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- नई दिल्ली। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मारुति सुजुकी एसयूवी जिम्नी को अगले साल अगस्त में भारतीय बाजार में पेश किया जा सकता है और यह 5 डोर ऑप्शन में आ सकती है। इस एसयूवी का लंबे समय से इंतजार हो रहा है और इसका मुकाबला महिंद्रा थार और फोर्स गुरखा समेत अन्य एसयूवी से होगा। मारुति सुजुकी जिम्नी के 3 डोर वर्जन को ऑटो एक्सपो 2020 में देखा गया था और तब से इसको लेकर लोगों में क्रेज दिख रहा है।मारुति सुजुकी जिम्नी 5 डोर के संभावित लुक और फीचर्स की बात करें तो इसमें एलईडी डीआरएल, एलईडी हेडलैंप और टेललैंप, एंड्रॉइड ऑटो और एप्पल कारप्ले सपोर्ट वाला 7 इंच का टचस्क्रीन इन्फोटेनमेंट सिस्टम, हाइट अडजस्टेबल ड्राइवर सीट, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल, रियर एसी वेंट्स, हिल होल्ड असिस्ट, क्रूज कंट्रोल और 6 एयरबैग्स समेत कई और स्टैंडर्ड और सेफ्टी फीचर्स देखने को मिलेंगे।मारुति सुजुकी जिम्नी 5 डोर एसयूवी के इंजन और पावर की बात करें तो इसमें 1.5L K15B पेट्रोल इंजन देखने को मिल सकता है, जो कि 12V SHVS माइल्ड हाइब्रिड टेक्नॉलजी से लैस हो सकता है। यह इंजन 102bhp की पावर और 138Nm टॉर्क जेनरेट करने में सक्षम होगा। अपकमिंग मारुति जिम्नी 5 डोर में 5 स्पीड मैनुअल और 4 स्पीड टॉर्क कन्वर्टर ऑटोमैटिक गियरबॉक्स देखने को मिल सकते हैं।
- नयी दिल्ली। विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख और आयातित तेलों के भाव कमजोर रहने के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को सरसों, सोयाबीन तेल-तिलहन, बिनौला, पाम एवं पामोलीन तेल सहित अधिकांश तेल- तिलहन कीमतों में गिरावट का रुख रहा जबकि सामान्य कारोबार के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के भाव अपरिवर्तित रहे। मूंगफली में ज्यादा कामकाज भी नहीं है।.बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि सस्ते आयातित तेल के सामने किसान नीचे भाव में कपास की बिक्री नहीं करते और ऊंचे भाव में इसके खरीदार नहीं हैं। आयातित तेलों के टूटने से अजीब उहापोह की स्थिति है और सबसे बड़ी मुश्किल तो अगले महीने होने वाली सूरजमुखी की बुवाई को लेकर है। देश में सूरजमुखी तेल के उत्पादन की लागत लगभग 160 रुपये किलो बैठती है जबकि आयातित सूरजमुखी तेल का भाव 112 रुपये किलो है और ऐसे में कौन किसान सूरजमुखी बोने की प्रयास करेगा? स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सरकार को तत्काल कोई फैसला करना चाहिये।.उन्होंने बताया कि मलेशिया एक्सचेंज में 6.5 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि शिकॉगो एक्सचेंज लगभग एक प्रतिशत नीचे चल रहा है।सूत्रों ने कहा कि तेल-तिलहनों में केवल बिनौला खल का वायदा कारोबार चल रहा है। आयातित तेलों के सस्ते रहने से वायदा कारोबार में बिनौला खल के दिसंबर में डिलिवरी वाले अनुबंध का भाव लगभग चार प्रतिशत बढ़ गया। यह एक बार फिर से इस बात को सिद्ध करता है कि खाद्य तेलों के भाव टूटते हैं तो पशु आहार यानी खल के भाव महंगे हो जाते हैं। इसका सीधा असर दूध, मक्खन, घी, पनीर, अंडे, मुर्गी मांस पर आता है जिससे खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ती है।सूत्रों ने कहा कि बिनौला तेल खली का वायदा कारोबार बंद करने की जरूरत है, नहीं तो बिनौला खल की कीमत भी आसमान पर पहुंच जाएगी। सस्ते आयातित तेलों की वजह से किसान कम भाव पर बिकवाली करने से बच रहे हैं और मंडियों में अपनी कम उपज यानी कपास-नरमा ला रहे हैं और यही वजह है कि बिनौला खल की कमी है। कपास मिलों को भी कम कच्चा माल प्राप्त हो रहा है। उल्लेखनीय है कि पशु आहार के लिए जरूरी खल का अधिकांश हिस्सा बिनौला खल का होता है और प्रतिवर्ष लगभग 110 लाख टन बिनौला खल का उत्पादन होता है। इस खल की अहमियत को देखते हुए सरकार ने इस पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) माफ कर रखा है।सामान्य कारोबार के बीच मूंगफली तेल- तिलहन के भाव अपरिवर्तित रहे।सूत्रों ने कहा कि सरकार खाद्य तेल कंपनियों के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) की भी निगरानी रखे और इसका पता लगाये कि सस्ता होने के बावजूद खाद्य तेल, उपभोक्ताओं को मिल कितने में रहा है।सोमवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:सरसों तिलहन - 7,000-7,050 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।मूंगफली - 6,410-6,470 रुपये प्रति क्विंटल।मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,000 रुपये प्रति क्विंटल।मूंगफली रिफाइंड तेल 2,415-2,680 रुपये प्रति टिन।सरसों तेल दादरी- 13,850 रुपये प्रति क्विंटल।सरसों पक्की घानी- 2,100-2,230 रुपये प्रति टिन।सरसों कच्ची घानी- 2,160-2,285 रुपये प्रति टिन।तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 12,700 रुपये प्रति क्विंटल।सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,800 रुपये प्रति क्विंटल।सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,000 रुपये प्रति क्विंटल।सीपीओ एक्स-कांडला- 8,250 रुपये प्रति क्विंटल।बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 11,350 रुपये प्रति क्विंटल।पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,800 रुपये प्रति क्विंटल।पामोलिन एक्स- कांडला- 8,800 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।सोयाबीन दाना - 5,525-5,625 रुपये प्रति क्विंटल।सोयाबीन लूज 5,335-5,385 रुपये प्रति क्विंटल।मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।
