ब्रेकिंग न्यूज़

सरकार ने ऋण गारंटी योजना के नियमों में ढील दी

एनबीएफसी, एचएफसी को मिलेगी अधिक नकदी
नई दिल्ली। संकट से जूझ रही गैर बैंकिग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) को अतिरिक्त नकदी उपलब्ध कराने के मकसद से सरकार ने सोमवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा उनके वाणिज्यिक पत्रों और बांड को खरीदने की आंशिक ऋण गारंटी योजना (पीसीजीएस) के नियमों में ढील दी है। सरकार ने योजना की अवधि को भी तीन माह बढ़ा दिया है। योजना के तहत हुई प्रगति को देखते हुये सरकार ने कुछ कदम उठाये हैं। जहां तक इन वित्त संस्थानों के एए और एए- रेटिंग वाले बांड और वाणिज्यिक पत्रों को लेने की बात है, इनके लिये तय सीमा को करीब करीब हासिल कर लिया गया है जबकि कम रेटिंग वाले वाणिज्यिक पत्र में खरीदार नहीं मिल रहे हैं। यही वजह है कि सरकार ने अब पीसीजीएस 2.0 मे सुधार करने का फैसला किया है।
वित्त मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा है कि पोर्टफोलियो को बेहतर बनाने के लिये तीन माह का अतिरिक्त समय दिया गया है। छह माह की समाप्ति यानी 19 नवंबर 2020 को वितरित की गई वास्तविक राशि के आधार पर पोर्टफोलियो को वास्तविक रूप दिया जायेगा, उसके बाद ही गारंटी प्रभाव में आयेगी। इसमें कहा गया है कि पोर्टफोलियो के स्तर पर योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा योजना के तहत खरीदे गये एए और एए- निवेश वाले पोर्टफोलियो बांड और वाणिज्यिक पत्र कुल पोर्टफोलियो का 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होने चाहिये। इससे पहले यह सीमा 25 प्रतिशत तय की गई थी। बयान में कहा गया है कि ऐसी उम्मीद है कि इस सुधार से बैंकों को पीसीजीएस 2.0 के तहत बांड और रिण पत्राों को खरीदने में कुछ लचीलालापन मिलेगा। सरकार के 20.97 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत 20 मई को पीसीजीएस 2.0 योजना की घोषणा की गई थी। इसमें एनबीएफसी और एचएफसी, सूक्ष्म वित्त संस्थानों द्वारा जारी एए और इससे कम रेटिंग वाले बांड एवं रिण पत्रों को सार्वजनिक क्षत्र के बैंकों द्वारा खरीदने पर गारंटी का प्रावधान है।
पीसीजीएस 2.0 के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने कुल मिलकर 21,262 करोड़ रुपये के 28 संस्थानों द्वारा जारी एए और एए- रेटिंग वाले बांड एवं रिण पत्रों और 62 संस्थनां द्वारा जारी किये गये एए- से कम रेटिंग वाले बांड और रिण पत्रों को खरीदने को मंजूरी दी है। सरकारी घोषणा में पीसीजीएस 2.0 के तहत 45,000 करोड़ रुपये के बांड और वाणिज्यिक पत्रों को खरीदने का प्रावधान किया गया था। इसमें एए और एए- वाले बांड के लिये 25 प्रतिशत पोर्टफोलियो की अनुमति थी जो कि 11,250 करोड़ रपये तक था। इसके अलावा सरकार ने अलग से विशेष तरलता योजना की भी घोषणा की थी। इसमें तीन माह तक की शेष अवधि के लिये जिसे तीन माह और आगे बढ़ाया जा सकता है, उसमें 30,000 करोड़ रुपये तक के बांड और गैर परिवर्तनीय डिबेंचर खरीदने का प्रावधान किया गया।

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english