजी क्षेत्र के यस बैंक ने 48,000 करोड़ रुपये के अपने फंसे हुए कर्ज को कर्ज पुनर्गठन कंपनी जेसी फ्लॉवर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन के सुपुर्द कर दिया है। बैंक ने शनिवार को शेयर बाजारों को दी गई सूचना में कहा कि तनावग्रस्त कर्ज के रूप में चिह्नित 48,000 करोड़ रुपये के ऋण पोर्टफोलियो को जेसी फ्लॉवर्स के सुपुर्द करने का काम पूरा कर लिया गया है। इस दौरान एक अप्रैल से 30 नवंबर तक हुई कर्ज वसूली का समायोजन भी कर दिया गया है। यस बैंक ने अपने चिह्नित तनावग्रस्त कर्ज को जेसी फ्लॉवर्स एआरसी को सौंपने की घोषणा पहले ही कर दी थी। इस तरह बैंक अपने पोर्टफोलियो में फंसे हुए कर्ज का आकार कम कर अपनी वित्तीय स्थिति सुधारना चाहता है। कुछ साल पहले फंसे हुए कर्ज का आकार बढ़ने से यस बैंक की वित्तीय स्थिति बिगड़ गई थी। लेकिन हाल में उसने अपने कर्ज पोर्टफोलियो को दुरूस्त करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
- मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson and Johnson) को उसका लाइसेंस 15 दिसंबर को समाप्त होने के बावजूद अपने बेबी पाउडर का उत्पादन जारी रखने की अनुमति दी। हालांकि, जॉनसन बेबी पाउडर की बिक्री अगले आदेश तक नहीं की जा सकेगी। जस्टिस आरडी धानुका और जस्टिस मिलिंद सथाये की पीठ ने महाराष्ट्र सरकार के दो आदेशों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया।महाराष्ट्र सरकार ने अपने आदेश में 15 सितंबर को इस उत्पाद का लाइसेंस रद्द कर दिया था और 20 सितंबर को एक दूसरे आदेश में बेबी पाउडर के उत्पादन और बिक्री पर तत्काल रोक लगा दी गई थी। कंपनी की ओर से पेश वकील वेंकटेश धोंड ने कहा कि कंपनी का लाइसेंस खत्म हो गया है, इसलिए उसे सीमित सुरक्षा की आवश्यकता है। इसके बाद अदालत ने अपने अंतरिम आदेश को जारी रखते हुए कहा कि कंपनी उत्पादन जारी रख सकती है, लेकिन अगले आदेश तक बिक्री पर रोक रहेगी।
-
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि आगामी केंद्रीय बजट अगले 25 वर्षों के लिए भारत की तैयारी का खाका पेश करेगा।शुक्रवार को फिक्की के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आगामी बजट पिछले बजट की मूल भावना का पालन करेगा। श्रीमती सीतारामन ने उद्योग जगत से कहा कि वह ऐसी रणनीति तैयार करे जिससे विकसित देश, पश्चिम में मंदी की आशंकाओं के बीच भारत को उत्पादन या संसाधन केन्द्र के रूप में देखें। उन्होंने कहा, सरकार भारत में विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए अनेक सुविधाएं प्रदान कर रही है और नियमों में बदलाव किए गए हैं। सरकार ऐसे उद्योगों से भी जुड़ रही है जो हमारे उद्योगों के साथ काम कर सकते हैं। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि यूरोप सहित उन्नत देशों में फर्मों को आकर्षित करने के लिए कार्यनीति तैयार करने की भी आवश्यकता है। इससे उन देशों को फायदा होगा जो अपने आधारभूत ढांचे को चीन से स्थानांतरित करना चाहते हैं। उन्होंने यूरोप जैसे बड़े बाजार में लंबे समय से चली आ रही मंदी के बारे में आगाह किया और घरेलू उद्योग को विपरीत परिस्थितियों के लिए बेहतर तैयारी करने को कहा। वित्तमंत्री ने कहा, सरकार जी20 समूह की अध्यक्षता के दौरान भारत को एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में प्रदर्शित करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और विदेशी निवेशक इसका लाभ उठा सकते हैं।
-
मुंबई। कच्चे माल, श्रम और भूमि की लागत में भारी वृद्धि और अपेक्षाकृत अनुकूल मांग-आपूर्ति की स्थिति के कारण शीर्ष छह शहरों में घरों की कीमतों में चालू वित्त वर्ष में छह से 10 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष में घरों के दाम तीन से पांच प्रतिशत और बढ़ेंगे।