- मुंबई । टाटा समूह की कंपनी एयर इंडिया अपेक्षाकृत छोटे आकार के 50 बोइंग 737 मैक्स विमान खरीदने के लिये अमेरिकी कंपनी बोइंग के साथ सौदे को अंतिम रूप देने के करीब है। कंपनी ये विमान सस्ती अंतरराष्ट्रीय सेवाएं देने वाली एयर इंडिया एक्सप्रेस के लिये खरीद रही है। मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि यह सौदा बड़े विमान के ऑर्डर का हिस्सा होगा। इसको लेकर कंपनी बोइंग और एयरबस एसई के साथ चालू वित्त वर्ष की शुरुआत से ही बात कर रही है।घाटे में चल रही एयर इंडिया की अगले तीन साल में अपने विमानों के बड़े को तीन गुना करने की योजना है। टाटा समूह ने इस साल जनवरी में एयर इंडिया का अधिग्रहण किया था।एयरलाइन कारोबार को सुदृढ़ बनाने के लिये टाटा समूह ने अपनी घरेलू इकाई एयर एशिया इंडिया के एयर इंडिया में विलय की भी घोषणा की है। कंपनी एयरबस ए320 विमानों के बेड़े का परिचालन करती है।फिलहाल एयर इंडिया एक्सप्रेस के पास 24 बोइंग 737 विमानों का बेड़ा है।सूत्रों ने कहा कि सौदे पर आगे की चर्चा के लिये एयर इंडिया और बोइंग के अधिकारियों की सोमवार को बैठक होने की संभावना है।उन्होंने कहा, ‘‘एयर इंडिया ने एयर इंडिया एक्सप्रेस के लिये 50 बोइंग 737 मैक्स विमान खरीदने को लेकर बोइंग के साथ सौदे को लगभग अंतिम रूप दे दिया है।’’हालांकि, इस बारे में एयर इंडिया ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
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कोच्चि। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को यहां अलुवा में स्थित एक बीज फॉर्म को देश का पहला कार्बन तटस्थ (कार्बन न्यूट्रल) फॉर्म घोषित किया। मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा कि कृषि विभाग के तहत आने वाले इस बीज फॉर्म को कार्बन उत्सर्जन में काफी कमी आने के कारण मदद मिली और इसने कार्बन तटस्थ होने का दर्जा हासिल कर लिया। न्होंने कहा कि अलुवा के थुरुथु में स्थित फॉर्म से पिछले एक साल में होने वाले कुल कार्बन उत्सर्जन की मात्रा 43 टन थी, जबकि इसकी कुल प्राप्ति 213 टन थी। मुख्यमंत्री ने विस्तार से बताया कि उत्सर्जन दर की तुलना में 170 टन अधिक कार्बन फॉर्म में तैयार की गई जिसने इसे देश का पहला कार्बन तटस्थ फॉर्म बनने में मदद की। उन्होंने कहा, ‘‘कार्बन तटस्थ फॉर्म सभी 140 विधानसभा क्षेत्रों में स्थापित किये जाएंगे। केरल में 13 फॉर्म को कार्बन तस्टस्थ बनाने के प्रयास पहले ही शुरू कर दिये गये हैं।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्बन तस्टस्थ विधि को महिला समूहों के माध्यम से लागू किया जाएगा और इस तरह का हस्तक्षेप जनजाति क्षेत्र में भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरित गैस उत्सर्जन में 30 प्रतिशत योगदान कृषि क्षेत्र का है जिसे रोका जा सकता है और कार्बन तटस्थ कृषि से जलवायु परिवर्तन को नियमित किया जा सकता है।
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कम कीमत में 55 इंच का बड़ा Smart TV चाहिए, तो आपके लिए खुशखबरी है। OnePlus ने नए OnePlus TV 55 Y1S Pro को भारत में लॉन्च कर दिया है। 25 दिसंबर तक टीवी पर 3000 का डिस्काउंट मिलेगा। कम कीमत में 55 इंच का बड़ा Smart TV चाहिए, तो आपके लिए खुशखबरी है। OnePlus ने आज नए OnePlus TV 55 Y1S Pro को भारत में लॉन्च कर दिया है। ऑल-न्यू वनप्लस टीवी 55 Y1S Pro वाई-सीरीज टीवी लाइन-अप में नया एडिशन है। टीवी 138 सेमी 4K डिस्प्ले से लैस है और आकर्षक डिजाइन के साथ कई स्मार्ट फीचर्स से लैस है। नया स्मार्ट टीवी वेरिएंट OnePlus.in, Amazon.in, Flipkart के साथ-साथ OnePlus एक्सपीरियंस स्टोर्स और सभी प्रमुख ऑफलाइन पार्टनर स्टोर्स पर 39,999 रुपये की आकर्षक कीमत पर उपलब्ध होगा। 25 दिसंबर तक टीवी पर 3000 रुपये तक के डिस्काउंट का लाभ लिया जा सकता है।
टीवी Android TV 10.0 से लैस है और ढेर सारे एडवांस फीचर्स से भरा हुआ है, जिसमें 1 अरब कलर्स के साथ 4K UHD डिस्प्ले शामिल है, जो OnePlus के सिग्नेचर बेजल-लेस डिजाइन को स्पोर्ट करते हुए एक शानदार विजुअल एक्सपीरियंस प्रदान करता है। टीवी में 24W आउटपुट तक के फुल-रेंज स्पीकर से लैस, वनप्लस टीवी 55 Y1S Pro एक फुल सिनेमैटिक ऑडियो एक्सपीरियंस के लिए एक अच्छी तरह से बैलेंस्ड साउंड प्रोफ़ाइल सुनिश्चित करता है। नया प्रोडक्ट ऑक्सीजनप्ले 2.0 के साथ भरपूर मनोरंजन कंटेंट भी प्रदान करता है।
- नया वनप्लस टीवी 55 Y1S Pro एक अरब से अधिक रंगों के साथ हर फ्रेम में 10-बिट कलर डेप्थ और अमेजिंग कलर एक्युरेसी प्रदान करता है। इसके अलावा, वनप्लस टीवी 55 Y1S Pro में एक 4K यूएचडी डिस्प्ले है जो एक सुखद विजुअल एक्सपीरियंस बनाने के लिए अविश्वसनीय विजुअल डिटेल के साथ एंडलेस एंटरटेनमेंट विकल्प प्रदान करता है। -
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी स्टार्ट-अप बाज बाइक्स ने भारत में नई पीढ़ी के इलेक्ट्रिक व्हीकल इकोसिस्टम को लॉन्च किया है। गिग डिलीवरी राइडरों को सुरक्षित एवं सुविधाजनक फास्ट ग्रीन मोबिलिटी उपलब्ध कराने के लिए कंपनी ने हाल ही में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली में पहले मेड-इन-इंडिया स्मार्ट-रग्ड इलेक्ट्रिक स्कूटर को लॉन्च किया जो इंटेलीजेन्ट स्वैपेबल बैटरी, ऑटोमेटेड बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क एवं फ्लीट मैनेजमेन्ट टूल्स से लैस है।
लाइसेंस की जरूरत नहीं
बाज स्कूटर एक स्लो स्पीड स्कूटर है जिसकी टॉप स्पीड 25 किलोमीटर प्रति घंटा है। ऐसे में इसके रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं, और इसे चलाने के लिए लाइसेंस भी नहीं चाहिए। फिलहाल कंपनी ने इसकी रेंज का खुलासा नहीं किया है। स्कूटर की लंबाई 1624 mm, चौड़ाई 680 mm और ऊंचाई 1052 mm है।
कितनी है कीमत
भारत के दोपहिया लॉजिस्टिक्स बाजार में लागत प्रभावी और आधुनिक समाधान उपलब्ध कराने के मकसद के साथ बाज बाइक्स ने परपज-बिल्ट इलेक्ट्रिक स्कूटर उतारा है, जिसे खासतौर पर गिग वर्कर्स की रोजमर्रा की परिवहन संबंधी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इन-हाउस टीम द्वारा डिजाइन और विकसित किए गए इस इलेक्ट्रिक स्कूटर की दिल्ली में एक्स-शोरूम कीमत 35,000 रुपये है, जो अपने रग्ड फीचर्स के साथ गिग डिलीवरी राइडरों की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है। इलेक्ट्रिक स्कूटर से बैटरी को अलग कर स्कूटर की कीमत प्रभावी रूप से कम की गई है, ऐसे में यह गिग राइडरों के लिए ज्यादा किफायती हो गया है।
