पांच महीने की ऊंचाई पर पहुंचा बाजार, नए सर्वोच्च स्तर से महज 3 फीसदी दूर है बीए्सई सेंसेक्स
नई दिल्ली।. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी किए जाने के बावजूद भारतीय बाजार गुरुवार को पांच महीने उच्चस्तर पर बंद हुए। फेड चेयरमैन जीरोम पॉवेल की टिप्पणी के बाद ज्यादातर वैश्विक बाजारों में कारोबार मिलाजुला रहा, जिसमें पॉवेल ने जून में ब्याज बढ़ोतरी पर विराम लगाने का संकेत दिया है। उन्होंने हालांकि इस साल बाद में ब्याज दरों में कटौती की संभावना को बहुत अहमियत नहीं दी। अमेरिकी डॉलर में कमजोरी से उभरते बाजारों को लेकर सेंटिमेंट मजबूत बनाने में मदद मिली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 1,414 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
बेंचमार्क सेंसेक्स गुरुवार को 556 अंकों की बढ़ोतरी के साथ 61,749 पर बंद हुए। निफ्टी में 166 अंकों का इजाफा हुआ और 18,256 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांकों का यह बंद स्तर 19 दिसंबर के बाद का सर्वोच्च स्तर है। पिछले 10 में से नौ कारोबारी सत्रों में बढ़त दर्ज करने वाला सेंसेक्स अपने अब तक के सर्वोच्च स्तर से महज 2.4 फीसदी पीछे है। सेंसेक्स ने 1 दिसंबर को 63,284 का सर्वोच्च स्तर दर्ज किया था।
देसी बाजारों में बढ़ोतरी को एचडीएफसी द्वय और रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सहारा दिया। सकारात्मक तिमाही नतीजे और बेहतर आर्थिक आंकड़ों ने निवेशकों की अवधारणा को ऊंचा रखा। पीएमआई अप्रैल में बढ़कर 57.2 हो गया, जो इससे पिछले महीने 56.4 था। लगातार 22 महीनों से पीएमआई 50 से ऊपर बरकरार है। पीएमआई का 50 से ज्यादा रहना विस्तार का संकेत देता है। इसी तरह जीएसटी संग्रह भी अप्रैल में अब तक के सर्वोच्च मासिक स्तर पर पहुंच गया।
बीए्सई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 30,000 करोड़ रुपये बढ़ा।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, चौथी तिमाही में मजबूत आय और पिछले पांच दिनों में एफआईआई की तरफ से अच्छी खरीदारी ने बाजार को जरूरी सहारा दिया। प्रमुख देसी आर्थिक आंकड़े भी उत्साहजनक रहे हैं। बाजार का ढांचा सकारात्मक बना हुआ है और निफ्टी धीरे-धीरे पिछले कुछ हफ्तों के मुकाबले मजबूती हासिल कर रहा है।
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