रिपोर्ट में भी कहा गया है कि बड़े रियल एस्टेट कंपनियां 2022-23 में बिक्री में 25 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज करेंगी। अगले वित्त वर्ष में इन कंपनियों की बिक्री 10-15 प्रतिशत बढ़ेगी। रिपोर्ट कहती है कि खाली घरों (बिना बिके मकानों) का स्तर ढाई साल पर आ गया है। महामारी से पहले यह चार साल था। इसकी वजह बड़ी रियल एस्टेट की कर्ज लेने की क्षमता में सुधार है। एजेंसी को उम्मीद है कि कच्चे माल, श्रम और भूमि की लागत में भारी वृद्धि के चलते प्रमुख छह शहरों में इस वित्त वर्ष में आवास कीमतों में 6-10 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में तीन-पांच प्रतिशत की वृद्धि होगी। रिपोर्ट कहती है कि कई क्षेत्रों में आज भी कार्य का हाइब्रिड मॉडल (दफ्तर और घर से काम) लागू है। ऐसे में कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद बड़े घरों की मांग पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। शीर्ष छह रियल्टी बाजार...मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद और कोलकाता हैं। रिपोर्ट में शामिल कंपनियों में ब्रिगेड एंटरप्राइजेज, डीएलएफ, गोदरेज प्रॉपर्टीज, कोलते-पाटिल डेवलपर्स, मैक्रोटेक डेवलपर्स, महिंद्रा लाइफस्पेस डेवलपर्स, ओबेरॉय रियल्टी, प्रेस्टीज एस्टेट प्रोजेक्ट्स, पूर्वांकरा, सोभा और सनटेक रियल्टी शामिल हैं। -
एयर इंडिया की पायलट यूनियनों का दावा, एयरलाइंस में पायलटों की कमी
मुंबई। एयर इंडिया की दो पायलट यूनियनों ने दावा किया है कि एयरलाइन के पास लंबी दूरी की उड़ानें संचालित करने के लिए पायलटों की कमी है। इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) और इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) ने यह चिंता जताई है। टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन ने हाल में चालक दल की कमी के कारण उत्तर अमेरिकी क्षेत्र से आने-जाने वाली कुछ उड़ानों को रद्द और पुनर्निर्धारित किया था। इस पृष्ठभूमि में यह बयान आया है। इन यूनियनों ने 13 दिसंबर को एयर इंडिया के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी सुरेश दत्त त्रिपाठी को लिखे एक संयुक्त पत्र में कहा, ‘‘हम पायलटों की कमी के कारण पहले से तय रोस्टर को लागू नहीं कर सकते हैं, क्योंकि चालक दल प्रबंधन प्रणाली के पास अतिरिक्त पायलट नहीं हैं।'' इस खबर पर एयर इंडिया की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई। -
नयी दिल्ली। मजबूत वैश्विक रुख के बीच बुधवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 318 रुपये की तेजी के साथ 54,913 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी।
इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 54,595 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी का भाव 682 रुपये की तेजी के साथ 69,176 रुपये प्रति किलोग्राम पर जा पहुंचा।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक, दिलीप परमार ने कहा, ‘‘अमेरिका के मुद्रास्फीति के आंकड़े उम्मीद से कम रहने के बीच पिछले सत्र में सोने की कीमतें पांच माह से भी अधिक के उच्चस्तर पर रहने के बाद एशियाई कारोबार में स्थिर रहीं।’’अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव लाभ के साथ 1,808.2 डॉलर प्रति औंस पर था। चांदी तेजी के साथ 23.70 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी।मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में जिंस अनुसंधान विभाग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवनीत दमानी ने कहा, ‘‘उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आंकड़ों के जारी होने के बाद डॉलर सूचकांक एक प्रतिशत से भी अधिक घटकर करीब छह माह के निचले स्तर तक आ गया। बाजार का ध्यान अब फेडरल रिजर्व के ब्याज दर में बढ़ोतरी के फैसले पर है। ये आंकड़े आज आएंगे।’’ - नयी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी की राजस्थान के जैसलमेर स्थित 240 मेगावॉट क्षमता वाली देवीकोट सौर परियोजना का वाणिज्यिक परिचालन शुरू हो गया है। इसके साथ कंपनी की 2022-23 में सालाना आधार पर नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 1,000 मेगावॉट के पार 1074.59 मेगावॉट पहुंच गयी है। एनटीपीसी ने मंगलवार को बीएसई को भेजी गई सूचना में कहा, ‘‘राजस्थान के जैसलमेर स्थित 150 मेगावॉट और 90 मेगावॉट क्षमता वाली देवीकोट सौर पीवी परियोजनाओं का वाणिज्यिक परिचालन 13 दिसंबर से सफलतापूर्वक शुरू हो गया है।'' इस परियोजना के परिचालन में आने के साथ एनटीपीसी की 2022-23 में सालाना नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 1074.59 मेगावॉट पहुंच गयी है। इसके साथ ही एनटीपीसी की स्थापित एवं वाणिज्यिक क्षमता बढ़कर एकल आधार पर 58,041.27 मेगावॉट हो गई है। वहीं पूरे समूह की स्थापित एवं वाणिज्यिक क्षमता 70,656.27 मेगावॉट हो गई है।