किराये पर लेकर भी चला सकते हैं
खरीददार बाज के ऑथोराइज्ड रेंटल पार्टनर नेटवर्क से इलेक्ट्रिक स्कूटर किराए पर भी ले सकते हैं। बाज इन स्कूटरों को छोटे पैमाने की डीलरशिप्स को बेचेगा, जहां से गिग डिलीवरी राइडर इन्हें किराए पर ले सकते हैं। इस तरह 'लोकल फॉर वोकल' के दृष्टिकोण के साथ यह सूक्ष्म-उद्यमिता को बढ़ावा देगा। बाज स्वैपिंग नेटवर्क पे-एज-यू-मुव मॉडल पर काम करेगा, जिससे डिलीवरी राइडरों के लिए लागत बहुत कम हो जाएगी।
मजबूत स्कूटर
भारत के डिलीवरी सेगमेंट की बात करें तो राइडर को रोजाना 100 किलोमीटर से ज्यादा वाहन चलाना पड़ता है, ऐसे में वाहन के डाउनटाइम के लिए कोई जगह नहीं होती। बाज स्कूटर का मजबूत स्टील एक्जोस्केलेटन इसकी चेसीज और भीतरी की ओर मौजूद इंटेलीजेन्ट प्रॉपराइटरी कम्पोनेन्ट को सुरक्षित रखता है। इसके प्रॉपराइटरी सस्पेंशन की वजह से गड्ढों में झटके कम लगते हैं। इस तरह कमर्शियल इस्तेमाल के बावजूद भी वाहन को लंबी लाइफ मिलती है।
बैटरी लाइफ
बाज एनर्जी पॉड्स एआईएस 156 के अनुरूप सुरक्षा फीचर्स के साथ आते हैं, जो उन्हें थर्मल मैनेजमेन्ट फेम रिटारडेन्ट बनाते हैं। इन्हें आईपी68 रेटिंग भी दी गई है, ऐसे में सामान्य परिस्थितियों में वॉटरप्रूफ और शॉकप्रूफ हैं। ऑटोमेटेड स्वैपिंग नेटवर्क प्रॉपराइटरी थर्मली कंट्रोल्ड वातावरण में बैटरी को चार्ज करता है, जिससे बैटरी की लाइफ बढ़ती है। - कोच्चि। देश का सबसे बड़ा व्यावसायिक जेट टर्मिनल आज शाम कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शुरू हो जाएगा। यह चालीस हजार वर्ग फुट क्षेत्र में चालीस करोड़ रुपये की लागत से बना है। यह अंतरराष्ट्रीय और घरेलू जेट सेवाओं को एक साथ संचालित करने के रूप में कार्य करेगा। इस टर्मिनल में अन्य के अलावा, आरामदेह लाउंज, व्यापार केन्द्र, सीमा शुल्क और आव्रजन सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उच्च सुरक्षा वाले वी.आई.पी अतिथियों के लिए यह सुरक्षित स्थान होगा। इसके खुलने से कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा देश में प्राइवेट जेट टर्मिनल संचालित करने वाला चौथा हवाई अड्डा बन जाएगा। मुख्यमंत्री पीनराई विजयन इस टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे।
- मुंबई। घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स करीब 390 अंक नुकसान में रहा। वैश्विक शेयर बाजारों में सकारात्मक रुख के बावजूद सूचना प्रौद्योगिकी और ऊर्जा शेयरों में भारी बिकवाली से बाजार नीचे आया। इसके अलावा कच्चे तेल के दाम में तेजी और लगातार पूंजी निकासी से भी धारणा प्रभावित हुई।तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स की शुरुआत अच्छी रही। लेकिन बाद में बिकवाली दबाव से यह 389.01 अंक यानी 0.62 प्रतिशत टूटकर 62,181.67 अंक पर बंद हुआ।इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 112.75 अंक यानी 0.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,496.60 अंक पर बंद हुआ।सेंसेक्स के शेयरों में एचसीएल टेक सबसे ज्यादा 6.72 प्रतिशत नीचे आया। इसके अलावा टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, विप्रो, टीसीएस और रिलायंस इंडस्ट्रीज में भी गिरावट रही।दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में नेस्ले इंडिया, टाइटन, सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज, इंडसइंड बैंक और आईटीसी शामिल हैं। इनमें 2.24 प्रतिशत तक की तेजी रही।जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘मुख्य रूप से आईटी शेयरों में बिकवाली से बाजार में गिरावट आई। वैश्विक स्तर पर मंदी की आशंका से कारोबार में नरमी आने की चिंता से आईटी शेयरों में बिकवाली हुई।’’उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, वैश्विक शेयर बाजार में कमोबेश तेजी रही। यह अलग बात है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अगले सप्ताह नीतिगत दर 0.50 प्रतिशत बढ़ा सकता है।’’साप्ताहिक आधार भी सेंसेक्स 686.83 अंक यानी 1.09 प्रतिशत जबकि एनएसई निफ्टी 199.50 अंक यानी 1.06 प्रतिशत नुकसान में रहा है।मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘पिछले कुछ सत्रों से ऐसा लगता है कि बाजार स्वयं को सुदृढ़ कर रहा है। अगले सप्ताह फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले निवेशक निवेश को कम कर रहे हैं। अमेरिका में पीपीआई (उत्पादक कीमत सूचकांक) शुक्रवार को जारी होगा जबकि मुद्रास्फीति (सीपीआई) आंकड़ा 13 दिसंबर को जारी होगा। इसपर निवेशकों की नजर होगी क्योंकि इससे फेडरल रिजर्व के निर्णय पर असर पड़ेगा।’’एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, हांगकांग का हैंगसेंग, चीन का शंघाई कम्पोजिट और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी लाभ में रहे।यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में हल्की तेजी का रुख रहा। अमेरिकी बाजार में बृहस्पतिवार को तेजी थी।इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.05 प्रतिशत बढ़कर 76.19 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं। उन्होंने शुक्रवार को 158.01 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
