पैसे की कमी के चलते वेदांत ने हिंदुस्तान जिंक के 3,500 करोड़ के शेयर और गिरवी रखे
नई दिल्ली। बीएसई में सूचीबद्ध वेदांत लिमिटेड ने अपनी सहायक हिंदुस्तान जिंक की 2.44 फीसदी यानी करीब 3,500 करोड़ की और हिस्सेदारी गिरवी रख दी है, जो 10,000 करोड़ रुपये के पुराने कर्ज के वित्त पोषण की उसकी योजना का हिस्सा है। आज गिरवी रखे गए शेयरों को मिलाकर वेदांत ने खनन कंपनी की अपनी 65 फीसदी हिस्सेदारी का 91 फीसदी हिस्सा गिरवी रख दिया है।
वेदांत लिमिटेड की लंदन स्थित होल्डिंग कंपनी वेदांत रिसोर्सेस को इस साल जून में लेनदारों को 1 अरब डॉलर चुकाना है और अतिरिक्त शेयर गिरवी रखे जाने का मामला समय सीमा से पहले रकम जुटाने की समूह की कोशिश का हिस्सा है। वेदांत समूह 1.25 अरब डॉलर जुटाने के लिए फारलॉन समूह के साथ बातचीत कर रहा है।
गुरुवार को हिंदुस्तान जिंक का बाजार पूंजीकरण (mcap) 1.38 लाख करोड़ रुपये रहा और शेयर 327 रुपये पर बंद हुए। दूसरी ओर वेदांत का शेयर 279 रुपये पर बंद हुआ और बाजार पूंजीकरण 1.3 लाख करोड़ रुपये रहा। 13 अप्रैल को वेदांत ने गैर-परिवर्तनीय बॉन्ड के निजी नियोजन से 2,100 करोड़ रुपये जुटाने की घोषणा की थी।
वेदांत समूह इससे पहले अपनी भारतीय सहायक से कर्ज पर कॉरपोरेट गारंटी की इजाजत भारतीय रिजर्व बैंक से मांगी थी। एक बैंकर ने कहा, समूह कर्ज चुकाने के लिए कई विकल्पों पर विचार कर रहा है और दो साल में उसने 2 अरब डॉलर चुका दिए हैं। मई के आखिर में 90 करोड़ डॉलर कर्ज का भुगतान होना है, जिसका भुगतान करने में वह सक्षम होगा।
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुताबिक, वेदांत रिसोर्सेस का 2023-24 व 2024-25 में करीब 3-3 अरब डॉलर का कर्ज परिपक्व होगा और 2023-24 की पहली तिमाही में उसे 1.7 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है। इन कर्जों के बदले नए कर्ज लिए जाने की संभावना है और लेनदारों से इस संबंध में बातचीत हो रही है।
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