- नयी दिल्ली।पेटीएम ब्रांड का परिचालन करने वाली डिजिटल वित्तीय सेवा कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस ने मंगलवार को शेयर पुनर्खरीद की घोषणा की। इसके तहत कंपनी 810 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 850 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की पुनर्खरीद करेगी। वन97 कम्युनिकेशंस ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि कंपनी ने पुनर्खरीद कार्यक्रम के लिये शेयर बाजारों के जरिये खुले बाजार मार्ग का विकल्प चुना है। प्रक्रिया अधिकतम छह महीने में पूरी होने की संभावना है। सूचना के अनुसार, ‘‘कंपनी 810 रुपये प्रति शेयर के भाव में 850 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की पुनर्खरीद करेगी।'' कंपनी के निदेशक मंडल की मंगलवार को हुई बैठक में यह निर्णय किया गया। सूचना के अनुसार, बैठक में सभी निदेशक मौजूद थे और स्वतंत्र निदेशक समेत सभी ने आम सहमति से प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।
-
नयी दिल्ली। वेदांता समूह ने मंगलवार को कहा कि उसने एक भारतीय सेमीकंडक्टर एवं डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए जापान की 30 प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ करार किए हैं। इन समझौतों पर जापान की राजधानी टोक्यो में पिछले सप्ताह आयोजित वेदांता-एवनस्ट्रेट बिजनेस पार्टनर्स समिट-2022 के दौरान हस्ताक्षर किए गए। इस सम्मेलन में दुनियाभर की 100 कंपनियों के 200 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इस सम्मेलन में कई वैश्विक कंपनियों ने भारत के सेमीकंडक्टर विनिर्माण अभियान का हिस्सा बनने में दिलचस्पी दिखाई। वेदांता ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र की दिग्गज कंपनी फॉक्सकॉन के साथ मिलकर गुजरात में एक सेमीकंडक्टर एवं डिस्प्ले विनिर्माण संयंत्र लगाने की घोषणा की हुई है। करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश से इस संयंत्र को शुरू किया जाएगा। वेदांता ग्लोबल के प्रबंध निदेशक (डिस्प्ले एवं सेमीकंडक्टर व्यवसाय) आकर्ष के हेब्बर ने बयान में कहा कि उनकी कंपनी भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण का एक प्रमुख केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वेदांता सिर्फ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर नहीं बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग का एक परिवेश बनाने में अग्रणी भूमिका निभाना चाहती है।
- नयी दिल्ली। भारत उपग्रह संचार के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी करने वाला पहला देश होगा। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन पी डी वाघेला ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इसे क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने की दृष्टि से ‘डिजाइन' किया जाना चाहिए। वाघेला ने सैटकॉम पर ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम के सम्मेलन में कहा कि ट्राई जल्द ही इस क्षेत्र में कारोबार सुगमता के लिए विभिन्न मंत्रालयों - सूचना और प्रसारण, अंतरिक्ष और दूरसंचार से उपग्रह संचार के लिए आवश्यक मंजूरियों को आसान बनाने के लिए सिफारिश करेगा। उन्होंने कहा कि ट्राई को नीलामी के लिए आवश्यक स्पेक्ट्रम और उपग्रह आधारित संचार के संबंधित पहलुओं के संदर्भ में दूरसंचार विभाग से एक संदर्भ प्राप्त हुआ है। वाघेला ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारत अंतरिक्ष आधारित स्पेक्ट्रम की नीलामी करने वाला पहला देश होगा। हम इसपर काम कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि भारत संभवत: अंतरिक्ष आधारित स्पेक्ट्रम की नीलामी करने वाला पहला देश होगा।वाघेला ने कहा, ‘‘लेकिन इससे इस क्षेत्र को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। यह बहुत महत्वपूर्ण है। हम जो भी प्रणाली ला रहे हैं वह वास्तव में इस क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने के लिए है, न कि कोई बोझ बढ़ाने के लिए। मेरा मतलब है, हमारे सामने यह सबसे बड़ी चुनौती है और हम इस तथ्य से अवगत हैं।'' ट्राई द्वारा अभी तक उपग्रह संचार के लिए निर्धारित मानक प्रक्रिया के अनुसार स्पेक्ट्रम नीलामी पर परामर्श पत्र लाना बाकी है। इस परिपत्र की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर वाघेला ने कहा कि ट्राई एक उपयुक्त मॉडल के लिए दुनियाभर के विशेषज्ञों और नियामकों के साथ चर्चा कर रहा है और इसके बाद परामर्श पत्र जारी किया जाएगा। दूरसंचार परिचालकों ने उपग्रह संचार के लिए नीलामी के जरिये स्पेक्ट्रम आवंटित करने का प्रस्ताव दिया है, जबकि उपग्रह उद्योग की कंपनियों ने इसका विरोध किया है।
