सेबी ने आईपीओ लाने की इच्छुक स्टार्टअप कंपनियों के लिए ईएसओपी नियमों में संशोधन किया
नयी दिल्ली। सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध होने की इच्छा रखने वाली स्टार्टअप इकाइयों के संस्थापकों को बड़ी राहत देते हुए सेबी ने नियमों में संशोधन किया है। इसके तहत उन्हें आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) दस्तावेज दाखिल करने से कम से कम एक साल पहले दिए गए कर्मचारी शेयर विकल्प (ईएसओपी) को बनाए रखने की अनुमति दी गई है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मंगलवार को सार्वजनिक की गई एक अधिसूचना में कहा, ''कोई कर्मचारी, जो 'प्रवर्तक' या 'प्रवर्तक समूह' के सदस्य के रूप में पहचाना जाता है, और जिसे मसौदा दस्तावेज दाखिल करने से कम से कम एक साल पहले किसी भी योजना के तहत विकल्प, एसएआर (स्टॉक एप्रिसिएशन राइट्स) या कोई अन्य लाभ दिया गया था, वह ऐसे विकल्प, एसएआर या किसी अन्य लाभ को बनाए रखने और उसका प्रयोग करने का पात्र होगा।'' नए नियम से उन संस्थापकों को सुविधा होगी, जिन्हें दस्तावेजों का मसौदा दाखिल करने से कम से कम एक साल पहले ईएसओपी मिले थे। मौजूदा नियमों के तहत, प्रवर्तक ईएसओपी सहित शेयर आधारित लाभ पाने के लिए अपात्र हैं।
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