- नई दिल्ली। मारुति सुजुकी की बलेनो पिछले महीने देश की सबसे ज्यादा बिकने वाली कार रही, जहां इसके 20,000 से भी ज्यादा यूनिट्स बिके। यह मारुति की प्रीमियम हैचबैक है, जिसकी बिक्री नेक्सा डीलरशिप के जरिए होता है। मारुति अपनी इस कार पर बहुत कम ही मौकों पर डिस्काउंट देती है। लेकिन, इस दिसंबर महीने मारुति बलेनो पर ग्राहकों को कुल 20,000 रुपये तक की छूट मिल रही है।मारुति सुजुकी इस महीने अपनी बलेनो के सभी मैनुअल वैरिएंट्स पर कुल 20,000 रुपये तक का डिस्काउंट दे रही है। इनमें 10,000 रुपये का कंज्यूमर ऑफर शामिल है। इसके अलावा पुरानी कार एक्सचेंज करने पर ग्राहकों को 10,000 रुपये तक का छूट मिलेगा।बलेनो के मैनुअल वैरिएंट्स पर जहां कुल 20,000 रुपये तक का डिस्काउंट मिल रहा है। वहीं, AGS पर कोई भी छूट नहीं मिल रही है।पिछले महीने (नवंबर 2022) मारुति सुजुकी बलेनो को 20,945 ग्राहकों ने खरीदा। जबकि, पिछले साल नवंबर महीने में इसके केवल 9,931 यूनिट्स ही बिके थे। यानी पिछले साल के नवंबर महीने के मुकाबले इसकी बिक्री 11 फीसदी बढ़ी है।मारुति सुजुकी ने अभी हाल ही में अपनी बलेनो का सीएनजी मॉडल भारत में लॉन्च किया है। बलेनो का सीएनजी मॉडल दो वैरिएंट्स में आता है। बलेनो के CNG मॉडल की भारतीय बाजार में शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 8.28 लाख रुपये है। Baleno S-CNG में 1.2-लीटर का पेट्रोल इंजन दिया गया है, जो 6,000 आरपीएम पर 76 BHP का मैक्सिमम पावर और 4,300 आरपीएम पर 98.5 Nm का पीक टॉर्क जेनरेट करता है। इसका इंजन 5-स्पीड ट्रांसमिशन से लैस है।
- नयी दिल्ली । रुपये के मूल्य में सुधार आने के बीच शुक्रवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 30 रुपये घटकर 54,305 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी।.इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 54,335 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।हालांकि, चांदी का भाव 558 रुपये की तेजी के साथ 67,365 रुपये प्रति किलोग्राम पर जा पहुंचा।डॉलर के कमजोर होने और घरेलू शेयर बाजार में मजबूती होने के कारण विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को आरंभिक कारोबार के दौरान अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 19 पैसे सुधरकर 82.19 रुपये प्रति डॉलर हो गया।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘रुपये के मजबूत होने से घरेलू बाजार में सोने की कीमत में कुछ गिरावट आई।’’अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना लाभ के साथ 1,791.9 डॉलर प्रति औंस पर था। चांदी भी तेजी के साथ 23.07 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (जिंस बाजार अनुसंधान) नवनीत दमानी ने कहा, ‘‘डॉलर इंडेक्स में गिरावट आने के बीच सोने और चांदी की कीमतों में तेजी रही। निवेशकों की निगाह अगले सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतिगत बैठक में ब्याज दर में वृद्धि के संदर्भ में होने वाले फैसले और महत्वपूर्ण मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर है।’’
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कोलकाता। भारत की जी20 अध्यक्षता के मौके पर चाय बोर्ड अगले साल गुजरात में विभिन्न किस्म की चाय की चुस्की लेने और उसका लुत्फ उठाने के लिये केंद्र स्थापित करेगा। उद्योग सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कॉफी और मोटे अनाज जैसी अन्य जिंसों के लिए भी इसी तरह के अनुभव क्षेत्र बनाए जाएंगे। इसमें से एक, गुजरात में जून 2023 में केवड़िया में स्थापित किया जाएगा और इसके साज-सज्जा का जिम्मा चाय बोर्ड संभालेगा। वाणिज्य मंत्रालय ने भारत की जी-20 अध्यक्षता से संबंधित कुछ गतिविधियों और प्रचार का नेतृत्व करने के लिए एक व्यापार और निवेश कार्य समूह (टीआईडब्ल्यूजी) का गठन किया है। सूत्रों ने कहा कि चाय कंपनियों को केवल भारत में उगाए जाने वाले पेय के प्रचार की अनुमति दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रतिनिधियों को अनुभव क्षेत्र में भारतीय चाय की समृद्धि का स्वाद चखने का मौका मिलेगा। सूत्रों ने कहा कि चाय के अलावा, मुंबई, बेंगलुरु और जयपुर में मसालों, कॉफी और मोटे अनाज जैसी वस्तुओं के लिए ऐसे अन्य क्षेत्र बनाए जाएंगे। भारत ने एक दिसंबर से जी-20 की अध्यक्षता संभाली है। - नयी दिल्ली। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने कहा है कि उसने शहर की मौजूदा बस और फीडर सेवाओं के साथ चेन्नई में मेट्रो रेल प्रणाली संपर्क की नई लाइन बिछाने और मेट्रो रेल नेटवर्क में सुधार के लिए 78 करोड़ डॉलर की वित्त सुविधा को मंजूरी दी है। यह वित्त सुविधा विभिन्न किस्तों में दी जाएगी। दक्षिण एशिया के लिए एडीबी के वरिष्ठ परिवहन विशेषज्ञ एंड्री हेरियावान ने कहा, ‘‘यह परियोजना चेन्नई की मेट्रो रेल प्रणाली का विस्तार करेगी ताकि शहरी यातायात में सुधार लाने और शहर को रहने योग्य बनाने के लिए एक सुरक्षित और एकीकृत परिवहन समाधान प्रदान किया जा सके।'' एडीबी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि स्टेशनों में आपदा से निपटने की व्यवस्था होगी। साथ ही बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चों और ‘ट्रांसजेंडर लोगों' के के लिए जरूरी सुविधाएं होंगी।
- मुंबई। अडाणी समूह की दो कंपनियों अडाणी एंटरप्राइजेज और अडाणी ट्रांसमिशन के साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की अगुवाई में शीर्ष 100 कंपनियों ने वर्ष 2016-17 से 2021-22 के दौरान कुल 92.2 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति जोड़ी है। ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल की 27वीं वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया कि 2022 में अभी तक अडाणी समूह की उक्त दो कंपनियो ने संपत्ति निर्माण में आरआईएल को पीछे छोड़ दिया है। हालांकि, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वर्ष 2016-17 से 2021-22 के दौरान पांच साल में संपत्ति निर्माण के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। गौतम अडाणी समूह की कंपनियां इस साल आश्चर्यजनक ऊंचाइयों पर पहुंच रही हैं। इस दौरान समूह ने कई संपत्तियां खरीदीं और नए क्षेत्रों में प्रवेश किया। फोर्ब्स अरबपतियों की सूची के अनुसार अडाणी समूह में तेजी इतनी अधिक थी कि 16 सितंबर को अडाणी 155.7 अरब अमेरिकी डॉलर के साथ दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए। उनसे आगे सिर्फ एलन मस्क थे। इस दिन अडाणी एंटरप्राइजेज, अडाणी पोर्ट और अडाणी ट्रांसमिशन के शेयर रिकॉर्ड ऊंचाई पर थे।रिपोर्ट के मुताबिक प्रौद्योगिकी क्षेत्र 2017-2022 के बीच संपत्ति बनाने के लिहाज से सबसे बड़ा क्षेत्र रहा। इसके बाद वित्तीय क्षेत्र का स्थान था। यह रिपोर्ट 2016-17 से 2021-22 के दौरान संपत्ति सृजित करने वाली शीर्ष 100 कंपनियों के अध्ययन पर आधारित है। संपत्ति सृजन का आकलन इन कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में बदलाव के आधार पर किया गया है