- नयी दिल्ली। बैंकों ने पिछले पांच वित्त वर्षों के दौरान 10,09,511 करोड़ रुपये के फंसे कर्ज (एनपीए) बट्टे खाते में डाले हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद को यह जानकारी दी। वित्तमंत्री ने राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में कहा कि गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) या फंसे कर्ज को बट्टे खाते में डालते हुए उसे संबंधित बैंक के बही खाते से हटा दिया गया है। इसमें वे फंसे हुए कर्ज भी शामिल हैं जिसके एवज में चार साल पूरे होने पर पूर्ण प्रावधान किया गया है। सीतारमण ने कहा, ‘‘बैंक आरबीआई के दिशानिर्देशों तथा अपने-अपने निदेशक मंडल की मंजूरी वाली नीति के अनुसार पूंजी का अनुकूलतम स्तर पर लाने लिए अपने अपने बही-खाते को दुरूस्त करने, कर लाभ प्राप्त करने और पूंजी के अनुकूलतम स्तर प्राप्त करने को लेकर नियमित तौर पर एनपीए को बट्टे खाते में डालते हैं। आरबीआई से मिली जानकारी के अनुसार अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) ने पिछले पांच वित्त वर्षों के दौरान 10,09,511 करोड़ रुपये की राशि को बट्टे खाते में डाला है।'' उन्होंने स्पष्ट किया कि बट्टे खाते में कर्ज को डालने से कर्जदार को लाभ नहीं होता। वे पुनर्भुगतान के लिए उत्तरदायी बने रहेंगे और बकाये की वसूली की प्रक्रिया जारी रहती है। बैंक उपलब्ध विभिन्न उपायों के माध्यम से बट्टे खाते में डाले गए राशि को वसूलने के लिये कार्रवाई जारी रखते हैं। इन उपायों में अदालतों या ऋण वसूली न्यायाधिकरणों में मुकदमा दायर करना, दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता, 2016 के तहत मामले दर्ज करना और गैर- निष्पादित संपत्तियों की बिक्री आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने पिछले पांच वित्त वर्षों के दौरान कुल 6,59,596 करोड़ रुपये की वसूली की है। इसमें बट्टे खाते में डाले गये कर्ज में से 1,32,036 करोड़ रुपये की वसूली शामिल है।
- नयी दिल्ली। इस्पात मंत्रालय विशिष्ट इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के तहत चुनी गई कंपनियों के साथ जल्द समझौते करेगा जिसके बाद कंपनियों के निवेश प्रस्ताव आगे की प्रक्रिया में जाएंगे। इस्पात मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि योजना में चयन के बाद कंपनियों को मंजूरी पत्र भेजे जा चुके हैं। सरकार ने शुक्रवार को विशिष्ट इस्पात के लिए पीएलआई योजना के तहत कुल 42,500 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना वाले 67 आवेदनों का चयन किया था। प्रस्तावित निवेश से 70,000 रोजगार अवसरों के अलावा 2.6 करोड़ टन विशेष प्रकार के इस्पात की क्षमता सृजित होने का अनुमान है। अब आगे के कदमों के बारे में अधिकारी ने बताया, ‘‘पीएलआई के लिए चुनी गई कंपनियां मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन पर जल्द हस्ताक्षर करेंगी।'' उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील और सेल समेत पांच प्रमुख इस्पात कंपनियों का पात्र इकाइयों की सूची में दबदबा है। इन कंपनियों में टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, सेल के अलावा जेएसपीएल और एएमएनएस इंडिया भी शामिल हैं। इसके अलावा, गैलेंट मेटालिक्स, श्याम मेटालिक्स फ्लैट प्रोडक्ट्स और सनफ्लैग आयरन एंड स्टील जैसी कुछ अन्य कंपनियों को पीएलआई योजना के तहत निवेश के लिए चुना गया है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल जुलाई में देश में विशिष्ट इस्पात का उत्पादन बढ़ाने के लिए 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना में शामिल किए गए विशिष्ट इस्पात उत्पादों में कोटेड/ प्लेटेड इस्पात उत्पाद, मिश्र धातु इस्पात उत्पाद और इस्पात की तार आदि शामिल हैं।