कार्पोरेट बॉंड बाजार ऊंची रेटिंग वाले बांड तक ही सीमित, भागीदारी बढ़ाने की जरूरत : सेबी प्रमुख
नई दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक सेबी के प्रमुख अजय त्यागी ने बुधवार को कहा है कि कार्पोरेट बांड बाजार केवल ऊंची रेटिंग वाले बांड के लिये ही सीमित है। ऐसे में इस बाजार में ऋणपत्रों के जरिये धन जुटाने में सक्षम केवल सीमित संख्या में ही इश्यू आ पाते हैं।
त्यागी ने यहां भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल महासंघ (फिक्की) के पूंजी बाजार पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि इस बाजार में और उद्यमों की भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता है। इसमें संस्थागत निवेशकों को भी कार्पोरेट बांड बाजार में आने की अनुमति मिलनी चाहिये। फिलहाल इस बाजार में म्यूचुअल फंड ही प्रमुख रूप से सक्रिय खिलाड़ी हैं। कार्पोरेट बांड बाजार की बकाया राशि का बाजार भारत में 2013- 14 में 15,000 अरब रुपये से बढ़कर 2019- 20 में 33,000 अरब रुपये तक पहुंच गया। इस लिहाज से इसमें सालाना 14 प्रतिशत की वृद्धि दर रही। इसके मुकाबले बैंकों का बकाया कर्ज इस अवधि के दौरान सालाना 9 प्रतिशत की दर से बढ़ता हुआ 61,000 अरब रुपये से बढ़कर 104,000 अरब रुपये तक पहुंच गया। कार्पोरट बांड बाजार में हालांकि, पिछले 5 से 6 साल के दौरान बैंक कर्ज के मुकाबले ऊंची वृद्धि दर्ज की गई लेकिन वास्तविक आंकड़ों की यदि बात की जाये तो कार्पोरेट बांड बाजार कुल बैंक रिण का अभी मात्र एक तिहाई तक ही है। सेबी प्रमुख ने कहा कि कार्पोरेट बांड बाजार में बिना किसी देरी के जरुरी सुधार लाया जाना चाहिये। उन्होंने वित्तीय बाजारों के एकीकरण के बारे में कहा। ऐसा बाजार जहां कार्पोरेट बॉंड और सरकारी प्रतिभूति बाजार एकसाथ हों।
Leave A Comment