- नयी दिल्ली,। विदेशों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में तेजी के बीच गुरुवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 211 रुपये बढ़कर 54,270 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले, कारोबारी सत्र में सोना 54,059 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था चांदी भी 593 रुपये की तेजी के साथ 66,662 रुपये प्रति किलोग्राम पर जा पहुंचा।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ''निवेशकों की जोखिम लेने की धारणा कमजोर होने तथा अमेरिकी बांड प्रतिफल कम होने एशियाई कारोबार के घंटों में सोने की कीमतों में तेजी आई।'' अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना लाभ के साथ 1,782.3 डॉलर प्रति औंस पर था। चांदी भी तेजी के साथ 22.71 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (जिंस बाजार अनुसंधान) नवनीत दमानी ने कहा, ''अगले सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतिगत बैठक में निवेशकों को ब्याज दर में वृद्धि की गति धीमी पड़ने की उम्मीद के कारण डॉलर के कमजोर होने और अमेरिकी बांड प्रतिफल घटने के बाद सोना कीमतों को समर्थन प्राप्त हुआ।
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आरबीआई के कदम से कर्ज होगा महंगा, पर आवास मांग पर मामूली असर: रियल्टी उद्योग
नयी दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो दर में वृद्धि से आवास ऋण की ब्याज दरों में वृद्धि से मकानों की मांग पर असर पड़ेगा। हालांकि यह असर हल्का और कुछ समय के लिये ही होगा। रियल एस्टेट क्षेत्र की कंपनियों ने बुधवार को यह कहा। उनका यह भी कहना है कि कर्ज महंगा होने से मकानों की कीमतें भी बढ़ सकती हैं।आरबीआई ने बुधवार को महंगाई को काबू में लाने के लिये बुधवार को रेपो दर 0.35 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया। रियल्टी क्षेत्र की शीर्ष संस्था क्रेडाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन पटोदिया ने कहा, ‘‘रेपो देरों में वृद्धि का घर खरीदारों समेत अंतिम उपभोक्ताओं पर सीधा असर पड़ता है क्योंकि बैंक को इस वृद्धि का भार अंतत: ग्राहकों पर ही डालेंगे और कुछ ही समय में इसका मांग पर असर पड़ सकता है।'' संपत्ति परामर्शदाता एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने आवास बिक्री पर कुछ असर पड़ने की आशंका जताई और कहा, ‘‘रेपो दर में वृद्धि का आवास ऋण की ब्याज दरों पर निश्चित ही असर पड़ेगा। ब्याज दर जब तक एकल अंक में रहती है तब तक आवास पर इसका असर नरम ही रहेगा।'' गौड़ समूह के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक और क्रेडाई (एनसीआर) के अध्यक्ष मनोज गौड़ ने कहा, ‘‘मौजूदा रेपो दर में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए उत्साहजनक नहीं है। इस साल मई के बाद से यह पांचवीं वृद्धि है और इन आठ महीनों में ही 2.25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस लगातार बढ़ोतरी से क्षेत्र को निश्चित रूप से नुकसान होगा। हमें पूरी उम्मीद है कि यह दरों में आखिरी वृद्धि होगी, अन्यथा रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी कायम नहीं रह पाएगी और इसका असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा।'' वाणिज्यिक रियल एस्टेट सेवा प्रदाता कंपनी सीबीआरई के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत, दक्षिण एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका) अंशुमान मैगजीन ने कहा, ‘‘रेपो दरों में 0.35 फीसदी की वृद्धि करने का कदम आरबीआई ने मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए उठाया है। यह वृद्धि अनुमानित थी। हमारा मानना है कि आरबीआई की मौद्रिक सख्ती अब अंतिम चरण में है जो रियल एस्टेट उद्योग के लिए एक अच्छी खबर है।'' टाटा रियल्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय दत्त ने कहा कि आरबीआई के इस कदम का आवास ऋण की ब्याज दरों पर असर पड़ेगा, इसके बावजूद 2022-23 की आगामी तिमाही रियल एस्टेट की सभी श्रेणियों में निवेश के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ रहने वाली है क्योंकि इसे कौशल आधारित रोजगार बाजार में मजबूती से गति मिलेगी। शपूरजी पलोनजी रियल एस्टेट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी वेंकटेश गोपालकृष्णन ने कहा, ‘‘रेपो देरों में 0.35 फीसदी की वृद्धि मुद्रास्फीति से निपटने और रियल एस्टेट उद्योग की वृद्धि को बनाए रखने, दोनों के लिहाज से ठीक है।'' रियल एस्टेट क्षेत्र के निकाय क्रेडाई (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) के अध्यक्ष अमित मोदी ने कहा, ‘‘अभी यह क्षेत्र महामारी के प्रकोप से बाहर निकलना शुरू ही किया है। ऐसे में नीतिगत दर में वृद्धि अच्छी नहीं है। डेवलपरों और खरीदारों को अपने मौजूदा कर्ज के लिए और अधिक पैसा देना होगा। उन्होंने कहा कि यह नई पेशकश और नए घरों की खरीद को भी प्रभावित करेगा। कच्चे माल की बढ़ती कीमतों से रियल एस्टेट परियोजनाओं की लागत भी बढ़ेगी। इस फैसले का सबसे ज्यादा असर किफायती श्रेणी पर पड़ेगा। वहीं मिगसन ग्रुप के प्रबंध निदेशक यश मिगलानी ने कहा कि रेपो दर में बढ़ोतरी का रियल एस्टेट की मांग पर विशेष असर नहीं पड़ेगा, लेकिन मुद्रास्फीति को रोकने में मदद जरूर मिलेगी जो रियल्टी क्षेत्र को भी प्रभावित करती है। एसकेए समूह के निदेशक संजय शर्मा ने भी कहा कि आरबीआई महंगाई को कम करने का प्रयास कर रहा है। महंगाई कम होने का फायदा अप्रत्यक्ष रूप से रियल एस्टेट क्षेत्र को होगा। दूसरी ओर, मांग बढ़ने से जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि को भी समर्थन मिलेगा। कॉलियर्स इंडिया में प्रबंध निदेशक (पूंजी बाजार एवं निवेश सेवा) पीयूष गुप्ता ने कहा, ‘‘किफायती और मध्यम कीमतों वाले आवासों पर कीमतों का बड़ा असर पड़ता है और इनमें निकट भविष्य में कुछ नरमी देखने को मिल सकती है क्योंकि दरों में वृद्धि से आवास ऋण की दर भी बढ़ेगी। हालांकि महंगे और अनेक सुविधाओं वाले आवासों की मांग पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा।'' रियल एस्टेट समूह 360 रियल्टर्स के प्रबंध निदेशक अंकित कंसल ने कहा कि मुद्रास्फीति न केवल भारत में बल्कि दुनिया के अन्य देशों में भी अधिक है और महंगाई को बढ़ने से रोकने के लिए कदम उठाना अनिवार्य है। वहीं, रेजिडेंशियल भारतीय अर्बन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अश्विंदर आर सिंह ने कहा कि ब्याज दर बढ़ने से निर्माण और अन्य कर्ज महंगे होंगे, जिससे मकान की कीमतों पर असर पड़ेगा। अब यह जरूरी है कि कंपनियां एक बेहतर उत्पाद बनाने पर ध्यान केंद्रित कर स्वयं को ज्यादा लाभदयक स्थिति में लायें। सिग्नेचर ग्लोबल के संस्थापक एवं चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि मुद्रास्फीति के परिदृश्य के मद्देनजर यह अनुमान था कि केंद्रीय बैंक दरों में वृद्धि करेगा और इसका असर आवास ऋण की दरों पर पड़ेगा। हालांकि बीते एक साल में दरों में कई बार वृद्धि के बावजूद उद्योग में मांग मजबूत बनी हुई है और हमें उम्मीद है कि यह जारी रहने वाला है। अग्रवाल ने कहा, ‘‘यह उम्मीद करते हैं कि यह दरों में अंतिम वृद्धि होगी क्योंकि और बढ़ोतरी करने पर घर खरीदारों विशेषकर किफायती और मध्यम श्रेणी के खरीदरों की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ेगा। रेपो दरों में वृद्धि को अनुमान के मुताबिक बताते हुए इंडिया सोथबीज इंटरनेशनल रियल्टी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमित गोयल ने कहा, ‘‘आवास ऋण पर ब्याज दरों में 1.50 फीसदी की वृद्धि का असर देश के शीर्ष सात शहरों में आवास मांग पर नहीं पड़ा और मांग में मजबूती जारी है। हमारा मानना है कि जब तक आवास ऋण पर ब्याज दर एकल अंक में रहती है तब तक मांग में गति जारी रहेगी।'' त्रेहन समूह के प्रबंध निदेशक सारांश त्रेहन ने आरबीआई के कदम को संतुलन भरा बताया। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्रीय बैंक ने यह कदम मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए उठाया और इसके साथ ही वृद्धि को प्राथमिकता दी। उच्च ब्याज दरों वाली व्यवस्था उद्योग और उपभोक्ता किसी को अच्छी नहीं लगती है, हमें उम्मीद है कि आगे जाकर मुद्रास्फीति की स्थिति में सुधार आएगा और दरों में भी धीरे-धीरे कमी आएगी।'' नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, ‘‘आरबीआई ने रेपो दरों में 0.35 फीसदी की वृद्धि का फैसला बहुत ही विवेकपूर्ण ढंग से लिया है। पहले जो वृद्धि की गई थी वह कहीं अधिक थी। यह, संतोषजनक स्तर से कहीं अधिक ऊंची मुद्रास्फीति के बावजूद निरंतर आर्थिक वृद्धि की दिशा में उठाया गया एक संतुलित कदम है। यह अनुमान के मुताबिक है...। -
ई-केवाईसी कर चुके ग्राहक को बैंक सत्यापन के लिए न बुलाएं: आरबीआई
मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कहा कि यदि ग्राहक ने ई-केवाईसी करा लिया है या फिर ‘अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी)' प्रक्रिया को सी-केवाईसी पोर्टल पर पूरा कर लिया गया है तो बैंकों को उन्हें शाखा के स्तर पर सत्यापन और सूचना अद्यतन करने के लिए नहीं कहना चाहिए। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि बैंकों के जो ग्राहक केवाईसी सत्यापन ऑनलाइन तरीके से पूरा कर लेते हैं, वे प्रति वर्ष जानकारी में बदलाव और व्यक्तिगत विवरण में परिवर्तन भी ऑनलाइन तरीके से कर सकते हैं। दास ने कहा कि बैंकों को ऐसे ग्राहकों पर सत्यापन या जानकारी अद्यतन करने के लिए शाखा में आने का दबाव नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार अपने केवाईसी विवरण को सी-केवाईसी पोर्टल पर अपलोड कर चुके ग्राहकों को भी सत्यापन के लिए बैंक में आने को नहीं कहना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्राहक अपनी पंजीकृत ईमेल आईडी या मोबाइल से बैंक को ईमेल या संदेश भेजकर कह सकता है कि वे सी-केवाईसी पोर्टल से उनके केवाईसी विवरण ले लें। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा कि बैंकों के शाखा स्तर पर इस बारे में जागरूकता की कमी है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक नियमित तौर पर बैंकों से कहता है कि वे इस तरह के विवरण के लिए ग्राहकों को परेशान न करें। - नयी दिल्ली. बीमा विनियामक संस्था इरडा ने कारों के लिए तीन साल और दोपहिया वाहनों के लिए पांच साल का बीमा कवच देने का बुधवार को प्रस्ताव किया है जिसका उद्देश्य ग्राहकों को व्यापक विकल्प प्रदान करना है। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने 'मोटर थर्ड पार्टी बीमा और स्वयं को हुई क्षति बीमा' दोनों को कवच प्रदान करने वाले ‘दीर्घकालिक मोटर उत्पाद' पर एक मसौदा तैयार किया है। मसौदे में सभी सामान्य बीमाकर्ताओं को निजी कारों के संबंध में तीन साल की बीमा पॉलिसी और दोपहिया वाहनों के लिए पांच साल की मोटर थर्ड पार्टी देयता कवच के साथ सह-टर्मिनस की पेशकश करने की अनुमति देने का प्रस्ताव किया है।
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देश में 2025 तक गिग कार्यबल में 1.1 करोड़ की बढ़ोतरीः रिपोर्ट
मुंबई. देश में तय अवधि के लिए निश्चित भुगतान पर काम करने वाले 'गिग' कर्मचारियों की संख्या में वर्ष 2025 तक 1.1 करोड़ तक की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया। वैश्विक नौकरी ऑनलाइन मंच ‘इन्डीड' की रिपोर्ट के अनुसार, अधिक से अधिक कंपनियां परियोजना के आधार पर कर्मचारियों को नियुक्त करने को प्राथमिकता दे रही हैं जिससे गिग कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी होने की संभावना है। रिपोर्ट के मुताबिक, अर्थव्यवस्था लंबे समय में सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक बदलावों में से एक रही है और लोगों के 'गिग' नौकरियां चुनने की यह वजह है कि यह उनकी जीवनशैली से मेल खाता है। गिग कर्मचारी को कंपनियां काम के आधार पर भुगतान करती हैं। इससे लोग भी चुन सकते हैं कि वे कब और कितना काम करना चाहते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों ने गिग कर्मचारी मंच और प्रक्रियाओं में भी निवेश करना शुरू कर दिया है। यह दर्शाता है कि कंपनियां भारत में नौकरियों के विकास के भविष्य को लेकर कितनी आश्वस्त हैं। इस सर्वेक्षण में शामिल करीब 58 प्रतिशत नियोक्ताओं का मानना है कि वर्ष 2025 तक गिग कर्मियों की संख्या में 90 लाख से लेकर 1.1 करोड़ तक की बढ़ोतरी हो सकती है। यहां तक कि कुछ कंपनियों को यह आंकड़ा भी पार कर जाने की उम्मीद है। इन्डीड इंडिया के बिक्री प्रमुख शशि कुमार ने कहा, "आपूर्ति एवं घरेलू सेवाओं से जुड़े कई कामों के लिए मोबाइल ऐप आ जाने से यह क्षेत्र कुछ हद तक औपचारिक हुआ है। आने वाले वर्षों में हम इस क्षेत्र के बहुत तेजी से बढ़ने की उम्मीद करते हैं। - मुंबई। नीतिगत ब्याज दर में 0.35 प्रतिशत वृद्धि करने और चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि अनुमान में कटौती करने के भारतीय रिजर्व बैंक के फैसले से बुधवार को घरेलू शेयर बाजारों में बिकवाली का जोर रहा और सेंसेक्स लगातार चौथे कारोबारी दिवस पर 215 अंक गिरकर बंद हुआ। कारोबारियों के मुताबिक, एशियाई बाजारों के कमजोर प्रदर्शन और विदेशी निवेशकों के मुंह मोड़ने से घरेलू बाजारों में गिरावट रही। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे कुछ प्रमुख शेयरों में बिकवाली होने से भी उतार-चढ़ाव की स्थिति रही। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स 215.68 अंक यानी 0.34 प्रतिशत गिरकर 62,410.68 अंक पर बंद हुआ। यह सेंसेक्स में गिरावट का लगातार चौथा सत्र रहा। इसी तरह एनएसई के सूचकांक निफ्टी में भी 82.25 अंक यानी 0.44 प्रतिशत की गिरावट रही और यह 18,560.50 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से एनटीपीसी को सर्वाधिक दो प्रतिशत का नुकसान हुआ। इसके अलावा बजाज फिनसर्व, इंडसइंड बैंक, टाटा स्टील, रिलायंस इंडस्ट्रीज, सन फार्मा, एचसीएल टेक एवं विप्रो के शेयर भी घाटे में रहे। दूसरी तरफ, एशियन पेंट्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एलएंडटी, एक्सिस बैंक और आईटीसी के शेयरों में 2.1 प्रतिशत तक की बढ़त दर्ज की गई। व्यापक बाजार में बीएसई के मिडकैप एवं स्मालकैप सूचकांक में 0.44 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई।भारतीय बाजारों के प्रदर्शन पर आरबीआई के रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने के फैसले का काफी असर देखा गया। मई से अब तक लगातार पांचवीं बार दर वृद्धि करने के पीछे आरबीआई ने मुद्रास्फीति को काबू करने की मंशा जताई है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "अर्थव्यवस्था पर वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए आरबीआई अधिक यथार्थवादी हो गया है और उसने जीडीपी वृद्धि अनुमान को सात प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। हालांकि अब भी उसका ध्यान मुख्य रूप से मुद्रास्फीति नियंत्रण पर ही है जिससे ब्याज दर के आगे भी बढ़ने की स्थिति बनेगी।" नायर ने कहा, "वैश्विक मंदी के हालात के बीच कंपनियों की दूसरी छमाही में आय घटने के अनुमान आ सकते हैं। बाजार इस समय प्रीमियम स्तर पर कारोबार कर रहा है लेकिन कंपनियों की आमदनी घटने का बाजार धारणा पर असर पड़ेगा।" रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजीत मिश्रा ने कहा कि मौजूदा हालात में कारोबारियों को सौदा प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें ताजा खरीद के लिए मजबूती दिखा रहे खंडों को अहमियत देनी चाहिए। एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई, हांगकांग, सोल और टोक्यो के सूचकांकों में तगड़ी गिरावट रही।यूरोप के शेयर बाजार दोपहर के सत्र में बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ 78.11 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर आ गया। जहां तक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का सवाल है तो वे पिछले कुछ दिनों से लगातार बिकवाल बने हुए हैं। उपलब्ध आंकड़़ों के मुताबिक, एफआईआई ने मंगलवार को शुद्ध रूप से 635.35 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिक्री की।
- नयी दिल्ली,। वाहन विनिर्माता कंपनियों मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और ऑडी के बाद रेनो इंडिया भी लागत में बढ़ोतरी के चलते अगले महीने अपने सभी मॉडलों के दाम बढ़ाएगी। कंपनी ने बुधवार को यह जानकारी दी। हालांकि, कंपनी ने यह नहीं बताया कि वह अपने वाहनों की कीमत में कितनी वृद्धि करने जा रही है। रेनो इंडिया ने एक बयान में कहा, ''महंगी वस्तुओं, विदेशी मुद्रा दरों में उतार-चढ़ाव, मुद्रास्फीति और नियामकीय जरूरतों से कंपनी पर लागत दबाव बढ़ा है। कीमतों में बढ़ोतरी लागत में वृद्धि को आंशिक रूप से रोकने की कोशिश की है।'' रेनो छोटी कार क्विड, बहुउद्देश्यीय वाहन ट्राइबर और कॉम्पैक्ट एसयूवी काइगर जैसे मॉडल बेचती है।
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नयी दिल्ली. अमेरिकी कंपनी ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन के कार्यकारी उपाध्यक्ष डोनाल्ड ट्रंप जूनियर इस महीने भारत आ सकते हैं। इस दौरे में वह भारतीय रियल एस्टेट बाजार में विस्तार की घोषणा भी कर सकते हैं। डोनाल्ड ट्रंप जूनियर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप के बेटे हैं। ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन मुंबई के ट्रिबेका डेवलपर्स के साथ साझेदारी में भारतीय रियल एस्टेट बाजार में उतरी है। अमेरिकी कंपनी और ट्रिबेका ने ‘ट्रंप' ब्रांड के तहत महंगी परियोजनाओं के विकास के लिए लोधा समूह समेत स्थानीय डेवलपरों के साथ करार किए हैं। अब तक चार महंगी परियोजनाओं की घोषणा की गई है जिनमें से पुणे स्थित एक परियोजना पूरी भी हो चुकी है। ट्रिबेका डेवलपर्स ने बयान में कहा, ‘‘डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ट्रिबेका डेवलपर्स की दसवीं वर्षगांठ के समारोह में शामिल होने के लिए इस महीने भारत आ सकते हैं।'' इस दौरे में ट्रंप जूनियर और ट्रिबेका के संस्थापक कल्पेश मेहता देश में कारोबार विस्तार की योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं। मेहता ने कहा, ‘‘ट्रिबेका और ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन की कारोबारी साझेदारी बीते दस साल से चली आ रही है और समय बीतने के साथ यह और मजबूत हुई है। दस साल का जश्न डोनाल्ड ट्रंप जूनियर के बगैर पूरा नहीं होगा और मुझे खुशी है कि वह इस अवसर पर यहां आएंगे।'' देश में अभी चार ट्रंप परियोजना हैं: ट्रंप टॉवर दिल्ली-एनसीआर, ट्रंप टॉवर कोलकाता, ट्रंप टॉवर पुणे और ट्रंप टॉवर मुंबई। पुणे में पंचशील रियल्टी के साथ ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन की साझेदारी वाली परियोजना पूरी हो चुकी है।
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नयी दिल्ली. देश की प्रमुख कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने आगे की सीट बेल्ट में संभावित गड़बड़ी को ठीक करने के लिए सियाज, ब्रेजा, एर्टिगा, एक्सएल 6 और ग्रैंड विटारा की 9,125 इकाइयां बाजार से वापस मंगाई हैं। मारुति ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि इन प्रभावित वाहनों का विनिर्माण दो से 28 नवंबर, 2022 के दौरान हुआ है। कंपनी ने कहा, आगे की सीट बेल्ट में कुछ संभावित गड़बड़ी का पता चला है। इसे सीट बेल्ट खुल सकती है।'' कंपनी ने कहा है कि वह प्रभावित वाहनों को जांच के लिए वापस मंगा रही है और खराब बेल्ट को नि:शुल्क बदला जाएगा। कंपनी की अधिकृत डीलरशिप की ओर से जल्द ग्राहकों से इस बारे में संपर्क किया जाएगा।
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नयी दिल्ली. वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट ने देश की सूक्ष्म, लघु एवं मझोली इकाइयों (एमएसएमई) की निर्यात संभावनाएं बढ़ाने में मदद देने के इरादे से मंगलवार को राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) के साथ गठजोड़ की घोषणा की। वॉलमार्ट के ‘वृद्धि आपूर्तिकर्ता विकास कार्यक्रम' के तहत 20,000 एमएसएमई के प्रशिक्षण का मुकाम पूरा होने के अवसर पर यहां आयोजित एक सम्मेलन में इस सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। वृद्धि कार्यक्रम में एमएसएमई को नियमित तौर पर प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन देने के अलावा संगोष्ठियां आयोजित की जाती हैं। इस समझौते के जरिये एमएसएमई इकाइयों को अपनी निर्यात संभावनाओं के दोहन में मदद देने के अलावा उन्हें स्थानीय एवं वैश्विक खुदरा आपूर्ति शृंखलाओं का हिस्सा बनाने की कोशिश की जाएगी। एनएसआईसी के पास पंजीकृत इकाइयों को वृद्धि कार्यक्रम के प्रशिक्षण संसाधन मुहैया कराए जाएंगे। इस अवसर पर एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने कहा, ‘‘देश में तेजी से बढ़ते एमएसएमई क्षेत्र के लिए वॉलमार्ट का समर्थन जारी रहने को लेकर हम उत्सुक हैं। हम इस क्षेत्र से होने वाले निर्यात को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।'' देशभर में करीब 6.3 करोड़ एमएसएमई इकाइयां हैं जिनके यहां 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है। एनएसआईसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक गौरांग दीक्षित ने कहा कि वॉलमार्ट एवं फ्लिपकार्ट की तरफ से चलाए जा रहे वृद्धि कार्यक्रम के जरिये डिजिटलीकरण एवं ई-मार्केटिंग समर्थन पाने वाली एमएसएमई इकाइयों को फायदा होगा। इस सहयोग कार्यक्रम में इकाइयों को अपना कारोबार राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर बढ़ाने में जरूरी समर्थन दिया जाएगा। वॉलमार्ट के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (आपूर्तिकर्ता विकास) जेसन फ्रेमस्टैड ने कहा कि छोटी इकाइयों की मदद का यह समझौता भारत से होने वाले निर्यात को वर्ष 2027 तक तिगुना कर 10 अरब डॉलर तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है।
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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 35 आधार अंक की बढ़ोतरी की है। गर्वनर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की द्विमासिक समीक्षा के बाद आज मुंबई में संवाददता सम्मेलन में यह घोषणा की। रेपो दर अब 6 .25 प्रतिशत हो गयी है। अक्तूबर से दिसम्बर महीने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत से 6. 6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
वित्त वर्ष 2023 के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6. 8 प्रतिशत होने की संभावना है। भारतीय रिजर्व बैंक इस वर्ष जून से मुख्य ऋण दर में 50-50 आधार अंक की तीन बार बढ़ोतरी कर चुका है। श्री शक्तिकांत दास ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में सुधार हो रही है और शहरी क्षेत्र में भी उपभोग बढ़ रहा है। - नयी दिल्ली। विदेशी बाजारों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में गिरावट के बीच मंगलवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 473 रुपये टूटकर 53,898 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 54,371 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। सोने की तरह चांदी भी 1,241 रुपये के नुकसान से 65,878 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना नुकसान के साथ 1,770.75 डॉलर प्रति औंस पर था। चांदी भी नुकसान के साथ 22.38 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘उम्मीद से बेहतर अमेरिका के सेवा क्षेत्र के आंकड़ों से फेडरल रिजर्व पर ब्याज दरों को ऊंचा रखने का दबाव बढ़ा है। इससे पीली धातु में गिरावट आई।